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निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

Multibagger Stock 2022: टाटा के ये हैं तीन जादुई शेयर, खरीदारी के लिए निवेशकों में मची होड़, आपके पास है?

Stock To Buy 2022: शेयर बाजार में चल रहे उतार-चढाव के बीच कुछ शेयर्स जबरदस्त रिटर्न दे रहे हैं. अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश कर मुनाफा कामना चाहते हैं तो टाटा ग्रुप की तीन कंपनियां ट्रेंट, टीसीएस और टाटा स्टील के शेयरों पर दांव लगा सकते हैं. आइये जानते हैं क्या कहते है एक्सपर्ट्स.

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Multibagger Stock 2022: टाटा के ये हैं तीन जादुई शेयर, खरीदारी के लिए निवेशकों में मची होड़, आपके पास है?

Stocks Tips: शेयर बाजार में चल रहे उठा-पटक के बीच कई शेयर्स दमदार रिटर्न देते हैं. ऐसे शेयर्स पर ब्रोकरेज हाउसेज भी बुलिश रहते हैं. अगर आप भी उतार-चढ़ाव भरे शेयर बाजार से मुनाफा कामना चाहते हैं तो ये खबर आपके बहुत काम की है. आप टाटा ग्रुप की कंपनियों में निवेश कर बंपर मुनाफा कमा सकते हैं. इस समय टाटा ग्रुप की तीन कंपनियों ट्रेंट, टीसीएस और टाटा स्टील के शेयरों पर आप दांव लगा सकते हैं. इन स्टॉक्स में जबरदस्त रिटर्न की उम्मीद दिख रही है.

जानिए रुपये का है टारगेट?

इन तीनों स्टॉक्स पर ब्रोकरेज हाउसेज भी बुलिश हैं. ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी TCS पर खरीदारी की राय दी है और टीसीएस के शेयर पर 3870 रुपये का टारगेट है तय किया है. मोतीलाल ओसवाल के अनुसार, यह शेयर मौजूदा स्तरों से 16 फीसद से ज्यादा का रिटर्न दे सकता है. हालांकि इसके सितंबर तिमाही के नतीजे शानदार नहीं रहे हैं, फिर भी टीसीएस का मुनाफा 8 फीसद बढ़कर 10,431 करोड़ रुपये हो गया है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अब बात करते हैं एक्सपर्ट के सलाह की तो 39 में से 19 विश्लेषकों ने टीसीएस के शेयरों को खरीदने की सलाह दी है. जिनके पोर्टफोलियों में यह स्टॉक है, उनके लिए 12 एनॉलिस्टों ने होल्ड रखने की सलाह दे रहे हैं, जबकि महज 8 ने इस स्टॉक से निकलने की सिफारिश की है. यानी एक्सपर्ट्स भी इस स्टॉक के पक्ष में हैं.

टाटा स्टील पर एक्सपर्ट की राय

अब बात करते हैं टाटा स्टील की तो एक्सपर्ट्स इस शेयर पर भी खरीदारी की रे दे रहे हैं. टाटा स्टील पर भी मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने भी खरीदारी की राय दी है. टाटा स्टील पर शॉर्ट टर्म के लिए ब्रोक्रेज हाउस ने 115 रुपये का टारगेट दिया है, जबकि स्टॉप लॉस 105 रुपये का तय किया है. अगर अन्य एनॉलिस्टों की बात करें तो 29 में 13 ने टाटा स्टील को Strong Buy की सलाह दी है और चार ने Buy, 8 ने होल्ड और 4 ने बेचने की सलाह दी है.

(डिस्‍क्‍लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है. शेयर बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें.)

निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह

शेयर बाजार पर लोलापालूजा इफेक्ट, शॉर्ट टर्म निवेश से बचने की सलाह

- शेयर बाजार में जारी रह सकता है उठापटक का दौर

-शॉर्ट टर्म के निवेश में हो सकता है बड़ा जोखिम

नई दिल्ली, 29 अप्रैल (हि.स.)। भारतीय शेयर बाजार में साल 2022 के दौरान जिस तरह से लगातार उतार9चढ़ाव की स्थिति बनी है, उसके आधार पर स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार को फिलहाल लोलापालूजा इफेक्ट का सामना करना पड़ रहा है। इस इफेक्ट की वजह से बाजार में कुछ और समय तक लगातार तेज उतार9चढ़ाव की स्थिति बनी रह सकती है। ऐसे में निवेशकों को छोटी अवधि के निवेश के जोखिम से बचने की कोशिश करनी चाहिए।

घरेलू शेयर बाजार में इस साल लगातार उतार-चढ़ाव की स्थिति बनी हुई है। 2022 में जनवरी के महीने में सेंसेक्स 61,300 अंक से ऊपर तक पहुंचा था, वहीं निफ्टी ने भी 18,300 अंक के दायरे को पार कर लिया था। लेकिन मार्च के महीने में सेंसेक्स गिरकर 52,367 अंक तक और निफ्टी 15,711 अंक तक पहुंच गया। अप्रैल के महीने में एक बार फिर शेयर बाजार में तेजी आई, जिसके कारण सेंसेक्स 60,845 अंक तक और निफ्टी 18,114 अंक तक उछल गया। लेकिन उसके बाद एक बार फिर सेंसेक्स लुढ़क कर 56 हजार अंक और निफ्टी 16 हजार अंक के दायरे के करीब तक पहुंच कर कारोबार करने लगा है। बाजार की चाल पर नजर डालें तो अभी 1 दिन बाजार चढ़ता है, तो अगले दिन ही बाजार लुढ़क भी जाता है। यानी किसी दिन लिवाली होती नजर आती है, तो किसी दिन बिकवाली का दबाव शेयर बाजार नीचे ला पटकता है।

स्टॉक मार्केट के एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरेलू शेयर बाजार में पहले एक तिमाही या 4 महीने की अवधि में कभी भी इतना उतार-चढ़ाव नहीं देखा गया है, जैसा उतार-चढ़ाव 2022 की शुरुआत से लेकर अभी तक हो रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि घरेलू शेयर बाजार फिलहाल लोलापालूजा इफेक्ट का सामना कर रहा है। उनके मुताबिक इस साल शेयर बाजार पर एक साथ कई कारक अपना असर डाल रहे हैं। इन कारकों में रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध अहम कारक है। इसके अलावा चीन में कोरोना संक्रमण के कारण दोबारा शुरू हुआ लॉकडाउन, यूएस फेड द्वारा इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी, दुनिया के निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह कई देशों में जबरदस्त महंगाई और कमॉडिटी सेक्टर में आई तेजी के कारण दुनिया भर के शेयर बाजार लोलापालूजा इफेक्ट का सामना कर रहे हैं।

लोलापोलूजा इफेक्ट का मतलब

सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि लोलापोलूजा इफेक्ट का मतलब क्या है। बर्कशायर हैथवे के वाइस चेयरमैन चार्ली मुंगेयर ने सबसे पहले लोलापालूजा इफेक्ट टर्म का उल्लेख किया था। चार्ली मुंगेयर ने इसको स्पष्ट करते हुए बताया था कि कई बार एक साथ कई सारी चीजें इंसान या कारोबार पर अपना असर डालती हैं। जिसकी वजह से कारोबार या इंसान का व्यवहार और उसकी दिशा प्रभावित होती है। एक साथ कई चीजों के प्रभाव की वजह से कारोबार की गति या दिशा पर पड़ने वाले असर को लोलापालूजा इफेक्ट कहा जाता है। इस इफेक्ट की वजह से कारोबार में तेज उतार-चढ़ाव की स्थिति बनती है, तो इंसान के व्यवहार में भी नर्मी-गर्मी का रुख नजर आता है।

