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फंड का सेक्टर

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Tata Mutual Fund: मार्केट में टाटा लेकर आ रहा है नया म्यूचुअल फंड, हाउसिंग सेक्टर में होगा निवेश

TATA फंड का सेक्टर Mutual Fund ने एक नया हाउसिंग फंड लॉन्च (Housing Fund Launch) किया गया है. इससे पहले इसी कैटेगरी के दो फंड का सेक्टर फंड लॉन्च कर चुका है.

By: ABP Live | Updated at : 18 Aug 2022 06:56 PM (IST)

Edited By: Sandeep

टाटा म्यूचुअल फंड

Tata Mutual Fund Share Price : भविष्य में आने वाले समय में घरों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ने वाली हैं. इस हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में पैसा निवेश करने से अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है. टाटा म्यूचुअल फंड (TATA Mutual Fund) ने एक नया हाउसिंग फंड लॉन्च (Housing Fund Launch) किया गया है. इससे पहले इसी फंड का सेक्टर कैटेगरी के दो फंड लॉन्च कर चुका है.

टाटा MF को मिलेगा रिटर्न
टाटा हाउसिंग ऑपर्चुनिटी फंड (Tata Housing Opportunity Fund) घरों की मांग में तेजी का लाभ उठाने के उद्देश्य से लाया गया है. ये फंड पूरी तरह से हाउसिंग स्टॉक (Housing Stock) में निवेश न करके घर निर्माण के बिजनेस से नाता रखने वाली कंपनियों में भी निवेश होगा. टाटा एमएफ को उम्मीद है इससे बेहतर रिटर्न मिलेगा.

नया फंड ऑफर शुरू
बिल्डिंग मैटेरियल (Building Material) को ज्यादा एलोकेशन के साथ ये फंड ऐसे समय में लाया गया है. कैटेगरी के पुराने फंड्स ने कुछ खास रिटर्न नहीं दिया है. यह नया फंड ऑफर (NFO) 16 अगस्त मतलब कल से खुल चुका है. अगर आपको लगता है कि आने वाले समय में घरों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ेगी. इस हाउसिंग सेक्टर में पैसा निवेश करने से अच्छा रिटर्न हासिल किया जा सकता है, तो आपके लिए अच्छी खबर है.

नया हाउसिंग फंड लॉन्च
टाटा म्यूचुअल फंड (TATA MF) ने एक नया हाउसिंग फंड लॉन्च किया है. इससे पहले इसी कैटेगरी के दो फंड लॉन्च कर चुका है. टाटा हाउसिंग ऑपर्चुनिटी फंड घरों की मांग में तेजी का लाभ उठाने के उद्देश्य से लाया गया है. ये फंड पूरी तरह से हाउसिंग स्टॉक में निवेश न करके घर निर्माण के बिजनेस से नाता रखने वाली कंपनियों में भी निवेश होगा. टाटा एमएफ को उम्मीद है इससे बेहतर रिटर्न मिलेगा.

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नया फंड ऑफर
बिल्डिंग मैटेरियल को ज्यादा एलोकेशन के साथ ये फंड ऐसे वक्त में लाया गया है, जबकि इसी कैटेगरी के पुराने फंड्स ने कुछ खास रिटर्न नहीं दिया है. यह नया फंड ऑफर (NFO) 16 अगस्त मतलब कल से खुल चुका है.

क्या है पूरी स्कीम
यह फंड निफ्टी के हाउसिंग इंडेक्स को बेंचमार्क मानेगा, जिसमें कि 50 स्टॉक शामिल हैं. यह फंड बड़े और अधिक स्टॉक्स और बिजनेसेज में निवेश करेगा. यह हाउसिंग सेक्टर (Housing Sector) में बढ़ती मांग के दौरान अच्छा रिटर्न दे सकता है. फिलहाल हाउसिंग सेक्टर में कीमतें कम हैं, हाउस लोन रेट्स भी कम हैं, अधिक से अधिक शहरीकरण हो रहा फंड का सेक्टर है और इस सेक्टर में नए प्रोजेक्ट भी लॉन्च हो रहे हैं.

