शेयर मार्केट अकाउंट क्या है?

Zerodha या Angel Broking मे Address वेरीफाई करने के लिए आप नीचे दिए गए दस्तावेजों में से किसी भी एक दस्तावेज का प्रयोग कर सकते है:
New Demat Account: शेयर मार्केट में निवेश के लिए जरूरी है Demat अकाउंट, जानें इसे खोलने का प्रोसेस क्या है
By: एबीपी न्यूज | Updated at : 04 Sep 2021 11:13 AM (IST)
New Demat Account: देश में अगर आपको स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना है या कोई स्टॉक खरीदना है तो इसके लिए आपके पास डीमेट (Demat) अकाउंट होना अनिवार्य है. पिछले कुछ सालों में ट्रेडिंग और शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने को लेकर चलन काफी बढ़ गया है. मार्केट में ऐसी कई कंपनियां और ऐप मौजूद हैं जो आज लोगों को आसानी से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने की सुविधा मुहैया कर रही हैं. ऐसे में ये Demat अकाउंट भी काफी पॉप्यूलर हो गया है और आम लोगों के बीच भी इस अकाउंट को खुलवाने का चलन बढ़ गया है.
ये हैरत की बात नहीं है कि जहां पहले भारत में लोग अपनी सेविंग्स के लिए ट्रेडिशनल फिक्स्ड डिपॉजिट का इस्तेमाल करते थे. वहीं आज के दौर में इसकी जगह स्टॉक्स और शेयर इन्वेस्टमेंट ने ले ली है. आइए जानते हैं की हम आसानी से कैसे ये Demat अकाउंट खोल सकते हैं.
Demat Account क्या होता है?
डीमैट अकाउंट ऐसा अकाउंट होता है, जहां आप अपने शेयर इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रख सकते हैं. डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है. डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक एक डीमैट नंबर दिया जाता है शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? जिससे आप अपना ट्रेड उसमें सेटल कर सकते हैं.
इसका काम कुछ-कुछ बैंक अकाउंट जैसा होता है, जहां आप अपना पैसा डिपॉजिट और विदड्रॉ कर सकते हैं. इसी तरह इस अकाउंट में सिक्योरिटी रखी जाती है और जरूरत पड़ने पर डेबिट और क्रेडिट किया जाता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए आपके पास कोई शेयर हो, ऐसा कोई जरूरी नहीं है. आपके अकाउंट में ज़ीरो बैलेंस हो तो भी कोई दिक्कत नहीं है.
ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है?
डीमैट अकाउंट के उलट अगर आपको स्टॉक ट्रेडिंग करनी है तो आपको इसके लिए ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ेगी. स्टॉक शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? मार्केट में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयर में निवेश करना हो तो आप इस अकाउंट से इलेक्ट्रॉनिक तरीके से ट्रेडिंग कर सकते हैं.
1. डीमैट अकाउंट आपके शेयर और असेट को डिमैटिरियलाइज्ड फॉर्म में रखने वाला अकाउंट होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट को आपके बैंक और डीमैट अकाउंट के बीच का लिंक माना जा सकता है.
2. डीमैट अकाउंट जहां बस असेट स्टोर करने के लिए खुलवाया जाता है, इससे कोई ट्रांजैक्शन नहीं हो सकता. वहीं, ट्रेडिंग अकाउंट ट्रेड ट्रांजैक्शन करने के काम आता है.
3. डीमैट अकाउंट पर इन्वेस्टर्स को सालाना चार्ज देना होता है. ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, लेकिन चार्ज कंपनी पर भी निर्भर होता है कि वो आपसे चार्ज लेगी या नहीं.
डीमैट अकाउंट के बिना ट्रेडिंग अकाउंट, और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना डीमैट अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं. स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए ये दोनों ही अकाउंट जरूरी है. जब एक निवेशक शेयरों में ट्रेड करता है तो ये शेयर स्टोर करने के लिए उसे डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है.
