निवेशकों के लिए अवसर

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने किया “कृषि निवेश पोर्टल” बनाने का शुभारंभ
नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ आज कृषि भवन, नई दिल्ली में बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की सह-अध्यक्ष मेलिंडा फ्रेंच गेट्स की बैठक हुई। इस दौरान तोमर ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा एकीकृत “कृषि निवेश पोर्टल” बनाए जाने का शुभारंभ किया। बैठक में तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, देश में महिला किसानों को और बढ़ावा देने पर सरकार का पूरा फोकस है।
बैठक में तोमर ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनेक चुनौतियां हैं, जिनके समाधान के लिए भारत सरकार प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कुशलतापूर्वक सतत् काम कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में छोटे किसानों की संख्या ज्यादा है, सरकार का मानना है कि इनकी ताकत बढ़ेगी तो कृषि क्षेत्र और उन्नत होगा व उत्पादन भी बढ़ेगा। इस दिशा में सरकार काम कर रही है। तोमर ने कहा कि भारत में कृषि क्षेत्र में सामान्यतः परंपरागत कृषि पद्धति चलती थी, अब वर्तमान परिप्रेक्ष्य में कृषि क्षेत्र में निवेश की आवश्यकता है, जिसके मद्देनजर सरकार ने अनेक सुधार किए हैं। कृषि में टेक्नालाजी का समावेश किया है और पात्र किसानों को पारदर्शिता से पूरी सहायता मिलें, इस दृष्टि से देश में डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन भी प्रारंभ किया गया है। तोमर ने बताया कि कृषि में निवेश और बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार ने आत्मनिर्भर भारत अभियान में कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए डेड लाख करोड़ रु. से अधिक के विशेष पैकेजों का प्रावधान कर इन पर काम प्रारंभ किया है, जिनमें एक लाख करोड़ रु. का कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड भी शामिल है। इन पर अमल होने से भारतीय कृषि क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा।
तोमर ने कहा कि भारत निवेशकों के लिए अवसर में कृषि क्षेत्र में बड़ी संख्या में महिलाएं भी काम कर रही है, जिनकी संख्या बढ़ाने एवं इनकी निरंतर प्रगति के लिए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भी महिला किसानों के सशक्तिकरण की योजना चला रहा है। जिसमें कृषि मंत्रालय मददगार हैं, वहीं कृषि मंत्रालय महिला किसानों के उत्थान के लिए अपने बजट का निश्चित हिस्सा खर्च करता है। तोमर ने कहा कि “कृषि निवेश पोर्टल” कृषि क्षेत्र में निवेश की दृष्टि से मील का पत्थर साबित होगा, जो कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों से संबंधित विभिन्न विभागों द्वारा कार्यान्वित विभिन्न सरकारी योजनाओं से लाभ प्राप्त करने के लिए कृषि- निवेशकों हेतु केंद्रीकृत वन स्टॉप पोर्टल के रूप में बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए यह पोर्टल दर्पण सिद्ध होगा, उन्हें इससे काफी सहायता मिलेगी। तोमर ने गेट्स फाउंडेशन द्वारा भारत में विविध क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई कि फाउंडेशन द्वारा भारत में कृषि क्षेत्र में भी काम करना अच्छा अनुभव सिद्ध होगा।
मेलिंडा ने कहा कि कृषि मंत्रालय के साथ काम करके उन्हें खुशी होगी। उन्होंने कहा कि फाउंडेशन कई देशों में काम कर रहा है और भारत में उन्हें अच्छा अनुभव हुआ है। मेलिंडा ने भारत को जी-20 की अध्यक्षता मिलने पर प्रसन्नता जताई व सदैव मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त निवेशकों के लिए अवसर की। बैठक में कृषि सचिव मनोज अहूजा, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के महानिदेशक डॉ. हिमांशु पाठक ने भी विचार रखें। संयुक्त सचिव प्रवीण सैमुअल ने प्रेजेन्टेशन दिया। इस अवसर पर कृषि मंत्रालय के अन्य अधिकारी तथा भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) एवं गेट्स फाउंडेशन के भारतीय कार्यालय के प्रतिनिधि भी मौजूद थे।
2 हजार करोड़ के इंवेस्टमेंट का टारगेट
वाराणसी ( ब्यूरो ) । यूपी की नई इंडस्ट्रियल पॉलिसी नए साल में प्रदेश में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखने जा रही है । योगी सरकार उत्तर प्रदेश को ब्रांड यूपी के रूप में विकसित कर रही है । सरकार की ओर से आगामी वर्ष 2023 में यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है । इसमें वाराणसी के टेक्सटाइल इंडस्ट्री में 2000 करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य रखा गया है । ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में प्रदेश के विभिन्न सेक्टर में निवेश के लिए देश - विदेश से निवेशक जुटेंगे , ऐसे में हथकरघा व वस्त्रोद्योग को गति देने के लिए भी बड़े पैमाने पर निवेश की उम्मीदें हैं .
