क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है?

संयुक्त राज्य अमेरिका में विभिन्न राज्यों में क्रिप्टोकरेंसी के लिए अलग-अलग परिभाषाएं और नियम हैं। जबकि संघीय सरकार क्रिप्टोकाउंक्शंस को कानूनी निविदा के रूप में मान्यता नहीं देती है, राज्यों द्वारा जारी परिभाषाएं आभासी मुद्राओं की विकेन्द्रीकृत प्रकृति को पहचानती हैं।
What is Cryptocurrency in Hindi | Cryptocurrency क्या है और कैसे काम करती है पूरी जानकारी
अगर आप क्रिप्टोकोर्रेंसी क्या है (What is Cryptocurrency in Hindi) के बारे में जानना चाहता है तो आप सही आर्टिकल को पढ़ रहे है| इस आर्टिकल में आप जानेंगे की cryptocurrency kya hai, Cryptocurrency का इतिहास, Cryptocurrency कैसे काम करता है और भी बहुत सारी बाते क्रिप्टोकोर्रेंसी के बारे में, तो अब हम क्रिप्टोकोर्रेंसी का introduction को देखते है|
शब्द “Cryptocurrency” एन्क्रिप्शन तकनीक से लिया गया है जिसका उपयोग नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए किया जाता है।
Cryptocurrency एक फार्म का एक रूप है जिसे गुड्स और सेवाओं के लिए ऑनलाइन एक्सचेंज किया जा सकता है। कई कंपनियों ने अपनी खुद की मुद्राएं जारी की हैं, जिन्हें अक्सर टोकन कहा जाता है, और इन्हें कंपनी द्वारा प्रदान की जाने वाली अच्छी या सेवा के लिए विशेष रूप से कारोबार किया जा सकता है।
Cryptocurrency क्या है? (What is Cryptocurrency in Hindi)
क्रिप्टोकुरेन्सी भुगतान का एक रूप है जिसे माल और सेवाओं के लिए ऑनलाइन बदला जा सकता है। कई कंपनियों ने अपनी खुद की मुद्राएं जारी की हैं, जिन्हें अक्सर टोकन कहा जाता है, और इनका विशेष रूप से उस सेवा के लिए कारोबार किया जा सकता है जो कंपनी प्रदान करती है।
क्रिप्टोकुरेंसी नामक एक प्रौद्योगिकी का उपयोग करके काम करता है जिसे ब्लॉकचैन कहा जाता है। ब्लॉकचैन एक विकेंद्रीकृत तकनीक है जो कई कंप्यूटरों में फैली हुई है जो लेनदेन का प्रबंधन और रिकॉर्ड करती है। इस तकनीक की अपील का हिस्सा इसकी सुरक्षा है।
क्रिप्टोकुरेन्सी एक डिजिटल मुद्रा (Digital Currency) है जो पैसे उत्पन्न करने और लेनदेन को सत्यापित करने के लिए एन्क्रिप्शन (क्रिप्टोग्राफी) का उपयोग करती है। लेन-देन को एक सार्वजनिक बहीखाता में जोड़ा जाता है – जिसे एक लेनदेन ब्लॉक श्रृंखला भी कहा जाता है – और नए सिक्के खनन (Mining) के रूप में जानी जाने वाली प्रक्रिया के माध्यम से बनाए जाते हैं।
क्रिप्टोक्यूरेंसी को इसका नाम कैसे मिला (How did the Cryptocurrency get its Name)
क्रिप्टोकुरेन्सी को इसका नाम मिला क्योंकि यह लेनदेन को सत्यापित करने के लिए उपयोग करता है। इसका मतलब है कि उन्नत कोडिंग वॉलेट्स और सार्वजनिक लेजर के बीच क्रिप्टोकुरेंसी डेटा को स्टोर करने और ट्रांसमिट करने में शामिल है। एन्क्रिप्शन का उद्देश्य सिक्योरिटी और सुरक्षा प्रदान करना है।
पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल क्रिप्टोक्यूरेंसी को यकीनन “बिट गोल्ड” (bit gold) में खोजा जा सकता है, जिस पर 1998 और 2005 के बीच निक स्ज़ाबो (Nick Szabo) द्वारा काम किया गया था, लेकिन इसे कभी लागू नहीं किया गया था।
हालांकि बिट गोल्ड को व्यापक रूप से बिटकॉइन का पहला अग्रदूत माना जाता है, क्रिप्टोक्यूरेंसी अग्रणी डेविड चाउम की कंपनी डिजीकैश (DigiCash), वेई दाई का बी-मनी, और “ई-गोल्ड” सभी उल्लेखनीय प्रारंभिक उल्लेख हैं।
जानें कैसे दुनिायभर में करती है काम क्रिप्टोकरेंसी करेंसी?
