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डीमैट अकाउंट में डिजिटल मोड में शेयर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) आदि जैसी फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ होती हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग शुरू करने के लिए, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना पहला चरण है. समय के साथ, महंगाई निवेशित पैसे की कीमत को कम करती है. स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करने से आपको अपने पैसे को काम पर लगाने का और उसे सही तरीके से बढ़ाने का अनुकूल अवसर मिलता है. बजाज फाइनेंशियल सिक्योरिटीज़ लिमिटेड के साथ आप ऑनलाइन मुफ्त* डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकते हैं.
Intraday के लिए Stock कैसे चुने | intraday stock kaise select kare
Intraday के लिए Stock कैसे चुने– अच्छा कमाई करने के लिए सही शेयर का चुनना बहुत जरुरी हैं। आज हम जानेंगे अच्छा intraday stock kaise select kare कौन से ऐसे Criteria होना चाहिए जिसको फॉलो करने से आप ट्रेडिंग से अच्छा पैसा कमाई करने में आसानी हो।
Table of Contents
Intraday के लिए Stock कैसे चुने
Intraday Trading में आप बहुत ही कम समय के लिए काम करते हो। इसलिए आपका Stock Selection Perfect होना बहुत जरूरी हैं। आपको पहले दिन ही देखना चाहिए कौन से स्टॉक में आपको अगले दिन काम करना हैं। पहले से ही तैयारी करके रखना चाहिए। अगर मार्केट आपके हिसाब से काम करे तो आप अच्छा ट्रेड ले सको।
ज्यादा Liquidity स्टॉक चुने:- Intraday Trading में आपको सबसे पहले ज्यादा Liquidity वाले शेयर को ही चुनना चाहिए। Liquidity का मतलब जिस शेयर में Buyer और Seller ज्यादा होता हैं उसी को High Liquidity स्टॉक कहते हैं। अगर खरीदार और बेचनेवाले कम होंगे तब हो चकता है जिस वक्त आप शेयर को Sell करना चाहते हो उस वक्त आपको खरीदार ही ना मिले। इसलिए आपको Intraday के लिए ज्यादा Liquidity स्टॉक में ही ट्रेडिंग करना चाहिए।
ज्यादातर जो कंपनी बड़ी होती है उसमे उतना ही ज्यादा Buyer और Seller मजूद होता है। इसलिए आपको Large cap Stocks को सेलेक्ट करना चाहिए। इसमें आपको हर सेकंड पर खरीदार और बेचनेवाले मिल जायेंगे।
Top Gainers/ Top Loosers स्टॉक चुने:- आपको ट्रेडिंग करने के लिए पिछले दिन के ज्यादा बढ़नेवाले या गिरनेवाला शेयर को चुनना चाहिए। आपको आज ट्रेड करना है तो पिछले दिन के Gainers और Loosers स्टॉक के Chart को देखना चाहिए। अगर कोई स्टॉक ऊपर या नीचे जाने का पहला दिन हैं। तो आपको एसी स्टॉक को Intraday के लिए लेना चाहिए।
intraday stock kaise select kare
सेक्टर के आधार पर:- मार्केट में पिछले दिन किन सेक्टर में ज्यादा ऊपर नीचे हुआ है। आपको उसमे नजर रखना चाहिए। ट्रेडिंग के दिन जिस भी सेक्टर में आपको ऊपर या नीचे जाते नजर आ इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें रहा है। उस सेक्टर में ट्रेड लेना है ऊपर जा रहा है तो ऊपर का लेना है और नीचे जा रहा है तो नीचे का ट्रेड लेना हैं। आपको मार्केट के हिसाब से चलना चाहिए। जिस तरफ मार्केट जा रहा है उसी दिशा में आपको ट्रेडिंग करना हैं।