संपर्क साधने में जुटा विभाग
हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग , वाराणसी परिक्षेत्र के सहायक आयुक्त अरुण कुमार कुरील ने बताया कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में भाग लेने वाले निवेशकों के सामने विभाग अपनी नीतियों , योजनाओं व कार्यक्रम के बारे में जानकारी देगा । साथ ही उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गार्मेंटिंग पॉलिसी -2022 के समस्त नीतियों , कार्यक्रमों का प्रचार प्रसार होगा । विभाग की ओर से उद्यमियों , औद्योगिक संगठनों , बैंक और स्टैक होल्डर्स से मिलकर निवेश के लिए प्रेरित करने कार्य किया जा रहा है । हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग विभाग की ओर से इसके लिए हेल्प लाइन भी खोला है .
दो सौ करोड़ के निवेश का प्रस्ताव
औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को लेकर कार्ययोजना तैयार की गई है । सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग ने बताया कि अभी तक दो सौ करोड़ के निवेश का प्रपोजल आ चुका है । वाराणसी को दिए गए 2 हजार करोड़ के लक्ष्य में टेक्सटाइल से संबंधित सभी उद्योग शामिल होंगे , जिसमें बनारसी साड़ी , कालीन , जूट से निर्मित सामान , रंगाई , छपाई , डिज़ाइनिंग , एम्ब्रॉयडरी फैब्रिक , रेशम उत्पादन , गारमेंट्स , टेक्नोलॉजी आदि होंगे .
बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
बता दें कि ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिए उत्तर प्रदेश को वैश्विक निवेश केंद्र बनाने पर फोकस किया जा रहा है । सरकार पुरानी नीतियों में परिवर्तन करके निवेशकों के अनुकूल नई आकर्षक , सुगम , सरल और सुविधाजनक एमएसएमई नीति - 2022, टेक्सटाइल नीति -2022 व इंडस्ट्रियल नीति -2022 की घोषणा पहले ही कर चुकी है । युवाओं व युवतियों को नया रोजगार प्रारंभ करने के लिए वित्तीय सुविधाएं - हथकरघा पावरलूम की स्थापना , डिज़ाइन और विपणन क्षेत्र में नये रोजगार की अपार संभावनाएं होंगी । उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने में सरकार की नई औद्योगिक नीति और ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट काफी उपयोगी साबित होने वाला है .
