भारत में म्युचुअल फंड इतिहास

म्यूचुअल फंड के साथ जुड़े ये स्मॉल कैप स्टॉक, निवेशकों को दे सकते हैं अच्छा फायदा
स्मॉल-कैप कंपनियां वे होती हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 5,000 करोड़ रुपये से कम होता है। ये छोटी होती हैं और इनमें विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएं होती हैं।
स्मॉल कैप स्टॉक निवेशकों को दे सकते हैं अच्छा फायदा (प्रतीकात्मक फोटो- इंडियन एक्सप्रेस)
इन दिनों मार्केट में निवेश के बहुत सारे ऑप्शन्स हैं। छोटे अमाउंट से लेकर बड़े अमाउंट तक के लिए और कम जोखिम से लेकर ज्यादा जोखिम तक वाले मार्केट निवेशों की भरमार है। लोग म्यूचुअल फंड में लगातार निवेश कर रहे हैं। ऐसे में म्यूचूअल फंड के साथ जुड़े स्मॉल कैप स्टॉक निवेशकों को ज्यादा फायदा दिला सकते हैं।
स्मॉल-कैप कंपनियां वे होती हैं, जिनका बाजार पूंजीकरण 5,000 करोड़ रुपये से कम होता है। ये कंपनियां आकार में अपेक्षाकृत छोटी होती हैं और इनमें विकास की महत्वपूर्ण संभावनाएं होती हैं। स्मॉल-कैप कंपनियों का अंडरपरफॉर्मेंस का एक लंबा इतिहास रहा है। जब कोई अर्थव्यवस्था मंदी से बाहर निकल रही होती है, तो स्मॉल-कैप स्टॉक अक्सर आउटपरफॉर्मर साबित होते हैं और निवेशकों को काफी फायदा होता है। आइए जानते हैं, म्यूचुअल फंड द्वारा जोड़े गए शीर्ष नए स्मॉल कैप स्टॉक के बारे में…।
गोकलदास एक्सपोर्ट्स लिमेटेड: इस कंपनी ने सिर्फ अक्टूबर में आठ नए स्कीमों को स्टॉक में जोड़ा है। इस तरह अब इसके पास 13 स्कीमें हैं। आठ नई स्कीमें में निप्पॉन इंडिया फ्लेक्सी कैप, निप्पॉन इंडिया स्मॉल कैप, एसबीआई कंजम्पशन ओप, एसबीआई मैग्नम मिडकैप और टाटा स्मॉल कैप फंड शामिल हैं। इस बीच, क्वांट स्मॉल कैप फंड पूरी तरह से स्टॉक से बाहर हो गया।
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मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया: इसने अक्टूबर में सात नए स्क्रीमों को स्टॉक में जोड़ा है। इस तरह से इसके पास कुछ 70 स्कीम्स हो गए हैं। अक्टूबर 2021 में फ्रैंकलिन इंडिया डेट हाइब्रिड, फ्रैंकलिन इंडिया फ्लेक्सी कैप, फ्रैंकलिन इंडिया टैक्सशील्ड और एचएसबीसी मिड कैप फंड सहित सात स्कीम्स आई है। मिराए एसेट इक्विटी सेविंग्स, आदित्य बिड़ला एसएल प्योर वैल्यू, महिंद्रा मैन्युलाइफ मल्टी कैप बढ़त योजना और पीजीआईएम इंडिया स्मॉल कैप फंड ने स्टॉक में अपने आवंटन में काफी वृद्धि की है।
ब्रिगेड इंटरप्राइजेज लिमिटेड: ब्रिगेड कंपनी के नए स्कीमों की बात करें तो इसने अक्टूबर में सात नए स्कीम लाए हैं। इसतरह इस कंपनी के पास कुल 67 स्कीम हैं। जिसमें बड़ौदा बिजनेस साइकिल, बड़ौदा मिड-कैप, बीएनपी परिबास मिड कैप, बीएनपी परिबास मल्टी कैप और बीओआई एक्सा स्मॉल कैप फंड टरप्राइजेज शामिल है। वहीं, आईसीआईसीआई प्रू बैलेंस्ड एडवांटेज फंड को इसके पोर्टफोलियो से पूरी तरह हटा दिया गया है।
इसी तरह बिरला सॉफ्ट लिमिटेड, बिरला कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडिया बुल रियल एस्टेड लिमिटेड, पीसीबीएल लिमिटेड, कल्पतरु पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड और ब्लू स्टार लिमिटेड ने भी कई स्कीमों को स्टॉक में जोड़ा है। इन कंपनियों के स्कीमों में भी निवेश के बेहतर मौके हैं।
Equity के मुकाबले Mutual Funds पर बढ़ा निवेशकों का भरोसा, मार्च में 11,485 करोड़ का किया निवेश
