पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है

आपके ऋण को तेज़ी से भुगतान करने के 6 तरीके
गृह ऋण उधारकर्ताओं को जितनी जल्दी हो सके अपने ऋण का भुगतान करना अच्छा लगेगा। अपने ऋण की चुकौती करते समय धन की बचत करने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि जितना जल्दी हो सके उसे वापस चुकानी पाना। जिनके पास होम लोन है, वे जानते हैं कि इसका क्या मतलब है। अधिक आप बैंक देने हैं, अधिक ब्याज भुगतान आप करते हैं 30 वर्षीय ऋण समझौते आपके मासिक बोझ को कम करेगा लेकिन, यदि आप इसे जल्दी वापस भुगतान करते हैं, तो आप बहुत सारा पैसा बचा सकते हैं। मकाकानू आपको बताता है कि आपके गृह ऋण को तेज़ी से कैसे भुगतान करना है I शून्य प्री-पेमेंट शुल्कों का सबसे अधिक लाभ करें यदि आपके प्री-पेमेंट शुल्क की बात आती है, तो आपका होम लोन लचीला है, जब भी आप कर सकते हैं उसका फायदा उठाएं। प्री-पेमेंट दंड के बिना जब भी आपके पास नकदी होती है तो एकमुश्त ऋण भुगतान करें। अक्सर पूर्व-भुगतान मूलधन को कम करेगा आपके द्वारा दिए जाने वाले ब्याज का भुगतान आपके ऋण की अवधि से भी कम होगा। इसलिए, अक्सर पूर्व भुगतान (साप्ताहिक, मासिक या वार्षिक) करने का प्रयास करें लेकिन सुनिश्चित करें कि आपको पूर्व भुगतान करने के लिए अपनी अन्य ज़रूरतों के साथ समझौता करने की आवश्यकता नहीं है। कम होम लोन ब्याज दर पर स्विच करें एक ऋणदाता को स्विच करें जो कम ब्याज दर प्रदान करता है। लेकिन सुनिश्चित करें कि यह कदम आर्थिक रूप से विवेकपूर्ण है सबसे पहले, आपका ऋणदाता किसी ग्राहक को नहीं खोना चाहता। इसलिए, पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है अगर आप उसे छोड़ देते हैं और कोई अन्य ऋणदाता चुनते हैं, तो वह बाहर निकलें शुल्क ले सकता है दूसरा, सुनिश्चित करें कि किसी नए ऋणदाता द्वारा दी गई ब्याज दर अल्पकालिक "परिचयात्मक या हनीमून" दर का उपयोग ग्राहकों को लुभाने के लिए नहीं है। अन्यथा, यह कदम महंगा हो सकता है सुनिश्चित करें कि यह सौदा आपके लाभ के लिए काम करता है पुनर्वित्त से बचने के लिए आप एक अच्छा सौदा देने के लिए अपने ऋणदाता से पूछ सकते हैं (यानी एक नया ऋणदाता पर स्विच करना) अगर वह काम नहीं करता है, तो आप नए ऋणदाता से एक कस्टम पैकेज / प्रोसेसिंग फीस छूट की मांग कर सकते हैं। अगर आप अपने होम लोन के प्री-पेमेंट के मुकाबले अधिक खर्च करने के बारे में ज्यादा यकीन नहीं करते हैं, तो आप उन विकल्पों में निवेश कर सकते हैं, जहां आप मासिक ऋण पर भुगतान की तुलना में अधिक ब्याज अर्जित करते हैं। किश्तों। निवेश के लिए धन में धन लगाने की कोशिश करें जो कि 12-15 फीसदी की सीमा में रिटर्न पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है देता है, जो 9.50 से 11.50 प्रतिशत की ब्याज ब्याज से अधिक है। निवेश करने का निर्णय लेने के दौरान आप हमेशा किसी वित्तीय विशेषज्ञ की सलाह ले सकते हैं उसी भुगतान प्रतिफल पर चिपकाएं, भले ही ब्याज दर में गिरावट आती है यदि आपकी न्यूनतम नियमित गृह ऋण चुकौती घटती है क्योंकि ब्याज दरों में