RSI के साथ हिंदी में

rsi indicator hindi-rsi indicator buy and sell signals
इस वाक्या को यदि हम इसके के साथ जोड़ दे तो कोई परेशानी नहीं होने चाहिए क्योंकि rsi technical analysis भी स्टॉक के पीछे पीछे चलता है ।जब कोई स्टॉक अचानक से निचे गिरता है या ऊपर जाता है तब rsi वहां पर रुक जाता हैं
उस कार के तरह और अपने पिछले वाले दिन के स्टॉक प्राइस को average out करता हैं फिर आगे बढ़ता हैं चाहे वो निचे के तरफ हो या ऊपर ।
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rsi overbought zone and oversold zone
technical analysis indicator में जब ग्राफ रेड लाइन (70) को क्रॉस करती हैं तब कोई भी स्टॉक overbought zone में आ जाता है । कोई स्टॉक ब्रेकआउट दे तो ऊपर जा सकता हैं । buy भी कर सकते है नहीं तो इस जोन से स्टॉक के निचे गिरने की संभावना ज्यादा होती हैं इसलिए कभी भी इस जोन में किसी स्टॉक की खरीदारी नहीं करे ।
renko macd strategy-रेंको macd स्ट्रेटेजी |
rsi technical analysis में जब ग्राफ में rsi indicator green लाइन(30) के निचे आ जाये तो हमे उसे OVERSOLD ZONE कहेंगे । इसमें निवेशक दवारा स्टॉक को पूरी तरह से सेल्ल कर दिया जाता है
इसलिए इस जोन से हमे कोई भी स्टॉक को खरीदना अच्छा माना जाता हैं और ट्रेंड भी ऊपर जाने के चांस ज्यादा रहता है। ध्यान रहे की दूसरा इंडिकेटर के साथ ही किसी शेयर को खरीदें ।
आप निचे फोटो में rsi technical analysis वाले सेक्शन सकते हैं की लाल और हरे लाइन को OVER BOUGHT ZONE and OVER SOLD ZONE ke रूप में दर्शाया गया हैं ।
rsi of nifty 50-rsi technical analysis (rsi indicator hindi-rsi indicator buy and sell signals)
rsi of nifty 50 में हम चार्ट को analysis करेंगे और जानेंगे की rsi nifty के rsi technical analysis पर कैसे काम करता हैं तो चलिए निचे दिए फोटो से हम समझने का प्रयास करते हैं।
यह अभी केसमय का निफ़्टी 50 का one day का chart हैं जिसको देख कर हम आसानी से समझ सकते हैं की अपने overbought zone को छूकर अब ये निचे की तरफ जा रहा है।
अगर ऐसा ही जाता रहा तो निश्चित है की ये बहुत जल्द ही oversold ZONE में पहुंच जाए यदि कहीं कोई share marke t से सम्बंधित कोई गुड न्यूज़ आये तो ये वापस अपना ट्रेंड बदल देगा ।
rsi technical analysis ठीक इसके पीछे वाले लाइन पर गौर करे तो नजर आएगा की बिना 30 वाले line को छुए अपना ट्रेंड चेंज कर दिया ।
इस तरह हम बड़े ही अच्छे तरीके से rsi का प्रयोग कर किसी भी स्टॉक में उसका analysis कर सकते हैं और स्टॉक के momentum को catch कर सकते हैं धन्यवाद।
RSI Indicator In Hindi आर.एस.आय का ट्रेडिंग में उपयोग कैसे करे
RSI को Relative Strength Index के नाम से जाना जाता है. RSI Indicator in hindi आर्टिकल में हम RSI Indicator के बारे में विस्तार से जानेंगे. टेक्नीकल एनालिसिस में RSI Indicator सबसे ज्यादा उपयोग में लिए जाने वाला इंडिकेटर है. RSI Indicator एक लीडिंग इंडिकेटर है जो टेक्नीकल एनालिसिस में ट्रेंड रिवेर्सल को पहचानने के लिए उपयोग में लिया जाता है. शेयर मार्किट में ट्रेडिंग करने वाले ज्यादातर ट्रेडर RSI Indicator का उपयोग करते है.
