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एक विजेता व्यापार स्थापित करना

एक विजेता व्यापार स्थापित करना
ब्रिटेन प्रौद्योगिकी का एक बड़ा केंद्र है और हम इसी विशेषज्ञता को भारत में लाना चाहते हैं। टेक रॉकेटशिप पुरस्कार वास्तव में ऐसा मंच है जो इस क्षेत्र में युवा भारतीय उद्यमियों को ब्रिटेन के कौशल का उपयोग करने का मौका प्रदान करता है। महिंद्रा समूह अपने संगठन के भीतर और बाहर महिंद्रा नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रयासों का संचालन करता है और हम एक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की रचना कर रहे हैं, जो अपनी ताकत को बढ़ाने और उद्यमियों के लिए मूल्य बनाने के लिए अनुमति देता है। मुझे इस साल की प्रतियोगिता की प्रविष्टियों को आंकने का बेसब्री से इंतजार है।

ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज द्वारा मुम्बई में स्टार्ट-अप अवार्ड का शुभारंभ

The Duke Cambridge tries a virtual lap in M2Electro simulator

अपने तीसरे वर्ष में आ चुका टेक रॉकेटशिप अवार्ड- जो भारत में यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट (यूकेटीआई) द्वारा एक पहल है – शीर्ष भारतीय स्टार्ट-अप को ब्रिटेन की विशेषज्ञ व्यापार सलाह तथा ब्रिटेन की अग्रणी पेशेवर सेवा कंपनियों की सहायता प्रदान करता है। इस साल की प्रतियोगिता कुछ और बड़ी और बेहतर हो गई है: क्योंकि प्रतियोगिता के दस सबसे होनहार स्टार्ट-अप्स को ब्रिटेन के लिए एक सप्ताह की व्यापार यात्रा का मौका मिलेगा। वहां वे उद्यम पूंजीपतियों, अनुभवी उद्योग नेताओं और उद्यमियों से मिलेंगे, जो यूके से आरंभ कर- उन्हें कैसे विदेश में एक फर्म आधार स्थापित किया जाए इस बारे में मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।

भारत में ब्रिटिश उप उच्चायुक्त, मुंबई और यूके ट्रेड तथा निवेश के महानिदेशक कुमार अय्यर ने टेक रॉकेटशिप पुरस्कार के आधिकारिक लॉन्च के मौके पर कहा:

हम आज ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज द्वारा टेक रॉकेटशिप पुरस्कार के उद्घाटन से प्रसन्न हैं। हम भारतीय उद्यमियों के अगले बैच का इंतजार कर रहे हैं, जो शायद अपनी तकनीक के माध्यम से दुनिया बदल देंगे। युवा उद्यमियों से माननीय राजकुमारी आज मुलाकात कर चुकी हैं और उनकी अनोखी पहल के बारे में जानकारी ले चुकी हैं।

इस पुरस्कार के उद्घाटन समारोह में ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज सभी युवा उद्यमियों के विचारों, नई पहलों और उनकी ऊर्जा से काफी प्रभावित हुए। ड्यूक एवं डचेज़ ऑफ कैंब्रिज ने संस्कृति दवाले द्वारा बनाई एक ब्रेल सीखने की मशीन पर कुछ अक्षरों पर अपने हाथ आजमाए; संस्कृति दवाले मुद्रा प्रॉजेक्ट की सह-संस्थापक और टेक रॉकेटशिप पुरस्कार की विजेता हैं। दोनों शाही मेहमानों को महिंद्रा फॉर्मूला ई रेसिंग कार के एक सिम्युलेटर, को देखने तथा उसे आजमाने के लिए आमंत्रित किया गया; जो ब्रिटेन-भारत प्रौद्योगिकी सहयोग का एक उदाहरण है। दोनों ने क्रिस शेल्ड्रिक के साथ भी मुलाकात की, जो What3Words के संस्थापक हैं, जिन्होंने भारतीय शहरों के कम व्यवस्थित क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था लाने के लिए भारतीय सामाजिक उद्यम ‘पॉलिनेट’ के साथ भागीदारी की है।

