Bitcoin को करेंसी का दर्जा

El Salvador: Bitcoin को लीगल टेंडर बनाने वाला दुनिया का पहला देश बना अल सल्वाडोर, पर लोग कर रहे विरोध
सेंट्रल अमेरिकी देश अल सल्वाडोर दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर का दर्जा दिया हो. वहां Bitcoin को करेंसी का दर्जा के राष्ट्रपति ने कहा है कि जो इसे अपनाएगा उसे 30 यूएस डॉलर बतौर इनाम मलेगा.
Bitcoin El Salvador: मध्य अमेरिका का देश अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है जिसने क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को लीगल टेंडर यानि आधिकारिक करेंसी का दर्जा दिया है. इसकी जानकारी वहां के राष्ट्रपति नईब बुकेले (Nyib Bukele) ने ट्वीट करके दी. राष्ट्रपति नईब ने बताया कि उनकी सरकार ने अपने पहले 400 बिटकॉइन खरीद लिए हैं, इनकी कीमत करीबन 21 मिलियन डॉलर बताई जा रही है.
जून में अल सल्वाडोर की संसद ने इसे लेकर एक कानून भी पारित किया था जिसमें कहा गया था कि इसका इस्तेमाल यूएस डॉलर की तरह ही किया जा सकेगा. हालांकि एक पोल में अल सल्वाडोर की दो तिहाई जनता ने इसे अपनाने से इनकार किया है. वहीं स्थानीय एक्सपर्ट्स ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी बेहद अस्थिर करेंसी है और इसे लेकर कोई नियमन संस्था भी नहीं है, इसलिए ये बेहद रिस्की है.
वहीं अल सल्वाडोर की सरकार इसे बढ़ावा देने के लिए देशभर में 200 से ज्यादा बिटकॉइन एटीएम लगवा रही है. यही नहीं राष्ट्रपति बुकुले ने लोगों से वादा किया है कि जो कोई क्रिप्टोकरेंसी को अपनाएगा उसे सरकार बतौर इनाम 30-30 डॉलर देगी.
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जानिए क्या है बिटकॉइन और क्यों चढ़ रही है कीमत?
इन दिनों निवेश की दुनिया में सबसे ज्यादा चर्चा में बिटकॉइन है. मगर क्या आप जानते हैं कि क्या है बिटकॉइन? लगातार क्यों चढ़ रही Bitcoin को करेंसी का दर्जा हैं इसकी कीमतें?
भारत में भी नियामक संस्थाएं बिटकॉइन से खुश नहीं हैं. आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारी सुदर्शन सेन ने सितंबर में कहा था कि केंद्रीय बैंक इस तरह की 'गैर-व्यवस्थित' क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार से सहज नहीं है. मगर सवाल उठना लाजमी है कि बिटकॉइन क्या है और यह कैसे काम करता है?
क्या है बिटकॉइन
बिटकॉइन एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी है. अंग्रेजी शब्द 'क्रिप्टो' का अर्थ गुप्त होता है. यह एक प्रक्रार की डिजिटल करेंसी है, जो क्रिप्टोग्राफी के नियमों के आधार पर संचालित और बनाई जाती है. क्रिप्टोग्राफी का अर्थ को कोडिंग की भाषा को सुलझाने की कला है.
बिटकॉइन को आप छू नहीं सकते यानी की यह डिडिटल फॉर्म में ही रहती हैं. यही इसकी सबसे खास बात है. दूसरे शब्दों में आप इसे विकेंद्रीकृत डिजिटल करेंसी भी कह सकते हैं. बिटकॉइन का आविष्कार साल 2009 में सतोषी नाकामोटो ने किया था.
कैसे करता हैं यह काम?
बिटकॉइन विशेषज्ञ हितेश मालवीय का कहना है कि बिटकॉइन वर्चुअल कॉइन (कृत्रिम सिक्के) हैं, जो अपनी कीमत बनाने और बढ़ाने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इस तरह पैसों के लेन-देन के लिए आपकों बैंकों तक जाने की जरूरत नहीं है.