शेयरखान सिक्योरिटीज के एनालिस्ट आशीष निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह भारद्वाज का कहना है कि पिछले तीन-चार महीने में रूस-यूक्रेन युद्ध, यूएस फेड के इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी और चीन में कोरोना की वापसी के रूप में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जो बाजार पर असर डाल रही हैं। यूक्रेन संकट और इंटरेस्ट रेट में बढ़ोतरी के साथ दुनिया भर के ज्यादातर देशों में आसमान छूती महंगाई ने दुनिया भर के बाजार पर प्रत्यक्ष असर डाला है। और तो और कमॉडिटी सेक्टर की तेजी ने भी बाजार पर काफी असर डाला है।

आपको बता दें कि दुनिया भर के एनर्जी सप्लायर देशों में रूस तीसरा सबसे बड़ा एनर्जी सप्लायर है, लेकिन युद्ध की वजह से रूस कमॉडिटी सेक्टर में पर्याप्त मात्रा में सप्लाई नहीं कर पा रहा है। जिसकी वजह से पेट्रोलियम और नेचुरल गैस के साथ ही अन्य कमॉडिटीज की कीमतों में भी काफी तेजी आ गई है।

दूसरी ओर इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी का मुद्दा भी बाजार पर काफी असर डाल रहा है। कोरोना बीमारी की शुरुआत होने के बाद अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए दुनिया के ज्यादातर देशों की सरकारों ने इंट्रेस्ट रेट में कमी की थी। अब जबकि अर्थव्यवस्था काफी हद तक रिकवर कर चुकी है और दूसरी ओर महंगाई भी चरम पर पहुंच रही है, तो ज्यादातर देशों के केंद्रीय बैंकों के सामने इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी करने की मजबूरी बन गई है। इन तमाम कारकों ने दुनिया भर के शेयर बाजार पर अपना असर डाला है और इस असर से भारतीय शेयर बाजार भी अछूता नहीं रहा है।

हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स का ये भी कहना है कि इस साल अभी तक शेयर बाजार में जितना भी उतार-चढ़ाव हुआ है, उसमें शेयर बाजार अपने ऊंचे स्तर से करीब 5 प्रतिशत तक नीचे लुढ़का है। इसके साथ ही एक बात ये भी साफ नजर आ रही है कि शेयर बाजार बार-बार रिकवर करने की कोशिश भी कर रहा है। इस कोशिश में शेयर बाजार को काफी हद तक सफलता भी मिल रही है। इससे साफ है कि भारतीय शेयर बाजार के फंडामेंटल्स मजबूत बने हुए हैं। इसलिए निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह लंबे समय के निवेश के लिहाज से फिलहाल बाजार में चिंता करने की कोई बात नजर नहीं आती। लेकिन शॉर्ट टर्म में मार्केट में अगले कुछ समय तक कंसोलिडेशन जारी रह सकता है। ऐसे में निवेशकों को छोटी अवधि के लिए निवेश करने के पहले पूरी तरह से सोच विचार करके ही फैसला लेना चाहिए।

जानकारों का कहना है कि लगातार उतार-चढ़ाव वाले शेयर बाजार के मौजूदा माहौल में इन्वेस्टर्स को ज्यादा एग्रेसिव इन्वेस्टमेंट करने से बचना चाहिए। अगर इन्वेस्टमेंट करना जरूरी भी हो, तो उन्हें मजबूत बुनियाद वाली बड़ी कंपनियों में ही छोटे-छोटे टुकड़ों में निवेश करना चाहिए। ऐसे निवेशकों को बाजार में गिरावट का इंतजार करना चाहिए और हर गिरावट पर थोड़ा-थोड़ा निवेश करने की नीति अपनाने चाहिए। निवेशकों को फिलहाल एक बार में ही बड़ी रकम को दांव पर लगाने से बचना चाहिए।

Small-cap Stocks Kya Hai? : विशेषताएं, जोखिम और किसे निवेश करना चाहिए? जानिए

Small-cap Stocks in Hindi: हाल ही में म्यूचुअल फंड द्वारा नए स्मॉल कैप स्टॉक को जोड़ा गया है। अब ये Small-cap Stocks Kya Hai? (What is Small-cap Stocks in Hindi) इस बारे में आप अभी तक अनभिज्ञ है तो इस लेख को अंत तक पढें। आपको Small-cap Stocks से संबंधित सभी तरह की जानकारी मिल जाएगी।

