स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे

और सिर्फ 10 से 20 परसेंट लोग, जो लंबे समय में समझदारी के साथ निवेश करते हैं, वही लोग पैसा बनाते हैं, ….
VWAP इंडिकेटर क्या है ? Vwap इंडिकेटर इन द स्टॉक मार्केट।
" व्ही वॅप" स्टॉक मार्केट, टेक्निकल एनालिसिस का इंडिकेटर है। ATR इंडिकेटर चार्ट के निचे शो होता हैं। और Vwap इंडिकेटर की लाइन चार्ट पर ही शो होती हैं। इसके उपयोग से हम, शेयर के कीमतों में होने वाले बदलाव के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं।
VWAP का फुल फॉर्म क्या है ?
Volume Weighted Average Price.
(व्होल्युम वेइटेड एव्हरेज प्राइस)
VWAP इंडिकेटर क्या है ?
जवाब में कहते है, "Vwap इंडिकेटर स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते वक्त, शेयर्स में चल रहे ट्रेंड और प्राइस दोनों के बारे में जानकारी प्रोव्हाइड करता है।"
VWAP इंडिकेटर को हम चार्ट पर सिलेक्ट करके देख सकते हैं। यह दिखने में बिल्कुल मूविंग एवरेज इंडिकेटर के जैसा है। ठीक है ?
तो इसकी खास बात क्या हो सकती है ? तो जवाब में कहते हैं कि, यह इंडिकेटर किसी भी शेयर के, इंडेक्स के कीमतों में होने वाले दिन भर के उतार-चढ़ाव के डाटा को कलेक्ट करता है। और किस प्राइस लेवल पर ट्रेड लेना चाहिए ? और किस प्राइस लेवल पर ट्रेड से एग्जिट करना चाहिए ? इसके बारे में जानकारी उपलब्ध करता है। आसान है ?
अब हमारे मन में यह सवाल आयेगा कि, ऐसा तो हर एक इंडिकेटर थोड़े बहुत फर्क से करता ही है। तो इसकी विशेषता क्या है ? हम इस इंडिकेटर का स्टडी कैसे करें ? हम इस इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें ? तो आइए, इन सवालों को के जवाब विस्तार से ढूंढने की कोशिश स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे करते हैं। और फिर आगे बढ़कर, हम इस इंडिकेटर को प्रैक्टिकली चार्ट पर लगा कर भी देखेंगे।
VWAP इंडिकेटर की विशेषता क्या है ?
1 ) इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि, यह इंडिकेटर शेयर की प्राइस और वॉल्यूम इन दोनों के प्रभाव को बहुत ही इफेक्टिवली नापता है। शेयर की प्राइस ट्रेडिंग की पूरी प्रोसेस पर डायरेक्ट प्रभाव डालती है। और शेयर के ट्रेडिंग का वॉल्यूम अपना इनडायरेक्ट प्रभाव डालता है। सही है ?
2 ) "यह इंडिकेटर हर ट्रेडिंग सेशन के लिए शुरू से शुरुआत करता हैं।" इसलिए इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए यह उपयुक्त हैं। इसे फॉलो करके स्विंग ट्रेडिंग भी कर सकते हैं। इसका उपयोग निवेश के लिए नहीं किया जाता हैं।
3 ) जब स्टॉक मार्केट में बड़े वॉल्यूम के साथ बहुत ही तेज गति से ट्रेंड बन रहे होते हैं तब चार्ट पर यह इंडिकेटर लगाना बहुत जरूरी हो जाता है।
ऐसा नहीं की सिर्फ अनुभवी ट्रेडर्स ही VWAP इंडिकेटर का उपयोग कर सकते हैं। हम सभी, प्रैक्टिस करके इसका कुशलतापूर्वक उपयोग कर सकते हैं।
VWAP इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें ?