नई दिल्ली। बीते वित्त वर्ष के आखिरी महीने यानी मार्च 2020 में कोरोना वायरस के कहर की वजह से देश के इक्विटी मार्केट में 20 फीसदी से ज्यादा की बिकवाली देखी गई, जबकि इसी दौरान म्यूचुअल फंड्स की ओर से निवेशकों का रुझान सबसे ज्यादा देखा गया। मतलब साफ है कि कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में बढ़ी अनिश्चिता के कारण निवेशकों ने अपना रुपया इक्विटी बाजार सें निकाला और सेफ इंवेस्टमेंट के तौर पर दिखने वाले म्यूचुअल फंड्स की ओर मुढ़ गए। आपको बता दें कि पिछले महीने विदेशी निवेशकों यानी एफआईआई की ओर से इक्विटी मार्केट में 1.20 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का आउटफ्लो हुआ था। जबकि घरेलू निवेशकों यानी डीआईआई की ओर से 55 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का इनफ्लो देखने को मिला था।
कुछ इस तरह के हैं इनफ्लो औैर आउटफ्लो के आंकड़े
- एंफी रिपोर्ट के अनुसार लिक्विड या मनी मार्केट स्कीमों से निकासी वजह से सभी म्यूचुअल सेगमेंट से पिछले महीने 2.13 लाख करोड़ रुपये का नेट आउटफ्लो देखने को मिला।
- फरवरी में सभी म्यूचुअल सेगमेंट कुल 1,985 करोड़ रुपए का आउटफ्लो हुआ था।
- मार्च में इक्विटी और इक्विटी लिंक्ड ओपन एंडेड स्कीमों में 11,723 करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ था।
- मार्च में क्लोज एंडेड फंड से 238 करोड़ रुपये की निकासी हुई थी।
- मार्च में इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीमों में 11,485 करोड़ रुपए का नेट इनफ्लो रहा।
- फरवरी इक्विटी म्यूचुअल फंड की स्कीमों में 10,760 करोड़ रुपये के नेट इनफ्लो हुआ था।
- जबकि मार्च 2019 में मासिक इक्विटी इनफ्लो के हिसाब से इन स्कीमों में नेट बेसिस पर 11,756 करोड़ रुपए का निवेश हुआ था।
- मार्च में सभी इक्विटी ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड कैटिगरी में नेट इनफ्लो हुआ।
- मल्टीकैप फंड्स में 2,268 करोड़ रुपए का इनफ्लो देखने को मिला।
- लार्ज कैप फंड्स में 2,060 करोड़ रुपए का इनफ्लो देखने को मिला।
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम में 1,551 करोड़ रुपस का निवेश देखने को मिला।
- मिड कैप स्कीमों में 1,233 करोड़ रुपए का इनफ्लो हुआ था।
अप्रैल में देखने को मिलेगी मजबूती
जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में मचे कोहराम के कारण निवेशक म्यूचुअल फंड्स की ओर मुढ़ गए। एम्फी के हेड एनएस वेंकटेश के अनुसार डीआईआई इस क्राइसिस और इसके चलते शेयर बाजार में गिरावट को एक बड़े मौके के रूप में देख रहे हैं। उनके मुताबिक इक्विटी स्कीमों का सेंटीमेंट अभी काफी मजबूत है। जिसकी वजह से स्ट्रॉन्ग इनफ्लो देखने को मिल रहा है। उन्होंने अप्रैल के महीने में इसी तरह के मजबूत इनफ्लो होने की बात कही है।
इस फंड में बस 1000 रुपये की SIP से 26 साल में निवेशकों के हाथ आए 1.23 करोड़, ये है जबरदस्त स्कीम
1995 में शुरू हुए निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड की NAV 10 रुपये से 2,000 रुपये तक पहुंची है. 26 साल के इस सफर में इस फंड ने कई गुना रिटर्न दिया है.
- Vijay Parmar
- Publish Date - September 8, 2021 / 02:35 PM IST
pixabay - इस फंड की शुरुआत में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो आज 2 करोड़ रुपये से भी अधिक पैसा मिलता.
