विदेशी मुद्रा शिक्षा

विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है

विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है

भास्कर एक्सप्लेनर: जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार अब तक के उच्चतम स्तर पर, क्या है इसकी वजह और यह देश के लिए कितना फायदेमंद?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार अगस्त के आखिरी हफ्ते में 541.43 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है। एक सप्ताह में इसमें 3.88 बिलियन डॉलर (28.49 हजार करोड़ रुपए) की बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले 21 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 537.548 बिलियन डॉलर (39.49 लाख करोड़ रुपए) था। जून में पहली बार विदेशी मुद्रा भंडार 500 बिलियन डॉलर के आंकड़े को पार करते हुए 501.7 बिलियन डॉलर (36.85 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंचा था। 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इस समय पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर के करीब है।

इसलिए बढ़ रहा है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आर्थिक मंदी के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ने का सबसे बड़ा कारण भारतीय शेयर बाजारों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) बढ़ना है।
  • बीते कुछ महीनों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने कई भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी बढ़ाई है।
  • मार्च में भारत के डेट और इक्विटी सेगमेंट से एफपीआई ने करीब 1.20 लाख करोड़ रुपए की निकासी की थी, लेकिन इस साल के अंत तक अर्थव्यवस्था के वापस पुरानी स्थिति में लौटने की उम्मीद के कारण एफपीआई भारतीय बाजारों में वापस आ गए हैं।
  • इसके अलावा क्रूड की कीमतों में गिरावट के कारण देश का आयात बिल कम हुआ है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार का बोझ घटा है। इसी तरह से विदेशों से रुपया भेजने और विदेश यात्राओं में कमी आई है। इससे भी विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम हुआ है।
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 सितंबर 2019 को कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की घोषणा की थी। इसके बाद से विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।

जीडीपी में गिरावट के बावजूद विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना अच्छा संकेत

कोरोनावायरस महामारी के कारण वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में उदासी का माहौल है। इस कारण चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून तिमाही) में देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 फीसदी की गिरावट आई है। मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों और व्यापार में स्थिरता के कारण यह गिरावट आई है। ऐसे में विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।

आज 1991 के विपरीत स्थिति

विदेशी मुद्रा भंडार की आज की यह स्थिति 1991 के बिलकुल विपरीत है। तब भारत ने प्रमुख वित्तीय संकट से बाहर निकलने के लिए गोल्ड रिजर्व को गिरवी रख दिया था। मार्च 1991 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार केवल 5.8 बिलियन डॉलर (42.59 हजार करोड़ रुपए) था। लेकिन आज विदेशी मुद्रा भंडार के दम पर देश किसी भी आर्थिक संकट का सामना कर सकता है।

विदेशी मुद्रा भंडार के प्रमुख असेट्स

  • फॉरेन करेंसी असेट्स (एफसीए)।
  • गोल्ड रिजर्व।
  • स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (एसडीआर)।
  • इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) के साथ देश की रिजर्व स्थिति।

विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व

  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और आरबीआई को आर्थिक ग्रोथ में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में मदद करती है।
  • यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
  • मौजूदा विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक साल तक संभालने के लिए काफी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के मुकाबले स्थिति मजबूत करने में मदद मिलती है।
  • मौजूदा समय में विदेशी मुद्रा भंडार जीडीपी अनुपात करीब 15 फीसदी है।
  • विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।

आरबीआई करता है विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन

  • आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
  • आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
  • जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया जारी करता है। इस अतिरिक्त लिक्विडिटी को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के जरिए मैनेज करता है।

