Share market क्या होता है

12. हॉट मनी (Hot Money): यह वह निवेश मनी होती है जो कि अधिक लाभ की तरह भागती हैl इस प्रकार की निवेश मनी बाजार में बहुत ही कम स्थिर होती है इसी कारण इसे हॉट मनी कहते हैंl
13. जंक बांड(Junk Bond): जंक बांड वे बांड है जिनकी रेटिंग नीची हो परन्तु उन पर प्राप्त होने वाले रिटर्न(लाभ) की दर ऊंची हो l
14. कर्ब ट्रेडिंग(Kerb Trading): स्टॉक एक्सचेंज मार्किट की बिल्डिंग के बाहर, स्टॉक एक्सचेंज के ही समय में या उसके बाद प्रतिभूतियों में अवैध ट्रेडिंग को Share market क्या होता है कर्ब ट्रेडिंग कहते हैं l
15. स्टैग (Stag): ऐसे लोग जो प्राइमरी मार्किट में पैसा लगाना पसंद करते है सेकेंडरी मार्किट में नही, स्टैग कहलाते हैं l ये लोग बहुत कम जोखिम उठाते हैं l
16. अल्फ़ा Share market क्या होता है शेयर : इन्हें ग्रुप A का शेयर भी कहा जाता हैl ये ऐसे स्टॉक हैं जिनके क्रय विक्रय में बाधा नही होती है l
17. राइट इशू (Right Issue): जब शेयर या प्रतिभूति के Share market क्या होता है आबंटन में वर्तमान शेयर धारकों को प्राथमिकता दी जाये तो इस प्रकार के निर्गमित शेयर को राइट इशू कहते हैंl वर्तमान शेयर धारकों को इन शेयरों को खरीदने के लिए रुपये देने पड़ते हैं अर्थात ये शेयर, बोनस शेयर की तरह कीमत रहित नही होते हैं l
18. स्नो बालिंग प्रभाव: जब शेयर के मूल्य में थोड़ी बृद्धि से शेयर क्रय के कारण या किसी अन्य कारण कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो जाये कि शेयरों का मूल्य बढ़ता ही जाये और इतना अधिक बढ़ जाये कि क्रय विक्रय पर स्टॉप आर्डर आने लगे तो इसे स्नो बालिंग कहते हैं l
19. शोर्ट सेलिंग (Short Selling): जब किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा उससे अधिक स्टॉक के विक्रय का सौदा किया जाता जितना उसके पास है या जितना कहीं से लेकर पूर्ती कर सकता हैl यह क्रिया बिलकुल गैर-कानूनी है l
20. लार्ज कैप कम्पनियाँ (Large Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक हो l
21. मिड कैप कम्पनियाँ (Mid Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये से कम पर 2500 करोड़ से अधिक हो l
22. स्माल कैप कम्पनियाँ (Small Cap Companies): ये वे कम्पनियां होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 2500 करोड़ रुपये से कम हो l
23. पौंजी स्कीम (Ponzy Schemes): ये वे फर्जी कम्पनियाँ होती हैं जो कि लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न की गारंटी देकर निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जातीं हैl ऐसी कंपनियों का सरकार के पास कोई भी रिकॉर्ड नही होता है l
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ऊपर दिए गए शब्द उन सभी लोगों के लिए बहुत ही मददगार होंगे जो कि या तो शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं या शेयर बाजार कैसे काम करता है इस बारे में जानना चाहते हैं l
शेयर बाजार में इस्तेमाल किए जाने वाले 23 सबसे महत्वपूर्ण शब्द
भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, 30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl ये सभी शब्द बैंकिंग सामान्य ज्ञान के लिए बहुत उपयोगी हैंl
भारत में मुख्य रूप से 2 स्टॉक एक्सचेंज हैं: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE)l बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दलाल स्ट्रीट, मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में स्थित एक भारतीय शेयर बाजार है। सन 1875 में स्थापित, बीएसई एशिया का पहला स्टॉक एक्सचेंज हैl बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज ,30 बड़ी कंपनियों के बाजार मूल्य में उतार चढ़ाव की गणना करता हैl दूसरा स्टॉक एक्सचेंज NSE भी मुंबई में है और इसकी स्थापना 1992 में हुई थीl सामान्य लोगों की जानकारी के लिए शेयर बाजार में इस्तेमाल होने वाले मुख्य शब्द इस प्रकार हैं l
