वित्त प्रबंधन

क्या आपको विश्वास है कि इस भूमिका को पूरा करने के लिए आपके पास सभी आवश्यक योग्यताएं और कौशल हैं, और इसमें मूल्य जोड़ें ANEW Hotels & Resorts, कृपया अपना सीवी करियर को भेजें@anewHotels.co.za वित्तीय प्रबंधक शीर्षक के साथ 13 मई 2022 तक।
वित्त प्रभाग
विषयवस्तु प्रबंधन Ministry of Home Affairs, GoI Best viewed in Mozilla, Chrome and equivalent browsers ,Copyright© 2021 All Rights Reserved अभिकल्पित, विकसित और परिचारित राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र Last Updated: 13 Jan 2020
वित्त प्रबंधक
इस पद का उद्देश्य वित्तीय निदेशक को निम्नलिखित के अनुसार सटीक, समय पर और प्रासंगिक वित्तीय सेवाएं प्रदान करना है ANEW समूह नीतियां और प्रक्रियाएं और शासन मानकों के भीतर।
इसके अलावा, वित्त प्रबंधक होटल के भीतर ऑडिट कार्य के लिए और वित्तीय लाभप्रदता को सुविधाजनक बनाने वित्त प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।
कार्य का असाइनमेंट और योजना
जबकि स्थिति वित्त और लेखा नीतियों और समूह की प्रक्रियाओं द्वारा शासित होती है, स्थिति की सभी आवश्यकताओं को संतुलित करने के लिए एक बहुत ही उच्च स्तर के स्व-प्रबंधन और योजना की आवश्यकता होती है।
होटल वित्त प्रबंधक के कर्तव्य और उत्तरदायित्व:
वित्तीय परिप्रेक्ष्य:
- प्रत्येक संपत्ति के लिए प्रदर्शन अनुबंध के अनुसार वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करें।
- प्रत्येक संपत्ति के लिए नीचे की रेखा को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार लागत बचत सुनिश्चित करें।
बजट तैयार करने और मुनाफे को ट्रैक करने के लिए अधिकारियों और व्यापार प्रमुखों के साथ काम करना
/ व्यापार इकाई द्वारा हानि प्रदर्शन। - प्रत्येक संपत्ति के लिए बजट के विरुद्ध खर्च की निगरानी करके खरीद प्रक्रिया में योगदान करें।
- यह सुनिश्चित करना कि व्यावसायिक इकाइयों को प्रभावी ढंग से संचालित करने की अनुमति देने के लिए नकदी प्रवाह पर्याप्त है।
- देनदार दिनों के भीतर प्रबंधन ANEW देनदार दिन पैरामीटर।
- नकद भुगतान का पूर्वानुमान लगाना और सीमित नकदी प्रवाह से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का अनुमान लगाना।
- संपत्ति नकदी प्रवाह पर बोझ डाले बिना उचित स्तर सुनिश्चित करने के लिए सभी संपत्ति सूची पर नज़र रखता है और इसमें शामिल है।
- लेनदार प्रबंधन, लेनदार दिनों को अधिकतम करने के साथ-साथ निपटान छूट का प्रबंधन और निगरानी और छूट को अधिकतम करना।
वित्तीय प्रबन्ध की अवधारणा | वित्तीय प्रबन्ध की परिभाषा
