मार्केटिंग की परिभाषा

विपणन का अर्थ, परिभाषा, क्षेत्र, महत्व
vipnan ka arth paribhasha kshara mahatva;विपणन के वास्तविक अर्थ से अधिकांश व्यक्ति परिचित है तो वही दुसरी और विपणन से बहुत से लोग अपरिचित है विपणन के अन्तर्गत वस्तु के क्रय एवं विक्रय के पहले एवं बाद की सभी क्रयिाओं को शामिल किया जाता है। साधारण शब्दों में किसी वस्तु के क्रय व विक्रय को विपणन कहा जाता है।
विपणन की परिभाषा (vipnan ki paribhasha)
विपणन की परीभाषाएं इस प्रकार से है--
क्लार्क एवं क्लार्क के अनुसार," विपणन में वे सभी प्रयत्न सम्मिलित है जो वस्तु एवं सेवाओं के स्वामित्व हस्तांतरण एवं उनके भौतिक वितरण कार्य में सहायक होते है।"
प्रों पाइल के शब्दों में," विपणन में क्रय एवं विक्रय दोंनों क्रियाए शामिल है।"
फिलिप्स कोटलर के शब्दों में," विपणन मानवीय क्रियाओं के उस समूह को कहते है जो विनिमय को सरल उपयोगी और लाभप्रद बनाती है।"
पॅाल मजूर के अनुसार," विपणन का अर्थ समाज को मार्केटिंग की परिभाषा जिवन स्तर प्रदान करना है। विपणन की यह परीभाषा सरल एवं सामाजिक संदर्भो में विपणन को पारिभाषित करती है साथ ही उपभोक्ता प्रधान भी है एवं सामाजिक संतुष्टि को विपणन का प्रमूख कार्य मानती है इस प्रकार इस परीभाषा मार्केटिंग की परिभाषा में विपणन के विस्तृत अर्थ को व्यक्त करने की क्षमता है हालाकि यह परीभाषा विपणन के क्रार्यकलापों की प्रकृति को स्पष्ट नही करती।"
व्हीलर के अनुसार," विपणन उन समस्त संसाधनों एवं क्रियाओं से संबंधित है जिनसे वस्तु एवं सेवाए उत्पादन से उपभोक्ता तक पहूचती है। व्हीलर ने काफी समय तक अपने द्वारा दी गई परीभाषा में समेटने का प्रयास किया है किन्तु इसके के बाद भी यह परीभाषा विपणन की उपयुक्त परीभाषा नही कही जा सकती है।"
अमेरिकन मार्केटिंग एसोसिएशन समिति के शब्दों में," विपणन उन व्यावसायिक क्रियाओं का निष्पादन है जो की वस्तुओं एवं सेवाओं के प्रवाह को उत्पादन से उपभोक्ताओं तक अथवा उपयोगकर्ताओं की और निर्देशित करता है।"
विपणन की यह परीभाषा एक लंबी अवधी तक प्रचलित रही एवं इसे मान्यता भी मिली किंतु इस परीभाषा को भी संकीर्ण एवं प्राचीन वर्ग के अंतर्गत ही रखा गया क्योंकि यह परीभाषा ग्राहकोन्मूखी न होकर उत्पादोंन्मूखी है। यह परीभाषा बाजार अनुसंधान को विपणन का हिस्सा नही मानती।
विपणन का क्षेत्र
विपणन के क्षेत्र को संकुचति व विस्तृत दोंनो अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है। वास्तव में संकुचति अर्थ विपणन संबंधी पुरानी विचार धारा का प्रतीक है संकुचित अर्थ में विपणन क्रिया में वस्तु या सेवा को उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुचाने में की जाती है इन विपणन क्रियाओं को वितरण संबंधी क्रिया कहते है। जबकि वही दुसरी और विस्तृत अर्थ आधुनिक विचारधारा का प्रतीक है विपणन के विस्तृत क्षेत्र के अनुसार वस्तु का उत्पादन पूर्ण करने के साथ प्रारंभ नही होती है न ही वस्तु के अंतिम बिक्री के साथ समाप्त हो जाती है अपितु विक्रय के बाद भी विपणन क्रियाए सेवा के रूप में पूर्ण की जाती है ।
विपणन के क्षेत्र की निम्न क्रियाएं इस प्रकार से है--
1. ग्राहक सम्बन्धी निर्णय एवं अनुसंधान
