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शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है?

शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है?
इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।

शेयर बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है Demat Account होना, जानें कैसे खुलता है, क्या होता है चार्ज

डिलीवरी ट्रेडिंग क्या है ? [निवेश करने के प्रक्रिया की जानकारी]

दोस्तों, क्या आप शेयर बाजार में निवेश करना चाहते है लेकिन बाजार के प्रतिदिन उतर चढ़ाव का जोखिम नहीं लेना चाहते है ? आपके लिए डिलीवरी ट्रेडिंग (Delivery Trading) एक बेहतर विकल्प है। यह निवेशकों में बहुत लोकप्रिय और सुरक्षित है।

डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक शेयर को अपने डीमैट खाता में जमा करता है। डीमैट खाता (Demat Account) में निवेशक शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? बिना किसी समय अवधि तक होल्ड करके रख सकता है और फिर इच्छानुसार कभी भी अपने शेयर को बेच शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? सकता है। जैसे इंट्राडे ट्रेडिंग में, ट्रेडर्स को एक दिन के अंदर ही शेयर खरीदने या बेचने की प्रतिबद्धता है, लेकिन डिलीवरी ट्रेडिंग में शेयर खरीदने या बेचने के लिए कोई परिसीमा नहीं है। निवेशक दो दिन के अंदर या दो वर्षो बाद भी अपने शेयर को बेच सकता है।

निवेशक के पास पूर्ण अधिकार होता है की वह अपने इच्छा के अनुसार अपने शेयर को होल्ड या बेच सकता है। डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग ऐसे निवेशकों के लिए अच्छा होता है जो ज्यादा जोखिम नहीं लेना चाहते है और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्टॉक में मुनाफा बनाना चाहते हैं। डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेशक को शेयर खरीदने से पहले उस कीमत के बराबर पैसे तैयार रखने होते है।

डिलीवरी ट्रेडिंग के नियम

आप डिलीवरी ट्रेडिंग में निवेश करना चाहते है तो आपको कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान देना आवश्यक है। यह आपको सही शेयर खरीदने में मदद करेगा। आप शेयर बाजार में नए है और किसी निपुण निवेशक सलाहकार की मदद चाहिए तो आप CapitalVIa Global Research Limited से संपर्क कर सकते है। आईये जानते है कुछ बुनियादी नियम के बारें में जिसका पालन शेयर खरीदते समय करना चाहिए।

  • सबसे पहले आपको कुछ कंपनी के fundamental Analysis के अध्यन करने के बाद एक सूचि तैयार करे।
  • भविष्य में उसके विकास, बैलेंस शीट आदि को ध्यान में रखकर अपने wishlist में शामिल करे।
  • अपने निवेश के जोखिम के अनुसार अपने डीमैट खाता में उतना शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? धन संचित करे।
  • सही शेयर की कीमत देखकर शेयर को ख़रीदे।
  • बेचने के लिए सही समय की प्रतीक्षा करे ताकि आपको नुकसान नहीं हो।
  • टारगेट और स्टॉप लॉस अवश्य लगाए।
  • आपको पैसे अलग -2 कंपनियों में निवेश करे जिससे आपका जोखिम काम और रिटर्न्स अच्छा प्राप्त होगा।

डिलीवरी ट्रेडिंग कैसे करें?

कोई भी निवेशक डिलीवरी ट्रेडिंग को प्रक्रिया का चयन तभी करता है जब उसको long term के लिए निवेश करना है। डिलीवरी ट्रेडिंग में अपने कंपनियों के शेयर कोई खरीदते है और अपने डीमैट खाता में होल्ड करते है। आप अपने शेयर को जब अपने डीमैट खाता में रखना चाहे तो रख सकते है और जब आपको अपने शेयर कर अच्छा रिटर्न्स मिल रहा है तो आप उसको बेच सकते है। शेयर बेचने का निर्णय आप पर निर्भर है। अन्य इंट्राडे ट्रेडिंग के तरह आप बाध्य नहीं है।

डिलीवरी ट्रेडिंग में, आपके पास पर्याप्त धनराशि होनी चाहिए तभी आप शेयर को खरीद सकते है और बेचने के लिए भी आपके पास उतने शेयर होने चाहिए। डिलीवरी ट्रेडिंग में यदि आपका रणनीत अच्छी है तो आपको एक निश्चित अंतराल के बाद अच्छा रिटर्न्स प्राप्त होगा।

यदि आप शेयर बाजार में नए और आप सही शेयर खरीदने का निर्णय नहीं सकते है तो आपको सेबी रजिस्टर्ड निवेशक सलाहकार के परामर्श से आपको शेयर को खरीदने चाहिए। इससे शेयर बाजार के जोखिम काम हो सकता है।

डिलीवरी ट्रेडिंग के फायदे

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग सरल और सुरक्षित निवेश है इसके साथ -2 अन्य सुविधाएं है।

लॉन्ग टर्म निवेश

डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग का सबसे बड़ा फ़ायदा है की आप शेयर को होल्ड कर सकते है, आप किसी समय अंतराल में बाध्य नहीं है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और इसे होल्ड रखते हैं। कुछ समय बाद वह कंपनी या व्यवसाय आपको पॉजिटिव रिटर्न्स देता है, तो आप उस इन्वेस्ट में बने रह सकते हैं। लेकिन आपको कोई लाभ दिखाई नहीं देता है, तो आप उस शेयर को कभी भी बेचकर अपने पोजीशन से बाहर हो सकते हैं।

