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बिजनेस में सफलता के टिप्स

बिजनेस में सफलता के टिप्स
नई दिल्ली: मेरठ के रहने वाले रमेश जुनेजा ने ग्रेजुएशन करने के बाद 1974 में नी फार्मा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में करियर की शुरुआत की. साल 1955 में पैदा हुए रमेश जुनेजा मेरठ से पुरकाजी यूपी रोडवेज की बस में रोजाना डॉक्टर से मिलने जाते थे. पुरकाजी और आसपास के इलाके में डॉक्टर से मिलने के लिए जुनेजा दो-दो घंटे का इंतजार करते थे. जुनेजा अपने मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के पेशे में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे.

Success Story: कारोबार में आई मंदी तो तुरंत किया डायवर्सिफाई, बिजनेस 50-60 करोड़ के पार, जानिए न्यूटेक ग्रुप की कहानी
रमेश जुनेजा की सोच और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वह आज मैनकाइंड फार्मा को ₹60000 करोड़ की कंपनी बना चुके हैं. करीब 1 साल तक नी फार्मा में काम करने के बाद रमेश जुनेजा ने साल बिजनेस में सफलता के टिप्स 1975 में लुपिन ज्वाइन किया और यहां 8 साल तक फर्स्ट लाइन मैनेजर के रूप में अपनी नौकरी की.

Instant Loan Apps: अलर्ट! बैंक ग्राहकों के लिए बड़ी खबर, लोन लेने से पहले SBI के ये 6 सेफ्टी टिप्स जरूर पढ़ें

SBI Safety Tips Against Instant Loan Apps: देश के शीर्ष ऋणदाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने ग्राहकों को इंस्टैंट लोन ऐप्स के खिलाफ आगाह किया है। तत्काल ऋण आवेदन के जाल में फंसने से बचने के लिए बैंक ने अपने ग्राहकों के लिए कुछ सुरक्षा टिप्स भी साझा किए हैं।

SBI ट्विटर हैंडल की आधिकारिक वेबसाइट पर हाल ही में किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, ‘कृपया बैंक या वित्तीय कंपनी के रूप में प्रस्तुत करने वाली कंपनी को संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने या अपनी जानकारी देने से बचें। साइबर क्राइम की रिपोर्ट https://cybercrime.gov.in पर करें।’

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ये 6 सुरक्षा टिप्स

  • डाउनलोड करने से पहले ऐप की प्रामाणिकता की जांच करें।
  • संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
  • अनधिकृत ऐप्स (unauthorized apps) का उपयोग करने से बचें जो आपका डेटा चुरा सकते हैं।
  • अपने डेटा को चोरी होने से बचाने के लिए ऐप अनुमति सेटिंग्स (app permission settings) की जांच करें।
  • स्थानीय पुलिस अधिकारियों को संदिग्ध मनी लेंडिंग ऐप्स की रिपोर्ट करें।
  • अपनी सभी वित्तीय जरूरतों के लिए http://bank.sbi पर जाएं।

बैंक, आरबीआई के साथ पंजीकृत गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां और राज्य सरकारों द्वारा विनियमित संस्थाएं वैध ऋण की पेशकश कर सकती हैं। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को कभी भी अपनी केवाईसी दस्तावेजों की कॉपी अज्ञात व्यक्तियों या असत्यापित/अनधिकृत ऐप्स के साथ साझा नहीं करनी चाहिए और ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट उचित कानून प्रवर्तन एजेंसियों को करनी चाहिए।

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नेटवर्क मार्केटिंग में सफल होने के 7 टिप्स ( MLM Success Tips in hindi )

दोस्तों मै आज आपको 7 Tips for Network Marketing ( MLM ) Success in Hindi बताने जा रहा हु जो कि मैंने एक Network Marketing company के बहुत बड़े Leaders से बात करके जाने है , उस Network marketing company के Leaders ने मुझे बताया कि जो भी इन 7 Tips को use करेगा वह Network Marketing ( MLM ) में जरुर Success होगा तो आइये जानते है कि वह 7 Tips for Network Marketing ( MLM ) Success कोनसे है।