रॉयल हाइनेस द्वारा पुरस्कार के उद्घाटन के बाद एक पिचिंग सत्र का आयोजन किया गया, जहां चार युवा उद्यमियों ने व्यापार जगत की हस्तियों और उद्यम की दुनिया के बड़े चेहरों के समक्ष अपने इनोवेशन का प्रदर्शन किया। पैनलिस्ट में शामिल थे- आनंद महिंद्रा; एरिन कैपिटल के टी.वी मोहनदास पई; इंडियन एंजल नेटवर्क के सौरभ श्रीवास्तव और YourStory की युवा उद्यमी श्रद्धा शर्मा; YourStory एक अग्रणी तकनीकी मीडिया मंच है। इस कार्यक्रम का संचालन दिन के दौरान इनोवेटरों तथा उद्यमियों के एक केंद्र द्वारा तथा और शाम को एक रेस्तरां द्वारा आयोजित किया गया।

श्री महिंद्रा ने कहा:

ब्रिटेन प्रौद्योगिकी का एक बड़ा केंद्र है और हम इसी विशेषज्ञता को भारत में लाना चाहते हैं। टेक रॉकेटशिप पुरस्कार वास्तव में ऐसा मंच है जो इस क्षेत्र में युवा भारतीय उद्यमियों को ब्रिटेन के कौशल का उपयोग करने का मौका प्रदान करता है। महिंद्रा समूह अपने संगठन के भीतर और बाहर महिंद्रा नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न प्रयासों का संचालन करता है और हम एक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र की रचना कर रहे हैं, जो अपनी ताकत को बढ़ाने और उद्यमियों के लिए मूल्य बनाने के लिए अनुमति देता है। मुझे इस साल की प्रतियोगिता की प्रविष्टियों को आंकने का बेसब्री से इंतजार है।

ये अवार्ड ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन प्रयास के तहत हैं जिसका लक्ष्य है तेजी से आगे बढ़ती भारतीय कंपनियों के साथ संभावित ब्रिटिश वेंचर पूंजी और वित्त के अवसरों का संबंध जोड़ना। यह लॉन्च ऐसे समय में हुआ है जब ब्रिटिश वेंचर पूंजीपतियों के प्रतिनिधि भारत आए हुए हैं।

40 साल से कम उम्र के ऐसे भारतीय उद्यमियों के लिए आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं जो सन् 2000 के बाद स्थापित कंपनियों का संचालन कर रहे हैं। प्रत्येक पांच श्रेणियों- क्लीनटेक, एडटेक, फिनटेक, मेडटेक और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग से एक-एक विजेता का चयन किया जाएगा और ‘जजेज अवार्ड्स’ के तहत किसी भी श्रेणी से पुनः पांच विजेताओं का चयन किया जाएगा। विजेताओं की घोषणा ब्रिटिश-भारत प्रौद्योगिकी सम्मेलन में नई दिल्ली में नवंबर 2016 में किया जाएगा।

विश्व में अग्रणी वित्तीय और पेशेवर सेवाओं तथा तेजी से बढ़ते हुए तकनीकी क्षेत्र के साथ ब्रिटेन भारतीय कंपनियों को विदेशों में उनके विस्तार के लिए एक बेहतरीन आधार मुहैया करता है।

आगे की जानकारी

ग्रेट फॉर कोलैब्रेशन: प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री कैमरन द्वारा शुरू किया गया यह अभियान भारत और ब्रिटेन के बीच वाणिज्य और निवेश की उपक्रमों का यशोगान करता है और भारत एवं ब्रिटेन द्वारा आपस में साथ मिलकर किए गए बड़ी चीजों के निर्माण को प्रदर्शित करता है। इस अभियान के शुभारंभ के लिए दोनों प्रधानमंत्रियों तथा दोनों देशों के दस सबसे वरिष्ठ बिजनस लीडर इस वीडियो में दिखाए गए हैं।

यूके ट्रेड एंड इनवेस्टमेंट(यूकेटीआई) एक सरकारी विभाग है जो ब्रिटिश कंपनी को वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफल होने में सहायता करता है और यह भारत की कंपनियों को ब्रिटेन में स्थापित होने और उनके विस्तार के लिए पेशेवर, आधिकारिक और व्यक्तिकृत सहायता मुहैया करता है। *100 साल से भी अधिक समय से ब्रिटेन भारतीय निवेशकों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य रहा है।

