गोल्ड और ईटीएफ

Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
गोल्ड ETF की ओर आकर्षित हो रहे हैं निवेशक, जानिए क्या गोल्ड और ईटीएफ है ये और इसके फायदे
नई दिल्ली। कोरोना काल में लोगों को निवेश और बचत का महत्व समझ आया है। अगस्त में सोने के एक्सचेंज ट्रेडिड फंड्स (गोल्ड ETF) में सुधार आया है। पिछले महीने इसमें 24 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया गया। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों के दौरान गोल्ड ईटीएफ में कुल प्रवाह 3,070 करोड़ रुपये रहा। इतना ही नहीं, पिछले महीने गोल्ड ईटीएफ में निवेशक फोलियो की संख्या 21.46 लाख तक पहुंच गई।
हालांकि, अगस्त 2019 से इसमें धीमी गति से सुधार हो रहा है। गोल्ड ईटीएफ गोल्ड और ईटीएफ में नवंबर 2020 में 141 करोड़, फरवरी 2021 में 195 करोड़ और जुलाई 2021 में 61.5 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी दर्ज की गई थी। वैश्विक स्तर पर बने सकारात्कमक रुख से पीली धातु को लेकर धारणा में सुधार आया है। जुलाई 2021 में निकासी के बाद अगस्त में सोने में निवेश सकरात्मक रहा।
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यह निवेश का एक सरल माध्यम है। इसकी खरीद-फरोख्त अन्य शेयरों की तरह स्टॉक एक्सचेंज में ही होती है। इसे स्टॉक एक्सचेंज में खरीद-बिक्री की सुविधा वाला फंड भी कहा जाता है। यह किसी इंडेक्स या कई एसेट्स के समूह को ट्रैक करता है। पूरे दिन कारोबार होने से इसकी भी कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा जाता है। बेहतर लिक्विडिटी होने की वजह से इसे कभी बेचा जा सकता है।
कैसे करता है काम?
ईटीएफ किसी इंडेक्स या एसेट को ट्रैक करता है। अगर कोई ईटीएफ बीएसई सेंसेक्स को ट्रैक करता है तो यह अपने फंड का निवेश सेंसेक्स में शामिल 30 कंपनियों के शेयरों में करेगा। यह निवेश उसी अनुपात में होगा, जितना हर कंपनी का सेंसेक्स में वेटेज होगा। आपके इस ईटीएफ में निवेश करने पर एसेट मैनेजमेंट कंपनी आपको निवेश के मूल्य के हिसाब से यूनिट्स जारी कर देगी।
Gold म्यूचुअल फंड vs Gold ETF vs SGB: कहां निवेश करना है बेहतर?
- Paurav Joshi
- Publish Date - August 5, 2021 / 05:52 PM IST
image: Unsplash, MCX पर गोल्ड और ईटीएफ सिल्वर का सितंबर डिलीवरी कॉन्ट्रैक्ट का भाव 359 रुपये या 0.56 फीसदी गिरकर 63,233 रुपये प्रति किलो पर चला गया.
अक्षय तृतीया, धनतेरस और दिवाली जैसे त्योहारो पर या कोइ भी शुभ दिन पर लोग ज्यादातर फिजिकल गोल्ड खरीदना पसंद करते है. लेकिन फिजिकल रुप में सोने को रखने से उसको स्टोर करना पडता है. ज्वेलरी बनाने में मेकिंग चार्जिस लगते हैं. सोने में मिलावट का भी खतरा रहता है तो सोने में निवेश के कइ और तरीके भी है जिसको हम अपना सकते हैं. जैसे गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF), गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold mutual funds) और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB).
