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शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है?

शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है?
volume and stock price|how to choose stocks by high volume

सबसे ज्यादा एक्टिव - वैल्यू

सबसे ज्यादा एक्टिव (वॉल्यूम) शेयर आपको उन शेयरों की पहचान करने में मदद करते है, जिनका ट्रेडिंग वॉल्यूम दिन में सबसे ज्यादा होता है। सबसे ज्यादा एक्टिव शेयर ज्यादा लिक्विडिटी और कम बिड-आस्क स्प्रेड ऑफर करते हैं जिससे इम्पैक्ट कॉस्ट घट जाती है।

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शेयर ट्रेडिंग में कीमत और वॉल्यूम के बीच क्या है संबंध?

वॉल्यूम से बाजार में ट्रेडर के एक्शन के बारे में पता चलता है. यह बाजार के सेंटिमेंट को समझने में बहुत मददगार हो सकता है.

volume

बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है.

वॉल्यूम में बदलाव से शेयर से जुड़े सेंटिमेंट का पता चलता है. इसके चलते ही शेयर की कीमत में बदलाव आता है. ट्रेडिंग वॉल्यूम का बढ़ना अच्छे बाय ऑर्डर का संकेत देता है. दूसरी तरफ, यदि ट्रेडिंग वॉल्यूम घटता है तो उसे बिकवाली का सही समय नहीं माना जाता है. ध्यान देने वाली एक दूसरी बात यह है कि जब किसी शेयर में वॉल्यूम नीचे से ऊपर की तरफ जाता है तो यह मजबूत खरीदारी का संकेत होता है.

बुनियादी रूप से जब संस्थागत निवेशक बाजार में आते हैं तो वे असर डालते हैं, क्योंकि उनके ऑर्डर काफी बड़े होते हैं. इससे शेयर की कीमत चढ़ जाती है. इसलिए वॉल्यूम का मतलब समझना और प्राइस और वॉल्यूम के बीच का संबंध समझना ट्रेडिंग और इनवेस्टिंग (निवेश) दोनों के लिए बहुत जरूरी है. एक निश्चित समय तक वॉल्यूम पैटर्न को देखने से किसी खास शेयर या बाजार में तेजी और गिरावट के पीछे की ताकत का पता चलता है.

वॉल्यूम को कुछ समय पहले के आंकड़ों के संदर्भ में देखा जा सकता है. आज के वॉल्यूम की तुलना 10 साल पहले के आंकड़े से करने पर सही डेटा नहीं मिलेंगे. डेटा जितना हाल का होगा, नतीजे उतने ठोस मिलेंगे. यह समझना जरूरी है कि सिर्फ वॉल्यूम से हमें ठोस संकेत नहीं मिल सकता. वॉल्यूम और प्राइस के साथ हमें एंट्री और एग्जिट सिग्नल भी देखना होगा. इसमें शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? संदेह नहीं कि वॉल्यूम का एक ट्रेंड होता है. हम यह कह सकते हैं कि दोनों एक सिक्के के दो हिस्से हैं. निवेशक को ट्रेडिंग में दोनों का ध्यान रखने की जरूरत है.

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ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? [2022] | What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

क्या आप शेयर मार्किट में नए हैं और यह जानना चाहते हैं की शेयर मार्किट में ट्रेडिंग शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? वॉल्यूम क्या होता है? तो यह ब्लॉग पोस्ट सिर्फ आपके लिए है इसे पूरा ध्यान से पढ़ें – What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

Table of Contents

शेयर मार्किट में ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? – What is Trading Volume in Stock Market in Hindi?

