अस्थिर ब्याज क्या है?

SIP यानी सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान. SIP की सही तारिक फिक्स करना सही पर जरुरी नहीं. हर महीने नियमित निवेश करना ज्यादा जरुरी है. अस्थिर बाजार में एवरेज कॉस्ट का गणित आता है: फिरोज अजीज, डिप्टी CEO, आनंदराठी वेल्थ लिमिटेड.
SoftBank में सैकड़ों कर्मियों की होगी छंटनी, ऊंची ब्याज दरें और राजनीतिक अस्थिरता ने बढ़ाई दिक्कतें
सॉफ्टबैंक ग्रुप के विजन फंड (Vision Fund) यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल (SoftBank Group International) के दुनिया भर में मौजूद 150 कर्मियों को निकाला जाएगा।
जापान के सॉफ्टबैंक ग्रुप कॉर्प (SoftBank Group Corp) ने छंटनी का फैसला किया है। ग्रुप के विजन फंड (Vision Fund) यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल (SoftBank Group International) के दुनिया भर में मौजूद 150 कर्मियों को निकाला जाएगा। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी सूत्रों के हवाले से दी है।
कंपनी के सीईओ Masayoshi Son ने अस्थिर ब्याज क्या है? यह फैसला भारी नुकसान के चलते लिया है। गुरुवार को कर्मियों को नोटिस भेजा गया है और इसका असर विजन फंड यूनिट और सॉफ्टबैंक ग्रुप इंटरनेशनल के करीब 30 फीसदी कर्मियों पर पड़ेगा।
तेज ग्रोथ, अस्थिर ब्याज क्या है? तीव्र अस्थिरता— भारतीय अर्थव्यवस्था नए वित्तीय वर्ष में क्या उम्मीद कर सकती है
सोहम सेन का चित्रण | ThePrint
वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त होने जा रहा है. अर्थव्यवस्था तो तेजी से रफ्तार पकड़ेगी लेकिन आने वाले साल में वित्तीय बाजारों में काफी अस्थिरता दिखाई दे सकती है. एक तरफ घरेलू और विदेशी वित्तीय और मौद्रिक गतिविधियां बढ़ने और दूसरी तरफ अनिश्चितता के कारण संपत्ति मूल्यों में उतार-चढ़ाव आ सकता अस्थिर ब्याज क्या है? है.
2020-21 को जहां उत्पादन घटने के लिए याद रखा जाएगा, वहीं अर्थव्यवस्था में सुधार के बीच नई संभावनाओं के आकार लेने और ब्याज दरों में उछाल के कारण 2021-22 में तेजी से वृद्धि और तीव्र अस्थिरता की स्थिति बने रहने के आसार है.
भारत और विदेश दोनों जगह जिस तरह कोविड-19 की लहर के बाद लहर अस्थिर ब्याज क्या है? आ रही है, यह साल अच्छी और बुरी खबरों का गवाह बनता रहेगा, जिससे वित्तीय बाजारों में अस्थिरता की स्थिति बनी रह सकती है. भारत और विदेशों में, बांड बाजारों और सरकारों और केंद्रीय बैंकरों के बीच उठापटक आने वाले महीनों में भी जारी रहने की संभावना है, जो सरकारी बॉन्ड बेचने और यील्ड कम रखने की कोशिश करेंगे.
अमेरिका में हायर यील्ड
भारत में पिछले कुछ हफ्तों में सरकार की तरफ उम्मीद से ज्यादा उधार लेने की घोषणा किए जाने से सरकारी बॉन्ड पर ब्याज में तेजी आनी शुरू हुई है. यद्यपि आरबीआई ने पूंजी प्रवाह और बॉन्ड पर निगाहें टिकाए रखने वालों की निश्चिंतता बढ़ाने के लिए खुले बाजार में खरीदारी अस्थिर ब्याज क्या है? और संचालन में सुधार वाले कई कदम उठाए हैं, लेकिन यील्ड में तेजी का दबाव बरकरार है. 1.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के अस्थिर ब्याज क्या है? राजकोषीय प्रोत्साहन के कारण अपेक्षा से अधिक सुधार ने मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका उत्पन्न कर दी है. फेडरल रिजर्व नीतियों के जरिये उदार रुख के आश्वासनों के बावजूद अमेरिकी राजकोषीय यील्ड अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है. अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण घरेलू बाजार में यील्ड ने फिर मजबूती पकड़ी है.
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सकारात्मक वृद्धि
2020-21 में सरकार ने महामारी के कारण उपजे आर्थिक संकट को दूर करने और व्यवसायों को फिर खड़ा करने में मदद के लिए विभिन्न चरणों में कई उपायों की घोषणा की. इनमें एमएसएमई को कोलैटरल-फ्री लोन, एनबीएफसी की मदद अस्थिर ब्याज क्या है? के लिए आंशिक ऋण गारंटी, और पूंजीगत व्यय और रोजगार को अस्थिर ब्याज क्या है? बढ़ावा देने के उपाय शामिल थे.
