ब्रोकरेज क्या होता है

स्टॉक ब्रोकर कैसे सेलेक्ट करें | Stock Broker Select Karne ke 5 Steps.
हालांकि stock broker select करना एक बेहद आसान प्रक्रिया है, लेकिन वह निवेशक की आवश्यकता के अनुरूप भविष्य में निवेशक को Service दे पायेगा या नहीं इसका विश्लेषण करना थोड़ा मुश्किल | इसलिए आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से अपने पाठकों को stock broker select करने की Information देंगे |
वैसे देखा जाय तो stock broker stock exchange का एक पंजीकृत सदस्य होता है जो stock market में शेयर खरीदने और बेचने के लिए प्राधिकृत होता है | किसी भी व्यक्ति द्वारा बिना Stock broker के Share trading कर पाना संभव नहीं है, इसलिए जब भी कोई व्यक्ति Stock Market में Invest करने की सोचता है तो उसे कोई न कोई stock broker select करना ही पड़ता है |
और जब कोई व्यक्ति broker द्वारा दी जाने वाली service ग्रहण करके Trading करता है, broker को Trading Value पर कमीशन मिलता है जिसे Brokerage कहा जाता है |
क्या होता है स्टॉक ब्रोकर:
Stock broker से आशय उस व्यक्ति या संगठन से है, जिन्हें अपने ग्राहकों की ओर से stock market में participate करने का लाइसेंस मिला हुआ होता है | Stock broker शेयर खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति के बीच एक प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहा होता है, और इस प्रतिनिधित्व के बदले ब्रोकर Trading Value का कुछ प्रतिशत कमीशन के तौर पर लेकर अपनी कमाई कर रहा होता है | एक प्रतिनिधि अर्थात एजेंट के तौर पर broker केवल और केवल निवेशकों के लिए शेयरों की खरीद बिक्री कर रहा होता है |
जिसका अभिप्राय है की जो निवेशक अपने शेयर बेचना चाहते हैं उनके लिए वह बेचेगा और जो ग्राहक खरीदना चाहते हैं उनके लिए वह खरीदेगा | इसलिए जरुरी हो जाता है की कोई भी व्यक्ति stock broker select करते वक्त यह पता अवश्य लगाने की कोशिश करे की क्या वह उसके लिए निवेश सम्बन्धी सही निर्णय ले पायेगा | इसके अलावा और भी बहुत सारी बातें है जिनका ध्यान किसी भी निवेशक को stock broker select करते वक्त रखना चाहिए |
Stock Broker Select करने के लिए उठाये जाने वाले कदम:
Stock Broker Select Karne ke Steps
1. स्टॉक ब्रोकर रजिस्टर्ड है या नहीं पता करें
निवेशक को stock broker select करने से पहले यह पता करना बेहद आवश्यक है की ब्रोकर पंजीकृत है या नहीं | अर्थात जो सेवा वह लोगो को दे रहा है उस सेवा को देने का लाइसेंस ब्रोकर के पास है या नहीं | यह सब करने के लिए निवेशक चाहे तो Stock broker की वेबसाइट पर जा सकता है, क्योंकि लगभग सभी ब्रोकर अपनी Registration details अपनी website के माध्यम से display करते हैं |
इसके अलावा दूसरा विकल्प यह है की निवेशक Securities and exchange board of India (SEBI) की Website के माध्यम से भी यह पता कर सकता है की ब्रोकर Registered है या नहीं | BSE और NSE की वेबसाइट पर भी Registered stock broker की लिस्ट विद्यमान रहती है |
2. ऐसे व्यक्ति का फीडबैक लें जो पहले से निवेश कर रहा हो
व्यक्ति का स्वभाव है की अक्सर कुछ नया करने से पहले अपनी शंका के समाधान हेतु उस सेवा विशेष या प्रोडक्ट विशेष के बारे में वह अपने आस पास के लोगों से जरुर पूछता है, जो की सही भी है |
लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की आप ऐसे व्यक्ति से राय बिलकुल मत लें जिसने पहले कभी Stock Market में Invest किया ही न हो, इस क्रिया को अंजाम तक पहुँचाने के लिए निवेशक को चाहिए की वह अपने जानकारों में से किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करे, जिन्होंने Stock market में Invest किया हो या पहले कर चुके हों, उन्ही के Feedback के माध्यम से निवेशक को stock broker select करने में मदद मिल पायेगी |
