फाइनेंस कितने प्रकार का होता है

Ans. आजकल तो बाजार में बहत सारी फाइनेस कंपनी है, पर कुछ ऐसी कंपनी है, जो काफी अच्छा काम कर रही है। HDFC.
Bajaj Finance.
Muthoot Finance.
Cholamandalam Finance.
Shriram Transport Finance.
Sundaram Finance.
L&T Finance.
LIC Housing Finance.
होम लोन
अन्य कारकों के साथ अच्छे क्रेडिट इतिहास और स्थिर आय वाले पात्र एप्लीकेंट के लिए लोन फाइनेंस कितने प्रकार का होता है राशि का लाभ उठाया जा सकता है.
30 वर्षों की पुनर्भुगतान अवधि
हम सुविधाजनक पुनर्भुगतान अवधि प्रदान करते हैं ताकि आपकी ईएमआई किफायती रहे और आपकी जेब पर दबाव न पड़े.
रु. 1 करोड़ का टॉप-अप*
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48 घंटे में डिस्बर्सल*
आसान अनुभव सुनिश्चित करने के लिए, हम सबसे कम टर्नअराउंड टाइम्स के लिए प्रयास करते हैं. वेरिफिकेशन के तुरंत बाद हमारे लोन डिस्बर्स किए जाते हैं.
शून्य प्री-पेमेंट और फोरक्लोज़र शुल्क
फ्लोटिंग ब्याज़ दर वाले होम लोन की अवधि समाप्त होने से पहले बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के अपनी सभी या लोन राशि का हिस्सा चुन सकते हैं
हाउसिंग लोन के लिए पात्रता मानदंड
बजाज फिनसर्व से होम लोन के लिए ऑनलाइन अप्लाई करने के पात्रता मानदंड आसान हैं; अच्छी फाइनेंशियल प्रोफाइल वाला कोई भी भारतीय नागरिक फंडिंग प्राप्त कर सकता है. कुछ मानदंड इसपर निर्भर करते हैं कि आप वेतनभोगी हैं या स्व-व्यवसायी, जबकि बाकी सामान्य रहते हैं. इसके अलावा, कुछ हां या ना प्रकार के मानदंड होते हैं, जैसे आपकी आयु, जबकि कुछ आपको प्रदान की जाने वाली उधार की शर्तों को प्रभावित करते हैं. उदाहरण के लिए, एक ही आयु के दो व्यक्तियों में से, उच्च क्रेडिट स्कोर वाला व्यक्ति अधिक लोन राशि के लिए पात्र होगा.
वेतनभोगी के लिए
23 वर्ष से 62 वर्ष तक
वर्तमान उद्यम के साथ 5 वर्ष का विंटेज
निवास के शहर और आयु के आधार पर रु. 30,000 से Rs. 50,000 फाइनेंस कितने प्रकार का होता है तक
निवास के शहर और आयु के आधार पर रु. 30,000 से Rs. 40,000 तक
भारत में होम लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट
ऑनलाइन एप्लीकेशन फॉर्म भरते समय निम्नलिखित डॉक्यूमेंट हाथ में रखें:
- 1 केवाईसी डॉक्यूमेंट - आप इसके लिए अपना पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड सबमिट कर सकते हैं
- 2 आपके कर्मचारी आईडी कार्ड
- 3 पिछले 3 महीनों की सेलरी स्लिप
- 4 पिछले 6 महीनों की बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
- 5 प्रॉपर्टी के डॉक्यूमेंट जिन्हें बाद में सबमिट करना होगा
इनकम प्रूफ डॉक्यूमेंट की आवश्यकता है
इनके लिए होम लोन:
स्व-व्यवसायी और वेतनभोगी व्यक्ति
- लेटेस्ट फाइनेंस कितने प्रकार का होता है सैलरी स्लिप या फॉर्म 16
- पिछले 6 महीनों की बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
*ध्यान दें कि आपके एप्लीकेशन के प्रोसेसिंग के फाइनेंस कितने प्रकार का होता है दौरान उपरोक्त डॉक्यूमेंट की लिस्ट संकेतक और अतिरिक्त डॉक्यूमेंट की आवश्यकता हो सकती है.