गिरावट होती है, तो उसी भुगतान प्रतिमान को बनाए रखें। उसी चुकौती पैटर्न को बनाए रखने से (जो कि उधार दरों में गिरावट के कारण अब आवश्यक से अधिक है), आप अपने होम लोन का भुगतान तेजी से करेंगे वास्तव में, आपको ऋण के पूर्व भुगतान के लिए अतिरिक्त पैसे की व्यवस्था या पूल नहीं करना होगा। और जैसा कि आप पहले से ही भुगतान करने के लिए उपयोग किया जाता है, आप भी चुटकी या तो महसूस नहीं करेंगे। बोनस / पदोन्नति मिली? मासिक किस्तों के लिए अधिक भुगतान करें यदि आपको एक बोनस या वेतन वृद्धि मिल गई है, तो इसे होम लोन की किश्तों की तरफ अधिक भुगतान करने के लिए उपयोग करें। अधिक ऋण को चलाने के लिए उस अवसर का उपयोग करें जितनी जल्दी हो सके कर्ज से बाहर निकलने पर ध्यान दें किसी भी समय अतिरिक्त चुकौती आपके गृह ऋण के समय और ब्याज लागत को कम करने में मदद कर सकता है। ब्याज बचतकर्ता / ऑफसेट खाता खोलना एक ऑफसेट खाता एक लेनदेन खाता है जो आपके होम लोन से जुड़ा हुआ है। इस खाते का उद्देश्य यह है कि जो धन आप "ऑफसेट" खाते में सहेजते हैं, वह आपके ऑफिस पर आपके बकाया राशि को ऑफसेट कर सकता है। और दिन के अंत में अंतर पर ब्याज लगाया जाएगा। अपने लिंक ऑफसेट खाते में जितनी अधिक राशि है, उतनी ही ब्याज दर को कम करें जो आप अपने होम लोन पर भुगतान करेंगे। आपको होम लोन ब्याज बचतकर्ता / ऑफसेट खाता सुविधा पर लगाए गए ब्याज की जांच पहले से करनी चाहिए क्योंकि यह एक मानक होम लोन पर लगाए गए शुल्क से भिन्न / अधिक हो सकता है।
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सरकार की तय दरों पर सेवा कर (सर्विस टैक्स) और लागू सरचार्ज/सेस लगाने के बाद प्रीमियम की कीमत लोन राशि से घटाई जएगी।
ग्राहक की प्राकृतिक / आकस्मिक मृत्यु होने पर , ग्राहक / नॉमिनी पेमेंट प्रोटेक्शन बीमा ले सकता है, लोन की बकाया राशि पर कुल लोन राशि तक का बीमा हो सकता है
* बीमाकर्ताओं के नियम और शर्तें लागू होंगी। उपरोक्त उत्पाद HDFC Life Ins Co. Ltd. द्वारा प्रस्तुत किया गया है।
ELIGIBILITY
FEES & CHARGES
DOCUMENTATION
हमारे बिज़नेस ग्रोथ लोन के साथ आप अपने प्रतिस्पर्धियों से हमेशा आगे रहें। बिना किसी परेशानी के अपने बिजनेस को आगे बढ़ाएं और इसे HDFC बैंक की अतिरिक्त फाइनेंशियल मदद से नई ऊंचाइयों पर ले जाएं। हम हर कदम पर आपके साथ हैं क्योंकि हमें आप पर भरोसा है। हम आपके बिजनेस से जुड़ी सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए उचित ब्याज दरों, फ्लेक्सिबल अवधि और न्यूनतम दस्तावेज पर बिज़नेस ग्रोथ लोन देते हैं। बिज़नेस ग्रोथ लोन का एक खास फीचर है ओवरड्राफ्ट की सुविधा, यानी आप केवल इस्तेमाल की गई लोन राशि पर ही ब्याज का भुगतान करें, क्रेडिट प्रोटेक्शन प्लान के साथ। ग्राहक की बदलती जरूरतों और नई तकनीकों के हिसाब से अपने बिजनेस में जरूरी बदलाव करने हों या उसे और बढ़ाना हो, आप जो चाहें, बिज़नेस ग्रोथ लोन की मदद से कर सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बिज़नेस लोन संबंधी पूछे जाने वाले प्रश्न
1. बिज़नेस लोन क्या होता है?
