सिद्ध तरीके

बाजार पैटर्न

बाजार पैटर्न

बाजार अनुसंधान

मार्केट रिसर्च एंड इंटेलिजेंस एक महत्वपूर्ण मार्केटिंग टूल है जो लक्षित बाजार के बारे में गहराई से जानकारी प्रदान कर सकता है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से संभावित बाजारों में प्रवेश करने और मौजूदा बाजारों में स्थिति को मजबूत करने के लिए किया जाता है। उपभोक्ता वरीयताओं और बाजार आसूचना के पैटर्न का अध्ययन करके संभावित बाजारों का बेहतर दोहन किया जा सकता है। बाजार अनुसंधान मूल्यवान विश्लेषण प्रदान करेगा जो मूल्य निर्धारण, पैकेजिंग और यहां तक कि उत्पाद विकास जैसे निर्णय लेने में सहायता करेगा ।

मौजूदा बाजार को मजबूत करने के लिए, अप-टू-डेट बाजार में बदलाव या उत्पाद की मांग में बदलाव के बारे में जागरूकता का सहज महत्व है। यह स्थापित भारतीय निर्यातकों को उपभोक्ता वरीयताओं या अल्पकालिक मांगों के आधार पर उत्पाद लाइनों बाजार पैटर्न को बदलने पर त्वरित निर्णय लेने के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा।

कैंडलस्टिक को समझने की शुरुवात

4.1 इतिहास अपने को दोहराता है सबसे बड़ी अवधारणा (Assumption)

जैसे कि हम पहले भी बात कर चुके हैं कि टेक्निकल एनालिसिस में सबसे जरूरी अवधारणा (Assumption) यह है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। टेक्निकल एनालिसिस इस अवधारणा को बार-बार इस्तेमाल करता है। यह सबसे महत्वपूर्ण अवधारणा है।

टेक्निकल एनालिसिस की इस अवधारणा को और गहराई से समझना जरूरी है क्योंकि कैंडलस्टिक के पैटर्न पूरी तरीके से इस अवधारणा आधार बनाते हैं।

मान लीजिए आज 7 जुलाई 2014 है और कुछ चीजें बाजार में हो रही है।

  1. घटना एक शेयर पिछले 4 दिनों से लगातार गिर रहे हैं ।
  2. घटना दो आज 7 जुलाई 2014 को पांचवा ट्रेडिंग सेशन है जहां शेयर गिर रहे हैं। शेयर वॉल्यूम भी कम है।
  3. घटना तीन शेयर की कीमत का दायरा भी पिछले दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा छोटा है।

इन घटनाओं को ध्यान में रखते हुए अब आप मानिए कि अगले दिन यानी 8 जुलाई 2014 को शेयरों की गिरावट थम जाती है और शेयर थोड़ी सी तेजी के साथ भी बंद होते हैं। तो पिछली तीन घटनाओं के परिणाम में छठवें दिन शेयर बाजार ऊपर की तरफ गया।

कुछ समय बीत जाता है मान लीजिए कुछ महीने , और बाजार में 5 दिनों तक फिर से ऐसी घटनाएं होती हैं जैसी हमने ऊपर देखी थी। अब आप छठवें दिन के लिए क्या उम्मीद लगाएंगे?

हमारी अवधारणा है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। यहां हम अपने अवधारणा में एक और चीज जोड़ देते हैं , वो ये कि जब पिछले कुछ दिनों की घटनाएं इतिहास की किसी और समय की तरह से चल रही है तो हम यह मान सकते हैं कि उन घटनाओं के बाद जो परिणाम दिखा था वही परिणाम फिर से दिखेगा। इसी अनुमान के आधार पर हम कहते हैं कि अब छठवें दिन शेयर ऊपर जाएंगे।

4.2- कैंडलस्टिक पैटर्न और उनसे जुड़ी उम्मीदें

कैंडलस्टिक का इस्तेमाल ट्रेडिंग पैटर्न समझने के लिए किया जाता है। पैटर्न , यानी एक खास तरह की घटना जब एक खास तरीके के संकेत देती है तो उसे पैटर्न कहते हैं। टेक्निकल एनालिस्ट पैटर्न के आधार पर ही अपना ट्रेड यानी सौदा तय करते हैं। किसी भी पैटर्न में दो या दो से ज्यादा कैंडल एक खास तरीके से लगे होते हैं। लेकिन कभी-कभी एक कैंडलस्टिक से भी पैटर्न समझा जा सकता है। इसलिए कैंडलस्टिक पैटर्न को सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी एक कैंडलस्टिक वाले पैटर्न और मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न यानी कई कैंडलस्टिक वाला पैटर्न में बांटा जा सकता है। एक कैंडलस्टिक वाले पैटर्न में हम जो चीजें जानेंगे वह हैं।