यदि आपके पास बिटकॉइन है, तो इसकी कीमत और वैल्यू उसी तरह मानी जाएगी जैसे ईटीएफ में कारोबार करते समय सोने की होती है. आप बिटकॉइन के जरिए ऑनलाइन Bitcoin को करेंसी का दर्जा शॉपिंग भी कर सकते हैं और इसे निवेश के रूप में भी रख सकते हैं.
बिटकॉइन एक पर्सनल ई-वॉलेट से दूसरे पर्सनल ई-वॉलेट में ट्रांसफर किए जाते हैं. ये ई-वॉलेट्स आपका निजी डेटाबेस होते हैं, जिसे आप अपने कंप्यूटर, लैपटॉप, स्मार्टफोन, टैबलेट या किसी ई-क्लाउड पर स्टोर करते हैं.
बिटकॉइन का रिटर्न
बिटकॉइन ने अपनी एंट्री के साथ ही गगनचुंबी रिटर्न दिए हैं. सात सालों में बिटकॉइन ने 10 रुपये के निवेश को 6.2 लाख रुपये कर दिया. इस साल बिटकॉइन ने जनवरी से नवंबर के दौरान 900 फीसदी का रिटर्न दिया है.
Bitcoin is a digital currency that is not tied to a bank or government and allows users to spend money anonymously.
बुधवार को ही अमेरिकी बाजार में इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $10,000 के स्तर के पार गई. कमाल की बात यह है कि इसकी मांग और लोगों की बिटकॉइन के लिए दिवानगी का आलम यह था कि चंद ही घंटों में यह करेंसी 20 फीसदी की छलांग लगाकर $11,000 का स्तर भी पार कर गई.
इस करेंसी की अस्थिरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक ही दिन में इसकी कीमत $11,434 के सर्वोच्च स्तर को छूने के बाद $9,009 तक भी लुढ़क गई. अमेरिकी बाजार पर काफी समय तक इसकी कीमतों में कोई फेरबदल देखने को नहीं मिला.
चिंता के बादल
गौरतलब है कि इस सितंबर के अंत तक इस क्रिप्टोकरेंसी की कीमत $4,171.25 थी. कई विशेषज्ञ इस गु्ब्बारे ही हवा निकलने के संकेत दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इतने कम समय में दोगुना रिटर्न देने के बाद असली सवाल यह कि वे निवेशकों को कब बाहर जाने कि सलाह दें.
इसमें कोई दो राय नहीं कि बिटकॉइन के रिटर्न असाधारण हैं. इस बुलबुल के फूटने के संकेत इस बात से भी लगाए जा रहे हैं कि जहां एक तरफ कुछ दिग्गजों को उम्मीद हैं कि बिटकॉइन 2018 के अंत तक $40,000 डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा, वहीं 2017 में यह तीन दफा एक ही सत्र में 25 फीसदी तक टूट चुका है.
Winter Season Crypto : Crypto में पैसा लगाने Bitcoin को करेंसी का दर्जा वालों को एक और झटका क्रिप्टो ट्रांजैक्शन पर 28% GST लगाने की तैयारी
Winter Season Crypto : माना जा रहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर इनकम टैक्स ( Income Tax ) और जीएसटी ( GST ) दोनों ही लगाए जाएंगे ! हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है ! सरकार ने अभी तक इस पर नियम नहीं बनाए हैं ! मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी ( Government Cryptocurrency ) को करेंसी ( Currency ) का दर्जा नहीं देगी, बल्कि इसे सिर्फ निवेश का जरिया मानेगी !
