सामान्य निवेश की समीक्षा

झारखंड स्थापना दिवस समारोह में शामिल नहीं होंगी राष्ट्रपति
पुरानी पेंशन पर सीएम बघेल ने केंद्र को दी चेतावनी, बोले- कर्मचारियों के पेंशन की बकाया राशि लेकर रहेंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि उसके सामान्य निवेश की समीक्षा सामान्य निवेश की समीक्षा पास फंसी राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे हर हाल में लेकर रहेंगे। सीएम बघेल सामान्य निवेश की समीक्षा ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर पत्र लिखा था।
Updated: | Fri, 18 Nov 2022 10:15 AM (IST)
सिंगल यूज प्लास्टिक पर कार्रवाई: आकस्मिक निरीक्षण में 45 किलोग्राम पालीथिन जब्त, 7000 रूपये का जुर्माना
रायपुर (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि उसके पास फंसी राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे हर हाल में लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा है कि राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है। बता दें कि बघेल ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था।
पुरानी पेंशन पर सीएम बघेल ने केंद्र को दी चेतावनी, बोले- कर्मचारियों के पेंशन की बकाया राशि लेकर रहेंगे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि उसके पास फंसी राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे सामान्य निवेश की समीक्षा हर हाल में लेकर रहेंगे। सीएम बघेल ने सामान्य निवेश की समीक्षा इस राशि की वापसी की मांग को लेकर पत्र लिखा था।
Updated: | Fri, 18 Nov 2022 10:15 AM (IST)
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रायपुर (राज्य ब्यूरो)। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि उसके पास फंसी राज्य के कर्मचारियों के पेंशन की 17 हजार 240 करोड़ रुपये की राशि को वे हर हाल में लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा है कि राज्य के कर्मचारियों के लिए लागू की गई पुरानी पेंशन योजना को रोकने के लिए केंद्र सरकार ऐसा कर रही है। बता दें कि बघेल ने इस राशि की वापसी की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था।
नियुक्ति प्रक्रिया की अमान्यता संपूर्ण मध्यस्थता खंड को अमान्य नहीं करेगी: दिल्ली हाईकोर्ट
जस्टिस अनूप जयराम भंभानी की खंडपीठ ने कहा कि मध्यस्थता खंड में कई तत्व मौजूद हैं, जैसे मध्यस्थ की नियुक्ति की प्रक्रिया, मध्यस्थता का कानून, अनुबंध का कानून, सीट और स्थान आदि हैं। हालांकि, मूल तत्व पक्षकार विवाद को मध्यस्थता के लिए संदर्भित करते हैं। इसलिए केवल इसलिए कि एक तत्व अमान्य हो गया है, यह पूरे खंड को अप्रभावी नहीं बना देगा। साथ ही अमान्य खंड को आसानी से अलग किया जा सकता है।
मध्यस्थता प्रदान करने वाले मध्यस्थता खंड के शब्दांकन पर टिप्पणी सामान्य निवेश की समीक्षा करते हुए कोर्ट ने टिप्पणी की कि अगर प्रतिवादी के जीएम मध्यस्थ के रूप में कार्य कर सकते हैं या नियुक्त कर सकते हैं तो 'मेरा रास्ता या राजमार्ग' दृष्टिकोण कानून में मान्य नहीं है।
सामान्य निवेश की समीक्षा
फोटो: संयुक्त राष्ट्र
2015 में पेरिस में आयोजित 21वें विश्व जलवायु सम्मेलन (कॉप 21) में, सभी देश पहली बार ग्रीनहाउस गैसों को कम करने के लक्ष्यों के साथ जलवायु परिवर्तन को सीमित करने पर सहमत हुए थे। इससे पहले, केवल विकसित देशों को ग्रीनहाउस सामान्य निवेश की समीक्षा गैसों को कम करना पड़ता था, जबकि चीन, भारत और दक्षिण कोरिया जैसे देश ऐसा करने सामान्य निवेश की समीक्षा के लिए बाध्य नहीं थे।
विकासशील और उभरते देशों को अपने स्वयं के कम करने के लक्ष्य निर्धारित करने हेतु मनाने के लिए, औद्योगिक देशों ने 2015 से पहले ही उदार और निरंतर वित्तीय संसाधनों का वादा किया था। जलवायु संरक्षण और अनुकूलन के लिए समर्थन 2020 से सालाना 100 करोड़ अमेरिकी डॉलर तक पहुंचना था। यह एक केंद्रीय वादा था जिसने पेरिस जलवायु समझौते को संभव बनाया।
मिस्र में 27वें विश्व जलवायु सम्मेलन (कॉप 27) में जलवायु वित्त एक बार फिर एक प्रमुख विषय है। बात यह है कि धन अभी तक उस तरह प्रदान नहीं किया गया सामान्य निवेश की समीक्षा है जैसा कि वादा किया गया था, इसने पहले से ही सम्मेलन के लिए एक तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया है।
President Deoghar Tour: राष्ट्रपति का सामान्य निवेश की समीक्षा देवघर दौरा रद, भक्तों के लिए सामान्य रूप से खुला रहेगा बाबा का दरबार
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के अवसर सामान्य निवेश की समीक्षा पर राजधानी रांची में प्रस्तावित मुख्य कार्यक्रम में सामान्य निवेश की समीक्षा शामिल नहीं होंगी। रविवार की शाम में अचानक उनके कार्यक्रम में व्यापक बदलाव किया गया। इसके तहत राष्ट्रपति का देवघर जाने का कार्यक्रम भी रद हो गया है।
जागरण संवाददाता, देवघर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस के अवसर पर राजधानी रांची में प्रस्तावित मुख्य कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। रविवार की शाम में अचानक उनके कार्यक्रम में व्यापक बदलाव किया गया। इसके तहत राष्ट्रपति का देवघर जाने का कार्यक्रम भी रद हो गया है। राष्ट्रपति अब सिर्फ खूंटी के निर्धारित कार्यक्रम में ही शामिल होंगी। इसकी जानकारी राष्ट्रपति भवन से राज्य सरकार को दी गई।