1. इक्विटी शेयर (Equity Share): इक्विटी शेयर वे अंश है जिन्हें कंपनी से मताधिकार प्राप्त होता है l ये अंशधारी ही धारित अंशों के अनुपात में ही कंपनी के स्वामित्वधारी होते हैं l इन्हें लाभांश वितरण में कोई वयीयता प्राप्त नही होती है l
2. वरीयता अंश (Preference Share): ये वे शेयर धारक होते हैं जिन्हें लाभांश वितरण में वरीयता दी जाती हैl लाभ बाँटने के बाद यदि कुछ लाभांश बचता है तो उसे इक्विटी शेयर धारकों में बांटा जाता हैl वरीयता अंश के शेयर धारकों को कंपनी में मताधिकार प्राप्त नही होता है l
3. इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO): इसका सम्बन्ध प्राइमरी बाजार से है जिसमे नयी कंपनियों के अंश बाजार में जारी किये जाते हैं l इस विधि के माध्यम से कम्पनियाँ बाजार से पैसा जुटा कर अपनी आगे की वित्तीय योजनाओं को बनाती है l
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4. फालो पब्लिक ऑफर: जब कोई भी नयी कंपनी अपनी अधिकृत पूँजी की उगाही शेयरों के निर्गमन के द्वारा प्राथमिक बाजार से करती है तो इसे FPO कहते हैं l
5. ब्लू चिप कंपनी (Blue Chip Company): यह एक ऐसी कंपनी होती है जिसके शेयरों को खरीदना बेहद सुरक्षित माना जाता है। इस कंपनी के शेयरों को खरीदने वाला निवेशक जोखिम रहित लाभ प्राप्त करता है l
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6. इनसाइडर ट्रेडिंग (Insider Trading): Share market क्या होता है इसका मतलब एक ऐसी सूचना से होता है जो कि एक कंपनी की कार्य प्रणाली से जुडी होती है जिसमे कम्पनी की भावी योजनाओं में बारे में जानकारी होती हैl यदि यह सूचना कंपनी के किसी उच्च अधिकारी (कंपनी के निदेशकों और उच्च स्तरीय अधिकारियों) के माध्यम से सार्वजनिक हो जाती है तो उस कंपनी के शेयरों के दाम अप्रत्याशित रूप से ऊपर या नीचे होते हैं l
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7. वाणिज्यिक पत्र (Commercial Paper): यह एक असुरक्षित वचन-पत्र (Promissory Note) होता है जो कि एक वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है lइसको जारी करने का मुख्य उद्येश्य अल्पकालीन वित्तीय जरूरतों को पूरा करना होता है l
8. बोनस इश्यू (Bonus Issue):इस प्रकार के शेयर बोनस, उन शेयर धारकों को फ्री में उस अनुपात में दिए जाते हैं जिनके उनके पास उस कंपनी के शेयर पहले से ही होते हैं l ऐसे शेयरों को लाभांश शेयर भी कहते हैं l
भारतीय बजट से जुडी शब्दावली
9. तेजड़िया (Bull): तेजड़िया उस व्यक्ति को कहा जाता है जो कि शेयर बाजार में शेयरों की खरीदारी करता है और इसी खरीदारी के कारण शेयर बाजार ऊपर की ओर जाता हैl यह निवेशक बाजार के बारे में सकारात्मक रुख रखता है क्योंकि वह यह सोचता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम ऊपर चढ़ेंगेl
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10. मंदड़िया(Bear): मंदड़िया उस निवेशक को कहा जाता है जो कि अपने खरीदे गए शेयरों को बेचता क्योंकि उसको लगता है कि उसके द्वारा खरीदे गए शेयरों का दाम बाजार में गिरेंगेl इसलिए वह अपने शेयरों को बेच देता है और कई लोगों के द्वारा ऐसा करने पर बाजार नीचे की ओर गिरता है l
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11. लाभांश (Dividend): यह कंपनी द्वारा अपने शेयर धारकों को दिया जाने वाला लाभ का हिस्सा होता हैl लाभ का यह हिस्सा कंपनी अपने सभी शेयर धारकों को उनके शेयरों Share market क्या होता है की संख्या के अनुपात में बांटती हैl जिसके पास जितने अधिक शेयर, उसको उतना अधिक लाभांश मिलता हैl
शेयर बाजार में सेबी के मुख्य कार्य क्या हैं?
