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Explainer Video: क्या होता है Air Quality Index, वीडियो में जानें यह कैसे बताता है प्रदूषण का हाल और मुख्य Indices वायु प्रदूषण के मुख्य कारण| Watch Video

Explainer Video: वीडियो में जानें एयर क्वालिटी इंडेक्स और क्या है दिल्ली में वायु मुख्य Indices प्रदूषण के मुख्य कारण.

Published: November 7, 2022 6:38 PM IST


What is Air Quality Index: दिल्ली में पिछले कई दिनों से हवा और भी ज्यादा प्रदूषित हो गई है. दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि आस-पास बहुत से इलाकों का एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है.
एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है?
एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की जानकारी देता है. इसमें बताया जाता है कि हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है. इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई हैं.
Air Quality Index Categories
– देश में AQI को स्तर और रीडिंग के हिसाब से 06 कैटेगरी में बांटा गया है.
– 0-50 के बीच AQI का मतलब अच्छा यानि वायु शुद्ध है
– 51-100 के बीच मतलब वायु की शुद्धता संतोषजनक
– 101-200 के बीच ‘मध्यम
– 201-300 के बीच ‘खराब’
– 301-400 के बीच बेहद खराब
– 401 से 500 के बीच गंभीर श्रेणी

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आज इतना क्यों उछला शेयर बाजार? जानिए मुख्य कारण और समझें क्या होगा आगे

मंगलवार को सेंसेक्स पूरे एक हफ्ते के प्राइस को टेकओवर कर लिया.

मंगलवार को सेंसेक्स पूरे एक हफ्ते के प्राइस को टेकओवर कर लिया.

हाइलाइट्स

शेयर बाजार का आज का सेशन इस महीने (मुख्य Indices मुख्य Indices अगस्त) का आखिरी ट्रेडिंग सेशन था.
आज की तेजी के पीछे शॉर्ट-कवरिंग और वेल्यू-बाइंग (खरीदारी) दोनों शामिल रहे.
आने वाले दिनों में भी बाजार के आउटपरफॉर्म करते रहने की संभावनाएं हैं.

नई दिल्ली. आज शेयर बाजार ने लम्बी छलांग लगाई और बीएसई सेंसेक्स 1,564 अंक यानी 2.70 प्रतिशत बढ़कर बंद हुआ. निफ्टी 50 में 2.58 फीसदी, निफ्टी बैंक में 3.29 फीसदी, और निफ्टी आईटी में 2.63 प्रतिशत की तेजी देखने को मिली. कल की बात करें तो बाजार बड़ी गैपडाउन ओपनिंग के साथ खुला और बंद होने तक उस गिरावट को रिकवर नहीं कर पाया था.

मंगलवार को सेंसेक्स पूरे एक हफ्ते के प्राइस को टेकओवर कर लिया, जिसमें कल की 861 अंकों की बड़ी गिरावट भी शामिल थी. कुल मिलाकर पूरा लॉस एक ही दिन में रिकवर कर लिया. आज का सेशन इस महीने (अगस्त) का आखिरी ट्रेडिंग सेशन था. कल, बुधवार को, शेयर बाजार बंद रहेगा. एक्सपर्ट कहते हैं कि इनके पीछे 2 मुख्य कारण हो सकते हैं. पहला तो शॉर्ट-कवरिंग (सेलिंग की पॉजिशन काटना) और दूसरा गिरावट के बाद वेल्यू-बाइंग (खरीदारी). आने वाले दिनों में भी बाजार के आउटपरफॉर्म करने की संभावनाएं हैं.

बाकी देशों से बेहतर कर रहा है भारत
मनीकंट्रोल की एक खबर के मुताबिक, आदित्य बिरला सन लाइफ म्यूचुअल फंड के सीईओ ए बालासुब्रमण्यम ने कहा, “भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था के बाकी हिस्सों से बेहतर कर रहा है, जैसे सुधारों पर ध्यान केंद्रित करना, डायरेक्ट टैक्स क्लेक्शन में सुधार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में निवेश और यह सुनिश्चित करना कि सामाजिक लाभ उन लोगों को मिले, जिन्हें इसकी आवश्यकता है.”

FIIs की चिंता किए बगैर उछला बाजार
आज की गैपअप ओपनिंग की बात करें तो यह बहुत बड़ी नहीं थी, लेकिन बाद में बाजार ने गति पकड़ी और एक सप्ताह के हाई के पास पहुंच गया. यह बात अलग है कि पिछले कुछ सेशन्स में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs) ने भारतीय बाजार से पैसा निकाला है. हालांकि, इसके उलट DIIs ने भारतीय बाजारों में पैसा डाला है. कच्चे तेल के भाव भी बढ़े हैं. ब्रॉडर मार्केट भी बेंचमार्क इंडेक्सेज के साथ-साथ बढ़े, जैसे कि मुख्य Indices निफ्टी मिडकैप में भी 2 फीसदी की रैली देखी गई और स्मालकैप 100 इंडेक्स 1.3 फीसदी उछला.

