कॉमर्स संदर्भ

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फेस्टिव सीजन में ई-कॉमर्स पर फर्जीवाड़े को लेकर सतर्क हुई सरकार, नियमों की अनदेखी पर भेजे 200 से अधिक नोटिस
CCPA notice to E-commerce platforms: फेस्टिव सीजन के दौरान CCPA ने ई-कॉमर्स कंपनियों को नियमों की अनदेखी के चलते 200 से अधिक नोटिस भेजा है.
CCPA notice to E-commerce platforms: फेस्टिव सीजन के दौरान कस्टमर्स के हितों की रक्षा के लिए केंद्रीय उभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने 16-22 अक्टूबर के बीच में ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स (E-commerce platforms) को किसी प्रोडेक्ट के मूल देश (Country of Origin) के बारे में गलत जानकारी देने को लेकर 202 नोटिस जारी किए हैं.
इसमें सबसे ज्यादा नोटिस इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को लेकर भेजे गए हैं. इलेक्ट्रॉनिक प्रोडेक्ट्स (Electronic Product) को लेकर CCPA ने कुल 47 नोटिस भेजा. इसके बाद परिधानों को लेकर 35 नोटिस भेजे गएं.
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75 कंपनियों को भेजा नोटिस
इसमें से लगभग 75 कंपनियों ने अपना अपराध स्वीकार किया है, जिसमें से 68 कंपनियों ने प्रोडक्ट के मूल स्थान को कॉमर्स संदर्भ लेकर गलत जानकारी देने की बात स्वीकारी है. कंपनियों को भेजे गए इन नोटिस से सरकार ने कुल 41,85,500 रुपये एकत्र किए हैं.
क्या करती है CCPA
CCPA जो डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, को कन्ज्यूमर्स के हितों की रक्षा (Consumer Protection) करने और उल्लंघन करने वालों को कार्रवाई करने का कर्तव्य सौंपा गया है.
CCPA ने पाया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड प्रोडक्ट्स पर किसी प्रोडक्ट्स के ओरिजन देश को घोषित करने में कुछ मामलों में खामियां है. इस संबंध में नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन पोर्टल पर कई कस्टमर्स से प्राप्त शिकायतों के आधार पर स्वत: संज्ञान लिया गया है.
क्या है नियम
कन्ज्यूमर प्रोटेक्शन (ई-कॉमर्स) नियम (Consumer Protection Rules), 2020 के नियम 6(5)(डी) के अनुसार कॉमर्स संदर्भ किसी भी सेलर को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म (E-commerce) पर बेचे जाने वाले सामान या सर्विस की पेशकश में सभी आवश्यक डीटेल्स देने का आदेश दिया गया है. इसमें प्रोडेक्ट के बनने कॉमर्स संदर्भ के मूल देश का विवरण भी देना जरूरी है.
नहीं बताएं ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स के नाम
हालांकि उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने उन ई-कॉमर्स कंपनियों का नाम नहीं बताया, जिन्हें नोटिस दिये गये हैं.
यह पूछे जाने पर कि आखिर सरकार नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों के नाम क्यों नहीं सार्वजनिक कर रही, उपभोक्ता मामलों की सचिव लीना नंदन ने कहा, "हम इसके जरिये कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों को सतर्क करने का प्रयास कर रहे हैं."
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कंपनियों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि उपभोक्ताओं की शिकायतों के समाधान के संदर्भ में वह सब किया जाता है, जो कानूनी रूप से बनाए रखने योग्य है और उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों को जानने की जरूरत है.
पिछली तारीख से कागजात बनवाने वाले गेहूं निर्यातकों पर कार्रवाई होगीः गोयल
उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों ने पाबंदी से राहत पाने के लिए पिछली तारीख से तैयार आवेदन एवं साख-पत्र जमा कर धोखाधड़ी की कोशिश की है। पिछली तारीख से बनाया गया साख-पत्र या आवेदन देने की कोशिश करने वाले किसी भी शख्स के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी।’
सरकार ने घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतों पर काबू पाने के लिए गत 13 मई को गेहूं निर्यात पर पाबंदी लगा दी थी। हालांकि 13 मई से पहले जारी किए जा चुके वैध साख-पत्र रखने वाले निर्यातकों को इस पाबंदी से छूट दी गई थी।
इस छूट को पाने के लिए निर्यातकों को वैध साख-पत्र पेश करने हैं। लेकिन फर्जी ढंग से तैयार किए गए साख-पत्र पेश किए जाने के मामले सामने आने के बाद वाणिज्य मंत्रालय ने गेहूं निर्यात के लिए पंजीकरण प्रमाण-पत्र हासिल करने के मानक सख्त कर दिए हैं।
गोयल ने कहा कि मंत्रालय गेहूं निर्यात के लिए अधिकृत किये जा चुके निर्यातकों की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि उन्होंने वैध दस्तावेज जमा किए थे या नहीं।
इस बीच ‘ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स’ (ओएनडीसी) के संदर्भ में गोयल ने कहा कि छोटे विक्रेताओं को भी यह डिजिटल दुनिया के लाभ पाने का समान अवसर मुहैया कराएगा और वे एक साझा मंच पर कारोबार कर पाएंगे।
सरकार ने गत 29 अप्रैल को यूपीआई की तर्ज पर पांच शहरों में ओएनडीसी की पायलट परियोजना शुरू की थी। ई-कॉमर्स क्षेत्र को लोकतांत्रिक बनाने और छोटे कारोबारियों को भी मंच देकर ओएनडीसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के दबदबे को खत्म करने में मददगार बनेगा।
गोयल ने कहा, ‘हम नहीं चाहते कि अमेरिका की तरह बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की वजह से छोटे कारोबारियों को नुकसान पहुंचे। ओएनडीसी सबको एक साझा मंच पर कारोबार करने की अनुमति देता है।’
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.