12. हॉट मनी (Hot Money): यह वह निवेश मनी होती है जो कि अधिक लाभ की तरह भागती हैl इस प्रकार की निवेश मनी बाजार में बहुत ही कम स्थिर होती है इसी कारण इसे हॉट मनी कहते हैंl
13. जंक बांड(Junk Bond): जंक बांड वे बांड है जिनकी रेटिंग नीची हो परन्तु उन पर प्राप्त होने वाले रिटर्न(लाभ) की दर ऊंची हो l
14. कर्ब ट्रेडिंग(Kerb Trading): स्टॉक एक्सचेंज मार्किट की बिल्डिंग के बाहर, स्टॉक एक्सचेंज के ही समय में या उसके बाद प्रतिभूतियों में अवैध ट्रेडिंग को कर्ब ट्रेडिंग कहते हैं l
15. स्टैग (Stag): ऐसे लोग जो प्राइमरी मार्किट में पैसा लगाना पसंद करते है सेकेंडरी मार्किट में नही, स्टैग कहलाते हैं l ये लोग बहुत कम जोखिम उठाते हैं l
16. अल्फ़ा शेयर : इन्हें ग्रुप A का शेयर भी कहा जाता हैl ये ऐसे स्टॉक हैं जिनके क्रय विक्रय में बाधा नही होती है l
17. राइट इशू (Right Issue): जब शेयर या प्रतिभूति के आबंटन में वर्तमान शेयर धारकों को प्राथमिकता दी जाये तो इस प्रकार के निर्गमित शेयर को राइट इशू कहते Share market क्या होता है हैंl वर्तमान शेयर धारकों को इन शेयरों को खरीदने के लिए रुपये देने पड़ते हैं अर्थात ये शेयर, बोनस शेयर की तरह कीमत रहित नही होते हैं l
18. स्नो बालिंग प्रभाव: जब शेयर के मूल्य में थोड़ी बृद्धि से शेयर क्रय के कारण या किसी अन्य कारण कुछ ऐसी स्थिति पैदा हो जाये कि शेयरों का मूल्य बढ़ता ही जाये और इतना अधिक बढ़ जाये कि क्रय विक्रय पर स्टॉप आर्डर आने लगे तो इसे स्नो बालिंग कहते हैं l
19. शोर्ट सेलिंग (Short Selling): जब किसी व्यक्ति या दलाल द्वारा उससे अधिक स्टॉक के विक्रय का सौदा किया जाता जितना उसके पास है या जितना कहीं से लेकर पूर्ती कर सकता हैl यह क्रिया बिलकुल गैर-कानूनी है l
20. लार्ज कैप कम्पनियाँ (Large Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये या इससे अधिक हो l
21. मिड कैप कम्पनियाँ (Mid Cap Companies): ये वे कम्पनियाँ होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 10,000 करोड़ रुपये से कम पर 2500 करोड़ से अधिक हो l
22. स्माल कैप कम्पनियाँ (Small Cap Companies): ये वे कम्पनियां होती हैं जिनका बाजार पूंजीकरण 2500 करोड़ रुपये से कम हो l
23. पौंजी स्कीम (Ponzy Schemes): ये वे फर्जी कम्पनियाँ होती हैं जो कि लोगों को कम समय में अधिक रिटर्न की गारंटी देकर निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जातीं हैl ऐसी कंपनियों का सरकार के पास कोई भी रिकॉर्ड नही होता है l
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ऊपर दिए गए शब्द उन सभी लोगों के लिए बहुत ही मददगार होंगे जो कि या तो शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं या शेयर बाजार कैसे काम करता है इस बारे में जानना चाहते हैं l
शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है
शेयर मार्केट में बहुत सारे लोगों को नहीं पता Option Trading क्या है, Call और Put क्या है। शेयर बाज़ार में ट्रेडिंग करने के लिए बहुत सारे माय्धाम है उनमे से एक है Option Trading। बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में Call & Put खरीद करके ट्रेडिंग करते हैं। आज हम सरल भाषा में जानेंगे Option Share market क्या होता है Trading कैसे करे, क्या हैं-
Option Trading क्या हैं:-
आपको नाम से ही पता लग गया होगा Option का मतलब विकल्प। उदाहरण के लिए- मान लीजिये आप एक कंपनी का 1000 शेयर 5000 रुपये प्रीमियम देकर 1 महीने बाद का 100 रुपये में खरीदने का Option लेते हो। ऐसे में उस कंपनी का शेयर 1 महीने बाद 70 हो गया तब आपके पास विकल्प (Option) रहेगा उस शेयर को नुकसान में ना खरीदने का।
