विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान

पीएम एफएमई- प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना
(1) जीएसटी, एफएसएसएआई स्वच्छता मानकों और उद्योग आधार के लिए पंजीकरण के साथ-साथ उन्नयन एवं फॉर्मलाइजेशन के लिए पूंजी निवेश हेतु सहायता।
(2) कुशल प्रशिक्षण, खाद्य सुरक्षा मानकों एवं स्वच्छता के संबंध में तकनीकी जानकारी देने एवं गुणवत्ता सुधार के माध्यम से क्षमता निर्माण।
(3) बैंक ऋण एवं डीपीआर तैयार करने के लिए हैंड-होल्डिंग सहायता।
(4) पूंजी निवेश, इंफ्रास्ट्रक्चर तथा ब्रांडिंग एवं विपणन सहायता के लिए कृषक उत्पादक संगठनों (एफपीओ), स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), उत्पादक सहकारी संस्थाओं को सहायता।
एक जिला एक उत्पाद
इस योजना में एक जिला एक उत्पाद के तहत इनपुट की खरीद, सामान्य सेवाओं का लाभ लेने तथा उत्पादों के विपणन के लाभों को प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। ओडीओपी उत्पाद शीघ्र सडऩे-गलने वाली उपज पर आधारित, अनाज आधारित उत्पाद या व्यापक रूप से जिले और उनके सहयोगी क्षेत्रों में उत्पादित खाद्य उत्पाद हो सकता है। उदाहरण के तौर पर आम, आलू, संतरा, टमाटर, साबूदाना, भुजिया, पापड़, अचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मत्स्यिकी, पोल्ट्री तथा पशुचारा आदि।
व्यक्तिगत सूक्ष्म खाद्य उद्यमों का उन्नयन
इच्छुक उद्यमी सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना प्रोजेक्ट लागत के 35 प्रतिशत पर क्रेडिट- लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं, अधिकतम सब्सिडी 10 लाख रुपए प्रति उद्यम तक हो सकती हैं। लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष राशि बैंक से ऋण होगी।
एफपीओ स्वयं सहायता समूहों एवं को-आपरेटिव को सहायता- यह योजना 35 प्रतिशत क्रेडिट-लिंक्ड अनुदान सहित संपूर्ण मूल्य श्रृंखला समेत पूंजी निवेश हेतु एफपीओ/ स्वयं सहायता समूहों/उत्पादक सहकारी संस्थाओं को सहायता प्रदान करेगी।
स्वयं सहायता समूहों को प्रारंभिक पूंजी- वर्किंग कैपिटल तथा छोटे औजारों की खरीद के लिए खाद्य प्रसंस्करण में कार्यरत स्वयं सहायता समूहों के प्रत्येक सदस्य को रुपए 40,000/- की दर से प्रारंभिक पूँजी प्रदान की जाएगी। अनुदान के रूप में प्रारंभिक पूँजी एसएचजी फेडरेशन के स्तर पर दी जाएगी जो एसएचजी के माध्यम से ऋण के रूप में सदस्यों को दी जाएगी।
सामान्य अवसंरचना
एफपीओ/ एसएचजी/ सहकारी संस्थाओं, राज्य के स्वामित्व वाली एजेंसियों और निजी उद्यमियों को सामान्य प्रसंस्करण सुविधा, प्रयोगशाला, गोदाम, कोल्ड स्टोरेज, पैकिंग और इन्क्यूबेशन केन्द्र समेत इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट-लिंक्ड अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
योजना की पात्रता
योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए। आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। एक परिवार का केवल एक व्यक्ति वित्तीय सहायता प्राप्त करने हेतु पात्र होगा।
महत्वपूर्ण दस्तावेज
आधार कार्ड, स्थायी प्रमाण पत्र,आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता, पासपोर्ट साइज फोटो, मोबाइल नम्बर
ब्रांडिंग और बिक्री सहायता
साझा पैकेजिंग और ब्रांडिंग विकसित करने, गुणवत्ता नियंत्रण, मानकीकरण का विकास करने तथा उपभोक्ता फुटकर बिक्री के लिए फूड सेफ्टी पैरामीटरों का पालन करने के लिए ओडीओपी दृष्टिकोण अपनाते हुए योजना के अंतर्गत एफपीओ/ एसएचजी/सहकारी संस्थाओं अथवा सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यमों एसपीवी को ब्रांडिंग और बिक्री सहायता दी जाएगी। ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता कुल व्यय की 50 प्रतिशत तक सीमित होगी।
आवेदन की प्रक्रिया
सहायता प्राप्त करने के इच्छुक मौजूदा खाद्य प्रसंस्करण यूनिटें एफएमई पोर्टल पर आवेदन कर सकती हैं। क्षेत्र स्तरीय सहायता के लिए उद्यानिकी विभाग के जिला अधिकारी डीपीआर तैयार करने, बैंक ऋण प्राप्त करने, आवश्यक पंजीकरण तथा एफएसएसएआई के खाद्य मानकों, उद्योग आधार एवं जीएसटी प्राप्त करने के लिए सहायता उपलब्ध कराएंगे। एफपीओ/स्वयं सहायता समूहों/ सहकारी संस्थाओं, कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर एवं विपणन तथा ब्रांडिंग के समर्थन के लिए आवेदन डीपीआर समेत राज्य नोडल एजेंसी को भेजे जा सकते हैं। राज्य नोडल एजेंसी अनुदान के लिए परियोजना को अवगत कराएंगे और बैंक ऋण के लिए सिफारिश करेंगे। सरकार द्वारा अनुदान ऋणदाता बैंक में लाभार्थी के खाते में जमा किया जाएगा। यदि ऋण की अंतिम किश्त के संवितरण से 3 वर्ष की अवधि के पश्चात लाभार्थी अगर नियमित ऋण व ब्याज चुका रहा है और उद्यम ढंग से काम कर रहा हो तो यह राशि लाभार्थी के बैंक खाते में समायोजित की जाएगी। ऋण में अनुदान राशि के लिए बैंक द्वारा कोई ब्याज नहीं लिया जाएगा।
दिशा निर्देश एवं संपर्क
योजना के विस्तृत दिशा निर्देश मंत्रालय की वेबसाइट द्वशद्घश्चद्ब.ठ्ठद्बष् पर देखे जा सकते हैं। व्यक्तिगत उद्यमी एवं अन्य इच्छुक लोग योजना शुरू किए जाने तथा जिला स्तर पर संपर्क स्थानों के संबंध में अपने जिले के नोडल अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।
किन-किन यूनिट पर अनुदान प्राप्त होगा
सभी प्रकार की प्रसंस्करण इकाईयों पर अनुदान
फल उत्पाद– आम अचार, अमचूर, जूस इत्यादि अमरूद जैली, जेम, आंवला, नींबू का अचार, मार्मलैंड, पाउडर इत्यादि।
सब्जी उत्पाद- टमाटर केचप, ड्राय टोमेटो, मिर्च सॉस, ड्राय चिली पाउडर, करेला-जूस, आलू चिप्स इत्यादि।
मसाला उत्पाद- हल्दी, धनिया, मिर्च पाउडर, अदरक सोंठ, ड्राय प्याज, लहसुन पेस्ट, अचार।
अनाज उत्पाद– आटा मिल, दाल मिल, आटा चक्की, पोहा मिल, पल्वराइज मिल, गीला मसाला/ गीली दाल पीसने वाली चक्की, धान मिल इत्यादि।
