बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट

केंद्रीय बैंक ने कहा कि डिजिटल करेंसी धारक के पास बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं होगा। इसके इस्तेमाल से बड़ी मात्रा में रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। इसका इस्तेमाल नीति निर्धारण में हो सकेगा। इसी तरह व्यापार में पैसो का लेनदेन आसान होगा, मोबाइल वॉलेट की तरह सेकंडों में बिना इंटरनेट के लेनदेन होगा, नकली नोट की समस्या से छुटकारा मिलेगा, नोटों की छपाई का खर्च बचेगा, इसकी अवधि कागज के नोटों की तुलना में अनिश्चित होगी।
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बिटकाइन एक विकेन्द्रीकृत इलेक्ट्रॉनिक आभासी मुद्रा या कूटमुद्रा बनाया द्वारा 2008 में सतोशी नाकामोतो. शब्द "विकेन्द्रीकृत" का मतलब है कि बिटकाइन है कोई केंद्रीय सर्वर के लिए लेन-देन के प्रसंस्करण या भंडारण के लिए धन. उत्सर्जन बिटकाइन की सीमित है के रूप में यह नहीं कर सकता से अधिक 21 लाख बिटकाइन . अनुसार गणना करने के लिए बिटकाइन उत्पादन होगा अंत में 2140.
बिटकाइन लेनदेन और अपने उत्सर्जन द्वारा विनियमित रहे हैं एक व्यापक सहकर्मी से सहकर्मी नेटवर्क है । बिटकाइन का उपयोग करता है एक वितरित सार्वजनिक यूनिवर्सल डाटाबेस के माध्यम से फैल एक विकेन्द्रीकृत पीअर-टू-पीअर नेटवर्क का उपयोग करता है कि डिजिटल हस्ताक्षर और के द्वारा समर्थित है, एक सबूत के काम करने के लिए प्रोटोकॉल सुरक्षा सुनिश्चित करने और वैधता धन के उपयोग में है.
बिटकनेक्ट: संस्थापक के भारत से भाग जाने से 800.4 बिलियन क्रिप्टो स्कैम फिर चर्चा में
यह सुंदर मीम है, जो एचबीओ के लास्ट वीक टुनाइट में दिखाया गया है और अभी भी कभी-कभी इंटरनेट पर नजर आ जाता है। लेकिन कुछ लोगों को इसके पीछे के कथित घोटाले की याद है, जिसने उन निवेशकों को चूना लगाने से पहले नहीं सोचा, जिसमें उनसे 2.4 अरब डॉलर (लगभग 18,000 करोड़ रुपये) जुटाए गए थे।
हालांकि गत 25 फरवरी को मामले ने तब तूल पकड़ लिया, जब एक अमेरिकी जूरी ने आधिकारिक तौर पर बिटकनेक्ट के संस्थापक भारत के सतीश कुंभानी पर एक वैश्विक पोंजी योजना को व्यवस्थित करने का आरोप लगाया। फिर सोमवार को इसमें एक और मोड़ आया, जिसमें प्रतिभूति और विनिमय आयोग ने न्यूयॉर्क के एक न्यायाधीश को बताया कि कुंभानी शायद भारत से भाग गया है और किसी अज्ञात विदेशी पते पर चला गया है। उसने कहा, “इस समय कुंभानी का स्थान हालांकि पता नहीं है, और आयोग यह बताने में असमर्थ है कि उसका पता लगाने के उसके प्रयास कब सफल होंगे।” वैसे उसने भारत के वित्तीय नियामक अधिकारियों के साथ मशविरा होने की बात कही।
क्या था बिटकनेक्ट?
