विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए?

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें
और यदि किसी Stock को Sale करते हैं तो वह स्टॉक ऊपर की ओर भागना शुरू कर देता है अर्थात भाव बढ़ना शुरू हो जाता है। परिणाम स्वरूप दोनों ही परिस्थितियों में ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ जाता है।

Intraday के लिए Stock कैसे चुने | intraday stock kaise select kare

Intraday के लिए Stock कैसे चुने– अच्छा कमाई करने के लिए सही शेयर का चुनना बहुत जरुरी हैं। आज हम जानेंगे अच्छा intraday stock kaise select kare कौन से ऐसे Criteria होना चाहिए जिसको फॉलो करने से आप ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमाई करने में आसानी हो।

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Intraday के लिए Stock कैसे चुने

Intraday Trading में आप बहुत ही कम समय के लिए काम करते हो। इसलिए आपका Stock Selection Perfect होना बहुत जरूरी हैं। आपको पहले दिन ही देखना चाहिए कौन से स्टॉक में आपको अगले दिन काम करना हैं। पहले से ही तैयारी करके रखना चाहिए। अगर मार्केट आपके हिसाब से काम करे तो आप अच्छा ट्रेड ले सको।

ज्यादा Liquidity स्टॉक चुने:- Intraday Trading में आपको सबसे पहले ज्यादा Liquidity वाले शेयर को ही चुनना चाहिए। Liquidity का मतलब जिस शेयर में Buyer और Seller ज्यादा होता हैं उसी को High Liquidity स्टॉक कहते हैं। अगर खरीदार और बेचनेवाले कम होंगे तब हो चकता है जिस वक्त आप शेयर को Sell करना चाहते हो उस वक्त आपको खरीदार ही ना मिले। इसलिए आपको Intraday के लिए ज्यादा Liquidity स्टॉक में ही ट्रेडिंग करना चाहिए।

ज्यादातर जो कंपनी बड़ी होती है उसमे उतना ही ज्यादा Buyer और Seller मजूद होता है। इसलिए आपको Large cap Stocks को सेलेक्ट करना चाहिए। इसमें आपको हर सेकंड पर खरीदार और बेचनेवाले मिल जायेंगे।

Top Gainers/ Top Loosers स्टॉक चुने:- आपको ट्रेडिंग करने के लिए पिछले दिन के ज्यादा बढ़नेवाले या गिरनेवाला शेयर को चुनना चाहिए। आपको आज ट्रेड करना है तो पिछले दिन के Gainers और Loosers स्टॉक के Chart को देखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक ऊपर या नीचे जाने का पहला दिन हैं। तो आपको एसी स्टॉक को Intraday के लिए लेना चाहिए।

intraday stock kaise select kare

सेक्टर के आधार पर:- मार्केट में पिछले दिन किन सेक्टर में ज्यादा ऊपर नीचे हुआ है। आपको उसमे नजर रखना चाहिए। ट्रेडिंग के दिन जिस भी सेक्टर में आपको ऊपर या नीचे जाते नजर आ रहा है। उस सेक्टर में ट्रेड लेना है ऊपर जा रहा है तो ऊपर का लेना है और नीचे जा रहा है तो नीचे का ट्रेड लेना हैं। आपको मार्केट के हिसाब से चलना चाहिए। जिस तरफ मार्केट जा रहा है उसी दिशा में आपको ट्रेडिंग करना हैं।

न्यूज़ पे असर वाले स्टॉक:- जब भी कोई न्यूज़ आता है उस स्टॉक के बारे में इसका असर शेयर प्राइस पर होते देखना चाहिए। अगर कोई अच्छी खबर आता है तो उसकी प्राइस बढ़ने चाहिए और बुरी खबर आता है तो गिरावट देखना चाहिए। ये होना इसलिए जरुरी है क्युकी कोई अच्छा न्यूज़ आता है उसकी प्राइस बड़ेगी और उसमे ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमाई कर पाओगे।

Intraday Stocks में क्या नहीं होना चाहिए

Small cap Stock नहीं होना चाहिए:- Intraday में आपको बिल्कुल Small cap Stock पर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। Mid cap भी अच्छा है लेकिन Large cap Stock सबसे अच्छा हैं Intraday Trading के लिए।

Upper circuit / Lower Circuit स्टॉक:- एसी स्टॉक में आपको बिल्कुल ट्रेडिंग नहीं करनी है जिसमे Upper circuit या Lower Circuit को जल्दी हित करे। अगर कोई भी Intraday Stocks में ये जल्दी लगेगा तो आपको शेयर Buy और Sell करने में प्रॉब्लम होगा। इसलिए आपको एसी स्टॉक से दूर रहना हैं।

मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा कैसे पता करे

Intraday Trading में मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा इसमें नजर रखना बहुत जरुरी हैं। आपको जानना बहुत जरुरी है मार्केट किस तरफ जाने की संभावना ज्यादा हैं। ऐसे में आपको Global मार्केट को देखना बहुत जरुरी हैं। ये देखना इसलिए जरुरी है क्युकी आम तौर पर ऐसा देखा गया है जब भी Global Market गिरता है Indian मार्केट भी गिरता हैं।

और ऐसा इसलिए भी होता है आज के जो मार्केट है एक दुसरे में लिंक हैं। बहुत सारे ऐसे कंपनी है जो भारत में भी लिस्टेड है और Global बाज़ार में भी लिस्टेड हैं। अगर उसमे प्राइस गिरता है तो इसमें भी इसका असर देखने को मिलता हैं। इसलिए आपको Intraday ट्रेडिंग से पहले Global Market को देखना चाहिए। जिससे उसके आधार पर आप एक अच्छा फैसला ले सके।

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Intraday Trading में नुकसान से बचने के लिए क्या करे

Stop Loss और Target जरुर लगाए:- Intraday Trading में Stop Loss और Target लगाना बहुत जरुरी हैं। अगर आप Stop loss नहीं लगायेंगे तो नुकसान होने की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। और Target नहीं लगाया तो हो चकता है एक बार में अच्छा प्रॉफिट हो लेकिन ज्यादातर आपको नुकसान का सामना करना पर चकता हैं। इसलिए दोनों ट्रेड एक साथ डालना बहुत जरुरी हैं।

लालश से दूर रहे:- ट्रेडिंग से पहले आपने जो भी टारगेट के लिए ट्रेड लिया है उसको हासिल होने के बाद आप प्रॉफिट बुक कर ले और ज्यादा लालश के चक्कर में ना पड़े। ज्यादा देर तक ट्रेडिंग करते रहोगे तो बाद में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाता हैं।

मेरी राय:-

शेयर मार्केट में Intraday Trading में बहुत ही रिस्क होता हैं। इसमें जितना जल्दी आप मुनाफा कमा चकते हो उतना जल्दी आप पैसा गवा भी चकते हो। अगर आपको यदि करना ही है तो सबसे पहले कम पैसे से सुरवात करना चाहिए। उतना ही पैसा ट्रेडिंग में लगाए जितना नुकसान होने पर भी ज्यादा फर्क ना पड़े। अगर आप practice और साथ साथ सीखते रहोगे तो जरुर एक सफल ट्रेडर बन पाओगे।

आशा करता हु आपको Intraday के लिए Stock कैसे चुने intraday stock kaise select kare पोस्ट को पढ़के अच्छी तरह से समझ गए होंगे कैसे एक अच्छा शेयर को चुने जाते हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे साथ बने रहना चाहिए।

[Intraday Trading] स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके

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और यदि किसी Stock को Sale करते हैं तो वह स्टॉक ऊपर की ओर भागना शुरू कर देता है अर्थात भाव बढ़ना शुरू हो जाता है। परिणाम स्वरूप दोनों ही परिस्थितियों में ट्रेडर को नुकसान उठाना पड़ जाता है।

इसलिए नए ट्रेडर हमेशा यही सोचते हैं कि काश कोई ऐसा तरीका उन्हें मिल जाए जिससे पहले से ही पता चल जाए कि आज के दिन कौन सा स्टॉक ऊपर जायेगा या फिर कौन सा स्टॉक नीचे जाएगा ?

दोस्तों, आज इस लेख के माध्यम से Traders की इसी उलझन को सुलझाने के लिए स्टॉक सेलेक्शन के इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें 2 आसन तरीके बताने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे ट्रेड लेने से पहले ही हमें पता चल जाएगा कि वह स्टॉक ऊपर की ओर जाएगा या फिर नीचे गिरेगा।

आपको शायद यह असंभव लग रहा होगा लेकिन ऐसा संभव है। हम बहुत ही आसान तरीके से और बहुत ही कम समय में इसका पता लगा सकते हैं,

तथा इस तकनीक को Live Market में अप्लाई कर के अच्छा खासा लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

इंट्राडे स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके ( 2 Easy Methods Of Stock Selection In Hindi )

स्टॉक चयन का पहला तरीका

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चयन के 2 आसान तरीकों मे से पहला तरीका बहुत सीधा और सरल है,

इसके अनुसार सुबह 9:15 पर जब बाजार खुलता है तो हमें बाजार को ध्यान से देखते रहना है और Trend समझने का प्रयास करना है।

आधे घंटे बाद यानी 9:45 पर हमें नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ( NSE ) की वेबसाइट को खोलकर लाइव मार्केट पर जाना है,