न्यूज़ पे असर वाले स्टॉक:- जब भी कोई न्यूज़ आता है उस स्टॉक के बारे में इसका असर शेयर प्राइस पर होते देखना चाहिए। अगर कोई अच्छी खबर आता है तो उसकी प्राइस बढ़ने चाहिए और बुरी खबर आता है तो गिरावट देखना चाहिए। ये होना इसलिए जरुरी है क्युकी कोई अच्छा न्यूज़ आता है उसकी प्राइस बड़ेगी और उसमे ट्रेडिंग करके अच्छा पैसा कमाई कर पाओगे।
Intraday Stocks में क्या नहीं होना चाहिए
Small cap Stock नहीं होना चाहिए:- Intraday में आपको बिल्कुल Small cap Stock पर ट्रेडिंग नहीं करना चाहिए। Mid cap भी अच्छा है लेकिन Large cap Stock सबसे अच्छा हैं Intraday Trading के लिए।
Upper circuit / Lower Circuit स्टॉक:- एसी स्टॉक में आपको बिल्कुल ट्रेडिंग नहीं करनी है जिसमे Upper circuit या Lower Circuit को जल्दी हित करे। अगर कोई भी Intraday Stocks में ये जल्दी लगेगा तो आपको शेयर Buy और Sell करने में प्रॉब्लम होगा। इसलिए आपको एसी स्टॉक से दूर रहना हैं।
मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा कैसे पता करे
Intraday Trading में मार्केट गिरेगा या बढ़ेगा इसमें नजर रखना बहुत जरुरी हैं। आपको जानना बहुत जरुरी है मार्केट किस तरफ जाने की संभावना ज्यादा हैं। ऐसे में आपको Global मार्केट को देखना बहुत जरुरी हैं। ये देखना इसलिए जरुरी है क्युकी आम तौर पर ऐसा देखा गया है जब भी Global Market गिरता है Indian मार्केट भी गिरता हैं।
और ऐसा इसलिए भी होता है आज के जो मार्केट है एक दुसरे में लिंक हैं। बहुत सारे ऐसे कंपनी है जो भारत में भी लिस्टेड है और Global बाज़ार में भी लिस्टेड हैं। अगर उसमे प्राइस गिरता है तो इसमें भी इसका असर देखने को मिलता हैं। इसलिए आपको Intraday ट्रेडिंग से पहले Global Market को देखना चाहिए। जिससे उसके आधार पर आप एक अच्छा फैसला ले सके।
Intraday Trading में नुकसान से बचने के लिए क्या करे
Stop Loss और Target जरुर लगाए:- Intraday Trading में Stop Loss और Target लगाना बहुत जरुरी हैं। अगर आप Stop loss नहीं लगायेंगे तो नुकसान होने की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ जाएगी। और Target नहीं लगाया तो हो चकता है एक बार में अच्छा प्रॉफिट हो लेकिन ज्यादातर आपको नुकसान का सामना करना पर चकता हैं। इसलिए दोनों ट्रेड एक साथ डालना बहुत जरुरी हैं।
लालश से दूर रहे:- ट्रेडिंग से पहले आपने जो भी टारगेट के लिए ट्रेड लिया है उसको हासिल होने के बाद आप प्रॉफिट बुक कर ले और ज्यादा लालश के चक्कर में ना पड़े। ज्यादा देर तक ट्रेडिंग करते रहोगे तो बाद में नुकसान होने की संभावना बढ़ जाता हैं।
मेरी राय:-
शेयर मार्केट में Intraday Trading में बहुत ही रिस्क होता हैं। इसमें जितना जल्दी आप मुनाफा कमा चकते हो उतना जल्दी आप पैसा गवा भी चकते हो। अगर आपको यदि करना ही है तो सबसे पहले कम पैसे से सुरवात करना चाहिए। उतना ही पैसा ट्रेडिंग में लगाए जितना नुकसान होने पर भी ज्यादा फर्क ना पड़े। अगर आप practice और साथ साथ सीखते रहोगे तो जरुर एक सफल ट्रेडर बन पाओगे।
आशा करता हु आपको Intraday के लिए Stock कैसे चुने intraday stock kaise select kare पोस्ट को पढ़के अच्छी तरह से समझ गए होंगे कैसे एक अच्छा शेयर को चुने जाते हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ी कोई भी सवाल या सुझाब है तो कमेंट में जरुर बताए। शेयर मार्केट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के साथ अपडेट रहने के लिए जरुर हमारे साथ बने रहना चाहिए।