नई दिल्लीः संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान निचले सदन में पेश किये जाने वाले विधेयकों की सूची में क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा विनियमन विधेयक 2021 सूचीबद्ध है। इस विधेयक में भारतीय रिजर्ब बैंक द्वारा जारी आधिकारिक डिजिटल मुद्रा के सृजन के लिये एक सहायक ढांचा सृजित करने की बात कही गयी है। इस प्रस्तावित विधेयक में भारत में सभी तरह की निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने की बात कही गयी है। हालांकि, इसमें कुछ अपवाद भी है, ताकि क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं इसके उपयोग को प्रोत्साहित किया जाए।
भारत में अभी क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग के संबंध में न तो कोई प्रतिबंध है और न ही कोई नियमन की व्यवस्था है। बाय-यूक्वाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) शिवम ठकराल ने कहा कि कंपनी उम्मीद करती है कि विधेयक भारतीय क्रिप्टो धारकों, भारतीय क्रिप्टो उद्यमियों और निवेशकों की आकांक्षाओं को ध्यान में रखेगा, जिन्होंने भारत में क्रिप्टो करेंसी के विकास में अपना विश्वास रखा है। उन्होंने कहा, "नई ब्लॉकचेन परियोजनाओं के फलने-फूलने के लिए क्रिप्टो विधेयक में पर्याप्त लचीलापन होना चाहिए और हमारा मानना है कि व्यापार के लिए भारत में किसी भी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से पहले नयी क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक मानक प्रक्रिया होनी चाहिए।
बिटकॉइन क्या है (Bitcoin),और यह कैसे काम करता है ,कैसे कमाया जाता है
बिटकॉइन की खरीदारी और प्रचार के लिए अतिरिक्त रूप से एक्सचेंज हैं। बिटकॉइन दुनिया में दुनिया का सबसे महंगा विदेशी धन है, आर्थिक लेन-देन में, विशाल व्यवसायी और दुनिया भर के कई बड़े संगठनों में। वर्तमान में, बिटकॉइन की ऑन-लाइन या बाजार दर 2.69 लाख रुपये से अधिक है। इस वित्तीय संस्थान को लैपटॉप नेटवर्क के माध्यम से लेनदेन को पूरा किया जा सकता है। समान समय में, इस विदेशी मुद्रा को डिजिटल वॉलेट में अतिरिक्त रूप से सहेजा जाता है।
बिट कॉइन कैसे काम करती है
बिटकॉइन कैसे काम करता है? आप अपने पीसी या सेल फोन पर बिटकॉइन जेब के रूप में बिटकॉइन सेट कर सकते हैं। इससे आपका पहला बिटकॉइन टैकल हो जाएगा और जरूरत पड़ने पर आप एक से अधिक टैकल कर सकते हैं। बिटकॉइन क्या है अब आप अपने बिटकॉइन को अपने दोस्तों को प्रदान कर सकते हैं। इसके बाद आप उनसे चार्ज ले सकते हैं या भुगतान कर सकते हैं।
गैरकानूनी निगमों में बिटकॉइन का काफी उपयोग किया जा रहा है और इसका उपयोग काले धन, हवाला, ड्रग्स की खरीदारी और बढ़ावा देने, कर चोरी और आतंकवादी गतिविधियों में काफी किया जाता है।
बिटकॉइन के बढ़ते उपयोग ने दुनिया भर के अंतरराष्ट्रीय स्थानों में संरक्षण व्यवसायों को जगा दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक या किसी भी अलग नियामक ने अब इस डिजिटल मुद्रा के लिए आपराधिक जागरूकता नहीं दी है। बिटकॉइन में लेन-देन हमारे बीच हो रहा है और इसके अलावा बिटकॉइन से डिजिटल विदेशी मुद्रा के ऑन-लाइन लेनदेन को समाप्त करने की भूमिका में नहीं हैं। चर्चाओं ने इस मामले में अधिकारियों के क्षेत्र में कई उदाहरण लिए हैं। बिटकॉइन क्या है
Crypto currency क्या है?
Bitcoin अब ऐसी मुद्रा के लिए ऑन लाइन शॉपिंग और प्रचार करना संभव नहीं है। हालाँकि, अधिकारियों ने अब इस पर कोई अंतिम विकल्प नहीं लिया है। दुनिया में नब्बे से अधिक डिजिटल मुद्राएं प्रचलन में हैं। क्रिप्टो विदेशी धन का भविष्य क्या है अमेरिकी वित्तीय संस्था के क्रिप्टोक्यूरेंसी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसमें उछाल का तगड़ा मौका है। एमसीएपी क्रिप्टो करेंसी के निदेशक, अमित भारद्वाज के अनुसार, भारत में क्रिप्टो फॉरेक्स में प्रारंभिक वाणिज्यिक उद्यम से संबंधित, क्रिप्टो फॉरेक्स का भविष्य बहुत अच्छा क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? है। यदि आपने बिटकॉइन में निवेश को नजरअंदाज कर दिया है, तो बाजार में क्रिप्टो विदेशी मुद्रा में निवेश करने के लिए कई अधिक विकल्प हैं।
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Blockchain Technology क्या है ?