वित्तीय प्रबन्ध के अन्तर्गत सम्मिलित किये जाने वाले कार्यों को सम्पन्न करना वित्त विभाग का कोई अनन्य क्षेत्राधिकार (Exclusive Jurisdiction) नहीं होता है, बल्कि इन समस्त दायित्यों का निर्वाह व्यवसाय के अन्य सभी क्षेत्रों (Areas) के सक्रिय सहयोग से किया जाता है, क्योंकि सभी महत्वपूर्ण निर्णय (चाहे वे किसी भी क्षेत्र से सम्बद्ध हों) प्रबन्धकों द्वारा प्रबन्ध के उच्च स्तर पर लिये जाते हैं। व्यावसायिक निश्चयीकरण की इस प्रक्रिया में प्रत्येक क्षेत्र सम्बन्धित तथ्यों एवं आँकड़ों के प्रस्तुतीकरण एवं उचित परामर्श के द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका तो अदा करता ही है, साथ ही इन महत्वपूर्ण निर्णयों के क्रियान्वयन में भी प्रत्येक विभाग का कुछ सीमा तक पृथक एवं कुछ सीमा तक सम्मिलित दायित्व होता है। वित्त प्रबंधन चूँकि वित्त व्यवसाय के विभिन्न क्रियाकलापों को एक सूत्र में आवद्ध करता है, अतः वित्तीय प्रबन्ध विभाग का क्षेत्राधिकार (Jurisdiction) अन्य विभागों की तुलना में कुछ अधिक व्यापक होता है। उदाहरण के लिए उत्पादन के लिए आवश्यक मशीनों, संयन्त्रों उपकरणों, कच्चे माल, ईंधन, आदि के विषय में तकनीकी दृष्टि से विचार करने का दायित्व उत्पादन-प्रबन्ध का होता है, किन्तु इनके विषय में अन्तिम निर्णय तब तक नहीं लिये जायेगे; जब तक कि इनसे सम्बद्ध वित्तीय पहलुओं पर वित्तीय प्रबन्धक अपना उचित परामर्श नहीं दे देता है। व्यवसाय के पूर्व निर्धारण वित्त प्रबंधन उद्देश्यों की उपलब्धि का श्रेय यद्यपि सभी विभागों को समान रूप से दिया जाना चाहिए, किन्तु जहाँ तक निर्धारित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए समस्त विभागों को नियन्त्रित एवं निर्देशित करने का प्रश्न है, वित्तीय प्रबन्ध का क्षेत्राधिकार कुछ अधिक व्यापक हो जाता है। श्रीयुत जे.एफ. ब्रेडले का मत है कि “वित्तीय-प्रबन्ध, व्यावसायिक प्रबन्ध का वह क्षेत्र है जिसका सम्बन्ध पूँजी का सम्यक् प्रयोग एवं पूँज के साधनों के सतर्कतापूर्ण चयन से है, ताकि व्यवसाय को इसके उद्देश्यों की पूर्ति की दिशा में निर्देशित किया जा सके।” वित्त प्रबंधन आधुनिक परिप्रेक्ष्य में वित्तीय प्रबन्ध के वैज्ञानिक स्वरूप की जानकारी नितान्त आवश्यक हो गयी है, क्योंकि “व्यावसायिक वित्त का प्रबन्ध एक कला होने के साथ-साथ एक विज्ञान भी है। इसके लिए परिस्थिति की सही पकड़ एवं विश्लेषणात्मक दक्षता की तो आवश्यकता होती ही है, साथ ही वित्तीय विश्लेषण की विधियों और तकनीकों के प्रचुर ज्ञान तथा उनके व्यावहारिक उपयोग एवं प्राप्त परिणामों की सही समीक्षा करने की भी अपेक्षा होती है। इसीलिये श्री इजरा सोलामन ने इसे निम्न शब्दों व्यक्त किया है, “वित्तीय प्रबन्ध को कोषों की व्यवस्था करने से सम्बन्धित एक स्टाफ गतिविधि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, अपितु समग्र प्रबन्ध (Overall Management) के एक अभिन्न अंग के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए। अतः वित्तीय प्रबन्ध (Financial Management) व्यावसायिक प्रबन्ध वित्त प्रबंधन का एक प्रमुख अंग है। यदि यह कहा जाय कि यह प्रबन्ध का सबसे महत्वपूर्ण है तो उचित ही होगा, क्योंकि आदि से अन्त तक व्यवसाय के संगठन और संचालन में वित्त का महत्व सर्वोपरि होता है। व्यवसाय की प्रत्येक गतिविधि के साथ वित्त का प्रश्न जुड़ा होता है और नाना प्रकार के कार्यकलापों के क्रम में पग-पग पर अनेक वित्तीय समस्याएँ सामने खड़ी रहती हैं और उनका सही विश्लेषण एवं उचित निराकरण आवश्यक हो जाता है। यह तब ही सम्भव हो सकता है जबकि वित्त का प्रबन्ध कुशल एवं अनुभवी विशेषज्ञों को सौंपा जाये।
वित्तीय प्रबन्ध की परिभाषा ( Definition of Financial management) :
विभिन्न विद्वानों द्वारा वित्तीय प्रबन्ध को अलग-अलग ढंग से परिभाषित किया गया है। कुछ के मतानुसार, “ वित्तीय प्रबन्ध” उचित शर्तों पर वित्त के एकीकरण से सम्बन्धित है, किन्तु यह वित्त का ही एक पहलू है, इसलिये यह वित्तीय प्रबन्ध का संकुचित अर्थ है। कुछ विद्वानों ने वित्तीय प्रबन्ध का नकदों (Cash) से सम्बन्ध बताया है, क्योंकि व्यवसाय की प्रत्येक क्रिया नकदी से सम्बन्धित है, इसलिए यह वित्तीय प्रबन्ध का अति विस्तृत अर्थ है। आधुनिक वित्त विशेषज्ञों के मतानुसार वित्तीय प्रबन्ध वित्त के एकत्रीकरण, लाभप्रद विनियोजन से सम्बन्धित है। यह एक प्रबन्धकीय विचारधारा पर आधारित अर्थ है और उपर्युक्त दोनों विचारधाराओं का समावेश भी इसमें मौजूद है। अतः प्रबन्धकीय विचारधारा (Managerial Approach) या समस्या केन्द्रित विचारधारा (वित्त प्रबंधन Problem Centered Approach) पर आधारित वित्तीय प्रबन्ध की परिभाषायें सन्तोषजनक प्रतीत होती हैं। वित्तीय प्रबन्ध की प्रमुख विद्वानों द्वारा दी गयी परिभाषाएँ निम्नलिखित हैं-
निष्कर्ष :
वित्तीय प्रवन्ध का अर्थ किसी व्यावसायिक संस्था को श्रेष्ठतम स्रोतों से आवश्यक मात्रा में वित्त उपलब्ध करना तथा उसका प्रभावशाली ढंग से उपभोग करना है। इसके अन्तर्गत वित्तीय नियोजन, वित्त एकत्रीकरण, वित्त विनियोजन, वित्त नियन्त्रण आदि का अध्ययन किया जाता है। निगमों के वित्तीय प्रबन्ध में वित्त से सम्बन्धित समस्त पहलुओं, समस्याओं जैसे अंशों व ऋण-पत्रों का निर्गमन आंतरिक वित्तीय नियन्त्रण अतिरिक्त पूँजी की व्यवस्था, वित्तीय संकटों का निराकरण तथा संचित कोषों, अधिशेष, ह्रास, लाभांश, विनियोग सम्बन्धी नीतियों आदि को शामिल किया जाता है। अतः निगमों का वित्तीय प्रबन्ध व्यावसायिक वित्त का ही अंग होता है। जिसके अन्तर्गत निगमों की वित्तीय समस्याओं का अध्ययन किया जाता है।
वित्तीय प्रबंधन – महत्वपूर्ण लिंक
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एनसीसी के कैटेडों को दी गई वित्त प्रबंधन की जानकारी
तीन झारखण्ड बटालियन एनसीसी के होटवार में चल रहे संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर में रविवार को कैटेडों को विशेषज्ञ द्वारा वित्त प्रबंधन की जानकारी दी गयी। उन्हें बचत करने के महत्व के बारे में बताया गया। विशेषज्ञ ने कहा कि अगर हम अपने पैसे को सही जगह निवेश करते हैं तो कठिनाइयों के समय हम काफी हद तक बच सकते हैं।
इसके अलावा कैंप में कैटेडों को विशेषज्ञों द्वारा सेल्फ डिफेंस और फायरिंग का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिविर में मिलिटेरी ट्रेनिंग कैंप कामंडैंट कर्नल अभिजात कश्यप, सूबेदार मेजर लखबीर सिंह, सूबेदार अर्जुडेन्ट राधे भगत , सहित अन्य सैन्य अधिकारी प्रशिक्षण दे रहे हैं।