विदेशी मुद्रा पर पैसे कैसे बनाने के लिए?

फिएट मनी के फायदे

फिएट मनी के फायदे
डिजिटल करेंसी के फायदे

फिएट पैसे

शब्द 'फिएट' लैटिन भाषा से आया है जिसका अनुवाद 'यह होगा' या 'इसे होने दें' के रूप में किया जाता है। वित्त की दुनिया में, फिएट मनी सरकार द्वारा जारी एक मुद्रा है। इसका अपना कोई मूल्य नहीं है, लेकिन इसका मूल्य सरकारी नियमों से लिया गया है। यह सोने या चांदी जैसी वस्तुओं द्वारा समर्थित नहीं है। फिएट मनी का मूल्य आपूर्ति और मांग और इसे जारी करने वाली सरकार की स्थिरता के बीच संबंध से प्राप्त होता है।

Fiat Money

अमेरिकी डॉलर, यूरो, भारतीय मुद्रा आदि जैसी आधुनिक कागजी मुद्राएं फिएट मुद्राएं हैं। फिएट मनी संबंधित देशों के केंद्रीय बैंकों को देश पर नियंत्रण देती हैअर्थव्यवस्था. वे नियंत्रित करते हैं कि कितना पैसा छपा है।

फिएट मनी कैसे काम करती है?

फिएट मनी का मूल्य है क्योंकि सरकार इसे बनाए रखती है, और इसलिए भी कि लेन-देन में दोनों पक्षों ने इस पर सहमति व्यक्त की है। पहले, दुनिया भर की सरकारें सोने या चांदी जैसी भौतिक वस्तुओं से सिक्के ढालती थीं। याद रखें कि फिएट मनी को परिवर्तित नहीं किया जा सकता है।

चूंकि फिएट मनी किसी भी भौतिक वस्तु से जुड़ी नहीं है, इसलिए यह मूल्य खोने का जोखिम उठाता है, खासकर हाइपरइन्फ्लेशन के दौरान। यदि किसी विशेष राष्ट्र के लोगों का मुद्रा पर से विश्वास उठ जाता है, तो पैसा बेकार हो जाएगा। हालांकि, ध्यान दें कि यह उन मुद्राओं के साथ समान नहीं है जो सोने जैसी भौतिक वस्तुओं के साथ समर्थित हैं। एक वस्तु के रूप में सोना महान मूल्य रखता है।

फिएट मनी के फायदे

स्थिरता फिएट मनी की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है। कमोडिटी-आधारित मुद्राएं मंदी के कारण अस्थिर थीं।कागज के पैसे केंद्र सरकारों को छपाई और आपूर्ति को यथासंभव रखने में मदद करता है। यह उन्हें सही oversupply, ब्याज दरों और देता हैलिक्विडिटी. उदाहरण के लिए, 008 के वैश्विक वित्तीय संकट के दौरान, यू.एस. फेडरल रिजर्व और मांग ने इसे संकट का प्रबंधन करने में सक्षम बनाया। इससे यू.एस. को बड़े नुकसान को रोकने में मदद मिली।वित्तीय प्रणाली और वैश्विक अर्थव्यवस्था।

RBI एक दिसम्बर को लॉन्च करेगा खुदरा लेन-देन के लिए ‘डिजिटल रुपया’ समझिए e₹ के फायदे

-डिजिटल रुपया (e₹-R) किसी कमर्शियल बैंक की नहीं बल्कि RBI की जिम्मेदारी होगा
-e₹-R को करेंसी नोट और सिक्कों के डिनॉमिनेशन में परिवर्तित किया जा सकेगा
-डिजिटल रुपये का इस्तेमाल बिना बैंक अकाउंट के भी किया जा सकेगा

आरबीआई ने कहा है कि वह एक दिसंबर को खुदरा डिजिटल रुपये (e₹-R) के लिए पहली खेप लॉन्च करेगी। E₹-R एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा। यह कानूनी निविदाओं का प्रतिनिधित्व भी करेगा। आरबीआई ने यह भी बताया कि डिजिटल रुपया (e₹-R) उसी मूल्यवर्ग के जारी होंगे जिस मूल्य के कागजी नोट (1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500 व 2000) या सिक्के (0.50, 1, 2, 5, 10, 20) जारी किए जाते हैं।

e₹-R कैसे काम करेगा?