Global Investors Summit: 1.68 लाख करोड़ रुपये के आए निवेश प्रस्ताव, ₹1.25 लाख करोड़ के MoU हुए फाइनल
Global Investors Summit: निवेश सारथी डैशबोर्ड के अनुसार, पोटर्ल के जरिए निवेशकों के साथ कुल 148 एमओयू अब तक साइन किए जा चुके हैं। इन 148 एमओयू के जरिए सरकार को कुल ₹125,885 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
Global Investors Summit (Social Media)
Global Investors Summit: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने फरवरी में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 (जीआईएस-23) में ₹10 लाख करोड़ के निवेश का लक्ष्य रखा है। अभी जीआईएस-23 को दो माह से ज्यादा का वक्त बचा है और सरकार द्वारा शुरू किए गए पोर्टल निवेश सारथी के माध्यम से उसे 30 नवंबर तक ₹1.68 लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। महत्वपूर्ण बात ये है कि इसमें से ₹1.25 लाख करोड़ के एमओयू हो चुके हैं। इन एमओयू के जरिए 5.5 लाख से ज्यादा रोजगार के अवसर पैदा होने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की देश को 5 ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने की मंशा के अनुरूप उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए 10 से 12 फरवरी के मध्य राजधानी लखनऊ में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया जा रहा है।
बड़ी संख्या में सृजित होंगी नौकरियां
निवेश सारथी डैशबोर्ड के अनुसार, पोटर्ल के जरिए निवेशकों के साथ कुल 148 एमओयू अब तक साइन किए जा चुके हैं। इन 148 एमओयू के जरिए सरकार को कुल ₹125,885 लाख करोड़ के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं।
इन एमओयू के जरिए होने वाले निवेश से उत्तर प्रदेश में 5,63,496 नौकरियों के सृजन की संभावना है। इन एमओयू से इतर, पोर्टल के जरिए अब भी 315 निवेश के प्रस्ताव ऐसे हैं जो अभी एमओयू की प्रक्रिया में आगे बढ़ रहे हैं। अगर इनके साथ भी एमओयू होता है तो उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में युवाओं के लिए नौकरी के अवसर सामने आएंगे।
प्राप्त हुए कुल 472 इंटेंट
जानकारी के अनुसार, पोर्टल पर 30 नवंबर तक निवेशकों की ओर से कुल 472 इंटेंट प्राप्त किए गए हैं। इन इंटेंट का प्रस्तावित निवेश ₹1,68,759 लाख से भी ज्यादा का है। यदि ये सभी इंटेंट एमओयू निवेशकों के लिए अवसर और निवेश में तब्दील हो जाएं तो इनसे 6,79,338 नौकरियों का सृजन संभव है।
जानकारी के मुताबिक, करीब 6 इंटेंट ऐसे रहे जिनकी प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो सकी। ₹30,395 लाख के इंटेंट रिजेक्ट कर दिए गए, जबकि निवेशकों की ₹3,920 लाख के 4 इंटेंट की क्वेरीज फिलहाल पेंडिंग है।
महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा निवेश सारथी
इस बार की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट पहले आयोजित हुईं इन्वेस्टर्स समिट से हटकर होने जा रही है। हर बार निवेशक खुद ही सरकार को एप्रोच करता है, लेकिन इस बार सरकार स्वयं निवेशकों को एप्रोच कर रही है और उन्हें उत्तर प्रदेश में निवेश लायक परिस्थितियों से रूबरू करा रही है।
इसके लिए सरकार की ओर से निवेश सारथी के नाम से एक पोर्टल की शुरुआत की गई है। इस पोर्टल के जरिए ही निवेशक प्रदेश में निवेश का अपना इंटेंट दाखिल कर रहे हैं और यहां संबंधित विभाग से जुड़े नोडल अधिकारी उन्हें व्यापार और निवेश से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध करा रहे हैं।
