निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए

निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए
फ्यूचर्स और ऑप्शंस(Futures एंड Options) में ट्रेडिंग के लिए शेयर बाजारों की उच्च स्तर की समझ की आवश्यकता होती है। बाजार की गतिविधियों को ट्रैक करने के लिए निवेशकों के समय की भी आवश्यकता होती है। इसलिए, वायदा और विकल्पों में निवेश करना अक्सर हर किसी का खेल नहीं होता है।
हेजर्स(Hedgers): हेजर्स मुख्य रूप से भविष्य की कीमतों में उतार-चढ़ाव से खुद को बचाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अधिकांश हेजर्स कमोडिटी मार्केट में काम करते हैं, जहां कीमतें तेजी से बदलती हैं। ऐसी स्थितियों में, वायदा और विकल्प व्यापार अक्सर उन्हें बहुत आवश्यक मूल्य स्थिरता प्रदान कर सकता है। हेजर्स ने अस्थिर बाजार में अपना सर्वश्रेष्ठ बचाव करके एक अंतर्निहित परिसंपत्ति से अपनी वापसी सुरक्षित की। हालांकि, अगर इस बीच कीमत बढ़ती है, तो वे लाभ खोने का जोखिम उठाते हैं।
सट्टेबाजों(Speculators): व्युत्पन्न अनुबंधों में सट्टा का एक अच्छा तत्व होता है, अर्थात, एक निश्चित मूल्य निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए पर व्यापार करने के लिए सहमत होना। सट्टेबाज लंबी बाधाओं के खिलाफ दांव लगाने की कोशिश करते हैं। वे सक्रिय रूप से बाजारों, समाचारों और किसी भी अन्य जानकारी का विश्लेषण करते हैं, जिससे उनके व्यापार पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसलिए, सट्टेबाज अंतर्निहित परिसंपत्ति की कीमत पर एक शिक्षित दांव लगाते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो सट्टेबाजों का लक्ष्य अल्पावधि में कम कीमतों पर संपत्ति खरीदना और लंबी अवधि में उच्च रिटर्न की अटकलें लगाना है।
मध्यस्थ(Arbitrageurs): आर्बिट्राजर्स विभिन्न एक्सचेंजों में मूल्य अस्थिरता का लाभ उठाते हैं। दूसरे शब्दों में, वे विभिन्न एक्सचेंजों में अंतर्निहित परिसंपत्ति में मूल्य अंतर से लाभ कमाते हैं। मध्यस्थ एक बाजार में कम कीमत की प्रतिभूतियां खरीदते हैं और साथ ही उन्हें दूसरे बाजार में अधिक कीमत पर बेचते हैं। मार्जिन ट्रेडर्स(Margin Traders): मार्जिन ट्रेडर्स वे व्यक्ति होते हैं जो डेरिवेटिव ट्रेडों में भाग लेने के लिए अपने ब्रोकर के पास मार्जिन राशि (न्यूनतम राशि) जमा करते हैं। इसके माध्यम से, ट्रेड एक बड़ी बकाया स्थिति को बनाए रखते हुए डेरिवेटिव ट्रेडों का लाभ उठाने में सक्षम होते हैं।
मैं कैसे निर्धारित करूँ कि कौन सी परोपकारी संस्था/संगठन/सेवकाई के लिए वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए?
परोपकारी संस्थाओं के असँख्य विकल्पों के होने के कारण, एक मसीही विश्वासी कैसे बुद्धिमानी से निर्णय कर सकता है कि किसे दान देना है? कौन से सेवकाई, मिशन, संगठन, परोपकारी संस्थाएँ दान दिए जाने के लिए विचार करने योग्य हैं? सबसे अधिक सम्भावित अनन्तकालीन प्रभाव के लिए धन का कैसे निवेश किया जा सकता है? बहुत से लोग इन प्रश्नों के कारण उलझ कर रह जाते हैं। यहाँ कुछ सिद्धान्त दिए गए हैं, जिनसे निर्णयों को आसानी से लेने में थोड़ी सी सहायता मिलेगी।
किसे दान दें? - खरे उपदेश
"पर तू ऐसी बातें कहा कर जो खरे उपदेश के योग्य हैं" (तीतुस 2:1)।
क्या कोई सेवकाई/मिशन/संगठन/परोपकारी संस्था यीशु मसीह के सुसमाचार की घोषणा करता है और परमेश्वर के वचन के अधिकार को ऊँचा उठाता है? क्या जो कुछ एक निश्चित सेवकाई करती है, उसमें उसके पास महान आदेश को पूरा करने का लक्ष्य है, जो कि खोए हुए लोगों को इकट्ठा करना और विश्वासियों को यीशु मसीह के प्रति पूरी तरह से समर्पित अनुयायी बनने के लिए प्रेरित करना है (मत्ती 28:19-20; प्रेरितों के काम 1:8)? चाहे उस सेवकाई का प्राथमिक ध्यान बिन्दु लोगों की भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करना और यीशु के हाथ और पैर ही होना क्यों न हो, क्या सभी बातों में सुसमाचार प्रथम स्थान पर रहता है?
