बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है

पॉइंट २ वास्तविक मुद्रा मतलब रूपये के बदले में किए जा रहे निवेश के रूप में रखे गए बिटकॉइन
Cryptocurrency पर लगाम की तैयारी में भारत, जानें रूस-चीन समेत दूसरे देशों में क्या हैं नियम?
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 3:03 PM IST)
- नेपाल में Bitcoin पर 2017 से बैन
- वियतनाम में लगता है भारी जुर्माना
- अल-सल्वाडोर में क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं
भारत में प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी का नियमन किया जा सकता है. केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी के रेग्युलेशन के लिए संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में एक बिल लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन भारत से पहले कई और देश क्रिप्टोकरेंसी पर लगाम कस चुके हैं. इस लिस्ट में नेपाल से लेकर चीन, वियतनाम, रूस जैसे देशों के नाम शामिल हैं.
डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स
सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.
क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.
तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की बिटकॉइन पर कैसे टैक्स लगता है देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
बिटकॉइन: निवेश करने से पहले समझें क्रिप्टोकरेंसी का पूरा गणित
नई दिल्ली (प्रवीण द्विवेदी)। क्रिप्टो करेंसी, एक ऐसी आभासी मुद्रा जो आज चर्चा का विषय है। हर कोई इसमें निवेश और इसके बारे में जानने को इच्छुक है। क्रिप्टोकरेंसी में जितनी तेजी से उछाल आया है उसे देख कर हर कोई अब यह सोचने लगा है कि काश उसने भी इसमें निवेश किया होता। क्योंकि कुछ महीनों पहले जो बिटकॉइन 1200 डॉलर का था वो 19000 डॉलर का आंकड़ा तक छू चुका है। यानी करीब 150 गुना तक का इजाफा दिखा चुका है। हालांकि आरबीआई इस करेंसी को लेकर लोगों को सतर्क भी कर चुकी है। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको बिटकॉइन से जुड़े तमाम सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे।
भारत में क्रिप्टो करेंसी पर कैसे टैक्स लगता है?
बिटकॉइन की अवधारणा भारतीय बाजार में काफी नई है इसलिए अभी तक जब तक इस विषय पर कोई रूप रेखा तय नहीं है तो जाहिर तौर पर सरकार ने अभी तक बिटकॉइन की टैक्सेबिलिटी को क़ानूनन नहीं लाया है और वहीँ दूसरी तरफ बिटकॉइन पर कर लगाने से इंकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि भारतीय आयकर कानूनों ने हमेशा प्राप्त आय पर कर लगाने की सिफारिश की है चाहे वह किसी भी रूप में आई हुई हो।
इसलिए, बिटकॉइन पर कर Tax की संभावना को हम कुछ इस तरह की परिस्थितियों में देख सकते है:
पॉइंट १ बिटकॉइन माइनिंग
खनन मतलब माइनिंग के द्वारा बनाए गए बिटकॉइन स्व-निर्मित पूंजीगत संपत्ति हैं। ऐसे बिटकॉइन की बाद में बिक्री, सामान्य तौर पर, पूंजीगत लाभ को जन्म देगी।
Bitcoin जैसी क्रिप्टोकरेंसी को भारत में नहीं मिलेगी कानूनी वैधता, फाइनेंस सेक्रेटरी ने बताई ये वजह
- moneycontrol
- Last Updated : February 02, 2022, 21:38 IST
नई दिल्ली. देश के फाइनेंस सेक्रेटरी टीवी सोमनाथन (TV Somanathan) ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बुधवार को बड़ी बात कही. सोमनाथन ने कहा कि दुनिया की सबसे प्रचलित क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन (Bitcoin), इथीरियम या नॉन फंजीबल टोकन यानी एनएफटी (NFT) कभी वैध मुद्रा या लीगल टेंडर घोषित नहीं हो सकते. उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट को सरकार की तरफ से कोई मंजूरी नहीं मिली है और इसके दाम प्राइवेट तरीके से सेट किए जाते हैं.