ईटीएफ क्या है

4. इस पैसे को केन्द्र सरकार के इस फंड में डाल दिया जाता है और जरूरत के वक्त ब्याज सहित इस पैसे का आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
Bharat Bond ETF: बिना जोखिम बेहतर रिटर्न
फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स (fixed income instruments) में निवेश को तरजीह देने वाले निवेशकों को फिर से भारत ईटीएफ क्या है बॉन्ड ईटीएफ (Bharat Bond ETF) में निवेश का मौका मिल सकता है क्योंकि सरकार दिसंबर में देश के इस पहले कॉरपोरेट बॉन्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड की चौथी सीरीज/चरण लॉन्च करने की योजना बना रही है। वर्ष 2019 में भारत बॉन्ड ईटीएफ लॉन्च की गई थी। फिलहाल इस स्कीम के पांच इश्यू उपलब्ध हैं जो कमश: 2023, 2025, 2030, 2031, और 2032 में मैच्योर होंगे। ये सारे इश्यू सरकार के द्वारा 3 चरणों में लॉन्च किए गए हैं। 5 और 10 साल की अवधि के इश्यू जो क्रमश: 2023 और 2030 में मैच्योर होंगे पहले चरण के अंतर्गत दिसंबर 2019 में लॉन्च किए गए थे। जबकि 5 और 11 साल की अवधि के इश्यू जो क्रमश: 2025 और 2031 में मैच्योर होंगे दूसरे चरण में जुलाई 2020 में लॉन्च किए गए थे। 2032 में मैच्योर होने वाले 11 वर्षीय इश्यू तीसरे चरण के अंतर्गत दिसंबर ईटीएफ क्या है 2021 में लॉन्च किए गए। एडलवाइस एसेट मैनेजमेंट (Edelweiss Asset Management) इस ETF को मैनेज करता है।
EPFO ने ETF निवेश से बढ़ाया मुनाफा, क्या अब बढ़ेगी ब्याज दर?
- नई दिल्ली,
- 13 फरवरी 2018,
- (अपडेटेड 13 फरवरी 2018, 12:45 PM IST)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने करीब 5 करोड़ अंशधारकों के लिये 2017-18 को लेकर भविष्य निधि पर ब्याज दर 8.65 फीसदी पर अपरिवर्तित रख सकता है. न्यासी बोर्ड की बैठक 21 फरवरी 2018 को होने वाली है.
ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के ईटीएफ क्या है लिए ब्याज दर 8.65 फीसदी बनाये रखने के लिये अंतर को पूरा करने को लेकर इस ईटीएफ क्या है महीने की शुरूआत में 2,886 करोड़ रुपये मूल्य के एक्सचेंज ट्रेडेड फंड बेच चुका है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने 2016-17 के लिये 8.65 फीसदी ब्याज दर की घोषणा की थी. यह 2015-16 में यह 8.8 फीसदी थी.
निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें
“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में ईटीएफ क्या है यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।
गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।
Gold ETF के बारे में जानकारी
Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।
दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने ईटीएफ क्या है से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।
आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी
ऐसा माना जा रहा है कि
- शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
- ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
- सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
- गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।
अगर मालामाल होना है तो सिल्वर ETF में करें निवेश, सिर्फ 100 रुपए से बनाएं ढेर सारा पैसा
गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें ईटीएफ क्या है निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से हो सकती है।
उत्तर प्रदेश में चांदी के आभूषण लोगों की पहली पसंद हैं। राजधानी लखनऊ में 29 जनवरी को एक किलो चांदी का भाव 61,100 है। आजकल चांदी में निवेश तेजी से बढ़ा है। पहले सोने और ईटीएफ क्या है चांदी की फिजिकल होल्डिंग की परंपरा थी। पर अब लोग पैसे को तेजी से दोगुना करना चाहते हैं। निवेश के लिए नई जगहों की तलाश करते रहते हैं। शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड और ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) निवेश की पहली पसंद हैं। गोल्ड (Gold Investment) की तर्ज पर ही बाजार में सिल्वर ईटीएफ का भी ऑप्शन (Silver ETF) आ गया है। सिल्वर ईटीएफ के लिए दिसम्बर 2021 में बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंजूरी दे दी है। और सिल्वर ईटीएफ में निवेश की नई गाइडलाइन (Silver ETF Investment Guidelines) जारी कर दी गई है। सिल्वर ईटीएफ में चौंकाने वाली सबसे खास बात है कि बेहद कम पैसों में आप इसमें निवेश कर सकते हैं। जानकर हैरान रह जाएंगे कि निवेश की शुरुआत सिर्फ 100 रुपए से ईटीएफ क्या है हो सकती है।
पुराना सिलेंडर बदल कर लें मुनाफे वाला नया कंपोजिट एलपीजी सिलेंडर, जानें रेट और फायदे
सिल्वर ETF में निवेश क्यों?
एक रिपोर्ट के अनुसार आने वाला वक्त चांदी का है। जैसे अर्थव्यवस्थाएं मजबूत होंगी, चांदी की मांग आसमान छूने लगेगी। बढ़ती महंगाई वाले दौर में सोने के मुकाबले चांदी की कीमत ज्यादा बढ़ेगी। ऐसे में महंगाई से बचाव के साधन (हेजिंग टूल) के तौर पर चांदी बेहतर साबित होगी।
IBPS Calendar 2022-23: बैंक में नौकरी चाहिए तो आईबीपीएस परीक्षा कैलेंडर चेक करें, जानें कब होगी परीक्षा
सिल्वर ETF में निवेश का तरीका?