आज के युग में ग्राहक को बाजार का राजा माना जाता है आज के युग में हर उत्पादक और व्यापारि यह जानना चाहता है कि ग्राहकों कि रूचि का स्तर क्या है ग्राहकों कि मूल्य चुकाने कि क्षमता क्या है इन सभी बातों का ध्यान रखकर उत्पादक वस्तु का निमार्ण कर ग्राहकों तक पहुंचाकर उनकी संतुष्टि के लिए लाभ पाना चाहता है।
2. वस्तु के संबंध में विभिन्न बातों का निर्णय लेना
उत्पादक को वस्तु के निमार्ण से पहले विभिन्न बातों के निर्णय लेने होते है जैसे वस्तु का आकार रंग पैकिंग डिजाइन क्या होगा? यह भी विपणन क्षेत्र का प्रमुख अंग है।
उत्पादन एवं उपभोग केन्द्रों के मध्य भैागोंलिक दूरी होती है जिसे कम करने में परिवहन ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परिवहन का काम वस्तु को उत्पादन स्थान उपभोक्ता तक पहुचाना है परिवहन ने वृहत उत्पादन विशाल वितरण एवं विश्ष्टिीकरण को संभव बनाया है आज के युग में परिवहन के बिना विपणन कि कल्पना भी नही कि जा सकती है। जैसे रेल ट्रक वायुयान डाक सेवा के द्वारा वस्तुओं को एक स्थान से दुसरे स्थान तक पहुंचाया जा सकता है।
4. मूल्य नीति सम्बन्धी निर्णय
विपणन क्रिया में हर उत्पादक और व्यापारिक संस्थान को वस्तु का विपणन करने से पहले एक निणर्य यह भी लेना होता है कि उनकी वस्तु कि कीमत क्या होगी वस्तु कि कीमत तय करते समय ग्राहक कि देय क्षमता तथा वस्तु कि लागत को ध्यान में रखना पडता है।
विपणन क्रियाओं में एक क्रिया यह भी है उत्पादकों को उनके उत्पादन का उचित मूल्य मिल सके इस के लिए भण्डारण कि सुविधा का होना आवश्यक है। भण्डारण कि सुविधा न होने के करण फल दूध शीघ्र खराब होने वाली वस्तुएं मांग व पूर्ति के अनुसार अधिक कम दाम मे बिकती है विपणन कार्य में भण्डारण क्रिया समय उपयोगीता का सृजन करती है।
विपणन का महत्व
vipnan ka mahatva;पहले के समय में मानव की आवश्यकता कम थी मानव अपनी आवश्यकता की वस्तु को स्वयं तैयार करते थे। धीरे-धीरे मानव सुविधाभोंगी होता गया आज के युग में मानव कि आवश्यकता अनेक एवं विविधा पूर्ण है आज के युग में मानव आवश्यकताओं कि पूर्ति के लिए विशाल पैमानें पर उत्पादन कि गतिविधियों में संलगन है। इसी का परिणाम है कि विपणन गतिविधियों का महत्व बढ़ता ही जा हा है। विपणन के महत्व को निम्म शीर्षकों द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है--
1. अनेक वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध है
आज के युग में विपणन का क्षेत्र अन्तर्राष्ट्रीय हो गया है जिसके कारण हमें विदेशों में निर्मित वस्तुयें उपयोग के लिए उपलब्ध हो जाती है ।
2. मांग के आधार पर सुचनाएं प्राप्त करना
विपणन के अध्ययन से हमे पता चलता है कि उत्पादक के बदलती हुए मांग एवं परिस्थितियों के बारे में सुचनाएं प्राप्त होती है।
3. अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करना
विपणन के अंतर्गत उत्पाद कि जानकारी उपभोक्ता के पास पहुंचाकर उसके विक्रय को निश्चित किया जाता है यदि विपणन गतिविधियों कें माध्यम से वस्तु विक्रय हेतु कार्यवाही न कि जाए इस कारण यदि उत्पादन विक्रय न हो सके तो इस से अर्थव्यवस्था के विकास में दुविधा उत्पन्न हो सकती है इस प्रकार से विपणन अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाएं रखने में अपना योगदान देती है।
4. अनेक व्यक्तियों को रोजगार