अगर आप जानना चाहते है की RSI क्या है? कैसे काम करता है और RSI Indicator कैसे हमें शेयर खरीदने या बेचने के लिए उपयोगी है तो आपको पूरी जानकारी इस आर्टिकल RSI Indicator in hindi pdf आर्टिकल में मिल जायेगी.
RSI Indicator divergence भी बनाता है जो RSI के साथ हिंदी में ट्रेंड के रिवर्सल का संकेत देते है. RSI Indicator शेयर की इंटरनल पावर याने की आतंरिक क्षमता को दर्शाता है.
RSI Indicator in hindi आर्टिकल में हम जानेंगे की कैसे RSI Indicator Sideway marke t , किसी अनिश्चित ट्रेंड वाले बाजार में हमें ट्रेडिंग करने के लिए उपयोगी है.
RSI –Relative strength index –रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स
Table of Contents
RSI –Relative strength index एक लीडिंग इंडिकेटर है. RSI ट्रेंड रिवर्सल और शेयर की आतंरिक ताकत को दर्शाता है. टेक्नीकल एनालिसिस में RSI के पॉजिटिव और नेगेटिव Divergence का उपयोग शेयर में खरीदी और बिकवाली के लिए उपयोग में लिए जाते है.
RSI –Relative strength index शेयर्स में Oversold और ओवर Bought पोजीशन को भी दर्शाता है. ओवेर्सोल्ड का मतलब होता है जिस शेयर्स में अधिक सेल्लिंग मोमेंटम होता है और ओवरबाउट का मतलब होता है की उस शेयर्स में इतनी ज्यादा बाइंग मोमेंटम है की वंहा से शेयर्स में करेक्शन आ सकता है.
RSI –Relative strength index एक स्वतन्त्र ट्रेडिंग सिस्टम है. RSI –Relative strength index को दुसरे एनालिसिस इंडिकेटर या मूविंग एवरेज के के साथ जोड़कर भी अच्छा रिसल्ट मिल सकता है. RSI INDICATOR दिखने में ऐसा लगता है
RSI Indicator in (hindi) कैसे काम करता है?
RSI –Relative strength index शेयर्स की इंटरनल पॉवर को दर्शाता है इस स्ट्रेंथ को दर्शाने के लिए वो एक निश्चित रेंज के बिच में ओसिलेट करता रहता है याने की घूमता रहता है इसके कारन RSI –Relative strength index को एक मोमेंटम ओसिलेटर इंडिकेटर भी कहा जाता है.
RSI ० से लेकर १०० के स्तर के बिच में घूमता रहता है. RSI के मूल्य के आधार पर शेयर में खरीदी या बिकवाली के संकेत मिलते है. जैसे की अगर RSI ०-३० के बिच है तो शेयर ओवरसोल्ड हो चूका है और इसमें ट्रेंड रिवर्सल हो सकता है इसके संकेत मिलते है.
लेकिन इस बात का ख्याल रखे की अगर लम्बी समय अवधि के लिए ये ०-३० के बिच रहे तो इसमें और गिरावट आ सकती है क्यूंकि RSI ० से निचे नहीं जा सकता और लम्बी समय अवधि के लिए ०-३० के बिच रहने का मतलब शेयर में और गिरावट आ सकती है ये हो सकता है. ऐसी स्थिति में शेयर की खरीदी की बजाये बिकवाली के मौके आपको ढूंढने चाहिए.
अगर RSI ७०-१०० के बिच में है तो आप मान सकते है की इस शेयर्स में बहुत बाईंग हो चुकी है और करेक्शन आ सकता है.
लेकिन हमने ऊपर कहा उस तरीके से अगर ये स्थिति लम्बे समय के लिए रहे तो आपको खरीदी करनी चाहिए ना की बिकवाली जब तक आपको ट्रेंड रिवर्सल का कोई संकेत नहीं मिल जाता.
लम्बी ओवेरबोट स्थिति के बाद अगर आपको लगे की अब RSI निचे की और जाना सुरु हो गया है तो आप शेयर्स में बिकवाली के मौके तलाश सकते है
उसी प्रकार अगर ओवेर्सोल्ड की स्थिति में RSI ३० की रीडिंग के ऊपर जाने लगे तब आप शेयर खरीदने के मौके तलाश सकते है.