यह इंडिकेटर अपने आप में ट्रेडिंग की जानकारी देने वाला परिपूर्ण इंडिकेटर है। इसका इस्तेमाल करके हम, ट्रेडिंग के लिए आवश्यक टेक्निकल एनालिसिस आसानी से कर सकते हैं।
1 ) Vwap बुलिश और बेयरीश ट्रेंड को दर्शाता है। इसकी मदद से हम कहां बायिंग करना है और कहां सेलिंग करना है, यह तय कर सकते हैं। जैसे की,
A ) शेयर की कीमत Vwap के ऊपर जा रही हैं तो यह बुलिश ट्रेंड होता हैं। इसके साथ बायिंग का ट्रेड लिया जाता हैं।
जब तक शेयर की कीमत Vwap लाइन के ऊपर रहती हैं तब तक शेयर की कीमत बढ़ती रहती हैं। और
B ) शेयर की कीमत लाइन के निचे जाते ही गिरावट का ट्रेंड शुरू होता हैं। इसके साथ सेलिंग का ट्रेड स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे लिया जाता हैं।
2 ) हमें अपने ट्रेड को किस प्राइस लेवल तक और कब तक होल्ड करना चाहिए ? इसके स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे बारे में जानकारी मिलती है। जैसे की, बायिंग का ट्रेड हो तो जब तक शेयर की कीमत Vwap लाइन के ऊपर हैं, तब तक ट्रेड को होल्ड कर सकते हैं। और शॉर्ट सेलिंग का ट्रेड हो तो जब तक शेयर की कीमत Vwap लाइन के निचे हैं, तब तक ट्रेड को होल्ड कर सकते हैं।
ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है जानिए अगर कमाना है लाखों रूपये
शेयर बाजार में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है ? इसे जानना आपके लिए जरूरी है यदि आप शेयर मार्केट से रेगुलर पैसा बनाना चाहते हैं। बहुत से लोगों का सवाल रहता है कि, क्या हम शेयर बाजार से रेगुलर इनकम कर सकते हैं जिससे हमारे घर का खर्चा चल सके?
तो हमेशा मेरा जबाव यही रहता है कि यदि आपको घर का खर्चा चलाने की जरूरत रहती है तो आपको इससे दूर रहना चाहिए।
स्पष्ट तरीके से कहें तो इसे आप इनकम का स्रोत तब तक नहीं बना सकते, जब तक आप इसमें करोड़ों रुपये निवेश न कर दें।
और यदि आपके पास इतना पैसा है, कि दैनिक खर्चों के बारे में नहीं सोंचना पड़ता है। तब आप उन पैसों को और बढ़ाने के लिए आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग और निवेश कर सकते हैं।
ट्रेडिंग कैसे किया जा सकता है इसे समझने के लिए आपका पहला कदम यह होना चाहिए कि, आप ट्रेडिंग को समझें और बेसिक जानें कि, ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है एवं शुरुआत में किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है जिसमें ट्रेडिंग की शुरुआत में नुकसान न उठाना पड़े।
यदि आप कोई शेयर खरीद कर उसी दिन बेंच देते हैं तो वह डे ट्रेडिंग कहलाती है।
यदि आप कोई शेयर खरीदकर उस दिन न बेचें उसके अगले दिन या बाद में बेचें तो यह स्विंग ट्रेडिंग कहलाता है।
किसी एक बिजनेस में हम कोई प्रोडक्ट खरीदते हैं और उस पर थोड़ा सा प्रॉफिट लेकर उसे मँहगें में बेच देते हैं। हमारी दुनिया में इसे ट्रेडिंग कहा जाता है।
लेकिन शेयर बाजार की दुनिया थोड़ी सी अलग है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग का मतलब क्या होता है और यह साधारण बाजार से कैसे अलग है, इसे समझते हैं।
1 – शेयर बाजार में आप खरीदते तो अपनी मर्जी से हैं किन्तु बेंचने के लिए एक समय निर्धारित होता है। यदि आप इंट्रा डे ट्रेडिंग कर रहे हैं तो अगर आपने बाजार बंद होने से पहले अपने शेयर नहीं बेचें तो वह अपने आप बिक जाता है। चाहे आपका फायदा हो रहा हो या नुकसान।
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लेकिन यदि आप स्विंग ट्रेडिंग करते हैं तो उसमें समय का बंधन नहीं होता है।
Rakesh Jhunjhunwala Share Market Tips: राकेश झुनझुनवाला के वो टिप्स जिनसे लोग छाप रहे पैसा!
बिग बुल के नाम से मशहूर दिग्गज निवेशक राकेश स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे झुनझुनवाला को देशभर के लाखों इन्वेस्टर फॉलो करते हैं। महज 5000 रुपए के निवेश के साथ शेयर बाजार में शुरुआत करने वाले राकेश झुनझुनवाला आज हजारों करोड़ के मालिक कैसे बन गए। बिग बुल के नाम से मशहूर दिग्गज निवेशक आखिर कैसे शेयर मार्केट से छाप रहे इतना पैसा?
फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल आय इस समय 4.6 बिलियन डॉलर यानि 34,387 करोड़ रुपए है। आखिर राकेश झुनझुनवाला ऐसा क्या करते हैं कि वह आए दिन पैसा छाप रहे हैं। मार्केट की जानकारी मुहैया कराने वाली वेबसाइट ट्रेंडलाइन के मुताबिक, झुनझुनवाला ने सितंबर 2021 तक करीब 39 कंपनियों के शेयर्स में पैसा लगाया है। इन शेयर्स में उनके निवेश का मूल्य करीब 24 हजार करोड़ रुपये है। अब आपको बताते हैं राकेश झुनझुनवाला के शेयर बाजार से पैसा कमाने के 5 टिप्स, जिन्हें फॉलो करके आप भी शेयर मार्केट से काफी मुनाफा कमा सकते हैं।
स्टॉक मार्केट में निवेश कहां करें ?