हालांकि, अगर ट्रेडर बस ट्रेडिंग कर रहा है, जैसे कि वो इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग कर रहा है, तो वो ट्रेडिंग अकाउंट से भी हो जाता है, इसमें डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है.
Zerodha में शेयर मार्किट में अकाउंट कैसे बनाये?
हम आपको शेयर मार्केट में पैसा लगाने के लिए Zerodha में अकाउंट खोलने के ऑनलाइन तरीके के बारे में बताएंगे, जो देखने में काफी मुश्किल लगता है लेकिन यह आसानी से बन जाता है।
Zerodha का interface user friendly है जिससे कुछ ही मिनटों में Demat Account एक्टिवेट हो जाता है, खास बात यह है कि आपको किसी ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ते। Zerodha में ऑफलाइन व ऑनलाइन दोनों तरीके से अकाउंट खोले जाते हैं।
ऑफलाइन अकाउंट खोलने में लगभग 7 दिन का समय लगता है, वही ऑनलाइन अकाउंट 15 मिनट में खुल जाता है। Zerodha में अकाउंट खोलने के लिए आपको हमारे द्वारा बताए गए स्टेप्स को फॉलो करना होगा:
Step 1 – सबसे पहले Zerodha की ऑफिशियल वेबसाइट www.zerodha.com पर जाएं व sign up वाले ऑप्शन पर क्लिक करें। निचे इसकी link दी गयी है.
Zerodha मे अकाउंट खोलने के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
- Pan Card
- Aadhar Card
- Cancelled Cheque या बैंक के पासबुक के मुख्य पृष्ठ की फोटो
- Signature
- Passport Size Photo (scanned image)
शेयर मार्केट में पैसा लगाने शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? के लिए आप Zerodha के अलावा Angel Broking में भी अकाउंट खोल सकते हैं। यह आपकी पसंद पर निर्भर करता है।
Angel Broking में अकाउंट खोलने के लिए हमारे द्वारा बताए गए स्टेप को फॉलो करें:
Step 1 – सबसे पहले आप Angel Broking की ऑफिशियल वेबसाइट www.angelone.in पर विजिट करें।
Step 2 – अब स्क्रीन पर Open an Account का आइकन नजर आएगा वहां पर नाम, मोबाइल नंबर और current city फिल कर दें।
Step 3 – अब आपके मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा उसे फिल कर दें।
शेयर मार्केट मे अकाउंट खोलने के लिए योग्यता
आपने देखा ही है कि बैंक में अकाउंट खुलवाने के लिए कुछ ना कुछ योग्यता मांगी जाती है उसी प्रकार अगर आप शेयर मार्केट में अकाउंट खुलवाना चाहते है तो उसके लिए भी निम्न योग्यताएं होनी आवश्यक है:
- Share Market मे अकाउंट खुलवाने के लिए आपकी आयु 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आप भारत के निवासी होने चाहिए अगर आप भारतीय मूल के नहीं है तो आपको NRI Demat Account खुलवाना होगा।
- आपको अपने सभी दस्तावेज तैयार रखने होंगे क्योंकि दस्तावेजों के ना होने पर Demat Account खोलना संभव नहीं है।
शेयर मार्केट में अकाउंट बनाने के लिए कितना समय लगता है?
Share Market में अकाउंट बनाने के लिए 1 से 2 दिन का समय लगता है।
क्या ऑनलाइन शेयर मार्केट में अकाउंट बनाया जा सकता है?