वहां से हमें आज के टॉप गेनर ( Top gainer ) और टॉप लूजर ( Top looser) को देखना है यहां हमे दोनों में पांच – पांच स्टॉक दिखाई पड़ेंगे,

यहां से हमको ऊपर के टॉप तीन बढ़ने वाले स्टॉक तथा टॉप तीन नीचे गिरने वाले स्टॉक को अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के वाच लिस्ट ( Wach List ) में लगाना रहेगा,

इसके बाद हमे यह देखना है कि जो तीन बढ़ने वाले स्टॉक है उनमें से जो स्टॉक अपने पिछले दिन के हाई को तोड़े, अर्थात पिछले दिन जो उसका अधिकतम भाव था यदि आज वह स्टॉक उसके ऊपर निकल रहा है तो वहां Trade ले लेना है,

तथा अपना Profit और Loss इंट्राडे ट्रेडिंग रिस्क – मैनेजमेंट लेख में बताए गए तरीके के अनुसार पहले से ही तय कर लेना है।

और जैसे ही वह स्टॉक हमारे तय प्रॉफिट वाले भाव पर पहुंच जाय तुरन्त ही अपनी पोजीसन बन्द कर देनी है।

ठीक इसी प्रकार नीचे गिरने वाले स्टॉक में ट्रेड ले सकते हैं,

जो तीन नीचे गिरने वाले स्टॉक को इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें वाच लिस्ट में लगा रखा है उनमें यह देखना है कि, जो स्टॉक पिछले दिन के लो अर्थात पिछले दिन उसका जो न्यूनतम भाव था उसके भी नीचे जा रहा है,तो उस स्टॉक में ट्रेड ले सकते हैं।

मतलब कि उस स्टॉक को सेल कर सकते हैं और अपने लक्ष्य पर पहुंचते ही पोजिशन बन्द कर देना है।

नए ट्रेडरों के लिए यहां ये जानना आवश्यक है कि इंट्राडे ट्रेडिंग में ब्रोकर हमे यह सुविधा देता है कि हम किसी स्टॉक को बिना खरीदे ही बेच सकते हैं।

दोस्तों, यदि आप एक इंट्राडे ट्रेडर हो तो आपको इससे कोई मतलब नही है कि बाजार ऊपर जाएगा या नीचे जायेगा।

बस आपकी अपनी रणनीति स्पष्ट होनी चाहिए तथा बाजार जिस दिशा में जा रहा है अपनी ट्रेडिंग भी उसी दिशा में होनी चाहिए।

स्टॉक चयन का दूसरा तरीका

साथियों, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक चयन के 2 आसान तरीके में दूसरा तरीका भी काफी आसान और काफी पुराना भी है।

इसमे हमे बस इतना करना है कि जब सुबह 9:15 पर मार्किट खुले तो अपने ट्रेडिंग चार्ट पर 15 मिनट का चार्ट टाइम फ्रेम लगा लेना है,

तथा ये देखना है कि जब किसी स्टॉक की 15 मिनट की हरी कैंडल पूरी हो जाती है और अगली कैंडल पिछली कैंडल के ऊपर खुल रही है तो आपको वहाँ खरीद की साइड का ट्रेड करना है।

स्टॉक-चयन-के-2-आसान-तरीके

और जब अपना लक्ष्य मिल जाए तुरंत अपनी पोजिशन कट करके अपना Profit बुक कर लेना है।

इसी प्रकार कोई 15 मिनट की लाल कैंडल जहाँ बन्द हुई है, तथा अगली कैंडल उसी के नीचे खुलना प्रारंभ कर रही हो तो ये समझ लेना चाहिए कि स्टॉक अभी और नीचे जायेगा ऐसे में हम वहां सेल की पोजीशन बना सकते हैं।

और अपना प्रॉफिट मिल जाने के बाद पोजिशन बंद कर के बाहर आ जाना है।

दोस्तों, इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक सेलेक्शन के यह कुछ आसान और सरल तरीके हैं जिसे कोई भी नया ट्रेडर आसानी से कर सकता है।

परन्तु इस बात का ध्यान रखना अति आवश्यक है कि हम इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें बाजार का Trend भी समझें, जिस ओर बाजार जा रहा हो उसी ओर ही हम भी ट्रेडिंग करें।

यदि बाजार में तेज़ी चल रही है तो खरीद की ही तरफ जाएं और यदि बाजार में मंदी चल रही हो तो Sale की ओर जाना ही उचित होता है।

बाजार की दिशा जानने के लिए निफ्टी ( Nifty ) को भी देखते रहना है क्योंकि Nifty को देखकर आसानी से Trend का पता लगाया जा सकता है।