सुरक्षित

जब डिलीवरी आधारित ट्रेडिंग के माध्यम से शेयर खरीदते है तो आप वह शेयर बेचने के लिए समय के बाध्य नहीं है। यह आपके जोखिम की संभावना को काम करता है और आपके निवेश को सुरक्षित रखता है।

उदाहरण : मान लीजिए कि अपने किसी कंपनी के शेयर में निवेश किया है और किसी भी कारन से शेयर का दाम अगले दिन गिर जाता है। आप वह शेयर होल्ड रख कर सही समय का इंतज़ार कर सकते हैं। जब शेयर के दाम आपके निवेश किये राशि से ज्यादा है तो आप शेयर बेचकर मुनाफा अर्जित कर सकते है। इसलिए यह शेयर सुरक्षित है।

तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.

जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.

डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.

कैसे खोलें डीमैट खाता

- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.

- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.

- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.

- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.

- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.

कौन खोलेगा डीमैट खाता

इंडिया शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है?

धन महोत्सव

  • Post author: धन महोत्सव
  • Post category: स्टॉक मार्केट
  • Reading time: 2 mins read

क्या आप एक छोटे निवेशक हैं और महंगे और अच्छे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको जल्द ही फ्रैक्शनल शेयर ट्रेडिंग (Fractional Share Trading) के जरिए महंगे शेयरों का एक छोटा सा हिस्सा खरीदने का मौका मिलेगा।

हाल ही में कंपनी लॉ कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में देश में फ्रैक्शनल शेयरों को अनुमति देने की सिफारिश की है ताकि देश के छोटे निवेशकों को महंगे शेयरों के एक छोटे से हिस्से में जल्द ही निवेश करने का मौका मिल सके।

फ्रैक्शनल शेयर ट्रेडिंग क्या है (Fractional Share Trading kya hai)

जो निवेशक किसी अच्छे महंगे शेयर को नहीं खरीद पाते हैं उनके लिए स्टॉक मार्केट में निवेशकों की इन्वेस्टमेंट कैपेसिटी के अनुसार किसी महंगे शेयर के एक शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? हिस्से को खरीदने का अवसर देना फ्रैक्शनल शेयर ट्रेडिंग कहलाता है।

अन्य शब्दों में, देश के छोटे निवेशकों द्वारा अपनी निवेश क्षमता के अनुसार बड़े स्टॉक का एक छोटा सा हिस्सा खरीदना फ्रैक्शनल शेयर ट्रेडिंग (आंशिक शेयर ट्रेडिंग) कहलाता है।

फ्रैक्शनल ट्रेडिंग में किसी कंपनी के 1 शेयर को कई भागों में बांटा जाता है और यह शेयर बाजार शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? में निवेशकों के लिए खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते है, इसलिए आप अपनी सुविधा के अनुसार ₹100 का निवेश करके किसी अच्छे स्टॉक का एक हिस्सा भी खरीद सकते हैं।

भारत में शेयरों में निवेश करने की शेयर मार्केट ट्रेडिंग क्या है? न्यूनतम इकाई एक शेयर होती है, यानी आपको किसी कंपनी का कम से कम 1 शेयर (Stock) खरीदना होता है, इसलिए कई निवेशक बहुत महंगे शेयर नहीं खरीद पाते हैं। आप जीरो कूपन जीरो प्रिंसिपल बॉन्ड के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर सकते है।

फ्रैक्शनल शेयर ट्रेडिंग से निवेशकों को लाभ व फायदे

  • छोटे निवेशकों का स्टॉक मार्केट के प्रति आकर्षण बढ़ेगा।
  • छोटे निवेशक अपनी निवेश क्षमता के अनुसार बड़े और महंगे स्टॉक्स को खरीदने में सक्षम होगे।
  • अगर आपके पास फ्रैक्शनल शेयर्स हैं तो आपकी लाभ-हानी उसी अनुपात में होगा।
  • अगर कोई कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है तो फ्रैक्शनल शेयरहोल्डर्स को भी इसका फायदा मिलेगा।
  • एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) को भी फ्रैक्शनल शेयर्स के रूप में खरीदा-बेचा जा सकता है।
  • स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट बढ़ने के कारण अर्थव्यवस्था मजबूत बनेगी।
  • आपको अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
  • अच्छे स्टॉक में निवेश होने के कारण आपका पैसा सुरक्षित होता है।
  • निवेश की संभावना के कारण कई सारे रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग के लाभ

  • नियमित आय अर्जित करने का मौका
  • कम कमीशन शुल्क
  • अधिक लाभ
  • लिक्विडिटी
  • बाजार में उतार-चढ़ाव के माध्यम से पूंजीगत लाभ

इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें यह समझने के लिए निवेश करते समय सर्वोत्तम इंट्राडे ट्रेडिंग स्टॉक की पहचान करना आवश्यक होता है, क्योंकि इसमें अपेक्षाकृत अधिक जोखिम होता है। ऐसे शेयर चुनें, जिन्हें बेचना भी आसान हो। जिन शेयरों की लिक्विडिटी अधिक होती है, उन्हें व्यक्ति आसानी से जब चाहे बाजार खुले रहने तक सेल कर सकता है। अगर आपके शेयर का कोई बॉयर नहीं होगा तो आप उसे किसको बेचेंगे, ऐसे में आपको नुकसान उठाना पड़ जाएगा।

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