बिटकॉइन एक झलक

Cryptocurrency की दुनिया में भूचाल! रिकॉर्ड हाई से 50% लुढ़का बिटकॉइन, जानें क्या है वजह?
Cryptocurrency News: क्रिप्टकरेंसी की दुनिया में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पिछले कुछ समय से बिटकॉइन (Bitcoin) समेत अन्य टोकन में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार को क्रिप्टो मार्केट में.
Cryptocurrency News: क्रिप्टकरेंसी की दुनिया में कुछ भी ठीक नहीं चल रहा है। पिछले कुछ बिटकॉइन एक झलक समय से बिटकॉइन (Bitcoin) समेत अन्य टोकन में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। शनिवार को क्रिप्टो मार्केट में जबरदस्त उथल-पुथल (Crypto market crash) का माहौल रहा। दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटल करेंसी बिटकॉइन में भारी गिरावट दर्ज की गई।
बिटकॉइन नवंबर में अपने पीक पर था, तब से अब तक यह 45% नीचे आ चुका है। इस गिरावट के बाद बिटकॉइन के मार्केट वैल्यू में 600 बिलियन डॉलर से अधिक की कमी दर्ज की गई है। वहीं, कुल क्रिप्टो मार्केट को 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है। बेस्पोक इन्वेस्टमेंट ग्रुप के अनुसार, बिटकॉइन और टोटल क्रिप्टो बाजार दोनों के लिए यह बड़ी गिरावट आई है। डॉलर के संदर्भ में इसे दूसरी सबसे बड़ी गिरावट कह सकते हैं।
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35,000 डॉलर से नीचे आया भाव
coinmarketcap के मुताबकि, शनिवार शाम 5.15 बजे, बिटकॉइन की कीमत 9.92% से अधिक टूट गई और 35000 डॉलर से गिरकर जुलाई के बाद के अपने निचले स्तर पर आ गई है। वहीं, पिछले सात दिनों में यह करेंसी 18.81% से अधिक टूटा है। बिटकॉइन के बाद दूसरी सबसे बड़ी करेंसी एथेरियम में 15.53% की गिरावट देखी जा रही है। इस गिरावट के बाद एथेरियम 2,400 डॉलर के निचे ट्रेड कर रहा है। पिछले सात दिनों में इस टोकन में 28 फीसदी तक की कमी आई है। इसी के साथ इसका मार्केट कैप 290,273,315,288 डॉलर पर आ गया।
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ये है गिरावट की वजह
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी को भारी नुकसान हुआ। यह गिरावट महंगाई दर, लिक्विडिटी और US फेडरल रिजर्व के अगले कदम को लेकर आशंकाओं के कारण है। वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू में गिरावट की प्रमुख वजह रूस के केंद्रीय बैंक द्वारा देश में इनकी माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव है। बता दें कि रूस के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को वित्तीय स्थिरता, नागरिकों की भलाई और इसकी मौद्रिक नीति संप्रभुता के लिए खतरों का हवाला देते हुए रूसी क्षेत्र में क्रिप्टोकरेंसी के इस्तेमाल और माइनिंग पर बैन लगाने का प्रस्ताव दिया है। रूस का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग या आतंकवाद के वित्तपोषण में किया जा सकता है।
Shocking दुनिया का सबसे बड़ा बिटकॉइन भंडाफोड़! पॉपकॉर्न के डिब्बे में मिले 280 अरब रुपये के Bitcoin
File Photo
नई दिल्ली: बिटकॉइन (Bitcoins) से जुड़ी कई खबरें आपने सुनी होगी, लेकिन आज जो खबर हम आपको बताने जा रहे है वह होश उड़ा देने वाली है। दरअसल 32 साल के एक शख्स के घर पुलिस ने छापा मारा, इस दौरान उन्होंने 279 अरब रुपये मूल्य से अधिक के बिटकॉइन जब्त किए। आप जानकार चौंक जाएंगे कि इन जब्त किए गए 50,676 बिटकॉइन में से कुछ बिटकॉइन को बाथरूम में पॉपकॉर्न के डिब्बे में छिपाकर रखा गया था। मिली जानकारी के मुताबिक इसे दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा बिटकॉइन भंडाफोड़ बताया गया जा रहा है।
