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डेरिवेटिव मार्केट क्या है

डेरिवेटिव मार्केट क्या है
करेंसी और कच्चा तेल

शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव : कहां करें निवेश?

इन दिनों शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। लेकिन इस उतार-चढ़ाव के दौर में भी निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि बाजार में निवेश का एक ऐसा भी विकल्प है, जहां उतार-चढ़ाव का इस्तेमाल प्रतिफल हासिल करने के लिए किया जाता है। यह विकल्प है आर्बिट्राज फंड।

क्या है आर्बिट्राज फंड?

बाजार में उतार-चढ़ाव के दौर में कम जोखिम उठाने वाले निवेशकों के लिए डेरिवेटिव मार्केट क्या है आर्बिट्राज फंड निवेश का एक बेहतर विकल्प डेरिवेटिव मार्केट क्या है है। ये इक्विटी म्युचुअल फंड की श्रेणी में आते हैं। मतलब इसमें कम से कम 65 फीसदी निवेश इक्विटी में होता है। जबकि बाकी निवेश डेट और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में किया जाता है। आर्बिट्राज फंड इक्विटी मार्केट के कैश और फ्यूचर (डेरिवेटिव) सेगमेंट में किसी शेयर की कीमत में अंतर का फायदा उठाकर प्रतिफल देते हैं। शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव वाले दौर में दोनों सेगमेंट के बीच कीमतों का अंतर बढ़ जाता है। जब बाजार में उतार-चढ़ाव बढ़ता है, तब ये फंड ज्यादा प्रतिफल देते हैं, लेकिन जब उतार-चढ़ाव कम होता है तो प्रतिफल में भी कमी आती डेरिवेटिव मार्केट क्या है है।

शेयर बाजार अगले 4 दिन तक रहेंगे बंद, अब सीधे 18 अप्रैल को निवेशक कर सकेंगे ट्रेडिंग

शेयर मार्केट (Stock Market), करेंसी मार्केट (Currency Market) और डेरिवेटिव मार्केट (Derivatives Market) में अगले 4 दिनों तक कारोबार बंद रहेगा। दरअसल गुरुवार 14 फरवरी को महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) है, जिसके उपलक्ष्य में बाजार बंद रहेंगे। वहीं शुक्रवार 15 अप्रैल को गुड फ्राइडे (Good Friday) के चलते बाजार बंद रहेंगे। इसके अलावा 15 और 16 अप्रैल को शनिवार और रविवार है। ऐसे में इन दोनों दिन भी बाजार बंद रहेगा। इस तरह अगले 4 दिनों तक शेयर मार्केट, करेंसी मार्केट और डेरिवेटिव मार्केट बंद रहने वाला है।

तीनों मार्केट अब सोमवार 18 अप्रैल को ट्रेडिंग के लिए खुलेंगे।

हालांकि इस दौरान कमोडिटी मार्केट गुरुवार 14 अप्रैल को सिर्फ सुबह के सत्र में बंद रहेगा। जबकि शुक्रवार को इसमें दोनों सत्रों में कारोबार नहीं होगा।

क्या वैश्विक बाजार और करेंसी में उतार-चढ़ाव तय करेंगे इस हफ्ते घरेलू मार्केट की चाल? जानिए क्या है एक्सपर्ट्स की राय

पिछले हफ्ते बाजार को घाटे का सामना करना पड़ा था.

  • भाषा
  • Last Updated : November 20, 2022, 14:35 IST

हाइलाइट्स

घेरलू मोर्चे पर इस हफ्ते कोई बड़े आंकड़े नहीं आने हैं.
बाजार वैश्विक कारकों व विदेशी निवेश पर निर्भर करेगा.
मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट्स का निपटान भी इसमें भूमिका निभाएगा

नई दिल्ली. स्थानीय शेयर बाजारों की दिशा इस सप्ताह वैश्विक रुख और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के प्रवाह से तय होगी. विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा कि इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा आंकड़ा नहीं आना है. उन्होंने कहा कि इसके अलावा मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट्स के निपटान की वजह से भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि इस सप्ताह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की बैठक का ब्योरा जारी होगा, जिससे बाजार को आगे के लिए दिशा मिलेगी.

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर कोई बड़ा घटनाक्रम नहीं होने की वजह से स्थानीय बाजार की दिशा वैश्विक रुख, कच्चे तेल के दाम और करेंसी के उतार-चढ़ाव से तय होगी. उन्होंने भी नवंबर के मंथली डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट्स के निपटान द्वारा बाजार में हलचल का अनुमान जताया है. स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के वरिष्ठ तकनीकी विश्लेषक प्रवेश गौर ने कहा कि इस बात की काफी संभावना है कि बाजार अभी ऊपर की ओर जाए. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि व्यापक रूप से बाजार में मुनाफावसूली देखने को मिल रही है. बकौल गौर, संस्थागत निवेशकों का प्रवाह महत्वपूर्ण होगा पिछले कुछ सत्रों से इसमें कमी आई है.

तिमाही नतीजों के अलावा जानिए क्या प्रभावित करेंगे शेयर मार्केट की चाल? एक्सपर्ट के हैं ये अनुमान

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कंपनियों के तिमाही नतीजों और वैश्विक बाजारों के रुझान छुट्टियों से प्रभावित अगले कारोबारी सप्ताह में इक्विटी बाजार का रुख तय करेंगे। अधिसूचित मासिक डेरिवेटिव की एक्सपायरी के बीच बाजार में उतार-चढ़ाव भी देखा सकता है। बीएसई और एनएसई में सोमवार को दिवाली के अवसर पर एक घंटे का विशेष मुहूर्त कारोबारी सत्र आयोजित किया जाएगा। इसके साथ ही हिंदू कैलेंडर के नए संवत 2079 की शुरुआत हो जाएगी। बुधवार को भी बाजार दिवाली बाली प्रतिपदा के अवसर पर बंद रहेंगे।

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Sensex and Nifty: शेयर मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस हफ्ते घरेलू स्तर पर कोई बड़ा इवेंट दिखाई नहीं डेरिवेटिव मार्केट क्या है दे रहा है. जिसके कारण ग्लोबल ट्रेंड भारतीय बाजार पर असर डाल सकता है. इसके अलावा डेरिवेटिव निपटान बाजार को दिशा देने में काफी अहम भूमिका निभा सकता है.

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