RSI –Relative strength index Divergence का ट्रेडिंग में उपयोग:
जिस प्रकार हम RSI जिस अंको के बिच घूमता है उससे शेयर खरीद करे या बिकवाली करे ये जान सकते है उसी तरह हम RSI Divergence का उपयोग करके शेयर में खरीदी करे या बिकवाली करे ये जान सकते है.
अगर किसी शेयर का भाव ऊपर की तरफ बढ़ता जा रहा है लेकिन RSI स्ट्रेंथ नहीं बता रहा और निचे की तरफ ही रहता है तो इसे टेक्नीकल एनालसिस की भाषा में डायवरजन्स कहते है.
ऐसी स्थिति में अगर आपको केंडलस्टिक चार्ट पैटर्न में बेरिश केंडल दिख जाए तो आपको कन्फर्मेसन मिल जाता है और आप शेयर में बिकवाली कर सकते है.
उसी प्रकार अगर शेयर का भाव गिर रहा है लेकिन RSI ऊपर की तरफ ही रहता है ज्यादा निचा नहीं जा रहा है ऐसी स्थिति में अगरे आपको कोई बुलिश पैटर्न चार्ट पर दिख जाए तो आप शेयर में खरीदी कर सकते है.
इस प्रकार आप पॉजिटिव डायवरजन्स और नेगेटिव डायवरजन्स का उपयोग ट्रेडिंग में कर सकते है जो की काफी मजबूत संकेत होता है.
RSI Indicator in hindi का ट्रेडिंग में कैसे उपयोग करे
इंट्राडे ट्रेडिंग , स्विंग ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट याने की लम्बी अवधि के निवेश के लिए आप RSI का उपयोग टेक्नीकल एनालिसिस के लिए कर सकते है.
किसी भी शेयर को खरीदते समय हमेशा RSI के साथ हिंदी में RSI के साथ हिंदी में ध्यान रखे की RSI की रीडिंग अच्छी हो आप RSI –Relative strength index के डायवरजन्स का उपयोग करके भी शेयर चुनने के लिए रणनीति बना सकते है. जब कभी अगर आप केंडलस्टिक चार्ट में डायवरजन्स देखे तो आप इसका उपयोग करके खरीदी और बिकवाली कर सकते है
अगर है तो आप Positive Divergence खरीदी कर सकते है Negative Divergence है तो आप बिकवाली कर सकते है.
काफी लोग ये नहीं जानते की RSI के भी डायवरजन्स होते है. वो सिर्फ MACD का ही डायवरजन्स के लिए उपयोग करते है.
आप सपोर्ट और रेसिस्टेंट लेवल निकाल ने के लिए भी आर.एस.आय का उपयोग कर सकते है.
RSI का डिफ़ॉल्ट सेटिंग १४ का है आप अनुभव के साथ साथ इसमें फेरबदल करके अपने हिसाब से भी इसे सेट कर सकते है.
निष्कर्ष:
RS I Indicator in hindi आर्टिकल में हमने देखा की RSI Kya hai, RSI कैसे काम करता है, RSI का हम टेक्नीकल एनालिसिस में कैसे उपयोग कर सकते है, इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग, और लम्बी अवधि के लिए RSI कैसे उपयोगी होता है.
शेयर में कितनी मजबूती है उसकी इंटरनल मजबूती हमें RSI के जरिये पता चलती है. आप RSI का उपयोग करके कैसे शेयर चुन सकते है इन सब बातो की जानकारी आपको मिल चुकी होगी.
टेक्नीकल एनालिसिस सिखने और शेयर बाजार से जुडी जानकारी हिंदी में पढने के लिए आप मेरी वेबसाइट हिन्दिसफ़र.नेट की विजिट जरुर करे .