Network Marketing mlm success tips in hindi

दोस्तों आपने बिजनेस में सफलता के टिप्स एक word सुना होगा ” follow the system” नेटवर्क बिजनेस में काम करने का एक system होता है , जैसे आप कोई भी काम करते हैं, किसी भी field में काम करते हैं ,तो वहां पर कोई न कोई काम करने का एक सिस्टम होता है ,इसी तरीके से नेटवर्क बिजनेस में भी सफलता प्राप्त करने का एक सिस्टम होता है । अगर आप नेटवर्क marketing business में सफलता हासिल करना चाहते हैं तो इन 7 tips को जरूर अपनाएं –

7 Tips for Network Marketing ( MLM ) Success in Hindi

1 .- Positive thinking ( सकारात्मक सोच रखना ) –

Network Marketing Business हो या और कुछ ,कहीं भी आपको सफल होना है तो सबसे पहले अपनी सोच को सकारात्मक बनाना होगा ,क्योंकि एक नकारात्मक सोच के साथ कभी भी कोई बड़ा काम नहीं किया जा सकता , आपको अपने ऊपर विश्वास करना पड़ेगा ,आपको अपनी कंपनी के ऊपर विश्वास करना पड़ेगा, जिस कंपनी को भी आपने Join किया हुआ है , उस कंपनी के ऊपर आपको भरोसा करना पड़ेगा , तभी आप इसमें सफ़ल हो बिजनेस में सफलता के टिप्स पाएंगे क्योकि अगर आपको अपने आप पर , कम्पनी पर या उसके product पर भरोसा नहीं रहेगा तो आप किसी और को उस Feeling के साथ बता ही नहीं पायेगे , इससे अगर कोई Network Marketing में आपके साथ जुड़ने वाला रहेगा तो भी नहीं जुड़ पायेगा इसलिए सबसे पहले सभी चीजों के बारे में Positive thinking बनाइयें ।

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2 . – Make a list ( लिस्ट तैयार करना ) –

नेटवर्क बिजनेस लोगों का बिजनेस है ,यह अकेले इंसान का बिजनेस नहीं है ,इसमें हम तभी बड़ा बिजनेस कर सकते हैं ,जब हम टीम बनाएंगे , तो टीम बनाने के लिए आपको लिस्ट बनानी होगी ,जैसे अपने दोस्तों की, अपने परिवारों की अपने पड़ोसियों की अतः जिन – जिन लोगों को आप जानते हैं ,उनकी लिस्ट बनाइए with contact number।

3 . – Show the plan ( प्लान बताना ) –

जिन जिन लोगों की लिस्ट आपने बनाई है , उन लोगों को इन्वाइट कीजिए और अपना प्लान बताइए , अगर आप खुद नहीं समझा सकते तो अपने किसी सीनियर की मदद लीजिए ।Show the plan इन 3 तरीकों से किया जा सकता है –

  1. One to one – आप जिस व्यक्ति को प्लान देना चाहते है उससे खुद मिल बिजनेस में सफलता के टिप्स कर उसे बताइए ।
  2. Group meeting – अपने up-line और जिसको प्लान देना है उनको एक साथ एक ग्रुप में प्लान दें , इसका फायदा यह होगा की आपका up-line भी कुछ बातें रख पायेगा। Group meeting हमेशा One to one से अच्छा Result देती है ।
  3. Event Meeting – अपने guest को किसी बड़े इवेंट में ले जाएं इससे वहां उन लोगों को बहुत सारी चीजें देखने वह समझने को मिलती है व उनके अंदर एक विश्वास जगती हैं , इससे वह बहुत जल्दी ज्वाइन करते हैं।

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4. – Follow up ( दोबारा बात करें ) –

चलो अब जिन लोगों से आप मिले हैं , अपना plan बताए हैं , वह घर जा कर सोचते हैं और उनके अंदर बहुत से doubt आते हैं , कुछ नेगेटिव और पॉजिटिव , दोहरे मापदंड आते रहते हैं जैसे – ज्वाइन करें या नहीं, कुछ नुकसान तो नहीं हो जाएगा , तो ऐसे में हमें उनके follow up लेनी है उनके doubt clear करना है , और हां ओर एक बात हमेशा याद रखें follow up हमेशा 24 से 48 घंटे में करें ।

