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क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं

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Realme Mobile में Refresh Rate Setup कैसे करें(60Hz,90Hz,120Hz)?

Realme Mobile Refresh rate Setup कैसे करें? आशा है कि आप सभी इन दिनों अच्छे होंगे। रियलमी यूआई 3.0 आज लगभग सभी डिवाइस में है। आज मैं realme UI 3.0 में *Refresh rate Settings* के बारे में साझा करने जा रहा हूँ। आजकल Smartphone में 60Hz, 90Hz,120Hz Displays Refresh Rate लगभग सभी फोन में दिया होता है। जो आपके स्मार्टफोन स्क्रोल को स्मूथ बनाता है। और फोन इस्तेमाल करने का अनुभाग अच्छा लगता है।

Screen Refresh Rate: – रिफ्रेश रेट बस यह मापता है कि Screen कितनी बार इमेज को redraws करती है। तो इसका मतलब यह है कि Low Refresh Rate ज्यादा Motion Blur और Smartphone पर Low image Quality। जबकि एक higher refresh rate का उपयोग करके better experience करती है। High Refresh Rate Crawling Webpage, Image और Text Documents काफी Smooth हो जाते हैं। एक High Experience मिलता है लेकिन High Refresh Rate अधिक बैटरी का उपयोग करती है।

Screen Refresh Rate क्या है?

किसी डिस्प्ले की रिफ्रेश रेट प्रति सेकंड जितनी बार इमेज स्क्रीन पर रिफ्रेश होती है, उसे स्क्रीन रिफ्रेश रेट या डिस्प्ले रिफ्रेश रेट कहते है। उदाहरण के लिए, एक 60Hz डिस्प्ले प्रति सेकंड 60 बार स्क्रीन को अपडेट करेगा।

कुल मिलाकर आपकी स्क्रीन गति को Refresh rate बोल सकते है। उदाहरण के लिए, यदि आप कोई ऐसा गेम खेल रहे हैं जिसमें बहुत तेज गति वाला एक्शन है, तो एक Higher Refresh Rate Game Quality अनुभव को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

Realme Refresh Rate Settings कैसे करें?

कुछ Apps केवल 60htz की Refresh Rate को Support कर सकते हैं। तो चलिए जान लेते है Refresh Rate क्या होता है। और Realme Device यानी की Realme UI में Refresh Rate Settings कैसे करते है।

स्टेप.1: Settings में जाएं सेटिंग के अंदर Display & Brightness के Option में जाना है।

स्टेप.2: Display and Brightness Option के अंदर थोड़ा नीचे स्क्रॉल करेंगे तो Screen Refresh Rate का ऑप्शन मिल जाता है।

स्टेप.3: अब यहां पर आप Device के लिए Display Refresh Rate Select कर सकते है।

Refresh Rate में आप 60Hz, 90Hz,120Hz 180Hz and 249Hz जो भी Maximum आपके फोन में Support करता हो Setup कर सकते है। लेकिन ध्यान देना है। higher Screen Refresh Mobile Battery ज्यादा Drain करता हैं। आशा करता हूं कि बताई गई जानकारी Realme Mobile में Refresh Rate Setup करने के बारे में समझ में आ गाय होगी।

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क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं

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वनीला क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

वनीला की खेती कैसे करें - होगी लाखों रुपए की कमाई

जानें, वनीला की खेती की पूरी जानकारी

वनीला की खेती से किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। इसकी खेती से किसानों को लाभ हो सकता है। बाजार में इसकी मांग को देखते हुए कई किसान इसकी खेती करने लगे हैं। इसका बाजार भाव भी अच्छा मिलता है। यह फसल बाजार में 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकती है। ऐसे में किसानों के लिए वनीला की खेती लाभ का सौदा साबित हो सकती है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको वनीला की खेती की जानकारी दे रहे हैं।

क्या है वनीला

वनीला एक बेलदार का पौधा होता है। इसका तना लंबा और बेलनकार की तरह होता है। इसके फूल कैप्सूल के आकार की तरह होते हैं। इसके फूलों की खूशबू काफी अच्छी होती है। फूलों के सूख जाने पर इसका पाउडर बनाया जाता है। वनीला में कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स पाए जाते है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। इसमें एंटी बैक्टीरियल गुण भी पाया जाता हैं जो पेट को साफ रखने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है।