Nippon India Growth Fund: निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) 2,000 रुपये को पार कर गई है. म्यूचुअल फंड के इतिहास में पहली बार किसी फंड की NAV ने यह मुकाम हासिल किया है. रिसर्च एजेंसियां और रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर भी अच्छे रिटर्न के लिए इस फंड मे निवेश करने की सिफारिश करते हैं. लेकिन, आपको अपने लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता और निवेश की अवधि को ध्यान में लेने के बाद ही किसी फंड को चुनना चाहिए. यह फंड मिड-कैप कैटेगरी में आता है, इसलिए इसमें वोलेटिलिटी अधिक होती है, यदि आप कुछ वक्त के लिए नुकसान झेलने को तैयार हैं तो ही ऐसे फंड में निवेश करें.
10 रुपये से 2,001 रुपये तक का सफर
मिड-कैप कैटेगरी के इस फंड की शुरुआत वर्ष 1995 में 8 अक्टूबर से हुई थी. उस वक्त NAV 10 रुपये थी. आज इस फंड की NAV 2,001.6880 रुपये हो गई है. 26 साल के सफर में इस फंड ने 10 रुपये से 2,000 रुपये तक का लंबा फासला तय किया है और जम के रिटर्न दिया है. भारत में म्यूचुअल फंड के इतिहास में पहली बार किसी फंड की NAV ने यह मुकाम हासिल किया है.
3,983.50% रिटर्न
निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड की शुरुआत 8 अक्टूबर, 1995 से हुई, तब यदि आपने 1,000 रुपये की SIP की होती तो आज आप करोड़पति बन जाते. हर महीने 1,000 रुपये के निवेश के हिसाब से इन 26 साल में आप 3,09,000 निवेश कर चुके होते, जिसकी वैल्यू 1,26,18,020.63 है, यानी आपको सिर्फ 1,000 रुपये के SIP निवेश से 1,23,09,020.63 का मुनाफा होता. इस हिसाब से फंड ने 3,983.50% का एब्सोल्यूट रिटर्न दिया है.
1 लाख रुपये बन गए 2 करोड़
यदि आपने 1995 के शुरुआती दिनों में इस फंड में 1 लाख रुपये का एकमुश्त निवेश किया होता, तो आज आपको 2 करोड़ रुपये से भी अधिक पैसा मिलता. यदि आपने 10,000 रुपये निवेश किए होते तो आज उसकी वैल्यू 20 लाख रुपये से ज्यादा होती. यानी, आपको 200 गुना रिटर्न मिलता.
श्रेष्ठ उदाहरण
AMFI-रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर और Investor Point भारत में म्युचुअल फंड इतिहास के फाउंडर जयदेवसिंह चुडासमा बताते हैं कि, “SIP निवेश से आप अनुशासित रूप से निवेश कर सकते हैं और लंबी अवधि के विभिन्न लक्ष्य हासिल करने के साथ साथ संपत्ति भी बना सकते हैं. इस बात का श्रेष्ठ उदाहरण है निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड. इस फंड की NAV ने 2,000 रूपये का लेवल क्रॉस किया हैं, जो म्यूचुअल फंड के इतिहास में पहली बार है. अभी तक किसी फंड की NAV इसके आगे नहीं पहुंची है.”
चुडासमा के मुताबिक, ज्यादातर लोग ऐसा मानते हैं कि म्यूचुअल फंड में शेयर बाजार जैसा ही रिटर्न मिलता है, लेकिन निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड ने इस मान्यता को गलत ठहराया है क्योंकि 1995 में सेंसेक्स 4,600 के करीब था, जो आज 58,000 के करीब हैं, यानि 12-13 गुना बढ़ा है, लेकिन निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड इस अवधि के दौरान भारत में म्युचुअल फंड इतिहास 200 गुना बढ़ा है. यदि आप म्यूचुअल फंड में लंबी अवधि तक निवेश करते हैं तो यह आपको शेयर बाजारों के मुकाबले कई गुना रिटर्न दे सकते हैं.
कहां करता है निवेश
निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड के फंड हाउस का नाम निप्पोन इंडिया म्यूचुअल फंड हैं और उसकी एसेट अंडर मेनेजमेंट (AUM) 11,107.41 करोड़ रुपये है. यह फंड मिड-कैप कैटेगरी में पांचवे नंबर पर है, इस कैटेगरी में 30 फंड हैं. मिड-कैप फंड 98% निवेश शेयरों में करते हैं, जिसका 7.85% लार्ज-कैप स्टॉक्स में, 58.39% मिड-कैप स्टॉक्स और 21.66% स्मॉल-कैप स्टॉक्स में निवेश किया गया है.
