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Rishi Sunak: भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री को 'भगवत गीता' से है खास लगाव, 'कृष्ण भक्त' ऋषि सुनक के बारे में जानें बड़ी बातें

Rishi Sunak को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। 42 वर्षीय ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं

ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने मंगलवार को किंग चार्ल्स तृतीय के साथ मुलाकात के बाद औपचारिक रूप से भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें उनके पूर्ववर्ती द्वारा की गई कुछ "गलतियों" को दुरुस्त करने के लिए चुना गया है।

सुनक को दिवाली के दिन निर्विरोध कंजर्वेटिव पार्टी का नया नेता चुना गया था। 42 वर्षीय ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। पेशे से बैंकर रहे सुनक ने किंग से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने नई सरकार बनाने के लिए महाराजा चार्ल्स तृतीय के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

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भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री

ऋषि सुनक का जन्म 12 मई 1980 को ब्रिटेन के साउथम्पैटन में भारतीय मूल के माता-पिता के यहां हुआ था। वह एक मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े। उनके पिता एक फैमिली डॉक्टर और उनकी मां एक फार्मासिस्ट थीं। ऋषि के दादा-दादी का जन्म पंजाब प्रांत (ब्रिटिश इंडिया) में हुआ था। इस लिहाज से उनकी जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। ऋषि तीन बहन-भाई में सबसे बड़े हैं।

चुनावी अभियान के दौरान उन्होंने अपने संघर्ष के बारे में वित्त मूल बातें जानकारी देते हुए कहा कि मैं दुकान में काम करते और दवाइयां पहुंचाते बड़ा हुआ हूं। मैंने सड़क किनारे भारतीय रेस्तरां में वेटर के रूप में काम किया। उन्होंने कहा कि कैसे उनके माता-पिता ने उन्हें ब्रिटेन के सबसे महंगे और विशिष्ट बोर्डिंग स्कूलों में से एक विनचेस्टर कॉलेज में भेजने के लिए दिन-रात मेहनत की।

भगवद गीता पर शपथ लेने वाले पहले कैबिनेट मंत्री

ऋषि सुनक हिंदू धर्म को मानते हैं और वह बहुत बड़े कृष्ण भक्त हैं। सांसद पद की शपथ उन्होंने ब्रिटिश संसद यानी ऑफ कामंस में भगवत गीता से ली थी। इसके अलावा ऋषि सनक को जब ब्रिटेन का वित्त मंत्री बनाया गया था तो उन्होंने भगवद गीता पर हाथ रखकर शपथ ली थी। इस दौरान उन्होंने कहा था कि मैं अब ब्रिटेन का नागरिक हूं। लेकिन मेरा धर्म हिंदू है। मेरी धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत भारतीय है। मैं गर्व से कहता हूं कि मैं हिंदू हूं और मेरी पहचान भी हिंदू है।

सुनक दर्शन के लिए अक्सर श्रीकृष्ण मंदिर जाते रहते हैं। उनका हिंदू धर्म में गहरी आस्था है। ऋषि सुनक अक्सर यह बात कहते हैं कि जब वह तनावपूर्ण स्थिति में रहते हैं तो भगवत गीता को पढ़ते हैं। इससे उन्हें बड़ी मानसिक शांति मिलती है और वह समस्याओं का निदान कर पाते हैं। पिछले दिनों जन्माष्टमी के अवसर पर वह पत्नी अक्षता के साथ लंदन के भक्तिवेदांत मनोर मंदिर गए और भगवान कृष्ण का दर्शन कर आशीर्वाद लिया था। ऋषि ने डाउनिंग स्ट्रीट स्थित अपने घर पर दीवाली में दीए भी जलाए थे।