1 रुपया का सिक्का आपको बना सकता है लखपति, बस जानिए कहां और कैसे बेचना है
1 rupee coin: ई-कॉमर्स साइट क्विकर (Quikr) पर 1862 के क्वीन विक्टोरिया सिक्के बेचे जाते रहे हैं. इस ई-कॉमर्स साइट पर एक विक्टोरिया कॉइन की कीमत 1.5 लाख रुपये तक मिलती है. विक्टोरिया कॉइन दरअसल 1 रुपये का चांदी का सिक्का है जो 1862 में प्रचलन में आया था.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: रोहित ओझा
Updated on: Jun 01, 2021 | 7:25 AM
ऐसा कई बार सुना होगा कि फलां आदमी पुरानी चीजें बेचकर ‘राजा’ हो गया. यहां पुरानी चीज का संदर्भ कबाड़ से नहीं है. पुरानी चीज का मतलब ऐसे समान से है जो ‘धरोहर’ या एंटीक पीस हो. जब कोई चीज बहुत पुरानी हो जाती है, तो वह एंटीक कैटगरी में आ जाती है. उसकी नीलामी हो तो कई कद्रदान मिल जाएंगे जो मुंहमांगी कीमत दे सकते हैं. इस तरह की एंटीक पीस की डिमांड अंतरराष्ट्रीय मार्केट में खूब देखी जाती है. तभी ऐसी कई घटनाएं सामने आती हैं जिसमें देश से चुराए गए सामान विदेशों में पहुंचा दिए जाते हैं. यह सब मोटी कमाई के लिए होता है.
जेनुइन तरीके से देखें तो कई बार नीलामी होती है जिसमें लोग अपने सामान लेकर पहुंचते हैं और बढ़िया पैसे पर अपने सामान बेच लेते हैं. ई-कॉमर्स का बिजनेस करने वाली कई वेबसाइट आजकल इस तरह की नीलामी करती हैं. यहां लोगों को अपने सामान की नुमाइश करने, ग्राहक पटाने और कमाने का भरपूर जरिया मिलता है. ऐसे में उन लोगों के लिए यह सुनहरा मौका है जो पुरानी चीजें जुटाने के शौकीन हैं. खासकर वैसे लोग जो पुराने सिक्के (1 rupee coin) जुटाते हैं. ई-कॉमर्स कंपनियां इन सिक्कों को खरीद कर ऐसे लोगों को राजा (लखपति) बना सकती हैं.
1 सिक्का बना सकता है लखपति
पिछले कई साल का रिकॉर्ड देखें तो बहुत सिक्के प्रचलन से बाहर हो गए हैं. रिजर्व बैंक ने भी कई सिक्कों का निर्माण बंद कर दिया है. ऐसे सिक्के अगर कहीं-कहीं बचे हैं तो उसकी कीमतें खूब चढड रही हैं. ये ऐसे सिक्के हैं जो गिने-चुने लोगों के पास होंगे. पहले के सिक्कों पर क्वीन विक्टोरिया (i rupee coin) के चित्र छपे होते थे.
आज की तारीख में ये सिक्के नहीं दिखते, लेकिन इसके खरीदार अनगिनत हैं. बस उन्हें पता चलना चाहिए कि कहां और किसके पास ऐसे सिक्के हैं. वे इसे पाने के लिए मुंहमांगी कीमत दे सकते हैं. आपने देखा होगा कि दिवाली और अक्षय तृतिया पर ‘लक्ष्मी-गणेश’ सिक्के की मांग बढ़ जाती है. ऑनलाइन साइटों पर इसकी बिक्री धड़ल्ले से होती है. जिनके पास पुराने सिक्के हैं, वे इसे बेचकर अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. इसी श्रेणी में विक्टोरिया कॉइन भी आता है.
विक्टोरिया कॉइन के कई कद्रदान
ई-कॉमर्स साइट क्विकर (Quikr) पर 1862 के क्वीन विक्टोरिया सिक्के बेचे जाते रहे हैं. इस ई-कॉमर्स साइट पर एक विक्टोरिया कॉइन की कीमत 1.5 लाख रुपये तक मिलती है. विक्टोरिया कॉइन (1 rupee coin) दरअसल 1 रुपये का चांदी का सिक्का है जो 1862 में प्रचलन में आया था. धीरे-धीरे यह सिक्का बंद हो गया और आज जिन लोगों के पास यह सिक्का है, वे इससे 1.5 लाख रुपये तक की कमाई कर सकते हैं. दिवाली पर ऐसे सिक्कों की भी खूब मांग होती है क्योंकि इसे असली और पुराना माना जाता है.
Quikr पर कैसे बेचें 1 रुपया का सिक्का
ऐसे सिक्के बेचकर लखपति बनने का मौका ई-कॉमर्स वेबसाइट क्विकर दे रही है. यहां खुद को रजिस्टर करने और कॉइन बेचने का खास तसीका है. सबसे पहले तो आपको ऑनलाइन सेलर के तौर पर खुद को रजिस्टर करना होगा. इतना कुछ करने के बाद वेबसाइट पर सिक्के का फोटो अपलोड करना होगा. अगर आपका सिक्का (1 rupee coin) किसी मेहमान को पसंद आ गया तो वह आपसे तुरंत संपर्क करेगा. यहां आपको कीमतें लगानी होंगी और खरीदार से रेट तय करनी होगी. बातचीत सफल होने के बाद वेबसाइट के पेमेंट टर्म और डिलीवरी टर्म को मानकर आप सिक्का बेच सकते हैं. सिक्के का पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा.