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अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है?

अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है?

आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व

प्रश्न: आर्थिक विकास की द्रुत गति को हासिल करने में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की भूमिका को बखूबी मान्यता प्राप्त है। भारत जैसे विकासशील राष्ट्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के क्या लाभ हैं? विश्व व्यापार में अपनी भागीदारी बढ़ाने में भारत द्वारा सामना की जाने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डालिए।

दृष्टिकोण

  • आर्थिक संवृद्धि और विकास में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
  • भारत पर ध्यान केंद्रित करते हुए विकासशील देशों के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभों का आकलन कीजिए।
  • वैश्विक व्यापार में अपनी भागीदारी को बेहतर करने में भारत के समक्ष आने वाली चुनौतियों का परीक्षण कीजिए।
  • उत्तर के अंत में इस सम्बन्ध में सुझाव दीजिए।

उत्तर

2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के तहत अंतरराष्ट्रीय व्यापार को समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ाने एवं निर्धनता में कमी हेतु एक प्रमुख कारक के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। भारत की विदेश व्यापार नीति में 2019-20 तक देश की वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात को 900 बिलियन डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। भारत का अंतर्राष्ट्रीय व्यापार इसकी कुल GDP का लगभग 20% है

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लाभ

  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार विकासशील देशों को उनकी आगतों की लागत में कमी करने तथा निवेश के माध्यम से वित्त प्राप्त करने में सहायता प्रदान करके उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाता है।
  • यह विकासशील देशों को नए बाजारों और नई सामग्रियों तक पहुँच की अनुमति प्रदान कर निर्यात विविधीकरण को सुगम बनाता है जो नई उत्पादन संभावनाओं हेतु मार्ग प्रशस्त करता है।
  • यह अनुसंधान एवं विकास में निवेश (FDI के माध्यम से भी), प्रौद्योगिकी और व्यावहारिक ज्ञान के विनिमय में सहायता प्रदान कर नवाचार को प्रोत्साहित करता है।
  • व्यापार में खुलापन; नए बाजारों की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? अनावश्यक बाधाओं की समाप्ति और निर्यात के सरलीकरण द्वारा स्थानीय कंपनियों के लिए व्यापारिक अवसरों का विस्तार करता है।
  • व्यापार आर्थिक क्षेत्रकों को बढ़ावा देकर रोजगार के अवसरों का सृजन करता है। इससे नौकरियों में स्थायित्व तथा अधिकतम आय प्राप्त होती है जिसके परिमाणस्वरूप जीवन स्तर में वृद्धि होती है।
  • व्यापार शांतिपूर्ण एवं परस्पर लाभकारी विनिमय के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर राष्ट्रों के मध्य परस्पर संबंधों को सुदृढ़ता प्रदान करते हुए शांति व स्थिरता में योगदान देता है।

विकास अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का एक अत्यधिक महत्वपूर्ण पहलू है। केवल आंतरिक उपभोग द्वारा संचालित विकास सीमित होता है जो शीघ्र ही अपनी अधिकतम सीमा तक पहुँच कर संतृप्त हो जाता है। किसी भी देश के लिए विकास के क्रम में अपनी सीमाओं के बाहर के आर्थिक अभिकर्ताओं के साथ व्यापार करना आवश्यक है। इससे दोनों व्यापारिक साझेदार लाभान्वित होते हैं (यद्यपि अल्पावधि के लिए असमान रूप से)। इसलिए कम प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था की तुलना में अधिक प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था अधिक लाभ प्रदान करती है।