ब्रिटेन का नेतृत्व करने वाले पहले पहले गैर-श्वेत नेता

ऋषि सनक शीर्ष पद पर पहुंचने वाले ब्रिटेन के पहले गैर-श्वेत नेता बन गए हैं। वह ब्रिटेन के पहले हिंदू प्रधानमंत्री भी हैं। सुनक के दादा-दादी ब्रिटिश शासन वाले भारत में पैदा हुए थे लेकिन उनका जन्मस्थान गुजरांवाला आधुनिक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। इस प्रकार, एक अजीब तरीके से नए ब्रिटिश नेता एक भारतीय और एक पाकिस्तानी दोनों है।

यूनाइटेड किंगडम के सबसे युवा और अमीर पीएम

42 साल की उम्र में सुनक 200 से अधिक वर्षों में सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले विलियम पिट 'द यंगर' 24 साल की उम्र में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे। ऋषि सुनक ने दिग्गज टेक कंपनी इंफोसिस के प्रमुख नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की है। उनकी दो बेटियों का नाम कृष्णा और अनुष्का है।

ऋषि सुनक की कुल संपत्ति 730 मिलियन पाउंड से अधिक है। सनक को हाउस ऑफ कॉमन्स का सबसे अमीर व्यक्ति कहा जाता है। वह यूके के सबसे अमीर 250 लोगों की सूची में 222वां स्थान पर हैं। मीडिया रिपोर्टों का दावा है कि उनकी पत्नी अक्षता ब्रिटिश महारानी एलिजाबेथ द्वितीय से भी अधिक धनवान हैं, जिनकी संपत्ति 430 मिलियन पाउंड है।

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First Published: Oct 26, 2022 10:35 AM

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वित्त मूल बातें

[वित्त अधिनियम, 1987 से प्रभावी द्वारा छोड़े गए अनुभाग 80VVA से मिलकर अध्याय छठी बी 1988/01/04. मूल अध्याय वित्त अधिनियम, 1983 से प्रभावी द्वारा डाला गया था 1984/01/04.]

"80VVA. कंपनियों के मामले में कुछ कटौती पर प्रतिबंध -. (1) एक कंपनी, राशि या, मामले के रूप में किया जा वित्त मूल बातें रहा है एक निर्धारिती के मामले में हो सकता है, जहां इस अधिनियम के किसी अन्य प्रावधान में किसी बात के होते हुए भी, कुल राशि जो , लेकिन इस धारा के प्रावधानों के लिए, के तहत किसी भी निर्धारण वर्ष के लिए कटौती के रूप में स्वीकार्य हो गया होता किसी भी अभिकलन के रूप में उप खंड में निर्दिष्ट इस अधिनियम के प्रावधानों में से एक या एक से अधिक (2) कुल आय की राशि का सत्तर प्रतिशत से अधिक है कोई कटौती जैसा भी मामला हो कहा प्रावधानों (जैसे कुल आय चलकर पूर्व प्रोत्साहन कुल आय के रूप में भेजा जा रहा है), राशि या, में से किसी के तहत अनुमति दी गई थी, कुल राशि में उस वर्ष के लिए कटौती के रूप में अनुमति दी जाए कहा प्रावधानों में से किसी एक या अधिक का सम्मान उपधारा में निर्दिष्ट तरीके से प्रतिबंधित किया जाएगा (3), पूर्व प्रोत्साहन कुल आय में से सत्तर प्रतिशत तक.

कहा उपधारा के तहत कटौती निर्धारिती द्वारा भुगतान राशि से अधिक है, जो करने के लिए इस हद तक धारा 35 (iii) उप - धारा (2),;

कहा उपधारा के तहत कटौती निर्धारिती द्वारा किए गए व्यय से अधिक है, जो करने के लिए इस हद तक धारा 35 (iv) उप - धारा (2 बी),;

जैसा भी मामला हो (ग्यारहवीं) उप - धारा (1), या,, उप - धारा (1), उप - धारा (2), धारा 33A के के खंड (i) के साथ पढ़ा;