5. – Startup करवाएं –

जब आपके client join करें तब उसे स्टार्ट अप करवाएं उसे एक बार फिर प्लान समझाएं , benefits बताएं । कई बार ऐसा होता है कि हमने किसी को प्लान दिया , उसको बिज़नस अच्छे से समझया , follow up किया और उस व्यक्ति join कर लिया , अब हम सोंचते है कि इसको सब समझ में आ गया है लेकिन ऐसा होता नहीं है उसको एक बार फिर से प्लान समझाए और वह किसी दुसरे को प्लान कैसे समझाएगा यह भी बताइए और उसे ख़ुद practice करने का बोलिए तभी वह आपके साथ आगे बना रहेगा ।

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6. – 100% product user ( सभी product use करना ) –

कुछ लोग होते हैं जो अपने ही कंपनी के product use नहीं करते हैं , तो वह लोग , लोगों को कैसे विश्वास दिला पाएंगे और जब आप use ही नहीं करेंगे ,तो आपके वॉल्यूम कैसे बनेगा और वॉल्यूम नहीं बनेगा तो कमीशन कैसे आएगा और अगर आप यूज़ नहीं करेंगे तो आपके डाउन लाइन है वह भी यूज़ नहीं करेंगे इससे आपका बिजनेस शून्य हो जाएगा। इसलिय अगर आपको Network Marketing Business में Success होना है तो आपको 100% product user बनाना पड़ेगा , तभी यह डुप्लीकेशन होगा और आपकी Team भी यही काम करेगी ।

7. – Attend all meeting and seminar –

जी हां आपकी कंपनी में जितनी भी मीटिंग, सेमिनार ,वर्कशॉप ,ट्रेनिंग होता है , वह सब आपको अटेंड करनी है ,क्योंकि यह बिजनेस सीखने का बिजनेस है अगर आप सीखने के लिए तैयार नहीं होंगे , अगर आप अपने कंफर्ट जोन को तोड़ने के लिए तैयार नहीं होंगे , अगर आप ट्रेनिंग , मीटिंग में जाने के लिए तैयार नहीं होंगे तो यह बिजनेस आपको कुछ नहीं दे सकता है इसलिए आपको सीखने के लिए तैयार होना पड़ेगा।

उम्मीद है दोस्तों यह 7 Tips for Network Marketing ( MLM ) Success in Hindi ( नेटवर्क मार्केटिंग में सफल होने के 7 टिप्स ) आपको आपके Network Marketing Business में दिलाने में मदद करेंगे , अगर आपको यह Network Marketing Tips helpful लगें तो अपने Team members , seniors , juniors के साथ शेयर करना बिलकुल ना भूले और इसी तरह network से related जानकारी लगातार पाने के लिए अपना Email जरुर subscribe करले बिजनेस में सफलता के टिप्स ताकि आपको आने वाली जानकारिया ईमेल से मिलती रहें ।

Success Story: यूपी रोडवेज की बस में रोजाना मेरठ से पुरकाजी का सफर, MR से 60,000 करोड़ की मैनकाइंड फार्मा के रमेश जुनेजा की जानिए कहानी

रमेश जुनेजा की सोच और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वह आज मैनकाइंड फार्मा को ₹60000 करोड़ की कंपनी बना चुके हैं.

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मैनकाइंड फार्मा के रमेश जुनेजा ने निरमा के फाउंडर करसनभाई पटेल और मैनेजमेंट गुरु सीके प्रह्लाद से काफी कुछ सीखा है.

नई दिल्ली: मेरठ के रहने वाले रमेश जुनेजा ने ग्रेजुएशन करने के बाद 1974 में नी फार्मा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में करियर की शुरुआत की. साल 1955 में पैदा हुए रमेश जुनेजा मेरठ से पुरकाजी यूपी रोडवेज की बस में रोजाना डॉक्टर से मिलने जाते थे. पुरकाजी और आसपास के इलाके में डॉक्टर से मिलने के लिए जुनेजा दो-दो घंटे का इंतजार करते थे. जुनेजा अपने मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के पेशे में धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे थे.

Success Story: कारोबार में आई मंदी तो तुरंत किया डायवर्सिफाई, बिजनेस 50-60 करोड़ के पार, जानिए न्यूटेक ग्रुप की कहानी
रमेश जुनेजा की सोच और कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि वह आज मैनकाइंड फार्मा को ₹60000 करोड़ की कंपनी बना चुके हैं. करीब 1 साल तक नी फार्मा में काम करने के बाद रमेश जुनेजा ने साल 1975 में लुपिन ज्वाइन किया और यहां 8 साल तक फर्स्ट लाइन मैनेजर के रूप में अपनी नौकरी की.