एक बिज़नेस लोन आपके बिज़नस को बढ़ाने के लिए होने वाले कई खर्चों को कवर करने के लिए क्यूरेट किया जाता है। HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन आपको एक निर्धारित लोन राशि प्रदान करता है, इसके लिए कोई भी संपत्ति, गिरवी रखने की जरूरत नहीं है।
2. बिजनेस लोन स्टेटस कैसे चेक करें?
HDFC बैंक में हम आपको अपनी उंगलियों पर ये सुविधा प्रदान करते हैं।
अपने बिज़नेस लोन स्टेटस की जांच करने के लिए यहां क्लिक करें।
आपको बस अपना नाम या रिफरेन्स नंबर, जन्म तिथि या मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। क्लिक कर सबमिट करें और आपके लोन स्टेटस की डिटेल्स आपकी स्क्रीन पर दिख जाएंगी।
3. बिजनेस लोन के क्या लाभ हैं?
बिजनेस लोन के लाभ निम्नलिखित ये हैं :
- ओवरड्राफ्ट सुविधा यानी केवल इस्तेमाल की गई राशि पर ब्याज का भुगतान करें।
- आसानी से लोन बैलेंस ट्रांसफर करें।
- लोन राशि के इस्तेमाल करने पर ही ब्याज राशि का भुगतान।
- फ्लेक्सिबल टेन्योर विकल्प
- कम से कम दस्तावेज।
- अतिरिक्त धन के लिए मौजूदा बिजनेस लोन पर टॉप-अप।
- क्रेडिट प्रोटेक्शन पॉलिसी।
4. एक बिजनेस लोन कैसे काम करता है?
HDFC बैंक बिजनेस ग्रोथ लोन के साथ आप 50 लाख रु तक के फंड्स का लाभ उठा सकते हैं। आप कुछ आसान स्टेप्स में अपनी योग्यता की जांच कर सकते हैं। आप चाहें तो इसे ऑनलाइन या अपने नजदीकी HDFC बैंक ब्रांच में जाकर कर सकते हैं। कम से कम डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत है, और अप्लाई करने तथा लोन डिसबर्सल की प्रक्रिया आसान और तेज़ है।
5. बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कैसे करें?
आप हमारे असिसटेंस पोर्टल पर इनमें से किसी एक तरीके से बिजनेस ग्रोथ लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं:
बैंक FD पर निगेटिव हो गया है रिटर्न! जानें क्या हैं निवेश के बेहतर विकल्प?
भारत में बैंकों की सावधि जमा योजनाएं (FD) लोगों के लिए अपनी गाढ़ी कमाई से होने वाली बचत को जमा करने का सबसे लोकप्रिय रास्ता मानी जाती हैं. लेकिन हाल के दिनों में इन पर ब्याज काफी घट जाने और महंगाई बढ़ जाने से वास्तविक रिटर्न निगेटिव हो गया है यानी लोगों को नुकसान हो रहा है. आइए जानते हैं कि एफडी के विकल्प में पैसा जमा करने के अन्य रास्ते क्या हैं?
उदाहरण के लिए भारतीय स्टेट बैंक और एचडीएफसी के पांच साल तक के एफडी पर आपको 5.30 फीसदी का ब्याज मिलता है. अगर कोई 30 फीसदी के टैक्स दायरे में आता है तो उसे इस कमाई पर 1.59 फीसदी ब्याज देना होगा और इस तरह उसका प्रभावी रिटर्न महज 3.71 फीसदी रह जाता है. महंगाई करीब 5 फीसदी हो गई है, तो इस तरह से महंगाई के हिसाब से देखें तो ऐसे एफडी में पैसा जमा करने वाले को करीब 1.29 फीसदी का नुकसान हो रहा है यानी उसे निगेटिव रिटर्न मिल रहा है. यही हाल अन्य बैंकों के एफडी का भी है.