दूसरी आवश्यक चीज ये है कि हम अपनी ट्रेडिंग रणनीति के प्रति एकदम स्पष्ट रहें तथा अनुशासित तरीके से ही ट्रेडिंग करे।

नए ट्रेडर के लिए जरुरी है कि शुरुआत में काफी कम मात्रा में ही शेयर की खरीद – बिक्री करे क्योंकि शुरुआत में भले ही आपको कम प्रॉफिट मिले परन्तु यदि एक बार आप इस बाजार के उतार – चढ़ाव तथा अन्य चीजों को समझ गए तो कल को आप इन्ही छोटी – छोटी रणनीतियों और तरीको से बहुत बड़ा पैसा बना सकते हैं।

उम्मीद है कि इंट्राडे के लिए स्टॉक चयन के जो 2 आसान तरीके बताए गए हैं उनसे जरूर आपको लाभ मिलेगा।

आने वाले अन्य लेखों में भी स्टॉक चयन की कुछ आसान विधियों की जानकारी दी जाती रहेगी, इसलिए आगे भी आप हमारे साथ बने रहें।

इस लेख से संबंधित अपने सुझाव या विचारों को कमेंट के माध्यम से हमें जरूर बताएं।

Intraday Trading के लिए सबसे बढ़िया स्टॉक कैसे चुनें?

Intraday Stock Selection Tips: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है। लेकिन सवाल आता है कि अपने लिए बेस्ट इंट्राडे स्टॉक का चयन कैसे करें? (How to choose the best intraday stock?) तो बताए गए टिप्स का पालन करके बेस्ट स्टॉक चुने।

Intraday Trading Tips in Hindi: इक्विटी मार्केट में मुनाफा कमाने के सबसे उम्दा तरीकों में से एक इंट्राडे ट्रेडिंग है, हालांकि यह काफी जोखिम भरा है, लेकिन इसमें रिटर्न काफी अच्छा है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है, Intraday Trading में एक ही ट्रेडिंग दिन में स्टॉक खरीदना (Buy) और बेचना (Sell) शामिल है।

अटक की कीमतों में उतार-चढ़ाव तेज होता है, इसलिए व्यापारियों के लिए उच्च स्तर के जोखिम और कम लाभ के लक्ष्य के प्रति सचेत रहना आवश्यक है। इंट्राडे ट्रेडिंग में बड़ी संख्या में छोटे-लाभकारी ट्रेड करना शामिल है, जो लंबे समय में जुड़ जाता है।

हालांकि जब Intraday Trading की बात आती है, तो सभी स्टॉक इस स्ट्रेटेजी के लिए सही विकल्प नहीं हो सकते हैं। इसलिए इस स्ट्रेटेजी के साथ आगे बढ़ने से पहले सही स्टॉक चुनना बहुत महत्वपूर्ण है। अब सवाल आता है कि अपने लिए बेस्ट इंट्राडे स्टॉक का चयन कैसे करें? (How to choose the best intraday stock?) यहां कुछ टिप्स बताए गए है जिनका अनुसरण करके आप Intraday Trading के लिए बढ़िया स्टॉक चुन सकते है।

1) लिक्विड स्टॉक की तलाश करें

ऐसे स्टॉक जिन्हें आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है, लिक्विड स्टॉक कहलाते हैं। जब इंट्राडे आधार पर स्टॉक ट्रेडिंग की बात आती है तो लिक्विडिटी बहुत बड़ी भूमिका निभाती है क्योंकि आप उन्हें उसी दिन खरीद और बेच रहे होंगे।

आमतौर पर लार्ज कैप और मिड कैप स्टॉक स्मॉल कैप कैटेगरी के शेयरों की तुलना में अधिक लिक्विड होते हैं। इसलिए, अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग के जरिए जल्दी मुनाफा कमाना चाहते हैं तो ऐसे शेयरों में बने रहने की सलाह दी जाती है।

2) अत्यधिक उतार-चढ़ाव वाले शेयरों से दूर रहें

अस्थिरता इस बात का सूचक है कि किसी शेयर का शेयर मूल्य कितनी जल्दी बदलता है। अत्यधिक अस्थिर स्टॉक आमतौर पर सेकंड या मिनटों के भीतर कीमतों को बहुत तेज़ी से बदलते हैं। और कम अस्थिरता वाले शेयरों की कीमत अधिक स्थिर होती है, जिसमें दोनों तरफ कम गति होती है।

Intraday Trading में भाग लेते समय मध्यम अस्थिरता वाले शेयरों से चिपके रहना एक अच्छा विचार है। यह न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि आपको कई ट्रेडों को जल्दी से करने की अनुमति भी देगा। हालांकि अत्यधिक अस्थिर शेयरों का कारोबार किया जा सकता है, लेकिन कीमत में बेतहाशा बदलाव के कारण वे बहुत जोखिम भरे हैं।