अन्य उत्पाद- पापड़, पास्ता, नमकीन, कुरकुरे, टेस्टी, ब्रेड, टोस्ट, साबूदाना उद्योग, बरी, गुड़, तेल मिल, पेठा, गजक, चिक्की, पशु/पोल्ट्री आहार, मछली, पोल्ट्री, मांस फ्रीजिंग, मिल्क प्लांट, पनीर उद्योग, घी उद्योग, एलोवेरा प्लांट आदि।
सभी प्रकार की डिहाईड्रेशन मशीन यूनिट- सोलर एवं आटोमेटिक सिस्टम।
आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज
आधार कार्ड, पेन कार्ड, मार्कशीट, कोटेशन मशीनरी, इनकम टैक्स रिटर्न तीन साल का (यदि उपलब्ध है) यूनिट की जगह के दस्तावेज- रजिस्ट्री/खसरा की छाया प्रति, डायवर्शन की कॉपी/ऑनलाइन आवेदन की रसीद, यूनिट का प्रमाणित नक्शा, दोनों बैंकों की पास बुक की छाया प्रति, बिजली का बिल, यदि पुराना उद्यम है तब ऑडिट बैलेंस शीट (तीन वर्ष की: यदि पूर्व का कोई लोन है तो लोन स्टेटमेंट (विगत 6 माह) संस्था का पंजीयन, उद्योग आधार रजिस्ट्रेशन, जीएसटी रजिस्ट्रेशन (यदि उपलब्ध है), प्रस्तावित यूनिट की जगह का फोटो, प्रोजेक्ट रिपोर्ट।
विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान
एक बाजार अनुसंधान समूह ने 1000 .
एक बाजार अनुसंधान समूह ने 1000 उपभोक्ताओं का सर्वेक्षण किया और सूचित किया कि 720 उपभोक्ताओं ने उत्पाद A तथा 450 उपभोक्ताओं ने उत्पाद B पसंद किया । दोनों उत्पादों को पसंद करने वाले उपभोक्ताओं की न्यूनतम संख्या क्या है ?
Updated On: 27-06-2022
UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW!
Solution : माना U उपभोक्ताओं का समुच्चय , उत्पाद A पसंद करने वाले उपभोक्ताओं का समुच्चय X तथा उत्पाद B पसंद करने वाले उपभोक्ताओं का समुच्चय Y हो, तब
`n(U) = 1000, n(X) = 720` तथा `n(Y) = 450`
हम जानते हैं की
`n(X uu Y) = n(X) + n(Y) - n(X nn Y)`
`= 70 + 450 -n(Xnn Y)`
`= 720 + 450 - n(X nn Y)`
`= 1170 - n(X nn Y)`
स्पष्टतः `n(X uu Y)` महत्तम तब होगा , जब `n(X nn Y)` न्यूनतम हैं,
परन्तु `X uu Y sub U`
अर्थात `n(X uu Y)` इसलिए का महत्तम मान 1000 हैं ।
`:. n(X nn Y)` का न्यूनतम मान 170 हैं ।
अतः दोनों उत्पादों को पसन्द करने वाले उपभोक्ताओं की न्यूनतम संख्या 170 है ।
Get Link in SMS to Download The Video
Aap ko kya acha nahi laga
1 प्रश्न 1 बाजार में अनुसंधान समूह ने 1000 उपभोक्ताओं पर सर्वे किया था सूचित किया कि 720 उपभोक्ता उत्पाद तथा 450 उपभोक्ता उत्पाद भी पसंद करते हैं दोनों उत्पादों को पसंद करने वाले उपभोक्ताओं की न्यूनतम संख्या क्या है हमें यह बताना है तो आइए ख्याल करते हैं हाय यहां पर में दिया है एन ए बराबर 11 को पसंद करने वाले भक्तों की संख्या 720mb बराबर बी को पसंद करने वाले उपभोक्ताओं की संख्या 450 कुल उपभोक्ताओं की संख्या ए यूनियन बी ठीक है 1000a हो गया अब हमें निकालना है एन ए इंटरसेक्शन बी क्योंकि यही वह भोगता है जो दोनों उत्पादों को पसंद करते हैं तो यह हो जाएगा हमारा एन ए प्लस बी माइनस एन ए