वनीला के अर्क का क्या है उपयोग

वनीला पौधे से जो अर्क प्राप्त की मार्केट में भारी डिमांड है। क्योंकि इसके अर्क का उपयोग खास तौर से आइसक्रीम में फ्लेवर के रूप में किया जाता है। इसके अलावा इसका इस्तेमाल परफ्यूम बनाने सहित अनेक प्रकार की मिठाइयों में किया जाता है। इस तरह क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं ये केसर के बाद दूसरी सबसे महंगी फसल है जिसका उत्पादन करके किसान काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैँ।

वनीला की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए जलवायु

वनीला की खेती के लिए छायादार जगह की आवश्यकता होती है। इसकी खेती के लिए मध्यम तापमान होना चाहिए। न तो ज्यादा तेज गर्मी हो और न ही ज्यादा सर्दी, क्योंकि इसके पौधे के लिए दोनों ही सही नहीं है। इसकी खेती शेड हाउस में आसानी से की जा सकती है। इसके पौधे को छायादार जगह और हल्की रोशनी मिलती रहनी चाहिए तभी इसका पौधा विकास कर सकता है।

वनीला की खेती के लिए उपयुक्त मिट्‌टी (vanilla ki kheti) क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं

वनीला की खेती के लिए अच्छी खाद वाली भुरभुरी मिट्‌टी की आवश्यकता होती है। इसका पीएच मान 6.5 से 7.5 तक होना चाहिए। वनीला की खेती से पूर्व मिट्‌टी की जांच जरूर कर लेनी चाहिए और इकसे बाद इसमें पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए खाद व उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए।

कैसे करें वनीला के बीजों की बुवाई

वनीला बेल के रूप में उगता है। इसलिए इसकी बुवाई के लिए बीज व कटिंग दोनों का उपयोग किया जा सकता है। वनीला लगाने से पहले खेत में गड्‌ढे करें। इन गड्‌ढों को कुछ देर धूप में रखें। इसके बाद इन गड्‌ढों में सड़ी-गली खाद डाल दें। बेल को फैलने के लिए तार बांध दें। बेल को लगाने के लिए फव्वार विधि से पानी दें। इसके बाद बेल को तारों के ऊपर फैला दें।

वनीला के पौधों की कैसे करें देखभाल

इसमें समय-समय पर अच्छी खाद डालते रहें। इसके लिए आप इसमें गोबर की खाद, केंचुआं खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा इसमें 100 लीटर पानी में एक किलोग्राम एनपीके की मात्रा को मिलाकर छिड़काव करें।

कितने समय में तैयार होती है वनीला की फसल

वनीला की बेल में 9 से 10 माह के बाद फूल-फलियां पकने लग जाती है। इसके बाद पौधों से बीज निकाल लिया जाता है। इन बीजों को अलग-अलग प्रोसेसिंग से होकर गुजरना होता है। इसके बाद वनीला मिलता है।

क्या है इसका बाजार भाव

भारत में वनीला 40 से 50 हजार रुपए प्रति किलो तक बिकता है। यदि किसान कृषि की उच्च तकनीक का इस्तेमाल करके इसकी क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं खेती करें तो काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों फार्मट्रैक ट्रैक्टर , जॉन डियर ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

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सरसों की इन क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं टॉप 5 किस्मों से होगी बंपर कमाई, जानें, पूरी जानकारी

सरसों की इन टॉप 5 किस्मों से होगी बंपर कमाई, जानें, पूरी जानकारी

सरसों का अधिक उत्पादन देने वाली इन 5 किस्मों की जानकारी

इस समय देश में रबी फसलों की बुवाई जोरों पर चल रही है। किसान अपने खेतों में मुख्य रूप गेहूं और सरसों की बुवाई में लगे हुए है। ये दोनों ही फसलें रबी सीजन में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली फसलें हैं। ऐसे में किसानों को इन फसलों की बुवाई करने से पहले इनकी ज्यादा पैदावार देने वाली किस्मों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से किसानों के लिए लाएं हैं सरसों की टॉप 5 ऐसी किस्मों की जानकारी जो किसानों को ज्यादा पैदावार देने के साथ ही अच्छा मुनाफा भी देगी। तो आइए जानते हैं इन टॉप 5 सरसों की किस्मों के बारे में पूरी जानकारी।