  1. मारूबोज़ू (Marubozu)
    1. बुलिश मारूबोज़ू ( Bullish Marubozu)
    2. बेयरिश मारूबोज़ू (Bearish Marubozu)
    1. हैमर (Hammer)
    2. हैंगिंग मैन (Hanging man)

    मल्टीपल कैंडलस्टिक (Multiple Candlestick) पैटर्न वह होता है जिसमें कई कैंडलेस्टिक से एक पैटर्न बनता है मल्टीपल कैंडलस्टिक पैटर्न में हम जिन चीजों को जानेंगे , वो हैं :

    1. एन्गल्फिंग पैटर्न (Engulfing pattern)
      1. बुलिश एन्गल्फिंग (Bullish Engulfing)
      2. बेयरिश एन्गल्फिंग (Bearish Engulfing)
      1. बुलिश हेरामी (Bullish Harami)
      2. बेयरिश हेरामी (Bearish Harami)

      आप सोच रहे होंगे कि इन नामों का मतलब क्या है? जैसा कि हमने पहले भी बताया, इनमें से कई नाम अभी भी जापानी भाषा से ही आते हैं।

      कैंडलस्टिक पैटर्न एक ट्रेडर को ट्रेड की रणनीति बनाने और एक नजरिया बनाने में मदद करते हैं। हर पैटर्न में रिस्क की रणनीति भी होती है , साथ ही , एन्ट्री और स्टॉप बाजार पैटर्न लॉस कीमत के बारे में संकेत होते हैं।

      4.3 – कैंडलस्टिक से जुड़ी कुछ खास मान्यताएं

      हम पैटर्न के बारे में जानना और समझना शुरू करें उसके पहले कुछ और अवधारणाओं / मान्यताओं को अपने दिमाग में रखना जरूरी है। यह अवधारणाएं कैंडलस्टिक से जुड़ी हुई हैं। इन अवधारणाओं को ठीक से अपने दिमाग में बैठा लीजिए क्योंकि आने वाले समय में हम इन पर बार-बार लौटेंगे। हो सकता है कि यह अवधारणाएं अभी आपको पूरी तरीके से समझ ना आएं लेकिन आगे चलते हुए हम इनके बारे में और विस्तार से समझेंगे। इसलिए अभी से इनको से थोड़ा-थोड़ा जान लेना जरूरी है।

      बाजार पैटर्न

      2 Continuation chart Patterns कॉन्टिनुएशन चार्ट पैटर्न

      3 Bilateral Chart pattern द्विपक्षीय चार्ट पैटर्न

      1 Reversal chart Patterns रिवर्सल चार्ट पैटर्न

      Ascending Triangle Chart pattern- असेंडिंग ट्रैंगल चार्ट पॅटर्न

      Descending Triangle Chart pattern- डिसेंडिंग ट्रैंगल चार्ट पैटर्न

      Double Bottom Reversal Chart pattern डबल बॉटम रिवर्सल चार्ट पैटर्न

      Double Top Reve rsal Chart pattern डबल टॉप रिवर्सल चार्ट पैटर्न

      Head and Shoulder Reversal Chart Pattern हेड एंड शोल्डर रिवर्सल चार्ट पैटर्न

      Bullish Flag Continuation Pattern बुलिश फ्लैग कॉन्टिनुएशन पैटर्न

      – यह पैटर्न जब मार्केट अप ट्रेंड में होता है और यह पैटर्न बनता है तो Trend कॉन्टिनुएशन का सिग्नल मिल सकता है|

      Rising Wedge Chart Pattern (Bullish Reversal) राइजिंग वेज चार्ट पैटर्न (बुलिश रिवर्सल)

      यह रिवर्सल पैटर्न है , शुरुआत में मार्किट अप ट्रेंड में होता है , फिर बढ़ने की कोशिश करता है लेकिन डाउन ट्रेंड सुरु होता है

      धनतेरस पर गुलजार हुए बाजार, दो दिन में करीब 45 हजार करोड़ का कारोबार

      कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के आंकड़े के मुताबिक देश में दो दिन के धनतेरस त्योहार पर लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार अन्य जरूरी सामान का हुआ.