कहां रखा होता है विदेशी मुद्रा भंडार

  • आरबीआई एक्ट 1934 विदेशी मुद्रा भंडार को रखने का कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
  • देश का 64 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार विदेशों में ट्रेजरी बिल आदि के रूप में होता है। यह मुख्य रूप से अमेरिका में विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है रखा होता है।
  • आरबीआई के डाटा के मुताबिक, मौजूदा समय में 28 फीसदी विदेशी मुद्रा भंडार दूसरे देशों के केंद्रीय बैंक और 7.4 फीसदी कमर्शियल बैंक में रखा है।
  • मार्च 2020 में विदेशी मुद्रा भंडार में 653.01 टन सोना था। इसमें से 360.71 टन सोना विदेश में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स की सुरक्षित निगरानी में रखा है। बचा हुआ सोना देश में ही रखा है।
  • डॉलर की वैल्यू में विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी सितंबर 2019 के 6.14 फीसदी से बढ़कर मार्च 2020 में 6.40 फीसदी पर पहुंच गई है।

2014 में 300 बिलियन डॉलर के करीब था विदेशी मुद्रा भंडार

आरबीआई के डाटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2014 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 304.22 बिलियन डॉलर (22.34 लाख करोड़ रुपए) था। इसी साल नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने थे। तब से लगातार विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी हो रही थी। 2018 में यह बढ़कर 424.5 बिलियन डॉलर (31.13 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। हालांकि, इसके अगले साल यानी 2019 में यह थोड़ा घटकर 412.87 बिलियन डॉलर (30.26 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया था। 28 अगस्त को समाप्त हुए सप्ताह में यह बढ़कर 541.4 बिलियन डॉलर (39.77 लाख करोड़ रुपए) पर पहुंच गया है।

चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत से 484% ज्यादा

पड़ोसी देश चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है। अगस्त 2020 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 3.165 ट्रिलियन डॉलर था। वहीं, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 541.4 बिलियन डॉलर है। इस प्रकार चीन का विदेशी मुद्रा भंडार भारत के मुकाबले 484 फीसदी ज्यादा है। 2014 में चीन का विदेशी मुद्रा भंडार 4 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया था। हालांकि, तब से अब तक इसमें गिरावट आ रही है।

इस साल 19.33 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचा क्रूड

इस साल 1 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 66 डॉलर प्रति बैरल थी। इसी सप्ताह 6 जनवरी को कीमतें बढ़कर 68.91 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई थीं। इसके बाद से क्रूड की कीमतें लगातार कम हो रही है। इस बीच मार्च के अंत में कोरोनावायरस महामारी पूरी दुनिया फैल गई। इससे क्रूड की मांग घट गई थी। इसका नतीजा यह हुआ कि क्रूड की कीमत घटकर 19.33 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई। इस प्रकार क्रूड की कीमतों में इस साल अपने उच्चतम स्तर से 71 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। सोमवार 7 सितंबर को यह 42.05 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर.

भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार, जानें इसके 5 फायदे

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 3.074 अरब डॉलर बढ़कर 608.081 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसके साथ ही भारत ने रूस को पीछे छोड़ते हुए विदेशी मुद्रा रखने वाले दुनिया के देशों में चौथे स्थान पर पहुंच गया है। प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी निवेशकों द्वारा शेयर बाजार में रिकॉर्ड निवेश से विदेशी मुद्रा भंडार में उछाल आया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह सुस्‍त पड़ी भारतीय इकोनॉमी के लिए राहत की खबर है। आइए जानते हैं मुद्रा भंडार बढ़ने के मायने।

विदेशी मुद्रा भंडार के पांच बड़े फायदे

1. विदेशी मुद्रा भंडार का बढ़ना किसी देश की अर्थव्यवस्था में मजबूती का संकेते होता है। साल 1991 में देश को सिर्फ 40 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए 47 टन सोना इंग्लैंड के पास गिरवी रखना पड़ा था। लेकिन मौजूदा स्तर पर, भारत के पास एक वर्ष से अधिक के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त मुद्रा भंडार है। यानी इससे एक साल से अधिक के आयात खर्च का बोझ उठाया जा सकता है।

2. बड़ा विदेशी मुद्रा रखने वाला देश विदेशी व्यापार को आकर्षित करता है और व्यापारिक साझेदारों का विश्वास अर्जित करता है। इससे वैश्विक निवेशक देश में और अधिक निवेश के लिए प्रोत्साहित हो सकते हैं।