RSI क्या है,
4. RSI से OVER BOUGHT का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER BOUGHT के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER BOUGHT की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BEARISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में SHORT SELLING के मौके की तलाश करता है,
5. RSI से OVER SOLD का पता चलता है, और ऐसा माना जाता है कि OVER SOLD के बाद ट्रेंड में REVERSAL आ सकता है, और इसलिए OVER SOLD की सिचुएशन के बाद मार्केट में TREND बदलने से स्टॉक BULLISH हो सकता है, और इसलिए ट्रेडर ऐसी सिचुएशन में अपनी पोजीशन को LONG रखना चाहिए,
RSI को कैसे कैलकुलेट किया जाता है ?
RSI को कैलकुलेट करने का फार्मूला है
RSI Calculation formula Hindi
ऊपर दिए गए फोर्मुले में Average Gain और Average Loss को निकालने का नियम इस प्रकार है –
Average Gain : जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक के भाव में ऊपर की तरफ होने वाला बदलाव का औसत
Average Profit: जितने दिन का RSI निकालना है, उसमे पिछले दिन के बाद, स्टॉक का जितने दिन कम हुआ, तो कम हुए भाव के पॉइंट्स का औसत,
जैसे – अगर किसी स्टॉक का भाव 85 है, और अगले 14 दिन का भाव कुछ इस प्रकार है तो हम मैन्युअली RSI निकाल कर देखते है –
RS CALCULATION SHEET
इस तरह Average Gain = 29/14=2.07
और Average Loss= 10/4 =0.714
इस तरह RS = 2.07/0.714 =2.8991
इसलिए अब RSI = 100- 100/100+2.8991
= 74.3531
RSI का AUTOMATIC कैलकुलेशन
RSI को हम टेक्निकल एनालिसिस के सॉफ्टवेयर की हेल्प से दो सेकंड में कैलकुलेशन कर सकते है,
सिर्फ हमें RSI (INDICATOR TOOL) को सेलेक्ट करना है, और INPUT में सॉफ्टवेयर को दिनों की संख्या के बारे में बताना है, कि हम कितने दिन का RSI निकालना चाहते है,
जैसे- अगर 14 दिन का RSI निकलना चाहते है तो हमें 14 इनपुट करना है,
और सॉफ्टवेयर तुरंत चार्ट पर एक RSI इंडिकेटर की लाइन खीच देगा, जो 0 से 100 के बीच कुछ भी हो सकता है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) के नियम और इसका इस्तेमाल
1. RSI एक 0 से 100 के बीच BAND में घूमता है, RSI न तो 0 से नीचे जा सकता है और न ही 100 से ऊपर,
2. जब RSI 70 से उपर जाता है, तो ये हमें OVERBOUGHT के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG POSITIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट नीचे आने की संम्भावना की जा सकती है,
और ये हो सकता है कि जब CORRECTION तो भाव नीचे आएगा और ऐसे में कुछ ट्रेडर SHORT SELLING या अपनी पोजीशन को SQUARE OFF करने का सोच सकते है,
3. जब RSI 30 से नीचे जाता है, तो ये हमें OVERSOLD के बारे में बताता है, और स्टॉक में STRONG NEGATIVE MOMENTUM के टॉप का पता चलता है, जहा से आगे CORRECTION या मार्केट के ऊपर की संम्भावना की जा सकती है,
ऐसी सिचुएशन में कुछ ट्रेडर खरीददारी का मौका तलाश कर सकते है, और अपनी पोजीशन को लॉन्ग बनाने की कोशिश कर सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) नियम के अपवाद और सावधानिया
1. अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से UPTREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 70 से ऊपर हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है,
क्योकि RSI 100 से ऊपर नहीं जाता है, और स्टॉक जब तक UP TREND में तब तक RSI 70 या उस से ऊपर ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन बनाई हुई है, तो जब तक कोई ट्रेंड् REVERSAL नहीं आता, तब तक सिर्फ RSI के आधार पर मार्केट के करेक्शन की संभवना सही नहीं मानी जाएगी,
2. इसी तरह, अगर कोइ स्टॉक बहुत समय से DOWN TREND में है, तो चार्ट पर उसका RSI भी 30 के आस पास या उस नीचे हो सकता है, और ऐसे में ये जरुरी नहीं कि तुरंत कोई करेक्शन आने वाला है, क्योकि हो सकता है स्टॉक में लम्बे समय का डाउन ट्रेंड बना रहने वाला हो,
ध्यान देने वाली बात है कि क्योकि RSI 0 से नीचे नहीं जाता है, और इसलिए स्टॉक जब तक DOWN TREND में तब तक RSI 30 या उस से नीचे ही बताएगा,
और ऐसे में अगर आपने स्टॉक में अपनी पोजीशन को लेकर सावधान रहना चाहिए, और ट्रेंड के खिलाफ RSI के भरोसे किसी तरह का ट्रेड नहीं लेना चाहिए,
3. अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 0 से 30 से ऊपर जाने लगे यानी OVERSOLD से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी लॉन्ग पोजीशन बना सकते है,
4. और इस तरह अगर एक लम्बे समय के बाद RSI 70 से नीचे जाने लगे यानी OVERBOUGHT से बाहर निकलने के संकेत मिले तो ये एक ट्रेंड रेवेर्सल सूचक हो सकता है और ऐसे में कुछ अन्य टूल्स की मदद से कन्फर्मेशन लेते हुए अपनी पोजीशन को क्लोज कर सकते है या short selling कर मौका बना सकते है,
RELATIVE STRENGTH INDEX (RSI) : SUMMARY
RELATIVE STRENGTH INDEX हमें बताता है –
अगर RSI 0 से 20 के बीच है तो OVERSOLD सिचुएशन है, इसलिए BUY करो
अगर RSI 80 से 100 के बीच है तो OVERBOUGHT सिचुएशन है, इसलिए SELL करो
RSI का बेस्ट तरीके से इस्तेमाल करने से पहले कुछ बातो का ध्यान रखना जरुरी है –
1. कोई भी टेक्निकल एनालिसिस टूल 100 % सही सही नहीं बता सकता , इस बात को ध्यान में रखना चाहिए, और इसी लिए RSI भी हमेशा सही नहीं हो सकता, ये सिर्फ एक सम्भावना को बताने की कोशिस करता है,
2. सिर्फ RSI के भरोसे कभी भी TRADE न ले, आपको इसके साथ टेक्निकल एनालिसिस के अन्य tools और इंडीकेटर्स को भी जरुर इस्तेमाल करे, जैसे – VOLUME, कैंडलस्टिक पैटर्न, सपोर्ट and रेजिस्टेंस, मूविंग एवरेज,
3. टेक्निकल एनालिसिस के नियमो के साथ फ्लेक्सिबल रहो, और थोड़े बहुत बदलाव के साथ अपना खुद का पॉइंट ऑफ़ व्यू बनाने की कोशिश करो,
आशा करता हु कि TECHNICAL ANALYSIS के ये टॉपिक, आपको जरुर पसंद आया होगा, और आपसे REQUEST कि आप अपने सुझाव, सवाल और कमेंट को निचे जरुर लिखिए,
rsi indicator in hindi – RSI से पता करे स्टॉक उपर जायेगा या निचे।
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai
नमस्ते दोस्तों। आज हम समझने वाले है की rsi indicator in hindi में क्या होता है। और इसका ट्रेडिंग में का महत्त्व है। क्या हम rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करके ट्रेडिंग में अच्छे खासे पैसे कमा सकते है। और आखिर rsi इंडिकेटर का इस्तेमाल करते कैसे है। इन सब के बारे में हम आज विस्तार में जानने वाले है।