– बैंक के जरिए e₹-R डिजिटल टोकन हासिल किया जा सकेगा। शुरू में आठ बैकों से ये टोकन मिलेंगे
– e₹-R डिजिटल वॉलेट में उपलब्ध होगा जिसे मोबाइल फोन या कंप्यूटर-लैपटॉप के जरिए इस्तेमाल करना संभव होगा
– यह सब्सिडियरीज यानी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा
– दुकानदार के यहां क्यूआर कोड के जरिए e₹-R डिजिटल वॉलेट से भुगतान करना होगा
– e₹-R का व्यक्ति से व्यक्ति और व्यक्ति व व्यापारियों के बीच लेनदेन किया जा सकेगा
– e₹-R पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा और इसे नकद की तरह बैंक फिएट मनी के फायदे में जमा कराया जा सकेगा
e₹-R को करेंसी नोट और सिक्कों के डिनॉमिनेशन में परिवर्तित किया जा सकेगा

इन बैंकों में मिलेगा e₹-R डिजिटल टोकन

ई डिजिटल फिएट मनी के फायदे रुपया पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले ग्राहकों और व्यापारियों के क्लोज्ड यूजर ग्रुप (सीयूजी) में चुनिंदा लोकेशन पर उपलब्ध होगा। रिटेल डिजिटल रुपये के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में चार बैंक शामिल होंगे। इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक शामिल हैं। दूसरे चरण के पायलट प्रोजेक्ट में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक व कोटक महिंद्रा बैंक शामिल रहेंगे।

इन शहरों से होंगी डिजिटल रुपया पायलट प्रोजेक्ट की शुरुवात

खुदरा लेन-देन के लिए डिजिटल रुपये के पहले चरण के पायलट प्रोजेक्ट में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु व भुवनेश्वर जैसे शहरों को शामिल किया गया है। उसके बाद के चरणों में अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला शहर शामिल होंगे शामिल होंगे। रिजर्व बैंक ने कहा है आवश्यकतानुसार अधिक बैंकों, उपयोगकर्ताओं और स्थानों को शामिल करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का दायरा धीरे-धीरे बढ़ाया जा सकता है।

पायलट वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करेगा। इस पायलट से मिले अनुभवों के आधार पर भविष्य के पायलटों में e₹-R टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का परीक्षण किया जाएगा।

क्या है CBDC

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (central bank digital currency) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे छापने के बजाय सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी जारी करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों को सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित की गई। CBDC फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, दुनिया भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।

दो तरह की होगी CBDC
– Retail (CBDC-R): Retail CBDC संभवतः सभी को इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी
– Wholesale (CBDC-W) : इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए डिजाइन किया गया है

पिछले दिनों RBI ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) का उद्देश्य मुद्रा के मौजूदा रूपों को बदलने के बजाय डिजिटल मुद्रा को उनका पूरक बनाना और उपयोगकर्ताओं को भुगतान के लिए एक अतिरिक्त विकल्प देना है। इसका मकसद किसी भी तरह से मौजूदा भुगतान प्रणालियों को बदलना नहीं है.। यानी आपके लेन-देन पर इसका कोई असर नहीं होने वाला है।

आरबीआई CBDC की शुरुआत क्यों कर रहा है?

भारतीय रिजर्व बैंक सीबीडीसी को वैध मुद्रा (लीगल मनी) के रूप में जारी करेगा। ये देश की करेंसी का एक डिजिटल रिकॉर्ड या टोकन होगा जिसे लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। RBI को सीबीडीसी की शुरूआत से कई तरह के लाभ मिलने की उम्मीद है, जैसे कि नकदी पर निर्भरता कम होना, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी। फिएट मनी के फायदे यह आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप प्रदान कर सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक मंच प्रदान कर सकता है।

अर्थव्यवस्था को होगा फायदा

भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में अगला मील का पत्थर है। रिजर्व बैंक का कहना है कि डिजिटल रुपये से पेमेंट सिस्टम और सक्षम बन जाएगा। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने के अलावा CBDC की सबसे खास बात है कि RBI का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका नहीं होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी। सरकार का बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है और प्रवेश करता है, जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति देगा।

अब कैश रखने की जरूरत नहीं! RBI आज लॉन्च करेगा Digital Rupee,जानिए इसके बारे में सबकुछ

रिजर्व बैंक ने कुछ समय पहले घोषणा की थी कि वो एक खास उपयोग के लिए डिजिटल रुपया लॉन्च करने वाला है. अब इसकी शुरुआत 1 नवंबर से होने जा रही है. अभी इस प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लॉन्च किया गया है.