3. सरकार जरूरी सैन्य सामान की तत्काल खरीदी का निर्णय भी ले सकती है क्योंकि भुगतान के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा उपलब्ध है। इसके साथ कच्चा तेल, दूसरी जरूरी सामान की आयत में बढ़ा नहीं आती है।

4. अतिरिक्त विदेशी मुद्रा बाजार में अस्थिरता को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार प्रभावी भूमिका निभा सकता है।

5. विदेशी मुद्रा बढ़ने से आम लोगों को भी फायदा मिलता है। इससे सरकारी योजनाओं में खर्च करने के लिए पैसा मिलता है।

विदेशी मुद्रा भंडार का घटक

देशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति, बॉन्ड, बैंक जमा, सोना और वित्तीय एसेट होते हैं। भारत के मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति 563.46 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। इसक साथ ही स्वर्ण भंडार बढ़कर 38.10 अरब डॉलर का हो गया। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के पास आरक्षित निधि 5.01 अरब डॉलर पर पहुंच गई है। विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है इसके चलिते विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड 608.081 अरब डॉलर पर पहुंच गया है।

इस तरह बढ़ा मुद्रा भंडार

साल 1991 में भारत का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 1.2 अरब डॉलर था जो बीते 20 साल में बढ़कर 604.80 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। भारत का मौजूदा विदेशी मुद्रा भंडार देश के 15 महीने के आयात बिल को संभालने का मद्दा रखता है। लगातार बढ़ता विदेशी मुद्रा भंडार देश की मजबूत होती स्थिति का इशारा कर रहा है। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि आगे भी यह रफ्तार बने रहने की उम्मीद है।

डॉलर के मुकाबले अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, क्या USD के मुकाबले 80 के स्तर पर पहुंच जाएगा INR?

Rupee Vs Dollar: डॉलर के मुकाबले रुपया अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. जानकारों का कहना है कि व्यापार घाटा बढ़ने से विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और उच्च वैश्विक ऊर्जा कीमतों से रुपये में गिरावट आ रही है.

Published: July 12, 2022 9:34 AM IST

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Dollar Vs Rupee: इक्विटी बाजारों में कमजोरी के बीच सोमवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज 79.57 के नए ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया. यहां तक कि क्रूड ऑयल की कमजोरी भी रुपये को गिरने से नहीं रोक पाई.

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जानकारों के मुताबिक, व्यापार घाटा बढ़ने, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और उच्च वैश्विक ऊर्जा कीमतों से विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है रुपये में गिरावट आ रही है. आगे यह उम्मीद की जा रही है कि इस सप्ताह रुपये में अस्थिरता बनी रहेगी और यह 79.80-80.05 के स्तर तक जा सकता है.

मुद्रा व्यापारी इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों और फेडरल रिजर्व के अधिकारियों की टिप्पणियों पर ध्यान केंद्रित करेंगे, क्योंकि वे फेड की आगामी नीति बैठक के परिणाम पर कयास लगा रहे हैं. एक उच्च मुद्रास्फीति रीडिंग फेड के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की अपनी पहले से ही आक्रामक गति को बढ़ाने के लिए विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है दबाव डालेगी.

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, बढ़ते व्यापार घाटे ने भारतीय मुद्रा के मूल्य पर दबाव डाला है. भारत का व्यापार घाटा जून में बढ़कर 25.63 अरब डॉलर हो गया. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के लिए, उच्च आयात के कारण व्यापार घाटा बढ़कर 70.25 अरब डॉलर पर पहुंच गया.

हालांकि, विकास की आशंकाओं का असर तेल पर भी पड़ रहा था. ब्रेंट क्रूड गिरकर 106.04 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. हाल के दिनों में भारतीय शेयरों की एफआईआई बिक्री थोड़ी कम हुई है, फिर भी वे शुद्ध बिकवाली कर रहे हैं. सोमवार को, उन्होंने शुद्ध आधार पर 170 करोड़ मूल्य की भारतीय इक्विटी बेची है.

भारतीय रिजर्व बैंक ने सोमवार को बैंकों से कहा कि वे घरेलू मुद्रा में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए भारतीय रुपये में निर्यात और आयात लेनदेन के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करें. केंद्रीय बैंक ने एक परिपत्र में कहा, हालांकि, बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विदेशी मुद्रा विभाग से पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी.

बढ़ेगी रुपये की स्वीकार्यता

आरबीआई ने यह एक अच्छा कदम उठाया है. इससे अपतटीय केंद्रों में रुपये को वैश्विक स्तर पर अधिक व्यापार योग्य बनाया जा सकेगा. मुझे लगता है कि एनडीएफ की मात्रा और बढ़ेगी. यह रुपये को अंतरराष्ट्रीय व्यापार वाली मुद्रा बनाने की दिशा में एक कदम है. आरबीआई के इस कदम से रुपये की स्वीकार्यता बढ़ेगी. यह लंबी अवधि में डॉलर के उपयोग को भी कमजोर करेगा. इन्हें डॉलर की भागीदारी के बिना सीधे कारोबार किया जा सकता है. इसे और अधिक व्यापार योग्य, स्वीकार्य बनाना. विदेशी खरीदार भारतीय बैंक में वोस्ट्रो खाता खोल सकते हैं और वे भारतीय निर्यातकों को भारतीय रुपये में भुगतान कर सकते हैं. एफएक्स जोखिम विदेशी खरीदार को हस्तांतरित हो जाता है क्योंकि रुपये की राशि तय हो जाती है.

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विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए विश्लेषण का सबसे अच्छा तरीका क्या है?

विदेशी मुद्रा विश्लेषण का उपयोग खुदरा मुद्रा जोड़े पर निर्णय लेने या बेचने के लिए किया जाता है । यह चार्टिंग टूल जैसे संसाधनों का उपयोग करके प्रकृति में तकनीकी हो सकता है। यह आर्थिक संकेतकों और / या समाचार-आधारित घटनाओं का उपयोग करके प्रकृति में मौलिक भी हो सकता है।

विदेशी मुद्रा बाजार विश्लेषण के प्रकार

विश्लेषण एक नए विदेशी मुद्रा व्यापारी के लिए एक अस्पष्ट अवधारणा की तरह लग सकता है । लेकिन यह वास्तव में तीन मूल प्रकारों में आता है।

मौलिक विश्लेषण

मौलिक विश्लेषण का उपयोग अक्सर विदेशी मुद्रा बाजार में आंकड़ों की निगरानी के लिए ब्याज दरों, बेरोजगारी दर, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), और अन्य प्रकार के आर्थिक आंकड़ों से होता है जो देशों से बाहर आते हैं। उदाहरण के लिए, EUR / USD मुद्रा जोड़ी के एक मौलिक विश्लेषण करने वाले व्यापारी को यूरोज़ोन में ब्याज दरों के बारे में जानकारी मिल जाएगी जो कि अमेरिका में उन लोगों की तुलना में अधिक उपयोगी है, जो व्यापारी भी किसी भी महत्वपूर्ण समाचार के शीर्ष पर रहना चाहेंगे। प्रत्येक यूरोजोन देश अपनी अर्थव्यवस्थाओं के स्वास्थ्य के संबंध का अनुमान लगाने के लिए।

तकनीकी विश्लेषण

तकनीकी विश्लेषण दोनों मैनुअल और स्वचालित प्रणाली के रूप में आता है। एक मैनुअल सिस्टम का आमतौर पर मतलब है कि एक व्यापारी तकनीकी संकेतकों का विश्लेषण कर रहा है और उस डेटा को खरीदने या बेचने के फैसले की व्याख्या कर रहा है। एक स्वचालित ट्रेडिंग विश्लेषण का मतलब है कि व्यापारी कुछ संकेतों को देखने और उन्हें खरीदने या बेचने के निर्णयों को निष्पादित करने के लिए व्याख्या करने के लिए सॉफ़्टवेयर को “शिक्षण” कर रहा है। जहां स्वचालित विश्लेषण का अपने मैनुअल समकक्ष पर एक फायदा हो सकता है, वह यह है कि व्यवहार के अर्थशास्त्र को व्यापारिक निर्णयों से बाहर निकालना है। विदेशी मुद्रा प्रणाली यह निर्धारित करने के लिए पिछले मूल्य आंदोलनों का उपयोग करती है कि किसी दी गई मुद्रा का नेतृत्व कहाँ किया जा सकता है।