स्कैनिंग ब्रेकआउट स्ट्रैटेजीएस 2- प्राइज़ वॉल्यूम ब्रेकआउट्स
यह एक ईओडी स्कैन है जो आपको ऐसे स्टॉक खोजने में मदद करता है जो पिछले एक सप्ताह में ट्रेडिंग के पिछले 120 दिनों (~6 महीने) के उच्च के पार गया है,ट्रेडिंग वॉल्यूम में काफी वृद्धि दिखाई है और पिछले दिन की ट्रेडिंग में मजबूती से बंद हुआ है।
मैं आपको स्कैनर परिणामों से स्टॉक्स को शोर्त्लिस्त कर उनका आगे चार्ट्स पर विश्लेषण कर उन स्टॉक्स तक पहुँचने की सलाह देता हूँ जो स्पष्ट रूप से पहचाने जाने वाले पैटर्न्स दिखा रहे हो।
प्रारंभिक अवस्था में इसकी पुष्टि होने के बाद पोज़िशनल व्यापारी लंबे समय के रुझानों में प्रवेश करने के लिए इस स्कैन का उपयोग कर सकते हैं। आप अपने स्टॉप लॉस को पिछली स्विंग के नीचे डिफ़ाइन कर सकते हैं जैसा कि फिगर 1 में दिखाया गया है इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें और स्टॉप को पीछे छोड़ते हुए स्टॉक को पिछले स्विंग हाई से पार करते हैं। जैसा कि फिगर में देखा गया है। एक बार जब स्टॉक 2, 3, 4 और 5 को पार कर जाता है, तो स्टॉप लॉस क्रमशः SL2, SL3, SL4 और SL5 पर आ जाता है।
यह उन व्यापारियों के लिए एक आदर्श स्कैन है जिनके पास फुल-टाइम नौकरियां हैं और वे बाजारों को ट्रैक करने के लिए एक दिन में एक घंटे से अधिक खर्च नहीं कर सकते हैं। हालांकि ट्रेडों को खोने के लिए जीतने वाले ट्रेडों की संख्या का अनुपात कम होगा (<1), जीतने वाले ट्रेडों पर लाभ नुकसान का कई गुना होना इसे एक उत्कृष्ट रणनीति बनाता है।
दिन के व्यापारी,ऐसे शेयरों में अपने लंबे ट्रेडों के लिए कम जोखिम वाली प्रविष्टियों को खोजने के लिए इंट्रा डे पुलबैक और सुधार का उपयोग कर सकते हैं। कीमतों का पीछा नहीं करना और धैर्य रखना महत्वपूर्ण है। एक चूका हुआ अवसर एक खोने वाले व्यापार से बेहतर है।
2 महीने का प्राइज़ वॉल्यूम ब्रेकाउट
यह स्कैन केवल ब्रेकाउट के टाइम को छोडकर प्राइज़ वॉल्यूम इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें ब्रेकआउट के समान है। जैसा इसके नाम से पता चलता है, इसके आउटपुट वे स्टॉक्स हैं जो पिछले 2 महीने (50 दिन सटीक) में अपने उच्च के पार निकले हैं।
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इंट्राडे ब्रेकआउट्स
बड़ी वॉल्यूम्स पर तीव्र प्राइज़ गेन/फॉल
यह एक सरल स्कैन है जो उन स्टॉक्स को देखता है जो बड़ी वॉल्यूम्स के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं या गिर रहे हैं। प्राइज़ गेन को पेर्सेंटेजेस में डिफ़ाइन किया जाता है और वॉल्यूम को एक सिंपल मूविंग एवरेज (एसएमए) की तुलना में देखा जाता है।
पसंदीदा टाइमफ्रेम, सुबह 9.30 बजे इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें 15/30 मिनट या दिन के मूवर्स चुनने के लिए 10 बजे 60 मिनट।
निर्णय लेने से पहले इस स्कैन के परिणामों का विश्लेषण किया जाना चाहिए।
मैं सुझाव दूँगा कि आप इस विडियो वॉक-थ्रु को देखकर यह समझें कि मैं कैसे इस स्कैन का उपयोग करता हूँ।
हम आने वाले हफ्तों में आपको ब्रेकआउट्स के लिए स्कैनर्स के उपयोग के बारे में अधिक जानकारी देते रहेंगे।
Note: This article is for educational purposes only. Kindly learn from it and build your knowledge. We do not advice or provide tips. We highly recommend to always trade using stop loss.
