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Gita Jayanti 2022: कब मनाई जाएगी गीता जयंती, जानें इसका धार्मिक महत्व एवं शुभ मुहूर्त
सनातन परंपरा में मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी तिथि पर मनाई जाने वाली गीता जयंती पर्व का क्या महत्व है और इस साल यह कब मनाया जाएगा, जानने के लिए पढ़ें ये लेख.शेयर बाजार के महत्व
Updated on: Dec 01, 2022 | 9:59 AM
सनातन परंपरा में श्रीमद्भगवद्गीता का बहुत ज्यादा महत्व है. यह भगवान श्री विष्णु के आठवें अवतार माने जाने वाले भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश पर आधारित पवित्र धार्मिक ग्रंथ है, जिसे उन्होंने महाभारत के युद्ध के समय कहा था. धार्मिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता के उपदेश मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की शेयर बाजार के महत्व एकादशी को दिया था, इसीलिए इस दिन पूरे देश में गीता जयंती का महापर्व मनाया जाता है. इस साल गीता जयंती का पर्व 03 दिसंबर 2022 को पड़ने जा रहा है. आइए गीता जयंती की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं.
गीता जयंती का शुभ मुहुर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मनाया जाने वाली गीता जयंती का पर्व इस साल 3 दिसंबर 2022 को मनाया जाएगा और इस साल श्रीमद्भगवद्गीता की इस साल 5159वीं वर्षगांठ होगी. पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष मास के शुक्लपक्ष की एकादशी 03 दिसम्बर 2022 को प्रात:काल 05:39 से प्रारंभ होकर 04 दिसंबर 2022 को प्रात:काल 05:34 बजे तक रहेगी.
गीता जयंती का धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में अत्यंत ही पवित्र मानी जानी वाले श्रीमद्भगवद्गीता के बारे में मान्यता है कि जो कोई व्यक्ति गीता जयंती के दिन इसकी विधि-विधान से पूजा और इसमें दिए गए भगवान श्री कृष्ण के उपदेशों का पाठ करता है, शेयर बाजार के महत्व उसे अपने जीवन में उतारता है, उस पर भगवान श्री कृष्ण की पूरी कृपा बरसती है और उसे जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है. श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करने वाला कभी भी मोह-माया के बंधन में नहीं फंसता है. मान्यता है प्रतिदिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ करने वाला साधक सभी सुखों को भोगता हुआ अंत समय में मोक्ष को प्राप्त होता है.
भगवान श्रीकृष्ण ने क्यों शेयर बाजार के महत्व दिया था गीता के उपदेश
महाभारत काल में जब कुरुक्षेत्र की रणभूमि में कौरव और पांडवों के बीच धर्मयुद्ध हो रहा था तो अर्जुन अपने ही भाईयों और बड़े बुजुर्गों के साथ युद्ध करने को लेकर भावुक हो गए थे. तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को सही और गलत का फर्क बताते हुए उनके माया-मोह को दूर करने और धर्मपथ पर चलते हुए अपने कर्म करने का संदेश दिया था. भगवान श्रीकृष्ण की दिखाई इस राह के बाद पांडवों ने कौरवों पर विजय प्राप्त की थी.भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा दिए गए गीता के उपदेश आज इस काल में भी प्रासंगिक शेयर बाजार के महत्व हैं, जिन्हें न सिर्फ हिंदू बल्कि दूसरे धर्म से जुड़े लोग भी अपने जीवन में अपनाते हैं.
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(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
आपकी बात, राजनीतिक दलों में विचारधारा का क्या महत्व है?