सप्ताहांत विश्लेषण

सप्ताहांत विश्लेषण करने के दो मूल कारण हैं। पहला कारण यह है कि आप किसी विशेष बाज़ार के “बड़े चित्र” दृश्य को स्थापित करना चाहते हैं जिसमें आप रुचि रखते हैं। चूंकि सप्ताहांत में बाजार बंद हैं और गतिशील प्रवाह में नहीं हैं, इसलिए आपको स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे खुलासा नहीं कर रहे हैं, लेकिन परिदृश्य का सर्वेक्षण कर सकते हैं, इसलिए बोलने के लिए।

दूसरे, सप्ताहांत का विश्लेषण आपको आने वाले सप्ताह के लिए अपनी ट्रेडिंग योजनाएं स्थापित करने और आवश्यक मानसिकता स्थापित करने में मदद करेगा। एक सप्ताहांत विश्लेषण एक वास्तुकार के लिए एक आकर्षक बनाने के लिए एक इमारत का निर्माण करने के लिए एक खाका तैयार करने के समान है। एक योजना के बिना व्यापार करने के लिए अस्थायी? बुरा विचार: कूल्हे से शूटिंग आपकी जेब में छेद छोड़ सकती है।

विदेशी मुद्रा बाजार विश्लेषण लागू करना

फॉरेक्स मार्केट विश्लेषण के सिद्धांतों के बारे में गंभीर रूप से सोचना महत्वपूर्ण है। यहां एक चार-चरण की रूपरेखा है।

1. ड्राइवर्स विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है को समझें

सफल ट्रेडिंग की कला आंशिक रूप से बाजारों के बीच मौजूदा रिश्तों की समझ और इन संबंधों के मौजूद होने के कारणों के कारण है। समय के साथ इन रिश्तों को बदल सकते हैं और कर सकते हैं, यह याद रखना महत्वपूर्ण है।

उदाहरण के लिए, स्टॉक मार्केट रिकवरी को उन निवेशकों द्वारा समझाया जा सकता है जो आर्थिक सुधार की आशा कर रहे हैं। इन निवेशकों का मानना ​​है कि कंपनियों ने कमाई में सुधार किया होगा और इसलिए, भविष्य में अधिक से अधिक मूल्यांकन – और इसलिए यह खरीदने का एक अच्छा समय है। हालांकि, अटकलबाजी, तरलता की बाढ़ पर आधारित हो सकती है, गति बढ़ सकती है और अच्छे पुराने लालच में कीमतें ऊंची होती जा रही हैं जब तक कि बड़े खिलाड़ी बोर्ड पर नहीं होते हैं ताकि बिक्री शुरू हो सके।

इसलिए पूछने वाले पहले प्रश्न हैं: ये चीजें क्यों हो रही हैं? बाजार की कार्रवाइयों के पीछे चालक क्या हैं?

2. इंडेक्स को चार्ट करें

यह एक व्यापारी के लिए लंबी अवधि के लिए प्रत्येक बाजार के लिए महत्वपूर्ण अनुक्रमित चार्ट के लिए सहायक होता है। यह अभ्यास एक व्यापारी को बाजारों के बीच संबंधों को निर्धारित करने में मदद कर सकता है और चाहे एक बाजार में एक आंदोलन उलटा हो या दूसरे के साथ संगीत कार्यक्रम में।