किसे दान दें? - प्रभावशीलता और विशेषज्ञता
"पर कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे, और फल लाए - कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, और कोई तीस गुना।" (मत्ती 13:8)।
क्या उस सेवकाई का कोई प्रभाव है? क्या परोपकारी संस्था वास्तव में अपने मिशन, लक्ष्यों और उद्देश्यों को पूरा कर रही है? क्या संगठन समस्याओं को सुलझाने में विशेषज्ञता का प्रदर्शन कर रहा है? एक भीड़ से भरे हुए मैदान में, क्या सुसमाचार की सेवकाई शेष लोगों से पृथक हो कर सही अर्थ में लोगों के जीवन में भिन्नता को जन्म दे रही है?
किसे दान दें? – भण्डारीपन
"फिर यहाँ भण्डारी में यह बात देखी जाती है कि वह विश्वासयोग्य हो" (1 कुरिन्थियों 4:2)।
क्या एक सेवकाई अपने धन का बुद्धिमानी से उपयोग कर रही है? क्या एक सेवकाई अपने संसाधनों में जिन कार्यों में निवेश कर रही है, वे वास्तव में कोई अर्थ रखते हैं? तोड़ों के दृष्टान्त की तरह, क्या एक संगठन अपने खजाने को गाड़ तो नहीं रहा है या वह इसका निवेश परमेश्वर के राज्य में कर रहा है? क्या एक परोपकारी संस्था की वित्तीय प्राथमिकताएँ परमेश्वर के वचन की प्राथमिकताओं की रूपरेखा के अनुरूप हैं?
किसे दान दें? – जवाबदेही
"बिना सम्मति की कल्पनाएँ निष्फल हुआ करती हैं, परन्तु बहुत से मन्त्रियों की सम्मति से बात ठहरती है।" (नीतिवचन 15:22)।
क्या एक संगठन अपने वित्त और निर्णयों के बारे में पारदर्शी और ईमानदार है? क्या किसी एक व्यक्ति का तो इसमें बहुत अधिक प्रभाव नहीं है, या क्या महत्वपूर्ण निर्णयों में सम्मिलित लोगों में अच्छा सन्तुलन बना हुआ है? क्या नेतृत्व "जैसे लोहा लोहे को चमका देता है" के विचार के लिए खुले मन वाला है (नीतिवचन 27:17)? क्या परोपकारी संस्था अपनी सभी उचित वित्तीय जानकारी को पूरी तरह से उजागर करने के लिए तैयार है? क्या एक सेवकाई रचनात्मक आलोचना को सुनने के लिए तैयार है, या मिलने वाली प्रतिक्रिया को सुनना पसन्द नहीं करती है (नीतिवचन 27:6)?