डिजिटल करेंसी के फायदे

डिजिटल करेंसी के फायदे

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2022,
  • (Updated 01 नवंबर 2022, 10:35 AM IST)

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया शुरू

डिजिटल मुद्रा को नहीं कर सकते नष्ट

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)ने 31 अक्टूबर को घोषणा की कि वह आज से विशेष उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपया (ई-रुपया) के पायलट लॉन्च की शुरुआत करेगी. RBI के एक बयान के अनुसार, केंद्रीय बैंक आज थोक उद्योग के लिए डिजिटल रुपये में एक पायलट का संचालन करेगा.

केंद्रीय बैंक की ओर से 7 अक्टूबर को जारी की गई एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आरबीआई जल्द ही विशिष्ट उपयोग के मामलों के लिए डिजिटल रुपये (ई-रुपये) का परीक्षण शुरू करेगा. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, इस पायलट का उपयोग मामला माध्यमिक वित्तीय गतिविधि को निपटाने और सरकारी सिक्योरिटी को इसमें शामिल करने के लिए था.

अभी पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर किया गया शुरू
इस टेस्टिंग के तहत सरकारी सिक्योरिटीज में सेकेंडरी मार्केट लेनदेन का निपटान किया जाएगा.फिएट मनी के फायदे आरबीआई ने 'केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा' लाने की अपनी योजना की दिशा में कदम बढ़ाते हुए डिजिटल रुपये का पायलट टेस्टिंग शुरू करने का फैसला किया है. थोक खंड (Wholesale Transactions) के लिए होने वाले इस परीक्षण में कई सारे बैंक शामिल हैं. इनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी बैंक शामिल हैं.

इसने आगे कहा गया कि खुदरा क्षेत्र के डिजिटल रुपये (e-rupee-R)के लिए पहला परीक्षण कुछ प्रमुख क्षेत्रों में ग्राहकों और व्यापारियों से बने चुनिंदा सीमित यूजर ग्रुप के साथ एक महीने से भी कम समय में लाइव होने वाला है. नियत समय में, ई-रुपये-आर पायलट के संचालन के बारे में जानकारी जारी की जाएगी.

क्या है CBDC?
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी धन का एक डिजिटल रूप है. सीधे शब्दों में कहें तो, यह भारतीय रुपये का एक इलेक्ट्रॉनिक संस्करण है, जो एक तरह का फिएट मनी है. इसे फिएट मनी के लिए वन फॉर वन का कारोबार किया जा सकता है.

RBI के अनुसार, “CBDC एक डिजिटल रूप में एक केंद्रीय बैंक द्वारा जारी कानूनी टेंडर है. यह फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है.केवल उसका रूप भिन्न है."

क्या होती है Fiat Money?
किसी भी देश की अर्थव्यस्था में सरकार द्वारा जारी कि गई मुद्रा Fiat Money कहलाती है. इसका सोने चांदी की तरह खुद को कोई विशेष मूल्य नही होता लेकिन किसी भी देश की सरकार उसे अपने नियमों अनुसार इसे एक विशेष मूल्य का दर्जा देती है. यह मूल्य स्थाई नहीं होता है, क्योंकि मांग तथा आपूर्ति के हिसाब से Fiat Money का मूल्य कम ज्यादा होता रहता है.

डिजिटल रुपये के क्या फायदे हैं?
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल भुगतान विधियों के लाभ सीबीडीसी में मौजूद होंगे. एक डिजिटल मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता है. इस तरह ये नकदी का एक डिजिटल रूप है जिसे नोट की जगह लाइफलाइन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है.

अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा.

Explainer : सबसे पहले यहां लॉन्च हो सकता है डिजिटल रुपया! जानिए क्या है CBDC और कैसे आपको होगा फायदा

Digital Rupee : सीबीडीसी (CBDC) केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर (Legal Tender) करेंसी है। यह फिएट करेंसी के समान ही है और फिएट करेंसी के साथ एक्सचेंजेबल है। केवल इसका रूप ही अलग है। ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग करके डिजिटल फिएट मुद्रा या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है।

Central Bank Digital Currency

सबसे पहले थोक कारोबारों के लिए लॉन्च हो सकती है सीबीडीसी

हाइलाइट्स

  • आरबीआई इसी वित्त वर्ष में लॉन्च करेगा अपनी डिजिटल करेंसी
  • सबसे पहले थोक कारोबारों में आ सकता है डिजिटल रुपया
  • डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर होगा सीबीडीसी
  • सीबीडीसी से कर सकेंगे घरेलू और इंटरनेशनल लेनदेन