3. ब्रोकरेज बहुत ज्यादा नहीं होनी चाहिए
Indian Market में बहुत सारी Brokerage कंपनिया हैं इनमे से कुछ बहुत कम कमीशन लेकर निवेशक के लिए Trading करने को तैयार भी हैं | लेकिन एक निवेशक को चाहिए की वह सिर्फ Brokerage fee पर ध्यान न देकर कंपनी या व्यक्ति की शाख पर भी ध्यान दे |
क्योंकि एक ब्रोकर में निवेशक की पसंद, नापसंद को समझने के अलावा उसकी risk profile और व्यक्ति की वित्तीय स्थिति के आधार पर उसे व्यक्तिगत सुझाव देने की क्षमता होनी चाहिए | और ब्रोकर को समझना चाहिए की आखिर निवेशक का निवेश करने के पीछे लक्ष्य क्या है | इसलिए निवेशक को stock broker select करते वक्त Brokerage के अलावा उपर्युक्त बातों को भी ध्यान में रखना चाहिए |
4. स्टॉक ब्रोकर की जानकारी और व्यवहार का आकलन करें
वैसे तो एक मुलाकात में किसी के व्यवहार का जायजा लेना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन यदि निवेश करने की चाह रखने वाला व्यक्ति ब्रोकर पर थोड़ा सा ध्यान दे तो शायद वह यह जान पाने में कामयाब हो पायेगा की सामने बैठे व्यक्ति का व्यवहार अपने ग्राहकों के प्रति कैसा है | इसमें निवेशक को चाहिए की वह Stock market में Investment ब्रोकरेज क्या होता है सम्बन्धी ब्रोकर से ढेर सारे प्रश्न जैसे इसमें निवेश करने के जोखिम क्या क्या हैं? और अभी मार्किट में कौन सा Stock सबसे ज्यादा प्रचलित है?
जो आप मुझे सुझाव दे रहे हैं वह मेरे लिए फायदेमंद कैसे है? मैं अपनी मेहनत से की गई कमाई को इस Stock में क्यों निवेश करूँ? अगर मैं यह Stock खरीदूं तो इसमें लाभ कितनी संभावना है? इत्यादि इस पहली मीटिंग में निवेशक को चाहिए की वह जितने अधिक प्रश्न करेगा Broker का Behavior और Knowledge उसके सामने उतनी अधिक चित्रित होगी |
अब यदि आपके लगातार प्रश्नों को सुनकर Broker के चेहरे या वाणी में झुनझुलाहट का आभास हो रहा है, तो समझ लीजिये की या तो Broker अपने ग्राहक द्वारा पूछे गए प्रश्नों में रूचि नहीं दिखा रहा है, या फिर हो सकता है की उसको पूर्ण जानकारी न हो |
5. व्यक्तिगत अटेंशन बहुत जरुरी है
चूँकि निवेशक अपनी मेहनत से की गई कमाई को Stock Market में ब्रोकर के माध्यम से निवेश करता है, इसलिए ब्रोकर के प्रति निवेशक की अपेक्षाएं यह रहती हैं की जरुरत पड़ने पर Broker उसे Personal attention देकर उसकी मदद करे | इसलिए Stock broker select करते वक्त व्यक्ति चाहे तो इस बारे में ब्रोकर से पहले ही बात कर सकता है, या फिर अपने किसी अनुभवी जानकार से भी इस बारे में पता कर सकता है |
इसमें यह जरुरी नहीं की सिर्फ बड़े ब्रोकर ही बड़े ग्राहक को ब्रोकरेज क्या होता है अधिक अहमियत देते हैं बल्कि हमारा मानना तो यह है की छोटे ब्रोकर को यदि कोई बड़ा ग्राहक मिल जाय तो वह ज्यादा समय उसी के पीछे लगा रहेगा, यही कारण है की इसमें यह कहना मुश्किल है की निवेशक को बड़े Stock broker select करना चाहिए या छोटा, यह निर्णय निवेशक अपने विवेक से खुद ले सकता है, लेकिन हम सिर्फ इतना कहना चाहेंगे की निवेशक को समय समय पर ब्रोकर की ओर से Personal attention की requirement होगी |
उपर्युक्त बातों के अलावा निवेशक को Stock broker select करते वक्त Online निवेशकों द्वारा दिए गए Reviews का भी विश्लेषण करना चाहिए, ताकि निवेशक यह तय कर पाए की क्या वह Broker जिसे वह Select करने जा रहा है अपने वर्तमान ग्राहकों को कैसी सर्विस दे रहा है |
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Holi आ गई है। ऐसे में आप Holi Stocks के जरिए इस त्योहार को और रंगारंग बना सकते हैं। ब्रोकरेज हाउस की राय में इस बार H यानि HDFC Bank, O यानि ONGC, L यानि L&T Finance Holdings और I यानि Infosys में खरीदारी की जा सकती है। यह खरीदारी साल भर के लिए होगी। इससे निवेशकों को मोटा मुनाफा होने की उम्मीद है। जानकारों की मानें तो यह साल निवेश के लिहाज से कुछ बेहतर है।