जैसा भी मामला हो (तेरहवीं) उप - धारा (1), या,, उप - धारा (1), उप - धारा (3) धारा 32A के के खंड (i) के साथ पढ़ा;

(3) उपधारा में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत कटौती (2), करेगा, उप - धारा के तहत प्रतिबंधित करने के उद्देश्यों के लिए जैसा भी मामला हो (1), राशि या, कटौती की कुल राशि के तहत उन प्रावधानों कहा प्रावधानों उप - धारा (2) में निर्दिष्ट किया गया है जिस क्रम में अनुमति दी, और तदनुसार होने

कोई कटौती नहीं है कि प्रावधान के तहत उक्त खंड (i) या कटौती स्वीकार्य में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत स्वीकार्य है अगर (बी) के पूर्व प्रोत्साहन कुल आय का कम से कम सत्तर फीसदी है, कटौती अगले में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत अनुमति दी जाएगी खंड (द्वितीय) की उपधारा (2); और

कोई कटौती उक्त खंड (द्वितीय), या एक साथ उक्त खंड (क) में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत अनुमति दी कटौती के साथ उस प्रावधान के तहत कटौती में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत स्वीकार्य है अगर (ग), प्रतिशत से कम सत्तर है पूर्व प्रोत्साहन कुल आय की, कटौती अगले खंड में निर्दिष्ट प्रावधानों के तहत अनुमति दी जाएगी (iii) की उपधारा (2) और इतने पर तो अनुमति दी कुल कटौती पूर्व प्रोत्साहन कुल सत्तर प्रतिशत के बराबर है जब तक आय.

(4) पूर्ण कटौती (2), केवल उप - धारा के तहत प्रतिबंध के पुण्य से (1) (और नहीं की हैसियत से उप - धारा में निर्दिष्ट किसी भी प्रावधान के संबंध में आकलन वर्ष में अनुमति नहीं दी जा सकते हैं जो करने के लिए इस हद तक किसी भी अन्य अनुभाग में निहित कुछ भी), नाजायज शेष राशि किसी भी अगर अगले अगले आकलन वर्ष के लिए कहा प्रावधान के तहत निर्धारिती की अनुमति दी जाए,, राशि को जोड़ा जाएगा और करने के लिए स्वीकार्य कटौती का हिस्सा नहीं समझा जाएगा उस वर्ष के लिए कहा प्रावधान के तहत निर्धारिती या ऐसी कोई कटौती है कि साल के लिए निर्धारिती को स्वीकार्य है, तो उस वर्ष के लिए निर्धारिती को स्वीकार्य कटौती नहीं समझा जाएगा, और इतने पर निर्धारण वर्ष सफल होने के लिए. "

‡ वित्त अधिनियम, 1986 से प्रभावी द्वारा खंड (xiiib) के रूप में relettered 1986/01/04 से प्रभावी और बाद में वित्त अधिनियम, 1985, द्वारा डाला 1987/01/04.

' वित्त मंत्री'

द्रमुक सरकार ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर राज्यपाल रवि को बर्खास्त करने की मांग की और आरोप लगाया कि उन्होंने सांप्रदायिक घृणा को भड़काया है.

जयराम रमेश ने कहा, ‘‘16 सितंबर को वित्त मंत्री महोदया ने कहा था कि 1991 के आर्थिक सुधार आधे-अधूरे (अधपका) थे. कल, ‘मास्टरशेफ’ गडकरी ने खुद ही सब कुछ स्पष्ट कर दिया और डॉ. मनमोहन सिंह के 1991 के आर्थिक सुधारों की भरपूर प्रशंसा की. मुझे लगता है कि अब वह इसे पचा पाएंगी.’’

नितिन गडकरी ने यहां आयोजित ‘टीआईओएल पुरस्कार 2022’ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दिखाई. उन्होंने कहा कि देश इन आर्थिक सुधारों के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आभारी है.

केरल में सत्ताधारी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI-M) ने रविवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि यह राज्यपाल का इस्तेमाल करके राज्य में कल्याणकारी योजनाओं पर अमल को बाधित करने और उच्च शिक्षा को तबाह करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (BJP) हर चीज को अपने नियंत्रण में रखना चाहती है. माकपा सचिव एमवी गोविंदन ने आरोप लगाया कि न्यूनतम रोजगार गारंटी जैसी कल्याणकारी योजनाओं पर अमल को बाधित करने की केंद्र सरकार की मंशा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक दिन पहले दिए गए भाषण से उजागर हो गई है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां केंद्र-राज्य संबंधों पर एक व्याख्यान देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को 41 प्रतिशत धन राशि मिलती है, क्योंकि वह एक राज्य नहीं है. संभवत: जल्द ही इसका राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा.

ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ऊपरी मंजिल के एक फ्लैट में शिफ्ट हुए हैं. इस फ्लैट का इस्तेमाल आमतौर पर चांसलर ऑफ एक्सचेकर (ब्रिटेन के वित्त मंत्री) के आवास के रूप में किया जाता है. सुनक ने कहा, 'यहां आकर अक्षता और बेटियां कृष्णा-अनुष्का बहुत उत्साहित हैं.'

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और साउथ के अभिनेता रजनीकांत ने फिल्म के लिए ऋषभ शेट्टी की तारीफ की. ट्रेड एक्सपर्ट तरण आदर्श के मुताबिक फिल्म ने रिलीज के तीसरे हफ्ते के बाद हिंदी बेल्ट में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई कर ली है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं को हमेशा विकसित देशों की अर्थव्यवस्था में होने वाली घटनाओं के अनपेक्षित प्रभाव का सामना करना पड़ता है. जी20 मंच में भारत लगातार अपनी स्थिति बनाए हुए है और उभरती अर्थव्यस्थाओं तथा निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों की चिंताओं पर लगातार नजर रख रहा है.

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन को लिखे पत्र में कहा कि वित्तमंत्री केएन बालागोपाल सम्मान खो चुके हैं, इसलिए उन्हें पद से हटा दिया जाए. राज्यपाल ने मंत्री के एक भाषण पर आपत्ति जताई है.

अक्षता एक भारतीय नागरिक हैं। इस वजह से अक्षता को विदेश में मिली इनकम पर ब्रिटेन में टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। हालांकि, ब्रिटेन में यह विवाद का एक बड़ा मुद्दा रहा है

उद्यमियों के लिए व्यापार वित्त पोषण स्रोत

Sneha Santra

एक उद्यमी को व्यवसाय शुरू करने और सफलता की संभावना बढ़ाने के लिए वित्त प्राप्त करने में बाधा आ सकती है। प्रदान की जाने वाली सेवाओं या उत्पादों के आधार पर, आपकी कंपनी को व्यवसाय शुरू करने के लिए हजारों रुपये की आवश्यकता हो सकती है। सौभाग्य से, वित्त स्रोतों की एक सारणी उपलब्ध है। हालांकि, आपको अपनी व्यक्तिगत वित्तीय स्थिति के आधार पर और आपकी आवश्यकताओं को सर्वोत्तम रूप से पूरा कर पाए, ऐसे स्रोत का चयन करना होगा। यहां कुछ फंड रेइजिंग स्रोत शामिल हैं, जिससे नये उद्यमी फंड प्राप्त कर सकते हैं।

व्यापार में मालिक का निधि योगदान रहता है। इसे जोखिम पूंजी भी कहा जाता है। व्यवसाय में वित्त पोषण का यह सबसे विश्वसनीय स्रोत है, क्योंकि पैसा उद्यमी की पिछली बचत से उठाया जाता है। यह मित्रों, रिश्ते इत्यादि से भी योगदान हो सकता है। व्यवसाय विफल होने पर भी यह उद्यमी पर कम दबाव डालता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि उद्यमी पर पुनर्भुगतान की कोई प्रतिबद्धता नहीं रहती।