शेयर बाजार में वॉल्यूम का मतलब एक निश्चित समय सीमा में कारोबार शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? किए गए शेयरों की कुल संख्या है। इसमें वह हर शेयर शामिल होगा जो समीक्षाधीन अवधि के दौरान खरीदा और बेचा जाता है। मान लीजिए, किसी कंपनी के 100 स्टॉक एक ही ट्रेडिंग दिन में खरीदे और बेचे गए, तो उस स्टॉक का ट्रेडिंग वॉल्यूम 200 होगा, भले ही वही 100 स्टॉक बाजार में कारोबार कर रहे हों।

इसलिए, वॉल्यूम उन शेयरों शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? की कुल संख्या है जो कार्रवाई में थे। यह एक खरीद आदेश या बिक्री आदेश हो सकता है। जब स्टॉक सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं तो वॉल्यूम अधिक होता है। इसी तरह, अगर शेयरों में सक्रिय रूप से कारोबार नहीं किया जाता है तो वॉल्यूम कम होता है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम (Trading Volume) को किसी भी प्रकार के वित्तीय साधन के लिए शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? मापा जा सकता है: स्टॉक, बॉन्ड, डेरिवेटिव (वायदा और विकल्प अनुबंध), सोना और ज्यादातर सभी प्रकार की वस्तुएं।

स्टॉक एक्सचेंज प्रत्येक ट्रेडिंग सत्र के लिए शेयर बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम प्रकाशित करते हैं। व्यक्तिगत स्टॉक के लिए वॉल्यूम और एक्सचेंज पर कारोबार किए गए सभी शेयरों की कुल मात्रा की सूचना दी जाती है। सूचकांकों के लिए भी वॉल्यूम की सूचना दी जा सकती है। जैसे, किसी विशेष ट्रेडिंग सत्र या किसी अन्य समय सीमा के लिए निफ्टी 50 या सेंसेक्स पर कारोबार किए गए शेयरों की मात्रा जानना हमारे लिए संभव हो सकता है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम कहां देख सकते है?

सभी स्टॉक मार्केट एक्सचेंज स्टॉक की मात्रा को ट्रैक करते हैं। इसलिए, किसी विशेष शेयर के शेयर बाजार में मात्रा की जानकारी शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? आसानी से उपलब्ध है। कोई भी एक्सचेंजों, समाचार वेबसाइटों, तीसरे पक्ष की वेबसाइटों को देख सकता है जिनके पास शेयर बाजार की जानकारी है। निवेशक ब्रोकरों और निवेश प्लेटफार्मों के साथ ट्रेडिंग वॉल्यूम की जांच भी कर सकते हैं।

प्लेटफ़ॉर्म किसी विशेष समय सीमा के लिए वॉल्यूम दिखाने के लिए कैंडलस्टिक चार्ट का भी उपयोग करते हैं। हरे रंग की पट्टी खरीदारी की मात्रा दिखाती है और लाल पट्टी बिक्री की मात्रा दिखाती है।

उस समयावधि के आधार पर वॉल्यूम चार्ट भी होते हैं जिन्हें कोई ध्यान में रखना चाहता है। प्रति घंटा वॉल्यूम चार्ट, दैनिक, मासिक, 200-दिवसीय वॉल्यूम चार्ट आदि हो सकते हैं।

अक्सर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) में किसी विशेष स्टॉक की ट्रेडिंग वॉल्यूम अलग-अलग होगी। यह भी एक कारण है कि एक स्टॉक के लिए सेंसेक्स और निफ्टी 50 के बीच थोड़ा सा अंतर हो सकता है। तार्किक रूप से, ऐसा होने के लिए स्टॉक को दोनों एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध होना चाहिए।

ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या बताता है?

स्टॉक वॉल्यूम उस क्रिया को दर्शाता है जो किसी विशेष स्टॉक में हुई है। सभी गतिविधि, चाहे वह बिक्री हो या शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? खरीदारी, वॉल्यूम मीट्रिक में दर्ज हो जाती है। यदि स्टॉक बहुत अधिक मात्रा दिखा रहा है, तो इसका मतलब है कि स्टॉक के आसपास बहुत अधिक रुचि या गतिविधि हो रही है। यह नकारात्मक या सकारात्मक हो सकता है। एक नकारात्मक समाचार विकास हो सकता है जो अधिक बिक्री को बढ़ावा दे सकता था।

उच्च मात्रा इंगित करती है कि शेयरों ने कितनी बार हाथ बदले हैं।

इसलिए, हम कह सकते हैं कि शेयर बाजार में मात्रा बाजार की गतिविधि और तरलता को मापती है। शेयरों में तरलता का मतलब है कि आसानी से एक निवेशक को निवेश से पैसा वापस मिल सकता है जब बिक्री का आदेश होता है या आसानी से एक निवेशक कर सकता है। अधिक मात्रा में बाजार में अधिक खरीदारों और विक्रेताओं का संकेत मिलता है।