1. सरसों की आरएलएम 619 किस्म

सरसों की इस किस्म से किसान औसतन 1340-1900 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैँ। इसमें तेल की मात्रा सबसे अधिक होती है। इसमें करीब 42 प्रतिशत तक तेल की मात्रा प्राप्त होती है। ये किस्म मात्र 140 से 145 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म की सरसों की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और जम्मू व कश्मीर राज्यों में की जाती है।

2. सरसों की क्रान्ति किस्म

सरसों की इस किस्म से तेल की अच्छी मात्रा प्राप्त की जा सकती है। इस किस्म में भी करीब 42 प्रतिशत तक तेल की मात्रा होती है। ये किस्म मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश में उगाई जाती है। ये किस्म 125 से लेकर 135 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इस किस्म से औसतन 1100 से 2135 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक उपज प्राप्त की जा सकती है।

सरसों की खेती से सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करें ।

3. सरसों की पूसा बोल्ड किस्म

सरसों की इस किस्म की खेती राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र में अधिक की जाती है। ये सरसों की जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में से एक है। ये किस्म मात्र 110 से लेकर 140 दिन के दौरान पककर तैयार हो जाती है। क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं इस किस्म में तेल की 40 प्रतिशत मात्रा होती है। इस किस्म से औसत 2000 से लेकर 2500 किलोग्राम तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

4. सरसों की पूसा जयकिसान - बायो 902 किस्म

सरसों की इस किस्म की खेती मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र राज्यों में की जाती है। इस किस्म से औसतन 2500-3500 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। इसमें तेल की मात्रा 40 प्रतिशत प्राप्त होती है। ये किस्म 155 से लेकर 165 दिन में पककर तैयार हो जाती है।

5. राज विजय सरसों-2 किस्म

सरसों की यह किस्म मुख्य रूप से मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में उगाई जाती है। इसकी फसल 120 से 130 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। इसमें तेल की मात्रा 40 प्रतिशत तक होती है। इस किस्म से करीब 2000 से लेकर 2500 किलोग्राम तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।

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सरसों की खेती में काम आने वाली खास बातें

1. सरसों की खेती के लिए 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तापमान होना आवश्यक है।
2. इसकी खेती के लिए दोमट भूमि सबसे अच्छी रहती है।
3. खेत में जल निकास की उत्तम व्यवस्था होना जरूरी है, ताकि खेत में पानी इक्ट्‌ठा न हो।
4. सिंचित क्षेत्रों में सरसों की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए।
5. सरसों की फसल को बीज जनित रोगों से बचाव के लिए 2 से 5 ग्राम थीरम प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करके बोना चाहिए।
6. सरसों की बुवाई देशी हल के पीछे 5 से 6 सेंटीमीटर गहरे कूडो में 45 सेंटीमीटर की दूरी पर करनी चाहिए।
7. सरसों की फसल में पहली सिंचाई फूल आने के समय तथा दूसरी सिंचाई फलियां में दाने भरने की अवस्था में करनी चाहिए।
8. यदि सर्दी में बारिश हो जाती है, तो दूसरी सिंचाई नहीं भी करें तो उपज अच्छी प्राप्त हो जाती है।
9. सरसों की खेती के लिए 60 क्विंटल गोबर की सड़ी हुई खाद बुवाई से पूर्व अंतिम जुताई के समय खेत में मिला देनी चाहिए तथा सिंचित दशा में 120 किलोग्राम नत्रजन, 60 किलोग्राम फास्फोरस तथा 60 किलोग्राम पोटाश तत्व के रूप में प्रति हैक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। वहीं नाइट्रोजन की आधी मात्रा, फास्फोरस तथा पोटाश क्या Mobile से पैसे कमाए जा सकते हैं की पूरी मात्रा बुवाई से पहले, अंतिम जुताई के समय खेत में मिला देना चाहिए। शेष आधी नाइट्रोजन की मात्रा बुवाई के 25 से 30 दिन बाद टापड़ेसिग रूप में प्रयोग करना चाहिए।
10. सरसों की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए बुवाई के 15 से 20 दिन बाद घने पौधों को निकाल कर उनकी आपसी दूरी 15 सेन्टीमीटर कर देनी चाहिए। वहीं खरपतवार नष्ट करने के लिए एक निराई-गुड़ाई, सिंचाई के पहले और दूसरी सिंचाई के बाद करनी चाहिए।

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