Small-cap Stocks in Hindi: लंबी अवधि में बड़ा रिटर्न हासिल करना हो तो अकसर एक्सपर्ट्स मिड कैप (Mid Cap) और स्मॉल कैप (Small Cap) फंड्स में निवेश की सलाह देते हैं। अगर आप शुरुआती चरण में है तो Small-cap में ही निवेश करने की सलाह दी जाती है, पर क्या सभी इन्वेस्टर्स के लिए जोखिम उठाने वाले इन फंड्स को चुनना सही है? ऐसे ही सवालों के जवाब जानने के लिए इस लेख को पढें। इस लेख में आप विस्तार से जनेंगे कि Small-cap Stocks Kya Hai? और इसमें जोखिम कितना है और किन्हें निवेश करना चाहिए।

Small-cap Company Kya Hai? | What is Small-cap Company in Hindi

Small-cap Stocks in Hindi: स्मॉल-कैप कंपनियां वे होती हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण (Market capitalization) 5,000 करोड़ रुपये से कम होता है। ये कंपनियां आकार में अपेक्षाकृत छोटी होती हैं और इनमें विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएं होती हैं। लेकिन साथ ही साथ इन कंपनियों में बड़ी मात्रा में जोखिम और अस्थिरता भी होती हैं। स्मॉल कैप में निवेश करने से संस्थागत (Institutional) निवेशकों को मात देने का मौका मिलता है जो कभी-कभी लार्ज-कैप शेयरों से बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। SEBI द्वारा कंपनियों को बाजार पूंजीकरण के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। शुरुआत के 250 कंपनी के बाद जितनी भी कंपनियां होती है वह small-cap की केटेगरी में ही आती है। देश में लगभग 95% कंपनियां इस श्रेणी में आती हैं।

Small-cap Stocks Kya Hai? | What is Small-cap Stocks in Hindi

Small-Cap Stocks in Hindi: शेयर बाजार में कंपनियों को अपने मार्केट कैप के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। कंपनी के मार्केट कैपिटलाइजेशन का मतलब है शेयर बाजार द्वारा निर्धारित उस कंपनी का वैल्यू। स्मॉल-कैप शेयरों (Small-cap Stocks) में वे फर्में शामिल होती हैं जिनका राजस्व कम होता है और इसलिए पूंजी का आकार छोटा होता है। Small-cap कंपनियां के पास आमतौर पर वर्कफोर्स छोटा होता है और उनके पास Large-cap या Mid-cap जैसा मजबूत बिज़नेस मैनेजमेंट नहीं होता है। लेकिन लार्ज-कैप या मिड-कैप फर्म भी एक समय में छोटी फर्में थी जो पूंजी आकार में वृद्धि होने से शीर्ष पर पहुंच गई।

स्मॉल-कैप स्टॉक की विशेषताएं | Features of Small-Cap Stocks in Hindi

स्मॉल-कैप शेयरों की कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं-

1. ग्रोथ फैक्टर

Small-Cap Stocks में विकास की उच्च दर की क्षमता होती है और इसलिए निवेशकों को हाई रिटर्न देने की संभावना होती है, कभी-कभी यह रिटर्न 100% जितना अधिक होता है। Small-Cap Stocks धन के सृजन का अवसर प्रदान करते हैं, जो इन्हें एक आकर्षक निवेश अवसर बनाता है। सही शेयरों की पहचान करना और उन्हें लंबी अवधि के लिए रखना अच्छा रिटर्न दे सकता है। स्माल स्टॉक शेयरों को अक्सर मल्टी-बैगर के रूप में देखा जाता है क्योंकि ये बहुत अधिक रिटर्न दे सकते हैं।