नई दिल्ली : भारतीयों को सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी सीबीडीसी (CBDC) का बेसब्री से इंतजार है। एक फरवरी को अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने आरबीआई (RBI) द्वारा सीबीडीसी लॉन्च करने की घोषणा की थी। यह लॉन्चिंग मौजूदा वित्त वर्ष में ही होने की बात कही गई थी। अब रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि आरबीआई की इस डिजिटल करेंसी अर्थात डि़जिटल रुपया को चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा। चालू वित्त वर्ष में सबसे पहले थोक कारोबारों (Wholesale Businesses) में इसे लाया जा सकता है। गौरतलब है कि भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को लेकर काफी अधिक क्रेज है। हालांकि, आरबीआई शुरू से ही निजी डिजिटल करेंसीज के विरोध में रहा है। आरबीआई ने ही पिछले साल अक्टूबर में सरकार के सामने सरकारी डिजिटल करेंसी का प्रस्ताव रखा था।

क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC)?

RBI के अनुसार, सीबीडीसी केंद्रीय बैंक द्वारा डिजिटल रूप में जारी एक लीगल टेंडर (Legal Tender) करेंसी है। यह फिएट करेंसी (Fiat Currency) के समान ही है और फिएट करेंसी (पेपर करेंसी या सिक्के) के साथ एक्सचेंजेबल है। केवल इसका रूप ही अलग है। इसका मतलब है कि भारतीय रुपये और सीबीडीसी में डिजिटल रूप के अलावा कोई फर्क नहीं है। ब्लॉकचेन द्वारा समर्थित वॉलेट का उपयोग करके डिजिटल फिएट मुद्रा या सीबीडीसी का लेन-देन किया जा सकता है।

हो सकेंगे घरेलू और इंटरनेशनल लेनदेन

हालांकि, सीबीडीसी का कॉन्सेप्ट सीधे बिटकॉइन से प्रेरित था। फिर भी यह विकेन्द्रीकृत वर्चुअल करेंसीज और क्रिप्टो एसेट्स से अलग है, जिन्हें सरकार द्वारा जारी नहीं किया जाता है। ये लीगल टैंडर भी नहीं होते। सीबीडीसी से यूजर घरेलू और इंटरनेशनल दोनों तरह के लेनदेन कर सकेगा। इसके लिए किसी तीसरी पार्टी या बैंक की आवश्यकता नहीं होगी।

क्या होगा सीबीडीसी से फायदा?

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने पिछले साल लोकसभा को बताया था, "सीबीडीसी की शुरूआत से कई महत्वपूर्ण फायदे होंगे। इनमें नकदी पर निर्भरता कम होना, लेनदेन की लागत में कमी और निपटान जोखिम में गिरावट आदि शामिल हैं। सीबीडीसी के आने से अधिक मजबूत, कुशल, विश्वसनीय, विनियमित और लीगल टेंडर-आधारित भुगतान विकल्प भी बनेंगे।" उन्होंने आगे कहा, 'हालांकि, इससे जुड़े जोखिम भी हैं, जिनका संभावित लाभों के खिलाफ सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने की आवश्यकता है।'
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आरबीआई ने दिया था एक्ट में संशोधन का प्रस्ताव

चौधरी ने कहा कि आरबीआई ने भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन का प्रस्ताव दिया है, जो इसे सीबीडीसी लॉन्च करने में सक्षम बनाएगा। सरकार उस समय संसद में एक विधेयक पेश करने की भी योजना बना रही थी, जो "कुछ अपवादों" के साथ "भारत में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी" को प्रतिबंधित करेगा। चौधरी ने लोकसभा को बताया, "सरकार को आरबीआई से अक्टूबर 2021 में भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधन के लिए प्रस्ताव प्राप्त हुआ है। आरबीआई सीबीडीसी को बिना किसी व्यवधान के शुरू करने के लिए चरणबद्ध कार्यान्वयन रणनीति पर काम कर रहा है। ”

निजी डिजिटल करेंसीज के साथ हैं कई समस्याएं

आरबीआई बिटकॉइन, ईथर जैसी निजी क्रिप्टोकरेंसी के साथ मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फाइनेंसिंग, टैक्स चोरी आदि से जुड़ी चिंताएं जताता रहा है। साथ ही आरबीआई ने कहा है कि सीबीडीसी से डिजिटल मुद्रा के फायदे लोगों को मिलेंगे और जोखिम कम होगा।

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