बिटकनेक्ट एक ऐसी साइट थी, जहां निवेशक भारी रिटर्न के बदले कंपनी को अपनी क्रिप्टोकरेंसी से ऋण दे सकते थे। यह इस बात पर निर्भर करता था कि ऋण कितने समय के लिए था।
अभियोजकों ने कहा कि प्लेटफॉर्म को ट्रेडिंग बॉट और “अस्थिरता ट्रेडिंग सॉफ्टवेयर” का उपयोग करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए गारंटीकृत रिटर्न हासिल करना था, जो वैश्विक क्रिप्टोक्यूरेंसी एक्सचेंजों की अस्थिरता का उपयोग करके पर्याप्त लाभ कमाते थे।
वैसे यह बड़े पैमाने पर लाभदायक निवेश कार्यक्रम (HYIP) निकला, जो एक प्रकार की पोंजी योजना है जो निरंतर उच्च रिटर्न का वादा करती है। लेकिन नए निवेशकों द्वारा निवेश किए गए धन के साथ पिछले निवेशकों को भुगतान करके चलन को बनाए रखती है।
सभी बिटकनेक्ट ऋण बिटकनेक्ट कॉइन (बीसीसी) में किए जाने थे। उपयोगकर्ताओं को बाजार दर पर बीसीसी के लिए बिटकॉइन का आदान-प्रदान करना था। बीसीसी में ऋण ब्याज और मूलधन का भी भुगतान किया गया था, जिसके बाद उपयोगकर्ता इसे बिटकॉइन और डॉलर में परिवर्तित कर सकते थे। इसने बीसीसी की भारी मांग पैदा कर दी, जिससे यह 2017 में शीर्ष 20 क्रिप्टो सिक्कों में से एक बन गया।
$56 मिलियन बरामद
पिछले साल सितंबर में उत्तरी अमेरिका में बिटकनेक्ट के स्वयंभू ‘शीर्ष प्रमोटर’ ग्लेन आर्कारो को अमेरिका और विदेशों में बिटकनेक्ट निवेशकों को धोखा देने की एक बड़ी साजिश में भाग लेने के लिए दोषी ठहराया गया।
बिटकॉइन में उससे लगभग $56 मिलियन की वसूली की गई, जिसे अमेरिकी न्याय विभाग ने “संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अब तक की सबसे बड़ी एकल क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी की वसूली” कहा।
यूएस पोस्टल इंस्पेक्शन सर्विस क्रिप्टोक्यूरेंसी आय के अमेरिकी डॉलर में परिसमापन में सहायता कर रही है, ताकि पीड़ितों को हुए हर्जाने की भरपाई हो सके।
बिटकनेक्ट के भारत प्रमुख दिव्येश दारजी को गुजरात अपराध जांच विभाग ने अगस्त 2018 में दिल्ली हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया था। वह अभी जमानत पर बाहर है और जांच के दायरे में है।
अमेरिकी न्याय विभाग (डीओजे) ने कहा कि पति और पत्नी की एक जोड़ी को इस साल फरवरी में लगभग 4.5 बिलियन डॉलर मूल्य के चोरी हुए बिटकॉइन को लूटने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने डिजिटल मुद्रा विनिमय बिटफाइनक्स के 2016 हैक से जुड़ी क्रिप्टोकरेंसी में $ 3.6 बिलियन से अधिक जब्त कर लिया है।
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एक ऐसे सनसनीखेज अपराध की बात करेंगे जिसने देश की रूह को एक बार फिर से झकझोर कर रख दिया है. बात है मेहरौली हत्याकांड की. जहां आफताब नाम का एक शख्स अपने ही साथ रहने वाली अपनी प्रेमिका श्रद्धा का बेरहमी से गला रेतकर हत्या कर देता है. उसके बाद उसके शरीर के 35 टुकडे करता है जिसे वह 18 दिन तक अपने घर के फ्रिज में रखता है और उसके बाद दिल्ली के महरौली इलाके में जंगल में अलग अलग जगह जाकर उसे फेंक देता है. यह कहानी शुरू होती है वर्ष 2019 जिस दिन ये दोनों लोग अफताब और श्रद्धा एक कॉल सेंटर में मिलते हैं. दोनों को प्यार हो जाता है और दोनों साथ रहने लगते हैं. पर फैमिली के आनाकानी की वजह से, दोनों अलग अलग धर्म विशेष से संबंध रखते हैं, इसलिए परिवार वालों ने इसका विरोध करना बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट शुरू किया. परिवार वालों के रोक से बचने के लिए 2022 में उन्होंने यह फैसला लिया कि यह मुंबई से भाग जाएंगे और दिल्ली