प्रचलित मुद्राओं की सूची

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प्रचलित मुद्राओं की सूची
मेवाड़ में मुद्रा का प्रचलन
राजस्थान के अन्य राज्यों की तरह मेवाड़ में भी सिक्के प्रचलन में थे, लेकिन आर्थिक जीवन में सारे लेन- देन सिक्कों के माध्यम से ही नहीं किये जाते थे। दो राज्यों के बीच वाणिज्य व्यापार में नि:संदेह सिक्कों का ही इस्तेमाल होता था, लेकिन साथ- साथ कई स्थितियों में वस्तु- विनिमय से भी काम चला लिया जाता था। राज्य कर्मचारियों सेवकों तथा दासों को वेतन के रुप में अधिकतर कृषि योग्य भूमि, कपड़े तथा अन्य वस्तुएँ दी जाती थी। साथ- साथ नाम मात्र की ही संख्या में सिक्के दिये जाते थे। आंतरिक व्यापार में मुद्राओं के साथ- साथ १९ वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक कौड़ियों का भी प्रचलन रहा। कौड़ियों से जुड़ी गणनाओं में एक है-
२० भाग = १ कौड़ी
२० कौड़ी = आधा दाम
२ आधा दाम = १ रुपया
सर जॉन माल्कन के अनुसार
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ओमान एक ऐसा देश है जिसकी मुद्रा दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली मुद्रा के रूप में जानी जाती है ओमान की मुद्रा का नाम रियाल है और इसे पूरी तरह ओमानी रियाल के नाम से जाना जाता है क्योंकि मध्य पूर्वी अफ्रीका के बहुत से देशों में रियाल नाम से मुद्रा चलती है इसलिए इनको अलग-अलग समझने के लिए देश का नाम इनके साथ लगाया जाता है ओमान में ओमानी रियाल चलते हैं जिसकी रुपए के मुकाबले कीमत 170 से 180 के बीच रहती है यानि कि एक ओमानी रियाल की कीमत लगभग ₹180 के करीब चलती है जो कि देखने में ही एक शक्तिशाली मुद्रा प्रतीत होती है।
कभी ओमान में भारतीय रूपया चलता था:
जी हां एक समय ऐसा भी था जब ओमान में भारतीय रूपया चला करता था ब्रिटिश राज में 20वीं सदी में भारतीय रुपया बहुत से बाहरी स्थानों पर प्रचलित था ब्रिटिश राज में भारत की मुद्रा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अधिक फैली हुई थी जो उन ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा चलाई गई थी जो भारत में बैठकर अपने अधिकार क्षेत्र पर की कार्यवाही चलाया करते थे इसलिए उन्होंने मिडिल ईस्ट के अधिकतर देशों जैसे प्रचलित मुद्राओं की सूची कि इराक, कुवैत तथा ओमान इत्यादि में भारतीय रुपए को मुद्रा के रूप में प्रचारित किया था और इन देशों ने कई वर्षों तक भारतीय रुपए को अपनी मुद्रा के रूप में प्रयोग भी किया हालांकि ब्रिटिश राज्य समाप्त होने के पश्चात धीरे-धीरे इन देशों में अपनी करेंसी अपना ली। ओमान भी इन्हीं देशों में से एक था।
पश्चिमी अफ्रीका के देशों ने नयी करेंसी "इको" को क्यों शुरू किया है?
पश्चिमी अफ्रीका के 8 देशों; माली, नाइजर, सेनेगल, बेनिन,टोगो, बुर्किना फासो, गिनी-बसाउ, और आइवरी कोस्ट ने सीएफए फ्रैंक की जगह नई मुद्रा इको को चलाने का फैसला किया है. आइये इस लेख में जानते हैं कि यह निर्णय क्यों लिया गया है?
कहते हैं कि बिना "अर्थ" के कोई तंत्र' नहीं होता है. इसी प्रकार बिना करेंसी को कोई देश भी नहीं होता है. किसी देश की करेंसी उस देश की पहचान होती है.
इसी पहचान को बनाने के लिए पश्चिमी अफ्रीका के 8 देशों; माली, प्रचलित मुद्राओं की सूची नाइजर, सेनेगल, बेनिन,टोगो, बुर्किना फासो, गिनी-बसाउ, और आइवरी कोस्ट ने फ्रांसीसी उपनिवेश काल से चली आ रही गुलामी को ख़त्म करते हुए फैसला किया है कि वे वर्तमान में प्रचलित मुद्रा ‘सीएफए फ्रैंक’ की जगह अपने देश में एक नई मुद्रा "इको" का इस्तेमाल करेंगे.
भारत की प्राचीन मुद्राओं का इतिहास history of India's ancient currencies
Some currencies were in vogue in ancient India. These currencies often used to be in the form of coins. These currencies were named according to the list below. Many types of idioms and proverbs based on these currencies are also free prevalent. Let us understand the name of ancient currencies and understand their current value of that time.
प्राचीन समय में प्रचलित मुद्राएँ-
(1) फूटी कौड़ी (Footi Penny)
मुद्राओं का मूल्य
( Values of Currencies)
(1) 3 फूटी कौड़ी = 1कौड़ी
(4) 1धेला = देढ़ (1.5) प्रचलित मुद्राओं की सूची पाई
(5) 3पाई = 1पैसा (पूर्व काल में)
(7) 16 आना =1 रुपया (पूर्व काल में)
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