एक ही ट्रेडिंग सत्र के भीतर, बाजार के खुलने और बंद होने के दौरान वॉल्यूम अधिक हो जाता है क्योंकि इंट्राडे ट्रेडर्स दिन के लिए अपनी पोजीशन बुक करने और बंद करने की जल्दी में होते हैं। जबकि निवेशक और व्यापारी वॉल्यूम को मीट्रिक के रूप में उपयोग कर सकते हैं, ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण शॉर्ट टर्म इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए फायदेमंद है।

मात्रा और मूल्य: वे कैसे संबंधित या असंबंधित हैं?

स्टॉक के ट्रेडिंग वॉल्यूम में तेजी से स्टॉक की कीमत पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, उच्च मात्रा हमेशा स्टॉक की कीमत बढ़ने का कारण नहीं होती है। कई कारण शेयर की कीमत को प्रभावित करते हैं। हालांकि, कई बार, वॉल्यूम हमें किसी विशेष प्रवृत्ति के अस्तित्व की पुष्टि करने में मदद करते हैं।

जब मूल्य वृद्धि या बाजार में वृद्धि के साथ देखा जाता है, तो यह एक सहायक संकेतक हो सकता है। यदि वॉल्यूम वास्तव में अधिक है और इसके साथ-साथ बाजार भी ऊपर हैं, तो यह संकेत दे सकता है कि शेयर बाजार काफी मजबूत और स्वस्थ हो रहा है। इसलिए, कभी-कभी, अन्य संकेतकों के साथ विश्लेषण करने पर वॉल्यूम बाजार की ताकत का एक उपाय हो सकता है।

आइए इसे उदाहरणों में बेहतर ढंग से समझते हैं:

जब स्टॉक की मात्रा बढ़ने के साथ कीमतें गिरती हैं, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि रुझान नीचे की ओर जा रहा है

यदि बाजार ऊपर जा रहे हैं और मात्रा भी बढ़ रही है, तो इसका मतलब यह हो सकता है कि प्रवृत्ति ऊपर की ओर जा रही है।

ट्रेडिंग वॉल्यूम विश्लेषण, जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, व्यापारियों और निवेशकों के लिए फायदेमंद शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? है। कई लंबी अवधि के निवेशक, उदाहरण के लिए, म्यूचुअल फंड जैसे संस्थागत निवेशक अधिक मात्रा वाले शेयरों को पसंद करते हैं।

इंट्राडे ट्रेडर्स, जिन्हें अपेक्षाकृत कम समय में अपनी स्थिति को स्क्वायर-ऑफ करना होता है, उच्च ट्रेडिंग वॉल्यूम वाले शेयरों की तलाश करते हैं। जबकि वॉल्यूम महत्वपूर्ण हैं, किसी को स्टॉक में निवेश करने से पहले अन्य कारकों को भी देखना शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? चाहिए। सभी कारकों को ध्यान में रखते हुए एक समग्र निर्णय निवेशकों को धन सृजन के साथ एक लंबा सफर तय करने में मदद करता है।

मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले निवेशकों के लिए भी ट्रेडिंग वॉल्यूम एक सहायक उपकरण है। यह निवेशकों को लंबी समय सीमा में स्टॉक में किसी भी महत्वपूर्ण उतार-चढ़ाव को प्रमाणित करने में मदद कर सकता है।

हमें आशा है की यह ब्लॉग पोस्ट पढ़ने के बाद आपके सवाल स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग वॉल्यूम क्या होता है? (Trading Volume in Stock Market in Hindi) इसका जवाब आपको आसान भाषा में मिल गया होगा।

विकास तिवारी इस ब्लॉग के मुख्य लेखक हैं. इन्होनें कम्प्यूटर साइंस से Engineering किया है और इन्हें Technology, Computer और Mobile के बारे में Knowledge शेयर करना काफी अच्छा लगता है.