Arshad Fahoum
Arshad is an Options and Technical Strategy trader and is currently working with Market Pulse as a Product strategist. He is authoring this blog to help traders learn to earn.
कम समय में चाहते हैं मोटा मुनाफा, तो आप ट्रेडिंग ऑप्शन पर लगा सकते हैं दांव
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी से मोटा मुनाफा संभव है.
शेयर मार्केट के संबंध में अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. हालांकि, दोनों माध्यमों में निवेशकों का मकसद पैसा कमाना ही होता है, लेकिन इनमें समय अवधि का अंतर होता है. निवेश का संबंध जहां कई वर्षों से है, वहीं ट्रेडिंग में कुछ मिनटों से लेकर कुछ साल तक के लिए पॉजिशन रखा जाता है.
- News18Hindi
- Last Updated : June 11, 2022, 14:52 IST
नई दिल्ली . शेयर मार्केट संबंधित चर्चा होते ही अक्सर ट्रेंडिंग और निवेश शब्द सुनने को मिलते हैं. कई लोग ट्रेडिंग और निवेश में फर्क नहीं कर पाते हैं. तो आपको बता दें कि ट्रेडिंग और निवेश के बीच सबसे अहम अंतर समय अवधि का है. निवेश की तुलना में ट्रेडिंग में समय अवधि काफी कम होती है. ट्रेडिंग कई प्रकार की होतीं हैं और ट्रेडर्स स्टॉक में अपनी पॉजिशन बहुत कम समय तक रखते हैं, जबकि निवेश वे लोग करते हैं, जो स्टॉक को वर्षों तक अपने पोर्टफोलियो में रखते हैं. अगर आप कम समय में मोटा मुनाफा चाहते हैं, तो ट्रेडिंग आपके लिए बेस्ट ऑप्शन साबित हो सकती है.
सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को ट्रेडिंग कहते हैं. फाइनेंसियल मार्केट की स्थिति और जोखिम के आधार पर ट्रेडिंग की विभिन्न स्ट्रेटेजी हैं. ट्रेडर्स अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से इनका चयन करते हैं. साथ ही विभिन्न प्रकार की ट्रेडिंग से जुड़े रिस्क और लागत को भी ध्यान में रखते हैं. आइए, यहां हम उन लोकप्रिय ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी की चर्चा करते हैं, जो अधिकतर ट्रेडर अपनाते हैं.
ये भी पढ़ें- LIC के शेयर में गिरावट से सरकार चिंतित, DIPAM सचिव बोले- अस्थायी है गिरावट
इंट्राडे ट्रेडिंग
शेयर बाजार में महज 1 दिन के कारोबार में भी मोटा प्रॉफिट कमाया जा सकता है. दरअसल, बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) कहते हैं. इस स्ट्रेटेजी के तहत शेयर खरीदा तो जाता है, लेकिन उसका मकसद निवेश नहीं, बल्कि 1 दिन में ही उसमें होने वाली बढ़त से प्रॉफिट कमाना होता है. इसमें चंद मिनटों से ले कर कुछ घंटे तक में ट्रेडिंग हो जाती है. हालांकि, यह जरूरी नहीं कि इंट्रोडे ट्रेडर्स को हमेशा प्रॉफिट ही होता हो. ट्रेडर्स अपना ट्रेड शेयर मार्केट बंद होने से पहले बंद करते हैं और प्रॉफिट या लॉस उठाते हैं. इसमें तेजी से निर्णय लेना होता है.
