चलती औसत का आवेदन

किसानो के लिए चलाई जा रही 5 स्कीम जिनसे मिलता है पैसा
एग्रीकल्चर इस देश की रीढ़ है और इस रीढ़ को संभालने वाले हैं किसान.
केंद्र सरकार कई योजनाएं चला रही है.
जिनसे लाभ लेकर किसान आर्थिक संपन्न हो सकते हैं.
देश में किसान आपदाओं से जूझता है. बारिश, सूखा और बाढ़ के कारण उसकी फसल तबाह हो जाती हैं.
किसान आर्थिक मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार से गुहार लगाता है. सरकारें चलती औसत का आवेदन भी किसान को निराश नहीं करती.
विभिन्न योजनाओं के तहत किसानों की मदद की जाती है. आज हम ऐसी ही 5 योजनाओं की जानकारी पर बात करेंगे.
जिनका लाभा सीधे तौर पर ही किसानों को मिल जाता है.
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान फसलों की बर्बादी से होता है.
बारिश, आंधी, तूफान, ओलावृष्टि या भूकंप से फसल को नुकसान होता है.
ऐसे किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया जाता है.
स्कीम के तहत औसत बीमा राशि बढ़ाकर 40,700 रुपए कर दी गई है.
यह धनराशि पहले प्रति हेक्टेयर 15,100 रुपए हुआ करती थी.
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना
प्रधानमंत्री की इस स्कीम के तहत मिलने वाली किस्त का किसान बेसब्री से इंतजार करते हैं.
इस बार 12 वीं किस्त थोड़ी लेट हो गई थी. अब 13 वीं किस्त आने का किसान इंतजार कर रहे हैं.
साल में 6 हजार रुपये यानि 4 महीने में 2000 रुपये किसानों के खाते में आते हैं.
पीएम किसान पोर्टल पर या फिर एग्रीक्ल्चर डिपार्टमेंट जाकर योजना के तहत पंजीकरण करा सकते हैं.
किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम
इस योजना के तहत किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जाता है.
क्रेडिट कार्ड की लिमिट किसान के पास जितने हेक्टेयर या बीधा भूमि होती है.
उसी हिसाब से किसान की क्रेडिट लिमिट तय होती है.
इसकी शुरुआत नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलेपमेंट ने की थी.
किसान क्रेडिट कार्ड को अब प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से जोड़ दिया गया है.
स्कीम के तहत किसान को 4 प्रतिशत की दर पर लोन मिलता है.
यदि समय पर ब्याज नहीं जमा किया तो 7 से 8 प्रतिशत तक हो जाता है.
पीएम जनधन योजना
केंद्र सरकार ने गरीब किसान व अन्य लोगों को बैंक से जोड़ने के लिए पीएम जनधन योजना स्कीम शुरू की है.
इसके तहत कोई भी जनधन खाता खुलवा सकता है. इस खाते में सबसे पहले सरकारी योजनाओं का पैसा ट्रांसफर किया जाता है.
किसी भी सहकारी बैंक में इसका खाता खुलवा सकते हैं. खाता सही चलता है तो सरकार 5 हजार रुपये तक के क्रेडिट की सुविधा देती है.
इस खाते के साथ ही बहुत कम प्रीमियम पर प्रधानमंत्री जीवन बीमा योजना और प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना का लाभ भी मिलता है.
एक डेबिट कार्ड भी बैंक देता है. इस पर 2 लाख रुपए का दुर्घटना बीमा मिलता है. अब सरकार 10 हजार रुपये देने की कवायद भी कर रही है.
पीएम मानधन योजना
पीएम किसान योजना में पंजीकृत किसान को इस स्कीम का लाभ दिया जाता है.
इसमें बहुत कम प्रीमियम भरना होता है. लेकिन जितना प्रीमियम किसान देता है. उतना ही सरकार भरती है.
यदि आप 100 रुपये जमा कर रहे हैं तो 100 रुपये सरकार देगी. योजनना का लाभ किसान को 60 साल के बाद मिलेगा.