What is the meaning of Volume in the stock market| delivary volume stock

स्टॉक मार्केट में वॉल्यूम का मतलब संख्या से होता है इसका मतलब यह होता है कि कोई कितनी बड़ी संख्या में किसी स्टॉक में खरीदारी कर रहा है.

स्टॉक में जितनी भी बड़ी मात्रा में खरीदारी होगी वॉल्यूम की संख्या उतनी ही ज्यादा बड़ी दिखाई पड़ेगी.

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what is volume Meaning in stock market with example in hindi

स्टॉक मार्केट में एक बहुत ही खास बात ध्यान देने वाली यह होती है कि अगर स्टॉक मार्केट में तेजी चल रही है. तब क्या वॉल्यूम बढ़ जाएगा तब वॉल्यूम बिल्कुल बढ़ेगा लेकिन यहां पर अगर मंदी भी चल रही होगी तब भी वॉल्यूम बढ़ेगा.

दोनों का वॉल्यूम का तरीका अलग होगा तेजी का वॉल्यूम ऊपर की तरफ होगा और मंदी का वॉल्यूम नीचे की तरफ होगा.

इसको एक उदाहरण से समझते हैं मान लेते हैं रितिका एक फार्मा कंपनी का स्टॉक खरीदती है और कुछ दिनों बाद इस स्टॉक में गिरावट शुरू हो जाती है गिरावट काफी बड़ी होती है और यह गिरावट मंदी वाली गिरावट कहलाती है.

इस गिरावट में जो वॉल्यूम बनेगा वह मंदी वाला वॉल्यूम बनेगा यानी कि बेयरिश वॉल्यूम

ठीक उसी तरह से अगर स्टॉक ऊपर की तरफ बढ़ता है. तब उसमें जो वॉल्यूम बनता है तेजी वाला वॉल्यूम बनता है. Bullish volume

मार्केट में जितने शेयर बेचे जाते हैं उतने ही शेयर खरीदे जाते हैं जैसे इसको एक उदाहरण से समझते हैं मान लिए एक आईटी कंपनी का शेयर में 1 लाख शेयर बेचे गए और 1 लाख शेयर खरीदे गए तो उसमें जो टोटल ट्रेडिंग हुई वह कुल मिलाकर के 1 लाख शेयर की हुई ना की 2 लाख शेयर की.

what is the high volume in stock

किसी भी स्टॉक को एनालिसिस करने के लिए उसके वॉल्यूम को देखना जरूरी होता है. क्योंकि वॉल्यूम से आप स्टॉक में होने वाले बदलाव की भविष्यवाणी कर सकते हैं और यह पता लगा सकते हैं कि यह स्टॉक भविष्य में ऊपर जाएगा या फिर नीचे अगर इसका वॉल्यूम लगातार नीचे की तरफ बढ़ रहा है तब स्टॉक और नीचे गिर सकता है.

हाई वॉल्यूम स्टॉक पता करने के लिए आपको बहुत सारे लिक्विड और वोलेटाइल स्टॉक्स के बारे में जानकारी पता करनी होगी।

लिक्विड स्टॉक्स और वोलेटाइल स्टॉक्स कैसे आपको पैसा आसानी से बना सकते हैं इसके बारे में आप यहां पूरा पढ़ सकते हैं.Read here

क्योंकि लिक्विड स्टॉक्स में ट्रेडिंग काफी ज्यादा होती है और लोग उसमें काफी ज्यादा रुचि लेते हैं ट्रेड करने के लिए और उसके प्राइस का मूवमेंट भी काफी तेज होता है.

इस वजह से आप ऐसे स्टॉक्स में वॉल्यूम का पुराना डाटा निकालकर यह पता लगा सकते हैं कि कहीं इसमें कोई भारी संख्या में खरीदारी तो नहीं हो रही है. लगातार खरीदारी हो रही है तो हो सकता है यह स्टॉक का प्राइस ऊपर की तरफ बढ़ सकता है.

स्टॉक की कीमत और वॉल्यूम को आपस में कैसे पहचाने।

लेकिन एक खास बात आपको ध्यान में रखनी होगी जिससे कि आप अंदाजा लगा सकते हैं या कह सकते हैं यह स्ट्रेटेजी है.