ऐसे में आपका प्रीमियम का पैसा डूब जायेगा। आप्शन ट्रेडिंग में नुकसान आपका उतना ही है जितना पैसा आपने प्रीमियम लेते समय दिया था। तो ऐसे में नुकसान कम से कम करने के लिए Option का प्रयोग होता हैं।
Call और Put क्या है:-
Option Trading दो तरह का होता है एक है Call और दूसरा Put। ऑप्शन ट्रेडिंग में आप दोनों तरफ पैसा लगा सकते हैं। आप यदि Call खरीद रहे हो तो तेजी की तरफ पैसा लगा रहे हो ठीक उसी तरह Put खरीदते हो तो मंदी की तरफ पैसा लगा रहे हो। आप जिस प्राइस के ऊपर Call खरीदा उसके ऊपर का प्राइस जाने के बाद ही आपको फ़ायदा होगा। ठीक उसी तरह Put खरीदा तो जिस प्राइस के ऊपर खरीदा उसके नीचे गया तो ही आपको फ़ायदा होगा।
Option Trading का Expiry कब होता है:-
Option Trading में दो तरह का Expiry होता है एक होता है सप्ताह और दूसरा होता है महीना में। सप्ताह (Weekly Expiry) में हर गुरूवार को ही NIFTY 50 और BANK NIFTY का expiry होता हैं। महीना में शेयर का अंतिम गुरूवार expiry होता है, जो शेयर Option Trading में लिस्टेड हैं।
कब ज्यादा नुकसान हो सकता है:-
जो लोग Call या Put Option को खरीदते है उनको Premium का ही ज्यादा से ज्यादा नुकसान हो सकता है। लेकिन जो लोग Call और Put को बेच देते है उनका नुकसान असीमित हैं। बहुत बड़े बड़े ट्रेडर ही Call या Put को बेचते हैं उसके पास नॉलेज के साथ पैसा भी बहुत होता हैं।
Option Trading कैसे करे:-
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आप एक कंपनी का 1 शेयर नहीं खरीद सकते आपको LOT में खरीदना पड़ेगा. Nifty50 का एक Lot 75 का होता है लेकिन शेयर में ज्यादा होता हैं। किसी भी शेयर और Nifty50, Bank NIfty का Option खरीदने के लिए आपको जाना होगा आपके Demat Account में। उसके बाद जो भी खरीदना है उसमे आपको देखने को मिलेगा Option Chain आप उस पर से आपको Call या Put जो भी खरीदना है खरीद सकते हैं।
क्या आपको Option Trading करना चाहिए हमारी राय:-
दोस्तों आप यदि नए हो शेयर मार्केट में तो आपको इतना जोखिम नहीं लेना है। आपको लंबे समय के लिए शेयर में इन्वेस्ट करना चाहिए। Option Trading बहुत ज्यादा रिस्क भी है और रिवॉर्ड भी। आप यदि सही तरीके से पैसा लगाएंगे तो आपको बहुत अच्छा मुनाफा होगा। किसी के दिए हुए नुस्के से आप बिल्कुल मत इन्वेस्ट करो आप पहले सीखिए उसके बाद इन्वेस्ट करे।
आशा करता हु आप हमारे पोस्ट शेयर मार्केट में Option Trading क्या है, Call और Put क्या है पढ़के आपको सिखने को मिला। और भी शेयर मार्केट के बारे में जानने के लिए आप हमारे और भी पोस्ट को पढ़ सकते हैं।
Share Market Holidays: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर! इस महीने इतने दिन नहीं कर पाएंगे ट्रेडिंग, जानिए वजह
Share Market Holidays 2022: अगस्त 2022 में, BSE और NSE में ट्रेडिंग तीन दिन – 9 अगस्त, 15 अगस्त और 31 अगस्त को बंद रहेगी. दरअसल, 9 अगस्त 2022 को मुहर्रम पड़ने के कारण दलाल स्ट्रीट पर कोई ट्रेडिंग नहीं होगी.
- शेयर बाजार के निवेशकों के लिए बड़ी खबर
- निवेशक इस महीने 3 दिन नहीं कर पाएंगे ट्रेडिंग
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Stock Markets Holiday 2022: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. भारतीय शेयर बाजार में इस महीने साप्ताहिक अवकाश के अलावा भी 3 दिन काम ठप रहेगा. यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में कोई कामकाज नहीं होगा. दरअसल, अगस्त का महीना छुट्टियों के लिए खास होता है. इस महीने में रक्षाबंधन से लेकर 15 अगस्त तक कई त्यौहार होते हैं. इसलिए स्टॉक मार्केट में भी इस महीने कई दिन छुट्टी रहेगी.