      धनतेरस पर लोगों ने जमकर की जेब ढीली (सांकेतिक तस्वीर)

      राम किंकर सिंह

      • नई दिल्ली,
      • 23 अक्टूबर 2022,
      • (अपडेटेड 23 अक्टूबर 2022, 7:21 PM IST)

      देशभर में पंचांग तिथि के अनुसार कल और आज दो दिन (22-23 अक्टूबर) धनतेरस का त्यौहार मनाया गया. जिसमें एक अनुमान के मुताबिक लगभग 45 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यापार हुआ. जबकि ज्वेलरी व्यापार दो दिनों में लगभग 25 हजार करोड़ के आस-पास हुआ. इसके अलावा लगभग 20 हजार करोड़ का व्यापार ऑटोमोबाइल, कम्प्यूटर एवं कम्प्यूटर से संबंधित सामान, फर्नीचर, घर और ऑफिसों की साज-सज्जा के लिए जरूरी सामान, मिठाई एवं नमकीन, किचन का सामान, सभी प्रकार के बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल वस्तुओं में हुआ.

      बता दें कि धनतेरस के दिन संसाधनों की खरीदी की जाती है. इसलिए देशभर में लोग धनतेरस के दिन ही दीपावली की पूजा से जुड़ी खरीदारी और कारोबार के लिए सामान खरीदते हैं.

      बाजारों में देखा गया ये अनोखा पैटर्न

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      कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने बताया कि कल और आज दो दिन देशभर के बाजारों में ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ी. माना जा रहा है कि दो साल कोरोना की वजह से बाजार से दूर रहने वाले ग्राहक अब फिर वापिस बाजार में पूरे जोर-शोर से आ गए हैं और इसीलिए कैट का यह अनुमान है की इस वर्ष दिवाली त्योहार की बिक्री का आंकड़ा 1 लाख 50 हजार करोड़ के पार होगा. इस बार यह भी देखा जा रहा है कि देशभर के बाजारों में भारतीय सामान को खरीदने पर जोर दिया जा रहा है, जिसके कारण चीन को इस वर्ष दिवाली से संबंधित सामान की 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा.

      फिर से गुलजार हुए बाजार

      कैट के सहयोगी संगठन आल इंडिया ज्वेलर्स एवं गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज अरोरा ने बताया कि भारतीय स्वर्ण उद्योग कोरोना संकट से पूरी तरह उबर चुका है और भारत में सोने की मांग अपने उच्चतम स्तर पर आ गई है. आर्थिक गतिविधियों में जोरदार उछाल और उपभोक्ता मांग में सुधार के बाद जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सोने की मांग में सालाना आधार पर घरेलू बाजार में 80% तक की बढ़ोतरी हुई है. अरोरा के मुताबिक 2021 के मुकाबले 2022 में भारत में स्वर्ण आयात में लगभग 11.72% की कमी आई है. पिछले वर्ष जहां भारत में पहली छमाही में 346.38 टन सोना आयात किया गया जो इस बार 308.78 टन रह गया, जिसकी भरपाई कोरोना काल से उत्पन्न संकट के रिजर्व स्टॉक से की गई. वहीं देशभर में बड़ी मात्रा में लोगो ने पुराने गहने देकर नए गहने बनवाए हैं और पिछले दो सालों के स्टॉक की भी बिक्री बड़ी मात्रा में हुई है.

      दो दिनों में बाजार में लौटी रौनक

      दो दिन के धनतेरस त्योहार के चलते देशभर में लगभग 25 हजार करोड़ रुपये के सोने, चांदी और डायमंड जिसमें गहनों के साथ ही सोने-चांदी के सिक्के, नोट, मूर्तियां और बर्तन की बड़ी बिक्री हुई है. एक अनुमान के अनुसार ज्वेलरी के अलावा कल और आज दो दिनों में ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगभग 6 हजार करोड़, फर्नीचर में लगभग 1500 करोड़, कंप्यूटर एवं कंप्यूटर से संबंधित सामानों में लगभग 2500 करोड़, एफएमसीजी में लगभग 3 हजार करोड़, इलेक्ट्रॉनिक्स सामान में लगभग 1 हजार करोड़, स्टेनलेस स्टील, एल्युमीनियम एवं पीतल के बर्तनों में लगभग 500 करोड़, किचन के उपकरण एवं किचन के अन्य सामन में लगभग 700 करोड़, टेक्सटाइल, रेडीमेड गारमेंट एवं फैशन के कपडे में लगभग 1500 करोड़ का व्यापार हुआ है. जबकि दिवाली पूजा का सामान, घर एवं ऑफिस की साज सज्जा, बिजली एवं बिजली के उपकरण, स्टेशनरी, बिल्डर हार्डवेयर, लकड़ी एवं प्लाईवुड आदि में भी काफी बड़ा व्यापार हुआ है.

      बताते चलें कि 24 अक्टूबर को देशभर में दिवाली मनाई जाएगी, वहीं 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण होने के कारण, 26 अक्टूबर को श्री गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव, 27 अक्टूबर को भैया दूज और उसके बाद छठ पूजा तथा 5 नवंबर को तुलसी विवाह के साथ दिवाली त्येहार का सीजन खत्म होगा और देशभर के व्यापारियों को बड़ी उम्मीद है कि अभी दिवाली त्योहार के बचे हुए दिनों में भी बिक्री में बेहद वृद्धि होगी.