  • कम टैक्स और प्रतिभाशाली कार्यबल के साथ ब्रिटेन आपके बिजनस के फलने-फूलने का सबसे सुविधापूर्ण स्थान है।
  • ब्रिटेन में व्यवसाय की स्थापना में केवल 13 दिन लगते हैं जबकि वैश्विक औसत इस मामले में 35 दिन का है।
  • ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनस’ के लिहाज से ब्रिटेन का स्थान दुनिया में 6ठा है। विश्व बैंक रिपोर्ट (अक्टूबर 2015) के मुताबिक, लाल फीताशाही और कॉरपोरेट टैक्स में सुधार के बाद व्यवसाय करने के लिहाज से ब्रिटेन और भी अधिक सुविधाजनक देश बन गया है।
  • 2014-15 में ब्रिटेन ने रिकॉर्ड संख्या में निवेश परियोजनाएं हासिल की और यूरोप में सर्वोच्च निवेश गंतव्य का अपना स्थान बरकरार रखा है।
  • भारत 2014 में ब्रिटेन तीसरा सबसे बड़े रोजगार सृजनकर्ता के रूप में उभरा है जहां से इस देश के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में 65% का इजाफा हुआ।2014-2015 में 122 एफडीआई परियोजनाओं में भारतीय निवेश के कारण 7,730 नए रोजगार पैदा हुए और ब्रिटेन में 1620 रोजगार सुरक्षित हुए। (स्रोत यूकेटीआई)
  • भारतीय कंपनियों द्वारा ब्रिटेन में रोजगार दिए गए लोगों की संख्या में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई जहां यह 2014 में 1,00,000 से बढ़कर 1,10,000 हो गया। (ग्रांट थॉर्नटन)
  • आईसीटी, एडवांस्ड इंजीनियरिंग और जीवन विज्ञान वे प्रमुख क्षेत्र हैं जहां भारत से निवेश आते हैं।
  • जी20 देशों में ब्रिटेन सबसे कम कॉरपोरेशन टैक्स लगाने वाला देश होने के साथ-साथ यह व्यवसाय लगाने के लिहाज से यूरोप और बाकी विश्व के लिए प्रवेश द्वारा की तरह है।

जानिए कि क्यों ब्रिटेन सर्वाधिक आकर्षक व्यवसाय गंतव्य है।

टेक रॉकेटशिप अवार्ड्स – साझेदार:

कैंब्रिज के ड्यूक और डचेज़ की भारत और भूटान यात्रा को निम्नलिखित माध्यम से फॉलो करें:

नया बिजनेस खोलने या मौजूदा बिजनेस को बढ़ाने के लिए महिला उद्यमियों को कैसे मिलेगा बिजनेस लोन? जानिए

पिछले लंबे समय में महिलाओं की बिजनेस की तरफ विशेष रुचि बढ़ी है. आज आपको ऐसी पांच योजनाओं के बारे में बताएंगे जो आसानी से महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करती हैं.

How to apply for women loan

How to apply for women loan

gnttv.com

  • नई दिल्ली,
  • 01 जून 2022,
  • (Updated 01 जून 2022, 5:16 PM IST)

10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है

महिला उद्यमियों को व्यापार बढ़ाने की है छूट

बीते कुछ सालों में नौकरी से लेकर हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. पिछले कुछ समय पहले आई एक रिपोर्ट के मुताबिक 20% व्यवसायों में महिलाओं की भागीदरी बढ़ी है. इस तरह व्यवसायिक क्षेत्र में महिलाओं के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी और निजी बैंकों सहित कई प्रमुख लोन संस्थानों ने विभिन्न योजनाओं की शुरुआत की. आज हम आपको ऐसे ही कुछ बिजनेस लोन के बारे में बताएंगे.

क्या हैं इसकी विशेषताएं

1. आसानी से उपलब्ध
हाल के वर्षों में समाज के महिला भाग से बिजनेस लोन की मांग लगातार बढ़ रही है. कई महिलाएं नए-नए स्टार्टअप आइडियाज़ के साथ आगे आ रही हैं, जिनके लिए उचित लोन की आवश्यकता पड़ेगी. इसी को देखते हुए कई वित्तीय संस्थान महिलाओं को बिजनेस लोन देने के लिए आगे आए हैं. यदि आपके पास एक ठोस व्यवसाय योजना, उचित बिक्री अनुमान और एक मजबूत क्रेडिट प्रोफ़ाइल है, तो ऋणदाता आपको कम व्यावसायिक ऋण ब्याज दर के लिए आसानी से स्वीकृति दे देगा.