Winter Season Crypto
Winter Season Crypto
सरकार विंटर सेशन ( Sarkar Winter Session ) में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से जुड़ा बिल ला सकती है ! इसी बिल में गुड्स एंड सर्विस टैक्स ( Goods And Service Bitcoin को करेंसी का दर्जा Tax ) और इनकम टैक्स ( Income Tax ) की जानकारी दी जाएगी ! ‘बिजनेसलाइन’ ( Business Line ) की एक रिपोर्ट बताती है कि वित्तीय मामलों की स्थायी समिति शीतकालीन सत्र से पहले 15 नवंबर को बैठक करने वाली है ! इस बैठक में क्रिप्टो एसेट्स ( Crypto Assets ) पर विस्तार Bitcoin को करेंसी का दर्जा से चर्चा की जाएगी ! एक सरकारी सूत्र ने ‘बिजनेसलाइन’ को बताया कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से जुड़े कानून को लेकर जमीनी कार्य तैयार किया जा रहा है !
शीतकालीन मौसम क्रिप्टो
स्रोत के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) का मुख्य मुद्दा कर है ! अगर क्रिप्टो से कोई कमाई होती है तो मौजूदा नियम के मुताबिक वह कैपिटल गेन ( Capital Gains ) में आएगी ! इसी तरह अगर कोई सेवा क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) से Bitcoin को करेंसी का दर्जा जुड़ी है तो उस पर जीएसटी ( GST ) लगेगा ! इसका मतलब है कि कर को क्रिप्टो से संबंधित कानून में शामिल किया जा सकता है ! इसके बाद इस पर वित्त विधेयक में प्रत्यक्ष कर का प्रावधान रखा जा सकता है ! क्रिप्टोकरेंसी की सर्विस पर कितना टैक्स ( Tax ) लगेगा जीएसटी काउंसिल ( GST Council ) तय करेगी !
अब क्या सिस्टम है
अभी तक यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्रिप्टो करेंसी ( Crypto Currency ) को करेंसी का दर्जा मिलेगा या निवेश ( Investment ) की कोई संपत्ति सूत्र ने कहा कि यह बहुत कम संभावना है कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा( Indian Rupee ) का दर्जा मिलेगा ! उन्होंने कहा, देश में फिएट करेंसी ( Fiat Currency ) की पूरी व्यवस्था है, जिसके तहत पैसे और पैसे की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है ! यह काम रिजर्व बैंक ( Reserve Bank ) के जरिए होता है ! रिजर्व बैंक फिएट करेंसी ( Reserve Bank Fiat Currency ) की वैधता को भी नियंत्रित करता है ! इस काम में आरबीआई सरकार ( RBI Government ) से सलाह मशविरा करता है ! यह व्यवस्था भविष्य में भी जारी रहेगी !
क्रिप्टोक्यूरेंसी इक्विटी में या मुद्रा में ( Winter Season Crypto )
भारत में सभी मुद्रा ( Indian Rupee ) और बैंकिंग उत्पादों को आरबीआई ( Reserve Bank ) द्वारा नियंत्रित किया जाता है जबकि इक्विटी ( Equity ) और कमोडिटी ( Commodity ) जैसी निवेश संपत्ति की देखभाल सेबी यानी भारतीय प्रतिभूति ( Indian Securities ) और विनिमय बोर्ड ( Exchange Board ) द्वारा की जाती है ! आरबीआई लंबे समय से क्रिप्टोकरेंसी के बारे में बात कर रहा है ! सेंट्रल बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) को लेकर कुछ जायज चिंताएं हैं जिन्हें सरकार के सामने रखा गया है !
स्रोत ने कहा कि रिजर्व बैंक ( Reserve Bank ) की चिंताएं या आपत्तियां बहुत गंभीर हैं और चीन में क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर प्रतिबंध के आलोक में उठाई गई हैं ! लेकिन सरकार उन देशों के उदाहरण को भी ध्यान में रख रही है जहां क्रिप्टोकुरेंसी ( Cryptocurrency ) को एक विनियमन के तहत लाया गया है ! यह कई यूरोपीय देशों ( European Countries ) में देखा जा रहा है ! ऐसी सरकार की कोशिश बीच का रास्ता निकालने की होती है ! इसका मतलब है कि जैसा कि पहले के प्रस्ताव में कहा गया है, क्रिप्टोकरेंसी ( Cryptocurrency ) पर कोई पूर्ण प्रतिबंध नहीं होगा !