उदाहरण के लिए, 2009 में, सोना उच्च रिकॉर्ड करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था।  क्या यह कदम इस धारणा के जवाब में था कि कागज का पैसा इतनी तेजी से कम हो रहा था कि कठोर धातु की ओर लौटने की जरूरत थी या क्या यह कमोडिटी बूम की वजह से सस्ते डॉलर के ईंधन का परिणाम था? इसका उत्तर यह है कि यह दोनों हो सकता है, या जैसा कि हमने ऊपर चर्चा की, बाजार की चालें अटकलों से प्रेरित थीं।

3. अन्य बाजारों में एक आम सहमति की तलाश करें

हम इस बात का एक परिप्रेक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं कि बाजार उसी साप्ताहिक या मासिक आधार पर अन्य उपकरणों को दान करके एक मोड़ पर पहुंच रहे हैं या नहीं। वहां से, हम एक उपकरण में किसी व्यापार में प्रवेश करने के लिए आम सहमति का लाभ ले सकते हैं जो मोड़ से प्रभावित होगा। उदाहरण के लिए, यदि USD / JPY मुद्रा जोड़ी एक ओवरसोल्ड स्थिति को इंगित करती है और बैंक ऑफ जापान ( BOJ ) येन को कमजोर करने के लिए हस्तक्षेप कर सकती है, तो जापानी निर्यात प्रभावित हो सकता है। हालांकि, एक जापानी वसूली येन के किसी भी कमजोर पड़ने के बिना बिगड़ा होने की संभावना है।

4. टाइम ट्रेड्स

एक सफल व्यापार की बहुत अधिक संभावना है यदि कोई लंबी समय सीमा पर मोड़ पा सकता है, तो एक प्रविष्टि को ठीक करने के लिए एक छोटी समय अवधि में स्विच करें। पहला व्यापार सटीक फिबोनाची स्तर पर हो सकता है या लंबी अवधि के चार्ट पर संकेत के अनुसार डबल नीचे हो सकता है, और यदि यह विफल रहता है, तो एक दूसरा अवसर अक्सर समर्थन स्तर के एक पुलबैक या परीक्षण पर होगा।

धैर्य, अनुशासन, और तैयारी आपको उन व्यापारियों से अलग करेगी जो बिना किसी तैयारी या एकाधिक विदेशी मुद्रा संकेतकों के विश्लेषण के बिना केवल मक्खी पर व्यापार करते हैं।

विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग सिस्टम और रणनीतियाँ प्राप्त करना

एक दिन व्यापारी की मुद्रा व्यापार प्रणाली को मैन्युअल रूप से लागू किया जा सकता है, या व्यापारी स्वचालित विदेशी मुद्रा व्यापार रणनीतियों का उपयोग कर सकता है जो तकनीकी और मौलिक विश्लेषण को शामिल करता है। ये शुल्क के लिए, मुफ्त में उपलब्ध हैं, या अधिक तकनीक-प्रेमी व्यापारियों द्वारा विकसित किए जा सकते हैं।

इंटरनेट के माध्यम से खरीद के लिए स्वचालित तकनीकी विश्लेषण और मैनुअल ट्रेडिंग रणनीतियों दोनों उपलब्ध हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सफलता के मामले में ट्रेडिंग सिस्टम की “पवित्र कब्र” जैसी कोई चीज नहीं है। यदि सिस्टम विफल-प्रूफ मनी मेकर था, तो विक्रेता इसे साझा नहीं करना चाहेगा। इस बात का सबूत है कि कैसे बड़ी वित्तीय कंपनियां अपने “ब्लैक बॉक्स” ट्रेडिंग कार्यक्रमों को लॉक और की के तहत रखती हैं।

तल – रेखा

तकनीकी और मौलिक विश्लेषण के बीच विदेशी मुद्रा व्यापार के लिए विश्लेषण का कोई “सर्वोत्तम” तरीका नहीं है। व्यापारियों के लिए सबसे व्यवहार्य विकल्प उनके समय सीमा और सूचना तक पहुंच पर निर्भर है। केवल अल्पकालिक व्यापारी के विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है लिए आर्थिक आंकड़ों में देरी से जानकारी के लिए, लेकिन उद्धरणों के लिए वास्तविक समय तक पहुंच, तकनीकी विश्लेषण पसंदीदा तरीका हो सकता है। वैकल्पिक रूप से, जिन व्यापारियों के पास अप-टू-द-मिनट समाचार रिपोर्ट और आर्थिक डेटा है, वे मौलिक विश्लेषण पसंद कर सकते हैं। या तो मामले में, यह सप्ताहांत के विश्लेषण का संचालन करने के लिए चोट नहीं करता है जब बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति नहीं होती है।

