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चरण व्यापार

चरण व्यापार
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक इस समझौते का ब्योरा अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि कार्यालय (USTR) ने जारी किया. इसके मुताबिक अगले दो साल में चीन करीब 200 अरब डॉलर के अतिरिक्त अमेरिकी उत्पादों चरण व्यापार और सेवाओं की खरीद करेगा. ट्रेड वॉर से पहले भी चीन ने साल 2017 में 130 अरब डॉलर की अमेरिकी वस्तुओं और 56 अरब डॉलर की सेवाओं की खरीद की थी.

भारतीय व्यापार के लिए जोखिम को कम करेगा सीमापार लेन-देन में रुपये का उपयोग, एक्सपर्ट व्यू

हाल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भारतीय मुद्रा यानी रुपये में करने के लिए सरकार ने विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया है। अब सभी तरह के पेमेंट बिलिंग और आयात-निर्यात में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है। रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण से देश को चौतरफा लाभ होंगे

राहुल लाल। केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय चरण व्यापार ने हाल में अंतरराष्ट्रीय व्यापार को भारतीय मुद्रा यानी रुपये में करने के लिए विदेश व्यापार नीति में बदलाव किया है। इससे सभी तरह के पेमेंट, बिलिंग और आयात-निर्यात में लेन-देन का निपटारा रुपये में हो सकता है। इस बारे में विदेश व्यापार महानिदेशलय (डीजीएफटी) ने भी एक नोटिफिकेशन जारी किया है। सरल भाषा में कहें तो यह रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की प्रक्रिया की तरफ भारत सरकार का पहला कदम है।

क्यों है रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण की आवश्यकता

वैश्विक मुद्रा चरण व्यापार बाजार के कारोबार में डालर की हिस्सेदारी 88.3 प्रतिशत है। चरण व्यापार इसके बाद यूरो, जापानी येन और पाउंड स्टर्लिंग का स्थान आता है। वहीं रुपये की हिस्सेदारी मात्र 1.7 प्रतिशत है। दुनियाभर का 40 प्रतिशत ऋण डालर में जारी किया जाता है। डालर का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका के बाहर मौजूद है। डालर पर अत्यधिक निर्भरता के कारण वर्ष 2008 का वैश्विक आर्थिक संकट भी दुनिया के समक्ष है। ऐसे में रुपये की वैश्विक बाजार में चरण व्यापार हिस्सेदारी में वृद्धि के लिए भारतीय मुद्रा का अंतरराष्ट्रीयकरण आवश्यक है।

रुपये के अंतरराष्ट्रीयकरण का महत्व

सीमापार लेन-देन में रुपये का उपयोग भारतीय व्यापार के लिए जोखिम को कम करेगा। मुद्रा की अस्थिरता से सुरक्षा न केवल व्यवसाय करने की लागत को कम करती है, बल्कि चरण व्यापार यह व्यवसाय के बेहतर विकास को भी सक्षम बनाती है, जिससे भारतीय व्यापार के विश्व स्तर पर बढ़ने की संभावना में सुधार होता है। यह विदेशी मुद्रा भंडार रखने की आवश्यकता को भी कम करता है। हालांकि विदेशी मुद्रा भंडार विनिमय दर की अस्थिरता को प्रबंधित करने में मदद करता है, लेकिन वह अर्थव्यवस्था पर एक लागत लगाता है। विदेशी मुद्रा पर निर्भरता कम करने से भारत बाहरी झटकों के प्रति कम संवेदनशील हो जाएगा।

लिहाजा अमेरिका में मौद्रिक सख्ती के विभिन्न चरणों और डालर को मजबूत करने के दौरान घरेलू व्यापार की अत्यधिक देनदारियों के बावजूद अंततः भारतीय अर्थव्यवस्था को लाभ ही होगा। भारत का अपनी मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय उधार लेने में सक्षम होना भी इसके विशिष्ट लाभ में सम्मिलित है। भारत के दीर्घकालिक विकास के लिए इसके फर्मों को विदेशियों से स्वतंत्र उधार लेने में सक्षम होना जरूरी है, ताकि वे अपने व्यवसाय को वित्तपोषित कर सकें। फर्मों द्वारा रुपये में अंतरराष्ट्रीय उधार लेना विदेशी मुद्रा की तुलना में अधिक सुरक्षित होगा। यह राजस्व स्रोत (जो रुपया है) के मुद्रा मूल्यवर्ग और कंपनियों के ऋण (जो विदेशी मुद्रा है) के मुद्रा मूल्यवर्ग के बीच एक बेमेल के जोखिम को कम करेगा।

भारत और ऑस्ट्रेलिया इस महीने के आखिर तक कर सकते हैं पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर

23 सितंबर 2021 को एक बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी| पीटीआई

23 सितंबर 2021 को एक बैठक के दौरान ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के साथ प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी| पीटीआई

नई दिल्ली: भारत और ऑस्ट्रेलिया इस महीने के अंत तक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने की तैयारी कर रहे हैं, जबकि आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के लिए सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपनी एक डिजिटल शिखर बैठक में 1,500 करोड़ रुपये के निवेश पैकेज की घोषणा करने वाले हैं.