विचारधारा ही पार्टी की नींव
राजनीतिक दलों में विचारधारा का बड़ा ही महत्व है। चूंकि कोई भी व्यक्ति किसी दल की विचारधारा और सिद्धांत को ही देखकर ही शामिल होता है। इस विचारधारा व सिद्धांतरें के कारण ही राजनीतिक दलों को मजबूती मिलती हैं। लेकिन जब ये दल अपने सिद्धांतों से हट जाते हैं, तो शेयर बाजार के महत्व उनका पतन हो जाता है। अपनी विचारधारा व सिद्धांतों को त्याग देना देश की जनता की भावनाओं की उपेक्षा करना ही कहा जाएगा।
-सुनील कुमार माथुर, जोधपुर
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विचारधारा रखते हैं ताक में
राजनीतिक दलों की कोई विचारधारा नहीं होती। ये आम जनता से येन-केन प्रकारेण सत्ता में आने के लिए लुभावने वादे करते हैं। आम जनता भी इनके लुभावने वादों में आकर इनको सत्ता में बैठा देती है और बाद में 5 साल तक परेशान रहती है।
-रामनरेश गुप्ता, सोडाला, जयपुर
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राजनीति से विचारधारा गायब
सच कहें तो यह कि आजकल राजनीति में 'विचार' कहां रहे हैं - सब एक ही उस धारा में प्रवाहित होते हैं, जो सत्ता तक ले जाती है लिखित और मौखिक निर्देश सिर्फ और सिर्फ सत्ता को पाने की चाह में दिए जाते हैं। एक तरह से 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' कहावत सिद्ध हो रही है।
-ईश्वर जैन 'कौस्तुभ, उदयपुर
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राजनीतिक शुचिता का प्रतीक
राजनीतिक दलों की विचारधारा उनके कार्यकर्ताओं को आदर्श और नैतिकता प्रदान करती हैं। साथ ही इनकी विचारधाराएं शेयर बाजार के महत्व राजनीतिक शुचिता में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इसलिए बिना विचारधारा के किसी राजनीतिक दल का अस्तित्व संभव नहीं हैं।
-मनु प्रताप सिंह,चींचडौली, खेतड़ी
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सत्ता की होड़ ही सब कुछ
लोकतांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक दलों का निर्माण वैचारिक आधार पर होता रहा है। आजादी के पहले और बाद के कुछ समय तक देश में राजनीतिक दलों की पहचान विचारधारा के आधार पर थी, परंतु आपातकाल के बाद और फिर 90 के दशक के बाद तो विचारधारा का स्थान सत्ता प्राप्ति की होड़ ने ले लिया। आज देश में विचारधारा की राजनीति हाशिए पर खड़ी है, क्योंकि सबको सत्ता चाहिए। कल तक जो विचारधारा के आधार पर एक दूसरे की आलोचना करते थे, वे कुछ ही समय के बाद एक दूसरे के साथ खड़े दिखाई पड़ते हैं।
-बबली देवी नागलंका जोशी, श्रीमाधोपुर
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दलबदल दौर शेयर बाजार के महत्व
अब राजनीतिक दलों में विचारधारा का कोई महत्व नहीं रह गया है। आया राम— गया राम , पलटू राम ही अब सरकारें गिराने और सरकारें बनाने का काम कर रहे हैं। दलों की विचारधारा व दल के लिए समर्पित विधायकों / सांसदों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलता । दलबदलुओं को सीधा मंत्री पद से नवाजा जाता है। अब तो सब दलों की जैसे एक ही विचारधारा रह गई है ,कैसे भी हो सरकार बनाओ ।
-रणजीत सिंह भाटी राजाखेड़ी मंदसौर
Reva University: नृत्य से बताया पंचतत्वों का महत्व, हुए शिव रूपों के दर्शन
नई दिल्ली (नवोदय टाइम्स): नृत्य के माध्यम से कटौती के पंच तत्व भूमि जल अग्नि वायु और आकाश के महत्व को बताया गया शेयर बाजार के महत्व इसके साथ ही देवाधिदेव महादेव भगवान शंकर के 5 रूपों को भी दर्शाया गया। शिव के 5 रूपों के माध्यम से पंचतत्व की महत्ता को ‘पंचवक्त्रम’ प्रस्तुति में प्रमाणित किया गया।
