Dividend क्या होता है?

Dividend Meaning In Hindi
Reliance Industries के शेयर इसी हफ्ते हो जाएंगे एक्स-डिविडेंड, जानिए अहम बातें
आम तौर पर किसी निवेशक को डिवीडेंड की पात्रता के लिए एक्स-डिवीडेंड से पहले किसी कंपनी के शेयरों की होल्डिंग रखनी चाहिए
Share market news: मार्केट कैप (बाजार पूंजी) के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) इसी हफ्ते स्टॉक एक्सचेंजों पर एक्स डिविडेंड हो जाएगी। गौरतलब है कि एक्स-डिविडेंड डेट उस डेट को कहा जाता है जिसके पहले शेयर खरीदने वाले को ही डिविडेंड मिलता है। आमतौर उसके अगले दिन रिकॉर्ड डेट होती है। ये भी ध्यान में रखने की बात है कि डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट भी अलग-अलग होती है।
बता दें की RIL ने वित्त वर्ष 2022 के लिए अपने शेयरधारकों को 80 फीसदी डिविडेंड देने का ऐलान किया है। 6 मई को RIL ने वित्त वर्ष 2022 के लिए 10 रुपए फेस वैल्यू के प्रति शेयर पर 8 रुपए डिविडेंड देने का ये ऐलान किया था। मुकेश अंबानी की लीडरशिप वाली कंपनी ने एजीएम (एनुअल जनरल मीटिंग) में घोषित और अनुमोदित होने पर एक सप्ताह के भीतर इस डिविडेंड के भुगतान की योजना बनाई है। बता दें कि पिछले हफ्ते आरआईएल के शेयरों में तेजी देखी गई है।
Dividend Meaning In Hindi
अब यदि आपने किसी कंपनी का शेयर खरीदा है तो आप उस कंपनी के उस हिस्से के मालिक हुए कि नहीं? और यदि बतौर शेयर होल्डर Dividend क्या होता है? यानी बतौर शेयर धारक आप कंपनी के एक हिस्से के मालिक हैं तो उस कंपनी के प्रॉफिट या लाभ में आपका भी हिस्सा बनता है या नहीं? आसान शब्दों में शेयर Dividend क्या होता है? Dividend क्या होता है? धारक को उसके शेयरों पर मिलने वाले कंपनी के लाभ के हिस्से को Dividend कहते हैं। अपने शेयरों पर डिविडेंड प्राप्त करना शेयर होल्डर का अधिकार है।
डिविडेंड का अर्थ है प्रतिलाभ, नकद या वह कुछ भी जो कंपनी अपने शेयरधारकों को देती है। लाभांश को विभिन्न रूपों में जारी किया जा सकता है, जैसे कि कैश भुगतान, स्टॉक या किसी अन्य रूप में। कंपनी का लाभांश निदेशक मंडल द्वारा तय किया जाता है और इसके लिए शेयरधारकों की मंजूरी की आवश्यकता होती है। डिविडेंड आमतौर पर लाभ का एक हिस्सा होता है जो कंपनी अपने शेयरधारकों के साथ शेयर करती है, हालांकि, कंपनी के लिए लाभांश का भुगतान करना अनिवार्य नहीं है।
लाभ में से दिया जाता है Dividend
अपने लेनदारों का भुगतान करने के बाद, एक कंपनी अपने शेयरधारकों को लाभांश के रूप में इनाम देने के लिए आंशिक या संपूर्ण बचे हुए लाभ का उपयोग कर सकती है। हालांकि, जब कंपनियां नकदी की कमी का सामना कर रही हों या फिर कंपनी के विस्तार के लिए नकदी की जरूरत हो तो वह लाभांश नहीं भी दे सकती हैं। साथ ही पढ़िये Interim Dividend in Hindi हमारी साईट पर। यहां पढ़ें किस कंपनी के शेयर खरीदें हमारी साइट पर जिनसे लाभांश पाने और शेयर की कीमत में बढ़ोतरी की संभावना हो।
जब कोई कंपनी लाभांश की घोषणा करती है तो यह एक रिकॉर्ड तिथि भी तय करती है और उस तिथि को पंजीकृत सभी शेयरधारक अपने शेयर होल्डिंग के अनुपात में लाभांश भुगतान प्राप्त करने के योग्य हो जाते हैं। डिविडेंड भुगतान आमतौर पर कंपनी के शेयर की कीमत के मूलभूत मूल्य को प्रभावित नहीं करता है।
उच्च वृद्धि दर वाली कंपनियां और अपने उपक्रम के शुरुआती चरण में कई कम्पनियाँ लाभांश का भुगतान नहीं करतीं हैं क्योंकि वे उच्च लाभ और विस्तार को बनाए रखने में मदद के लिए अपने लाभ का पुनर्निवेश करना पसंद करतीं हैं। दूसरी ओर स्थापित, बल्यूचिप और विकसित कम्पनियाँ अपने वफादार निवेशकों को इनाम देने के लिए नियमित लाभांश देने का प्रयास करतीं हैं.