आज के समय में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने बिटक्वॉइन और ब्लॉकचेन के बारे में नहीं सुना होगा, ख़ासकर Cryptocurrency का जो उछाल देखने क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? को मिला है जिसमे बिटक्वॉइन, Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA) जैसी वर्चुअल करेंसी शामिल है | परन्तु जितना आपने इनके विषय में सुना होगा और जानकारी भी प्राप्त करने का प्रयास किया होगा लेकिन ब्लॉकचेन एक Complicated कांसेप्ट है और इसे समझना भी क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? उतना ही मुश्किल है | आज हम इस लेख के माध्यम से आपको Blockchain Technology क्या है और यह कैसे काम करता है, यह सब बेहद ही आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेगे |
हमे मालूम है कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी समझाना कोई सरल कार्य नहीं है किन्तु जितना हमने ब्लॉकचेन के विषय में जानकारी प्राप्त की है हमे इस जानकारी को आपके लिए समझना आसान बनाने का भरपूर प्रयास करेगे | कृपया लेख का कोई शीर्षक स्किप ना करे, क्योंकि हो सकता है ऐसा करने से आपको ब्लाकचैन के विषय में जानकारी प्राप्त करना कठिन हो जाए |
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है ?
Table of Contents
ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी एक डिजिटल लेज़र है जिसमें लेनदेन दर्ज किए जाते हैं। लेन-देन को एक श्रृंखला के रूप में “ब्लॉक” में जोड़ा जाता है, इसलिए शब्द “ब्लॉकचैन” होता है। ब्लॉकचेन अपनी विकेंद्रीकृत प्रकृति के लिए भी जाना जाता है- जिसका अर्थ है कि श्रृंखला पर डेटा को नियंत्रित करने वाली कोई एकल इकाई नहीं है। इसका मतलब यह है कि लोग तय कर सकते हैं कि वे अपनी जानकारी के साथ क्या करना चाहते हैं और किसी भी थर्ड पार्टी या कंपनी द्वारा उन्हें ऐसा करने पर मजबूर नहीं किया जा सकता है | ब्लॉकचैन बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनी, क्लियरिंग हाउस या सरकारी एजेंसी जैसे तीसरे पक्ष के मध्यस्थ की आवश्यकता को कम या समाप्त कर देता है।
ब्लॉकचैन का आविष्कार सातोशी नाकामोतो ने 2008 में बिटकॉइन के लिए एक ओपन सोर्स टेक्नोलॉजी के रूप में किया था। बिटकॉइन एक क्रिप्टोक्यूरेंसी है जिसे लेनदेन में मध्यस्थता करने के लिए केंद्रीय प्राधिकरण या व्यवस्थापक की आवश्यकता नहीं होती है। बिटकॉइन के ब्लॉकचेन तकनीक के उपयोग ने इसे पारंपरिक मुद्राओं जैसे मुद्रास्फीति और धोखाधड़ी की रोकथाम के साथ कई समस्याओं को हल करने में काफी योगदान दिया है।
Blockchain Technology Real Life Examples
- आप कल्पना करे कि आप कोई प्रॉपर्टी जैसे प्लाट या भूमि खरीदना चाहते है, लेकिन जो प्लाट या भूमि आप खरीद रहे है वो भी उस प्लाट के मालिक ने किसी से ख़रीदा होगा और ऐसा आगे भी हुआ होगा | अब यदि आप भूमि खरीद रहे है तो आप उस जमीन के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहेगे कि क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? जमीन का हस्तांतरण पिछले वर्षो के दौरान कैसे – कैसे हुआ है |
- यदि बीच में कोई जमीन की नोटरी में धांधली कर देता है और वो ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज हो जाता है तो आपको कैसे मालूम होगा कि जमीन में घपला हुआ है या कोई विवाद है | इसलिए रियल एस्टेट जैसे सेक्टर में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का विस्तार तेज़ी से किया जा रहा है जिससे कोई जमीनी धोखा-धड़ी न किया जा सके |
- यदि सभी पुराने रिकॉर्ड को ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके जोड़ा जाए तो अब किसी भी नोटरी में बदलाव करना कठिन होगा और यदि किया भी तो एक बदलाव से वो नोटरी Invalid हो जायेगी जिससे गड़बड़ का पता तुरंत लग जाएगा |
- भारत में तेलांगना और आंध्र प्रदेश राज्यों द्वारा लैंड डील में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है |
- अभी हाल में ही CBSE ने सभी बोर्ड की मार्कशीट सहित अन्य दस्तावेजों में ब्लॉकचेन टेक यूज़ करना का ऐलान किया है |
ब्लाकचेन और बिटक्वॉइन में क्या अंतर है ?