2. उपयोग के मामले में लचीला
जब भी आप किसी व्यवसाय के बारे में प्लान करते हैं तो आपका मार्ग बाधाओं से भरा होता है. इस समय आपको एक साथ कई मुद्दों से निपटने के लिए पैसों की आवश्यकता होती है. कभी-कभी आपको स्टॉक और इन्वेंट्री की पुनःपूर्ति के लिए धन की आवश्यकता होती है, तो कभी नई मशीनरी खरीदने के लिए धन की. यदि आप एक स्थापित कंपनी हैं, तो आपको एक छोटा स्टार्ट-अप प्राप्त करने में रुचि हो सकती है. महिलाओं के लिए एक बिज़नेस लोन को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है कि यह विभिन्न प्रकार की व्यावसायिक आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकता है.

3. कोलेटरल फ्री लोन
महिला उद्यमियों के सामने सबसे आम चुनौती कोलेटरल के बदले धन की उपलब्धता है. हालांकि, महिलाओं के लिए बिजनेस लोन के मामले में ऐसा नहीं है. को-एपलिकेंट आपका साथी या बिजनेस पार्टनर हो सकता है.

4. फ्लेक्सिबल टेन्योर
महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन फ्लेक्सिबल टेन्योर के लिए उपलब्ध हैं. रिपेमेंट के लिए आप ईएमआई राशि के साथ एक अवधि का चयन कर सकते हैं जोकि बिल्कुल आपके बजट के हिसाब से हो.

5. नो प्रॉफिट शेयरिंग
ऐसे कुछ परिदृश्य हैं जिनमें महिला उद्यमी निजी इक्विटी के माध्यम से धन जुटाती हैं. हालांकि, ऐसा करने में कई कमियां हैं. उदाहरण के लिए, आपको निवेशकों के साथ लाभ साझा करना होगा और निवेशक व्यवसाय के सभी पहलुओं में शामिल होंगे. दूसरा आप अपनी कंपनी को लेकर जो भी फैसला लेंगे आपको इंवेस्टर की भागीदारी भी चाहिए होगी. इन सबमें अगर आपका इंवेस्टर आपके कंसेप्ट से खुश नहीं हैं तो आपको अपना डिसिजन बदलना होगा.

इसलिए, यदि आप पिछली स्थिति का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं, तो महिलाओं के लिए बिज़नेस लोन एक आदर्श विकल्प है. इसमें लेंडर द्वारा प्रॉफिट शेयरिंग का अनुरोध नहीं किया जाता है. आप केवल उधार ली गई राशि और ब्याज को चुकाने के लिए जिम्मेदार होंगे.

कैसे करें अप्लाई ?
अगर आपको लगता है कि यह लोन आपको नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद कर सकता है, तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप एक सुरक्षित और किफायती बिजनेस लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

- आदर्श ऋण देने वाली संस्था को खोजने के लिए रिसर्च करें.

- उनकी वेबसाइट पर जाकर, बिजनेस लोन सेक्शन में जाएं.

- बिजनेस लोन पेज पर आवश्यक दस्तावेज़ों की सूची देखें और न्यूनतम योग्यता शर्तों को पढ़ें.

- ऑनलाइन आवेदन पत्र को पूरा करें और सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें.

- ऋणदाता आपकी डिटेल्स को सत्यापित करेगा.

- यदि आपकी डिटेल्स संतोषजनक होंगी, तो लोन प्रोसेस के लिए आवश्यक अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के लिए उनका एक प्रतिनिधि आपसे संपर्क करेगा.

- एक बार जब आप एडिशनल डिटेल्स दे देंगे, तो ऋणदाता एक क्रेडिट मूल्यांकन शुरू करेगा. इसके आधार पर वे आपको एक प्रस्ताव पत्र भेजेंगे. पत्र में ऋण राशि, ब्याज दर और कुछ ऋण-संबंधित शुल्क जैसी जानकारी शामिल होगी जो लागू हो सकती हैं.

- आपको उपयुक्त संचार माध्यम के माध्यम से अपनी लिखित स्वीकृति देनी होगी.

- लोन स्वीकृत होने के बाद ऋणदाता कुछ समय बाद आपके अकाउंट में पैसे भेज देगा.

आज आपको ऐसी पांच योजनाओं के बारे में बताएंगे जो आसानी से महिला उद्यमियों को लोन प्रदान करती हैं.

1. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया से सेंट कल्याणी
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया उन महिला उद्यमियों के लिए बिज़नेस और स्टार्टअप लोन प्रदान करता है जो अपना नया बिजनेस खोलना चाहती हैं या मौजूदा बिजनेस को बढ़ाना चाहती हैं.

2. मुद्रा ऋण
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) योजना के तहत मुद्रा योजना एक सरकारी योजना है जिसके माध्यम से व्यक्ति, स्टार्टअप, व्यवसाय के मालिक और साथ ही महिला उद्यमी बैंकों से ऋण ले सकते हैं. मुद्रा योजना योजना के तहत महिलाओं को नया व्यवसाय स्थापित करने या मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने के लिए 10 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है. इसके तहत तीन तरीके से लोन दिया जाता है जिसमें शिशु (50,000 रुपये तक), किशोर (5 लाख रुपये), और तरुण (5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये) के तहत पेश किए जाते हैं.

3. भारतीय महिला बैंक से श्रृंगार और अन्नपूर्णा लोन योजनाएं
SBI महिला उद्यमियों को एक नया व्यवसाय स्थापित करने या विस्तार के लिए कई तरह के ऋण प्रदान करता है. इस कैटेगरी में श्रृंगार और अन्नपूर्णा योजनायें भी शामिल हैं. श्रृंगार लोन उन महिलाओं को प्रदान किया जाता है जो अपना ब्यूटी पार्लर खोलना चाहती है, वहीं अन्नपूर्णा लोन योजना उन महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करती है जो लंच बेचने के लिए फूड केटरिंग का बिजनेस खोलना चाहती हैं.

4. केनरा बैंक एनएसई से सिंड महिला शक्ति
केनरा बैंक नई और वर्तमान महिला उद्यमियों दोनों को ऋण देता है. यह योजना या तो नई और मौजूदा बिजनेस यूनिट की वर्किंग कैपिटल संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कैश क्रेडिट के रूप में या 10 साल तक की टर्म लोन योजना के रूप में उपलब्ध है. इस तरह के ऋण की मांग करने वाले व्यवसाय में एक या अधिक महिलाओं की वित्तीय होल्डिंग का कम से कम 50% हिस्सा होना चाहिए.

5. बैंक ऑफ बड़ौदा से शक्ति योजना
देना बैंक की शक्ति योजना, खेती और उससे संबंधित गतिविधियों, रिटेल व्यापार, माइक्रो क्रेडिट, शिक्षा, आवास के साथ-साथ प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर सहित कई क्षेत्रों में महिला उद्यमियों को सहायता प्रदान करती है. हालांकि लोन के लिए दिया जाने वाला अधिकतम पैसा उस सेक्टर पर निर्भर करता एक विजेता व्यापार स्थापित करना है, जिसमें आपका बिज़नेस है. लोन पर कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं ली जाती है और 5 लाख रुपये तक के लोन पर ब्याज दर में 0.50% की छूट दी जाती है.

हिंदी करेंट अफेयर्स प्रश्नोत्तरी : 24 सितम्बर, 2022

अमेज़न ने राजस्थान में तीन नए सौर फार्म्स के साथ भारत में अपनी पहली सौर परियोजना की घोषणा की, जिसमें 420 मेगावाट (मेगावाट) की संयुक्त ऊर्जा क्षमता है। अमेज़न का लक्ष्य 2025 तक अपने व्यवसाय में 100% नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग करना है।

2. रक्षा मंत्रालय ने किस कंपनी के साथ सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की दोहरी भूमिका के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं?

रक्षा मंत्रालय ने BAPL (BrahMos Aerospace Pvt. Ltd) के साथ सतह से सतह पर मार करने वाली ब्रह्मोस मिसाइल की दोहरी भूमिका के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए। ब्रह्मोस एयरोस्पेस (BAPL) भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।

3. कौन सा राज्य ‘पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन’ का मेजबान है?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर में पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन में छह विषयगत सत्र होंगे, जिनमें जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करना; PARIVESH – एकीकृत हरित मंजूरी के लिए सिंगल विंडो सिस्टम; वानिकी प्रबंधन; प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण; वन्यजीव प्रबंधन; प्लास्टिक और अपशिष्ट प्रबंधन इत्यादि।

4. विश्व में विज्ञान के क्षेत्र में सबसे समृद्ध पुरस्कार कौन सा है?

उत्तर – Breakthrough Prize

ब्रेकथ्रू पुरस्कार 2010 में सिलिकॉन वैली उद्यमियों के एक समूह द्वारा बनाया गया था, जिसमें एक उद्यम पूंजीपति मिलनर, मार्क जकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चान और गूगल के सर्गेई ब्रिन शामिल थे। ब्रेकथ्रू पुरस्कारों के 2023 विजेताओं की घोषणा हाल ही में जीवन विज्ञान श्रेणी, गणित और भौतिकी श्रेणी के लिए की गई। विजेता कुल मिलाकर 15 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक की पुरस्कार राशी प्राप्त करेंगे।

5. रुपया व्यापार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी पाने वाला पहला भारतीय बैंक कौन सा है?