HDFC Bank
ICICI Securities ने HDFC Bank के शेयर खरीदने की राय दी है। इस समय इसका CMP 1443 रुपये के आसपास है। ब्रोकरेज हाउस की मानें तो इसे 1955 रुपये के टार्गेट प्राइस के साथ 1 साल के लिए रखा जा सकता है। एचडीएफसी बैंक लिमिटेड 1994 में शुरू हुआ है। यह एक बैंकिंग कंपनी है, जिसका मार्केट कैप - 779150.52 करोड़ रुपये है। इसके बिजनेस में एडवांस और बिल पर ब्याज और डिस्काउंट, निवेश से आय, RBI बैलेंस से ब्याज और दूसरे इंटर बैंकिंग कामों से आय शामिल है।
ONGC
रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई से कच्चे तेल के दाम काफी चढ़ गए हैं। इससे तेल क्षेत्र की कंपनियों के स्टॉक में काफी उछाल आया है। ICICI Direct ने इस मौके पर ONGC को खरीदने की राय दी है। इसे 180 रुपये के टार्गेट प्राइस पर साल भर के लिए खरीदा जा सकता है। अभी इसका CMP 166 रुपये है। ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (ONGC) गैस और पेट्रोलियम क्षेत्र में सक्रिय है। इसका इनकॉरपोरेशन 1993 में हुआ है। यह एक लार्ज कैप कंपनी है जिसका मार्केट कैप 206127.87 करोड़ रुपये है|
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन लिमिटेड के प्रमुख उत्पाद/राजस्व खंडों में ऑयल क्रूड, नेचुरल गैस, नाफ्था, ईथेन, प्रोपेन, सी2/सी3 (ईथेन/प्रोपेन), ब्यूटेन, एचएसडी, सब्सिडी, सुपीरियर केरोसिन ऑयल, बिजली, एलएसएचएस, अन्य ऑपरेटिंग शामिल हैं।
L&T Finance Holdings
लार्सन एंड टुब्रो ग्रुप की कंपनी L&T Finance Holdings को 97 रुपये के टार्गेट प्राइस पर साल भर के लिए खरीदा जा सकता है। इसका CMP 66 रुपये के आसपास है। ICICI Securities का कहना है कि साल भर में निवेशक को इसकी अच्छी कीमत मिल सकती है। एल एंड टी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड, एनबीएफसी क्षेत्र में सक्रिय है। इसका इनकॉपोरेशन 2008 में हुआ। यह एक लार्ज कैप कंपनी है। इसका मार्केट कैप 18034.79 करोड़ रुपये है। एलएंडटी फाइनेंस होल्डिंग्स लिमिटेड के प्रमुख उत्पादों में 31 मार्च 2021 को समाप्त वर्ष के लिए डिविडेंड और ब्याज शामिल हैं।
Infosys
Choice Broking के मुताबिक इस कंपनी की ग्रोथ अच्छी रही है। डिजिटल रेवेन्यू भी बढ़ रहा है। 1871 रुपये के CMP पर इसका P/E मल्टीपल 35x है। आईटी सेक्टर में कंपनी का बोलबाला है। इसके स्टॉक 2150 रुपये के टार्गेट प्राइस पर खरीदे जा सकते हैं। इस कंपनी का गठन 1981 में हुआ और यह एक Large Cap कंपनी है। यह आईटी सॉफ्टवेयर सेक्टर में है। इस कंपनी के कारोबार में सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट चार्जेज और साफ्टवेयर उत्पाद शामिल हैं।
(डिस्क्लेमर : यह लेख ब्रोकरेज हाउस की राय पर बना है। किसी भी वित्तीय निवेश से पहले अपने सलाहकार की राय जरूर लें। Jagran.com किसी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा।)
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत के शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? [2022] | Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करते हैं और यह जानना चाहते हैं की क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? अगर हाँ तो कैसे? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इसे पढ़ने के बाद आपके सभी सवालों का जवाब आपको आसानी से मिल जाएगा – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
आप बिना ब्रोकर के भी शेयर बाजार में निवेश कर सकते हैं और आप यह कैसे कर सकते हैं कि हम आपको इस लेख द्वारा समझाएंगे “क्या मैं ब्रोकर के बिना शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं?”