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Published at : 18 Aug 2022 06:56 PM (IST) Tags: tata group housing sector Tata Mutual Fund Building material Housing Fund Launch हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Mutual funds के 6 पसंदीदा सेक्टर फंड का सेक्टर जिनमें कर रहे निवेश, जानिए क्या है वजह

बैंकिंग इस समय म्यूचुअल फंडों का पसंदीदा सेक्टर है। इंडस्ट्री AUM का करीब 1/5 हिस्सा इसी सेक्टर में है।

अधिकांश म्यूचुअल फंड शेयरों का चुनाव करते समय बॉटम अप अप्रोच अपनाते हैं। लेकिन इस समय फंड मैनेजर शेयरों का चुनाव करने में सावधानी बरत रहे हैं। वे ऐसे सेक्टरों पर दांव लगा रहे हैं जिनके प्रदर्शन में स्थिरता रही है और जिनके आय और मुनाफे में आगे भी अच्छी ग्रोथ होनें की उम्मीद है। पिछले दो सालों के दौरान COVID-19 ने पूरी दुनिया में तबाही मचाई है। इसने कंपनियों के कारोबार के तरीके को भी बदलकर रख दिया है। इस स्थिति में कई नई सेक्टर लाइमलाइट में आ गए हैं जबकि कई सेक्टर अर्श से फर्श पर आ गए हैं। यहां हम ऐसे 6 सेक्टरों के बारे में बता रहे हैं जिन में म्यूचुअल फंड खरीदारी कर रहे हैं। इस स्टोरी में दिए गए आंकड़े 31 अगस्त 2021 तक के हैं।

बैंकिंग इस समय म्यूचुअल फंडों का पसंदीदा सेक्टर है। इंडस्ट्री AUM का करीब 1/5 हिस्सा इसी सेक्टर में है। पिछले दो दशकों में इस सेक्टर में भारत की जीडीपी से ज्यादा ग्रोथ देखने को मिली है। म्यूचुअल फंडों की होल्डिंग में शामिल टॉप 5 बैंकिंग शेयरों में ICICI Bank, HDFC Bank, State Bank Of India, Axis Bank और Kotak Mahindra Bank के नाम शामिल हैं।

टेक्नोलॉजी और डीजिटलाइजेशन पर बढ़ते खर्च के बीच सॉफ्टवेयर कंपनियां फोकस में हैं। जिसको देखते हुए Infosys, Tata Consultancy Services, HCL Technologies, Tech Mahindra और Info Edge (India)में एमएफ की खरीदारी देखने को मिल रही है।

बीमा कंपनियां (insurance companies) और non-bank firms भी म्यूचुएल फंडों की शॉपिंग लिस्ट में अच्छा स्थान रखती हैं। म्यूचुअल फंडों ने HDFC Ltd, Bajaj Finance, SBI Life Insurance Company, Bajaj Finserv और Max Financial Services में जोरदार खरीदारी की है।

अब म्युचुअल फंड सेक्टर पर भी बाजार की कमजोरी का दिखने लगा असर, मई में AUM 2% घटी

इक्विटी फंड में मार्क-टू-मार्केट घाटे के चलते भी म्यूचुअल फंडों का AUM नीचे आया है। मई में इक्विटी फंड का AUM 13.3 लाख करोड़ रुपए रहा है

बाजार में कमजोरी या मजबूती का आलम क्या है इसका एक पैमना म्यूचुअल फंड में आने वाला निवेश भी होता है। लेकिन अब म्युचुअल फंड सेक्टर पर भी बाजार की कमजोरी का असर दिखने लगा है। मई में इंडस्ट्री का असेट अंडर मैनेजमेंट (ASSET UNDER MANAGEMENT) 2 फीसदी घटा है। इस पर बात करते हुए सीएनबीसी-आवाज के नीरज बाजपेई ने बताया कि मई में म्यूचुअल फंडों का AUM महीने दर महीने आधार पर 2.1 फीसदी से घटकर 37.2 लाख करोड़ रुपए पर रहा है। डेट फंड में बिकवाली के चलते AUM घटा है। ब्याज दरें बढ़ने के साथ डेट फंड में बिकवाली का ट्रेंड जारी है।