Dividend Yield Meaning in Hindi
Dividend Yield डिविडेंड यील्ड शेयरधारकों को दिए गए नकद लाभांश की मात्रा को मापता है जो उन्हें प्रति शेयर बाजार मूल्य के अनुपात में मिला है. डिविडेंड यील्ड उस कंपनी में निवेशकों द्वारा किए गए कुल निवेश पर लाभांश के माध्यम से मिली आय की मात्रा को मापता है. डिविडेंड यील्ड की गणना प्रति शेयर लाभांश को प्रति शेयर मार्केट प्राइस से विभाजित करके और परिणाम को 100 से गुणा करके की जाती है। यह आमतौर पर प्रतिशत के रूप में व्यक्त की जाती है। डिविडेंड यील्ड की गणना के लिए फार्मूला
डिविडेंड यील्ड = शेयर प्रति कैश डिविडेंड / मार्किट प्राइस प्रति शेयर * 100
मान लीजिए कि कंपनी 500 रुपए के बाजार भाव के साथ 20 रुपए प्रति शेयर के लाभांश की घोषणा करती है। उस मामले में शेयर का डिविडेंड यील्ड 20/500 * 100 = 4% होगा। उतार-चढ़ाव के समय के दौरान ऊंचे डिविडेंड यील्ड वाले शेयर निवेश का अच्छा विकल्प होते हैं, क्योंकि ये शेयर निवेश पर अच्छा रिटर्न देते हैं. जो निवेशक अधिक जोखिम नहीं लेना चाहते उन निवेशकों के लिए ऊंचे डिविडेंड यील्ड वाले शेयर निवेश का अच्छा विकल्प होते हैं इसीलिए निवेशकों को शेयरों में निवेश के समय शेयर के बाजार भाव के साथ-साथ कंपनी के लाभांश-भुगतान ट्रैक रिकॉर्ड की जांच भी करनी चाहिए.
कैसे डिविडेंड्स कैलकुलेट करें (Calculate Dividends)
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जब कोई कंपनी पैसा बनाती है, तो उसके पास आमतौर पर दो सामान्य विकल्प होते हैं। एक तरफ, अपने ख़ुद के कामकाज का विस्तार करना, नए उपकरण खरीदना, आदि करने में कंपनी इन पैसों को पुनर्निवेश (re-invest) कर सकती है। (इस तरह खर्च किये गए पैसों को “प्रतिधारित कमाई या retained earnings” कहा जाता है)। दूसरी ओर, कंपनी अपने इन्वेस्टर्स (निवेशकों) को भुगतान करने के लिए इस अपने मुनाफे का उपयोग कर सकती है। इस तरह से इन्वेस्टर्स को दिया जाने वाला पैसा "डिविडेंड (यानि लाभांश)" कहलाता है। एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारक को कितना डिविडेंड देय है, यह कैलकुलेट करना आमतौर पर काफ़ी आसान होता है; dividend per share या DPS (यानी प्रति शेयर जितना डिविडेंड देय है) को बस आपके पास मौजूद शेयर्स की संख्या से मल्टिप्लाय कर दीजिये। DPS को price per share (यानि, प्रति शेयर की कीमत) से डिवाइड करके "डिविडेंड यील्ड या लाभांश उपज" (आपकी इन्वेस्टमेंट का उतना परसेंट जो आपकी स्टॉक होल्डिंग्स आपको डिविडेंड के रूप में Dividend क्या होता है? कमाकर देगी) का पता लगाना भी संभव है। [१] X रिसर्च सोर्स
Special Dividend क्या होता है? कौन- कैसे उठा सकता है इसका फायदा, जानिए पूरी डिटेल
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत Dividend क्या होता है? कुमार
Updated on: Sep 11, 2021 | 7:06 AM
अगर आप शेयर बाजार के निवेशक हैं तो डिविडेंड या लाभांश के बारे में जरूर सुना होगा. जब कभी इसकी चर्चा होती है तो इसके साथ कई तरह के टर्म का इस्तेमाल किया जाता है. जैसे स्पेशल डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट, एक्स डिविडेंड डेट, अंतरिम डिविडेंड, फाइनल डिविडेंड. इस आर्टिकल में आपको इन तमाम टर्मों का मतलब बताएंगे जिससे आने वाले दिनों में आप इसका उचित फायदा उठा सकें.
सबसे पहले डिविडेंड डिक्लेरेशन डेट होता है. यह वह तारीख होती है जिस दिन किसी कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर डिविडेंड की घोषणा करता है. जिस दिन कंपनी डिविडेंड की घोषणा करती है उसके साथ दो और डेट की घोषणा की जाती है. ये दो डेट होते हैं रिकॉर्ड डेट और पेमेंट डेट. रिकॉर्ड डेट वह डेट होती है जिस दिन कंपनी यह देखती है कि कौन-कौन इन्वेस्टर्स हैं, जिनके डीमैट अकाउंट में शेयर्स हैं.
डीमैट अकाउंट में शेयर होना जरूरी
अगर आपको डिविडेंड का लाभ चाहिए तो रिकॉर्ड डेट के दिन आपके डीमैट अकाउंट में शेयर्स होने चाहिए. उदाहरण के तौरन पर कंपनी A ने डिविडेंड की घोषणा की और 20 सितंबर उसका रिकॉर्ड डेट है. आपको डिविडेंड का लाभ तभी मिलेगा जब 20 सितंबर को वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में हो.
रिकॉर्ड डेट से एक या दो कारोबारी सत्र पूर्व एक्स डिविडेंड डेट होता है. डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर की खरीदारी करनी होगी ताकि वह शेयर उसके डीमैट अकाउंट में रिकॉर्ड डेट के दिन रहे. यहां इस बात को समझना जरूरी है कि इंडियन स्टॉक मार्केट में जब आप कोई शेयर खरीदते हैं तो T+2 में वह आपके डीमैट अकाउंट में पहुंचता है. इसलिए एक्स डिविडेंड डेट से पहले तक खरीदारी करनी होगी. एक्स डिविडेंड डेट के दिन खरीदारी करने पर डिविडेंड का लाभ नहीं मिलेगा.
क्या होता है अंतरिम और फाइनल डिविडेंड?
इसके अलावा मुख्य रूप से दो- अंतरिम और फाइनल डिविडेंड होता है. किसी वित्त वर्ष के लिए जब तक बुक्स ऑफ अकाउंट क्लोज नहीं होता है, उससे पहले Dividend क्या होता है? कंपनी जब डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे अंतरिम डिविडेंड कहते हैं. ये शेयर होल्डर्स की सहमति से वापस भी लिए जा सकते हैं. फाइनल डिविडेंड वह डिविडेंड होता है जब फाइनेंशियल ईयर समाप्त होने पर कंपनी एनुअल जनरल मीटिंग के समय इसकी घोषणा करता है. इस डिविडेंड को वापस नहीं लिया जा सकता है.
इन दो तरह के डिविडेंड के अलावा एक स्पेशल डिविडेंड भी होता है जिसकी घोषणा कंपनी की तरफ से कभी भी की जा सकती है. जी बिजनेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जब कोई कंपनी स्टॉक प्राइस के मुकाबले 5 फीसदी से ज्यादा के डिविडेंड की घोषणा करती है तो उसे स्पेशल डिविडेंड माना जाता है. जैसे 11 सितंबर को एक शेयर का क्लोजिंग भाव 100 रुपए है और उसने 6 रुपए प्रति शेयर डिविडेंड की घोषणा की है तो इसे स्पेशल डिविडेंड माना जाएगा.