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फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें

फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें
इन्वेस्टमेंट सबसे अच्छे समय में एक ट्रिकी बिज़नेस है और इसमें कुछ जोखिम शामिल है. कोविड-19 महामारी ने अर्थव्यवस्था को धीमा कर दिया, जिससे इन्वेस्टमेंट थोड़ा अधिक खराब हो गई है. इस अभूतपूर्व स्थिति में, हमारी सामान्य इन्वेस्टमेंट रणनीतियों को खतरे में डाल दिया जा सकता है, जिससे हमें क्या करना है इस बारे में भ्रमित हो जाता है.

फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है | FD Kya Hai (Fixed Deposit)

नमस्कार डियर पाठक आज के इस लेख में हम जानेंगे कि FD Kya Hai (फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है) आपने अक्सर जब भी निवेश के बारे में सुना होगा तो अधिकतर लोग बोलते हैं कि आप फिक्स डिपाजिट में पैसा डाल दो कोई रिस्क नहीं है। यानी कि एफडी करा दो,

और अधिकतर लोग अपने पैसे को एफडी में डालना ही पसंद करते हैं क्योंकि यहां पर रिस्क कम होता है और ब्याज निश्चित दर पर मिलता है। इसलिए आपके दिमाग में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर FD क्या होती है, FD के क्या फायदे हैं, और अपनी कैसे कर सकते हैं। अगर आप भी अपने पैसों के साथ कोई रिस्क नहीं लेना चाहते और एफडी कराना चाहते हैं तो आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ के सभी जानकारी हासिल कीजिए।

Fixed Deposit Kya Hai (FD kya hai)

फिक्स्ड डिपॉजिट – FD बैंक और NBFC यानी नॉन – बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां के द्वारा प्रदान किया जाने वाला एक साधन है, जिसके माध्यम से निवेशको को एक निश्चित ब्याज दर पर बिल्कुल सुरक्षित रूप से एक निर्धारित डिपॉजिट राशि को बढ़ा सकते हैं। फिक्स डिपॉजिट एक सेफ इन्वेस्टमेंट ऑप्शन है, फिक्स्ड डिपॉजिट निरंतर ब्याज दरों की गारंटी देता है।

और डियर पाठक सीनियर सिटीजन के लिए विशेष ब्याज दरें होती हैं और कई ब्याज भुगतान ऑप्शन प्रोवाइड किए जाते हैं, और साथ ही इनकम टैक्स कटौती की सुविधा और इसमें मार्केट संबंधी कोई भी रिस्क नहीं होता है।

FD कभी भी ब्याज दर के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होती है फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें और साथ ही इसमें लॉक इन अवधि के बाद मैच्योरिटी पर निवेशकों को गारंटीड रिटर्न मिलते हैं। एफडी निवेशक आवधिक आधार पर या मैच्योरिटी पर अपना ब्याज प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं। लेकिन यहां पर एक बात है निवेशक आमतौर पर एफडी में पैसा मैच्योरिटी से पहले नहीं निकाल सकते हैं, हां लेकिन एक ऑप्शन है निवेशक कुछ पेनाल्टी चार्ज का भुगतान करने के बाद इसे तोड़ सकते हैं।

Fixed Deposit (FD) की विशेषताएं और फायदे

एफडी की विशेषताएं और फायदे

  1. यहां पर यह सुनिश्चित है कि रिटर्न फिक्स्ड है और एफडी पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं होता है।
  2. FD में मूलधन का नुकसान और रिस्क लगभग ना के बराबर है।
  3. NBFC द्वारा प्रदान की जाने वाली FD की ब्याज दरें बैंकों की तुलना में बहुत अधिक है।
  4. FD को आसानी से और बिल्कुल सिंपल तरीके से रिन्यू किया जा सकता है, और निवेशक अपने डिपॉजिट को रिन्यू करने पर अतिरिक्त दर का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
  5. FD डिपॉजिट पूंजी पर 75% तक लॉन भी लिया जा सकता है।
  6. डियर पाठक आपको बता दें कि आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार ब्याज आई पर स्रोत पर टैक्स काटा जाता है, अगर निवेशक की कुल आय टैक्स योग्य नहीं है तो वह फार्म 15g और सीनियर सिटीजन के लिए फॉर्म 15h संबित करके टीडीएच से बच सकते हैं।
  7. साथ ही निवेशक अपने मासिक खर्चों को मैनेज करने के लिए आवधिक ब्याज भुगतान का ऑप्शन भी चुन सकते हैं, और सीनियर सिटीजन को अधिकतर मामलों में उच्च एफडी ब्याज दरें मिलती है।