चाहे कोई भी ETF हो निवेश के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। सिल्वर ईटीएफ के न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) में पैसा लगा सकते हैं। मान लीजिए आप चक गए तो दूसरा आप्शन है। स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकेत हैं। आईसीआईसीआई प्रू, आदित्य बिड़ला सन लाइफ के सिल्वर ईटीएफ के एनएफओ आए थे पर उनकी अंतिम तिथि बीत गई है। अभी कुछ नए एनएफओ (न्यू फंड ऑफर) आने वाले हैं।
सबसे बड़ा फायदा अधिक लिक्विडिटी और कम स्टोरेज कॉस्ट।
निवेश को लेकर शुद्धता या गुणवत्ता की कोई चिंता नहीं।
आर्थिक संकट में मददगार।
महंगाई को लेकर यह बेहतर तरीके से हेज उपलब्ध कराता है।
चांदी में निवेश से पोर्टफोलियो का ओवरऑल रिस्क होता है कम।
चांदी के भाव में तेजी की संभावना अधिक।
चांदी का इस्तेमाल सोलर पैनल, मेडिकल इंस्ट्रूमेंट्स, स्विचेज, सैटेलाइट आदि।
ETF Full Form – ETF का पूरा नाम क्या है?
दुनिया भर के लोग ट्रेडिंग करते हैं और ट्रेडिंग करने में काफी रिस्क है ये भी सभी को पता है लेकिन अगर अच्छा रिसर्च कर के करते हाँ तो फिर ये आपके लिए सबसे अच्छा साबित हो सकता है.
इस पोस्ट में हम इसी से जुड़े एक शब्द के बारे में बताएँगे जिसकी जानकारी का होना काफी जरुरी है. इसीलिए आप आज के आर्टिकल में आप जानेंगे की ETF का फुल फॉर्म क्या है (ETF Full Form).
ये भी जानेंगे की इस शब्द का हिंदी में पूरा नाम क्या है और इसका अर्थ क्या है. स्टॉक एक्सचेंज से जुड़े लोगों को इसका महत्व अच्छे से मालूम होता है. तो चलिए जानते हैं इसके बारे.
ETF का फुल फॉर्म क्या है – What is the full form of ETF in Hindi?
ETF Full Form
ETF का फुल फॉर्म Exchange-Traded Funds है.
इसका हिंदी में पूरा नाम एक्सचेंज ईटीएफ क्या है ट्रेडेड फंड्स है जिसका अर्थ है मुद्रा कारोबार कोष.
इन्वेस्टर की काफी बड़ी संख्या विविधता से भरी हुई पोर्टफोलियो बनाने के लिए एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड का उपयोग कर रही है. हो सकता है कि आपको इस पर भी विचार करना पड़े क्यूंकि अगर आप जोखिम को अच्छी तरह समझते हैं तो इसका उपयोग कर सकते हैं.
यह सिक्योरिटीज की एक बास्केट है, जिसके शेयरों को एक एक्सचेंज पर बेचा जाता है. वे स्टॉक, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड की सुविधाओं और पोटेंशियल लाभों को कंबाइन कर देते हैं.
इंडिविजुअल स्टॉक की तरह ही इसमें भी शेयरों की आपूर्ति और मांग के आधार पर कीमतों में पूरे दिन कारोबार होता है. म्यूचुअल फंड शेयरों की तरह ईटीएफ शेयर एक पोर्टफोलियो के पार्शियल ओनरशिप का प्रतिनिधित्व करते हैं जो प्रोफेशनल मैनेजर द्वारा इकट्ठा किया जाता है.
ETF के प्रकार
- Diversified passive equity
- Active equity
- Fixed-income
- Niche passive equity
लाभ | हानि |
कम खर्च वाले अनुपात | ब्रोकरेज कमीशन |
एक्सचेंज पर पूरे दिन ट्रेड करता है | कैपिटल लाभ को कभी कभी बांटा जाता है. |
कोई न्यूनतम निवेश डॉलर राशि (फ्रॅक्शनल शेयर नहीं खरीद सकता है) | फ्लेक्सिबिलिटी बार-बार व्यापार को प्रोत्साहित कर ईटीएफ क्या है सकता है, संभवतः कर-कुशल बढ़त को नकारता है. |
संभावित कर एफिशिएंसी | |
कम बेचा जा सकता है और मार्जिन पर खरीदा जा सकता है. |
निष्कर्ष
स्टॉक एक्सचेंज में कार्यरत लोगों को इस पर आम करने के बारे में बहुत अच्छी जानकारी होती है. तभी वो इस क्षेत्र में बढ़िया करियर बनाते हैं मुनाफा भी कमाते हैं. इसीलिए आपको इसकी जानकारी का भी होना जरुरी है की इस शब्द का फुल फॉर्म क्या है (What is the full form of ETF in Hindi).
हम उम्मीद करते हैं ये आर्टिकल आपको अच्छा लगा होगा और आपकी जानकारी पूरी हो गयी होगी. अगर ये पोस्ट अच्छी लगी हो तो इसे दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें.
Wasim Akram
वसीम अकरम WTechni के मुख्य लेखक और संस्थापक हैं. इन्होंने इंजीनियरिंग की ईटीएफ क्या है डिग्री हासिल की है लेकिन इन्हें ब्लॉगिंग और कैरियर एवं जॉब से जुड़े लेख लिखना काफी पसंद है.