Stock market me volume kya kaam karta hai | volume ko kaise dekhte hai

वॉल्यूम से हम किसी भी स्टॉक के ट्रेडर के एक्शन उसके सेंटीमेंट को समझ सकते हैं मतलब ट्रेडर क्या करना चाह रहा है. लेकिन ध्यान देने वाली शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? यह बात है कि बहुत ही छोटा-छोटा अगर वॉल्यूम आपको नजर आएगा तो इससे आप काफी हद तक अंदाजा नहीं लगा सकते।

स्टॉक के वॉल्यूम का अंदाजा लगाने के लिए आपको बड़ा-बड़ा वॉल्यूम नजर आना चाहिए।

शेयर बाजार में जब ज्यादा मात्रा में वॉल्यूम होता है तो प्राइस में उतार-चढ़ाव भी काफी तेजी से होता है.

Volume strategy kya hai option trading

अगर आप वॉल्यूम को देख करके स्ट्रेटेजी बनाना चाहते हैं तो बहुत ही सिंपल एक वॉल्यूम स्ट्रेटेजी है.

आपको कम से कम किसी भी स्टॉक जिसको आप ट्रैक कर रहे हैं लगातार और वह स्टॉक आपके रडार पर होना चाहिए.

आप उस स्टॉक के चार्ट को कम से कम 3 महीने पुराना लेना होगा आपको

आपको यह देखना होगा कि कहां-कहां पर वॉल्यूम ज्यादा बढ़ रहा है

volume and stock price|how to choose stocks by high volume

volume and stock price relation

और कुछ पॉइंट्स को भी दिमाग में रखना होगा यही पॉइंट्स आपके काम के साबित होंगे।

अगर वॉल्यूम बढ़ रहा है लेकिन स्टॉक की कीमत या प्राइस नहीं बढ़ रही है.

तब स्टॉक में गिरावट आ सकती है

अगर वॉल्यूम बढ़ रहा है और साथ ही साथ स्टॉक की कीमत भी बढ़ रही है तब स्टॉक में बढ़त दिखाई पड़ सकती है.

अगर कीमत बढ़ रही है लेकिन वॉल्यूम नहीं बढ़ रहा है तब स्टॉक में गिरावटआ सकती है.

वॉल्यूम बढ़ रहा है और उसके साथ-साथ कीमत भी बढ़ रही है तब स्टॉक ऊपर की तरफ जा सकता है.

अगर वॉल्यूम नहीं बढ़ रहा है और कीमत ऊपर की तरफ बढ़ रही है तब स्टॉक में किसी भी दिन अचानक बड़ी गिरावट आ सकती है.

volume analysis in stock market

जब बाजार में FIIS foregin instutional investor बाजार में आते हैं और वह बहुत बड़े-बड़े आर्डर डालते हैं वह लाखों की संख्या में स्टॉक की qty खरीदते हैं तब उनके Volume इतने ज्यादा बड़े हो जाते हैं कि आप चार्ट में उनका डाटा बड़ी आसानी से पहचान सकते हैं कि यह खरीदारी या बिकवाली FIIS के द्वारा करी गई है.

आप इस डाटा को ध्यान में रखकर भी स्ट्रेटेजी की बना सकते हैं

इसलिए वॉल्यूम को समझना और वॉल्यूम और स्टॉक की प्राइस कीमत को समझना दोनों के बीच में संबंध को समझना काफी ज्यादा जरूरी हो जाता है चाहे आप

ट्रेडिंग करते हैं या इन्वेस्टिंग करते हैं दोनों के लिए यह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है वॉल्यूम

हमेशा चार्ट में आप डाटा के रूप में ही देख सकते हैं लेकिन एक बात ध्यान देने वाली यह है कि आपको जो डाटा देखना है वह हाल का ही डाटा होना चाहिए बहुत ही ज्यादा पुराना डाटा किसी काम का नहीं है जैसे कि आप 5 साल या 10 साल पुराना डाटा देखते हैं तब वह आपके काम का नहीं है.