क्या हैं विकल्प: ऐसे में लोग एफडी की जगह किसी दूसरे साधनों में पैसा जमा करने को सोचने लगे हैं. निवेश मामलों के जानकार बलवंत जैन कहते हैं कि एफडी की जगह पोस्ट ऑफिस सेविंग्स स्कीम (POMIS), सीनियर सिटीजन स्कीम, एनएससी में पैसा लगाया जा सकता है. म्यूचुअल फंड भी बेहतर रिटर्न का अच्छा साधन हैं. लेकिन यह बात ध्यान रखनी होगी कि म्यूचुअल फंडों में भी अक्सर एक या दो साल में निगेटिव रिटर्न ही मिलता दिखा है. इनमें भी आपको पांच साल या उससे लंबी अवधि के लिए पैसा लगाने पर बढ़िया रिटर्न मिलता है.
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS): POMIS लॉन्ग टर्म का एक निवेश साधन है जिसमें आपको पांच साल तक पैसा लगाना होता है. इसमें सिंगल ओनरशिप पर 4.5 लाख रुपये और जॉइंट ओनरशिप पर अधिकतम 9 लाख रुपये जमा किया जा सकता है. इस पर सालाना 6.6 फीसदी का ब्याज मिलता है और ब्याज का भुगतान हर महीने होता है.
रिजर्व बैंक फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड: रिजर्व बैंक का फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड भी लॉन्ग टर्म का निवेश साधन है. इसमें सात साल तक की मैच्योरिटी अवधि होती है. इस पर 7.15 फीसदी ब्याज मिलता है. इस पर मिलने वाले रिटर्न पर टैक्स लगता है. इनमें न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश किया जा सकता है, अधिकतम निवेश की सीमा नहीं है.
पांच साल का एनएससी: पांच साल की परिपक्वता अवधि वाली नेशनल सेविंग स्कीम (NSC) भी पोस्ट ऑफिस की एक लोकप्रिय बचत योजना है. यह भी निवेश का काफी सुरक्षित तरीका है. फिलहाल एनएससी पर करीब 6.8 फीसदी ब्याज मिल रहा है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें निवेश करने पर आपको इनकम टैक्स की धारा 80 सी के तहत टैक्स छूट भी मिलती है. लेकिन पांचवें साल में आपको जो ब्याज मिलती है उस पर टैक्स लगता है.
म्यूचुअल फंड: अच्छे रिटर्न के लिए म्यूचुअल फंड काफी लोकप्रिय निवेश साधन हैं. किसी अच्छे म्यूचुअल फंड में अगर आपने 3 से 5 साल तक पैसा लगा दिया तो आपको आसानी से 10 से 20 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है. लेकिन इसमें सचेत रहने की बात यह है एक से 2 साल पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है की शॉर्ट अवधि में आपको म्यूचुअल फंडों पर निगेटिव रिटर्न मिल सकता है यानी घाटा हो सकता है. अगर आपने किसी टैक्स सेवर फंड में पैसा लगाया तो आप पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है पैसे को ब्याज पर लगाने का सबसे अच्छा तरीका क्या है इसके बदले इनकम टैक्स की बचत भी कर सकते हैं.