इसे निजी स्रोतों या वित्तीय संस्थानों जैसे कि माइक्रो फाइनान्स हाउस या वाणिज्यिक बैंकों से प्राप्त किया जा सकता है, यह उद्यमी को मूल राशि और अर्जित ब्याज का भुगतान तय समय पर करने के दायित्व के साथ दी गई सुविधा है। ऋण एक नए व्यवसाय को वित्त पोषित करने का सबसे अच्छा स्रोत नहीं हो सकता है, क्योंकि इसका भुगतान उद्यमी और व्यापार पर दबाव डालता है। चूँकि इसे पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता। उद्यमी को इसे लेने में सावधान रहना चाहिए। इसके उपाय के विकल्प में, एक व्यवसाय शुरू करने से पहले ज्ञान और धन इकट्ठा करने के लिए अप्रेंटिसशिप लेने की सलाह है। ऋण के प्रकार और सुविधाएं इस प्रकार हैं:

-शॉर्ट टर्म लोन: यह छह महीनों से कम की रीपेमेंट अवधि का ऋण का प्रकार है। यह माइक्रो बैंक्स और उद्यम पूंजीपति द्वारा प्रदान किया जाने वाला लोकप्रिय प्रकार है। उन्हें आम तौर पर अल्पकालिक निवेश से कामकाजी पूंजी और उद्यमों के वित्तपोषण के लिए सोर्स किया जाता है। वे आमतौर पर भुगतान पर ऊँचे ब्याज दर वसूल करते हैं।

-मीडियम टर्म लोन: इस सुविधा के लिए भुगतान की अवधि बारह महीने से अधिक नहीं होती। वाणिज्यिक बैंक और माइक्रो फाइनान्स हाऊस, दोनों संस्थान इस प्रकार की सुविधा प्रदान करने के लिए अनिच्छुक हैं, क्योंकि उन्हें अपने व्यवसाय चलाने के लिए धन की आवश्यकता है और वे अपने ट्रेड (धन) के आर्टिकल को बाधित करने वाली किसी भी चीज़ से बचेंगे।

-दीर्घकालिक ऋण: लघु-स्तरीय व्यापार उद्यमी इससे जुड़ी कड़ी शर्तों की वजह से, इस प्रकार के ऋण तक पहुंचने में सक्षम नहीं होते। इस प्रकार की सुविधा में पैसा दो साल या उससे अधिक के बाद लौटाया जा सकता है। यह कैपिटल प्रोजेक्ट्स के लिए सोर्स किया जाता है। आमतौर पर एक्जिम इत्यादि, जैसे विशेष बैंकों द्वारा प्रदान किया जाता है।

- क्रेडिट/थ्रिफ्ट कोआपरेटिव सोसाइटीज से ऋण: इन एसोसिएशन/आर्गेनाइजेशन को उनके सदस्यों को बाजार की तुलना में किफायती/रियायती ब्याज दर पर क्रेडिट प्रदान करने के लिए गठित किया जाता है। स्मॉल-स्केल के उद्यमियों को यह सुविधा लेने के लिए अपने संगठनों से संबंध रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

-ऑवरड्राफ्ट: यह खाते में शेष राशि से ज्यादा पैसे लेने के लिए, बैंक और उसके ग्राहकों के बीच बनाई गई एक व्यवस्था है। माइक्रो फाइनान्स और वाणिज्यिक बैंक इस प्रकार की सुविधा प्रदान करते हैं, जो नवीनीकरण के अधीन है। यह सुविधा एक उद्यमी को अपने खाते में जितना है उससे अधिक लेने की अनुमति देती है। यह आमतौर पर कुछ दिनों या हफ्तों के लिए होता है और बैंक में उपयुक्त प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाता है।