अधिकतर, आपने दलालों के माध्यम से शेयर खरीदे थे, है ना? और क्या होगा अगर आपको पता चले कि आप ब्रोकर की भागीदारी से शेयरों में निवेश या खरीद भी कर सकते हैं।
चलिए विस्तार से जानते हैं कैसे?
Table of Contents
क्या मैं स्टॉक ब्रोकर के बिना भारत में शेयर बाजार में निवेश कर सकता हूं? – Can I Invest Without Stock Broker in Hindi?
कोई भी व्यक्ति जो भारतीय शेयरों में निवेश करना चाहता है, शेयर खरीदने या बेचने के लिए सीधे शेयर बाजारों में नहीं जा सकता है। स्टॉक की खरीद-बिक्री स्टॉक ब्रोकर्स के माध्यम से करनी होती है। यह ऑनलाइन (जैसे Groww) या ऑफलाइन हो सकता है।
स्टॉक ब्रोकर एक व्यक्ति या वित्तीय संस्थान होता है, जिसे सेबी द्वारा शेयर बाजारों में व्यापार करने के लिए लाइसेंस और अधिकृत किया जाता है। शेयर बाजार तक उनकी सीधी पहुंच भी है। वे कंपनियों के शेयर लेनदेन में आपके एजेंट के ब्रोकरेज क्या होता है रूप में कार्य कर सकते हैं।
एक स्टॉकब्रोकर स्टॉक, डिबेंचर, सरकारी बॉन्ड और सूचीबद्ध संपत्ति ट्रस्ट और गैर-सूचीबद्ध निवेश विकल्पों पर सलाह जैसी अतिरिक्त सेवाएं भी दे सकता है। प्रदान की गई सेवाओं के लिए, स्टॉकब्रोकर ब्रोकरेज शुल्क लेते हैं।
साथ ही, एक स्टॉकब्रोकर आपके निवेश पोर्टफोलियो की योजना बना सकता है, उसे लागू कर सकता है और उसकी निगरानी कर सकता है, शोध कर सकता है और शेयर बाजारों में आपके रिटर्न को अनुकूलित करने में आपकी मदद कर सकता है।
अगर आप बिना स्टॉक ब्रोकर के शेयर मार्किट में निवेश करना चाहते हैं तो आप ग्रो (Groww) जैसे ऑनलाइन इन्वेस्टिंग प्लेटफार्म का सहारा ले सकते हैं, जो की आपसे ना के बराबर शुल्क चार्ज करते हैं।
डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें?
भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए ट्रेडिंग और डीमैट खाता होना अनिवार्य है।
पहला कदम एक स्टॉकब्रोकर चुनना है।
इसके बाद, एक डीमैट और एक ट्रेडिंग खाता खोलें जिसमें स्टॉक इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपके पोर्टफोलियो से जुड़े होंगे।
ट्रेडिंग खाता आपके बैंक खाते के समान है, जिसे स्टॉक ब्रोकर के साथ खोलने की आवश्यकता होती है। इस खाते का उपयोग शेयर बाजारों में ऑर्डर देने यानि स्टॉक खरीदने या बेचने के लिए किया जाता है।
एक डीमैट खाता वह होता है जहां स्टॉक को डीमैट रूप में रखा जाता है (यानी निवेशकों द्वारा प्रमाण पत्र के भौतिक कब्जे के बजाय इलेक्ट्रॉनिक रूप से)। जब आप अपने ट्रेडिंग खाते के माध्यम से स्टॉक खरीदते या बेचते हैं तो स्टॉक प्राप्त करना या स्थानांतरित करना आवश्यक होता है।
ट्रेडिंग/डीमैट खाता खोलने के लिए इन चरणों का पालन करें:
- BSE और NSE के साथ पंजीकृत स्टॉक ब्रोकर से संपर्क करें
- KYC फॉर्म भरें
- आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें: पहचान प्रमाण और पते का प्रमाण
- खाता खोलते समय पैन कार्ड प्रस्तुत करें
- उस बैंक खाते का एक रद्द किया गया चेक जिसे आप अपने ट्रेडिंग खाते से लिंक करना चाहते हैं और आपकी हाल की पासपोर्ट आकार की तस्वीरें अपलोड करें
यदि आप उपरोक्त सभी मानदंडों को पूरा करते हैं, तो अपने आप को भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने से न रोकें।
हमेशा याद रखें कि निवेश का निर्णय बाजार के उतार-चढ़ाव या उसकी अटकलों पर आधारित नहीं होना चाहिए। इसलिए, किसी कंपनी में केवल इसलिए निवेश करने से बचें क्योंकि किसी विशेष कंपनी के शेयर की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं या कीमत बहुत कम है और आप इसके बढ़ने की उम्मीद करते हैं। डेटा-समर्थित निर्णय लें।
भारतीय शेयर बाजारों में निवेश करने की न्यूनतम आयु क्या है? – Minimum Age to Invest in Share Market in Hindi?
जैसे भारत के शेयर बाजारों में निवेश करने के लिए कोई आयु प्रतिबंध नहीं है।
डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट बनाने के लिए आपकी उम्र सिर्फ 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। अपना डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलने के लिए पैन कार्ड होना जरूरी है और आप केवल तभी पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं जब आपकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक हो।
नाबालिगों/18 साल से कम उम्र के लिए शेयर बाजार में निवेश
यदि आपकी आयु 18 वर्ष से कम है, तब भी डीमैट और ट्रेडिंग खाते खोलना संभव है। आप अपने अभिभावक के दस्तावेज जमा करके ऐसा कर सकते हैं।
आप नैसर्गिक अभिभावकों (जैसे माता-पिता) या अदालत द्वारा नियुक्त अभिभावक द्वारा नाबालिग के नाम पर ब्रोकरेज में डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।
सभी आवश्यक दस्तावेजों को सत्यापित करने के बाद, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट आपको भारतीय शेयर बाजारों में व्यापार करने की अनुमति देगा।
क्या कोई छात्र भारत में शेयर बाजारों में निवेश कर सकता है?
हां। यदि छात्र की आयु 18 वर्ष से अधिक है, तो उसे नियमित निवेशक के रूप में माना जाएगा। अगर वह नाबालिग है तो नाबालिगों के लिए नियम लागू होंगे।
नोट: शेयर मार्किट जोखिमों के अधीन है इसमें इन्वेस्ट करने से पहले खुद की रिसर्च करें और किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल क्या हम बिना ब्रोकर के शेयर मार्केट में जुड़ सकते हैं? (Can I Invest Without Stock Broker in Hindi) अगर हाँ तो कैसे? इस सवाल का जवाब आपको आसानी से मिल गया होगा।
विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.