चुनौतियाँ

  • विदेश व्यापार नीति 2015-20 के अंतर्गत यह स्वीकार किया गया है कि भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता के समक्ष सबसे बड़ी बाधाएँ घरेलू स्तर पर विद्यमान हैं, जिनमें शामिल हैं:
  • अवसंरचना संबंधी बाधाएँ,
  • लेन-देन की उच्च लागत,
  • जटिल प्रक्रियाएँ जैसे – अनेक व्यापार बाधाएँ, कोटा आदि।
  • व्यापार सूचना प्रणाली की अपर्याप्तता एवं संस्थागत जड़ता।
  • विकासशील देश सामान्यतः प्राथमिक उत्पादों जैसे कृषिगत वस्तुओं (जिनके मूल्य एवं मांग में लोचशीलता नहीं रहती है) का निर्यात करते हैं।
  • पश्चिम में संरक्षणवाद के उद्भव के परिणामस्वरूप टैरिफ तथा नॉन-टैरिफ अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? अवरोधों में वृद्धि हुई है।
  • विकसित देशों द्वारा प्रदान की जाने वाली निर्यात सब्सिडी, प्राप्तकर्ताओं को अनुचित रूप से प्रतिस्पर्धी लाभ प्रदान करती है।
  • क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और द्विपक्षीय समूहों में देशों के मध्य सहयोग की कमी से विकासशील देशों की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार भागीदारी प्रभावित होती है।
  • WTO जैसे मंचों पर विकसित देशों द्वारा की जाने वाली लॉबिंग ने अंतर्राष्ट्रीय व्यापार (विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा विनियमों से सम्बंधित) को बाधित किया है, जिसके कारण विकासशील देशों के साथ चल रही वार्ता प्रभावित हुई है।

अनुशंसाएँ :

  • टैरिफ संरचना को तर्कसंगत बनाने के साथ तकनीकी, स्वच्छता और फाइटोसेनेटरी मानकों के अनुपालन में वृद्धि करने वाली एक प्रगतिशील व्यापार नीति की आवश्यकता है।
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार नीति को अपने व्यापार प्रोत्साहन लाभों को पुनर्संरचित करना चाहिए और इन्हें वित्तीय छूट प्रदान करने के स्थान पर निर्यातकों को प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होना चाहिए।
  • विशिष्ट क्षेत्र आधारित फोकस, जैसे- ‘राष्ट्रीय कृषि निर्यात नीति’ लाने का प्रयास जिसका प्रस्तावित लक्ष्य वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के साथ कृषि निर्यात की वर्तमान भागीदारी को 30 अरब अमेरिकी डॉलर से 60 अरब अमेरिकी डॉलर करना है।
  • WTO के ट्रेड फैसिलिटेशन एग्रीमेंट (TFA) का त्वरित कार्यान्वयन किया जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त, एकीकृत विश्व (ग्लोबलाइज़्ड वर्ल्ड) द्वारा प्रदत्त अवसरों का पूर्ण लाभ उठाने के लिए भारत को अंतरराष्ट्रीय व्यापार के खंडित संस्करण के विपरीत बहुपक्षीय संस्करण का सक्रिय रूप से समर्थन करना चाहिए। यह दीर्घावधिक समावेशी आर्थिक विकास में योगदान करने में सहायक होगा।

अप्रैल-जून तिमाही में घट सकता है 27 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार, 36 संगठनों ने तैयार की रिपोर्ट

Coronavirus महामारी के दौरान आर्थिक गतिविधियां बाधित होने और अनिश्चितता बढ़ने से 1930 के बाद की सबसे बड़ी मंदी का संकट खड़ा हो गया है. वहीं UNCTAD की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतररष्ट्रीय व्यापार (International trade) में गिरावट के साथ कमोडिटी की कीमतें भी गिर गई हैं.

अप्रैल-जून तिमाही में घट सकता है 27 फीसदी अंतरराष्ट्रीय व्यापार, 36 संगठनों ने तैयार की रिपोर्ट

TV9 Bharatvarsh | Edited By: Sunil Kumar Sahu

Updated on: May 14, 2020 | 3:38 PM

कोरोना महामारी के संकट से दुनियाभर कि अर्थव्यवस्था और व्यापार लगातार घट रहा है. संयुक्त राष्ट्र के व्यापार संगठन यूनाइटेड नेशंस कॉन्फ्रेंस ऑन ट्रेन एंड डेवलपमेंट (UNCTAD) ने एक रिपोर्ट में साफ किया है कि अप्रैल-जून तिमाही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार (अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? International trade) पहली तिमाही यानी जनवही से मार्च तक कि तुलना में 27 फीसदी तक घट सकता है.

जनवरी-मार्च की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार तीन फीसदी तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? घटा था, जिसके बाद कोरोनावायरस (Coronavirus) ने दुनिया के तमाम देशों में अपने पांव पसार लिए. संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक कोरोना महामारी के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था में 3.2 फीसदी गिरावट आ सकती है.