Weather Update News : इस बार सर्दी के मौसम में होगा गर्मी का अहसास, गेहूं और सरसों की फसल को हो सकता है नुकसान
Weather Update News : इस बार सर्दी के मौसम में होगा गर्मी का अहसास, गेहूं और सरसों की फसल को हो सकता है नुकसान
Weather Update News : पूरे देश में सर्दी शुरू हो गई है। दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई
राज्यों में हल्की ठंड का असर देखा जा रहा है. लेकिन दिन में
गर्मी ने लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में लोगों के मन में
यह सवाल उठ रहा है कि इस बार कितनी ठंड पड़ेगी।
इस सवाल का जवाब मौसम विभाग ने दिया है।
मौसम विभाग का कहना है कि इस बार सर्दी कुछ ज्यादा ही
गर्म रहने की उम्मीद की जा सकती है। दिसंबर से फरवरी के
पूर्वानुमान में विभाग ने कहा कि उत्तर-पश्चिम और उत्तर-पूर्व
भारत के कई हिस्सों में इस बार न्यूनतम और अधिकतम तापमान
सामान्य से अधिक रह सकता है। इस सर्दी के दौरान न्यूनतम और
अधिकतम दोनों तापमान दक्षिण प्रायद्वीपीय और मध्य भारत में सामान्य से नीचे रहेंगे।
हालांकि इससे उत्तर भारत में भीषण सर्दी से कुछ राहत मिल सकती है,
लेकिन अगर तापमान में असामान्य वृद्धि होती है, तो यह खड़ी रबी
फसलों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। सब्जियों की तुलना में गेहूं
पकने के दौरान उच्च तापमान के प्रति संवेदनशील होता है। ला नीना
स्थितियों सहित विभिन्न पैमानों पर मौसम की परस्पर क्रिया के कारण
उत्तर पश्चिम भारत में अधिकतम चलती औसत का आवेदन और न्यूनतम दोनों तापमान सामान्य से ऊपर रहेंगे।
मौसम विभाग का कहना है कि कम बादल छाने और औसत से
कम बारिश के कारण तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा. इससे दिन
का तापमान अधिक बना रहेगा। उत्तर भारत में गेहूं और सरसों जैसी
खड़ी रबी फसलों पर हल्की गर्म सर्दी के प्रभाव पर, मौसम विभाग
का कहना है कि प्रभाव फसल के चरण पर निर्भर करेगा और वर्तमान
में इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। पिछले साल, भारत के
गेहूं के उत्पादन में कटाई से कुछ हफ्ते पहले अचानक गर्मी बढ़ने के कारण भारी गिरावट आई थी।
68वीं बीपीएससी 2022 अधिसूचना, पात्रता और चयन प्रक्रिया
बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की ओर से 18 नवम्बर 2022 को बीपीएससी 68वीं परीक्षा अधिसूचना जारी की गयी है, आयोग द्वारा जारी परीक्षा कैलेंडर के अनुसार प्रारंभिक परीक्षा 12 फरवरी 2023 को आयोजित की जाएगी। बीपीएससी 68वीं परीक्षा को तीन चरणों में विभाजित किया गया है: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) बिहार राज्य में सामान्य प्रशासनिक विभाग में पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन करने के लिए प्रतिवर्ष यह परीक्षा आयोजित करता है। विभिन्न पद सामान्य प्रशासनिक विभाग के अंतर्गत आते हैं जैसे कि उपायुक्त, सहायक निदेशक, बिहार पुलिस अधीक्षक, वाणिज्य कर अधिकारी, चुनाव अधिकारी, राजस्व अधिकारी, कल्याण अधिकारी, आदि।
इस लेख के माध्यम से हम आपको वह सभी जानकारी प्रदान कर रहे हैं जो परीक्षा के लिए आवेदन करने से पहले जानना आवश्यक है, बीपीएससी पीसीएस / सीसीई के संबंध में सभी आवश्यक जानकारी प्राप्त करने के लिए आगे पढ़ें।
अब Google भी करेगा छंटनी, 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा सकता है : रिपोर्ट
इस योजना के तहत गूगल के प्रबंधक कर्मचारियों की ग्रेडिंग कर उन्हें बोनस व अन्य अनुदान देने से भी रोक सकेंगे. रिपोर्ट बताती है कि नई प्रणाली के तहत उन कर्मचारियों के प्रतिशत को भी कम करती है जो उच्च ग्रेड हासिल कर सकते हैं.
