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समर्थन मूल्य का विकल्प

समर्थन मूल्य का विकल्प
पिछले कई वर्षों से चीनी उद्योग को लाभप्रद बनाने के कई प्रयास हुए हैं। किसानों का लगभग सभी चीनी मिलों पर बकाया बना रहता है, लिहाजा सरकार ने मिलों को बड़ी राहत देते हुए कर्ज चुकाने की आसान राह तैयार की। चीनी विकास कोष के माध्यम से बकाया राशि भुगतान करने के लिए आसान ऋण पुनर्गठन योजना के दिशा-निर्देश दिए गए हैं, जिसके तहत 24 महीनों की मोहलत मिल मालिकों को दी जाएगी। 171 चीनी मिलों पर वित्तीय संस्थानों का लगभग 31 हजार करोड़ रुपये बकाया है।

'अन्नदाता' किसानों के लिए मोदी सरकार खोलेगी खज़ाना, कैबिनेट में अनाज खरीद की योजना को मिल सकती है मंज़ूरी

By: प्रशांत, एबीपी न्यूज़ | Updated at : 11 Sep 2018 07:22 PM (IST)

नई दिल्ली: 2019 आम चुनाव से पहले मोदी सरकार अन्नदाता यानि किसानों के लिए एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत से डेढ़ गुना करने के एलान को मूर्तरूप देने के लिए सरकार एक योजना का एलान कर सकती है. योजना के तहत किसानों का समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए तीन विकल्प तैयार किए समर्थन मूल्य का विकल्प गए हैं. इसके लिए एक फंड बनाने का भी प्रस्ताव है. कल होने वाली बैठक में इसे कैबिनेट की मंज़ूरी मिल सकती है.

अनाज खरीदने के 3 विकल्प, सरकार करेगी नुकसान की भरपाई किसानों और खेती के मोर्चे पर आलोचना झेल रही मोदी सरकार कल एक बड़ा फैसला कर सकती है. ख़रीफ़ फसलों के लिए रिकॉर्ड समर्थन मूल्य घोषित करने के बाद अब मोदी सरकार किसानों को वही दाम दिलाना सुनिश्चित करना चाहती है. इसके लिए बुधवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में एक योजना को मंज़ूरी मिल सकती है जिसमें किसानों से अनाज ख़रीदने के लिए तीन विकल्प तैयार किये गए हैं.

चीनी, खेती और लाभ का हिस्सा : न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी की दरकार, बकाया राशि के फेर में किसान

गन्ना किसान

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने आगामी चीनी वर्ष 2022-23 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 305 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। यह मूल्य पिछले वर्ष के मुकाबले 15 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। आगामी एक अक्तूबर से चालू होने वाले पेराई सीजन से यह लागू होगा। इसके लिए चीनी की बेसिक रिकवरी 10.25 फीसदी निर्धारित की गई है। इसका सीधा अर्थ है कि एक क्विंटल में 10.25 फीसदी चीनी निकलती है, तो किसान को 305 रुपये मिलेंगे।

गौरतलब है कि कृषि लागत समर्थन मूल्य का विकल्प मूल्य आयोग ने एक क्विंटल गन्ने का मूल्य 162 समर्थन मूल्य का विकल्प रुपये आंका है और इसमें 88.3 फीसदी समर्थन मूल्य का विकल्प की बढ़ोतरी का दावा किया गया है, जबकि स्वामीनाथन आयोग की मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत यह बढ़ोतरी पांच फीसद से अधिक नहीं है। गन्ने के मूल्य की एफआरपी में यह बढ़ोतरी पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक है, लेकिन किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताकर आंदोलन की धमकी दी है, तो चीनी मिल मालिकों की संस्था एस्मा ने वृद्धि को अधिक बताकर चीनी के दामों में बढ़ोतरी की मांग की है और घरेलू बाजार में चीनी को भाव बढ़ाकर बेचने की छूट भी मांगी है।

विस्तार

प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने आगामी चीनी वर्ष 2022-23 के लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 305 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है। यह मूल्य पिछले वर्ष के मुकाबले 15 रुपये प्रति क्विंटल अधिक है। आगामी एक अक्तूबर से चालू होने वाले पेराई सीजन से यह लागू होगा। इसके लिए चीनी की बेसिक रिकवरी 10.25 फीसदी निर्धारित की गई है। इसका सीधा अर्थ है कि एक क्विंटल में 10.25 फीसदी चीनी निकलती है, तो किसान को 305 रुपये मिलेंगे।

गौरतलब है कि कृषि लागत मूल्य आयोग ने एक क्विंटल गन्ने का मूल्य 162 रुपये आंका है और इसमें 88.3 फीसदी की बढ़ोतरी का दावा किया गया है, जबकि स्वामीनाथन आयोग की मूल्यांकन प्रक्रिया के तहत यह बढ़ोतरी पांच फीसद से अधिक नहीं है। गन्ने के मूल्य की एफआरपी में यह बढ़ोतरी पिछले समर्थन मूल्य का विकल्प वर्षों के मुकाबले अधिक है, लेकिन किसान संगठनों ने इसे नाकाफी बताकर आंदोलन की धमकी दी है, तो चीनी मिल मालिकों की संस्था एस्मा ने वृद्धि को अधिक बताकर चीनी के दामों में बढ़ोतरी की मांग की है और घरेलू बाजार में चीनी को भाव बढ़ाकर बेचने की छूट भी मांगी है।

रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री का जताया आभार

cm haryana

चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में दलहन व तिलहन की 6 रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 105 रूपए से लेकर 500 रूपए प्रति क्विंटल बढ़ोतरी करने के निर्णय के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।केंद्रीय मंत्रिमंडल के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निर्णय किसानों की आय दोगुनी करने की सरकार की वचनबद्धता की दिशा में एक और कदम है। फसलों की बुआई आरंभ होने से ठीक पहले लिए गए निर्णय से किसानों के पास विकल्प होगा कि उन्हें अपने खेत में कौन सी फसल की बुआई करनी है और किस फसल को बोने से अधिक फायदा हो सकेगा।

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