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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है

कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.

शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकस . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST

नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.

सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.

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इंट्राडे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.

पॉजिशनल ट्रेडिंग

पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अ​वधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.

स्विंग ट्रेडिंग

स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.

टेक्निकल ट्रेडिंग

टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

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स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते समय इन कुछ बातों का ज़रूर रखें ध्यान

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स्टॉक मार्केट में निवेश से मिलनेवाले ऊंचे रिटर्न्स की वजह से लोग हमेशा से ही स्टॉक मार्केट की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन इक्विटीज़ में पैस बनाना कभी-भी आसान नहीं होता. इसके लिए रिसर्च के साथ-साथ मार्केट की समझ होना भी ज़रूरी है, स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है जिसके लिए बहुत धीरज और अनुशासन की ज़रूरत होती है.

नीचे हम कुछ ऐसे महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में बता रहे हैं, जिनके बारे में ट्रेडिंग करने से पहले आपको ज़रूर ध्यान देना चाहिए:

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1. ट्रेडिंग कॉस्ट
ट्रेडिंग कॉस्ट में ब्रोकरेज, टैक्स और मार्जिन फ़ंड कॉस्ट तीनों ही शामिल होते हैं. इन तीनों में से ब्रोकरेज का हिस्सा बड़ा होता है. यदि ब्रोकरेज की राशि में बचत की जा सके तो ट्रेडिंग कॉस्ट कम हो जाती है और लाभ बढ़ जाता है.
मंथली अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स में ग्राहकों की ब्रोकरेज पर सबसे ज़्यादा बचत होती है. इस प्लान में ग्राहकों को एक सेग्मेंट के लिए अनलिमिटेड संख्या में ट्रेड्स के लिए एक निश्चित मासिक शुल्क देना होता है.
एक इन्ट्राडे ट्रेडर एक दिन में औसतन 20 ट्रेड्स करता है और 15 रु प्रति ट्रेड ब्रोकरेज के हिसाब से एक महीने में 6000 रुपए के ब्रोकरेज का भुगतान करता है. वहीं अनलिमिटेड ट्रेडिंग प्लान्स लगभग 899 रुपए प्रति माह पर ही मिल जाते हैं, जिससे आपकी बड़ी बचत होती है.

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2. रिसर्च और ऐनालिसिस टूल्स
लाभ को बनाए रखने के लिए एक ट्रेडर को रिसर्च और ऐनालिसिस करने के लिए अच्छे ट्रेडिंग टूल्स की ज़रूरत होती है. टेक्निकल और फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी ट्रेडर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. ऐड्वांस चार्ट्स, रिपोर्ट्स और टैक्स स्टेटमेंट ग्राहकों का समय बचाने का काम करते हैं.

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3. ऑनलाइन ट्रेड में आसानी के लिए

ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए ग्राहक को एक आसान से यूज़र इन्टरफ़ेस की ज़रूरत होती है. इससे ट्रेंडिंग तेज़ी से होती है, असमंजस नहीं होता और ग़लतियां कम होती हैं.

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4. जोखिम कम करने के लिए
स्टॉक मार्केट में निवेश करना जोखिम भरा है. इस जोखिम को कम करने के लिए जोखिम को समझने और उसका समंजन करने की ज़रूरत होती है.
बाज़ार में निवेश करने के लिए सबसे ज़रूरी बात ये है कि सारा निवेश केवल एक ही जगह न करें. फिर चाहे लार्ज-कैप और मिड-कैप के बीच चुनाव हो या ग्रोथ और इनकम स्टॉक्स के बीच में. जोखिम को नियंत्रण में रखने की इस सलाह पर ज़रूर अमल करें. साथ, ही, थोड़े से रिसर्च से आप ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स ढूंढ़ सकते हैं, जो आपके जोखिम को एक तरह से सीमित कर देंगे.
मोटे तौर पर इन ऐड्वांस ऑर्डर टाइप्स को दो भागों में बांटा स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है जा सकता है- कंडिशनल ऑर्डर्स, ये ऐसे ऑर्डर्स होते हैं जिन्हें किसी निश्चित ट्रिगर पर भरना होता है; जबकि ड्यूरेशनल ऑर्डर्स को निश्चित समय सीमा में एग्ज़ेक्यूट किया जाता है. उदाहरण के लिए स्टॉप लिमिट ऑर्डर ग्राहकों के बीच हिट हुआ है- यह प्राइज़ रेंज सेट करने की सुविधा देता है; ऐसा बिंदु जहां से ऑर्डर ट्रिगर होगा और वह लिमिट प्राइज़, जिस पर ऑर्डर को एग्ज़ेक्यूट किया जाएगा. यहां बाज़ार की हलचल के छूट जाने की कमी तो रह जाएगी, लेकिन यह जोखिम को एक हद तक सीमित कर देगा.