भारत में क्रिप्टो को करेंसी नहीं, एसेट्स के तौर पर मिल सकती है मान्यता! क्रिप्टो से नहीं कर पायेंगे पेमेंट
LagatarDesk :Bitcoin को करेंसी का दर्जा केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. इसके लिए सरकार रेग्युलेटरी मेकैनिज्म को अंतिम रूप दे रही है. दरअसल सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लिए ऐसा कानून लाने की तैयारी कर रही है जिसमें इसे करेंसी यानी मुद्रा की मान्यता नहीं मिलेगी. बल्कि इसे ऐसेट यानी संपत्ति के रूप में भारत में मान्यता मिल सकती है. बता दें कि यदि क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी के रूप में मान्यता नहीं मिली तो इसे ट्रांजेक्शन और पेमेंट के लिए उपयोग नहीं किया जा सकेगा. लेकिन इसे शेयर, बॉन्ड या Bitcoin को करेंसी का दर्जा गोल्ड की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी के लिए रूपरेखा कर लिया गया है तैयार
माना जा रहा है कि वित्त मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय और कानून मंत्रालय ने इसके लिए रूपरेखा तैयार कर लिया है. सरकार जो कानून लेकर आयेगी उसमें क्रिप्टो ट्रेडिंग की मान्यता होगी. खबरों की मानें तो 29 नवंबर से शुरू होने वाले सदन के शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार क्रिप्टोकरेंसी को करेंसी का दर्जा नहीं देगी. बल्कि इसे बॉन्ड, गोल्ड और शेयर की तरह असेट क्लास के अंतर्गत रखा जा सकता है. इसके अलावा सरकार क्रिप्टो कानून में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश से होने वाली कमाई पर टैक्स संबंधी नियम लागू कर सकती है.
सेबी कर सकता है क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट
सूत्रों की मानें तो क्रिप्टो कानून को लेकर डिटेलिंग पर काम जारी है. यह अगले 2-3 सप्ताह में पूरा कर लिया जायेगा. क्रिप्टोकरेंसी को सेबी रेग्युलेट कर सकता है. हालांकि इस संबंध में आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. इसे कौन रेग्युलेट करेगा इस पर चर्चा जारी है.
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पीएम मोदी की अहम बैठक में बैन नहीं करने पर सबकी सहमति
बता दें कि पिछले सप्ताह शनिवार को खुद पीएम मोदी ने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक हाई लेवल मीटिंग की थी. इसकी लोकप्रियता और स्वीकार्यता को ध्यान में रखकर सरकार के ज्यादातर प्रतिनिधियों ने क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin को करेंसी का दर्जा पर बैन नहीं लगाने की सलाह दी है. बैठक में उपस्थित लोगों का कहना था कि यह एक टेक्नोलॉजी का एडवांसमेंट है. ऐसे में डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह बैन नहीं लगाया जा सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने के खिलाफ है आरबीआई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की बात करें तो वो डिजिटल करेंसी के खिलाफ है और इसे बैन करने की मांग कर रहा है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी मान्यता को लेकर सवाल खड़े किये हैं. शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी के खतरों को लेकर निवेशकों को आगाह किया है. उन्होंने फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिहाज से क्रिप्टोकरेंसी को एक बहुत ही गंभीर चिंता का विषय बताया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि क्रिप्टोकरेंसी लॉन्ग टर्म में देश की आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा है. एक रेगुलेटर के तौर पर आरबीआई के सामने क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कई तरह की चुनौतियां हैं.