rsi indicator एक leading indicator है। जो की स्टॉक के ट्रेंड चेंज होने के पहले ही सिग्नल दे देता है। की स्टॉक ऊपर जानेवाला है या फिर निचे। इसीलिए इसे लीडिंग इंडिकेटर भी बोलते है। अगर आपको leading indicators के बारे में नहीं पता तो आप हमारी पिछली पोस्ट पढ़ सकते है। उसमे हमने leading indicators के बारे में विस्तार में बताया है।
rsi indicator in hindi / rsi indicator kya hota hai
rsi indicator in hindi
rsi का full फॉर्म होता है relative strength index .यानि की ये इंडिकेटर स्टॉक की strength यानि की ताकद बताता है। की स्टॉक ऊपर जा सकता है की निचे। अगर interday trading में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला इंडिकेटर हे तो वो rsi indicator है।
rsi indicator स्टॉक्स के चार्ट में होने वाले मोमेंटम का ट्रेंड को दर्शाता है। और इसे oscillator भी कहा जाता है। क्युकी ये इंडिकेटर ० ते १०० के बिच में घूमता रहता है। और स्टॉक overbought हे या फिर oversold है। ये दर्शाने का काम rsi indicator करता है।
स्टॉक में उसके टाइम फ्रेम के हिसाब से मार्केट में strength हे या weakness है। ये rsi indicator दर्शाता है। उसेही rsi indicator कहा जाता है ,अभी हमने जाना की rsi indicator क्या होता है (rsi indicator in hindi).अभी हम जानेंगे की rsi indicator काम कैसे करता है।
rsi indicator RSI के साथ हिंदी में कैसे काम करता है
rsi indicator ० ते १०० के बिच में ट्रेंड दिखने के कारन ये कभी ० के निचे और १०० के ऊपर नही जाता। इसके में तीन स्तर होते है। जैसे की ३०,५०,और ७० ये इसके महत्वपूर्ण स्तर है। इनका मतलब होता है की। अगर rsi अगर ५० से १०० के बिच है मतलब स्टॉक का मोमेंटम अभी पॉजिटिव यानि की बुलिश है। और अगर rsi का स्तर ० से लेकर ५० के बिच होता है तो इसका मतलब स्टॉक का मोमेंटम नेगेटिव यानि की बेयरिश है।
rsi indicaor १४ दिनों का average निकाल के आपको स्टॉक की strength बताता है। हलाकि हम उसका average चेंज भी कर सकते है। जाइए की हम 20 दिनों का भी average निकल सकते है। या आप अपने हिसाब से इसका average निकल सकते है। लेकिन डिफ़ॉल्ट १४ दिनों का average निकलने ये सही होता है। ये इंडिकेटर ज्यादातर technical analysis में इस्तेमाल किया जाता है।
अगर rsi ५० के ऊपर जा रहा है इसका मतलब शेयर में तेजी आने की संभवना होती है। या स्टॉक की प्राइज भी ऊपर जाने लगाती है। लेकिन अगर rsi ५०के निचे अपना ट्रेंड बना रहा होता है ,यानि की शेयर में बिकवाली होना शुरू हुआ है ,यानि स्टॉक निचे जाने की संभावना होती है।
RSI indicator के फायदे
ये एक मोमेंटम indicator होने के कारन ये आपको स्टॉक के चार्ट का मोमेंटम बताता है। और अगर मार्केटover bought (औसत से ज्यादा खरीद ) हे तो ये आपको outbought का सिग्नल पहले ही दे देता है। इससे आप पहल की स्टॉक का रिवर्सल पता करके के स्टॉक में short selling भी कर सकते है। आपको अच्छ मुनाफा कमाने का मौका ये इंडिकेटर देता है।
और अगर मार्केट over sold यानि की औसत से ज्यादा बिकवाली स्टॉक में है तो ये इंडिकेटर आपको over sold का सिग्नल पहले ही दे देता है। और ऐसा मन जाता है की स्टॉक जब भी over bought होता है। या फिर over sold होता है। तो मार्केट में रिवर्सल जरूर आता है। तो इसी रिवर्सल को पहलेही पहनके आप इसमें अच्छा मुनाफा काम सकते है।
निष्कर्ष
rsi indicator एक ऐसा इंडिकेटर हे जो आपको मार्किट की ताकत बुलिश है या फिर बेयरिश है ये दर्शाता है। फिर उसके हिसाब से आप अपना ट्रेड ले सकते है। लेकिन इसे समझने के लिए आपको इसे candle stick chart पर लगाना जरुरी है। उससे ही आपको इसका अंदाजा हो जायेगा की ये काम कैसे करता है।
ऐसा नहीं हे की rsi indicator हमेशा ही आपको सही सिग्नल दिखायेगा। आपको सिर्फ एक ही इंडिकेटर पर डिपेंड नहीं रहना आपको rsi indicatorके साथ साथ prize action और candle stick chart pattern ,ये भी देखना होता है।
टिप ; किसीभी इंडीकेटर्स को समझने के लिए आपको उन्हें अच्छे से समझना होगा। और ये मुमकिन हे आपके अनुभव से। कोई भी इंडीकेटर्स एक्यूरेट सिग्नल नहीं दिखता। ये आपको आपके अनुभव से पता चलेगा की कोनसा इंडीकेटर्स किस तरीके से काम करता है।
आज हमने क्या सीखा
आज हमने सीखा की rsi indicator in hindi में क्या होता है। rsi indicator कैसे काम करता है। rsi indicator in hindi के फायदे क्या है। इन सब के बारे में हमने आज जाना। और rsi indicator का सही से इस्तेमाल हम ट्रेडिंग में करेंगे।
यकीं है की आपको rsi indicator in hindi में क्या होता है। समझ आगया होगा। और साथ ही आपके ये हमरा आर्टिकल काफी फायदेमंद भी साबित रहा होगा। और अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आये तो कृपया इसे अपने फॅमिली और दोस्तों के साथ जरूर शेयर कीजियेगा।
और अगर आपको ऐसेही शेयर बाजार के विषय में कोई जानकारी चाहिए हो तो आप हमें कमेंट बोस में क्यूमेंट करके पूछ सकते है। और अगर आपको इस आर्टिकल के सम्भंधि कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट में भेज सकते है। हम जरूर आपको सावल का जवाब देने की कोशिश करेंगे। धन्यवाद !
१. इंडिकेटर क्या है?
इंडिकेटर का मतलब होता है शेयर मार्किट के चार्ट पर लगाया जाने वाला एक सिग्नल होता है। जैसे की RSI (rsi indicator RSI के साथ हिंदी में in hindi)ये किसी भी स्टॉक के चार्ट पर लगा कर आप उसके ट्रेंड का पता कर सकते है। उसेही इंडिकेटर कहा जाता है।
२. शेयर मार्केट में आर एस आई क्या होता है?
RSI (rsi indicator in hindi)ये एक शेयर मार्किट का लीडिंग इंडिकेटर होता है। इससे आप किसी भी स्टॉक का ट्रेंड पता कर सकते है। और आप इस इंडिकेटर की सहायता से ट्रेडिंग कर सकते है। जो आप स्टॉक में आ रही गिरावट या तेजी के बारे में पूर्व सूचना देता है।
३.RSI सूचक का उपयोग कैसे करे ?
RSI (rsi indicator in hindi) इंडिकेटर में अगर rsi ३० के निचे हे इसका मतलब मार्किट में मंडी कहल रही है ऐसा होता है।और अगर rsi ७० के ऊपर कहल रहा होता है तो मार्किट में तेजी चल रही है ऐसा कहा जाता है। और अगर rsi ५० चला रहा है तो मार्किट sideways चला रहा होता है।
Point & Figure Chart Trading Strategy – RSI के साथ हिंदी में।
आज आप पढ़ेंगे की Point & Figure Chart पर Breakout और Breakdown देखकर RSI इंडिकेटर की मदत से कैसे ट्रेडिंग करते हैं ?