पॉजिशनल ट्रेडिंग
पॉजिशनल ट्रेडिंग (Positional trading) स्टॉक मार्केट की एक ऐसी ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी है, जिसमें स्टॉक को लंबे समय तक होल्ड किया जाता है. इस स्ट्रेटेजी के तहत ट्रेडर्स किसी स्टॉक को कुछ महीने से लेकर कुछ साल तक के लिए खरीदते हैं. उसके बाद उस स्टॉक को बेच कर प्रॉफिट या लॉस लेते हैं. उनका मानना होता है कि इतनी अवधि में शेयर के दाम में अच्छी बढ़ोतरी होगी. निवेशक आमतौर पर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल ग्राउंड को ध्यान में रखकर फंडामेंटल एनालिसिस के साथ टेक्निकल को ध्यान में रखकर यह स्ट्रेटेजी अपनाते हैं.
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग (Swing trading) में टाइम पीरियड इंट्राडे से अधिक होता है. कोई स्विंग ट्रेडर अपनी पॉजिशन 1 दिन से अधिक से लेकर कई हफ्तों तक होल्ड कर सकता है. बड़े टाइम फ्रेम में वोलैटिलिटी कम होने के साथ प्रॉफिट बनाने की संभावना काफी अधिक होती है. यही कारण है कि अधिकतर लोग इंट्राडे की अपेक्षा स्विंग ट्रेडिंग करना पसंद करते हैं.
टेक्निकल ट्रेडिंग
टेक्निकल ट्रेडिंग (technical trading) में निवेशक मार्केट में मूल्य परिवर्तन की भविष्यवाणी करने के लिए अपने टेक्निकल एनालिसिस ज्ञान का उपयोग करते हैं. हालांकि, इस ट्रेडिंग के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं है. इसमें पॉजिशन 1 दिन से लेकर कई महीने तक रखा जा सकता है. शेयर मार्केट में कीमतों में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करने के लिए अधिकतर ट्रेडर्स अपने टेक्निकल एनालिसिस स्किल का उपयोग करते हैं. टेक्निकल एनालिसिस के तहत देखा जाता है कि किसी खास समय अवधि में किसी शेयर की कीमत में कितना उतार-चढ़ाव आया. इस अवधि में इसकी ट्रेड की गई संख्या में क्या कभी कोई बड़ा उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.
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F&O के जरिए ऐसे होगी ऊंची कमाई, एक दिन में हो सकते हैं मालामाल
इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक स्ट्रैटजी होती है जो किसी भी एसेट में एक सत्र के दौरान मूल्यों में आए तेज बदलाव का फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसमें निवेशक का पैसा काफी कम समय के लिए बाजार में रहता है।
नई दिल्ली, ब्रांड डेस्क। शेयर बाजार में कमाई के लिए दो तरह की रणनीतियां अपनाई जाती हैं। पहली रणनीति में कमाई की उम्मीद रखने वाला वर्ग निवेशकों का होता है जो बाजार में पैसा पनपने के लिए छोड़ते हैं और समय के साथ ऊंचे रिटर्न हासिल करने की कोशिश करते हैं। वहीं दूसरा वर्ग ट्रेडर्स का होता है जो बाजार में छोटी-छोटी अवधि के कई ट्रेड यानी इंट्रा डे ट्रेड से अपना रिटर्न ऊंचा बनाते हैं। दोनो ही तरीकों के अपने फायदे और नुकसान हैं। हालांकि आम लोगों को जो वर्ग सबसे ज्यादा आकर्षित करता है वो वर्ग ट्रेडर्स का होता है, क्योंकि इसमें छोटी अवधि के दौरान ऊंची कमाई दिखती है।
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क्या होती है इंट्रा डे ट्रेडिंग