शेयर मार्केट रहेगा बंद
अगस्त 2022 में, BSE और NSE में ट्रेडिंग तीन दिन – 9 अगस्त, 15 अगस्त और 31 अगस्त को बंद रहेगी. दरअसल, 9 अगस्त 2022 को मुहर्रम पड़ने के कारण दलाल स्ट्रीट पर कोई ट्रेडिंग नहीं होगी. इसके अलावा 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के लिए मार्केट बंद रहेगा. महीने के लास्ट में 31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पड़ने के चलते शेयर मार्केट बंद रहेगा. अगस्त में कई बड़े त्यौहार पड़ते हैं. जैसे- मुहर्रम (Muharram), रक्षाबंधन (Raksha Bandhan), स्वतंत्रता दिवस (Independence Day), कृष्ण जन्माष्टमी (Janmashtami)और गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) जैसे कई त्योहार हैं, जिनपर बैंकों में कामकाज नहीं होगा.
यहां करें चेक
अगर आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आप बीएसई की आधिकारिक वेबसाइट – bseindia.com पर स्टॉक मार्केट हॉलिडे 2022 की पूरी लिस्ट चेक कर सकते हैं. अगस्त 2022 में इन तीन दिनों में इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई खरीद-बेच Share market क्या होता है नहीं होगी. यानी बाजार में पूरी तरह बंदी हगी.
अगस्त की छुट्टी
हालांकि आपको बता दें कि शेयर बाजार में अगस्त 2022 की छुट्टियों की सूची के अनुसार, 9 और 31 तारीख की छुट्टी को शाम के सत्र में बाजार खुला रहेगा, जबकि आमतौर पर बाजार सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है. वहीं, 15 अगस्त 2022 को सुबह और शाम दोनों सत्रों में कमोडिटी सेगमेंट में ट्रेडिंग निलंबित रहेगी.
अक्टूबर में भी 3 दिन मार्केट बंद
इसके अलावा 31 अगस्त 2022 के बाद, शेयर बाजार की अगले छुट्टी 5 अक्टूबर 2022 को दशहरा उत्सव के लिए मनाई जाएगी. इसके बाद 24 अक्टूबर 2022 और 26 अक्टूबर 2022 को दिवाली और दीवाली बलिप्रतिपदा के लिए छुट्टी रहेगी, जबकि सितंबर में शेयर बाजार में कोई अवकाश नहीं होगा. इसके बाद अक्टूबर 2022 में शेयर बाजार में तीन कारोबार ठप रहेगा.
LTP Meaning in Share Market: शेयर मार्केट में एलटीपी क्या होता है? इसकी गणना कैसे की जाती है?
What is LTP in share market: आइये इस लेख में विस्तार से जानते है कि शेयर बाजार में एलटीपी क्या है? (What is LTP in Share Market?) और एलटीपी का महत्व (Importance of LTP in Share Market) क्या है? और एलटीपी की गणना कैसे की जाती Share market क्या होता है है? (How is LTP calculated?)
LTP in Share Market: अगर आप शेयर मार्केट की दुनिया के नए है, तो ऐसे कई शब्दजाल है जिससे आप भ्रमित हो सकते है। शेयर बाजार की सीधी अवधारणा स्टॉक Share market क्या होता है को खरीदना और फिर उसी स्टॉक को अधिक मूल्य पर बेचकर मुनाफा कमाना है। लेकिन ट्रेडिंग यात्रा के दौरान ऐसे कई टर्म होते है जिसे समझना आपके ट्रेडिंग को और बेहतर बना सकता है। ऐसा ही एक टर्म LTP है, जो आपको भ्रमित कर सकता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते है कि शेयर बाजार में एलटीपी क्या है? (What is LTP in Share Market?) और एलटीपी का महत्व (Importance of LTP in Share Market) क्या है? और एलटीपी की गणना कैसे की जाती है? (How is LTP calculated?)
शेयर बाजार में एलटीपी क्या है? | What is LTP in Share Market?