यूनियन बी ठीक है अब यहां से आता है हमारा 720 आने की आने का मन प्लस एन बी का मान 450 - इन ए यूनियन बी का मान 1000 ठीक है तो अब हम इसे जोड़कर इसको हटा देते हैं तो यह आंसर आज हमारा 170 170 लोग ऐसे हैं या उपभोक्ता ऐसे हैं जो दोनों उत्पादों उत्पादन तथा उत्पाद भी दोनों उत्पादक पसंद करते हैं धन्यवाद
खुशखबरी: २०० करोड़ के निवेश से इस राज्य में बनने जा रहा है अनुसंधान केंद्र
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय बदरवाह में अनुसंधान केंद्र निर्माण हेतु २०० करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। यह जम्मू-कश्मीर के कृषकों के लिए हर्ष की बात है। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया है, कि जम्मू-कश्मीर में कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्टअप का केंद्र बनने के असीमित अवसर हैं। इसी संबंध में उनका यह भी कहना है, कि जम्मू में उत्पादित होने वाले बांसों का प्रयोग अगरबत्ती समेत विभिन्न प्रकार के आवश्यक उत्पादों के निर्माण हेतु हो सकता है। इस वजह से बांस की खेती के क्षेत्रफल में बढ़ोत्तरी तो होगी ही साथ में किसानों की आय में भी वृद्धि होगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्ट्रॉबेरी व सेब एवं ऐसे अन्य फलों की जीवनावधि को कोल्ड-चेन की उत्तम व्यवस्था के जरिये बढ़ाया जाना संभव है।
ये भी पढ़ें: ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों के लिए स्टार्टअप्स को बढ़ावा देगी एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी
उन्होंने कहा कि जम्मू और कश्मीर में गैर-इमारती वन उत्पाद (NTFP) में आने वाले पौधे जिनमें मशरूम, गुच्ची एवं अन्य औषधीय पौधे काफी संख्या में मिल जाते हैं। चिनाब घाटी अथवा पीर पंजाल क्षेत्र (राजौरी, पुंछ) उच्च गुणवत्ता वाले शहद एवं एनटीएफपी का केंद्र है। दरअसल, इनकी उचित तरीके से विपणन नहीं हो पाती है। केंद्रीय मंत्री ने बताया है, कि प्रदेश के जम्मू-कश्मीर औषधीय पादप बोर्ड एवं वन विभाग को साम्मिलित किया, क्योंकि एक सहायक पद्धति के जरिये से उत्पादन, बिक्री और विपणन की आवश्यकता है।
कृषि संबंधित औघोगिक क्रांति से बेहद मुनाफा हो सकता है
उपरोक्त में जैसा बताया गया है, कि डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय बदरवाह में अनुसंधान केंद्र निर्माण हेतु २०० करोड़ रुपये स्वीकृत हो चुके हैं।. इसी दौरान मंत्री का कहना है, कि कृषि, बागवानी एवं ग्रामीण विकास की भाँति अनेकों प्रगतिशील क्षेत्रों में कार्यरत सरकारी संगठनों हेतु निरंतर सहायता की आवश्यकता है। साथ ही उनका कहना है, कि शेर-ए-कश्मीर कृषि विश्वविद्यालय (SKUAST) कश्मीर, को उद्यमिता विकास संस्थान (EDI) के साथ मिलकर भेड़पालन व पशुपालन विभागों को सहायता प्रदान करनी चाहिए।
किसानों को (एफपीओ) व सहकारी समितियों के जरिये संस्थागत होना चाहिए
