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अगर ट्रेडिंग करे या न करें

अगर ट्रेडिंग करे या न करें

अगर ट्रेडिंग करे या न करें

Written by Web Desk Team | Published :November 21, 2022 , 11:06 am IST

महंगाई का मुकाबला करने के लिए, शेयर बाजारों और अन्य फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट में निवेश और ट्रेडिंग पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है. यदि आप अगर ट्रेडिंग करे या न करें अपनी गाढ़ी कमाई को केवल फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट (traditional financial instrument) में सेव करते हैं, तो आप अपने फाइनेंशियल गोल को पूरा करने से पीछे रह सकते हैं.

एक बिगिनर के रूप में आपको शेयर बाजार चुनौतीपूर्ण लग सकता है, हालांकि हम आपको आश्वस्त करते हैं कि ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना बहुत आसान है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के आने से पहले, जो व्यक्ति बॉन्ड, शेयर, या अन्य सिक्योरिटीज अगर ट्रेडिंग करे या न करें जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को खरीदना या बेचना चाहते थे, उन्हें अपनी ब्रोकरेज फर्मों से संपर्क करना पड़ता था और उन्हें उनकी ओर से लेनदेन की व्यवस्था करने के लिए कहना पड़ता था. इसके बाद, प्राइस चेक करने, कॉन्ट्रैक्ट वेरीफाई करने और अंत में ट्रेड की पुष्टि करने की एक लंबी प्रक्रिया का पालन करना पड़ता था. हमें उस फीस को नहीं भूलना चाहिए जो ये ट्रेडिशनल ब्रोकर सर्विस के लिए मांगते थे. फिर आया डिस्काउंट ब्रोकर्स या ऑनलाइन ब्रोकर्स का युग, जिसने खेल को पूरी तरह से बदल दिया. इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग जो पहले कुछ चुनिंदा लोगों के लिए विशेष रूप से उपलब्ध थी अब बहुत बड़ी संख्या में आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया गया है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?
ऑनलाइन ट्रेडिंग फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट को ऑनलाइन खरीदने और बेचने का एक सुविधाजनक तरीका है. इन लेन-देन को ऑनलाइन ब्रोकर्स के माध्यम से आसान बनाया जा सकता है जो इक्विटी, कमोडिटीज, बॉन्ड, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड, फ्यूचर्स आदि जैसे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट की एक विस्तृत श्रृंखला की पेशकश करते हैं.

ऑनलाइन ट्रेडिंग के क्या फायदे हैं?
किसी भी समय कहीं से भी ट्रेड करने की सुविधा: यदि आपके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन तक पहुंच है तो आप अपने मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से किसी भी समय (बाजार के घंटों के दौरान) कहीं से भी ट्रेड/निवेश कर सकते हैं.

अपने निवेश को रियल-टाइम के आधार पर ट्रैक करें और निवेश का निर्णय आसानी से लें: आप अपने निवेश और ट्रेंड्स को एक ही प्लेटफॉर्म पर ट्रैक कर सकते हैं. अधिकांश प्लेटफ़ॉर्म ढेर सारे डेटा पॉइंट भी प्रदान करते हैं जिनसे आप खुद भी रिसर्च कर स्टॉक और अन्य वित्तीय साधनों में ट्रेड कर सकते हैं. यह आपको स्मार्ट निवेश और ट्रेडिंग डिसीजन लेने में मदद कर सकता है. जब भी आप अपने फोन या कंप्यूटर से लॉग इन करते हैं तो आप रीयल-टाइम प्रॉफिट या लॉस देख सकते हैं.

ट्रेड करने से पहले अपने ब्रोकर से संपर्क करने की आवश्यकता नहीं: आपको कोई भी लेनदेन करने से पहले अपने ब्रोकर से बात करने की भी आवश्यकता नहीं है. इनफॉर्म्ड इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग डिसीजन लेने के लिए, आपको ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखनी चाहिए और डेटा पॉइंट, पैटर्न, ट्रेंड और प्राइस मूवमेंट की समझ प्राप्त करनी चाहिए.

शुरुआती लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे शुरू कर सकते हैं?
1) ब्रोकर का चयन करें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग में पहला कदम यह निर्धारित करना है कि ब्रोकर वैध अगर ट्रेडिंग करे या न करें है या नहीं. यह देखना होगा कि यह सेबी पंजीकृत ब्रोकर है या नहीं. हर एक ब्रोकर को अपनी सेबी पंजीकृत आईडी को अपनी आधिकारिक वेबसाइटों पर डिस्प्ले करना जरूरी है. एक बार जब आप ब्रोकर की वैधता चेक कर लेते हैं, तो आपको दो प्रकार के ऑनलाइन ब्रोकरों में से चुनना होगा:

– डिस्काउंट ब्रोकर या
– फुल-सर्विस ब्रोकर्स

एक डिस्काउंट ब्रोकर आपको कम शुल्क में सभी आवश्यक ट्रेडिंग टूल प्रदान करेगा, एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज फर्म आपको उच्च शुल्क में निवेश सलाह प्रदान करेगी. इस प्रकार आपकी आवश्यकताओं के आधार पर, आप यह तय कर सकते हैं कि आप डिस्काउंट ब्रोकर या फुल-सर्विस ब्रोकर के साथ जाना चाहते हैं. असल में, डी-आई-वाई ट्रेडर बनने के लिए इंटरनेट पर कई संसाधन उपलब्ध हैं जिनके माध्यम से आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और शेयर बाजारों के बारे में सीख सकते हैं. आप डिस्काउंट ब्रोकरेज चुन सकते हैं. यदि आपके पास अपने दम पर ट्रेड करने का ज्ञान है, यदि आप निवेश करना चाहते हैं, लेकिन आपके पास बाज़ार का समय या समझ नहीं है, तो एक फुल-सर्विस ब्रोकरेज अकाउंट एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

2) डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें: शुरुआती लोगों के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू करने के लिए अगला कदम और आरंभ करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण कदम डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना है. डीमैट अकाउंट एक बैंक खाते की तरह होता है जहां यह आपके स्टॉक, एमएफ इत्यादि को डीमैटरियलाइज्ड रूप में रखता है जैसे बैंक आपकी नकदी रखता है. जबकि, ट्रेडिंग अकाउंट एक इंटरफ़ेस है जिससे आप एक्चुअल ट्रांजैक्शन कर सकते हैं. इन दिनों डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद सहज, तेज और पेपरलेस हो गया है. एक बार जब आप कुछ बेसिक डॉक्यूमेंट प्रस्तुत कर देते हैं तो आप उसी दिन से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं.

3) ट्रेडिंग शुरू करें: निवेश या अगर ट्रेडिंग करे या न करें ट्रेडिंग शुरू करने से पहले, ऑनलाइन ट्रेडिंग सीखना, शेयर बाजारों का कुछ ज्ञान हासिल करना और वर्चुअल ट्रेडिंग का अभ्यास करना एक अच्छा आईडिया है. एक बार जब आप इसे जान लें तो अपने ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से ट्रेडिंग शुरू करें. D-I-Y (do-it-yourself) इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए अपने ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध विभिन्न टूल्स का उपयोग करें.

निष्कर्ष ये है कि शेयर बाजार में शुरुआत करने के लिए आपको एक ऑनलाइन ब्रोकर का चयन करना होगा, एक डीमैट और ट्रेडिंग खाता खोलना होगा और ट्रेडिंग शुरू करनी होगी. सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्रोकरेज प्लेटफॉर्म और वेब पर उपलब्ध लर्निंग मटेरियल और टूल्स का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करते हैं

Forex Trading को लेकर RBI से बड़ा अपडेट! 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नामों की लिस्ट हुई जारी, इनपर न करें ट्रेड

रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है.

रिजर्व बैंक ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कराने वालों के बारे में लोगों को आगाह किया है. रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा अगर ट्रेडिंग करे या न करें रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ये लिस्ट अभी के हिसाब से और इसमें अगर शिकायतें आएंगी अगर ट्रेडिंग करे या न करें तो जांच के बाद लिस्ट की संख्या बढ़ भी सकती है. इसका मतलब ये भी नहीं है कि जिन प्लेटफॉर्म के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं वो ऑथराइज्ड ही हैं. ऑथराइज्ड स्टेटस जांचने के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मुहैया ऑथराइज्ड लोगों और ऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट से मिलान किया जा सकता है.

रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि केवल अधिकृत संस्थाओं से ही फॉरेक्स सौदे किए जा सकते हैं और केवल उसी मद में किए जा सकते हैं जिनकी नियमों के तहत इजाजत है. जिन फॉरेक्स सौदों की इजाजत है वो केवल रिजर्व बैंक से ऑथराइज्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से ही होना चाहिए. या फिर BSE, NSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से किए जा सकते हैं. ऐसे में लोगों को रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि वो अनाधिकृत प्लेटफॉर्म्स से फॉरेक्स के सौदे न करें. अगर कोई अनाधिकृत सौदे करेगा तो फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) नियमों के तहत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा.

अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने भी Forex Trading के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने अगर ट्रेडिंग करे या न करें वाले एडवर्टीज़मेंट देखे होंगे. ऐसे विज्ञापन अकसर महंगाई का सौदा होते हैं. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स जैसे ऑफर देते हैं. खुद को क्रेडिबल दिखाने के लिए बड़े-बड़े दावे भी करने से पीछे नहीं हटते हैं. आरबीआई काफी वक्त से इनके खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहा है.

आरबीआई इसके पहले भी कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लोगों को आगाह कर चुकी है. इनमें से OctaFx, OlympTrade, Alpari, Forex.com, Ava Trade, FBS, I-Forex, Binomo.com, IQ Option, TP Global Forex जैसे प्लेटफॉर्म पर फॉरेक्स ट्रेडिंग रिजर्व बैंक नियमों के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. ये प्लेटफॉर्म्स रिजर्व बैंक या सेबी में से किसी के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

डीमैट अकाउंट खोलना चाहते हैं तो ये बातें जान लें

अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं.

जानिए कैसे खुलेगा यह अकाउंट:

ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं यह अकाउंट

ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग खाते की जरूरत होती है. इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जेरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है.

ट्रेडिंग के लिए डीमैट काफी नहीं

शेयरों में सीधे निवेश करने के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए. इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता शामिल हैं. ट्रेडिंग खाते के बगैर डीमैट खाता अधूरा है. डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रूप में शेयरों को रख सकते हैं.

जबकि ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आर्इपीओ, म्यूचुअल फंड अगर ट्रेडिंग करे या न करें और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं. इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं.

डीमैट में शेयरों के अगर ट्रेडिंग करे या न करें रखरखाव का काम डेपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) करते हैं. इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) और सेंट्रल डिपॉजटरी सर्विसेज लिमिटेड (सीडीएसएल) शामिल हैं.

एक से दूसरे खाते में इस तरह जाती है रकम

-पहले आपके सेविंग्स बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में रकम आती है.

-ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आर्इडी होती है. इस खाते की मदद से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है.

-जितने शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, यह डीमैट खाते में दिखता है. डीमैट खाते का इस्तेमाल बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है.

ब्रोकरेज फर्म की फीस देख लें

किसी भी वित्तीय सेवा की तरह डीमैट खाते के साथ भी चार्ज जुड़े होते हैं. इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए. खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजैक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए.

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