किसे दान दें? – प्रार्थना
“माँगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूँढ़ो तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा” (मत्ती 7:7)।
परमेश्वर से यह ज्ञान माँगें कि वह कैसे चाहता है कि आप अपने धन को सेवकाई में निवेश करें (याकूब 1:5)। परमेश्वर से पूछें कि वह आपको उन कामों को करने के लिए जुनून दे, जिनके लिए वह चाहता है कि आप दान दें। परमेश्वर से बहुतायत के साथ यह स्पष्ट करने के लिए कहें कि आप अनन्तकालीन प्रभाव को लाने के लिए वित्तीय बलिदान कैसे कर सकते हैं।
किसे दान दें? - परमेश्वर पर भरोसा करें और दान दें
“परन्तु बात यह है : जो थोड़ा बोता है, वह थोड़ा काटेगा भी; और जो बहुत बोता है, वह बहुत काटेगा। हर एक जन जैसा मन में ठाने वैसा ही दान करे; न कुढ़ कुढ़ के और न दबाव से, क्योंकि परमेश्वर हर्ष से देनेवाले से प्रेम रखता है” (2 कुरिन्थियों 9:6–7)।
जबकि उपर्युक्त सिद्धान्तों को सहायता देनी चाहिए, इस प्रश्न के प्रति बाइबल आधारित कोई भी "तू यह. " करना या यह न करना वाला कथन नहीं है। हमारा विश्वास है कि, जबकि एक मसीही विश्वासी के द्वारा प्राथमिक रूप दान को उसकी स्थानीय कलीसिया में ही दिया जाना चाहिए, जिसमें वह भाग लेता है, तथापि इस विषय के प्रति बहुत अधिक स्वतन्त्रता दी गई है। क्या एक मसीही विश्वासी को बच्चों के लिए सहायता दी जाने वाले कार्यक्रम का समर्थन करना चाहिए या मानव तस्करी को समाप्त करने के लिए दान देना चाहिए? क्या एक मसीही विश्वासी को एक स्थानीय बचाव आश्रय स्थल के लिए या एक विश्वव्यापी सुसमाचार प्रचार के कार्यक्रम के लिए दान देना चाहिए? इन प्रश्नों का कोई सार्वभौमिक सही या गलत उत्तर नहीं है। यह विवेक, प्राथमिकताओं और जुनून का विषय है।
परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह आपको सुसमाचार सुनाने के एक कार्यक्रम की सहायता करने के लिए जुनून दे। उपरोक्त सिद्धान्तों को ध्यान में रखकर खोज करें। तत्पश्चात्, दान दें!
मैं कैसे निर्धारित करूँ कि कौन सी परोपकारी संस्था/संगठन/सेवकाई के लिए वित्तीय सहायता दी जानी चाहिए?
क्रिकेटर विराट कोहली से भी सीखे जा सकते हैं निवेश के गुर.
टीम इंडिया के टेस्ट कप्तान विराट कोहली की कप्तानी में न सिर्फ भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी एक के बाद एक रिकॉर्ड बना रहे हैं बल्कि टीम भी जीत के किले फतह कर रही है. चलिए आज आपको बताएं कि विराट की कैप्टनशिप में छिपे हैं कई ऐसे राज, जिन्हें गौर से देंखे तो वे निवेश के लिए भी बेहतरीन गुर साबित हो सकते हैं. आइए जानें कि क्रिकेट की दुनिया के इस चमकते हुए सितारे से हम निवेश के बाबत क्या सीख सकते हैं.
1-अपने पर भरोसा- अंडर-19 विश्व कप में जब भारतीय टीम ने कप जीता था तब विराट कोहली ही भारतीय टीम के कप्तान थे. उनकी शानदार कप्तानी की बदौलत ही भारत यह कप जीतने में कामयाब रहा था. विराट कोहली सुर्खियों में उस समय आए जब वह अपने पिता की मृत्यु के दिन कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच में दिल्ली के लिए खेल रहे थे. निवेश का एक महत्वपूर्ण नियम है कि अपने फैसलों पर तर्कसंगत भरोसा करें. हां यह जरूरी कि अपना पोर्टफोलियो बनाते समय आप जिन शेयरों, निवेश के लिए फंड्स और स्कीमों को चुने, वे पूरी तरह से रिसर्च के बाद लिए गए हैं. एक बार फैसला ले लें तो उस पर अफवाहों से इतर अडिग रहें और बाजार की चाल पर भी नजर बनाए रखें.
2- निरंतरता- विराट कोहली ने इतनी कम उम्र में बड़े बड़े रिकॉर्ड्स बना लिए हैं और कहा जा रहा है कि वह इसी रफ्तार से चलते रहे तो वे रिकॉर्ड्स के मामले में सचिन तेंदुलकर से भी आगे निकल जाएंगे. इसकी वजह संभवत: यह है कि वह लगातार अच्छा खेल रहे हैं और अपने फैसलों की समीक्षा करते हुए रणनीति तय कर रहे हैं. वनडे और टेस्ट क्रिकेट में भी कोहली ने रिकॉर्ड रन बनाएं हैं. विराट वनडे में 25 सेंचुरी और 37 हाफ सेंचुरी लगा चुके हैं, वहीं टेस्ट क्रिकेट में 13 शतक और 12 हाफ सेंचुरी लगा चुके हैं. निरंतरता का नियम निवेश पर भी लागू होता है. एक अच्छा निवेशक अपने बाजार की उठापटक से अत्याधिक प्रभावित हुए बगैर नियमित रूप से निवेश करता है. जैसे यदि आपने एसआईपी में निवेश किया हुआ है, तो इसके लिए आप नियमित तौर पर एक निश्चित रकम निवेश करते होंगे. यह निवेश का गोल्डन रूल है कि निवेश में निरंतरता बनी रहे. चाहे कितना भी कम पैसा क्यों न निवेश में लगाएं लेकिन यह कोशिश यानी निवेश निरंतर होना चाहिए.