3) बाजार के रुझान के साथ चलने वाले शेयरों को चुनें

सभी शेयर बाजार के रुझान का पालन नहीं करते हैं। कुछ इसका विरोध भी कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि बेंचमार्क सूचकांक पॉजिटिव हैं, तो यह पॉजिटिव मार्केट प्रवृत्ति को दर्शाता है और इसके विपरीत, बाजार की प्रवृत्ति का पालन करने वाले शेयरों में व्यापार करने से मौजूदा प्रवृत्ति के विपरीत चलने वाले शेयरों में व्यापार की तुलना में मुनाफा कमाने का एक बेहतर मौका है। इसलिए, अगर बाजार का रुख सकारात्मक है, तो ऐसे शेयरों में बने रहने की कोशिश करें, जिनमें तेजी भी हो।

4) ऐसे स्टॉक चुनें जिनका डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार होता है

जब सबसे अच्छा इंट्राडे स्टॉक चुनते हैं, तो उन शेयरों से चिपके रहना एक अच्छा विचार है, जिनकी डेरिवेटिव सेगमेंट में उपस्थिति है। इस तरह के स्टॉक मध्यम रूप से अस्थिर और अत्यधिक तरल होते हैं, जो दो सबसे अच्छी विशेषताएं हैं जो आप इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक में चाहते हैं। वह सब कुछ नहीं हैं, जिन कंपनियों के शेयर डेरिवेटिव सेगमेंट में हैं, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करना भी कहीं अधिक आसान है क्योंकि वे प्रकृति में अधिक पारदर्शी होते हैं।

Conclusion -

ऊपर उल्लिखित सभी युक्तियों का उपयोग करके, आप कुछ ही समय में व्यापार करने के लिए सबसे अच्छा इंट्राडे स्टॉक जल्दी और आसानी से चुन सकते हैं। हालांकि स्टॉक ट्रेडिंग के साथ शुरुआत करने के लिए, आपके पास पहले एक डीमैट खाता होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग क्या है? इसके फायदे और नुकसान

स्विंग ट्रेडिंग क्या है? – स्विंग ट्रेड, स्टॉक का चयन कैसे करें? (Stock selection for swing trading) , फायदे, नुकसान, इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में अंतर, स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और जवाब

स्विंग ट्रेडिंग क्या है, swing trading kya hai

स्विंग ट्रेडिंग, ट्रेडिंग का वो तरीका है जिसमें कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक किसी स्टॉक (या किसी फाइनेंसियल इंस्ट्रूमेंट) में निवेश करके प्रॉफिट बनाया जाता है।

स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक का चयन करते समय Technical Analysis के अलावा Fundamental Analysis का भी उपयोग किया जाता है।

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स्विंग ट्रेडिंग क्या है? | Swing Trading in Hindi

आसान भाषा में कहें तो स्विंग ट्रेडिंग में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र में मध्यम या छोटी अवधि के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है, लेकिन आमतौर पर स्विंग ट्रेडिंग में ये होल्डिंग पीरियड कई हफ्तों या कुछ महीनों से अधिक नहीं होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग का टारगेट कम समय में शेयर का प्राइस बढ़ने पर प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना है। स्विंग ट्रेडिंग में कुछ ट्रेडर काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक की तलाश करते हैं, तो कुछ स्टेबल रहने वाले स्टॉक को सेलेक्ट करते हैं लेकिन दोनों ही कंडीशन में टारगेट अल्प अवधि में प्रॉफिट बुक कर लाभ कमाना ही होता है।

एक अच्छा स्विंग ट्रेडर किसी एक स्टॉक से बहुत ज्यादा प्रॉफिट की उम्मीद नहीं रखता बल्कि छोटे प्रॉफिट को बुक कर अपने दुसरे स्टॉक की तलाश शुरू कर देता है।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए अच्छे स्टॉक का चयन कैसे करें?