सभी सेक्टरों में देखी गई रैली
मंगलवार की शानदार रैली में हर सेक्टर ने हिस्सा लिया, निफ्टी रियल्टी इंडेक्स 3.5 फीसदी की तेजी के साथ सबसे ज्यादा बढ़त बनाकर उभरा. बैंक और वित्तीय सेवाओं में प्रत्येक में 3 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई, जबकि आईटी और ऑटो सूचकांकों में 2.6 प्रतिशत और एफएमसीजी में 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई.

सबसे मुख्य Indices अहम कारण: मजबूत Q1 जीडीपी डेटा की उम्मीदें
चूंकि अब आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह खुल चुकी हैं और घरेलू मांग मजबूत हो रही है तो समझा जा रहा है कि इस वित्त वर्ष की जून तिमाही में डबल-डिजिट ग्रोथ हो सकती है. इसी उम्मीद के साथ आज बाजार में अच्छी-खासी खरीदारी देखने को मिली हो सकती है. बार्कले का अनुमान कहता है कि भारत वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में 16 फीसदी की दर से बढ़ा है.

ऑटो सेक्टर का तेज घूमता पहिया
ऑटो सेक्टर के मासिक बिक्री के नंबर आने वाले हैं. उम्मीद है इसी हफ्ते के अंत तक ये नंबर हमारे सामने होंगे. इससे पहले इस सेक्टर के शेयरों में तेजी आई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बैरिंग ट्रैक्टर की बिक्री में इजाफा हुआ है, ऐसे में अच्छे नंबरों की उम्मीद है. आज ट्यूब इन्वेस्टमेंट ऑफ इंडिया, अशोक लेलेंड, टाटा मोटर्स, टीवीएस मोटर्स, मारुति सुजुकी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, भारत फोर्ज, आयशर मोटर्स, बॉश, और बालकृष्ण इंडस्ट्री में 2-5 फीसदी तक का उछाल आया है.

यूरोपियन बाजारों का पॉजिटिव मूड
कल अमेरिकी बाजार हालांकि गिरे थे, लेकिन यूरोप के बाजारों में दिखने वाली मजबूती भी आज की रैली का एक कारण बनी. जर्मनी का DAX 1.9 फीसदी ऊपर था, फ्रांस का CAS एक फीसदी बढ़ा, और ब्रिटेन का FTSE में 0.3 फीसदी की हल्की बढ़त देखने को मिली. पिछले सेशन में फेड चीफ जेरोम पॉवेल के कमेंट ने बाजार का मूड खराब कर दिया था, जिसके चलते विश्व स्तर पर बाजारों में गिरावट दिखी.
एशिया में, जापान के Nikkei और साउथ कोरिया के Kospi में भी एक फीसदी से अधिक की बढ़त रही. चीन के Shanghai Composite और हॉन्ग-कॉन्ग के Hang Seng थोड़े नेगेटिव थे.

टेक्निकल व्यू और इंडिया विक्स (VIX)
टेक्निकल के आधार पर कहा जाए तो निफ्टी50 ने आज गैपअप ओपनिंग के साथ अपनी रैली को जारी रखा और पूरे दिन में एक बड़ी बुलिश कैंडल दिखाई. इस कैंडल का मतलब है कि बुल्स इस समय पावर में हैं. इंडेक्स ने पिछले दिन के निचले स्तर को भी रिस्पेक्ट किया, जोकि एक और पॉजिटिव फैक्टर मुख्य Indices है. इस तरह, यदि इंडेक्स इसी ट्रेंड में चलता हुआ 18,000 के स्तर को पार कर लेता है तो एक्सपर्ट्स मानते हैं कि बाजार जल्द ही 18,114 और 18,350 का स्तर भी छू सकता है.

विक्स अथवा वोलैटिलिटी की बात करें तो यह भी थोड़ी शांत हुई है और यह 6 फीसदी गिरकर 18.7 पर आ गई है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंडिया विक्स का नीचे आना बुल बाजार के लिए एक अच्छा संकेत माना जाता है. यदि विक्स 18 से भी नीचे जाती है तो बाजार में एक अच्छी स्थिरता देखने को मिलेगी.

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AWEB: सीईसी कुमार ने उठाए सवाल, कहा- लोकतांत्रिक सूचकांकों के मूल्यांकन के लिए मापकों की समीक्षा की जरूरत

सीईसी राजीव कुमार ने यह भी कहा कि आज लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन निकाय (ईएमबी) दुनिया भर में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनौतियां लोगों के ध्रुवीकरण, लोकलुभावने वादे और उसके परिणामों, आर्थिक असमानता, आप्रवासन और बहुजातीय मुख्य Indices लोकतंत्रों को बनाए रखने की चुनौती पर काबू पाने के कारण पैदा होती हैं।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया के प्रयोग और उसके दुष्प्रभावों और चुनौतियों पर चर्चा की। बुधवार को उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB) की 5वीं महासभा के उद्घाटन समारोह में मुख्य Indices संबोधन दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मतदाता जुड़ाव के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाना एक सकारात्मक विशेषता है, लेकिन इसका दुरुपयोग और दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स चुनाव प्रबंधन निकायों और दुनिया भर के सामने एक वास्तविक चुनौती है। इस दौरान उन्होंने देश के लोकतांत्रिक सूचकांक की रेटिंग 'एकतरफा और अवैध मानकों' के आधार पर किए जाने पर भी सवाल खड़े किए।