उत्तर – यूको बैंक

भारत का सार्वजनिक क्षेत्र का ऋणदाता यूको बैंक रुपया व्यापार के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मंजूरी प्राप्त करने वाला पहला बैंक है। कोलकाता बेस्ड बैंक भारतीय रुपये में व्यापार निपटान के लिए रूस के गज़प्रॉमबैंक के साथ एक विशेष वोस्ट्रो खाता खोलेगा। जुलाई में, RBI ने भारतीय बैंकों को जुलाई में भारतीय मुद्रा में व्यापार करने की अनुमति देने के अपने निर्णय की घोषणा की थी। RBI ने भारत और श्रीलंका और रूस सहित अन्य देशों के बीच व्यापार समझौते की भी अनुमति दी।

उपर्युक्त दैनिक प्रश्नोत्तरी में 5 प्रश्न प्रकाशित किए जाते हैं। यह प्रश्नोत्तरी, GKToday के Android App पर प्रकाशित 20 प्रश्नो की दैनिक प्रश्नोत्तरी - 2021-22 का भाग है। यह दैनिक 20 प्रश्नो की प्रश्नोत्तरी हमारे Android App पर पूरे वर्ष - 2021-22 के लिए मात्र 750 रुपये के शुल्क पर प्राप्त की जा सकती है।

मनमोहन-गिलानी बैठकः वरीयतापूर्ण व्यापार का समझौता चाहता है भारत

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों में एक ‘नया अध्याय’ शुरू करने का आह्वान किया और इसके साथ साथ उन्होंने दक्षेस मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत दोनों देशों के बीच वरीयता के साथ व्यापार की व्यवस्था के लिए समझौते (पीटीए) का प्रस्ताव किया है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह

  • आदू (मालदीव),
  • 10 नवंबर 2011,
  • (अपडेटेड 10 नवंबर 2011, 11:30 PM IST)

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भारत-पाकिस्तान रिश्तों में एक ‘नया अध्याय’ शुरू करने का आह्वान किया और इसके साथ साथ उन्होंने दक्षेस मुक्त व्यापार समझौते (साफ्टा) के तहत दोनों देशों के बीच वरीयता के साथ व्यापार की व्यवस्था के लिए समझौते (पीटीए) का प्रस्ताव किया है.

इस समझौते से 2016 तक दोनों के बीच व्यापार में सीमा शुल्क शून्य हो जाएगा. दोनों देशों ने वीजा नियमों को उदार बनाने पर भी सहमति जताई.

यहां 17वें दक्षेस शिखर सम्मेलन के मौके पर मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी की अलग से एक घंटे की बैठक हुई.

बैठक में सिंह और गिलानी के बीच द्विपक्षीय व्यापार एमएफएन के आधार पर करने की सहमति बनी. बैठक में दोनों नेताओं ने एक दूसरे के नागरिकों को अपने यहां आने जाने का वीजा जारी करने की उदार व्यवस्था जल्द लागू करने का फैसला किया.

दोनों ने भारत-पाक संयुक्त आयोग को फिर से शुरू करने की सहमति जताई. यह आयोग 2005 से ठप है.

साफ्टा करार 2004 में इस्लामाबाद में हुए दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान हुआ था. इसने बांग्लादेश, भारत, भूटान, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के 1.8 अरब लोगों के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बना दिया है.

पिछले तीन बरस में दोनों नेताओं की कई मुलाकात हो चुकी है और पिछले 18 माह में यह दोनों तीसरी बार एक दूसरे से मिले.

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि पूर्व में दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार समझौता (साफ्टा) को पूरी तरह लागू करने के बारे में जो निर्णय किया गया था, उसे आगे बढ़ाने की दिशा में बैठक में ठोस पहल होनी चाहिए. साफ्टा के पूरी तरह क्रियान्वित करने को लेकर उन्होंने कहा कि शिखर सम्मेलन में वित्त मंत्रियों को पूंजी प्रवाह तथा निवेश को बढ़ावा देने एवं साफ्टा संवेदनशील सूची को समाप्त करने के बाद के नतीजों की समीक्षा की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

मनमोहन सिंह ने कहा कि अगर दक्षिण एशियाई देश वैश्विकृत विश्व में अपनी अर्थव्यवस्थाओं का भविष्य देखते हैं तो उनके उद्योगों को दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करना सीखना होगा.

