स्वैप मार्केट

तकनीकीभाषा में इसको पब्लिक स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क कहते हैं। यह मशीन बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन पर चल जाती है।
स्वैप मार्केट
रूस (Russia) के पास अभी भी करीब 300 अरब डॉलर की विदेशी करेंसी है, जो फॉरेन स्वैप मार्केट करेंसी स्वैप मार्केट में है। अगर इन्हें प्रतिबंध लगाकर जब्त किया जाता है या इन्हें प्रतिबंधों से बचाने के लिए अचानक से निकाल लिया जाता है, तो दोनों ही परिस्थिति में यह ग्लोबल मनी मार्केट (Money Markets) में भूचाल लाने के लिए पर्याप्त हैं।
क्रेडिट सुइस ग्रुप के स्ट्रैटजिस्ट जॉल्टन पॉज्सर (Zoltan Pozsar) ने बैंक ऑफ रसिया और फाइनेंशियल मार्केट के डेटा के अध्ययन के बाद यह पाया कि रूस ने ग्लोबल करेंसी मार्केट में करीब 300 अरब डॉलर (करीब 22,600 अरब रुपये) रखा हुआ है।
बायनेन्स लिक्विड स्वैप
बायनेन्स लिक्विड स्वैप तरलता के एक पूल पर आधारित है। स्वैप मार्केट प्रत्येक पूल में दो टोकन हैं, और टोकन की सापेक्ष मात्रा उनके बीच की कीमत निर्धारित करती है और हमेशा तब तक कारोबार किया जा सकता है जब तक कि स्वैप मार्केट पूल में संबंधित टोकन हों। बायनेन्स लिक्विड स्वैप मार्केट स्वैप बड़े लेनदेन के लिए अधिक स्थिर मूल्य और कम शुल्क प्रदान करता है।
लिक्विड ट्रेडिंग युग्म के एक पूल का चयन करें और पूल में राशि (संपार्श्विक (कोलैटरल)) जमा करें। स्वैप मार्केट सिस्टम वर्तमान ट्रेडिंग युग्म पूल के मूल्य अनुपात के अनुसार राशि को दो टोकन में बदल देगा और एक निश्चित मात्रा में पूल हिस्से के साथ तरलता पूल भर देगा। जोड़ने के बाद, पूल के हिस्से को किसी भी समय हटाया जा सकता है और हटाए गए पूल हिस्से को सेव किया जाएगा।
जोड़े गए टोकन पूल लेनदेन से शुल्क आय का एक हिस्सा प्राप्त करते हैं। साथ ही, जोड़े गए टोकन को BNB प्राप्ति फार्मिंग रिवार्ड मिलेगा। लेकिन जब बाजार में टोकन के मूल्य में बेतहाशा उतार-चढ़ाव होता है, तो पूल में हिस्से के धारक को मूल्य में समान लाभ का अनुभव नहीं हो सकता है, इसलिए जोड़ना जोखिम मुक्त गारंटी नहीं है और मूलधन सुरक्षित लाभ उत्पन्न नहीं करता है।
मार्केट में स्वैप मशीन की दस दिन में बढ़ी 15 फीसदी डिमांड
1000-500के पुराने नोटों की बंदी के बाद मार्केट में कैश के लिए बैंकों में लाइनें लगी हैं। कैश की कमी के बाद मार्केट में भी कारोबार पर असर पड़ा है। ऐसे में करंसी की कमी का तोड़ निकालने के लिए कैशलेस स्वैप मार्केट ट्रेड के विकल्प को व्यापारी अपनाने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इसके चलते करंसी की समस्या के बाद हिसार में बैंकों की स्वैप मशीन (प्वाइंट आॅफ सेल) की मांग बढ़ने लगी है।
विभिन्न अस्पतालों सहित कई व्यापारियों ने अब इंटरनेट मनी ट्रांसफर को अपनाना शुरू कर दिया है, वहीं कई इस बारे में सोच रहे हैं। नोटबंदी के बाद अब तक मात्र स्टेट बैंक आॅफ इंडिया के पास 85 स्वैप मशीनों की मांग चुकी है। पिछले छह सालों में यह बैंक हिसार में मात्र 600 स्वैप मशीन ही लगा पाया था। दूसरे बैंकों ने भी इस मशीन की मांग बढ़ने की बात स्वीकार की है। वहीं कुछ प्राइवेट कंपनियां भी मोबाइल एप की मदद से ऑनलाइन ट्रेड को बढ़ाने के लिए लोगों को जोड़ रही है।
Forex मार्केट में लिक्विडिटी उपलब्ध कराने के लिए RBI ने USD/INR के खरीद-बिक्री स्वैप की घोषणा की
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। RBI ने गुरुवार को कहा कि वह विदेशी विनिमय बाजार (Forex Market) में लिक्विडिटी उपलब्ध कराने के लिए 6 महीने स्वैप मार्केट के अमेरिकी डॉलर की बिक्री/खरीद के स्वैप की सुविधा उपलब्ध कराएगी। ये स्वैप नीलामी के जरिए विभिन्न किस्तों या चरणों में आयोजित किए जाएंगे। गुरुवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 74.34 के स्तर तक लुढ़क गया। स्वैप मार्केट आपको बता दें कि अक्टूबर में 2008 में रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर 74.48 तक गया था और आज का स्तर इसके काफी करीब है।
रियल एस्टेट कंपनियों ने घर खरीदारों को स्वैप स्कीम ऑफर की, क्या है यह स्कीम?
सुपरटेक और भूटानी जैसे बिल्डर भी ऐसी स्कीमों के साथ आ रहे हैं. कुछ ब्रोकरेज फर्में डेवलपर के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभा रही हैं. डेवलपरों का मकसद इसकी मदद से ग्राहकों से बैलेंस अमाउंट निकलवाना है जो वे प्रोजेक्ट पूरा होने और बेचने पर देते.
स्कीम के तहत घर खरीदार पहले डेवलपर को जो रकम दे चुके हैं, वह नई प्रॉपर्टी में कट जाएगी. ज्यादातर ग्राहकों ने कुल रकम का 20-30 फीसदी इन अटके प्रोजेक्टों में अपार्टमेंट खरीदने के लिए जमा किया है.
नोएडा की ब्रोकरेज फर्म इनवेस्टर्स क्लीनिक के संस्थापक हनी स्वैप मार्केट कत्याल ने कहा कि इस तरह पूरी तरह से अलग प्रोजेक्ट में स्विच करने के स्वैप मार्केट लिए खरीदारों को सिर्फ बाकी रकम देनी पड़ेगी. बिल्डरों की कुल कॉस्ट में मार्केटिंग, ब्रोकरेज और प्रॉफिट का हिस्सा 30 फीसदी होता है.