आरबीआई ने बैंको को व्यवसायों को कम ब्याज पर कर्ज देने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से पूंजी तरलता बढ़ाने संबंधी कई उपायों की घोषणा की थी. आरबीआई ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित कंपनियों को सहारा देने के लिए 31 अगस्त 2020 तक पूरे छह महीने के लिए बैंक ऋण पर मोराटोरियम घोषित कर दिया था. इसके बाद जरूरी हो ऋण फिर से जारी करने के लिए बैंकों द्वारा अधिक लचीलापन अपनाए जाने के लिए ऋणों का एकमुश्त पुनर्गठन किया गया. कर्जदारों की मुश्किलें और घटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर में एनपीए के वर्गीकरण पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
Investment & Return: अस्थिर बाजार में कहां करें निवेश? इक्विटी, गोल्ड या FD कौन-सा विकल्प सबसे बेहतर
- News18Hindi
- Last Updated : October 06, 2022, 16:42 IST
हाइलाइट्स
इस साल अब तक इक्विटी, गोल्ड और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से बेहतर रिटर्न नहीं मिला.
जियो-पॉलिटिकल टेंशन के कारण महंगाई और ब्याज दर बढ़ने से मार्केट पर बुरा असर पड़ा.
बाजार विशेषज्ञ अब भी लंबी अवधि के लिए इक्विटी मार्केट में निवेश की सलाह दे रहे हैं.
नई दिल्ली. इस वर्ष में निवेश के मोर्चे पर लोगों को इक्विटी, गोल्ड, क्रिप्टोकरेंसी और सुरक्षित निवेश योजनाओं से निराशा हाथ लगी. साल की शुरुआत में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण सप्लाई चैन बाधित होने से महंगाई और कच्चे तेल के दाम बढ़ने वैश्विक बाजारों में अस्थिरता रही. जिसकी वजह से दुनियाभर के शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट प्रभावित रहे और इस वजह से यहां किए गए निवेश पर मिलना वाला रिटर्न भी निराशाजनक रहा.
वहीं, अमेरिका में महंगाई पर काबू पाने के लिए फेडरल रिजर्व ने ब्याज अस्थिर ब्याज क्या है? दरों में बढ़ोतरी की है और आगे भी आक्रामक पॉलिसी रूख बरकरार रखने के संकेत दिए हैं. यूएस सेंट्रल बैंक के इस फैसले का असर दुनियाभर के बाजारों पर देखने को मिला. भारतीय बाजार भी इस वजह से टूट गए. हालांकि, अब मार्केट में फिर से तेजी आई है.
सीएसबी बैंक एफडी दरें
बैंक अब अगले 7 दिनों से 90 दिनों में मैच्योर होने वाली सावधि जमा पर 3.00% की ब्याज दर देगा, जबकि CSB बैंक अगले 91 दिनों से 179 दिनों में परिपक्व होने वाली सावधि जमा पर 3.50% की ब्याज दर भी दे रहा है. 180 दिनों से एक वर्ष से कम अवधि में मैच्योर होने वाली जमाओं पर 4.25% की नई ब्याज दर की पेशकश की जाएगी, और एक वर्ष में परिपक्व होने वाली जमा पर 5.00% की नई ब्याज दर की पेशकश की जाएगी. सीएसबी बैंक अब 1 वर्ष से अधिक से 400 दिनों से कम की जमा राशि पर 5.50% की ब्याज दर की पेशकश करेगा और 400 दिनों में परिपक्व होने वाली जमा राशि पर अब सीएसबी बैंक में 6.00% की ब्याज दर मिलेगी.
बैंक अब 400 दिनों या उससे अधिक लेकिन 555 दिनों से कम समय में परिपक्व होने वाली सावधि जमा पर 5.50% की ब्याज दर का भुगतान करेगा, जबकि सीएसबी बैंक अब 555 दिनों में परिपक्व होने वाली जमा पर अधिकतम 7% ब्याज दर का भुगतान करेगा. 555 दिनों से दो साल से अधिक की परिपक्वता वाली सावधि जमाओं पर अब 5.50% ब्याज देना होगा, जबकि दो वर्ष से पांच वर्ष से अधिक की परिपक्वता वाली सावधि जमाओं पर अब 5.75% ब्याज देना होगा. बैंक अब पांच साल से अधिक और दस साल तक परिपक्व होने वाली सावधि जमा 6.00% की ब्याज दर पर प्रदान करेगा.