      Karwa Chauth 2022: करवाचौथ पर कपड़ा बाजार में पसरी रौनक, महिलाओं को लुभा रहे डिजाइनर लहंगे और ड्राप स्टाइल ड्रेस

      करवाचौथ के लिए तैयार बैरागढ़ कपड़ा बाजार। थीम बेस्ट साड़ियों की मांग भी बढ़ी। आर्गेनिक और शिमर फैब्रिक पसंद कर रही हैं युवतियां। बनारसी, सिल्क, कांजीवरम, नेट की साड़ियों के साथ वेलवेट-जरी के लहंगे, ड्रेस मटेरियल की भी अच्छी बिक्री हो रही है।

      Karwa Chauth 2022: करवाचौथ पर कपड़ा बाजार में पसरी रौनक, महिलाओं को लुभा रहे डिजाइनर लहंगे और ड्राप स्टाइल ड्रेस

      भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। राजधानी के उपनगर बैरागढ़ के कपड़ा बाजार में करवाचौथ की रौनक शुरू हो गई है। बाजार में ब्राइडल लहंगे और ड्रेस मटेरियल की मांग बढ़ गई है। थीम बेस्ड साड़ियां और ड्राप स्टाइल ड्रेस ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं। करवा चौथ को देखते हुए बाजार में नया कलेक्शन खूब बिक रहा है। डिजाइनर लहंगे के साथ अब साड़ियों के बेसिक पेटर्न का रिवाज भी लौट आया है।

      व्यापारियों का कहना है कि युवतियां ड्राप स्टाइल ड्रेस पसंद कर रही हैं। यह नया पैटर्न है। साड़ी की तरह दिखने वाली ड्रेस को ही ड्राप स्टाइल ड्रेस कहा जाता है। इसका लुक ही इसे अलग बनाता है। इसके अलावा महिलाएं बेसिक पैटर्न पर आधारित ओरगंजा, शिमर आदि की खरीदी कर रही हैं। बनारसी, सिल्क, कांजीवरम, नेट की साड़ियों के साथ वेलवेट-जरी के लहंगे, ड्रेस मटेरियल की भी अच्छी बिक्री बाजार पैटर्न हो रही है।

      युवा पीढ़ी करवा चौथ पर थीम बेस्ड पार्टी करती है। बाजार में इस तरह के कपड़े खूब बिक रहे हैं। परिवार के सदस्य फैशन डिजाइनर की सलाह पर खरीदी कर रहे हैं। कपड़े खरीदने के बाद उन्हें डिजाइन किया जाता है। प्रमुख कपड़ा व्यापारी सुरेश मंगतानी के अनुसार करवाचौथ पर शिमर, आर्गेनिक एवं गर्लिश फैब्रिक पैटर्न पसंद किया जाता है। बाजार में यह नई वैरायटी है। महिलाओं ने इस पैटर्न पर बने लहंगे की खरीदी शुरू कर दी है।

      MP News : मप्र में चुनाव जीतने के लिए एनजीओ का साथ लेगी कांग्रेस

      पिछले दिनों कपड़े के दाम में 10 से 25 फीसद तक बढ़ोतरी हुई। काटन का कपड़ा 40 फीसद तक महंगा हो गया। इसका असर बिक्री पर भी पड़ा। व्यापारी मिक्स काटन एवं सिंथेटिक कपड़ा मंगाने लगे। हाल ही में काटन का कपड़ा फिर सस्ता हुआ है। सिंथेटिक कपड़े के दाम में भी कमी आई है। पिछले दो माह से दाम स्थिर हैं। लिहाजा, व्यापारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद बंधी है।

      Bhopal Crime News : चाचा ने कीटनाशक छिड़कने के बाद रखा था गिलास, भतीजे ने उसमें पी लिया पानी, मौत

      करवा चौथ को देखते हुए हमने नया स्टाक मंगाया है। नए पार्टी वियर कलेक्शन की अच्छी मांग है। बाजार में लहंगे एवं साड़ियों की नई डिजाइन मांगी जा रही है। परंपरागत कपड़े की मांग भी बनी हुई है। वेडिंग सेट एवं ब्राइडल लहंगे की मांग सबसे अधिक है।

      करवाचौथ पर युवतियां अलग-अलग तरह के कपड़े डिजाइन कराती हैं। ड्राप स्टाइल ड्रेस की मांग बढ़ रही है। यह डिजाइनर ड्रेस है। इसमें साड़ी एवं सूट का मिक्स लुक नजर आता है। थीम बेस्ड कपड़े भी डिजाइन कराए जा रहे हैं।

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