नोडल अधिकारी इंटेंट फाइल करने वाले निवेशकों का फॉलो-अप भी कर रहे हैं। उन्हें एमओयू तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है। सरकार की इस बदली हुई एप्रोच का ही नतीजा है कि आधिकारिक रूप से लांच होने से पहले ही इस पोर्टल पर सरकार को सवा लाख करोड़ से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव मिल गए थे। उम्मीद की जा रही है कि सरकार ने जो लक्ष्य तय किए हैं, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-23 की शुरुआत तक सरकार उसके काफी करीब पहुंच जाएगी।
सभी इंसेटिव्स मिलेंगे ऑनलाइन
निवेश सारथी के साथ ही एक अन्य पोर्टल निवेश मित्र भी महत्वपूर्ण भूमिका में होगा। यह पोर्टल निवेशकों के इंसेटिव्स को इंसेंटिव्स ऑनलाइन ही प्रोसेस कर देगा। निवेशकों को इंसेटिव्स के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने होंगे।
इसके लिए सरकार ने पोर्टल पर ऑनलाइन इंसेंटिव्स मैनेजमेंट सिस्टम (ओआईएमएस) की शुरुआत की है। इसके जरिए इंसेंटिव्स की प्रक्रिया, स्वीकृति एवं भुगतान किया जाएगा।
पोर्टल को इस तरह विकसित किया गया है कि यह स्वतः व्यापार की प्रवृत्ति को समझकर संबंधित विभाग की नीति के तहत मिलने वाले इंसेंटिव्स को अप्लाई करने का अवसर देगा। पोर्टल यह भी सुनिश्चित करेगा कि संबंधित विभाग में इंसेंटिव की प्रक्रिया का ऑनलाइन निस्तारण हो और प्रत्येक स्तर पर निवेशक इसके स्टेटस को ट्रैक कर सके।
एलोन मस्क और पीटर थिएल ‘वोक’ निवेश पर गलत क्यों हैं I
रिकॉर्ड स्तर पर, निवेशक अपने निवेश को अपने मूल्यों और स्थिरता लक्ष्यों के साथ संरेखित कर रहे हैं। निवेश बैंक और कंपनियां अपने शेयरधारकों और ग्राहकों की पर्यावरण, सामाजिक और शासन (ESG) के अधिक विचारों के लिए सुन रहे हैं और बाजार की मांग को पूरा करने के लिए अपनी निवेश रणनीति को समायोजित कर रहे हैं। फिर भी, उसी समय, प्रभावशाली व्यापारिक नेता ईएसजी और प्रगति को कम करने की कोशिश करने के लिए अपनी वित्तीय शक्ति का उपयोग कर रहे हैं। एलोन मस्क हाल ही में ईएसजी को “द डेविल” कहा जाता है और पीटर थिएल, बिल एकमैन, और विवेक रामास्वामी सहित ईएसजी विरोधी कार्यकर्ता निवेशक कंपनियों को हर कीमत पर मुनाफे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए मजबूर करने के लिए अभियान चला रहे हैं।
अधिकांश निवेशकों के बीच युद्ध रेखाएँ खींची गई हैं जो ESG निवेश विकल्प चाहते हैं और कुछ सबसे गहरी जेबें हैं जो अच्छा करने और अच्छा करने के लिए अपने भाग्य की परवाह करती हैं।
व्यवसायों के लिए, यह एक पक्ष चुनने का समय है, और कार्रवाई का सही तरीका सार्थक और सत्यापन योग्य ईएसजी कार्रवाई शुरू करना है। ईएसजी विरोधी कार्यकर्ताओं का उनकी पुरातन सोच से मनोरंजन करना भविष्य को जोखिम में डालता है और निवेशकों के लिए अवसर कंपनी को अधिकांश शेयरधारकों, कर्मचारियों और ग्राहकों के साथ संघर्ष में डालता है।
ईएसजी निवेश का 2021 में एक बैनर वर्ष था, जिसमें अनुमानित $120 बिलियन स्थायी निवेश में डाले गए थे, जो कि पिछले वर्ष के $51 बिलियन के दोगुने से भी अधिक है। जब लेंस चौड़ा होता है, तो ESG में निवेश की गई राशि में 1995 से 2020 तक 25 गुना आश्चर्यजनक वृद्धि हुई है। कुछ अनुमान इससे भी अधिक हैं। ईएसजी विकल्पों में रुचि आश्चर्यजनक रूप से उच्च स्तर पर भी है। कैपिटल ग्रुप के एक सर्वेक्षण में पाया गया कि “निवेशक ईएसजी पर चर्चा के लिए खुले हैं – लगभग 75 प्रतिशत अवधारणा में कम से कम कुछ रुचि व्यक्त करते हैं।” सभी पीढ़ियों के निवेशक ESG विकल्पों में रुचि रखते हैं, न कि केवल सहस्राब्दी जिन्होंने विकास की प्रारंभिक लहर बनाई। और विकास जारी रहेगा क्योंकि जेनरेशन जेड बड़ी संख्या में निवेश बाजार में प्रवेश करता है।
ईएसजी निवेश बहुत तेजी से बढ़ रहा है और इसकी विस्फोटक वृद्धि को जारी रखने के लिए अच्छी स्थिति में है, कई कंपनियां ईएसजी नीतियों और प्रथाओं का दावा करती हैं जो वे नियोजित करती हैं और उनका पालन करती हैं क्योंकि उन्हें इस 21 वीं सदी की वित्तीय सोने की भीड़ से बाहर रहने का डर है। कुछ समय पहले तक, घोस्ट ईएसजी गतिविधियों को हाइलाइट करना आसान था क्योंकि स्क्रूटनी अनुपस्थित थी। इस वर्ष SEC द्वारा दो महत्वपूर्ण प्रवर्तन कार्रवाइयों के बाद और कुछ सबसे बड़े निवेश बैंकों और फर्मों द्वारा अपने ग्राहकों को ESG विकल्प प्रदान करने की प्रतिबद्धताओं के बाद, कंपनियों को यह पहचानना चाहिए कि यह प्रामाणिक और सत्यापन योग्य कार्रवाई या भविष्य की पूंजी के जोखिम को स्थापित करने और संलग्न करने का समय है। कोई गलती न करें, निवेशकों और वॉल स्ट्रीट के लिए ईएसजी को उनकी प्रत्ययी जिम्मेदारियों के भीतर विचार करने वाली कंपनियों की बढ़ती संख्या के साथ विकल्प हैं।
हमारी दुनिया, समुदायों और परिवारों के सामने असंख्य पर्यावरणीय और सामाजिक चुनौतियों के साथ, ईएसजी निवेश विकल्पों की आवश्यकता है क्योंकि वे उद्योगों में कार्रवाई करेंगे। और यह स्पष्ट है कि निवेशक उन कंपनियों का समर्थन करना चाहते हैं जो जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, विविधता, इक्विटी और कार्यस्थल के मुद्दों को नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं के माध्यम से संबोधित करते हैं और पारंपरिक निवेशों के समान या उससे बेहतर वित्तीय रिटर्न प्राप्त करते हैं। यह परिणाम व्यवसायों और निवेशकों के लिए एक जीत का परिणाम है।
ESG मायने रखता है, और सत्यापनीयता बेहतर भविष्य की कुंजी है। ईएसजी निवेश के खिलाफ तर्कों में से एक यह है कि ईएसजी परिणामों को मापा नहीं जा सकता। वह सत्य नहीं है। एक दशक से अधिक समय पहले, हमने सुना था कि विविधता, समानता और समावेशन (DE&I) को निष्पक्ष रूप से मापने का कोई तरीका नहीं है, लेकिन प्रदर्शन के मानक निर्धारित किए जा रहे हैं और स्वतंत्र तृतीय-पक्ष प्रमाणन हो रहा है। DE&I दावों को मापना अच्छा काम कर रहा है और व्यापार और समाज के चौराहे पर मुद्दों को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। और स्वतंत्र तृतीय-पक्ष प्रमाणन कर्मचारियों, निवेशकों और उपभोक्ताओं को सूचित करता है कि कंपनियां उनकी DE&I यात्रा में और कुछ ESG से संबंधित पहलुओं पर कहां खड़ी हैं।
ईएसजी विरोधी निवेशकों के विरोध के बावजूद ईएसजी निवेश महत्वपूर्ण रूप से पहुंच गया है, जो अपने लाभ के लिए तिमाही रिटर्न को अधिकतम करने की इच्छा से प्रेरित हैं। ईएसजी निवेश के लिए विकास और उज्ज्वल संभावनाएं मौजूद हैं क्योंकि ईएसजी में वास्तव में वास्तविक दुनिया में बदलाव लाने की शक्ति है जो कंपनियों और हम सभी को लाभान्वित करती है। आइए कंपनियों और निवेश बैंकों और फर्मों के दावों और कार्यों की जांच करें ताकि हम प्रगति को सार्थक रूप से माप सकें और उन क्षेत्रों की पहचान कर सकें जहां अधिक काम करने की आवश्यकता है। मापन का उपयोग कंपनियों को दंडित करने के लिए नहीं बल्कि समायोजन करने के लिए किया जाना चाहिए। दुनिया की गंभीर समस्याओं से निपटने और अपने भविष्य में निवेश करने के इस अवसर को बर्बाद न करें।
एनिएला उन्गुरेसन EDGE सर्टिफाइड फाउंडेशन की संस्थापक हैं। इन उद्यमों की स्थापना से पहले, एनीला ने आर्थर एंडरसन और एंडरसन कंसल्टिंग के साथ एक सलाहकार के रूप में व्यापक पेशेवर अनुभव प्राप्त किया।
इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं।
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