निवेश करने के लिए, आपको यह समझना होगा कि, स्टॉक मार्केट की किस क्षेत्र में आप को अच्छा नॉलेज है,
जैसे क्या आप इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं,
या फिर आप LONG TERM INVESTMENT करके WEALTH CREATE करना जानते हैं,
आपको यह समझना कि आप STOCK MARKET में कहा पे फिट होते हैं,
आप अपने नॉलेज के अनुसार कोई भी विकल्प, कभी भी चुन सकते हैं, और उसके अनुसार स्टॉक मार्केट में निवेश कर सकते हैं,
एक नए निवेशक निवेशक के लिए जो इंट्रा डे ट्रेडिंग के बारे में बहुत नहीं जानता है, उसे INTRA DAY TRADING से बचने की सलाह दी जाती है ,
इस तरह आपको अपनी स्टॉक मार्केट इन्वेस्टमेंट की शुरुआत से पहले, ये समझना होगा की आपको मार्केट में हो रहे उतार चढाव समझ आ रहे है या नहीं,
स्विंग ट्रेडिंग कैसे करते हैं?
स्विंग ट्रेडिंग करने ट्रेडर को रूप में आपको टेक्निकल एनालिसिस की चाहिए, जिससे कि ऐसे स्टॉक्स को खोजने में सक्षम हो सके छोटी अवधि में अच्छा रिटर्न दे सके। इसलिए अगर आप स्विंग ट्रेडिंग के लिए सही स्टॉक की तलाश करना चाहते है तो पहले टेक्निकल एनालिसिस सीखे, उसके उपरान्त डेली एंव साप्ताहिक चार्ट पर ऐसे स्टॉक को ढूढ़े जो किसी सपोर्ट को तोड़ कर ऊपर निकल रहे हो। ऐसे स्टॉक छोटी अवधि में अच्छा पैसा कमा कर देते है।
स्विंग ट्रेडिंग का उद्देश्य क्या है?
स्विंग ट्रेडिंग एक ट्रेडिंग शैली है जिसका मुख्य उद्देश्य एक छोटी अवधि के भीतर स्टॉक खरीदना या बेचना शामिल है, जिससे की वह स्टॉक में होने वाले मूवमेंट से प्रॉफिट कर सके। एक स्विंग ट्रेडर आमतौर पर कुछ मूवमेंट दिखाने वाले शेयरों को खोजने की कोशिश करता है और ट्रेंड की शुरुआत में ट्रेड में प्रवेश स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे करता है। ज्यादातर मामलों में, एक स्विंग ट्रेडर ट्रेंड खत्म होने से पहले ट्रेड से बाहर निकलने का प्रयास करता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को 2 दिनों से लेकर कुछ हफ्तों तक बनाए रखना स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे चाहते हैं, जिससे स्विंग ट्रेडिंग ट्रेड का अच्छे से फायदा लिया जा सके, स्विंग ट्रेड दो प्रकार के होते हैं:
1) काउंटर ट्रेंड स्विंग ट्रेड – स्टॉक के ट्रेंड की दिशा में रेजिस्टेंस या सपोर्ट एरिया में बेचना या खरीदना (उदाहरण के लिए, अपट्रेंड के दौरान रेजिस्टेंस में बेचना या डाउनट्रेंड के सपोर्ट पर खरीदना)।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में क्या अंतर है?
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग कुछ हद तक समान हैं। क्योंकि दोनों में लाभ कमाने के प्रयास में स्टॉक खरीदना और बेचना शामिल होता है, लेकिन इनके बीच सबसे बड़ा अंतर समय का होता है।
स्विंग ट्रेडर्स अपनी पोजीशन को कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक होल्ड रखते है, जबकि इंट्राडे ट्रेडर अपनी पोजीशन को सेम डे पर क्लोज है।
डे ट्रेडर्स के पास स्विंग ट्रेडर की तरह “धैर्य” नहीं है, इसलिए वह प्राइस में होने वाले छोटे – छोटे बदलावों से पैसा बनाने की कोशिश करते है और अपनी पोजीशन को ओवरनाइट होल्ड करने का रिस्क नहीं लेते है।
स्विंग ट्रेडिंग और डे ट्रेडिंग में एक भी मुख्य अन्तर है कि अगर आप इंट्राडे ट्रेडिंग करते है तो आपको ब्रोकर की तरफ से मार्जिन दिया जाता है जिस कारण से आप कम पैसो के साथ भी इंट्राडे ट्रेडिंग की शुरुआत कर सकते है।