जी बिलकुल आप ऑनलाइन Share Market में अकाउंट बना सकते हैं वो भी बहुत ही आसनी से।
शेयर बाजार का बनना है खिलाड़ी! सबसे पहले खुलवाएं डीमैट अकाउंट, जान लीजिए पूरी प्रक्रिया
What is Demat Account: पिछले कुछ सालों में निवेश के तौर तरीकों को लेकर बड़े पैमाने पर बदलाव देखने को मिला है. आम निवेशक भी अब बैंक, डाक घर आदि के निवेश विकल्पों के साथ-साथ शेयर बाजार का भी रुख कर रहे हैं. नई तकनीक के साथ चीजें अधिक डाइनामिक हो गई हैं. आज के समय में ई-कॉमर्स धीरे-धीरे पसंदीदा विकल्प बन रहा है और स्टॉक मार्केट के लिए भी ऐसा ही है. आप हर दिन जो काम करते हैं, उन्हें देखते हुए इक्विटी या डेट जैसे फाइनेंसेस को मैनेज करना आसान नहीं है. बाजार में निवेश को आसान और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव डिपॉजिटरी एक्ट 1996 के जरिए हुआ. इसमें सभी के लिए अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? का मैनेजमेंट केवल कुछ क्लिक जितना आसान बना दिया है. शेयरों या अन्य सिक्योरिटीज की फिजिकल कॉपी प्राप्त करने के बजाय उसे डिजिटल फॉर्म में एक डीमैट अकाउंट में रखने की सुविधा मिल गई. डीमैट अकाउंट आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का लाभ उठाने में मदद करता है जहां आप एक स्टैंडर्डाइज्ड इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम पर अपने फाइनेंशियल सिक्योरिटी रखते हैं.
डीमैट अकाउंट क्या है?
डीमैट अकाउंट शेयर मार्केट अकाउंट क्या है? एक बैंक खाते की तरह होता है. अंतर सिर्फ इतना है कि यह इलेक्ट्रॉनिक रूप में नकदी के बजाय स्टॉक से जुड़ा है. डीमैट खाता अपने ऑपरेटिव फंक्शन के लिए डीमैटरियलाइजेशन के कंसेप्ट का इस्तेमाल करता है. डीमैटरियलाइजेशन वह प्रक्रिया है जिसमें फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित हो जाते हैं. इस तरह, डीमैट अकाउंट एक छत की तरह है जिसके नीचे निवेशक के सभी शेयरों को कलेक्ट करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है. इनमें सरकारी सिक्योरिटी, म्यूचुअल फंड्स, शेयर, बॉन्ड आदि शामिल हैं.
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डीमैट अकाउंट को ऑनलाइन कैसे खोल सकते हैं?
- सबसे पहले, अपने पसंदीदा डिपॉजिटरी पार्टिसिपंट (ब्रोकर) की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
- सरल लीड फॉर्म भरें, जिसमें पूछे गए अनुसार अपना नाम, फोन नंबर और निवास स्थान की जानकारी दें. फिर आपको अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा.
- अगले फॉर्म को पाने के लिए ओटीपी दर्ज करें. अपने केवाईसी डिटेल्स जैसे जन्म तिथि, पैन कार्ड डिटेल्स, कॉन्टेक्ट डिटेल्स, बैंक अकाउंट डिटेल्स आदि भरें.
- अब आपका डीमैट अकाउंट खुल गया है. आपको अपने ईमेल और मोबाइल पर डीमैट अकाउंट नंबर जैसे डिटेल्स प्राप्त होंगे.
एक निवेशक के कई डीमैट खाते हो सकते हैं. यह एक ही डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (डीपी), या अलग-अलग डीपी के साथ हो सकते हैं. जब तक निवेशक सभी एप्लिकेशंस के लिए आवश्यक केवाईसी डिटेल्स प्रदान कर सकता है, तब तक वह आवेदक कई डीमैट अकाउंट ऑपरेट कर सकता है.
डीमैट अकाउंट क्या है ?
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की तरह है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के माध्यम से शेयरों और संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं।
डीमैट अकाउंट का अर्थ हम एक उदाहरण के माध्यम से समझ सकते हैं। मान लीजिए आप कंपनी X का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ का वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी शामिल है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी बार सर्टिफिकेट बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने के लिए भारत ने एनएसई पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली की शुरुआत की।