की ओर प्रस्थान करेंगे. मुंबई से भागकर यह पहले हिमाचल जाते हैं हिमाचल में अलग अलग शहरों में घूमते हैं करीब करीब 15-20 दिन हिमाचल विजिट करते हैं. इसमें कुछ दिन यह मनाली, कसौल, कुल्लू और धर्मशाला जैसी जगहों पर अपना बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट समय व्यतीत करते हैं हिमाचल में इनकी मुलाकात एक शख्स से होती है जो शख्स इन्हें. यह बताता है कि दिल्ली के छतरपुर इलाके में इनका एक फ्लैट है जो वह रेंट पर ले सकते हैं. बाद में यह पता लगता है कि उस शख्स के एक दोस्त है जिनका फ्लैट छतरपुर में था और वह फ्लैट या आकर ये लोग आफताब और श्रद्धा रेंट पर लेते हैं. बात है 12 मई 2022 की ये वो दिन है जब यह दोनों दिल्ली आते हैं और उस फ्लैट में शिफ्ट होते हैं. फ्लैट में शिफ्ट होने के ठीक पांच दिन बाद श्रद्धा की बेरहमी से हत्या कर दी जाती है. 18 मई वह दिन था जिस रात को यह बताया जा रहा है कि श्रद्धा की हत्या आफताब ने गला रेत कर की. उसके बाद अगले दिन की सुबह अफताब अपने घर से निकलता है जबकि वह हत्या कर चुका है तो उसके दिमाग में यह खयाल चलने लगता है कि शव को कैसे छुपाए जाए. अगली सुबह अपने घर से निकलता है और घर से निकलकर सबसे पहले पास वाली मार्केट में जाता है और मार्केट में भी सबसे पहला काम करता है यह एक फ्रिज खरीदता है करीब करीब 300 लीटर का फ्रिज जो 25,500 रुपए में खरीदता है और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करता है और वापिस घर की ओर जाने लगता है रास्ते में ही एक और दुकान पर रुकता है. इस दुकान पर वह चाकू और आरी खरीदता है जो कसाई यूजी करता है और गारबेज बैग खरीदता है कूड़े के पॉलिथिन खरीदता है. इसके बाद यह शख्स घर जाता है और घर जाकर अगले कुछ दिनों तक यह श्रद्धा के टुकड़े करता है करीब करीब 35 टुकड़े करता है उनको पॉलीथिन में भरता है और अलग अलग पॉलिथीन में बांधकर उसको अपने फ्रिज में स्टोर कर देता है. फिर हर रात 2 बजे यह घर से निकलता है करीब करीब अपने घर से 700-800 मीटर चलता है और उतने ही देर में मेहरौली का जंगल आ जाता है और उसी जंगल में जा करके ये डेली 2-3 टुकड़े अलग अलग बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट जगह पर फैंक देता है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि मारने के बाद भी ये उसके परिवार वालों से उसके दोस्तों से फेसबुक ट्विटर और इंस्टाग्राम के जरिए बात करते रहता है ताकि किसी को शक न हो कि श्रद्धा की हत्या हो गई है और श्रद्धा अब उनके बीच भी नहीं है. बात आती है जून में जब फाइनली श्रद्धा के परिवार वालों को यह अहसास होता है कि बहुत दिनों से उनकी बेटी से उनकी फोन पर बात नहीं हुई है तो वह कंप्लेन फाइल कराने जाते हैं क्योंकि आफताब उनसे बात करने के लिए राजी नहीं था और आफताब से उनको काफी आपत्ति भी थी और डायरेक्टली बात भी नहीं करते थे. तो उसकी फैमिली वसाई जाती है. और वहां पुलिस थाने में कंप्लेन करती है और उस कंप्लेन में यह कहती है कि उनकी बेटी मिसिंग है. बात आ गई जून में अब उसके बाद मुंबई पुलिस तफ्तीश शुरू करती है और दिल्ली पुलिस से कॉन्टैक्ट करती है इसको लेकर के, दिल्ली पुलिस के कॉन्टैक्ट में आने के बाद यह पता लगता है कि आफताब नाम का एक शख्स यहां रहता तो है पर जिस फ्लैट में रह रहा था जब दिल्ली पुलिस वहां पहुंचती है तो पता लगता है कि वहां ताला लगा हुआ है. अब दिल्ली पुलिस को और शक और गहरा होता और लोकेशन टैब करके अफताब को फाइनली 8 नवंबर को गिरफ्तार किया जाता है जबकि उसके परिवार वाले जब एफआईआर ट्रांसफर हो गए वसाई से दिल्ली में तब उसके परिवार वाले दिल्ली आते हैं और तब दिल्ली पुलिस की तफ्तीश शुरू होती है और तब जाकर दिल्ली पुलिस उसको गिरफ्तार करती है 8 नवंबर को. 