एक स्विंग ट्रेडर के तौर पर आपको ये बिल्कुल साफ़ होना चाहिए कि आपको कितने प्रतिशत प्रॉफिट के बाद निकल जाना है, 4 से 15% का प्रॉफिट स्विंग ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त है लेकिन ट्रेड लेने से पहले आपको ध्यान रखना है कि आपको केवल ऐसे स्टॉक का चयन करना है जिसका फंडामेंटल स्ट्रांग हो।

आपको स्विंग ट्रेड लेने से पहले रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो को भी ध्यान में रखना होगा। जैसे मान लीजिए आपने कोई ट्रेड लिया जिसमें हर शेयर में आप ज्यादा से ज्यादा 100 रुपए का रिस्क लें सकते हैं और कम से कम प्रति शेयर 300 रुपए के प्रॉफिट के बाद ही आप पोजीशन से एग्जिट लेंगें। 100 रुपए का रिस्क लेकर केवल 75 रुपए का प्रॉफिट लेकर निकल जाना बिल्कुल भी बुद्धिमानी नहीं है। आप चाहे तो टोटल इन्वेस्ट किए गए Amount के परसेंटेज के आधार पर भी रिस्क और रिवॉर्ड तय कर सकते हैं। यानी तब आपका रिस्क-रिवॉर्ड रेश्यो 1:3 का होना चाहिए।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक सिलेक्ट करते समय इन बातों को जरूर ध्यान दें-

  • स्विंग ट्रेड के लिए आप Friday को मार्केट बंद होने के बाद Friday, Saturday या Sunday किसी भी दिन स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
  • स्विंग ट्रेड सिलेक्ट करते समय ध्यान रखें की केवल 100 रुपए से ऊपर वाले स्टॉक को ही सेलेक्ट करें क्योंकि हमें पैनी स्टॉक्स से बचना है। ऐसा इसलिए क्योंकि पैनी स्टॉक्स को Operators द्वारा आसानी से Manipulate किया जा सकता है।
  • स्टॉक में अच्छा वॉल्यूम होना चाहिए यानी ऐसा शेयर जिसमें बेचे और खरीदे जाने वाले शेयर की संख्या यानी वॉल्यूम ज्यादा है।
  • Upper और Lower सर्किट लगने पर स्टॉक को Ignore करना चाहिए क्योंकि उस पर हमारा Control नहीं होता है।
  • स्विंग ट्रेडिंग के लिए हमें ऐसे स्टॉक का चयन करना चाहिए जिसका फंडामेंटल स्ट्रांग है और शेयर ने पिछले हफ्ते निफ़्टी या सेंसेक्स से ज्यादा रिटर्न दिया है।
  • ऐसे स्टॉक को सिलेक्ट करें जिनका मार्केट कैप 1000 करोड़ से ज्यादा है।
  • स्टॉक अपने 52 वीक हाई के आसपास होना चाहिए, अगर स्टॉक अपने 52 वीक हाई से लगभग 10-15% नीचे है तो आप ऐसे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।
  • शुरुवात में आप कोशिश कीजिए की आप मार्केट कैप के अनुसार Top 100 कम्पनीज में से ही स्टॉक सिलेक्ट करें।
  • जो भी स्टॉक आपने सिलेक्ट किया है उसका कैंडल चार्ट Open करके उसका Resistance और Support लेवल नोट कर लें और उसी के अनुसार एंट्री और एग्जिट लें।

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान

स्विंग ट्रेडिंग के फायदे

  • स्विंग ट्रेडिंग में आपको कम समय में प्रॉफिट मिल जाता है।
  • कम प्रॉफिट का टारगेट होने के कारण टारगेट हिट करने की संभावना बहुत बढ़ जाती है।
  • स्टॉक में एंट्री लेने के लिए उसके गिरने का इंतज़ार नहीं करना पड़ता।
  • स्टॉक के फंडामेंटल स्ट्रांग होने के कारण नुकसान होने की संभवना कम होती है।
  • यह एक लेस स्ट्रेस यानी कम तनाव वाली ट्रेडिंग है।
  • अगर आप शेयर बाजार में नए हैं तो भी इसे Try कर सकते हैं।

स्विंग ट्रेडिंग के नुकसान

  • शार्ट टर्म में एग्जिट लेने के कारण आपको बड़ा प्रॉफिट नहीं मिल पता है।
  • स्टॉक से जुडी रोजाना आने वाली हर छोटी बड़ी खबर से शेयर के प्राइस में उतार-चढ़ाव आता है।
  • एक दिन से ज्यादा होल्ड करने के कारण शेयर में गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।
  • डे ट्रेडिंग करने वालों को धैर्य के साथ स्टॉक में बने रहने में प्रॉब्लम आती है।

इंट्राडे ट्रेडिंग और स्विंग ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

स्विंग ट्रेडिंग और इंट्राडे ट्रेडिंग के बीच का अंतर (Swing trading vs Day trading) आमतौर पर होल्डिंग टाइम का है। स्विंग ट्रेडिंग में अक्सर कम से कम एक दिन से ज्यादा के लिए शेयर को होल्ड किया जाता है, जबकि डे ट्रेडिंग में बाजार बंद होने से पहले पोजीशन को क्लोज करना होता हैं।

क्योंकि हमें स्विंग ट्रेडिंग में एक दिन से ज्यादा के लिए पोजीशन को होल्ड करना होता है इसलिए हमें गैप अप और गैप डाउन का भी सामना करना पड़ता है।

स्विंग ट्रेडिंग से जुड़े सवाल और इनके इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें जवाब

सवाल – स्विंग ट्रेडिंग में हम अपने पोर्टफोलियो में स्टॉक को कितने दिन तक रख सकते हैं

जवाब – आमतौर पर स्विंग ट्रडिंग में आप स्टॉक को 1 दिन से ज्यादा या कुछ हफ्ते तक रख सकते हैं लेकिन कोशिस करें की आपको स्टॉक को 3 हफ्ते से ज्यादा होल्ड ना करना पड़े।

स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक कैसे चुने?