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5. ग्राहक सेवा
स्टॉक्स में ट्रेड करना एक इंटरैक्टिव प्रक्रिया है. ब्रोकर और ग्राहक के बीच लगातार संवाद होना ज़रूरी है. जहां अधिकतर ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म्स ग्राहक को अपनी सेवाएं फ़ोन, ईमेल, ऑनलाइन हेल्प डेस्क वगैरह के ज़रिए देते हैं, यह महत्वपूर्ण है कि अपने निवेश के लिए ट्रेडिंग पार्टनर चुनने से पहले आप इस बात की जांच कर लें कि आपको यह सेवाएं किस तरह मिलेंगी.
अपना फ़ैसला लेने से पहले हर ट्रेडर को अपनी उम्मीद और उपलब्ध विकल्पों के बीच सही स्टॉक और ब्रोकर को ध्यान से शॉर्टलिस्ट कर लेना चाहिए. ट्रेडिंग कॉस्ट, प्लैटफ़ॉर्म के फ़ीचर्स, मार्जिन और लीवरेज सुविधा, ग्राहक सेवा और रिसर्च एम्पावरमेंट वगैरह, कुछ ऐसे मुख्य बिंदु हैं, जिनके बारे में जानकारी जुटा लेनी चाहिए. सार यह है कि सही इन्वेस्टमेंट इन्स्ट्रुमेंट के साथ साथ एक सशक्त ब्रोकर या ट्रेडिंग प्लैटफ़ॉर्म का चुनाव आपको अपने ट्रेडिंग के लक्ष्यों तक ज़रूर पहुंचा देगा.

Diwali Muhurat Trading 2022: दिवाली के दिन एक घंटे के लिए खुलता है शेयर बाजार, जानें क्या है परंपरा?

Diwali Muhurat Trading 2022: शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है।

Diwali Muhurat Trading 2022

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

विस्तार

दिवाली के दिन यूं तो शेयर बाजार बंद रहता है पर एक खास परंपरा के तहत यह एक घंटे के लिए खुलता है और शेयरों की खरीद-बिक्री भी होती है। इस दिन शेयर बाजार में खास ट्रेडिंग की परंपरा है, जिसे मुहूर्त ट्रेडिंग कहा जाता है। इस एक घंटे में निवेशक अपना छोटा निवेश करके बाजार की परंपरा को निभाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन मुहूर्त ट्रेडिंग से समृद्धि आती है और पूरे साल निवेशकों पर धन बरसता है। दिवाली पर यह ट्रेडिंग इक्विटी, इक्विटी फ्यूचर एंड ऑप्शन, करेंसी एंड कमोडिटी मार्केट, तीनों में होती है। प्री-ओपन सेशन शाम के 6 बजे से 6.15 बजे तक होगा। मुहूर्त ट्रेंडिंग शाम 6.15 से शुरू होगी जो शाम के 7.15 तक चलेगी। इस दौरान लगातार दो दिनो से सुस्त शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी की उम्मीद जताई जा रही है।

पांच दशक पुरानी है यह परंपरा

शेयर बाजार में दिवाली के दिन एक घंटे के लिए मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा पांच दशक पुरानी है। मुहूर्त ट्रेडिंग का चलन बीएसई में 1957 और एनएसई में 1992 में शुरू हुआ था। विशेषज्ञ बताते हैं कि मुहूर्त ट्रेडिंग पूरी तरह परंपरा से जुड़ी है। अधिकांश लोग इस दिन शेयर खरीदते हैं। हालांकि, आमतौर पर ये निवेश काफी छोटे और प्रतीकात्मक होते हैं।

इस दिन पहले निवेश को माना जाता है शुभ

मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन में निवेशक और ब्रोकर्स मूल्य-आधारित स्टॉक खरीदते हैं, जो लंबी अवधि के लिए अच्छे होते हैं। निवेशक मानते हैं कि इस अवसर पर खरीदे गए शेयरों को भाग्यशाली आकर्षण के रूप में रखा जाना चाहिए। वे शेयर खरीदते हैं और यहां तक कि स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है उन्हें अगली पीढ़ी तक ले जाते हैं। दिवाली को कुछ भीनया काम शुरू करने के लिए शुभ माना जता है। ऐसे में कई निवेशक इस विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र के दौरान शेयर बाजार में अपना पहला निवेश करते हैं।

पिछले वर्ष मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान हरे निशान में हुआ था कारोबार

पिछले वर्ष यानी 2021 की दिवाली के दिन एक घंटे के लिए हुई मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स-निफ्टी हरे निशान पर खुले थे। 6.15 बजे शाम को बीएसई का सेंसेक्स 60,207.97 के स्तर पर खुला था और एनएसई का निफ्टी 17,935.05 पर स्तर पर खुला था। पूरे ट्रेडिंग सेशन के दौरान दोनों हरे निशान पर कारोबार करते रहे थे। कारोबार के अंत में 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 296 अंक या 0.49 फीसदी की बढ़त के साथ 60,067.62 के स्तर पर बंद हुआ था, जबकि निफ्टी 88 अंक उछलकर 17,916.80 के स्तर पर बंद हुआ। इस दौरान सेंसेक्स के सभी सेक्टर्स में जमकर खरीदारी दिखी थी।

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

Soma Roy | Edited By: मनीष रंजन

Updated on: May 14, 2021 | 10:32 PM

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग क्या होती है ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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