विपणन के कारण वस्तुओं का निर्माण होता है जिसके लिए अधिक मात्रा में मजदरों कि आवश्यकता होती है इसी तहत लोगों को रोजगार प्राप्त होता है। इस तरह यह कहा जा सकता है कि विपणन के अंतर्गत रोजगार का सृजन होता है ।
5. अधिक लाभ अर्जित करने में सहायक
विपणन में कोई भी उत्पादक जब किसी वस्तु का उत्पादन करता है तो उसे वस्तु को उपभोक्ता तक पहुचाने में लोगों की मदद लेनी पडती है जैसे मध्यस्थों माल गोंदामों के मालिकों परिवहन व्यापारियों इत्यादि। विपणन के माध्यम से इन सेवाओं कि जानकारी प्राप्त कर ज्यादा लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
मार्केटिंग Meaning in English - Marketing Meaning in Hindi
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Important Dictionary Terms
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कस्टमर हासिल करना
आपके बिज़नेस के लिए नए कस्टमर या क्लाइंट पाने की प्रोसेस को कस्टमर हासिल करना कहा जाता है. आम तौर पर यह प्रोसेस तब पूरी होता है जब कस्टमर पहली बार आपका प्रोडक्ट खरीदता है या आपकी सर्विस सब्सक्राइब करता है. कुल मिलाकर कोई मार्केटिंग की परिभाषा कंपनी इसी एक लक्ष्य के लिए ही तो काम करती है.
जबकि कस्टमर हासिल करने की रणनीति में बिक्री से लेकर कस्टमर सर्विस तक कंपनी के सभी हिस्से शामिल हो सकते हैं. इस गाइड में हम मार्केटिंग के दौरान निभाई जाने वाली इसकी भूमिका के बारे में बताएंगे. हम कस्टमर हासिल करने की रणनीति और उसे आपके बिज़नेस के लिए ऑप्टिमाइज़ करने के तरीके को समझाने में आपकी मदद करेंगे.
कस्टमर हासिल करने का मकसद क्या है?मार्केटिंग की परिभाषा
आसान भाषा में कहें, तो बिज़नेस को कामयाब बनाने के लिए कस्टमर की मौजूदगी सबसे ज़रूरी है. आपकी प्राथमिकताओं में कस्टमर हासिल करने की रैंक को कई अलग-अलग चीज़ों के हिसाब से तय किया जाता है—जैसे कि, नए और आगे बढ़ते हुए बिज़नेस के लिए कस्टमर बेस का ध्यान अपनी ओर खींचना शायद सबसे ज़्यादा ज़रूरी हो सकता है. इस बीच, अगर आपका बिज़नेस कुछ वक्त से चल रहा है और आपके ऐसे कस्टमर हैं जो आपके ब्रैंड और प्रोडक्ट को जानते हैं, तो आपके लिए संभावित कस्टमर को आकर्षित करने के बजाय कस्टमर को अपने साथ बनाए रखने या विश्वसनीयता को सपोर्ट करना ज़्यादा अहम चीज़ हो सकती है.
बेशक, ये दोनों लक्ष्य एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. सभी विश्वसनीय कस्टमर या बार-बार खरीदारी करने वालों ने भी तो नए कस्टमर के रूप में ही शुरुआत की थी. बार-बार खरीदारी करने वाले कस्टमर की पहले से ही बड़ी ऑडियंस रखने वाली कंपनियों के लिए भी अपने बिज़नेस को आगे बढ़ाने के मकसद से नए कस्टमर हासिल करने के अवसर पैदा करना मायने रखता है.
हासिल करने की मार्केटिंग क्या है?
हासिल करने से जुड़ी मार्केटिंग का मतलब बिज़नेस की ओर से नए कस्टमर का ध्यान अपनी तरफ़ खींचने, उन्हें एंगेज करने और खरीदार में बदलने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली रणनीति से है. इसमें पेमेंट किया गया एडवरटाइज़िंग और ऑर्गेनिक मार्केटिंग दोनों शामिल हैं. हासिल करने की अच्छी मार्केटिंग रणनीति से आपको संभावित कस्टमर तक पहुंचने में मदद मिलेगी और फिर उन्हें कस्टमर हासिल करने के फ़नल में ले जाएगी.