उन्होंने कहा, ‘हम सभी अपनी अपनी तुलनात्मक लाभ की शक्ति का फायदा उठा सकते हैं. इसमें पनबिजली तथा प्राकृतिक संसाधन, पारगमन से आय की संभावना, समुद्री संसाधन, हमारे वैज्ञानिक तथा प्रौद्योगिकी आधार एवं आने वाले साल में खपत एवं निवेश को आगे ले जाने वाली युवा आबादी शामिल हैं. हमें निवेश पर दक्षेस समझौते को अंतिम रूप देने के मामले को गति देनी चाहिए.’

पिछले सप्ताह जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले सिंह ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के संकट का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि इस संकट ने विकासशील देशों पर बेवजह बोझ डाल दिया है.

उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश खासकर यूरो क्षेत्र के नेता बुद्धिमानी और इच्छाशक्ति दिखाएंगे जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिये जरूरी है.’ बहरहाल, प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के पुनरूद्धार में वक्त लगेगा.

मनमोहन सिंह ने कहा कि हमारे जैसे विकासशील देशों पर पूंजी, निवेश तथा निर्यात के लिये बाजार का दबाव रहेगा. हमें दक्षिण एशिया में वृद्धि और निवेश के लिये एक विजेता व्यापार स्थापित करना नये रास्ते और संसाधनों का उपयुक्त रास्ता तलाशना होगा.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘यदि हम अपने देश में विकास के लिए अनुकूल वातावरण बना पाते हैं, तो इसकी कोई वजह नहीं है कि हमारे निवेशक एक दसरे के यहां जाएंगे. व्यापारिक रिश्तों के सामान्यीकरण से दक्षिण एशिया में आपसी लाभकारी व्यापार के लिए भारी संभावनाएं पैदा होंगी.’ सिंह ने कहा कि उन्हें बातचीत में लगा कि दक्षिण एशिया के नेता बातचीत में दक्षेस को ज्यादा सार्थक और समृद्ध बनाने की इच्छा और प्रतिबद्धता दिख रही है.

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, ‘यह बात भी सही है कि काफी कुछ किए जाने की जरूरत है, पर राजनीतिक इच्छा यहां है. हम सभी यह मानते हैं कि हमारे प्रत्येक देश के लिए क्षेत्रीय सहयोग काफी जरूरी है.’ उन्होंने एक बार फिर से भरोसा दिलाया कि भारत अपनी क्षमता के अनुसार दक्षेस को एक आम शांति, समृद्धि और सहयोग में भागीदारी के विचार को आगे बढ़ाने में भूमिका निभाएगा.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षेस के नेताओं को एक ऐसा वातावरण बनाने के लिए काम करना चाहिए जिससे यहां सृजित हुई धन संपदा को निवेश दोबारा क्षेत्र में ही किया जाए.

उन्होंने कहा, ‘यह हमारी बिना सीमाओं की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था के विचार का सबसे बड़ी उपलब्धि होगा.’ उन्होंने कहा कि कठिनाइयों के बावजूद दक्षेस देश पिछले कुछ बरस के दौरान सम्मानजनक वृद्धि दर हासिल करने में सफल रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि दक्षेस को क्षेत्रीय वायु सेवा करार को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. इसके लिए भारत अगले साल अधिकारियों की बैठक आयोजित कर रहा है. उन्होंने अपने भाषण में क्षेत्रीय रेलवे करार और मोटर वाहन करार का भी उल्लेख किया, जिन पर लंबे समय से विचार-विमर्श चल रहा है.

प्रधानमंत्री सिंह ने कहा, ‘आइये हम इन समझौतों को प्राथमिक आधार पर तार्किक परिणति तक पहुंचाने के लिये सहमत हों. भारत, मालदीव और श्रीलंका क्षेत्रीय नौक सेवाओं के विकास की प्रक्रिया में हैं. हमें उप महाद्वीप के अन्य हिस्सों में इस प्रकार की कई और संपर्क सुविधाएं स्थापित करनी चाहिए.’ उन्होंने काल दरों, दूरसंचार शुल्क तथा इंटरकनेक्शन टर्मिनेशन शुल्क को कम करने के लिये दूरसंचार संपर्क में सुधार पर जोर दिया.