नीरज बाजपेई ने आगे बताया कि इक्विटी फंड में मार्क-टू-मार्केट घाटे के चलते भी म्यूचुअल फंडों का AUM नीचे आया है। मई में इक्विटी फंड का AUM 13.3 लाख करोड़ रुपए रहा है। बता दें कि अप्रैल में इक्विटी फंड का AUM 13.6 लाख करोड़ रुपए रहा था। इस बीच SIP में निवेश लगातार बढ़ रहा है। मई में SIP निवेश अप्रैल की तुलना में 3.5 फीसदी बढ़कर 12,286 करोड़ रुपए पर रहा है। मई महीने में डायनामिक एसेट एलोकेशन/ बैलेंस्ड एडवांटेज का AUM 1.8 लाख करोड़ रुपए रहा है। वहीं, बैलेंस्ड एडवांटेज फंड कैटेगरी में निवेश महीनें दर महीनें आधार पर 46 फीसदी बढ़कर 2,250 करोड़ रुपए पर रहा है। (ये सारे आंकड़े ICICI डायरेक्ट के विवरण पर आधारित हैं)।

सेक्टर और थीमैटिक फंडों में निवेश से पहले जान लें ये 6 बातें, हो सकता है अच्‍छा मुनाफा

Investment Tips for Sectoral and Thematic Funds

सेक्‍टोरल और थीमैटिक फंडों में डायवर्सिफायड इक्विटी फंडों की तुलना में जोखिम अधिक होता है। अगर इन फंडों में निवेश करने से पहले आप एक्‍सपर्ट के इन 6 टिप्‍स पर गौर करेंगे तो आप ज्‍यादा बेहतर रिटर्न प्राप्‍त कर सकते हैं।

नई दिल्‍ली, श्रीनाथ एम एल। सेक्टर और थीम आधारित फंड आपको एक विशिष्ट सेक्टर/थीम में केंद्रित निवेश का विकल्प प्रदान करते हैं। सेक्टोरल फंड मुख्य रूप से किसी विशेष क्षेत्र से संबंधित कंपनियों में निवेश करते हैं जैसे: ऑटो, बैंकिंग, फार्मा आदि। वहीं, थीमैटिक या विषय आधारित फंड एक विशिष्ट विषय से संबंधित कंपनियों में निवेश करते हैं। अंतर यह है कि थीम आधारित फंड ज्यादा व्यापक होते हैं और यह कई क्षेत्रों में फैला हो सकता है, जैसे खपत, बुनियादी ढांचा व विनिर्माण आदि। हालांकि, सेक्टर/थीम आधारित फंड्स में निवेश में कई बारीकियां शामिल हैं। इन फंड्स में निवेश करने से पहले आपको मुख्य रूप से छह बातों पर विचार करने की आवश्यकता है।

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1. क्या आपने संभावित थीम/सेक्टर की पहचान की है?

सबसे पहले, आपको भविष्य के लिए संभावित सेक्टर/थीम की पहचान करने की आवश्यकता है। हम केवल सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाली थीम में निवेश नहीं कर सकते क्योंकि अलग-अलग थीम अलग-अलग समय पर अच्छा करती हैं। जिन सेक्टर्स/थीम ने पिछले कुछ वर्षों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, वे अगले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते हैं और जिन्होंने अतीत में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है, वह भविष्य में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। वास्तव में, पिछले 16 वर्षों में एक वर्ष में शीर्ष पर रहने वाले क्षेत्र (जैसे रियल्टी, एफएमसीजी, मेटल, हेल्थकेयर, मीडिया और आईटी) भी दूसरे वर्ष में सबसे निचले स्थान पर रहे।

2. इस थीम/सेक्टर में एक्‍सपोजर को लेकर आपका वर्तमान स्तर क्या है?

यहां, आपको यह पता लगाने की जरूरत है कि आपके मौजूदा पोर्टफोलियो में चुनी गई थीम के लिए आपके पास पहले से कितना निवेश है। यदि आपके पोर्टफोलियो में पहले से ही थीम के लिए एक महत्वपूर्ण आवंटन है, तो अतिरिक्त जोखिम लेने से बचा जा सकता है।

3.क्या आप सही समय पर थीम/सेक्टर में प्रवेश करने और बाहर निकलने में सक्षम होंगे?