व्यापार मंडल चुनाव: सत्यनारायण नावानगर से, बक्सर सदर से हरि चरण चुने गए अध्यक्ष

सत्यनारायण को प्रमाणपत्र देते बीडीओ - Dainik Bhaskar

शनिवार को जिले के बक्सर, इटाढ़ी, डुमरांव, सिमरी, नावानगर व्यापार मंडल का अध्यक्ष मिल गया। कहीं निर्विरोध निर्वाचन हुआ तो कहीं चुनाव करानी पड़ी। जिले के बक्सर, इटाढ़ी, नावानगर प्रखंड के व्यापार मंडल का चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच सम्पन्न हो गया।

इटाढ़ी प्रखंड में 652 में से 386 मतदाताओं ने वोटिंग किया। जबकि नावानगर में 50.78 हुआ मतदान हुआ। नावानगर व केसठ प्रखंड के कुल 510 मतदाताओं में से 259 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। जिसमें 241 सामान्य मतदाता तथा 18 पैक्स अध्यक्षों ने मतदान किया।

मतदान समाप्ति के तुरंत बाद मतों के गिनती का काम शुरू हो गया। प्रखंडों में बनाए गए मतगणना केन्द्र के बाहर दोनों खेमे के समर्थकों की भीड़ में जीत-हार की रुझान जानने की उत्सुकता देखी गई। परिणाम की इंतजार में बाहर काफी संख्या में लोग खड़े दिखे।

आई.एस.एस.एफ. विश्व चैम्पियनशिप में भारत ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्टल टीम स्पर्धा में रजत पदक जीता

मिस्र के काहिरा में कल आई.एस.एस.एफ. विश्‍व चैम्पियनशिप में भारत ने महिलाओं की 25 मीटर पिस्‍तौल टीम स्‍पर्धा में रजत पदक जीता। पुरुषों की पचास मीटर राइफल की तीन स्‍पर्धाओं में भारत ने कांस्‍य पदक प्राप्‍त किया। इस जीत के साथ ही भारत ने पेरिस में वर्ष 2024 में होने वाले ओलिम्पिक के लिए कोटा हासिल करने में सफलता प्राप्‍त की है। महिलाओं की 25 मीटर पिस्‍तौल टीम में शामिल रिदम सांगवान, मनु भाकर और अभिदन्‍या अशोक पाटिल ने शीर्ष के आठ चरण के लिए पात्रता हासिल की। 873 अंकों के साथ वे पहले चरण में छठे स्‍थान पर रहीं। इस चरण पर 880 अंकों के साथ यूक्रेन की टीम शीर्ष पर रही। दूसरे चरण में उन्‍होंने 443 अंकों के साथ दूसरा स्‍थान प्राप्‍त किया, जबकि चीन 444 अंकों के साथ शीर्ष पर रहा और भारत के साथ स्‍वर्ण पदक के लिए उसका मुकाबला हुआ। पुरुषों की तीन स्‍थानों की राइफल स्‍पर्धा के लिए पात्रता चरण व्यापार के पहले चरण में ऐश्‍वर्य तोमर, स्‍वप्निल कुसाले और नीरज कुमार ने तेरह सौ 24 अंकों के साथ शीर्ष स्‍थान प्राप्‍त किया। हालांकि, दूसरे चरण में 873 अंकों के साथ वे चौथे स्‍थान पर चरण व्यापार पहुंचे और अमरीकी टीम के साथ मुकाबले में कांस्‍य पदक हासिल किया। नार्वे की टीम ने स्‍वर्ण और फ्रांस की टीम ने चरण व्यापार रजत पदक जीता।

अमेरिका-चीन में हुआ पहले चरण का समझौता, दुनिया के प्रमुख बाजार मजबूत

अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में बड़ी राहत, हुआ समझौता

  • नई दिल्ली,
  • 16 जनवरी 2020,
  • (अपडेटेड 16 जनवरी 2020, 10:43 AM IST)
  • करीब डेढ़ साल से अमेरिका-चीन में चल रहा था ट्रेड वॉर
  • अमेरिका-चीन के बीच पहले चरण का व्यापार समझौता हुआ
  • खबर के आते ही दुनिया के प्रमुख शेयर बाजार मजबूत हुए

US-China ट्रेड वॉर में बड़ी राहत मिली है. अमेरिका और चीन के बीच पहले चरण का व्यापार समझौता हो गया है. इससे बुधवार को दुनिया के प्रमुख बाजारों में तेजी देखी गई. अमेरिका के व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप और चीन के उप-प्रधानमंत्री लिउ ही ने समझौते पर दस्तखत किए.

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