प्रधानमंत्री ने दक्षिण एशियाई पोस्टल यूनियन की स्थापना पर सहमत होने को लेकर दक्षेस के ‘पोस्टल एडमिनिस्ट्रेशन’ की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत में यूनियन के अस्थायी सचिवालय तथा अपने पोस्टल स्टाफ कालेज में हर साल 10 दक्षेस अधिकारियों के लिये प्रशिक्षण पाठ्यक्रम प्रोयोजित करने को लेकर हमें खुशी है.

उन्होंने सदस्य देशों के बीच टेलीविजन प्रसारण तथा फिल्मों के आदान-प्रदान के मामले में सहयोग पर जोर दिया.

सिंह ने कहा, ‘समय आ गया है कि हम दक्षेस देशों के बीच जो सूचना की कमी है उससे बाहर निकले. हमें अपने लोगों को एक-दूसरे के बारे में सीखने के लिये प्रोत्साहित करना चाहिए.’ उन्होंने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिये भारत द्वारा उठाये जाने वाले कदमों के बारे में भी घोषणा की.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये दक्षेस क्षेत्र के शीर्ष यात्रा परिचालकों का सम्मेलन आयोजित करेगा.

उन्होंने कहा, ‘हम दक्षिण एशिया के प्राचीन इतिहास पर यात्रा प्रदर्शनी स्थापित करने की दिशा में पहल करेंगे. इसमें सदस्य देशों द्वारा चुने गये पुरातत्व नजरिये से महत्वपूर्ण चीजों को रखा जाएगा. प्रदर्शनी तीन-मीन महीने के लिये हमारे राष्ट्रीय संग्राहलयों में आयोजित की जा सकती है.’

प्रधानमंत्री सिंह ने इस बात का जिक्र किया कि दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम जुलाई, 2010 में शुरू हुआ. उन्होंने कहा कि भारत दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय के लिए दक्षेस रजत जयंती छात्रवृत्तियों को 50 से बढ़ाकर 100 करेगा. इनमें से 75 स्नातकोत्तर और 25 पीएचडी के लिए होंगी.

सिंह ने कहा, ‘तेज वृद्धि के बीच अपने पर्यावरण का संरक्षण जरूरी है. पिछले साल जलवायु परिवर्तन पर भारत की जिस प्रतिबद्धता की हमने घोषणा की थी, वह स्थापित हो गई है. अब हम अपने दक्षेस भागीदारों से परियोजना प्रस्तावों का इंतजार कर एक विजेता व्यापार स्थापित करना रहे हैं.’ प्रधानमंत्री ने भारतीय वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून में दक्षेस के सदस्य देशों के लिए दस स्नातकोत्तर और पीएचडी की छात्रवृत्तियों की घोषणा की. उन्होंने कहा कि दक्षिण एशिया का भविष्य हमारे हाथों में है. उन्होंने कहा कि दक्षेस ऐसा मंच उपलब्ध कराता है, जो आपसी मतभेदों को दूर करने में सहायक है.

सिंह ने कहा, ‘हमें लंबी दूरी तय करनी है, पर मुझे भरोसा है कि हम निरंतर प्रयासों से अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल कर सकेंगे.’ अपना भाषण समाप्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हमें एक दूसरे पर भरोसा करना सीखना होगा. एक दूसरे से सीखना होगा. हमारे देशों की सुरक्षा और स्थायित्व एक-दूसरे से जुड़ा है.’ उन्होंने कहा, ‘हम एक-दूसरे से अलग थलग रहकर समृद्ध नहीं हो सकते. हम अपने समक्ष आ रही कई तरह की समस्याओं को अपनी महत्वाकांक्षा और सपने में आड़े आने नहीं दे सकते.’

भारत और यूएई के बीच हुए मुफ्त व्यापार समझौते के तहत दुबई में होगी IIT की स्थापना

Pawan Kaushal

भारत का सर्वश्रेष्ठ शिक्षण संस्थान इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) की ब्रांच अब संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में भी खुलने जा रही है। UAE में नए IIT की स्थापना भारत और UAE के बीच मुफ्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत होगी। दोनों देशों ने इस व्यापार समझौते के लिये औपचारिक बातचीत सितंबर, 2021 में शुरू की थी। दोनों देशों ने अगले 5 सालों के लिए समझौता किया है और राजनयिक संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) के रूप में 100 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा किया। यह समझौता अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन और हुबारा संरक्षण, उद्योग और उन्नत प्रौद्योगिकियों, निम्न कार्बन हाइड्रोजन विकास और निवेश, खाद्य सुरक्षा, वित्तीय सेवाओं और शिक्षा सहयोग की दिशा में मिलकर काम करेगा।

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