LTP meaning in Share Market: शेयर मार्केट की पूरी अवधारणा समय के साथ शेयरों की बदलती कीमतों पर आधारित है। शेयर बाजार में कारोबार की जाने वाली वस्तुओं में LTP या स्टॉक के Last Traded Price के रूप में जाना जाता है। यह सबसे हाल की कीमत को इंडीकेट करता है जिस पर स्टॉक खरीदा और/या बेचा गया था। LTP का अर्थ (Meaning of LTP in Share Market) इसकी विविधताओं में रहता है, क्योंकि स्टॉक का एलटीपी अपने पूरे जीवनकाल में बदलता रहता है।
एलटीपी की गणना कैसे की जाती है? | How is LTP calculated?
What is LTP in Hindi: एलटीपी को एक कमोडिटी के रूप में वर्णित किया जाता है जिसमें कीमत स्टॉक ट्रेडर्स (Consumers) द्वारा निर्धारित की जाती है जिसमें विक्रेता (Seller) और खरीदार (Buyer) दोनों को उपभोक्ता माना जाता है, क्योंकि वे शेयर बाजार में ट्रेडर हैं। जब कोई ट्रेडर अपने शेयरों को बेचना चाहता है, तो वह सेल आर्डर देगा। अगर यह सेल आर्डर किसी अन्य व्यापारी द्वारा परचेस आर्डर द्वारा पूरा किया जाता है, तो बिक्री (Sale) पूर्ण हो जाती है, और जिस मूल्य पर स्टॉक बेचा गया था, वह Last Traded Price बन जाता है।
व्यापार की मात्रा | Trading Volume
ट्रेडिंग वॉल्यूम शेयर बाजार में LTP निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह अनिवार्य रूप से दिए गए स्टॉक की मात्रा या मात्रा है जिसका किसी भी समय कारोबार किया जा रहा है। ट्रेडिंग वॉल्यूम स्टॉक की कीमत की अस्थिरता को निर्धारित करने और प्रभावित करने में मदद करता है। अगर किसी स्टॉक का ट्रेडिंग वॉल्यूम अधिक है, तो इसका मतलब है कि खरीदारों और विक्रेताओं की संख्या में वृद्धि हुई है, जबकि यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम कम है, तो कम ऑर्डर दिए जा रहे हैं और स्टॉक की प्राइस लिमिट में किसी भी लेनदेन का स्टॉक की अस्थिरता पर एक मजबूत प्रभाव पड़ेगा।
एलटीपी का महत्व | Importance of LTP in Share Market
What is LTP in Hindi: शेयर बाजार में LTP एक बेस प्राइस के रूप में कार्य करता है जिसके आधार पर व्यापारी अपनी बिड लगा सकते हैं। किसी दिए गए स्टॉक के लिए शेयर बाजार में LTP को निर्धारित करना और जानना एक ट्रेडर के लिए आवश्यक जानकारी के सबसे आवश्यक टुकड़ों में से एक है। कई ट्रेडिंग वेबसाइटें बाजार की गहराई की तालिकाएं पेश करती हैं जो आपको उन कीमतों का इतिहास दिखाती हैं जो हाल ही में स्टॉक का कारोबार किया गया था। स्टॉक के विभिन्न LTP की यह जानकारी स्टॉक की कीमत और स्टॉक मार्केट में LTP के अनुसार Share market क्या होता है ट्रेड करने के लिए रुझान स्थापित करने में आपकी सहायता कर सकती है।
स्टॉक का क्लोजिंग प्राइस भी स्टॉक का लास्ट ट्रेडेड प्राइस है?
इसमें हमेशा संदेह होता है कि क्या स्टॉक का क्लोजिंग प्राइस भी स्टॉक का लास्ट ट्रेडेड प्राइस है। तकनीकी रूप से स्टॉक का लास्ट ट्रेडेड प्राइस भी स्टॉक का क्लोजिंग प्राइस होता है, जिसका अर्थ है कि वे समान हैं। हालांकि, ट्रेडिंग वॉल्यूम एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, खासकर कारोबारी दिन के अंतिम घंटे में। बाजारों के अंतिम क्षणों में शेयरों का भारी कारोबार होता है और भारी मात्रा में होने के कारण, बाजार बंद होने के कुछ मिनट बाद अक्सर ऑर्डर प्रोसेस होते हैं। जबकि बाजार बंद होने से पहले दिए गए ऑर्डर के लिए क्लोजिंग प्राइस अकाउंट होता है, यह क्लोजिंग टाइम के बाद प्रोसेस किए गए ऑर्डर के लिए लागू नहीं होता है।