कस्टमर हासिल करने का फ़नल
संभावित कस्टमर के सफ़र को कस्टमर हासिल करने का फ़नल कहा जाता है, इसमें सबसे पहले आपकी कंपनी के बारे में जानने से लेकर कस्टमर (और बार-बार खरीदारी करने वाला कस्टमर) बनने का फ़ैसला लेना तक शामिल है. शायद आपने मार्केटिंग फ़नल के बारे में सुना होगा. कस्टमर हासिल करने का फ़नल काफ़ी हद तक वैसा ही है, हालांकि यह खास तौर से नए कस्टमर हासिल करने पर ही ज़्यादा ध्यान देता है और इसी वजह से यह ऐसे खास मार्केटिंग फ़नल से अलग है जिसमें कस्टमर बनाए रखना और विश्वसनीयता शामिल है.
मार्केटिंग फ़नल की तरह, कस्टमर हासिल करने के फ़नल का सभी जगह काम करने वाला कोई अकेला वर्ज़न नहीं है. हालांकि, वे सभी कुल मिलाकर एक जैसे ही तरीके से काम करते हैं. सबसे ऊपर मौजूद संभावित लीड की सबसे बड़ी अमाउंट के साथ शुरू करते हुए, जैसे-जैसे आप उन लोगों पर ध्यान केंद्रित करते जाते हैं जिनके खरीदार में बदलने की सबसे ज़्यादा संभावना होती है, तो आपके लीड के पूल छोटे होते जाते हैं, आप ऐसा तब तक करते रहते हैं जब तक कि आपकी ऑडियंस पेमेंट करने वाले कस्टमर बन जाने वाले लोगों तक ही सीमित न हो जाए.
कस्टमर हासिल करने के फ़नल का एक उदाहरण यहां दिया गया है:
जागरूकता
इस स्टेज में लोग आपके ब्रैंड और प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में पहले ही जागरूक होते हैं, यह जानकारी उन्हें ऐड देख कर या किसी से उसके बारे में सुन कर मिलती है.
दिलचस्पी
संभावित कस्टमर आपके बिज़नेस के बारे में और जानकारी मार्केटिंग की परिभाषा पाना चाहते हैं. वे आपकी वेबसाइट पर जाकर या आपके ब्रैंड के बारे में रिसर्च करके अपनी दिलचस्पी जता सकते हैं.
खरीदने पर विचार करना
संभावनाओं के बूते पर ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जिनसे यह पता चलता है कि वे आपके प्रोडक्ट या सर्विस के बारे में आपकी मेलिंग लिस्ट को सब्सक्राइब करने या फ़्री ट्रायल के लिए साइन अप करने जैसे विचार कर रहे हैं.
इस स्टेज में, संभावित कस्टमर खरीदने का इरादा जताते हैं. आपकी वेबसाइट पर जाकर वे अपनी कार्ट में प्रोडक्ट जोड़ सकते हैं.
यह कन्वर्ज़न स्टेज है जहां कोई व्यक्ति आपके प्रोडक्ट या सर्विस को खरीदता है और आपका कस्टमर बन जाता है.
हासिल करने से जुड़े चैनल
मार्केटिंग चैनल आपकी कस्टमर हासिल करने की रणनीति बनाने के हिस्से हैं. फ़नल की अलग-अलग स्टेज में फ़ॉर्मेट, प्लेसमेंट और एंगेजमेंट के प्रकार के हिसाब से विभिन्न चैनल सबसे ज़्यादा असरदार साबित होंगे. यहां ऐसे चैनल के कुछ उदाहरण बताए गए हैं जिन्हें इस्तेमाल करके आप नए कस्टमर हासिल करने में मदद पा सकते हैं.
कॉन्टेंट मार्केटिंग
जागरूकता वाली स्टेज में नई ऑडियंस का ध्यान अपनी ओर खींचने के लिए कॉन्टेंट मार्केटिंग का इस्तेमाल करें. आप अपने ब्रैंड की वेबसाइट पर ब्लॉग पब्लिश कर सकते हैं, डाउनलोड किए जा सकने वाला कॉन्टेंट ऑफ़र कर सकते हैं, वेबिनार होस्ट कर सकते हैं और ऐसे ही कई काम कर सकते हैं. ऐसा कॉन्टेंट बनाने पर ध्यान दें जो आपकी मनचाही ऑडियंस से संबंधित और उनके काम का हो, साथ ही कॉन्टेंट को सर्च किए जा सकने वाला बनाने के लिए सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) का इस्तेमाल करें. इस स्टेज में अपने प्रोडक्ट बहुत ज़्यादा बढ़-चढ़ कर प्रमोट न करें—इस स्टेज का मकसद नई ऑडियंस को आपके ब्रैंड के नाम से परिचित कराना और उन्हें आपके साथ पॉज़िटिव तरीके से जोड़ना है.