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रेवा यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स एंड इंडिक स्टडीज ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में लैंगिक समानता और जलवायु परिवर्तन जैसे ज्वलंत मुद्दों पर यह विशेष प्रस्तुति दी। इस अवसर पद्मभूषण डॉ. राजा रेड्डी और डॉ. राधा रेड्डी तथा आईजीएनसीए के सदस्य डॉ. सच्चिदानंद जोशी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।
मोहिनीअट्टम के माध्यम से पृथ्वी, उडिया नृत्य के माध्यम से जल और अग्नि का महत्व भरतनाट्यम नृत्य से प्रस्तुत किया गया। शिव के अघोर रूप से आग शेयर बाजार के महत्व और तत्पुरुष रूप से कुचिपुड़ी नर्तकों ने वायु का वर्णन किया। ईशान अवतार के माध्यम से कथक नृत्य प्रस्तुत कर आकाश की विशालता का बखान किया गया। कार्यक्रम में रेवा विश्वविद्यालय के चांसलर डॉ. पी श्यामा राजू ने अतिथियों का स्वागत और आभार किया और साथ ही विश्वविद्यालय की का प्राथमिकताओं को भी बताया।
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आज शेयर बाजार ने फिर बनाया नया ‘ऑल टाइम हाई’, सेंसेक्स 62,724 के रिकॉर्ड स्तर पर, निफ्टी भी रिकॉर्ड हाई पर
नई दिल्ली. आज शेयर बाजार (Share Market) ने हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन, आज यानी मंगलवार 29 नवंबर को फिर नया रिकॉर्ड बनाया है। आज कारोबार के दौरान सेंसेक्स 62,724.02 के अपने नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया है। बता दें कि इससे पहले भी सेंसेक्स ने बीते सोमवार को 62,701 का ऑल शेयर बाजार के महत्व टाइम हाई बनाया था। फिलहाल अभी सेंसेक्स 170 से ज्यादा अंक की तेजी के साथ 62,680 के पार कारोबार कर रहा है। वहीं सेंसेक्स के 30 में से 20 शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है वहीं 10 शेयरों में फिलहाल भारी गिरावट है।
आज सेंसेक्स में हिंदुस्तान यूनिलीवर, डॉ रेड्डीज, टाइटन, टाटा स्टील, सन फार्मा, आईसीआईसीआई बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट और महिंद्रा एंड महिंद्रा बढ़ने वाले प्रमुख शेयरों में शामिल थे। दूसरी ओर मारुति, लार्सन एंड टुब्रो, बजाज फिनसर्व और एशियन पेंट्स में गिरावट हुई। अन्य एशियाई बाजारों में सोल, शंघाई और हांगकांग के बाजार हरे निशान में थे, जबकि तोक्यो में गिरावट दर्ज की गई।
वहीं सेंसेक्स बीते सोमवार को 211.16 अंक या 0.34 प्रतिशत चढ़कर 62,504.80 के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर बंद हुआ था। शेयर बाजार के अस्थाई आंकड़ों के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को शुद्ध रूप से 935.88 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
इसके साथ ही आज निफ्टी ने भी नया ‘ऑल टाइम हाई’ बनाया है। आज कारोबार के दौरान निफ्टी 18,631.65 के स्तर पर पहुंचा है । इससे पहले निफ्टी ने 18,614.25 का ऑल टाइम हाई बना चूका है। फिलहाल अभी यह 50 से ज्यादा अंकों की तेजी के साथ 18,620 के पार कारोबार कर रहा है। वहीं सेक्टोरल इंडेक्स की बात करें तो NSE का निफ्टी मेटल इंडेक्स सबसे ज्यादा 1.28% की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है। रियल्टी, PSU बैंक और मीडिया में आज मामूली गिरावट दखी गयी है।
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