कॉरपोरेट एफडी: निजी कंपनियों की सावधि जमा योजनाओं में अच्छा रिटर्न मिलता है. इन्हें कॉरपोरेट एफडी कहते हैं. ऐसी एफडी में आपको पांच साल में 8 से 10 फीसदी का बेहतर रिटर्न मिल सकता है. लेकिन एक चीज ध्यान रहे कि निजी कंपनियों के एफडी पर पैसा लगाने में थोड़ा जोखिम होता है, क्योंकि इसमें पैसा वापस देने की बैंकों की तरह सरकार की गारंटी नहीं होती. ऐसे एफडी की रेटिंग जारी होती है. ट्रिपल ए या उससे अच्छी रेटिंग वाले कॉरपोरेट एफडी में पैसा लगाना सुरक्षित माना जाता है.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम: वरिष्ठ नागरिकों के लिए पोस्ट ऑफिस का सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SSSC) भी निवेश का एक अच्छा विकल्प है. इसमें 7.4 फीसदी ब्याज मिलता है. ब्याज का भुगतान साल में चार बार किया जाता है. इसमें निवेश 1,000 रुपये या उसके गुणक में किया जा सकता है. अधिकतम निवेश 15 लाख रुपये तक हो सकता है.
पोस्ट ऑफिस या SBI: कहां लगाएं FD में पैसा, यहां समझिए पूरा गणित
अगर आप भी अपने निवेश पर ज्यादा रिटर्न के लिए कोई अच्छा इनवेस्टमेंट प्लान (Investment Plan) खोज रहे हैं तो यह खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, अक्सर हम इनवेस्टमेंट के लिए मन तो बना लेते हैं लेकिन यह नहीं समझ पाते कि किस प्लान को चुनना फायदेमंद रहेगा. इसके लिए अब आपको ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं होगी. इस रिपोर्ट में आपको बताएंगे कि पोस्ट ऑफिस (Post Office) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) दोनों में से किसकी फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit-FD) में पैसा लगाना फायदेमंद रहेगा. कुछ दिन पहले देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई (SBI) ने FD पर ब्याज की दरों में बढ़ोतरी की थी. बहुत से लोग एसबीआई की FD प्लान्स में निवेश की योजना बना रहे होंगे. ऐसे अगर आप भी निवेश करने की योजना बना रहे हैं तो इससे पहले पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट की ब्याज दरों के बारे में भी जान लें ताकि दोनों संस्थानों की FD पर ब्याज दरों को कंपेयर करके आप अपने लिए सही निवेश चुन सकें.
क्या है नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट
यह एक तरह की FD ही है. इसमें एक तय समय के लिए निवेश करके आप निश्चित रिटर्न पा सकते हैं. टाइम डिपॉजिट अकाउंट 1 से 5 साल तक की अवधि के लिए 5.5 से 6.7% तक ब्याज दर की पेशकश करता है और इसमें 1,000 रुपये से निवेश कर सकते हैं. वहीं अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट में 6.7% तक का ब्याज मिल रहा है.
कितने टाइम में होगा पैसा डबल
नेशनल सेविंग्स टाइम डिपॉजिट अकाउंट की बात करें तो फिलहाल इसमें अधिकतम ब्याज 6.7% मिल रहा है. ऐसे में रूल 72 के अनुसार अगर आप इस स्कीम में इनवेस्ट करते हैं तो पैसे को डबल होने में 10 साल 7 महीने का समय लगेगा. वहीं अगर भारतीय स्टेट बैंक में FD करवाते हैं तो यहां अधिकतम ब्याज 5.4% मिल रहा है. ऐसे में रूल 72 के अनुसार अगर आप इस इस स्कीम में इनवेस्ट करते हैं तो पैसे को डबल होने में 13 साल 3 महीने का समय लगेगा.
डिपॉजिट अवधि और ब्याज की दरें
डिपॉजिट अवधि टाइम डिपॉजिट अकाउंट भारतीय स्टेट बैंक
1 साल 5.5% 5.10%
2 साल 5.5% 5.20%
3 साल 5.5% 5.30%
5 साल 6.7% 5.40%
5 साल के लिए निवेश पर टैक्स में छूट
अगर आप दोनों ही स्कीमों में 5 साल तक की अवधि के लिए निवेश करते हैं तो आपको टैक्स पर भी छूट मिलती है. 5 साल के लिए निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 80Cके तहत टैक्स छूट का फायदा ले सकते हैं. इसके तहत 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर आप इनकम टैक्स छूट का लाभ ले सकते है.