सोशल मीडिया
आपके सोशल मीडिया चैनल आपको संभावित नए कस्टमर तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं, खास तौर से फ़नल के दिलचस्पी वाली स्टेज में जब कस्टमर आपके ब्रैंड के बारे में जानकारी ले रहे हों. आप अपने पोस्ट किए गए कॉन्टेंट में अपने ब्रैंड के मकसद और कंपनी की अहमियत के बारे में बता सकते हैं. आप किसी इन्फ़्लुएंसर को अपना पार्टनर बना सकते हैं और उन्हें अपने फ़ॉलोअर के बीच आपके प्रोडक्ट दिखाने के लिए कह सकते हैं.
डिस्प्ले ऐड, वीडियो ऐड, ऑडियो ऐड
डिस्प्ले, वीडियो और ऑडियो ऐड जैसे चैनल के साथ ही सर्च इंजन मार्केटिंग में पेमेंट किए गए एडवरटाइज़िंग की वजह से संभावित नए कस्टमर को आपके ब्रैंड के बारे में जानने और खरीदने पर विचार करने की स्टेज पर आगे बढ़ने के दौरान आपको टॉप ऑफ़ माइंड रखने दोनों में मदद मिल सकती है. आप खरीदने के मकसद को बढ़ावा देने के नज़रिए से खास डील या डिस्काउंट को प्रमोट करने के लिए भी इन ऐड का इस्तेमाल कर सकते हैं.
ईमेल मार्केटिंग
ऐसे लोगों की ईमेल मेलिंग लिस्ट बनाने के बारे में सोचें जिन्होंने दिलचस्पी तो जताई है लेकिन अभी तक कस्टमर नहीं बने हैं. अगर आप काम का कॉन्टेंट या प्रोडक्ट की जानकारी भेजेंगे, तो इससे उन्हें आपके ब्रैंड को याद रखने और आने वाले समय में खरीदारी मार्केटिंग की परिभाषा करने के दौरान आपके प्रोडक्ट को खरीदने पर विचार करने में मदद मिल सकती है. ईमेल मार्केटिंग भी ऐसा अवसर है जिसके ज़रिए आप खास बिक्री या डिस्काउंट के सब्सक्राइबर को सूचित करके नए कस्टमर को खरीदार में बदलने के लिए बढ़ावा दे सकते हैं.
GYANGLOW
सामाजिक विपणन एक दृष्टिकोण है जिसका उपयोग व्यक्ति और समाज के लाभ और लोगों के व्यवहार को बदलने के उद्देश्य को विकसित करने के लिए किया जाता है।
सोशल मार्केटिंग क्या है?