Types of Stock Broker In Share Market – पूरी जानकारी हिंदी में
Types of Stock Broker In Hindi, जी हाँ यदि आप भी शेयर मार्केट में invest करते हैं या फिर invest करने की सोच रहे हैं और शेयर मार्केट को लेकर काफ़ी intrested रहते है तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
क्योंकि आप में से ज़्यादातर लोग गूगल में types of stock broker in share market के बारे में search करते रहते हैं।
आज आपको शेयर मार्केट में स्टॉक ब्रोकर कितने प्रकार के होते हैं ? पूरी जानकारी detail में प्राप्त होगी। इसलिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें।
Types of Stock Broker In Share or Stock Market In Hindi
- Floor brokers
- Commission brokers
- Jobbers
- Tarawaniwalas
- Odd Lot dealers
- Badliwalas
- Arbitrageurs
- Sub-brokers/Remisiers
Types Of Members or Brokers At Stock Exchange In The World
आईये अब Types Of Members or Brokers At Stock Exchange In The World के बारे जानते में हैं।
1. Floor Brokers
ये वो brokers होते है, जो stock market में traders तथा investers के orders को execute करते हैं और अपना छोटा brokerage charge करते है।
2. Commission Brokers
ये brokers अपने ख़ुद के लिए stock की ख़रीद-बिक्री न कर अपने clients के लिए order execute करते हैं और अपना commision चार्ज करते है।
3. Jobbers
ये किसी stock brokers के under में रहकर उसके clients के लिए शेयर buy-sell करते हैं।
4. Subbroker
इन्हें हम Remisiers या authorized person के नाम से जानते हैं। ये किसी एक stock broker के under registered होते है। इनका मुख्य काम main stock broker के लिए Client provide करना है।
इनका मुख्य कमाई का जरिया brokerage sharing होता है। ये AP (Authorised Person) अपने client को सभी प्रकार के services provide करते हैं, जो एक मुख्य stock broker का काम करते है।
5. Tarawaniwala
एक तरवानीवाला दलाल और नौकरीपेशा दोनों के रूप में कार्य कर सकता है। यह निवेशकों के हितों के खिलाफ उनसे अपने नाम पर कम कीमत पर शेयर खरीद सकता है और उन्हीं शेयर को उन्हें उच्च कीमतों पर बेच सकता है।
6. Odd Lot Dealer
ये विषम परिस्थितियों में securities ख़रीदने और बेंचने में विशेषज्ञ होते हैं।
7. Badliwala
ये वो financer होते है, जो carry-over transaction करके business को आगे बढ़ाने का काम करते हैं। ये वित्तपोषित राशि के लिए ब्याज़ लेते हैं।
8. Arbitrageur
इन्हें हम मध्यस्थ के नाम से भी जानते हैं, ये विभिन्न बाजारों में शेयरों की कीमतों पर कड़ी नजर रखते हैं। ये उन बाजारों में शेयर खरीदते हैं, जहां उनकी कीमत कम होती है और उन्हें उन बाजारों में बेचते हैं, जहां उनकी कीमत अधिक होती है।
जैसे – यदि X नाम का एक शेयर बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज में 2,000 रुपये और मद्रास स्टॉक एक्सचेंज में 2,100 रुपये पर है, तो यह मध्यस्थ बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज में शेयर खरीदेगा और उन्हें मद्रास स्टॉक एक्सचेंज में बेच देगा। और यह 100 प्रति शेयर का लाभ मध्यस्थ बन के कमा लेते हैं।
Note :- एक Traders और एक Investor स्टॉक market से brokers से कई गुना पैसा कमाते हैं। यदि आप भी एक investor बनना चाहते हैं तो इस Form को पूरा भरें। Form भरने पर आपको Stock मार्केट में Investment से Trading तक के लिए पूरी तरह से guide जायेगा।
आपको stock मार्केट से जुड़ी guidence तभी मिलेगी, जब आप form को पूरा भरेंगे। Stock Market में आप तभी काम करें, जब आपका इसमें अच्छा Intrest हो।
India Has Only 3 Types Of Brokers
आईये अब India के 3 Types Of Brokers के बारे में जानते हैं। जो कुछ इस प्रकार है :-