साल 1983 में उन्होंने लूपिन से इस्तीफा दे दिया और अपने एक पार्टनर के साथ बेस्टोकेम नाम की कंपनी शुरू की. साल 1994 में उन्होंने बेस्टोकेम से रिश्ता तोड़ लिया और साल 1995 में अपने छोटे भाई राजीव जुनेजा के साथ ₹50 लाख के निवेश से मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत की.

रमेश जुनेजा की शुरुआती टीम में 25 मेडिकल रिप्रजेंटेटिव थी. साल 1995 में ही मैनकाइंड फार्मा चार करोड़ की कंपनी बन गई. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में केमिस्ट की दुकान पर खड़े रमेश जुनेजा ने एक वाकया देखा. एक व्यक्ति वहां दवा लेने आया लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे.

वह आदमी दवाई लेने के लिए इतना गंभीर था कि वह दवा की कीमत के बदले चांदी के कुछ गहने देने लगा. इसके बाद रमेश जुनेजा सोच में पड़ गए कि ऐसा क्या किया जाए कि जिससे लोगों को जरूरी दवाइयां उचित कीमत पर उपलब्ध हो सके.

कम कीमत, बढ़िया क्वालिटी

रमेश जुनेजा ने इसी सोच के साथ मैनकाइंड फार्मा शुरू की. दवा कंपनी शुरू करने के बाद दवा की क्वालिटी के साथ जुनेजा ने इसकी कीमत का भी खास ध्यान रखा. इसके साथ ही वह अपनी बिजनेस स्ट्रेटेजी में भी लगातार नई चीजें शामिल करते रहे. रमेश जुनेजा हाल में ही फोर्ब्स की रिचेस्ट इंडियन की लिस्ट में शामिल हुए हैं.

कुछ नया सोचिए

मैनकाइंड फार्मा के रमेश जुनेजा ने निरमा के फाउंडर करसनभाई पटेल और मैनेजमेंट गुरु सीके प्रह्लाद से काफी कुछ सीखा है. मैनकाइंड फार्मा के रमेश जुनेजा ने कंडोम और कॉन्ट्रासेप्टिव प्रोडक्ट्स को बेडरूम से निकालकर प्राइम टीवी पर पहुंचा दिया है.

कंडोम को निकाला पर्दे के बाहर
साल 2007 में टीवी पर मैनकाइंड के कंडोम के एड शुरू हुए थे. उसके बाद से ही लोगों की जुबान पर मेनफोर्स ब्रांड चढ़ चुका है. मैनकाइंड के रमेश जुनेजा ने पिछले 22 साल में फार्मा सेक्टर में खुद को स्थापित करने के लिए ग्रामीण इलाकों में सस्ती दवाइयां बेची है. रमेश जुनेजा तुरंत सबक सीखने वाले लोगों में से एक हैं. जुनेजा ने मैनकाइंड फार्मा के सेल्स प्रमोशन पर काफी रकम खर्च किया है.

ग्रामीण इलाके पर फोकस

मैनकाइंड फार्मा ने उन इलाकों में कारोबार पर फोकस किया जहां बड़ी कंपनियों ने निवेश नहीं किया था. ऐसे इलाकों में सस्ते प्रोडक्ट से मैनकाइंड ने अपनी खास जगह बना ली है. मैनकाइंड फार्मा सिप्ला जैसी स्थापित कंपनियों के मुकाबले मार्केटिंग और प्रमोशन पर 2 गुना अधिक रकम खर्च करती है. मैनकाइंड फार्मा के पास 20,000 से अधिक लोगों की सेल्स फोर्स मौजूद है.

  1. हमेशा बड़े सपने देखिए. जब आप बड़े सपने देखेंगे तो उन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और उससे आपको सफलता मिलेगी.
  2. मेहनत से कभी मत डरिए. कड़ी मेहनत आपकी सफलता की बिजनेस में सफलता के टिप्स पहली सीढ़ी है.
  3. बिजनेस और कामकाज में मानवीय संवेदनाओं का हमेशा ध्यान रखिए. अगर आप आम लोगों से जुड़ी चीजों की चिंता करेंगे तो आप लोग आपकी कंपनी को बड़ा बनाने में योगदान करेंगे.

गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स जल्द लांच करेगी DCPD इलेक्ट्रिक - 3 व्हीलर

गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स जल्द लांच करेगी DCPD इलेक्ट्रिक - 3 व्हीलर

नई प्लास्टिक तकनीक डीसीपीडी के साथ, कभी ना जंग लगने वाला ई- 3 व्हीलर जल्द होगा लॉन्च!

भारत की प्रमुख कंपनी गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स आगामी दिनों में जल्द ही नवीन प्लास्टिक तकनीक DCPD से निर्मित किए गए अपने ई- 3 व्हीलर मॉडल की लांचिंग करेगी। कंपनी ने डीसीपीडी सामग्री से बनाए इस कंपलीट व्हीकल बॉडी पैनल के साथ इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को मार्केट में प्रवेश कराने की तैयारी कर ली है। इसी के आधार पर कहां ये भी जा रहा है कि ये कंपनी अपने नेटवर्क और लाइनअप का विस्तार करेगी। गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स कंपनी द्वारा उत्पादित इस नई प्लास्टिक तकनीक के इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को हाल ही किए गए परीक्षण में भी सफलता हासिल हो गई है। डीसीपीडी सामग्री से बनाए गए वाहन में जंग भी नहीं लगता और यह अधिक तापमान में खूब काम करता है। यहां ट्रक जंक्शन के इस आर्टिकल में आपको गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स की इस योजना के बारे में पूरी जानकारी दी जा रही है, इसे अवश्य पढ़ें और शेयर करना ना भूलें।

गजब की मजबूत है डीसीपीडी सामग्री

आपको बता दें कि गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स कंपनी ने हाल ही में एक ऐसे E3W मॉडल का निर्माण किया है जो डीसीपीडी प्लास्टिक सामग्री से बनाया गया है। इस कंपनी को डीसीपीडी सामग्री से थ्री व्हीलर निर्माण का पेटेंट भी मिला है। डीसीपीडी के परीक्षण से पता चला है कि यह सामग्री हाई टेंप्रेचर और कई प्रकार के केमिकल्स के संपर्क में आने पर भी गर्म नहीं होती। इसके अलावा यह जंगरोधी भी है। इससे वाहन की बॉडी में कहीं जंग नहीं लग सकेगा। कठोर परिस्थितियों और सभी प्रकार की जलवायु वाले स्थानों पर यह बाधारहित काम करने में भी सक्षम है। डीसीपीडी सामग्री वाकई गजब की मजबूत है।

ई-साईकिल, स्कूटर और ई-लोडर भी लाएगी

गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स का दावा है कि वह इस वित्त वर्ष के अंत तक अपने लाइनअप का विस्तार करते हुए इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर के बाद ई साईकिल, ई- स्कूटर और ई- लोडर भी भारतीय ईवी बाजार में पेश करेगी। गौरतलब है कि पिछले साल इस कंपनी ने घोषणा की थी कि वह रायपुर में इलेक्ट्रिक मैन्युफैैक्चरिंग फैक्ट्री की स्थापना करने के लिए 150 करोड़ रुपये तक का निवेश कर सकती है। इस घोषणा के मुताबिक अब गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स अगली तिमाही में रायपुर में ईवी उत्पादन संयंत्र का उद्घाटन करने जा रही है। यह कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल के खुदरा क्षेत्र में अपनी पैठ जमाने का पूरा इरादा रखती है। वहीं यह कंपनी दिसंबर में इलेक्ट्रिक थ्री व्हीलर को रोलआउट भी कर सकती है।

डीसीपीडी से बने थ्री व्हीलर में होगी कार जैसी चमक

परीक्षण में सामने आए परिणामों के आधार पर कहा जाए तो गोदावरी इलेक्ट्रिक मोटर्स द्वारा डीसीपीडी से बनाए गए 3 व्हीलर को कार के जैसी पेंट फिनिश मिल सकेगी। कंपनी का दावा है कि यह नवीन तकनीक वाहन को लांग लाइफ और बेहतर फिटनेस एवं फिनिशिंग प्रदान करती है।

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