Point & Figure Chart with RSI
Table of Contents
Breakout और Breakdown Trading
शेयर मार्किट में किसी भी शेयर में Breakout और Breakdown आपको हर चार्ट में मिलेंगे चाहे Candlestick Chart हो, Renko Chart हो, Bar Chart हो, या Line Chart ।
लेकिन कई बार ऊपर दिए गए चार्ट्स में दिक़्क़त यह आती हैं की, हमें fake Breakout और Breakdown दिखाई देते हैं।
लेकिन इन चार्ट की तुलना में Point & Figure Chart में हमें fake Breakout और Breakdown कम दिखाई देते हैं।
क्योकि इस चार्ट में सिर्फ प्राइस को महत्व दिया जाता हैं और समय को नहीं, इस वजह से चार्ट पर छोटे-छोटे moves नहीं दिखाई देते और चार्ट पर नॉइज़ कम हो जाती हैं।
जब कोई शेयर अपने पुराने resistance को तोड़के ऊपर जाता हैं तब हम उसे ब्रेकआउट कहते हैं।
Point & Figure chart Breakout
जब कोई शेयर अपने पुराने support को तोड़के निचे जाता हैं तब हम उसे ब्रेकडाउन कहते हैं।
Point & Figure chart Breakdown
हलाकि Point & Figure Chart में भी हमें गलत संकेत मिलते हैं इस लिए हम RSI इस indicator का उपयोग करेंगे इस स्ट्रेटेजी में।
अगर हम RSI indicator के साथ ट्रेडिंग करते हैं तो हमें ज्यादा accuracy मिलने की संभावना हैं।
RSI indicator की सेटिंग।
यहाँ पे आम तौर पर जो ट्रेडर्स rsi का उपयोग करते है उसकी तुलना में हम थोड़ा अलग तरीके से इसका उपयोग करेंगे।
जहापर ट्रेडर्स मानते हैं की जब RSI 80 तक आजाये तो उसे overbought मानते हैं और RSI 20 के नजदीक आये तो उसे oversold मानते हैं।
RSI indicator की सेटिंग।
आप ऊपर दिए गए सेटिंग में देख सकते हैं की होने Upper Limit (80) और Lower Limit (20) की जगह 50-50 कर दी हैं।
RSI over bought & over sold zone
जब RSI Line Normal Line के निचे जाती हैं तो वह शेयर over sold zone में चला जाता हैं।
याने के वह शेयर ज्यादा लोंगो ने (Sell) बेच दिया हैं।
जब RSI Line Normal Line के ऊपर जाती हैं तो वह शेयर over bought zone में चला जाता हैं।
याने के वह शेयर ज्यादा लोंगो ने (buy) ख़रीदा कर दिया हैं।
Point & Figure Trading Strategy. Breakout और Breakdown – RSI के साथ।
यहाँ पे आप सिखेंगे की break out और break down RSI indicator की मदत से कैसे ट्रेडिंग करते हैं।
Point & Figure chart Breakout with RSI confirmation
ऊपर दिए गए इमेज में आप देख सकते है की चार्ट पर ब्रेकआउट हुआ हैं।
यह confirmation करने के लिए हमने rsi की मदत ली।
और RSI की लाइन ने चार्ट पर breakout से पहले ही सिग्नल दे दिया।
जब ब्रेकआउट हो और rsi लाइन नार्मल लाइन के ऊपर जाने का संकेत दे रही हो, तो ही हमें शेयर को खरीदना हैं।
Point & Figure chart Breakdown with RSI confirmation
ऊपर दिए गए इमेज में आप देख सकते है की चार्ट पर ब्रेकडाउन हुआ हैं।
यह confirmation करने के लिए हमने rsi की मदत ली।
और RSI की लाइन ने चार्ट पर ब्रेकडाउन से पहले ही सिग्नल दे दिया।
जब ब्रेकडाउन हो और rsi लाइन नार्मल लाइन के निचे जाने का संकेत दे रही हो, तो ही हमें शेयर को खरीदना हैं।
निष्कर्ष
आपने आज जान लिया होगा की पॉइंट और फिगर चार्ट की ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी क्या हैं ?
वैसे तो ट्रेडिंग के बोहोत सारी स्ट्रेटेजी हैं लेकिन,
यह strategy काफी आसान हैं और असरदार भी, जो की एक नया ट्रेडर और इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग में इसका उपयोग कर सकता हैं।
Point & Figure चार्ट पर fake Breakout और Breakdown काम क्यों दिखाई देते हैं ?
क्योकि इस चार्ट में सिर्फ प्राइस को महत्व दिया जाता हैं और समय को नहीं, इस वजह से चार्ट पर छोटे-छोटे moves नहीं दिखाई देते और चार्ट पर नॉइज़ कम हो जाती हैं।
Point & Figure चार्ट का उपयोग कीन्हे करना चाहिए ?
जो ट्रेडर मध्यम से लंबे अवधि की ट्रेडिंग करना चाहता हो उन्हें Point & Figure चार्ट का उपयोग करना चाहिए।
Point & Figure चार के साथ RSI का उपयोग।
अगर हम RSI indicator के साथ ट्रेडिंग करते हैं तो हमें ज्यादा accuracy मिलने की संभावना होती हैं।