2. उच्च अस्थिरता

Small-Cap Stocks भी अत्यधिक अस्थिर होते हैं क्योंकि वे एक बेयर मार्केट ट्रेंड में आसानी से घट सकते हैं। लार्ज-कैप फर्मों के विपरीत छोटे आकार की कंपनियों के पास कम राजस्व होत हैं। वहीं मिड कैप कंपनियां धीरे-धीरे अपने बाजार हिस्सेदारी का विस्तार करते रहते है और अक्सर विलय और अधिग्रहण में शामिल होते हैं। इस वजह से स्मॉल-कैप की तुलना में अधिक स्थिर हो जाते हैं।

3. कम कीमत वाले स्टॉक

Small-Cap Stocks में पूंजी का आकार छोटा होता है और शेयर बाजार में बकाया शेयर होते हैं। कंपनियों की कम मान्यता के कारण उनके स्टॉक की वैल्यू भी कम है। अगर निवेशक कम कीमत पर क्वालिटी स्टॉक को उठाते हैं और उनमें निवेश करते हैं, तो उन्हें फायदा होता है। नियत समय में स्मॉल-कैप स्टॉक मान्यता प्राप्त करेंगे और पूंजी प्राप्त करेंगे क्योंकि उनके पास लार्ज-कैप शेयरों की तुलना में उच्च जैविक विकास दर है।

स्मॉल-कैप स्टॉक बड़े, मध्यम और छोटे आकार की कंपनियों में सबसे कम तरल होते हैं, क्योंकि उनका शेयर बाजार में कम कारोबार होता है। इसलिए उन्हें कम पहचाना जाता है और आसानी से खरीदा और बेचा नहीं जाता है, वे कम तरलता प्रदान करते हैं। इसलिए शॉर्ट-टर्म उद्देश्यों के लिए Small-Cap Stocks में निवेश नहीं करना चाहिए।

स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश से जुड़े जोखिम | Risks associated with Small-cap Stocks

Small-Cap Stocks अत्यधिक अस्थिर होते हैं और बाजार के जोखिमों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं। यह स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश से जुड़ा निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह सबसे बड़ा जोखिम कारक है। इसलिए निवेशकों को स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश करने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करके ही निर्णय लेना चाहिए। आक्रामक निवेशक छोटे शेयरों में अच्छी मात्रा में निवेश कर सकते हैं, जबकि रूढ़िवादी दृष्टिकोण वाले लोग कुल निवेश का कम से कम 10% स्मॉल-कैप शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

स्मॉल-कैप शेयरों में किसे निवेश करना चाहिए? | Who should invest in Small-cap Stocks?

Small-cap Stocks in Hindi: स्मॉल-कैप स्टॉक अपने बड़े स्टॉक्स की तुलना में अलग अलग रिवॉर्ड और जोखिम प्रदान करते हैं। इसलिए जो लोग अधिक जोखिम उठा सकते हैं और 7-10 साल के लिए निवेश करने को तैयार हों, उन्हें इस कैटिगरी पर विचार करना चाहिए। एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेशकों को पोर्टफोलियो का एक हिस्सा स्मॉल कैप फंड्स में रखना चाहिए। स्मॉल कैप फंड में एसआईपी से निवेश करना ठीक रहेगा। जो लोग रिटायरमेंट या बच्चे की शादी निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह जैसी लंबी अवधि के लक्ष्य के लिए निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये फंड अच्छे हो सकते हैं। ऐतिहासिक तौर पर बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में स्मॉल कैप फंड्स का रिटर्न अधिक रहा है

यह स्टॉक अपने लाइफ टाइम हाई से 18% नीचे, एक्सपर्ट्स से जानिए क्या है यह निवेश का सही समय राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में शामिल

Rakesh Jhunjhunwala

Rakesh Jhunjhunwala portfolio Stock: रिटेल निवेशक अपने निवेश निर्णय के लिए अक्सर बाजार के दिग्गज निवेशकों के पोर्टफोलियो पर नजर रखते हैं। बि ग बुल के नाम से जाने जाने वाले राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो पर निवेशकों के साथ ही मार्केट एक्सपर्ट्स की भी नजर रहती है। यहां हम बिगबुल के पोर्टफोलियो में शामिल टाटा ग्रुप के इस स्टॉक इंडियन होटल (Indian Hotels) की बात कर रहे है।