विदेशी मुद्रा व्यापार, क्रिप्टोकरेंसी का ऐतिहासिक विकल्प?

यदि आप अभी बाहर शुरू कर रहे हैं विदेशी मुद्रा विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है व्यापारयह महत्वपूर्ण है कि आप इस मुद्रा बाजार के आधार को समझें और यह कैसे काम करता है। विदेशी मुद्रा विदेशी और विनिमय शब्दों का एक संकुचन है। यह एक विदेशी मुद्रा बाजार है जहां निवेशक मुद्रा जोड़े खरीद और बेच सकते हैं। दूसरे शब्दों में, यह एक मुद्रा बाजार है.

विदेशी मुद्रा व्यापार में प्रवेश करने वाले निवेशकों को विदेशी मुद्रा व्यापारी कहा जाता है। वे निजी व्यापारी (छोटे निवेशक) या पेशेवर (संस्थागत निवेशक, बैंक, कंपनियां, आदि) हो सकते हैं। यहाँ का एक उदाहरण है फ्रेंच भाषी व्यापारीमुद्रा जोड़े का व्यापार करने में सक्षम होने के लिए, खुदरा व्यापारियों को ऑनलाइन दलालों के माध्यम से जाना जाता है जिसे "कहा जाता है" विदेशी मुद्रा दलाल ”। मुद्राओं में विशेषज्ञता वाले ये दलाल उनके लिए बाजार से बातचीत करेंगे।

विदेशी मुद्रा कहां से आती है?

मुद्रा विनिमय एक अवधारणा है जो लंबे समय से चारों ओर है। इसके अलावा, कई ट्रेडिंग सिस्टम जैसे ब्रेटन वुड्स सिस्टम और गोल्ड स्टैंडर्ड फॉरेक्स से पहले मौजूद थे। उत्तरार्द्ध 1971 के आसपास बनाया गया था, उस समय की आर्थिक परिस्थितियों के बाद जिसने ब्रेटन वुड्स समझौते को समाप्त कर दिया। वहाँ से, कई देशों की मुद्राओं की विनिमय दर विदेशी मुद्रा पर प्रस्तावों और मांगों द्वारा निर्धारित की गई थी।

यह कैसे काम करता है?

किसी भी विदेशी मुद्रा व्यापारी जो विदेशी मुद्रा बाजार में उतरना चाहता है, उसे पता होना चाहिए कि यह कैसे काम करता है और बुनियादी शर्तें। मुद्रा जोड़ी प्रमुख तत्व है जो मुद्रा व्यापार में भाग लेती है। इसमें आधार मुद्रा और काउंटर मुद्रा (उदाहरण के लिए EUR / USD) शामिल हैं।

विदेशी मुद्रा पर व्यापार का सिद्धांत समझने में काफी सरल है। मुद्राओं का आदान-प्रदान करने के लिए, व्यापारी एक मुद्रा जोड़ी खरीदता है जब बोली ऊपर जाती है और फिर नीचे जाने पर उसे बेचती है। जानकारी के लिए, विदेशी मुद्रा उद्धरण प्रतिपक्ष के खिलाफ आधार मुद्रा का मूल्यांकन है।

व्यापारी इसलिए भौतिक मुद्रा नहीं खरीदते और बेचते हैं, लेकिन मुद्राएं। यह विदेशी मुद्रा लेनदेन विदेशी मुद्रा लेनदेन या ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से होता है। विदेशी मुद्रा पर कई मुद्रा जोड़े का कारोबार होता है। सबसे प्रसिद्ध अमेरिकी डॉलर, ब्रिटिश पाउंड, यूरो, जापानी येन और स्विस फ्रैंक हैं।