क्या ऑनलाइन एफडी की जा सकती है।

जी हां बिल्कुल आप भी ऑनलाइन एफडी में इन्वेस्ट कर सकते हैं इसके लिए मार्केट में कई सारी कंपनियां मौजूद है, हां हालांकि आपको रिसर्च करके देखना है कि कौन सी कंपनी ग्राहकों को अच्छा ब्याज देती है और किस कंपनी पर भरोसा किया जा सकता है, क्योंकि हमने मार्केट में कई कंपनियों को गोते खाते हुए देखा है हम नाम फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें नहीं लेना चाहेंगे लेकिन पुराने क्रिकेटरों की जर्सी पर आपको वह नाम दिख जाएगा इसलिए हमारा कहने का मतलब है कि आप ऑनलाइन या ऑफलाइन जहां भी इन्वेस्ट करें सोच समझ कर करें।

ऑनलाइन एफडी के विकल्प

इसके लिए अच्छा विकल्प है बजाज फाइनेंस जो एफडी पर अच्छा खासा ब्याज प्रोवाइड करवाता है, और यहां पर आपको इन्वेस्ट करने के लिए केवल कुछ ही बुनियादी चीजों की जरूरत होती है जैसे मोबाइल नंबर से लॉगिन करने के लिए आपको ओटीपी डालना होगा,

वहीं अगर आप बजाज फाइनेंस के करंट कस्टमर है तो आप अपना विवरण पता डालकर वेरीफाई करें और इसमें नॉमिनी का विवरण दर्ज करें अगर आप नए कस्टमर है, तो पैन कार्ड या आधार कार्ड जैसे वेरीफाइड डॉक्यूमेंट अपलोड करके अपनी केवाईसी कंप्लीट कर सकते हैं।

FD Meaning in Hindi

आज के इस महत्वपूर्ण लेख के हम आपको एफडी का मीनिंग और मतलब बताएंगे। अगर आप भी एफडी का मतलब नही जानते हैं तो हम आपको एफडी के मीनिंग के साथ ही इससे जुड़ी सारी जानकारी देंगे। वैसे भी आप सभी ने एफडी के बारे में खूब ही सुना होगा। अक्सर लोग बैंक में एफडी खुलवाते हैं, लेकिन शायद ही उनको इसका मीनिंग और फुल फॉर्म पता हो। चलिये हम आपको बताते हैं?

एफडी का फुल फॉर्म फिक्स्ड डिपॉजिट होता है। इसका हिंदी में मीनिंग सावधि जमा खाता हैं।

एफडी क्या है?

एफडी एक ऐसा अकाउंट है जिसमें परिपक्वता (मैच्योरिटी) अवधि तक के लिए एक धनराशि जमा की जाती है। जिस पर निवेशकों को एक निर्धारित ब्याज मिलता है। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) अकाउंट में जमा किया पैसा निर्धारित अवधि से पहले नहीं निकाल सकते है। अगर किसी भी वजह से निवेश को अपनी एफडी से धनराशि निकालना है तो उसको बैंक को सूचित फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें करना होगा। फिर बैंक इस पर कुछ जुर्माना काटकर आपकी धनराशि वापस कर देती है।

यह निवेश का एक सुरक्षित विकल्प होता है। इसमे ग्राहक को नियमित बचत खाते की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलता है।

एफडी के माध्यम से एक निश्चित अवधि के लिए पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर एक निश्चित धनराशि का निवेश किया जाता है। अगर निवेशक कोई वरिष्ठ नागरिक है, तो उनको उच्च ब्याज दर की पेशकश की जाती है। इसमें एकमुश्त राशि निर्धारित अवधि के लिए एफडी खाते में जमा करनी होती है। इसमे भी अलग-अलग वित्तीय संस्थान जैसे कि सरकारी, गैर सरकारी बैंक और पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट में इन्वेस्ट कैसे करें ब्याज दर भिन्न- भिन्न होती है। फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) के तहत अधिकतम 10 साल के लिए ही निवेश किया जा सकता है।

क्या एफडी सेफ है?