Finance Kya Hai | फाइनेंस के प्रकार?
आज की पोस्ट के माध्यम से Finance Kya Hai, What is Finance और Types of Finance Hindi की जानकारी प्रदान करने जा रहे हैं क्योंकि आपने अक्सर समाचार और न्यूज़ चैनलों में इसके अलावा इंटरनेट पर फाइनेंस शब्द के बारे में कई बार सुना होगा |
जहां पर सरकार की तरफ से अक्सर फाइनेंस शब्द का उपयोग किया जाता है जब सरकार की तरफ से बजट पेश किया जाता है तो उसमें फाइनेंस शब्द का इस्तेमाल सबसे अधिक किया जाता है वहीं इसके अलावा लोकसभा में भी फाइनेंस एक चर्चा का विषय बना रहता है |
ऐसे में अगर आप जानना चाहते हैं की Finance Kya Hai? What is Finance और फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं वहीं का उपयोग कहां पर किया जाता है और क्यों फाइनेंस शब्द का इतना अधिक इस्तेमाल हो रहा है हम यहां पर संपूर्ण जानकारी इस विषय के ऊपर देंगे |
Finance Kya Hai ( What is Finance)
यहां पर सबसे पहले हम जानते हैं कि फाइनेंस सबको कहां से लिया गया है जहां पर बताना चाहेंगे कि इसे फ्रेंच भाषा से लिया गया है वही इस शब्द की उत्पत्ति 18 वी सदी के आसपास की गई थी, इसके अलावा हम बताना चाहेंगे कि फाइनेंस शब्द को हिंदी भाषा में वित्त कहते हैं |
इसके साथ ही वित्त का सीधा संबंध पैसे से होता है वही फाइनेंस या फिर वित्त का उपयोग किसी भी प्रकार के पैसों को दर्शाने के लिए किया जाता है या फिर उसके लेनदेन को बताने के लिए फाइनेंस शब्द का उपयोग किया जाता है |
अर्थात इस शब्द का उपयोग किसी भी प्रकार के पैसों के प्रबंधन को अच्छी तरीके से परिभाषित करने के लिए किया जाता है और सबसे अधिक इस्तेमाल इसका सरकारों के द्वारा किया जाता है जिससे कि वह पैसों को और अच्छी तरीके से परिभाषित कर सके |
आप अगर फाइनेंस के बारे में और अधिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं या फिर इसमें किसी प्रकार की डिग्री प्राप्त करना चाहते हैं उसके लिए आपको अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने की जरूरत होती है जहां पर कॉलेज में अर्थशास्त्र को लेकर भी विकल्प उपलब्ध है |
फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं?
यहां पर अभी तक Finance Kya Hai? के विषय के ऊपर जानकारी प्रदान की है अभी हम बात करते हैं कि फाइनेंस कितने प्रकार के होते हैं और उनका उपयोग कहां कहां पर किया जाता है जिससे कि इस विषय के ऊपर और बेहतर तरीके से जानकारी मिल पाएगी |
हम बताना चाहेंगे कि कुल मिलाकर तीन प्रकार के फाइनेंस होते हैं और हम यहां पर नीचे के करके इन तीनों प्रकार के फाइनेंस के बारे में विस्तार से बताएंगे कि इनका उपयोग कहां कहां पर किया जाता है |
व्यक्तिगत वित्त (Personal Finance)
जैसा की उसके नाम से ही जान सकते हैं कि व्यक्तिगत वित्त जो कि किसी व्यक्ति के पैसों के लेनदेन से जुड़ा हुआ विषय फाइनेंस कितने प्रकार का होता है है पर्सनल फाइनेंस में किसी व्यक्ति के द्वारा अपने पैसों का लेनदेन और उसका सही तरीके से इस्तेमाल करने के तरीके को पर्सनल फाइनेंस कहते हैं |
Finance क्या है? भारत की बेस्ट फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?
क्या आप जानते है कि Finance क्या हैं? अगर आप नही जानते है तो में इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाला हूं। फाइनेंस कितने प्रकार के होते है? और भारत की प्रमुख फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?
फाइनेंस शब्द फ्रेंच भाषा से लिया गया है। इस शब्द का उपयोग 18 सदी के आरंभ में शुरू किया गया था। फाइनेंस को हिंदी भाषा में वित्त कहां जाता है।
Finance क्या हैं?
Table of Contents
फाइनेंस एक ऐसा जरिया है जिसके माध्यम से आप कोई कम करने या अपना खुद का नया बिजनेस शुरू करना चाहते है तो उसके पूंजी को सही इस्तेमाल कर सके। आज के समय में होने वाला खर्चा और भविष्य में होने वाले संभावित खर्च के लिए की गई बचत फाइनेंस मैनेजमेंट पर निर्भर करता है।
Finance कितने प्रकार के होते है?
फाइनेंस तीन प्रकार के होते हैं।।
Personal Finance:
इसके फाइनेंस कितने प्रकार का होता है अंतर्गत उस वित्त को लिया जाता है जिसे व्यक्ति अपने परिवार के लिए एकत्रित करता है या अपने निजी रूप से इसका इस्तेमाल करता है यह वित्त पारिवारिक आय और बचत का माध्यम होता है जो परिवार की आवयश्कताओं पर निर्भर करता है यह वित्त निजी खर्च से लेकर बचत को प्रोत्साहन देता है।
इसलिए इसे निजो वित्त भी कहते हैं। यह परिवार के प्रमख का दायित्व है जिसे मुखिया के माध्यम से एकत्रित किया जाता है। यह बजट की भांति ही रहता है जो आवश्यकता के अनुसार ही लिया जाता है।
भारत में प्रमुख फाइनेंस कंपनियां कौन-सी है?
इस फाइनेंस में बैंक, NBFC company और Small Finance Bank आता है। तो चलिए जानते है कि वो कौनसी कंपनियां है:-
- Bajaj Finance Limited
- HDFC Finance
- LIC Housing Finance Limited
- Mahindra Financial Service Limited
- Muthoot Finance Limited
- TATA Capital Financial Service Limited
- HDB Finance Services
- Aditya Birla Finance Limited
- Kotak Mahindra Prime Limited
- Indian Railway Finance Corporation Limited
- L&T Infrastructure Finance Corporation Limited
- Shriram Transport Finance Company Limited
- Shriram City Union Finance Limited
- Rural Electrification Corporation Limited
- Cholamandalam Finance
Gold Loan क्या होता है
साधारण शब्दों में बताये तो सोने को गिरवी रख कर मिलने वाला लोन Gold loan कहलाता है, अर्थात इस प्रकार के लोन को प्राप्त करने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर आपके गोल्ड को किसी बैंक के लॉकर में रखा जाता है और उस सोने के मूल्य के अनुसार आपको लोन दे दिया जाता है।
गोल्ड लोन भी सिक्योर्ड लोन के अंतर्गत आता है। Personal loan की तुलना में गोल्ड लोन में कम ब्याज दर लगता है और ये आसानी से मिल भी जाता है।
गोल्ड लोन देने वाली बहुत सी प्रचलित कंपनी मार्केट में मौजूद हैं जैसे कि Rupeek gold loans, Muthoot finance, Manappuram फाइनेंस लिमिटेड व अन्य बैंक जैसे कि State Bank Of India, HDFC बैंक, आईसीआईसीआई बैंक इत्यादि।
Home Loan क्या है
Home loan भी लोन का एक प्रकार है। घर के निर्माण, नए घर को खरीदना हो, जमीन खरीद हेतु, घर के मरम्मत हेतु, गृह विस्तार हेतु लिए जाने वाले लोन को home loan कहा जाता है।
इसके अतिरिक्त होम लोन के अंतर्गत Joint Home Loan, Home loan balance transfer, top up home loan इत्यादि आते हैं।
Personal Loan क्या होता है In Hindi
व्यक्तिगत कार्य के लिए लिए जाने वाले लोन को Personal Loan कहते हैं। ये व्यक्तिगत कार्य आपके शादी का खर्च, कहीं जाने के लिए लगने वाला खर्च, शिक्षा (education) के दौरान आने वाला खर्च, किसी प्रकार का मेडिकल खर्च इत्यादि व्यक्तिगत कार्य हो सकते हैं।
अन्य प्रकार के भी लोन भारतीय बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा दिया जाता है और उनके नाम निम्नलिखित है।
- कार लोन
- Fixed Deposit फाइनेंस कितने प्रकार का होता है loan
- वाहन (Vehicle) Loan
- Flexi लोन
- Loan Against Property (LAP)
- Working Capital Loans
- Traders Loan
- मैन्युफैक्चरिंग के लिए लोन
- MSMEs के लिए स्माल बिज़नेस लोन
- महिला उद्यमी के लिए लोन (Women Entrepreneur Loan)
निष्कर्ष –
finance kya hota hai-फाइनेंस क्या होता है ?