कैनेडियन डॉलर और ऑस्ट्रेलियाई डॉलर जैसी छोटी मुद्राओं के अन्य समूहों का भी विदेशी मुद्रा पर कारोबार किया जाता है। हालांकि, वे 10% से कम विदेशी मुद्रा लेनदेन का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो वास्तव में व्यापारियों के लिए फायदेमंद नहीं है।

एक दलाल काफी बस एक दलाल है। यह एक मध्यस्थ है जो विक्रेता के प्रस्ताव और कमीशन के बदले खरीदार की मांग से मेल खाता है। इसलिए यह विक्रेता और खरीदार के बीच लेनदेन की सुविधा प्रदान करता है.

व्यापार के क्षेत्र में, विदेशी मुद्रा दलाल एक व्यक्ति या एक कंपनी है जो खुदरा व्यापारियों को वित्तीय बाजारों तक पहुंच प्रदान करती है। यह क्लाइंट्स द्वारा रखी गई मुद्राओं के ऑर्डर को खरीदने और बेचने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट का उपयोग करता है। कुछ साइटें विभिन्न मानदंडों पर दलालों की तुलना करती हैं, इसलिए आप एक पढ़ सकते हैं सहूलियत एफएक्स समीक्षा

विदेशी मुद्रा: बिटकॉइन का एक अच्छा विकल्प?

व्यापारियों के लिए उल्लेखनीय लाभ

अन्य वित्तीय बाजारों की तुलना में, विशेष रूप से बिटकॉइन, विदेशी मुद्रा में खुदरा व्यापारियों और पेशेवरों के लिए महत्वपूर्ण फायदे हैं। यह वास्तव में एक है मुक्त बाजारक्योंकि इसके लिए क्लियरिंग फीस या ब्रोकरेज फीस की आवश्यकता नहीं है। बिटकॉइन (0,1% से कम) की तुलना में विदेशी मुद्रा में लेनदेन की लागत भी कम होती है। हालांकि, आपको पता होना चाहिए कि हर बार जीतना संभव नहीं है और यह तेजी से व्यवस्थित लाभ के साथ एक शहरी मिथक है। 10% रिटर्न पहले से ही उत्कृष्ट है और अधिकांश पेशेवरों को औसत मासिक रिटर्न 1 से 10% विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है तक है, 20% पर कुछ चोटियों या असाधारण मामलों में 40% तक भी।

यह भी जान लें कि फॉरेक्स एक दिन में 24 घंटे खुला बाजार है (सप्ताहांत को छोड़कर), जो आपको किसी भी समय व्यापार करने की अनुमति देता है और कई बार आपको सूट करता है। दलालों द्वारा दिए गए उत्तोलन प्रभाव से आपको अपने लेनदेन को बढ़ाने और अपनी आय को गुणा करने का अवसर मिलता है।

जोखिम क्या हैं?

व्यापार की दुनिया में, नुकसान के जोखिम भारी हो सकते हैं। आपको पता होना चाहिए कि विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है सबसे अच्छा रिटर्न प्राप्त करने के लिए, हमें मुद्राओं के मूल्य की प्रशंसा और मूल्यह्रास पर खेलना चाहिए। दरअसल, मुद्राओं की विनिमय दर स्थायी उतार-चढ़ाव में होती है, जिससे लेनदेन करना कभी-कभी जोखिम भरा हो जाता है। इसके अलावा, विदेशी मुद्रा में निवेश विदेशी मुद्रा व्यापार करने का सबसे अच्छा समय क्या है करके पैसा बनाने के लिए, सभी पक्षों से पदों को खोलने का कोई सवाल ही नहीं है। इसके विपरीत, आपको कम व्यापार करना होगा, लेकिन अधिक कुशलता से, जिसके लिए आपको विदेशी मुद्रा व्यापार की दुनिया के बारे में अच्छी तरह से जानकारी होनी चाहिए।

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