3-जोखिम लेने की क्षमता- टेस्ट मैचों में पारंपरिक रूप से विनिंग टीम को ही लगातार खेलने का मौका दिया जाता है और उससे कोई निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए छेड़छाड़ नहीं की जाती. लेकिन विराट कोहली ने इस नियम के खिलाफ जाकर फैसला लिया. गौतम गंभीर और विराट कोहली के बीच अच्छी ट्यूनिंग नहीं बताई जाती थी. कहा जाता था कि निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए दोनों के बीच टकराव की स्थिति रहती है बावजूद इसके इंदौर टेस्ट में गौतम गंभीर को उन्होंने मौका दिया और इन मैचों में गभीर में अच्छा परफॉर्म भी किया. निवेश का नियम निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए यही कहता है कि बाजार उस समुंद्र की तरह है जहां आप पूरी तैयारी से कूदते हैं तब भी यह निश्चित नहीं होता कि आप मंजिल तक पहुंचेंगे या लक्ष्य को प्राप्त कर सकेंगे. कोहली का गंभीर को खिलाने का फैसला इसी जोखिम का हिस्सा था. जिसमें, दांव लगाकर उन्होंने कमाया, गंवाया नहीं.
4- टीम में बदलाव/प्रयोग- विराट कोहली ने टीम में अमित मिश्रा को भी मौका दिया जिन्हें धोनी ने मेनस्ट्रीम से अलग रखा हुआ था. जिस तरह से उन्होंने गौतम गंभीर को टेस्ट में खिलाया और तमाम मैचों में खिलाड़ियों को लेकर पारंपरिक अनकहे नियम को हटाकर फैसले लिए, उससे भी निवेश के ही एक नियम का संकेत मिलता है. एक अच्छा निवेशक उसे कहा जाता है जो अपने पोर्टफोलियो में प्रॉपर्टी, इक्विटी और कुछ सेफ कहे जाने वाले फंड्स-सभी- का समावेश करता है. वह पूरा पैसा शेयर मार्केट में एकसाथ नहीं लगाता बल्कि एक निश्चित प्रतिशत ही मार्केट के लिए रखता है.
5- स्थिति के अनुसार निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए समन्यवय करना, फैसले लेना- विराट कोहली देश विदेश की परिस्थितियों के अनुसार टीम और खेल संबंधी फैसले लेते हैं. किस पिच पर किस खिलाड़ी का खेल पहले चमका है और किसने किस मैदान पर बाजी लगाई है, उसके मुताबिक कोहली फैसले लेते हैं. निवेश करते समय भी यही बात गौरतलब फरमाई जाती है. आप बाजार में उड़ रही अफवाहों के आधार पर नहीं बल्कि गहन अध्ययन, स्टॉक या फंड का पिछला रिकॉर्ड देखते हुए ही पैसा लगाते हैं, तभी कमाई कर पाते हैं.