आजकल, बहुत सी जगहों पर सामाजिक विपणन बहुत आम है, उदाहरण के लिए सरकारी एजेंसियां, एनजीओ निजी फ़ायदेमंद फ़र्म आदि। हालाँकि, बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि सामाजिक विपणन क्या है? कुछ व्यवसायी सामाजिक विज्ञापन कर रहे हैं लेकिन उन्हें लगता है कि वे सामाजिक विपणन कर रहे हैं। सोशल मार्केटिंग यह समझना है कि लोगों के व्यवहार को अच्छे तरीके से कैसे प्रभावित किया जाए और मानव के लिए बेहतर जीवन स्तर बनाया जाए, इसलिए इन सभी मार्केटिंग कॉन्सेप्ट को स्पष्ट करना और उन्हें और अधिक गहराई से समझना आवश्यक है।
सामाजिक विपणन की अवधारणा पर चर्चा करने के लिए, हमें पहले इसकी परिभाषा जाननी होगी। एलन आर एंड्रियासन द्वारा प्रस्तावित एक संशोधित परिभाषा है, वह निम्नलिखित परिभाषा का प्रस्ताव करता है: "सामाजिक विपणन वाणिज्यिक विपणन प्रौद्योगिकियों का अनुकूलन है जो लक्षित दर्शकों के स्वैच्छिक व्यवहार को प्रभावित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है ताकि उनके व्यक्तिगत कल्याण और समाज में सुधार हो सके। जिनमें से वे एक हिस्सा हैं। उनकी परिभाषा ने सामाजिक विपणक को उस परिणाम पर ध्यान केंद्रित करने दिया जिससे उन्होंने प्रभावित किया और सामाजिक विपणन के अनुशासन को दूसरों के लिए अलग रखा और सामाजिक विपणन को उन क्षेत्रों से अलग किया जो विफल होना आसान है।
सामाजिक विपणन का विचार उन्हीं विपणन सिद्धांतों का उपयोग प्रचार विचारों, दृष्टिकोणों और व्यवहारों के लिए करना है जिनका उपयोग उपभोक्ताओं को उत्पाद बेचने के लिए किया जा रहा था। भ्रम है कि क्या सामाजिक विपणन सार्वजनिक और गैर-लाभकारी विपणक तक सीमित था। वास्तव में, वे आवश्यक रूप से सामाजिक विपणन नहीं हैं, यह बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है कि सार्वजनिक क्षेत्र के निकाय मानक विपणन दृष्टिकोणों का उपयोग करके अपनी प्रासंगिक सेवाओं और संगठनात्मक उद्देश्यों के प्रचार में सुधार करें, यह सामाजिक व्यवहार को प्रभावित करता है न कि सामाजिक बाज़ारिया को लाभ पहुँचाने के लिए, बल्कि लाभ के लिए या तो लंबे समय में व्यक्ति या समाज समग्र रूप से। कुछ निजी क्षेत्र भी हैं जो विश्वासों, दृष्टिकोणों और मूल्यों को बदलने के उद्देश्य से कई गतिविधियों का आयोजन करते हैं, लेकिन वे ऐसा करने का एकमात्र कारण परिवर्तन को रोककर बिक्री बढ़ाना है जैसे ग्राहक दूसरे ब्रांड में स्विच कर रहे हैं।
सामाजिक विपणन एक सामाजिक अच्छाई प्राप्त करने के लिए जनता के व्यवहार और जीवन शैली में सुधार कर सकता है, लेकिन इसे करते समय कुछ कठिनाइयाँ होती हैं, समस्या लोगों को प्राप्त होने वाली जानकारी की कमी नहीं है, बल्कि विभिन्न स्रोतों से बहुत अधिक भिन्न जानकारी प्राप्त करने का भ्रम है। जो असंगत या असंगठित हैं। कुछ छोटी फर्मों के लिए, उनके प्रबंधक सोचते हैं कि वे भी सामाजिक विपणक का हिस्सा हैं, तो उनके लिए नीचे की रेखा पर नज़र रखना मुश्किल होगा - व्यवहार बदलने के लिए, और कुछ फर्म भी परेशानी में पड़ जाते हैं क्योंकि वे कार्रवाई देखते हैं यदि विपणक अवधारणा को गलत तरीके से लागू करते हैं, और लोग विफलताओं के लिए सामाजिक विपणन को दोष दे सकते हैं, तो नियोजन पक्ष के बजाय सामाजिक विपणन का पक्ष और सामाजिक विपणन प्रभावशीलता भी सीमित हो सकती है।
सामाजिक विपणन की मुख्य विशेषताएं हैं:
- ग्राहक अभिविन्यास - विपणन के सभी रूपों का एक प्रमुख तत्व, लक्षित ग्राहक की स्थिति को समझें, जहां से वे शुरू करते हैं, उनका ज्ञान, दृष्टिकोण और विश्वास, उनकी पृष्ठभूमि जहां वे रहते हैं और काम करते हैं। यह आसानी से और सुचारू रूप से प्रगति कर सकता है।