दुनिया में मंदी की सुगबुगाहट के बीच एक के बाद एक बड़ी-बड़ी कंपनियां अपने कर्मचारियों को निकाल रही हैं. अब इस लिस्ट में गूगल (Google Layoffs)का नाम भी जुड़ने जा रहा है. Google की पेरेंट कंपनी Alphabet ने 10 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की तैयारी कर ली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को निकाल बाहर किया जाएगा. गूगल से पहले ट्विटर (Twitter), अमेजन (Amazon), फेसबुक (Facebook-Meta) जैसी दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनियों ने बड़ी मात्रा में कर्मचारियों की छंटनी की थी.
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द इंफॉर्मेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार, गूगल परफॉर्मेंस इम्प्रूवमेंट और रैंकिंग प्लान योजना लागू करके लगभग 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहा है. नई प्रणाली के तहत, कंपनी ने प्रबंधकों से 6 फीसदी स्टाफ को निकालने जा रही है. इस योजना के तहत गूगल के प्रबंधक कर्मचारियों की ग्रेडिंग कर उन्हें बोनस व अन्य अनुदान देने से भी रोक सकेंगे. रिपोर्ट बताती है कि नई प्रणाली के तहत उन कर्मचारियों के प्रतिशत को भी कम करती है जो उच्च ग्रेड हासिल कर सकते हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक, अल्फाबेट में लगभग 1 लाख 87 हजार कर्मचारी काम कर रहे हैं. अल्फाबेट ने अभी चलती औसत का आवेदन तक रिपोर्ट पर टिप्पणी नहीं की है. इससे पहले आई रिपोर्ट में कहा गया था चलती औसत का आवेदन कि कंपनी स्टाफ को जॉब कट की दशा में नई भूमिका के लिए आवेदन करने के लिए 60 दिन का वक्त देगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, कई दिग्गज टेक कंपनियों ने कोविड महामारी के दौरान ऑनलाइन गतिविधियों में बड़ा दांव लगाया था, ताकि महामारी के कम होने पर भी यह जारी रहे. लेकिन वैसा नहीं हुआ. ऐसे में ज्यादातर कंपनियां घाटा होने की बात कर रही हैं. गूगल की छंटनी से पहले तक इस साल बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों में करीब 1,20,000 कर्मचारियों की नौकरी जा चुकी है.
शुरुआत ट्विटर से हुई, जहां 10 हजार लोगों की नौकरी गई. फिर एक के बाद एक बड़ी कंपनियों ने ले ऑफ किया. हाल ही में फेसबुक के संस्थापक और मेटा बॉस मार्क चलती औसत का आवेदन जुकरबर्ग ने 11,000 नौकरियों में कटौती की घोषणा की, जो कंपनी के कर्मचारियों की संख्या का लगभग 13 प्रतिशत था. कुछ दिनों पहले Amazon ने 10,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया.
अमेरिकी सिक्युरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल अल्फाबेट ने अपने कर्मचारी को औसत रूप से करीब 25 करोड़ वेतन भत्तों के रूप में प्रदान किए थे. हालिया समय में मंदी की खबरों के बीच कहा गया है कि गूगल सीईओ सुंदर पिचाई कंपनी की क्षमता में 20 फीसदी इजाफा चाहते हैं. कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन की बात करें तो अल्फाबेट को तीसरी तिमाही में 13.9 अरब डॉलर का मुनाफा हुआ है. यह पिछले साल के मुकाबले 27 प्रतिशत कम है.