ELLS Mutual Fund in Hindi: ईएलएसएस फंड क्या है, इसमें किसे निवेश करना चाहिए और फायदें क्या है? जानें सबकुछ
ELLS Fund in Hindi: ईएलएसएस फंड को टैक्स सेविंग फंड भी कहा जाता है क्योंकि सेक्शन 80C के तहत ELLS Fund टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की भी पेशकश करते हैं। इसलिए आज के लेख में जानेंगे कि ELLS Fund Kya Hai? (What is ELLS Fund in Hindi), इसके फायदें क्या है? (Benefits of ELLS Funds in Hindi) और किन्हें निवेश करना चाहिए (Who Should Invest in ELSS Mutual Funds)
ELLS Mutual Fund in Hindi: निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड (Mutual Fund) इन दिनों एक बेहतरीन विकल्प बनता जा रहा निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए है। इसपर मिलने वाला रिटर्न निवेशकों को आकर्षित कर रहा है। मौजूदा समय में म्यूच्यूअल फंड में ही कई प्रकार की केटेगरी है। इन्ही केटेगरी में से एक केटेगरी ईएलएसएस म्यूच्यूअल फंड (ELLS Mutual Fund) है। यह इक्विटी फंड (Equity Fund) की केटेगरी है जिसपर निवेशकों को टैक्स बेनिफिट्स भी मिलता है। तो अगर आप विस्तार से जानना चाहते है कि ELLS Fund Kya Hai? (What is ELLS Fund in Hindi), इसके फायदें क्या है? (Benefits of ELLS Funds in Hindi) और इसमें किन्हें निवेश करना चाहिए (Who Should Invest in ELSS Mutual Funds) तो लेख के साथ अंत तक बने रहे।
ELLS Fund Kya Hai? | What is ELLS Fund in Hindi
ELLS Mutual Fund in Hindi: ईएलएसएस फंड इक्विटी फंड होते हैं, जो अपने कॉरपस का एक बड़ा हिस्सा इक्विटी या इक्विटी संबंधित इंस्ट्रूमेंट में निवेश करते हैं। ELSS फंड को टैक्स सेविंग स्कीम्स भी कहा जाता है क्योंकि ये आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C के तहत 150,000 रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम करने की भी पेशकश करते हैं। ELLS Full Form - Equity Linked Saving Scheme है।
अन्य टैक्स सेविंग इंस्ट्रूमेंट्स की तुलना में ELLS 3 साल की सबसे छोटी लॉक-इन अवधि के साथ आते है। इसका मतलब है कि आप अपने निवेश को खरीद की तारीख से 3 साल बाद ही बेच सकते हैं। हालांकि ELLS Funds से अधिकतम रिटर्न प्राप्त करने के लिए सलाह दी जाती है कि आप अपने निवेश को अधिकतम अवधि के साथ बरकरार रखें। अगर आपके पास ELLS SIP (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) है, तो प्रत्येक किस्त में तीन साल की लॉक-इन अवधि होती है, जिसका अर्थ है कि आपकी प्रत्येक किस्त की एक अलग मैच्यूरिटी तिथि होगी।
ELLS म्यूचुअल फंड कैसे काम करते हैं? | How ELSS Mutual Funds Work in Hindi
ELLS Fund in Hindi: ELSS Funds डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड हैं। ये फंड मुख्य रूप से लिस्टेड कंपनियों के शेयरों में फंड के निवेश उद्देश्य के अनुसार एक विशिष्ट अनुपात में निवेश करते हैं। शेयरों को बाजार पूंजीकरण (लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप) और इंडस्ट्री सेक्टर से चुना जाता है। इन फंडों का लक्ष्य लंबे समय में पूंजी की सराहना को अधिकतम करना है। फंड मैनेजर जोखिम और समायोजित पोर्टफोलियो रिटर्न देने के लिए अच्छी तरह से मार्केट रिसर्च करते है उसके बाद ही शेयरों का चयन करते है।
ELLS म्यूच्यूअल फंड में किसे निवेश करना चाहिए? | Who Should Invest in ELSS Mutual Funds
वेतनभोगी व्यक्ति
जब आप एक वेतनभोगी कर्मचारी होते हैं, तो एक निश्चित राशि होती है जो कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) की ओर जाती है जो एक निश्चित इनकम प्रोडक्ट है। अगर कोई अपने निवेश पोर्टफोलियो में जोखिम और रिटर्न को बैलंस करना चाहता है तो ELLS सबसे अच्छा विकल्प है। असाधारण रिटर्न के अलावा, ELLS में टैक्स छूट भी मिलता है। जबकि यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) भी ऐसा ही करते हैं, उनकी लॉक-इन अवधि अधिक होती है और रिटर्न की संभावना कम होती है।