बतादें कि, मंत्री जितेंद्र सिंह का कहना है, कि किसानों को सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से संस्थागत होना महत्वपूर्ण है। कृषि एवं बागवानी क्षेत्रों में स्थानीय मांगो पर ध्यान केंद्रित हो, एवं ऐैसे नौजवानों को तैयार करना होगा जिनकी इस क्षेत्र में कार्य करने की रूचि हो। साथ ही, एनजीओ किसानों को फसल बीमा अर्जन हेतु संवेदनशील बनाना अति आवश्यक है, क्योंकि इसकी जम्मू और कश्मीर में बेहद जरूरत है। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, इस प्रकार के सरकारी संगठनों द्वारा समर्थन हेतु कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में कार्यशील प्रमुख गैर सरकारी संगठनों व अनुसंधान संस्थानों का सम्मिलित होना अति आवश्यक है। बाजार में अच्छी पकड़ हेतु, अधिकारियों द्वारा कोई ऐसी नीति जारी होनी जरूरी है, जो स्थानीय कृषि और बागवानी उत्पादों जैसे अखरोट, सेब व राजमा आदि के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की जिम्मेदारी उठा सके।
जितेंद्र सिंह चौधरी
शैक्षिक योग्यता - बी बी ए एवं ( एम बी ए ) BBA एवं MBA
व्यवसाय - जितेंद्र सिंह चौधरी मेरीखेती (merikheti.com) के सबसे तरुण लेखक हैं। जितेंद्र सिंह किसान और राजनैतिक परिवार से आते हैं। किसानो की समस्या एवं उनकी आवश्यकताओं को भली भांति समझते हैं एवं खेती किसानी व कृषि संबधित नवीन उद्योगों के बारे में पढ़ने व लिखने में रूचि रखते हैं।
अवार्ड देने और अवार्ड लेने में अव्वल मनोहर सरकार, 2014 से अब तक 165 अवार्ड से सम्मानित हो चुकी है सरकार: डा. संजय शर्मा
हरियाणा के खिलाड़ियों की तरह मनोहर सरकार ने भी लगाई अवार्डस की झड़ी. 2014 से लेकर अब तक 165 अवार्ड़ो से सम्मानित हो चुकी है मनोहर सरकार, अवार्ड देने के साथ अवार्ड लेने में भी अव्वल मनोहर सरकार: डा. संजय शर्मा
5
6
5
5
विनोद लांबा/चंडीगढ़: पिछले 8 साल में हरियाणा में डबल इंजन सरकार के बल पर अनेक ऐसी अच्छी चीजें हुई, जो पहले कभी नहीं हुई थी. बदलाव की उम्मीद के भरोसे हरियाणा की जनता ने 2014 में जनसेवा का दायित्व भारतीय जनता पार्टी को सौंपा. सुशासन के संकल्प से शुरू हुई हरियाणा के विकास की यात्रा सबके लिए समय पर, सरलता से, सही सेवा सुनिश्चित करने की मंजिल पर पहुंचती दिखाई दे रही है. जहां हरियाणा के खिलाड़ी मेडल जीतकर प्रदेश का नाम पूरी दुनिया में रोशन कर रहे हैं.
वहीं, मनोहर सरकार भी जनता के हितार्थ किए गए कामों के बलबुते पर अवार्डो की झड़ी लगा रही है. 8 सालों में मनोहर सरकार 165 अवार्डो से सम्मानित हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी हरियाणा के प्रदेश मीडिया प्रमुख डा. संजय शर्मा ने बताया कि मनोहर सरकार को गन्ना विकास के लिए सबसे पहला पुरस्कार 2015 में नई दिल्ली में मिला था. इसके बाद यह अवार्ड मिलने का सिलसिला ऐसा चला विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान कि 2015 में मनोहर सरकार को 19 अवार्ड मिले. उन्होंने बताया कि साल 2016 में 26 अवार्ड हरियाणा की झोली में आए.