जब थीम/क्षेत्रों में निवेश करने की बात आती है तो समय बहुत मायने रखता है। ऐतिहासिक रूप से, अधिकांश सेक्टर और थीम आधारित सूचकांक (जैसे रियल्टी, टेलीकॉम, यूटिलिटीज, एनर्जी, इंफ्रा, पीएसयू) अन्य विविध सूचकांकों की तुलना में कमजोर प्रदर्शन के लंबे दौर से गुजरे हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अधिकांश क्षेत्र चक्रीय होते हैं और व्यापार और आर्थिक चक्र में बदलाव के प्रति संवेदनशील होते हैं। आदर्श रूप से, आपको इस चक्र के शुरू होने से पहले विषय में प्रवेश करना होगा और चक्र के चरम पर बाहर निकलना होगा। लेकिन वास्तव में, यह भविष्यवाणी करना बेहद कठिन है कि चक्र कब शुरू होते हैं और कितने समय तक चलते हैं।

4. क्या आप थीम/सेक्टर की अस्थिरता को संभालने में सक्षम होंगे?

सेक्टर और थीम फंड भी ऐसे डिजाइन किये जाते हैं कि यह उच्च अस्थिरता का प्रदर्शन करते हैं। सूचकांकों ने ऐतिहासिक रूप से लंबी अवधि तक निचले स्तर पर कारोबार किया है। उदाहरण के लिए, निफ्टी इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडेक्स 2006 के बाद से 85% के पीक से कम से कम 20% नीचे था। कमजोर प्रदर्शन और कमजोर होते हुए लंबी अवधि के लिए जारी रह सकता है।

5.क्या वैल्यूएशन पहले से ही थीम/सेक्टर की क्षमता में शामिल है?

अगली फंड का सेक्टर चुनौती इस बात पर विचार करना है कि क्या अंतर्निहित कंपनियों का मूल्यांकन पहले से ही अपेक्षित वृद्धि में शामिल है। स्टॉक की कीमतें किसी कंपनी के अपेक्षित प्रदर्शन का एक भाग हैं। यदि बाजार में पहले से ही बहुत अधिक उम्मीदें हैं तो आपके उच्च रिटर्न अर्जित करने की संभावना कम है।

6.क्या आपने उस फंड का चयन किया है जो सेक्टर/थीम को चलाने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है?

अंत में, आपको चुनी हुई थीम को चलाने के लिए सही फंड चुनना होगा। विषय से संबंधित सभी कंपनियां/फंड अच्छा प्रदर्शन नहीं करते हैं, भले ही अंतर्निहित थीम पक्ष में हो। इसे देखते हुए आपको अंतर्निहित थीम के प्रदर्शन का लाभ उठाने के लिए एक साबित ट्रैक रिकॉर्ड के साथ एक फंड/फंड मैनेजर चुनने की जरूरत है।

काम की बात

थीम/सेक्टर फंड में निवेश करने के लिए चार चीजों को सही करने की आवश्यकता होती है - एक विजेता थीम/सेक्टर की पहचान करना, सही समय पर प्रवेश करने और बाहर निकलने की क्षमता, सही मूल्यांकन पर प्रवेश करना और एक ऐसे फंड का चयन करना जो थीम/सेक्टर को चलाने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में हो।

चारों मानकों को हमेशा सही स्थिति में हासिल करना वाकई में मुश्किल है। विविधीकृत फंड में, सेक्टर/थीम से जुड़ा हुआ निर्णय फंड मैनेजर लेते हैं और इसलिए आपको समय के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, सेक्टर और थीम आधारित फंडों में ऐसा कोई लचीलापन नहीं है। फंड को उसी सेक्टर/थीम के साथ जारी रखना होगा, भले ही वह पक्ष में न हो। इन्हें देखते हुए, सेक्टर/थीम आधारित फंड्स को आपके कोर पोर्टफोलियो का हिस्सा नहीं बनना चाहिए।

उच्च जोखिम सहनशीलता वाले निवेशक जो किसी विशेष थीम/सेक्टर में निवेश की तलाश में हैं, इन फंड्स को 'अतिरिक्त जोखिम-रिटर्न' श्रेणी के तहत विचार कर सकते हैं। हालांकि, यह समग्र रूप से आपके कुल फंड का सेक्टर पोर्टफोलियो के 10-15% से अधिक नहीं होना चाहिए।

(लेखक फंड्सइंडिया के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट हैं, प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

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