उदाहरण के लिए ULIP में पांच साल की लॉक-इन अवधि होती है। NPS इक्विटी में आपका निवेश 60 वर्ष की आयु तक लॉक रहता है। वहीं ELLS Fund में आपकी राशि केवल 3 साल के लिए ही लॉक्ड होती है।
फर्स्ट टाइम इन्वेस्टर
अगर आप नए इन्वेस्टर है तो ELLS एक आदर्श विकल्प है क्योंकि आपको टैक्स बेनिफिट के साथ इक्विटी इन्वेस्ट और म्यूच्यूअल फंड का स्वाद भी चखने को मिलता है। यह बात भी सच है कि इक्विटी निवेश में अधिक जोखिम होता है, लेकिन यह आमतौर पर अल्पावधि में होता है। अगर आप पांच साल से अधिक समय के लिए निवेश करते हैं, तो जोखिम बहुत कम होता है। सभी इक्विटी निवेशों की तरह, वर्ष के दौरान मासिक SIP में निवेश शुरू करना सबसे अच्छा तरीका है।
ईएलएसएस फंड में SIP आपको बाजार के रेड होने पर अधिक यूनिट जमा करने में मदद करता है और बाजार के अनुकूल होने पर असाधारण रिटर्न उत्पन्न करता है।
ELLS फंड में निवेश करने से पहले ध्यान देने वाली बातें
फंड रिटर्न - किसी फंड में जाने से पहले फंड के प्रदर्शन की तुलना जरूर करें ताकि यह पता चल सके कि क्या इसने अतीत में लगातार प्रदर्शन दिखाया है? अगर कोई फंड अपने बेंचमार्क या कंपटीटर से बेहतर प्रदर्शन करता है, तो फंड हाई रिटर्न देता है।
फंड हाउस का इतिहास - ऐसे फंड हाउस चुनने की सलाह दी जाती है, जिन्होंने लंबी अवधि में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया हो जैसे कि लगभग पांच से 10 साल।
एक्सपेंस रेश्यो - एक्सपेंस रेश्यो दर्शाता है कि आपका कितना निवेश फंड के मैनेजमेंट में जाता है। अगर किसी फंड का एक्सपेंस रेशियो कम है तो इसका मतलब है कि आपको टेक-होम रिटर्न ज्यादा मिल सकता है। इसलिए ऐसे फंड्स में जाना हमेशा बेहतर होता है जिसका एक्सपेंस रेश्यो कम हो।
फंड मैनेजर - फंड मैनेजर पर भी विचार जरूर करना चाहिए क्योंकि यह वह व्यक्ति है जो आपके फंड के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फंड मैनेजर को सक्षम होना चाहिए और उसके पास सही स्टॉक चुनने और एक मजबूत पोर्टफोलियो बनाने का अच्छा अनुभव होना चाहिए।
ELLS म्यूचुअल फंड के लाभ | Benefits of ELLS Funds in Hindi
सबसे छोटा लॉक-इन
ELSS में तीन साल की सबसे छोटी लॉक-इन अवधि होती है। टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट में पांच साल का लॉक-इन होता है, जबकि पीपीएफ में 15 साल की मैच्योरिटी होती है। कुल मिलाकर ELLS मध्यम अवधि में अधिक तरलता प्रदान करता है।
PPF और FD भी निवेश के साथ टैक्स सेविंग उत्पाद है लेकिन इनमें अधिक रिटर्न की संभावना बेहद कम है। जबकि ELLS में आपको अधिक लचीलापन तो प्रदान करते ही है, साथ ही कम समय में अधिक रिटर्न भी देते है।
बेहतर पोस्ट-टैक्स रिटर्न
ELSS से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स ₹1 लाख की सीमा तक टैक्स फ्री है। 1 लाख से अधिक के लाभ पर केवल 10% की दर से कर लगता है। कम टैक्स दरें उच्च रिटर्न के साथ मिलकर टैक्स के बाद सबसे अच्छा रिटर्न सुनिश्चित करते हैं।
मासिक SIP के जरिए ELLS Funds में निवेश करना आसान है।
ELLS पर टैक्स का प्रभाव | Tax Implications on ELSS
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) पर 15% का टैक्स लगता है, जबकि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) पर तभी टैक्स लगता है जब वित्तीय वर्ष के दौरान लाभ ₹1 लाख से अधिक हो। LTCG ₹1 लाख से अधिक की राशि पर 10% का कर लगता है।
शीर्ष प्रदर्शन निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए करने वाले ELLS फंड | Top Performing ELSS Funds
ELSS Funds in Hindi: कभी-कभी किसी फंड को चुनना एक कठिन काम होता है। किसी एक को चुनने से पहले विभिन्न फंडों के विभिन्न पैरामीटर का विश्लेषण और तुलना करना सही तरीका है। यहां पर 5 ऐसे ELLS की सूची दी गई है जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में रिटर्न के आधार पर शीर्ष प्रदर्शन किया है।