यह स्टॉक एनएसई पर अप्रैल 2022 में 268.95 रुपये के अपने ऑल टाइम हाई पर था। पिछले करीब 1 महीने
से यह शेयर दबाव में है। इस अवधि में यह स्टॉक अपने ऑल टाइम हाई से करीब 18 फीसदी फिसल गया है।
स्टॉक मार्केट के जानकारो का कहना है कि इस स्टॉक में निगेटिव मार्केट सेटीमेंट के कारण गिरावट देखने क मिली है । कंपनी के फंडामेटल में कोई कमी नहीं है। फंडामेटली यह स्टॉक काफी मजबूत है। जानकारों का कहना है कि इस स्टॉक को 200-205 रुपये के स्तर पर इमीडिएट सपोर्ट है। वहीं 174 रुपये पर बड़ा सपोर्ट है।

इंडियन होटल के शेयर प्राइस पर बात करते हुए Angel One के अमरजीत मौर्या का कहना है कि वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही के दौरान इंडियन होटल की आय में सालाना आधार पर करीब 42 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली। जबकि इसी अवधि में कंपनी को 58 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। गौरतलब है कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में कंपनी को 117 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह 60 होटल खोल रही है। इसके साथ ही कंपनी के पोर्टफोलियो में
7,500 नए कमरे जुड़ेगे। वर्तमान में कंपनी के पास 20,581 ऑपरेशनल रूम है। अमरजीत मौर्या का यह भी कहना है कि लेंजर ट्रैवल और कॉर्पोरेट ट्रैवलिंग में कोविड के स्थितियों में सुधार के कारण और तेजी आएगी। जिसका फायदा इंडियन होटल जैसे कंपनियों को मिलेगा। ऐसे में इस स्टॉक पर दांव लगाना चाहिए।

इसी तरह IIFL Securities के अनुज गुप्ता का कहना है कि इंडियन होटल के शेयरों में हाल के दिनों में आई
गिरावट सिर्फ मुनाफावसूली है। इस स्टॉक का ट्रेंड और साइकिल दोनों पॉजिटिव है। आगे हमें इस स्टॉक में फिर
से तेजी आती नजर आएगी। इस स्टॉक के लिए 200 -205 रुपये के आसपास पहला सपोर्ट है। उसके बाद 174 रुपये पर सपोर्ट है। जिनके पास यह स्टॉक है उनको सलाह है कि 174 रुपये के स्टॉपलॉस के साथ हर गिरावट
में इस स्टॉक को अपने पोर्टफोलियो में और जोड़े। जिनको नई खरीदारी करनी है उनके लिए सलाह है कि 210-
215 रुपये के आसपास मिलने पर इस स्टॉक में खरीदारी करें। इसके लिए 174 रुपये का स्टॉपलॉस रखें। शॉर्ट
टर्म में यह स्टॉक 260-275 रुपये का लेवल दिखा सकता है। अनुज गुप्ता का कहना है कि अगर यह स्टॉक एक बार 275 रुपये के ऊपर बंद होने में कामयाब रहता है तो
इसमें 320 रुपये का स्तर भी मुमकिन है।

Indian Hotels में राकेश झुनझुनवाला की शेयर होल्डिंग Rakesh Jhunjhunwala’s shareholding in Indian Hotels
Indian Hotels के जनवरी-मार्च 2022 के शेयर होल्डिंग पैटर्न के मुताबिक कंपनी में राकेश झुनझुनवाला और
उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला दोनों की होल्डिंग है। राकेश झुनझुनवाला के पास कंपनी के 1,57,29,200
इक्विटी शेयर यानी 1.11 फीसदी होल्डिंग है जबकि उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला की कंपनी में 1,42,87,765
इक्विटी शेयर यानी 1.01 फीसदी होल्डिंग है।

बैतूल समाचार पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए
उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को बैतूल समाचार की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड
एक्सपर्ट की सलाह लें।

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