यह होश उड़ा देने वाली घटना अमेरिका (America) के जॉर्जिया की है, जहां जेम्स झोंग ने इतनी बड़ी मात्रा में बिटकॉइन को करीब 10 साल पहले चुराया था। आपको बता दें कि उसने कंप्यूटर उपकरणों पर क्रिप्टोकरेंसी को सेव कर रखा था। हाल ही में आई बड़ी खबर के मुताबिक इस मामले में जेम्स को दोषी ठहराया गया है। ऐसे में अब इस मामले में उसे 20 साल तक की जेल हो सकती बिटकॉइन एक झलक है।
जब पुलिस ने जेम्स झोंग के घर की तलाशी की, तब उनके होश उड़ गए। क्योंकि, झोंग के घर पुलिस को एक बिटकॉइन एक झलक अंडरग्राउंड कमरा मिला, जहां छिपे हुए उपकरण और बाथरूम में रखे पॉपकॉर्न के डिब्बे में छुपाए गए सिंगल-बोर्ड कंप्यूटर मिले। साथ ही इसमें बिटकॉइन एक झलक क्रिप्टोकरेंसी को स्टोर किया गया था। द मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, जेम्स ने एक दशक पहले डार्क वेब (विशेष प्रकार के वेब ब्राउजर से ओपन होने वाला इंटरनेट) में Silk Road मार्केटप्लेस से 3 बिलियन डॉलर मूल्य (279 अरब रुपये) के बिटकॉइन हैक किए थे।
अमेरिकी न्याय विभाग ने अपने एक बयान में बताया, जेम्स को डिजिटल मुद्रा धोखाधड़ी के लिए दोषी करार दिया गया है। क्योंकि, उसने Silk Road से 50,000 से ज़्यादा बिटकॉइन चुराए थे। लगभग 10 सालों से लापता बिटकॉइन के इस बड़े हिस्से का ठिकाना रहस्य बन गया था। क्योंकि, क्रिप्टोकरेंसी को जेम्स ने अपने कंप्यूटर पर स्टोर कर रखा था।
ज्ञात हो कि, Silk Road एक अवैध मार्केट था, जो 2011 और 2013 के बीच चलता था। यह मुख्य रूप से भुगतान के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करता था। इसका संचालक रॉस उलब्रिच था, जिसे बाद में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद से वह 40 साल जेल की सजा काट रहा है। Silk Road यूज़र्स गुमनाम रूप से अवैध सामान खरीद और बेच सकते थे, जिसमें ड्रग्स और नकली ड्राइविंग लाइसेंस भी शामिल थे।
पॉपकॉर्न के डिब्बे से खुला 3.36 अरब डॉलर के बिटकॉइन की चोरी का राज, जानिए क्या है पूरा मामला
World Hindi: लगभग 10 वर्षों के लिए, लापता बिटकॉइन के इस बड़े हिस्से का ठिकाना 3.3 अरब डॉलर से अधिक का रहस्य बन गया था.
Published: November 9, 2022 7:57 AM IST
World Hindi: अमेरिकी अधिकारियों ने एक बाथरूम में पॉपकॉर्न टिन के तल के नीचे छिपे 3.36 अरब डॉलर मूल्य के लगभग 50,676 बिटकॉइन जब्त किए हैं. जॉर्जिया के 32 वर्षीय जेम्स झोंग ने धोखाधड़ी से द सिल्क बिटकॉइन एक झलक रोड से बिटकॉइन प्राप्त किया. सिल्क रोड डार्क वेब पर एक साइट है जिसे कभी ‘द अमेजन ऑफ ड्रग्स’ कहा जाता था. अमेरिकी न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि झोंग को सितंबर 2012 में वायर धोखाधड़ी के लिए दोषी ठहराया गया था, जब उसने सिल्क रोड डार्क वेब इंटरनेट मार्केटप्लेस से 50,000 से अधिक बिटकॉइन प्राप्त किए थे.
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अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स ने कहा, ‘झोंग ने एक दशक पहले वायर धोखाधड़ी की थी, जब उसने सिल्क रोड से लगभग 50,000 बिटकॉइन चुराए थे. लगभग 10 वर्षों के लिए, लापता बिटकॉइन के इस बड़े हिस्से का ठिकाना 3.3 अरब डॉलर से अधिक का रहस्य बन गया था.’ उन्होंने कहा, ‘इस मामले से पता चलता है कि हम जांच करना बंद नहीं करेंगे, चाहे अपराधी कितनी भी कुशलता दिखाए.