बिटक्वॉइन एक क्रिप्टोकरेंसी है जिसका निर्माण ब्लाक टेक्नोलॉजी के आधार पर किया गया है अर्थात् ब्लाकचेन एक तकनीक है जिसका उपयोग करके डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है और डाटा किसी भी प्रकार का हो सकता है | जैसे बिटक्वॉइन में ब्लाक में लेन – देन का विवरण होता है तो वही क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? लैंड डील में क्रेता व विक्रेता के साथ अन्य इनफार्मेशन भी स्टोर होती है |
ब्लाकचेन कहाँ – कहाँ उपयोग किया जा सकता क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? है ?
ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग कई प्रकार से किया जा सकता है
- जमीनी लेन – देन या रियल एस्टेट में ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का उपयोग बहुत ही तेज़ी से किया जा रहा है | भारत के बहुत से राज्य अब इस टेक्नोलॉजी पर अग्रसर है व आईटी मिनिस्ट्री के साथ मिलकर लैंड डील के लिए ब्लाकचेन की सहायता से सलूशन तैयार किया जा रहा है | क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है?
- पुराने सरकारी दस्तावेज़ जो बेहद ही महत्वपूर्ण है, इन्हें ब्लाकचेन की सहायता से सुरक्षित व लम्बे समय के लिए रखा जा सकता है |
- इसके साथ फर्जी मार्कशीट से लेकर नकली कागज़ के जरिये भी धोकाधड़ी को ब्लाकचेन की मदद से रोका जा सकता है |
- साइबर सुरक्षा में इसका उपयोग संजीवनी के सामान ही है इसके जरिये बहुत से देशो ने अपने बैंकों की सुरक्षा व्यव्यस्था चोकस की है | अब बैंक भी अपनी सुरक्षा बढ़नी के लिए ब्लाकचेन का भरपूर उपयोग कर रहे है और भविष्य में साइबर अपराधो को बहुत आसानी से रोका जा सकता है |
- आर्टिस्ट द्वारा अपनी कला को पायरेसी से बचाने के लिए इसका क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? उपयोग किया जा रहा है |
- व्यापार में लेन देन के लिए भी इसका उपयोग किया जा रहा है क्योंकि इसमें वित्त लेन देन में ब्लाकचेन द्वारा लिया जाने वाला चार्ज बैंक की अपेक्षा बहुत कम है |
- मेडिकल डाटा की सुरक्षा में ब्लाकचेन टेक्नोलॉजी का ईस्तमाल बहुत ही बखूबी से किया जा रहा है |
- ब्लाकचेन आधारित क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटक्वॉइन, Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA) ट्रेडिंग के जरिये प्रॉफिट कमाया जा रहा है |
जानिए प्रसिद्ध Cryptocurrency के नाम की सूची और उनकी कीमत
आपकी जानकारी के लिए क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? बता दें, कि दुनिया में आज कई तरह की Cryptocurrency मौजूद हैं. इन Cryptocurrency को लोगों द्वारा खूब खरीदा भी जा रहा है. जानिए कुछ ऐसी Cryptocurrency के बारे में.
बिटकॉइन(Bitcoin): दुनिया की सबसे पहले बनाई जाने वाली Cryptocurrency या डिजिटल करेंसी क्रिप्टोक्यूरेंसी क्या हैं और यह कैसे काम करती है? की बात करें तो वो बिटकॉइन है. बिटकॉइन Cryptocurrency की खोज साल 2009 में की गई थी. आपको बता दें, इस करेंसी की खोज एक जापान के निवासी द्वारा की गई थी, जिसका नाम Satoshi Nakamoto बताया जाता है. इस वक्त 1 बिटकॉइन की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार लगभग 33,85,337.29 रुपए है.
लाइटक्वाइन (Litecoin): लाइटक्वाइन एक तरह की Cryptocurrency है. आपको बता दें, कि इसे Charles Li द्वारा बनाया गया है. वहीं इस मुद्रा का चिह्न LTC है. इस क्रिप्टोकरेंसी को साल 2011 में बाजार में उतारा गया था. इस वक्त एक 1 LTC की कीमत भारतीय रुपए के अनुसार करीब 13,296.75 रुपए है.