एक्स्पेंस रेशियो
निप्पोन इंडिया ग्रोथ फंड का एक्स्पेंस रेशियो 1.94% है, जो केटेगरी के औसत 2.15% एक्स्पेंस रेशियो से कम है. इस फंड का बेंचमार्क इंडेक्स S&P BSE Midcap TRI है.
किनके लिए है सही?
यदि आप कम से कम 5 साल तक निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं और उच्च रिटर्न कमाना चाहते हैं तो इस मिड-कैप फंड में निवेश कर सकते हैं. इस कैटेगरी में जोखिम की मात्रा भी ज्यादा है और इसलिए आपको कुछ समय के लिए नुकसान भी झेलना पड़ सकता है.
जरुरी जानकारी | म्यूचुअल फंड उद्योग ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह में जोड़े गए 70 लाख नए निवेशक खाते
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. म्यूचुअल फंड को लेकर जागरूकता और डिजिटल पहुंच बढ़ने से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में लगभग 70 लाख निवेशक खाते जोड़े हैं जिनके साथ ही इनकी कुल संख्या 13.65 करोड़ हो गई है।
नयी दिल्ली, 25 सितंबर म्यूचुअल फंड को लेकर जागरूकता और डिजिटल पहुंच बढ़ने से परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में लगभग 70 लाख निवेशक खाते जोड़े हैं जिनके साथ ही इनकी कुल संख्या 13.65 करोड़ हो गई है।
उद्योग संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में 3.17 करोड़ निवेशक खाते और 2020-21 में 81 लाख निवेशक खाते जोड़े गए थे।
म्यूचुअल फंड खातों की बढ़ती संख्या बताती है कि पूंजी बाजार भारत में म्युचुअल फंड इतिहास में बड़ी संख्या में नए निवेशक आ रहे हैं और निवेश के लिए म्यूचुअल फंड का विकल्प चुन रहे हैं।
मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट में मुख्य कारोबार अधिकारी अखिल चतुर्वेदी ने कहा, ‘‘नोटबंदी के कारण घरेलू बचत का वित्तीयकरण हुआ, इसे महामारी के कारण लगे लॉकडाउन ने भारत में म्युचुअल फंड इतिहास बढ़ाया। इसके अलावा बचत के तरीकों और जोखिम लेने की क्षमता में आए व्यापक बदलाव की वजह से व्यवस्थित निवेश योजनाएं जीवन जीने का तरीका बन गईं। बाजार में तेजी की वजह से भी बड़ी संख्या में निवेशक म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं।’’
एलएक्सएमई की संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक प्रीति राठी गुप्ता ने म्यूचुअल फंड निवेशकों की बढ़ती संख्या के कई कारण गिनाए मसलन साक्षरता कार्यक्रमों से लोगों के बीच बढ़ती जागरूकता, विज्ञापन अभियान, आसान जानकारियां, डिजिटलीकरण और महिलाओं की भागीदारी बढ़ना।
आंकड़ों के मुताबिक, 43 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास निवेशक खातों की संख्या अगस्त, 2022 में अबतक के सबसे ऊंचे स्तर 13.65 करोड़ पर पहुंच गई, जो मार्च, 2022 में 12.95 करोड़ थी। इसका मतलब है कि इस अवधि में 70 लाख नए खाते जोड़े गए हैं। उद्योग में दस करोड़ निवेशक खातों का आंकड़ा मई, 2021 में पार हुआ था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया में प्रबंधक शोध- एसोसिएट निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी आई है इसलिए निवेशक निवेश करने को प्रेरित हो रहे हैं। वहीं, हाल के चुनौतीपूर्ण समय में भारतीय बाजारों ने जुझारूपन दिखाया है।’’
बीते कुछ वर्षों में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में निवेशकों की संख्या निरंतर बढ़ी है। 2019-20 में इसमें 73 लाख निवेशक खाते जुड़े, 2018-19 में 1.13 करोड़, 2017-18 में 1.6 करोड़, 2016-17 में 67 लाख से अधिक और 2015-16 में 59 लाख निवेशक खाते जुड़े।
ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी संदीप बागला ने कहा कि ब्याज दरें कम होने की वजह से बड़ी मात्रा में खुदरा धन निश्चित आय से निकालकर इक्विटी में डाला गया। उन्होंने कहा कि भारत में म्यूचुअल फंड की पैठ अन्य बाजारों की तुलना में अब भी कम है।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
mutual fund industry added 70 lakh new investor accountsr in first five months of the current financial year