लगभग 2011 से 2013 तक सिल्क रोड का उपयोग कई ड्रग डीलरों और अन्य गैरकानूनी विक्रेताओं द्वारा कई खरीदारों को भारी मात्रा में अवैध ड्रग्स और अन्य अवैध सामान और सेवाओं को वितरित करने और इसके जरिए फंड की हेराफेरी करने के लिए किया गया था. 2015 में अमेरिकी अधिकारियों द्वारा एक महत्वपूर्ण अभियोजन के बाद, सिल्क रोड के संस्थापक रॉस उलब्रिच को एक सर्वसम्मत जूरी द्वारा दोषी ठहराया गया था और उम्र कैद की सजा सुनाई गई.
झोंग ने 200 और 2,000 बिटकॉइन के बीच की प्रारंभिक जमा राशि के साथ धोखाधड़ी खातों को वित्त पोषित किया. प्रारंभिक जमा के बाद, उन्होंने जल्दी से उसे निकाल लिया. धोखाधड़ी की अपनी योजना के माध्यम से, वह सिल्क रोड से कई बिटकॉइन निकालने में सक्षम था, जितना उसने पहली बार में जमा किया था. अब उसे अधिकतम 20 साल जेल की सजा का सामना करना पड़ रहा है. (एजेंसी इनपुट्स)
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क्रिप्टो करंसी पर तो बैन लगना ही चाहिए
लेखकः भरत झुनझुनवाला
क्रिप्टो करंसी क्या है, यह जानना जरूरी है। मान लीजिए 100 कंप्यूटर विशेषज्ञ एक हॉल में अलग-अलग क्यूबिकल में बैठे हुए हैं और वे एक सुडुको के पजल को हल कर रहे हैं। जिसने यह पजल पहले हल कर लिया, उसके हल को सबने देखा और अनुमोदित कर दिया कि हां, यह हल सही है तो उसे एक बिटकॉइन दे दिया गया। इसके बाद सबने सुडुको के अगले चरण के लिए अपने-अपने सुझाव दिए। एक कंप्यूटर ने इन सुझावों को मिलाया और एक नया सुडुको पजल उन्हीं 100 लोगों को दे दिया। दोबारा इनमें से जिसने सबसे पहले सुडुको को हल किया, उसे फिर से लोगों ने चेक किया और सही पाए जाने पर उसे एक और बिटकॉइन दे दिया गया। ध्यान रहे, यह बिटकॉइन केवल एक ‘नंबर’ होता है, जो एक कंप्यूटर द्वारा बनाया जाता है। जिसके पास वह ‘नंबर’ है, वही उस बिटकॉइन का मालिक है। यह नंबर ही चेक बुक है।
सरकारी नियंत्रण नहीं
उस बिटकॉइन की मान्यता उन्हीं 100 लोगों के बीच है, जिन्होंने उस सुडुको को हल करने में हिस्सा लिया है और उसके हल करने का अनुमोदन किया है। यदि किसी दूसरे हॉल में दूसरे 100 कंप्यूटर खिलाड़ी बैठे हैं और वे अपनी अलग क्रिप्टो करंसी बना रहे हैं तो उनके लिए यह जरूरी नहीं है कि वे पहले हॉल में बैठे खिलाड़ियों बिटकॉइन एक झलक द्वारा जो सुडुको हल किया गया है, उसे मान्यता दें। आप भी यदि चाहें तो एक कमरे में 100 कंप्यूटर खिलाड़ियों को बैठा लें और एक अपनी क्रिप्टो करंसी बना लें। इस तरह आज विश्व में कम से कम 1500 अलग-अलग क्रिप्टो करंसी चलन में हैं। इनकी मान्यता सिर्फ इस बात पर निर्भर करती है कि जो पजल हल किया गया, उसको कौन लोग स्वीकार करते हैं। जितने लोग उस पजल के हल को स्वीकार करते हैं, उतनी ही इस करंसी की कीमत होती है।
फ्लोरिडा के मियामी में क्रिप्टो करेंसी कॉन्फ़्रेंस (फोटोः AFP)