एफडी करवाने से पहले आप यह अच्छी तरह जान लें कि इसमें जमा गया पैसा पूरी तरह सेफ नहीं होताहै। कॉर्पोरेट डिपॉजिट एक तरह से असुरक्षित लोन होते हैं, जिनमें किसी तरह की कोई गारंटी नहीं होती। बैंकों के मामले में डिपॉजिट इंश्योरेंस ऐंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन कस्टमर के अधिकतम 1 लाख रुपये तक की गारंटी देता है और यही नियम बैंकों की हर ब्रांच में लागू होता है।

ऐसे में अगर आप 3 से 4 लाख रुपये का इनवेस्ट करना चाह रहे हैं तो आप इस रकम को अलग-अलग दूसरे बैंकों में तीन-चार जगह इन्वेस्ट करें ये बेहतर होता है। इसके आपको दो तरह के फायदे होंगे। पहली बात तो कि आपकी पूरी की पूरी रकम सुरक्षित होगी और दूसरा फायदा ये है कि अगर एफडी कराने के बाद में आपको इमरजेंसी में अपनी एफडी तोड़नी पड़ जाये तो आप कोई भी एक एफडी को तोड़कर अपना काम चला सकते हैं।

इससे एफडी तोड़ने की वजह से आपको जो नुकसान होता है, वह कम ही होगा। यानीकि समय से पहले विद्ड्रॉल करने की इसमे जो पेनल्टी आपको देनी होगी, वह सिर्फ उस पर लगेगी जिस एफडी को आप समय से पहले तोड़ रहे हैं। बाकी एफडी का पैसा उसी ब्याज दर पर इन्वेस्ट रहेगा।

Post Office FD Scheme: डाकघर की इस स्कीम में केवल एक साल के लिए करें निवेश, मिलेगा अच्छा रिटर्न

Post Office Fixed Deposit Scheme में आप एक, दो, तीन और 5 सालों के लिए एफडी करवा सकते हैं। इस फिक्स डिपॉजिट यानी एफडी के तहत सालाना आधार पर ब्याज दिया जाता है लेकिन इसकी गणना तिमाही आधार पर की जाती है। पोस्ट ऑफिस में फिक्स्ड डिपॉजिट अकाउंट कैश या चेक के माध्यम से कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है।

Post Office FD Scheme: केवल एक साल के लिए करें निवेश, मिलेगा अच्छा रिटर्न

Post Office FD Scheme: प्रधान डाकघर के सहायक पोस्टमास्टर राजेश शर्मा ने बताया कि अब भारतीय डाकघरों (Post Office) में फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) खोलना बहुत आसान काम है। जब भी इच्छा हो अपने घर के पास किसी भी करीबी पोस्ट ऑफिस पर जाकर वहां सुविधाओं और अपनी जरूरतों के अनुसार डाकघर में फिक्स्ड डिपॉजिट का खाता खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो भारतीय डाक विभाग जनता के हित में और उसके फायदे के लिए एक से बढ़कर एक फायदेमंद स्कीम लेकर आता रहता है। पोस्टऑफिस की इन स्कीम में निवेश करना आपके लिए और आपकी रकम के लिए सुरक्षित और लाभदायक होता है। अगर आप कम समय में बेहतर रिटर्न (Return) चाहते हैं तो आप पोस्ट ऑफिस की फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

Post Office की ये स्कीम बहुत कम समय में रकम कर देती है दोगुनी

तिमाही आधार पर मिलता है ब्याज

इस स्कीम में जमा रकम पर आपको तिमाही के आधार पर रेट ऑफ इंटरेस्ट (Rate of Interest) मिलता है। उन्होंने कहाकि आपको बता दें कि पोस्ट ऑफिस में अब FD कराना बहुत आसान काम है। पोस्ट ऑफिस में आप अपनी रकम को एक साल के लिए, दो साल के लिए, तीन साल के लिए और 5 साल के लिए अपनी जरूरत के अनुसार FD करा सकते हैं।