गोल्ड ईटीएफ में निवेश कैसे करते है (How To Invest In Gold ETF)
Gold ETF Me Nivesh Kaise Kare- गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अर्थात गोल्ड ईटीएफ में निवेशक को निवेश करनें के लिए सबसे पहले ट्रेंडिंग और डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। अकाउंट खुलवानें के बाद ब्रोकर के ऑनलाइन पोर्टल पर लॉगिन कर ईटीएफ विकल्प को चुनें। आप जितनी यूनिट खरीदना चाहें, उतनी यूनिट के लिए खरीद का ऑर्डर दे सकते हैं। कुछ समय पश्चात यूनिट्स आपके डिमेट अकाउंट में आ जायेंगे और आपके खाते से पैसा कट जाएगा। निवेशक एकमुश्त या एसआईपी द्वारा भी निवेश कर सकते हैं।
Gold Bond Aur Gold ETF Me Antar- निवेश के दृष्टिकोण से सोने को हमेशा से निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है| लेकिन अधिकांश लोग भौतिक रूप से सोना खरीदना ही पसंद करते हैं, जैसे ज्वैलरी, कॉइन्स, बिस्किट आदि| यदि हम गोल्ड में निवेश को लेकर बात करे तो गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ भी माध्यम हैं| ऐसे में सोने में निवेश के लिए कौन सा जरिया फायदेमंद है, इसके लिए हम आपको गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड इटीएफ में अंतर बता रहे है, जो इस प्रकार है-
गोल्ड बॉन्ड (Gold Bond)
1. कोई भी व्यक्ति गोल्ड बॉन्ड के रूप में 1 ग्राम से लेकर 4 किलो तक ही सोना खरीद सकते है
2. गोल्ड बॉन्ड में पांच वर्षों का लॉक-इन पीरियड है, इसके बाद ही इसे भुनाया जा सकता है
3. गोल्ड बॉन्ड खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है| यदि तीन वर्ष से पहले विक्रय करते है, तो एप्लीकेबल स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा
4. गोल्ड बॉन्ड पर कैपिटल गेन और ब्याज दोनों का लाभ लिया जा सकता है, साथ ही इस पर सॉवरेन गारंटी भी रहती है
5. गोल्ड बॉन्ड की सबसे बड़ी कमी यह है कि इसे सेकंडरी मार्केट में बेचने पर लिक्विडिटी का इश्यू आता है
गोल्ड इटीएफ (Gold ETF)
1. गोल्ड इटीएफ के रूप में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 1 ग्राम सोने से लेकर कितना भी निवेश कर सकता है, क्योंकि इसमें कोई अपर लिमिट नहीं है|
2. Gold ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं है
3. गोल्ड इटीएफ पर भी 3 साल का होल्डिंग पीरियड पूरा करने के बाद बेचने पर इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ 20 फीसदी LTCG टैक्स लगता है, वहीं 3 साल से पहले बेचने पर एप्लीकेबल स्लैब रेट से टैक्स लगता है
4. Gold ETF में खरीद और बिक्री कभी भी की जा सकती है
5. गोल्ड इटीएफ की सबसे बड़ा माईनस पॉइंट यह है कि डीमैट चार्ज देना अनिवार्य है और कभी-कभी इसका वॉल्यूम बहुत लो रहता है
Gold ETF: महंगाई बढ़ने, शेयर बाजार में तेजी से घटा गोल्ड ईटीएफ में निवेश, इस वर्ष बढ़ेगा निवेश
Gold ETF: महंगाई और शेयर बाजार में तेजी के असर से गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Gold ETF Funds) में वर्ष 2021 में निवेश घटा था, लेकिन इससे बाजार खुश है. वर्ष 2020 की तुलना में कम निवेश के बावजूद बाजार को उम्मीद है कि वर्ष 2022 में गोल्ड ईटीएफ के प्रति निवेशक फिर से आकर्षित होंगे.
4,814 करोड़ का लोगों ने किया निवेश
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से पता चला है कि बीते साल यानी वर्ष 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है. हालांकि, इस वर्ष गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह वर्ष 2020 के 6,657 करोड़ रुपये से कम रहा.
वैश्विक पुनरोद्धार और बेहतर निवेशक धारणा से महामारी के साल यानी वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में गोल्ड ईटीएफ के प्रवाह में गिरावट आयी है. क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है.
गोल्ड गोल्ड और ईटीएफ ईटीएफ क्या है? जानिए निवेश की 5 वजह
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) जो भौतिक सोने की घरेलू कीमत को ट्रैक करते हैं और गोल्ड ईटीएफ के रूप में जाने जाते हैं जिसमें इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश सबसे अच्छा विकल्प है क्योंकि वे कुल होल्डिंग पारदर्शिता और शुद्धता आश्वासन प्रदान करते है
जानिए गोल्ड ईटीएफ के बारे मे: गोल्ड ईटीएफ स्टॉक एक्सचेंज में स्टॉक की तरह सूचीबद्ध होते हैं जहां डीमैट खाते का उपयोग करके वहां खरीदा और कारोबार किया जा सकता है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) जो भौतिक सोने की घरेलू कीमत को ट्रैक करते हैं
गोल्ड ईटीएफ के रूप में जाने जाते हैं. वास्तविक सोने का एक ग्राम गोल्ड ईटीएफ की एक इकाई के बराबर होता है. यदि आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो गोल्ड ईटीएफ के माध्यम से सोने में निवेश करने के बारे में सोचने के पांच कारण यहां दिए गए हैं