इंट्रा डे ट्रेडिंग का मतलब एक सत्र के अंदर ही कारोबार को पूरा करना होता है। आमतौर पर शेयर बाजार सुबह सवा 9 बजे से दोपहर बाद साढ़े तीन बजे तक खुला रहता है। अगर कोई कारोबारी सुबह कोई खरीद या बिक्री का सौदा करता है और शाम को इसी सौदे का उल्टा, यानी सुबह की खरीद पर शाम को बिक्री या फिर सुबह की बिक्री पर शाम को खरीद करता है तो इससे उसकी पोजीशन खत्म हो जाती है और एक ही दिन में वो वास्तविकता में बिना पैसे लगाए मुनाफा इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें कमा लेता है। इसे ऐसे समझिए कि अगर कोई शख्स सुबह किसी शेयर को 100 रुपये में खरीदता है और शाम को वो 102 रुपये में इसी शेयर को बेच देता है तो अकाउंट में सुबह एक शेयर जुड़कर शाम को एक शेयर घट जाता है यानी बैंलेंस शून्य रहता है। वहीं खाते से 100 रुपये कटते हैं लेकिन 102 रुपये मिलते हैं यानी खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं। इसका मतलब यह है कि आपके पोर्टफोलियो में बिना कोई शेयर बढ़े या घटे आपके बैंक खाते में 2 रुपये बढ़ जाते हैं।
क्यों ट्रेडर्स करते हैं इंट्रा-डे ट्रेडिंग
इंट्रा डे ट्रेडिंग काफी जोखिम भरा काम है लेकिन इसमें माहिर ट्रेडर्स के लिए ये छोटी रकम से मोटा मुनाफा कमाने का तरीका भी है। दरअसल इंट्रा डे की मदद से आप एक ही रकम को बार बार इस्तेमाल कर हर ट्रेड से मुनाफा कमा सकते है। इसमें हर शाम पोजीशन खत्म करने से आपकी रकम अगले दिन नए सौदे के लिए फ्री हो जाती है। हालांकि इसमें जोखिम काफी ज्यादा होता है, ऐसे में इंट्रा डे सौदे करने के लिए या तो आपके पास बाजार की अच्छी समझ होनी चाहिए या फिर आपके पास बाजार को समझने वाला एक सलाहकार होना चाहिए। 5paisa आपको इसी तरह बाजार से जुड़ी अपनी टिप्स देता है जिसके जरिए आप इंट्रा डे में यानी एक दिन में ही बाजार में कमाई कर सकते हैं।
एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग
इंट्रा-डे ट्रेडिंग एक स्ट्रैटजी होती है जो किसी भी एसेट में एक सत्र के दौरान मूल्यों में आए तेज बदलाव का फायदा उठाने के लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग के लिए स्टॉक्स कैसे चुनें इस्तेमाल की जाती है। इसमें निवेशक का पैसा काफी कम समय के लिए बाजार में रहता है और तेजी से ट्रेड की वजह से कुल रकम पर रिटर्न बेहद ऊंचे हो जाते हैं। इस रणनीति का फायदा एफएंडओ में भी उठाया जाता है जहां डेरिवेटिव्स में एक सत्र के दौरान आए तेज उतार-चढ़ाव से ऊंचे रिटर्न बनाए जाते हैं। वहीं एफएंडओ स्टॉक्स में इंट्रा-डे ट्रेडिंग का एक और फायदा मिलता है। दरअसल, मार्जिन की वजह से एफएंडओ स्टॉक्स में ट्रेड कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू के काफी कम अमाउंट पर किया जा सकता है यानी आप जितनी रकम सामान्य स्टॉक्स की ट्रेडिंग में लगाते हैं उतनी ही रकम से एफएंडओ में इससे कहीं ज्यादा बड़े सौदे कर सकते हैं। अगर आपकी गणित सही रहा तो एफएंडओ स्टॉक में इंट्रा डे रणनीति से आप अपना फायदा उतनी ही रकम पर कई गुना बढ़ा सकते हैं।
हालांकि इस तरह की रणनीति में रकम डूबने के खतरे भी ज्यादा होते हैं ऐसे में आपको सही सलाह की जरूरत होती है। 5paisa का F&O segment पर पूरा फोकस है और एप आपको उसी रकम से तेजी के साथ ऊंचे रिटर्न पाने में मदद करता है. अगर आप अपनी रकम का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहते हैं तो 5paisa के साथ अकाउंट खोल कर बाजार में अपनी जर्नी शुरू करें और देखें कि कैसे कम रकम से भी ऊंचे रिटर्न हासिल किए जा सकते हैं।