- इक्विपमेन्ट लीजिंग: इसमें वित्तीय संस्थान और उसके ग्राहकों के बीच एक व्यवस्था शामिल है, जिससे संस्थान अपने ग्राहक, जो तय समय सीमा में इस उपकरण की लागत और उस पर अर्जित ब्याज चुकाएगा, उनके लिए उपकरण / मशीन जैसी एक निश्चित संपत्ति खरीदने के लिए सहमत होता है। इस व्यवस्था में क्रेडिट के अन्य उपयोग नहीं हो सकते।

- ट्रेड क्रेडिट: इसमें, खरीदे गए सामानों का भुगतान एक सहमत तिथि तक स्थगित कर दिया जाता है। इस प्रकार की व्यापार व्यवस्था विक्रेताओं और खरीदारों के बीच होती है।

वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि 13.0 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान

वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में जीडीपी की वृद्धि 13 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान जताया जा रहा है. ICRA को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में वित्त मूल बातें सेक्टोरल ग्रोथ सर्विस सेक्टर (प्लस 17-19 प्रतिशत; वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में प्लस 5.5 प्रतिशत) द्वारा संचालित होगी, इसके बाद उद्योग (प्लस 9-11 प्रतिशत; प्लस 1.3 प्रतिशत) होगा.

Updated: August 23, 2022 4:29 PM IST

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व्यापक टीकाकरण कवरेज के बाद संपर्क-गहन क्षेत्रों में कम आधार और मजबूत रिकवरी के कारण 2023 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दोहरे अंकों में 13 प्रतिशत पर बढ़ने की उम्मीद है. आईसीआरए की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है. वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में मूल मूल्य पर ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 12.6 फीसदी रहने का अनुमान है, जो पहले 3.9 फीसदी था.

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आईसीआरए को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में सेक्टोरल ग्रोथ सर्विस सेक्टर (प्लस 17-19 प्रतिशत; वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में प्लस5.5 प्रतिशत) द्वारा संचालित होगी, इसके बाद उद्योग (प्लस 9-11 प्रतिशत; प्लस 1.3 प्रतिशत) होगा.

हालांकि, देश के कई हिस्सों में गर्मी की लहर के प्रतिकूल प्रभाव के कारण, कृषि, वानिकी और मछली पकड़ने में जीवीए की वृद्धि वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में 1.0 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

आईसीआरए की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने एक विज्ञप्ति में कहा, “वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में अनुमानित दोहरे अंकों में जीडीपी विस्तार वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही में भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के निम्न आधार के साथ-साथ व्यापक टीकाकरण कवरेज के बाद संपर्क-गहन क्षेत्रों में मजबूत सुधार से लाभान्वित होता है.

आईसीआरए के आकलन में, मध्यम से उच्च आय समूहों के लिए विवेकाधीन उपभोक्ता वस्तुओं से संपर्क-गहन सेवाओं की मांग में बदलाव आया है. यह, निर्यात मांग में उभरती सतर्कता के संयोजन के साथ और औद्योगिक क्षेत्र के लिए मात्रा के साथ-साथ मार्जिन पर उच्च कमोडिटी कीमतों के प्रभाव के परिणामस्वरूप अपेक्षाकृत मध्यम औद्योगिक विकास की संभावना है.”

वित्त वर्ष 2023 की शुरुआत के बाद से यात्रा से संबंधित सेवाओं में सुधार हुआ है, कॉर्पोरेट यात्रा से संबंधित मांग में वृद्धि और कोविड-19 संक्रमणों के प्रक्षेपवक्र में गिरावट के बीच अवकाश सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आत्मविश्वास में वृद्धि से लाभ हुआ है. इसके अलावा, परिवहन के भीतर, रेलवे और सड़क उप-क्षेत्रों को वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही में एक स्वस्थ रिकवरी पोस्ट करने की उम्मीद है, जैसा कि रेल माल ढुलाई और जीएसटी ई-वे बिल में स्वस्थ साल-दर-साल वृद्धि से संकेत मिल रहा है.

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