1. Bank Based Broker
ये ब्रोकर्स बैंक होते है, ब्रोकरेज क्या होता है इनमे securities बैंक होते है। जैसे – HDFC securities, Axis Bank, Kotak Securities
2. Full Service Broker
जिसमे आपको full service मिलती है, उसको फुल सर्विस ब्रोकर कहते हैं। जो हमें tips, research, high brokerage, offline branches आदि के बारे information provide कराता है। जैसे – Sherkhan, Motilal Oswal, Angel Broking इत्यादि।
3. Discount Broker
इन ब्रोकर्स में आपको कम ब्रोकरेज में अच्छी सर्विस provide कराई जाती है। इसमें आपको कम brokerage में trading की सुविधा मिलती है, लेकिन अन्य ब्रोकरेज क्या होता है ब्रोकरेज क्या होता है सुविधा नहीं मिलती।
Conclusion
उम्मीद है कि आपको types of stock broker in share or stock market के बारे में जानकर अच्छा लगा होगा। अगर फिर भी आपको इस आर्टिकल को लेकर कोई भी doubts है तो हमें कमेंट लिख सकते हैं। हम आपके द्वारा पूछे गए queries के answers देने की पूरी कोशिश करेंगे।
ब्रोकरेज क्या होता है
एक दलाल एक व्यक्ति या फर्म है जो एक के बीच लेन-देन की व्यवस्था करता है खरीदार और एक विक्रेता एक के लिए आयोग जब सौदा मार डाला जाता है। एक दलाल जो विक्रेता या खरीदार के रूप में भी कार्य करता है, सौदे के लिए एक प्रमुख पक्ष बन जाता है । किसी भी भूमिका को एजेंट की भूमिका के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए—वह जो किसी सौदे में प्रमुख पक्ष की ओर से कार्य करता है। [1]
एक दलाल एक स्वतंत्र पार्टी है जिसकी सेवाओं का कुछ उद्योगों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। एक ब्रोकरेज क्या होता है दलाल की मुख्य जिम्मेदारी विक्रेताओं और खरीदारों को एक साथ लाना है और इस प्रकार एक दलाल खरीदार और विक्रेता के बीच तीसरे व्यक्ति का सूत्रधार होता है। एक उदाहरण एक रियल एस्टेट या स्टॉक ब्रोकर होगा जो किसी संपत्ति की बिक्री की सुविधा प्रदान करता है। [1]
ब्रोकर बाजार अनुसंधान और बाजार डेटा प्रस्तुत कर सकते हैं । दलाल विक्रेता या खरीदार का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं लेकिन आम तौर पर दोनों एक ही समय में नहीं। खरीदारों और विक्रेताओं के सबसे बड़े संभावित आधार तक पहुंचने के लिए दलालों के पास उपकरण और संसाधन होने की उम्मीद है। फिर वे इन संभावित खरीदारों या विक्रेताओं को सही मिलान के लिए स्क्रीन करते हैं। दूसरी ओर, एक व्यक्तिगत निर्माता, विशेष रूप से बाजार में एक नया, शायद ब्रोकर के रूप में ग्राहकों तक पहुंच नहीं पाएगा। ब्रोकर का उपयोग करने का एक अन्य लाभ लागत है - वे छोटे बाजारों में, छोटे खातों के साथ, या उत्पादों की सीमित लाइन के साथ सस्ते हो सकते हैं। [1]
कुछ ब्रोकर, जिन्हें डिस्काउंट ब्रोकर के रूप में जाना जाता है , कभी-कभी पूर्ण सेवा ब्रोकरेज फर्मों की तुलना में कम सलाह या सेवाओं की पेशकश ब्रोकरेज क्या होता है के बदले में छोटे कमीशन लेते हैं। [2]
एक ब्रोकर-डीलर एक दलाल है कि अपने स्वयं के खाते के लिए लेन-देन, ग्राहकों के लिए लेन-देन की सुविधा के अलावा। [३]
ब्रोकरेज फर्म आमतौर पर ब्रोकरेज के प्रकार और क्षेत्राधिकार के आधार पर नियमों के अधीन होते हैं जिसमें वे काम करते हैं। ब्रोकरेज फर्म नियामक एजेंसियों के उदाहरणों में यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन और फाइनेंशियल इंडस्ट्री रेगुलेटरी अथॉरिटी (एफआईएनआरए) शामिल हैं, जो संयुक्त राज्य में स्टॉकब्रोकर्स को विनियमित करते हैं।
शब्द "ब्रोकर" अनिश्चित मूल के पुराने फ्रांसीसी ब्रोसेर "छोटे व्यापारी" से निकला है , लेकिन संभवतः पुराने फ्रांसीसी ब्रोशर से "वाइन रिटेलर" का अर्थ है, जो क्रिया ब्रोचियर से आता है , या "टू ब्रोच (एक केग )"। [४]