Fixed Deposit: अलग-अलग बैंकों में करें FD, ज्यादा ब्याज समेत मिलेंगे ये 4 फायदे

Alok Kumar

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: August 10, 2022 13:17 IST

Fixed Deposit - India TV Hindi

Photo:INDIA TV Fixed Deposit

Highlights

  • एफडी दो तरह की होती हैं बैंक एफडी और कॉरपोरेट एफडी
  • कॉरपोरेट एफडी में बैंक के मुकाबले ज्यादा जोखिम होता है
  • एफडी पर आपको जो भी ब्याज मिलेगा, वह टैक्सेबल है

Fixed Deposit: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा रेपो रेट में लगातार तीन वृद्धि के बाद बैंकों ने एफडी पर ब्याज दर बढ़ाना शुरू कर दिया है। इसके चलते एक बार फिर FD के प्रति निवेशकों का रुझान बढ़ा है। श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस ने एफडी पर 8.75 प्रतिशत तक का ब्याज देने का ऐलान किया है। Yes Bank समेत दूसरे निजी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है। ऐसे में अगर आप एफडी कराने की तैयारी कर रहे हैं तो हम आपको पांच जरूरी जानकारी दे रहे हैं। इसको फॉलो कर न सिर्फ आप ज्यादा ब्याज पा सकेंगे बल्कि कई दूसरे भी फायदे ले सकेंगे।

1. अलग-अलग बैंकों में करें एफडी

अलग-अलग बैंकों में इन्वेस्टमेंट से रिस्क कम हो जाता है। एफडी में अनिश्चितता बनी रहती है क्योंकि ब्याज दरें घटती-बढ़ती रहती हैं। इससे बचने के लिए ऐसे फिक्स्ड डिपॉजिट्स करिए जिनकी अवधि अलग-अलग हो। मसलन अगर आपके पास इन्वेस्ट करने के लिए चार लाख रुपये हैं, तो इस रकम को 1-1 लाख रुपये की चार डिपॉजिट में बांट लीजिए। फिर इन्हें 1, 2, 3 और चार साल के लिए फिक्स कर दीजिए। जब 1 साल वाली एफडी मच्योर हो, तो उसे 4 साल की एफडी में दोबारा इनवेस्ट कर दीजिए। ऐसा करके कुछ निश्चित समय के बाद ब्याज दर के ऊंचा या नीचा होने का मामला संतुलित हो जाएगा। इसके दो फायदे होंगे। आपको नकदी मिलती रहेगी क्योंकि एक-एक साल के बाद आपकी एफडी मच्योर होती रहेंगी। वहीं, अलग-अलग बैंक में एफडी पर ब्यज की दर एक समान नहीं होती है। किसी बैंक में आपको एफडी पर ज्यादा ब्याज मिलेगा। ऐसे में आप ज्यादा रिटर्न पा सकेंगे।

अनिश्चित समय के लिए इन्वेस्टमेंट रणनीति की योजना बनाते समय ध्यान में रखने वाले कारक

  • अनिश्चितता पूरी तरह से नई नहीं है. इन्वेस्टमेंट में हमेशा जोखिम होता है, इसलिए मार्केट को इस प्रकार की अप्रत्याशितता के लिए डिज़ाइन किया गया है.
  • निवेशकों को अपने एसेट की सुरक्षा की गारंटी देने के लिए अनिश्चित समय के दौरान गोल्ड और कीमती धातुओं जैसी अधिक फिक्स्ड एसेट में इक्विटी से बदलना आम है. हालांकि, यह प्रक्रिया तुरंत स्टॉक वैल्यू के डेप्रिसिएशन का कारण बनती है और अधिक अस्थिरता का कारण बनती है.
  • व्यापक स्तर पर यह अनिश्चितता पूरी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है – तेल की कीमतों या पूंजी की कीमतों को बदलती रहती है. माइक्रो-लेवल पर, यह व्यक्तिगत कंपनियों और व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करता है और वे इससे कैसे निपटते हैं.
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