स्विंग ट्रेडिंग के लिए ऐसा स्टॉक चुने जो अपने 52 वीक हाई के आसपास हो, अगर स्टॉक अपने 52 वीक हाई से लगभग 10-15% नीचे है तो आप ऐसे स्टॉक का चयन कर सकते हैं।

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उम्मीद करते हैं आपको स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing trading in hindi) और उससे जुडी जानकारी अब मिल गयी है, अगर अभी भी आपका कोई सवाल है तो आप कमेंट करके हमें बता सकते हैं, धन्यवाद।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ? Intraday Trading se paise kaise kamaye ? Intraday Trading meaning in hindi.

दोस्तो शेयर बाज़ार की बात जब भी कोई करता है तब अमूमन आपके मन में यही विचार आता होगा कि बाज़ार में पैसा लगाकर जब तक लंबा इंतजार न करें, मुनाफ़ा कमाना संभव नहीं इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें होता। लेकिन हम आपको बता देना चाहते हैं कि ऐसा बिल्कुल भी ज़रूरी नहीं। इस लेख में हम intraday trading kya hai? जानने के साथ-साथ इंट्राडे ट्रेडिंग टिप्स इन हिंदी (intraday trading tips in hindi) के बारे में भी जानेंगे।

दरअसल शेयर बाज़ार अपने निवेशकों को 1 दिन में भी यानि कि इंट्राडे ट्रेडिंग में भी मुनाफ़ा कमाने का भरपूर मौक़ा देता है। आप सोच रहे होंगे कि इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है? तो बता दें कि बाज़ार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर ख़रीदने और बेचने की प्रक्रिया को इंट्रा डे ट्रेडिंग कहते हैं।

इस ट्रेडिंग के अंतर्गत शेयर बाज़ार में सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है। यहाँ शेयर ख़रीदा तो जाता है लेकिन उसका मक़सद निवेश करना नहीं होता, बल्कि एक दिन में उसमें जितनी भी बढ़त मिले, उस बढ़त से मुनाफ़ा कमाना होता है। ध्यान रहे कि इसमें ज़रूरी नहीं कि आपको मुनाफ़ा ही हो।

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें इन हिंदी | intraday trading kaise kare in hindi

शेयर बाज़ार में इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें? तो इसके लिए सबसे पहले तो आपके नाम पर डीमेट एकाउंट और एक ट्रेडिंग एकाउंट होना चाहिए। इस एकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फ़ोन पर ऑर्डर देकर ट्रेडिंग कर सकते हैं। या ख़ुद से ऑनलाइन ट्रेडिंग भी कर सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग एक ऐसा ऑप्शन है जिसमें आप कम से कम समय में ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। यदि आप भी सोच रहे हैं कि शेयर मार्केट इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे कैसे कमाएं? how to start intraday trading in hindi तो यह लेख बिल्कुल आपके लिये ही है।

इंट्राडे ट्रेडिंग को यदि बेहतर जानकारी और संयम के साथ किया जाए तो इसमे कोई संदेह नहीं कि आप घर बैठे अच्छा ख़ासा पैसा कमा सकते हैं। आइये हम इंट्राडे ट्रेडिंग share market intraday trading in hindi को सरल भाषा में समझने का प्रयास करते हैं। प्रतिदिन शेयर मार्केट से 1000 से 2000 कैसे कमाएं? जानने के लिए क्लिक करें।

दरअसल इंट्राडे ट्रेडिंग में ट्रेडर्स अपने पसंदीदा शेयरों को एक ही दिन में ख़रीदते और बेचते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग टाइम (intraday trading time) की बात करें तो यदि इक्विटी मार्केट में ट्रेडिंग करनी हो तो यह ट्रेडिंग आपको सुबह 9.30 बजे से दोपहर के 3.30 बजे तक करनी होगी। लेकिन यदि आपको कमोडिटी मार्केट commodity market में ट्रेडिंग करनी हो तो इसका ट्रेडिंग टाइम सुबह 9 बजे से रात 11.30 बजे तक का होता है।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए कुछ ज़रूरी बातें क्या हैं? | इंट्राडे ट्रेडिंग में कई जाने वाली सावधानियाँ

इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कुछ ज़रूरी बातें (intraday me savdhaniya) जानना अत्यंत आवश्यक है। आइये जानते हैं ये ज़रूरी सावधानियाँ क्या हैं-

इंट्राडे ट्रेडिंग में सबसे महत्व पूर्ण बात यही है कि आपको यह पता होना चाहिए कि किस स्टॉक को खरीदना या बेचना ज़्यादा बेहतर होगा। किस स्टॉक का परफॉर्मेंस इस समय बेहतर है? यदि आपने इन बातों की जानकारी ठीक ढंग से ले ली है। तो आपको मुनाफ़ा कमाने से कोई नहीं रोक सकता।

किसी भी शेयर को ख़रीदने से पहले उसका तकनीकी विश्लेषण (technical analysis) करना बेहद ज़रूरी होता है। तभी आप उपयुक्त स्टॉक ख़रीदकर आसानी से मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करते समय, ख़ासकर इंट्राडे ट्रेडिंग में एंट्री करते समय यह सबसे महत्वपूर्ण होता है कि आप किसी समय में मार्केट में एंट्री ले रहे हैं। क्योंकि सही समय में ली गयी एंट्री आपको कभी-कभी कम समय में ज़्यादा मुनाफ़ा कमाने का मौका दे देती है। वरना ग़लत समय में ली गयी एंट्री आपको इंट्राडे में नुक़सान भी पहुँचा सकती है। या फ़िर आपको कई दिनों तक इंतज़ार करना पड़ सकता है। जो कि रिस्की भी हो सकता है।

जब भी आप इंट्राडे ट्रेडिंग करें तो इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि कोई इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें भी ट्रेड बिना किसी टारगेट के न करें। ज़्यादा लालच करने के बजाय एक निर्धारित लक्ष्य ज़रूर तय कर लें। इससे आप इंट्राडे ट्रेडिंग में निश्चित रूप से मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

शेयर मार्केट में कमाई की बात करें तो आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि जिस इनकम के लिए लोग अपना घर, अपना शहर छोड़कर नौकरियाँ करते हैं। उतनी या उससे भी कहीं ज़्यादा इनकम घर बैठे कमा सकते हैं। यही कारण होता है कि इसमें लालच बढ़ने लगता है। लोग अनलिमिटेड पैसा कम से कम समय में एक साथ कमाना चाहते हैं। जिसका परिणाम घातक हो सकता है। आप कमाने के बजाय भारी नुक़सान में भी जा सकते हैं।

शेयर में पैसा कमाना है तो आपको मार्केट के न्यूज़ से अपडेट रहना ज़रुरी होता है। मार्केट से आप जितना ज़्यादा अपडेट रहेंगे उतना ही ज़्यादा आप मुनाफ़ा कमा सकते हैं।

शेयर मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करनी हो तो याद रखें कि कोई भी ट्रेड करते समय एक सीमा में रहकर ही ट्रेड करने की कोशिश करें। डीमैट एकॉउंट में जितना एमाउंट जमा हो, उससे कम एमाउंट के ही ट्रेड ख़रीदें। वर्ना आपको मार्जिन की समस्या आ सकती है। ऐसा करने से आप आसानी से होल्ड भी कर सकते हैं।

इंट्राडे ट्रेडिंग में अच्छी कमाई करनी हो तो ट्रेड छोटे-छोटे करें। शुरुआत में छोटे-छोटे मुनाफ़े ही आपका आत्मविश्वास बढ़ाते हैं। ज़्यादातर लोग जब मुनाफ़ा हो रहा होता है तब उस मुनाफ़े को और भी ज़्यादा बड़ा बनाने के चक्कर में मुनाफ़ा बुक नहीं करते। जिस कारण कभी-कभी मुनाफ़े का उल्टा बड़ा नुक़सान भी हो जाता है। इस बात को गाँठ बांध लें कि बाज़ार आपको जितना मुनाफ़ा दे रहा है उसे स्वीकार करें।

उम्मीद है यह लेख "intraday trading क्या है? इंट्राडे ट्रेडिंग से पैसे इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक का चयन कैसे करें कैसे कमाएं?" ज़रूर पसंद आया होगा। इस लेख में intraday trading strategies in hindi के संबंध में बतायी गयी जानकारी आपके लिए ज़रूर उपयोगी साबित होगी। इसे पढ़ने के बाद आप अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग में ज़रूर सुधार लाएँगे। साथ ही बेहतर मुनाफ़ा कमाकर शेयर मार्केट का लुत्फ़ उठाएंगे।

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