- एक एक्सचेंज - कुछ लाभों की अपेक्षा के साथ दो या दो से अधिक पार्टियों के बीच संसाधनों या मूल्यों के आदान-प्रदान के रूप में परिभाषित। सामाजिक विपणक को वास्तव में यह जानना होगा कि लोगों से क्या उम्मीद की जा रही है और उनकी विनिमय की लागत क्या है, अन्यथा, कोई भी विनिमय करने के लिए तैयार नहीं हो सकता है और सामाजिक विपणन की विफलता का कारण बन सकता है।
- दीर्घकालीन नियोजन दृष्टिकोण : एकबारगी अभियानों के बजाय लंबे समय तक कार्यक्रम जारी रखना, यह सामरिक के बजाय रणनीतिक होना चाहिए। अनुसंधान के साथ शुरू और समाप्त होता है और योजना बनाने के लिए लंबे समय का उपयोग करता है, क्योंकि हमें यह जानना है कि व्यवहार को बदलना आसान नहीं है, लोग अपने दैनिक जीवन में इसके अभ्यस्त हैं, इसलिए हमें यह समझने की आवश्यकता है कि लोग ऐसा क्यों करते हैं और इसलिए कैसे उनके जीवन विकल्पों में उनका समर्थन करने के लिए सबसे अच्छा है, इसलिए, हम उनके मन को बदलने के लिए उन्हें "पुनः शिक्षित" कर सकते हैं।
- व्यक्तिगत उपभोक्ता से आगे बढ़ना - यह व्यर्थ होगा यदि हम एक व्यक्तिगत उपभोक्ता के व्यवहार या जीवन शैली को बदलते हैं यदि वे अभी भी उसी वातावरण में काम कर रहे हैं, तो लोगों के समूह या पूरे समाज को प्राप्त करने के लिए यह बहुत उपयोगी हो सकता है। सामाजिक विपणन का उद्देश्य।
सामाजिक विपणन में अंतर करने के लिए कुछ विशेष विशेषताएं हैं, यह सामाजिक भलाई के लिए विशिष्ट व्यवहार लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अन्य अवधारणाओं और तकनीकों के साथ-साथ विपणन का व्यवस्थित अनुप्रयोग है, यह एक अति-सरलीकरण है, हालांकि इसे कभी-कभी केवल गैर-व्यावसायिक प्राप्त करने के रूप में देखा जाता है। मानक वाणिज्यिक विपणन प्रथाओं का उपयोग करके लक्ष्य
'सामाजिक अच्छा' 'सामाजिक विपणन' का प्राथमिक उद्देश्य है और यह इसका पहला परिणाम है जबकि 'वाणिज्यिक विपणन' में 'वित्तीय' प्राथमिक उद्देश्य है। लेकिन वाणिज्यिक विपणक द्वारा प्राप्त करने के लिए सामाजिक भलाई में अभी भी योगदान दिया जा सकता है। धीरे-धीरे, लोग सामाजिक विपणन को 'सामाजिक माता-पिता' के रूप में वर्णित करते हैं जो सामाजिक विज्ञान और सामाजिक नीति है, और एक 'विपणन माता-पिता' जो वाणिज्यिक और सार्वजनिक क्षेत्र के विपणन दृष्टिकोण हैं। सोशल मार्केटिंग मार्केटिंग के अन्य क्षेत्रों से केवल मार्केटर और उसके संगठन के उद्देश्यों के संबंध में भिन्न है।
सामाजिक विपणन एक ग्राहक उन्मुख दृष्टिकोण लागू करता है, इसे समाज को योग्यता के सामान खरीदने और अवगुण वस्तुओं के उपयोग को रोकने के लिए और समाज को यह बताने के लिए भी लागू किया जा सकता है कि वे समाज की भलाई को समग्र रूप से मानते हैं, के लिए उदाहरण के लिए लोगों को सार्वजनिक क्षेत्रों में धूम्रपान न करने के लिए कहें, सिगरेट का धूम्रपान कम करें, लोगों को सीट बेल्ट का उपयोग करने के लिए कहें, उन्हें गति सीमा का पालन करने के लिए प्रेरित करें आदि।
सामाजिक विपणन जानता है कि वाणिज्य कई लाभ लाता है, लेकिन यह व्यक्ति और समाज को नुकसान पहुंचा सकता है। तंबाकू इसका एक चरम उदाहरण है, यह अपने दीर्घकालिक उपयोगकर्ताओं में से आधे को मारता है। तो, 'सोशल मार्केटिंग' इसके विपरीत कर सकती है जैसे तंबाकू कंपनी लोगों को धूम्रपान करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए मार्केटिंग का उपयोग करती है।