finance kya hota hai
नमस्ते दोस्तों। आज हम finance kya hota hai(what is finance) के फाइनेंस कितने प्रकार का होता है बारे में जानेंगे। और साथ ही हम जानेंगे की फाइनेंस कितने प्रकार के होते है। आपने कईबार finance ये शब्द सुना होगा। लेकिन ज्यादातर आपको इसके बारे में पता ही नहीं है। आज के ज़माने में सबसे ज्यादा फाइनेंस ही इम्पोर्टेन्ट है। क्युकी फाइनेंस से बड़ी बड़ी कंपनी संभाली जाती है।
अभी के टाइम पर तो फाइनेंस को समझना काफी मदतगार होगा। क्युकी दिन में कही न कही आपका सामना फाइनेंस से होता ही होगा। हर चीज में फाइनेंस होता है। अगर फाइनेंस आप सिख गये तो आपको जिंदगी में आगे जाने से कोई नहीं रोक सकता। तो चलिए समझते है की आखिर ये finance kya hota hai /what is finance .
what is finance /finance kya hota hai
सबसे पहले आपको बतादु finance ये शब्द फ्रेंच से आया है। हिंदी में इसका सरल अर्थ है वित्त या पूंजी। फाइनेंस कितने प्रकार का होता है जहा पर पैसो की बात होती है। वह फाइनेंस का विषय होता है। तरसल में पैसो के मैनेजमेंट को ही फाइनेंस कहा जाता है। जैसे आपको अगर व्यापार करना है। और आप कहिसे लोन लेकर आपने व्यापर शुरू करते है।
और व्यापार में लगने वाली सामग्री ,पैसो की देखरेख ,पैसो का मॅनॅग्मेंट को फाइनेंस ही संभालता है। उस पैसे को सही जगह इन्वेस्ट करना भी एक फाइनेंस ही होता है। फाइनेंस देखा जाये तो सब जगह जुड़ा हुआ है। जैसे की बैंक ,लोन ,शेयर मार्किट ,इन्वेस्टमेंट ,कैपिटल मार्किट ,डेबिट ,क्रेडिट इन सब जगह से फाइनेंस जुड़ा हुआ है।
सरल हिंदी में कहा जाये तो अपने या अपने व्यापार के पैसो का प्रबंधन करना फाइनेंस कहलाता है।
types of finance
finance ke prakar /फाइनेंस के प्रकार
फाइनेंस के मुख्य रूप से तीन प्रकार होते है।
- personal finance /पर्सनल फाइनेंस
- corporate finance /कॉर्पोरेट फाइनेंस
- public finance /पब्लिक फाइनेंस
तो चलिए इन तीनो को सरल भाषा में विस्तार में समझते है। ताकि आपको और भी फाइनेंस समझ में आ जाये।
१.personal finance /पर्सनल फाइनेंस
पर्सनल फाइनेंस का हिंदी में मतलब होता है व्यक्तिगत वित्त। यानि की व्यक्ति अपने हिसाब से अपने पैसो के मैनेज करता है। उसके खर्चे उसके पर्सनल जो भी होते है। उनको सहितरह से सम्भालना इसेही पर्सनल फाइनेंस कहा जाता है। हर व्यक्ति अपने ज्ञान के हिसाब से ही अपने वित्त को सम्भलता है। हर व्यक्ति का अलग अपना अपना फाइनेंस होता है। उसेही व्यक्तिगत फाइनेंस कहा जाता है।