लोकतांत्रिक सूचकांकों के मूल्यांकन के मापदंडों पर खड़े किए सवाल
AWEB की पांचवीं महासभा के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उपयोग किए जा रहे लोकतांत्रिक सूचकांकों के मूल्यांकन के लिए मापदंडों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी कार्यक्रम में मौजूद थे। सीईसी राजीव कुमार की यह टिप्पणी उन रिपोर्ट्स के खिलाफ आई है जिनमें दावा किया गया था कि हाल के वर्षों में लोकतंत्र सूचकांक में भारत के स्तर और स्कोर में गिरावट आई है। हालांकि भारत सरकार ने उन खबरों को पहले ही खारिज कर दिया था।

सीईसी राजीव कुमार ने यह भी कहा कि आज लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन निकाय (ईएमबी) दुनिया भर में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनौतियां लोगों के ध्रुवीकरण, लोकलुभावने वादे और उसके परिणामों, आर्थिक असमानता, आप्रवासन और बहुजातीय लोकतंत्रों को बनाए रखने की चुनौती पर काबू पाने के कारण पैदा होती हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराने के लिए ये जरूरी है कि पूरी शक्ति के साथ ईएमबी का स्वतंत्रता के साथ काम करना जरूरी है।

क्या है एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB)
एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB) की स्थापना 2013 में सोंग-डू, दक्षिण कोरिया में हुई थी। यह चुनाव प्रबंधन निकायों का पहला वैश्विक संगठन है, और इसमें सदस्यों के रूप में 118 ईएमबी और सहयोगी सदस्यों के रूप में 20 क्षेत्रीय संघ शामिल हैं।

विस्तार

देश के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मतदाताओं को जोड़ने के लिए सोशल मीडिया के प्रयोग और उसके दुष्प्रभावों और चुनौतियों पर चर्चा की। बुधवार को उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के केप टाउन में एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB) की 5वीं महासभा के उद्घाटन समारोह में संबोधन दिया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि मतदाता जुड़ाव के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाना एक सकारात्मक विशेषता है, लेकिन इसका दुरुपयोग और दुष्प्रचार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स चुनाव प्रबंधन निकायों और दुनिया भर के सामने एक वास्तविक चुनौती है। इस दौरान उन्होंने देश के लोकतांत्रिक सूचकांक की रेटिंग 'एकतरफा और अवैध मानकों' के आधार पर किए जाने पर भी सवाल खड़े किए।

लोकतांत्रिक सूचकांकों के मूल्यांकन के मापदंडों पर खड़े किए सवाल
AWEB की पांचवीं महासभा के उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कुछ अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा उपयोग किए जा रहे लोकतांत्रिक सूचकांकों के मूल्यांकन के लिए मापदंडों पर फिर से विचार करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस दौरान दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा भी कार्यक्रम में मौजूद थे। सीईसी राजीव कुमार की यह टिप्पणी उन रिपोर्ट्स के खिलाफ आई है जिनमें दावा किया गया था कि हाल के वर्षों में लोकतंत्र सूचकांक में भारत के स्तर और स्कोर में गिरावट आई है। हालांकि भारत सरकार ने उन खबरों को पहले ही खारिज कर दिया था।

सीईसी राजीव कुमार ने यह भी कहा कि आज लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन निकाय (ईएमबी) दुनिया भर में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये चुनौतियां लोगों के ध्रुवीकरण, लोकलुभावने वादे और उसके परिणामों, आर्थिक असमानता, आप्रवासन और बहुजातीय लोकतंत्रों को बनाए रखने की चुनौती पर काबू पाने के कारण पैदा होती हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों को स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से कराने के लिए ये जरूरी है कि पूरी शक्ति के साथ ईएमबी का स्वतंत्रता के साथ काम करना जरूरी है।

क्या है एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB)
एसोसिएशन ऑफ वर्ल्ड इलेक्शन बॉडीज (AWEB) की स्थापना 2013 में सोंग-डू, दक्षिण कोरिया में हुई थी। यह चुनाव प्रबंधन निकायों का पहला वैश्विक संगठन है, और इसमें सदस्यों के रूप में 118 ईएमबी और सहयोगी सदस्यों के रूप में 20 क्षेत्रीय संघ शामिल हैं।

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श्री धर्मेंद्र प्रधान

लक्ष्य

Vision

अच्छी गुणवत्ता वाली आधुनिक शिक्षा प्रदान करना-जिसमें संस्कृति का एक मजबूत घटक, मूल्यों का समावेश, पर्यावरण के प्रति जागरूकता, साहसिक गतिविधियाँ और शारीरिक शिक्षा- मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से प्रतिभावान बच्चों को उनके परिवार की सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों के संबंध में शामिल हैं।

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