वहीं साल 2017 में 49 अवार्डों से मनोहर सरकार सम्मानित हुई. अगर साल 2018 की बात करें तो 32 अवार्ड मनोहर सरकार को मिले. साल 2019 में 20 तथा साल 2020 में 9 पुरस्कारों से मनोहर सरकार को सम्मानित किया गया. साल 2021 में डिजिटल इंडिया अवार्ड और गोल्ड अवार्ड अंत्योदय सरल परियोजना के लिए नई दिल्ली में दिया गया. साल 2022 में मनोहर सरकार को राज्य में मेडिकल कालेज में क्रिटिकल केयर ICU स्थापना के लिए अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन पुरस्कार 2021 मिला.
इसी के साथ खेलों को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार मिला. वहीं MSME क्षेत्र के प्रचार और विकास में राज्य के योगदान के लिए राष्ट्रीय MSME पुरसकार से नवाजा गया. शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस विभाग, खेल एवं युवा तथा किसानों के हितार्थ किए गए कामों में विपणन अनुसंधान एवं बाजार अनुसंधान हरियाणा सरकार पुरस्कृत हुई. उन्होंने बताया कि 2022 में 7 पुरस्कार मिल चुके हैं और अब आठवां बेस्ट स्टेट का अवार्ड 9 नवंबर को मिलेगा. शर्मा ने बताया कि हरियाणा की मनोहर सरकार प्रदेश के मेडल विजेता खिलाड़ियों को करोड़ों के नकद इनाम देकर उनका उत्साह तो बढ़ा ही रही है साथ ही खुद भी अवार्ड लेने में अव्वल साबित हो रही है.
किसानों के खेतों में नहीं, अब सरकार के खजाने पर होती है ओलावृष्टि
मीडिया प्रमुख ने बताया कि पिछली सरकारों द्वारा 48 सालों में किए गए काम और हरियाणा भाजपा के 8 साल के कामों की तुलना करें तो फर्क साफ दिखाई देता है. किसान अपनी फसलों को लेकर चिंतित रहते थे. बारिश ओलावृष्टि से फसलें खराब हो जाती थी, लेकिन सरकार की मनोहर नीतियों के कारण अगर ओलावृष्टि होती है तो सरकार के खजाने पर होती है. मनोहर सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रदेश के 20 लाख किसानों को 5667 करोड़ रुपये बीमा क्लेम के दिए हैं.
समय पर ऋण अदायगी करने वाले किसानों को बिना ब्याज लोन मुहैया कराया गया. वहीं 4.21 लाख किसानों का 1672 करोड़ रुपये ब्याज व जुर्माना माफ किया गया. भावांतर भरपाई योजना किसानों के लिए संजीवनी बनकर आई है. 21 बागवानी फसलों की कीमतें सरकार ने संरक्षित की है. अगर किसानों को कोई नुकसान होता है तो सरकार उसकी भरपाई अपने खजाने से करती है.
कृषि मंत्री जेपी दलाल 9 नवंबर को ग्रहण करेंगे बेस्ट स्टेट का अवार्ड
डा. संजय शर्मा बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सत्ता संभालते ही भाजपा ने किसानों की दशा और दिशा बदलने का काम शुरू कर दिया था. साल 2014-2019 में पंचायत एवं कृषि मंत्री रहते हुए ओम प्रकाश धनखड़ ने किसानों के हितों के लिए अनेकों योजनाएं शुरू की थी ताकि प्रदेश का किसान खुशहाल हो सके. उनका मानना है कि किसानों की समृद्धि से ही देश की समृद्धि संभव है. उन्होंने बताया कि अब हरियाणा को कृषि अनुकूल नीतियों, कार्यक्रमों, उत्पादन, इनपुट, प्रौद्योगिकियों, विपणन, मूल्यवधन, बुनियादी ढांचे और निर्यात के क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान करने पर भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा जारी इंडिया एग्रोबिजनेस अवार्ड 2022 में हरियाणा को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में 165वां अवार्ड मिला है. उन्होंने कहा कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल 9 नवंबर को राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली में हरियाणा की ओर से इस पुरस्कार को ग्रहण करेंगे.