डाटा जितना भी नया होगा उससे उतने ही अच्छे और ठोस नतीजे आप निकाल सकते हैं लेकिन एक बात ध्यान देने वाली यह है कि सिर्फ वॉल्यूम देख कर के ही आप ठोस नतीजे नहीं निकाल सकते हैं वॉल्यूम के साथ-साथ हमें प्राइस और एंट्री और एग्जिट सिग्नल देखना जरूरी हो जाता है.

आप इससे यह पता लगा सकते हैं कि कहां पर हमें एंट्री लेनी है और कहां पर हमें एग्जिट करना है.

इस बात से यह पता लगता है की वॉल्यूम एक ट्रेंड है और ट्रेंड के साथ ही हमें ट्रेड करना होता है अगर आप इस तरह के वॉल्यूम को अच्छे से देख पाते हैं तब यह आपके लिए काफी अच्छा हो जाता है मार्केट में ट्रेड करना

Share Market में निवेशकों की रडार पर रहे ये 9 शेयर, हाई वॉल्यूम में रहा कारोबार

Share Market Tips: शेयर मार्केट की तरफ लोगों का लगातार झुकाव देखने को मिल रहा है. लोग शेयर मार्केट में इंवेस्टमेंट के लिहाज से काफी पैसा भी इंवेस्ट करते हैं, जिसके कारण किसी शेयर की खरीद-बिक्री पर वॉल्यूम का भी असर पड़ता है.

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Share Market में निवेशकों की रडार पर रहे ये 9 शेयर, हाई वॉल्यूम में रहा कारोबार

Stock Market News: शेयर बाजार में लोगों की भागीदारी काफी ज्यादा बढ़ रही शेयर मार्केट में वॉल्यूम क्या होता है? है. पिछले दिनों काफी नए डीमैट अकाउंट भी खुले हैं. जितनी ज्यादा लोगों की भागीदारी होगी, उतना ही किसी शेयर के वॉल्यूम पर असर भी देखने को मिलेगा. वहीं शेयर बाजार में कई ऐसे शेयर भी हैं, जिनमें हाई वॉल्यूम के साथ कारोबार देखने को मिला है. ऐसे शेयर पर लोगों की काफी नजरें होती हैं और छोटी-बड़ी खबर भी इन खबरों पर असर डालती है. हर दिन कोई न कोई शेयर ऐसा जरूर होता है जिसका वॉल्यूम हाई रहता है. इन शेयरों की संख्या कम या ज्यादा भी हो सकती है.

कई शेयर में हाई वॉल्यूम

बीते हफ्ते के आखिरी कारोबार के दिन भी कुछ शेयर में हाई वॉल्यूम देखने को मिला था. लोगों ने इन शेयरों में बड़ी मात्रा में खरीद-बिक्री की थी. ऐसे में जाहिर-सी बात है कि लोगों की रडार पर ये स्टॉक भी हैं. बीते शुक्रवार को हाई वॉल्यूम स्टॉक में 9 शेयर शामिल थे.

1. Jaiprakash Associates Limited (Volume- 102,070,211)
2. Trident Limited (Volume- 52,520,012)
3. Tata Teleservices (maharashtra) Limited (Volume- 108,904,776)
4. Reliance Power Limited (Volume- 461,789,015)
5. Jaiprakash Power Ventures Limited (Volume- 265,301,191)
6. Suzlon Energy Limited (Volume- 156,280,546)
7. Yes Bank Limited (Volume- 53,454,387)
8. Idea Cellular Limited (Volume- 59,655,184)
9. Zomato Ltd (Volume- 137,946,710)

खरीद-बिक्री जारी

इन 9 शेयरों में बीते शुक्रवार को Yes Bank, Idea और Zomato का शेयर लाल निशान में बंद हुए थे. इनमें बिकवाली काफी हावी रही. हालांकि बाकी के 6 शेयर हरे निशान में बंद हुए थे. निवेशकों ने इस शेयर में खरीद की.

(डिस्कलेमर : किसी भी तरह का निवेश करने से पहले एक्सपर्ट से जानकारी कर लें. जी न्यूज किसी भी तरह के निवेश के लिए आपको सलाह नहीं देता.)

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