8 नवंबर को भी यह बताया जा रहा है कि जब दिल्ली पुलिस ने पहले उसको बुलाया तो वह आने में आनाकानी कर रहा था इसलिए दिल्ली पुलिस ने उसके मोबाइल फोन से उसका लोकेशन ट्रेस किया और उसको जाकर पकड़ लिया. 8 नवंबर से आज तक जो कि 18 नवंबर है उससे हर रोज तफ्तीश चल रही है. इस तफ्तीश में यह पता लगा है कि जो मिसिंग कंप्लेन थी उसको पुलिस ने किडनैपिंग के कंप्लेन में तब्दील कर दिया है. हालांकि पुलिस के पास अभी भी कोई ऐसा सबूत नहीं आया है जो कोर्ट में जाकर यह प्रूफ कर पाए कि आफताब ने ही श्रद्धा कत्ल किया है. हालांकि पुलिस के सामने आफताब यह बात मान चुका है कि उसने श्रद्धा का कत्ल किया पहले गला रेता उसके बाद जब उसे लगा कि अब और बॉडी को डिस्पोज कैसे किया जाए तब उसने जाकर केमिकल्स का यूज किया और चाकू और आरी से उसके 35 टुकड़े किए और जाकर जंगल में फेंक दिया. अभी पूरी तफ्तीश जारी है. पुलिस के ऊपर अब यह जिम्मेवारी है कि जल्दी से जल्दी ये जो भी बाद अफताब कह रहा है इसको जल्दी से जल्दी तथ्यों के साथ प्रूफ किया जाए. ताकि बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट जब पुलिस चार्जशीट फाइल करें कोर्ट में तब डिफेंस के पास कोई ऐसी बात न हो जिससे कोर्ट को यह लगे कि एविडेंस पूरे नहीं है और इसलिए उसको छोड़ देना चाहिए.
RBI का डिजिटल रुपी क्या है और यह कैसे काम करेगा?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को देश की पहली डिजिटल करेंसी के रूप में ई-रुपी (e-rupee) का पायलट लॉन्च कर दिया है। इसका इस्तेमाल विशेष उपयोग के मामलों में किया जाएगा। RBI की ओर से कहा गया है कि शुरुआत में देश के नौ बैंक इस ई-रुपी का उपयोग सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन निपटाने के लिए करेंगे। ऐसे में आइए जानते हैं कि क्या है ई-रुपी और यह करेंसी के रूप में कैसे काम करेगा।
RBI द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की अपनी योजना की दिशा में ई-रुपी का पहला पायलट परीक्षण एक नवंबर को शुरू होगा। इसमें देश के नौ बैंक शामिल होंगे और वह सरकारी प्रतिभूतियों में द्वितीयक बाजार लेनदेन के निपटान में इसका उपयोग करेंगे। इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, HDFC, ICICI, कोटक महिंद्रा, यस बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC शामिल है।
इस क्रिप्टो कार्ड की क्या है खासियत
Crypto Credit Card, इस कार्ड के साथ आप किसी भी प्रकार के मिनिमम रीपेमेंट या मंथली फीस देने की जरूरत नहीं है कार्ड इनैक्टिव होने पर आपको किसी भी प्रकार की पेनाल्टी नहीं देनी होगी, इस कार्ड से खर्च करने या रकम निकालने पर कोई लिमिट नहीं होगी यूजर जितना क्रेडिटलाइन यूज़ करेगा उसके ऊपर इंटरेस्ट का भुगतान करना होगा हालांकि जो ग्राहक 20% या उससे कम लोन की वैल्यू रेशियो को बनाए रखेंगे उनपर किसी भी बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट प्रकार का ब्याज नहीं लगेगा इसके अलावा 1 महीने में 20000 यूरो तक खर्च करने किसी fx फीस का भी प्रावधान नहीं है।
दरअसल क्रिप्टो एडॉप्शन की खबरें दुनिया भर से लगातार आ रही हैं और मास्टर कार्ड पहचानता है कि फाइनेंसियल वर्ल्ड में बिटकॉइन की पकड़ में कितना क्रिप्टो मार्केट क्रिप्टो अब क्रांति लेकर आने वाला है ऐसे में नेक्सों का यह कदम क्रिप्टो और डिजिटल ऐसेट को और मजबूती देने वाला है