क्रिप्टो करंसी शुरू करने के पीछे मूल विचार यह था कि सरकारों द्वारा जारी किए गए नोट की कीमत सरकारों के हाथ में होने से निवेशकों को जो दिक्कत होती है, उससे छुटकारा मिले। आपने बड़ी मेहनत से एक लाख रुपये कमाए, लेकिन सरकार ने महंगाई बढ़ा दी तो उस एक लाख रुपये की कीमत घटकर 80 हजार हो गई। अपनी संपत्ति को सरकार के नियंत्रण से बाहर रखने के लिए लोगों ने क्रिप्टो करंसी बनाई। इसके ऊपर किसी भी सरकार या केंद्रीय बैंक का नियंत्रण नहीं होता। लेकिन क्रिप्टो करंसी जिन कंप्यूटरों में बनाई जाती है, वे कंप्यूटर किसी न किसी स्थान पर होते हैं, जो किसी न किसी देश में पड़ता है। इसलिए हम क्रिप्टो करंसी को सरकार के दखल से पूर्णतया बाहर नहीं मान सकते। वर्तमान में क्रिप्टो करंसी खेलने बिटकॉइन एक झलक वालों का पसंदीदा देश चीन है। मान लीजिए चीन की सरकार ने इनके कंप्यूटर जब्त कर लिए तो उस करंसी पर संकट अवश्य आएगा।
समय के साथ जो सुडुको पजल बनाए गए, उनकी जटिलता भी बढ़ती जा रही है। आज बिटकॉइन बनाने के कारखाने लग गए हैं। इन कारखानों में बड़े-बड़े कंप्यूटर हैं, जो जटिल से जटिल सुडुको पजल को हल करने का प्रयास करते हैं। इन पजल को हल करने में इन कंप्यूटरों द्वारा भारी मात्रा में बिजली की खपत की जा रही है। जैसे रिजर्व बैंक द्वारा नोट छापने में कागज और स्याही का उपयोग किया जाता है, उसी तरह क्रिप्टो करंसी बनाने में बिजली का उपयोग किया जाता है। इसलिए क्रिप्टो करंसी पर्यावरण के लिए हानिप्रद है। दूसरी बात यह कि इसमें बिजली की खपत केवल पजल को हल करने में की जाती है, जिससे कुछ भी भौतिक या मूर्त उत्पादन नहीं हो रहा है। हां, इतना कहा जा सकता है कि जिस प्रकार आपको सिनेमा देखने में आनंद आता है, उसी प्रकार क्रिप्टो खिलाड़ियों को पजल हल करने में आनंद आता है। लेकिन यह आनंद पर्यावरण को नष्ट करके हासिल किया जा रहा है। दूसरी समस्या है कि जैसा कि ऊपर बताया गया है, वर्तमान में क्रिप्टो करंसी के अधिकतर समूह चीन में स्थित हैं। चीन की सरकार चाहे तो इनको जब्त कर सकती है और उस हालत में इनके द्वारा जो बिटकॉइन बनाए गए हैं, वे एक क्षण में छू मंतर हो जाएंगे। यही नहीं, मान लीजिए कंप्यूटर क्रैश कर गया और उसमें रखा वह नंबर स्वाहा हो गया तो अब मालिक के पास वह नंबर उपलब्ध नहीं है तो उसे घाटा लग जाएगा। वह बिटकॉइन कंप्यूटरों की हार्ड डिस्क में छुप गया तो भी मालिक की पूंजी नष्ट हो गई। ऐसे वाकये भी हुए हैं कि हैकर्स ने आपके कंप्यूटर में प्रवेश करके वह नंबर निकाल लिया और वे स्वयं उसके मालिक बन गए।
फिरौती का माध्यम
एक और गंभीर समस्या यह है कि आजकल अपराध करने वाले क्रिप्टो करंसी में फिरौती मांगते हैं। मान लीजिए किसी अपराधी ने किसी कंपनी के कंप्यूटर को हैक कर लिया और उसमें मालवेयर डाल दिया। जैसे बीते दिनों एक अमेरिकी तेल कंपनी के कंप्यूटर को हैक कर लिया गया था। अपराधियों द्वारा इस प्रकार के अपराधों की फिरौती क्रिप्टो करंसी में मांगी जा रही है, जिसे कोई भी सरकार नियंत्रित नहीं कर सकती। क्रिप्टो करंसी किस कंप्यूटर से आई और किस तरफ गई, इसका कोई रेकॉर्ड नहीं होता है। यदि अपराधी डॉलर या रुपयों में फिरौती मांगता तो पुलिस या सरकार उसे ढूंढ सकती थी। वे नोट कहां और किस प्रकार से चलाए जा रहे हैं, इसका पता करना मुश्किल नहीं है। ऐसे में पुलिस अपराधी तक पहुंच सकती है, उसे पकड़ सकती है। क्रिप्टो करंसी में यह संभावना नहीं बनती है। इसलिए विश्व स्तर पर बड़े अपराध बढ़ रहे हैं, जिसका एक कारण क्रिप्टो करंसी भी है।
इस परिस्थति में क्रिप्टो करंसी पर सरकार को पूर्णतया प्रतिबंध लगाना चाहिए। यह पर्यावरण के लिए हानिकारक है, अपराधों को शह देती है, इसकी मान्यता अनिश्चित है और यह क्षणभंगुर है।