साथ ही आर्थिक गतिविधियां बाधित होने और अनिश्चितता बढ़ने से 1930 के बाद की सबसे बड़ी मंदी का संकट खड़ा हो गया है. दूसरी ओर UNCTAD की रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतररष्ट्रीय व्यापार में गिरावट के साथ कमोडिटी की कीमतें भी गिर गई हैं. पिछले साल दिसंबर से पहले सबकुछ सामान्य था, जिसके बाद से अब तक लगातार कमोडिटी में गिरावट दर्ज की जा रही थी.

याद रहे कि अमेरिका, इटली, यूरोप, एशिया समेत पूरी दुनिया में कोविड-19 के चलते अर्थव्यवस्था में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है. UNCTAD के जनरल सेकेट्री मुखिसा कित्युई (Mukhisa Kituyi) ने कहा कि दुनिया के तमाम देशों कि सरकारों पर कोरोनावायरस के संक्रमण के फैलने के बाद से ऐसे फैसले लेने को मजबूर हैं, जिनका प्रभाव भविष्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है.

36 अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा तैयार रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना महामारी कि वजह से इस साल की पहली तिमाही में अंतरराष्ट्रीय व्यापार में 3 फीसदी की गिरावट आई है. जबकि दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून) में अंतरराष्ट्र्रीय व्यापार पहली तिमाही के मुकाबले 27 फीसदी घट सकता है.

उल्लेखनीय है कि UNCTAD कि यह रिपोर्ट अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी संगठनों और कई देशों के राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालयों तथा प्रणालियों की मदद से तैयार की है. कमोडिटी कीमतों में आई 20 फीसद गिरावट- कमोडिटी कीमतों में मार्च में आई 20 फीसदी से ज्यादा की गिरावट एफएमसीपीआई के लिए इतिहास में सबसे बड़ी गिरावट है.

सन् 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के समय माह-दर-माह आधार पर अधिकतम 18.6 फीसदी गिरावट दर्ज की गई थी. उस समय गिरावट 6 महीने तक दिखी थी. दुर्भाग्य से आज की गिरावट कितनी रहेगी और कब तक रहेगी, इस बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है.

निर्यात की जाने वाली कीमतो में बदलाव-अंकटॉड के फ्री मार्केट कमोडिटी प्राइस इंडेक्स (एफएमसीपीआई) के वैल्यू में जनवरी में 1.2 फीसदी, फरवरी में 8.5 फीसदी आौर मार्च में 20.4 फीसदी गिरावट आई है. इस गिरावट में सबसे बड़ी भूमिका ईंधन कीमतों ने निभाई. इसमें मार्च में 33.2 फीसदी गिरावट रही. खनिजों, अयस्कों, धातुओं, खाद्य पदार्थों और कृषि संबंधी कच्चे माल में 4 फीसदी से कम गिरावट रही.

व्यापार से आप क्या समझते हैं

राज्य और देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।
एक देश में दो स्थानों पर वस्तुओं का आदान-प्रदान स्थानीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा के भीतर किया गया व्यापार स्थानीय व्यापार के अंतर्गत आता है। ये नगरों और गॉंवों के बीच होता है। जबकि दो देशों के बीच वस्तुओं का आदान-प्रदान अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है अर्थात् देश की सीमा में रहकर देश से बाहर किया गया व्यापार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अंतर्गत आता है।

व्यापार (Trade) का अर्थ है क्रय और विक्रय। दूसरे शब्दों में, एक व्यक्ति (या संस्था) से दूसरे व्यक्ति (या संस्था) को सामानों का स्वामित्व अन्तरण एवं मूल्य के बदले सेवा प्रदान करना व्यापार कहलाता है। स्वामित्व का अन्तरण सामान, सेवा या मुद्रा के बदले किया जाता है। जिस नेटवर्क (संरचना) में व्यापार किया जाता है उसे ‘बाजार’ कहते हैं।

एक ही स्थान पर बैैैठेे हुए इंटरनेट के माध्यम से व्यापार करना E-commerce ई कॉमर्स कहलाता है।

मोबाईल के माध्यम से व्यापार करना M Commerce एम कॉमर्स कहलाता है।

आरम्भ में व्यापार एक सामान के बदले दूसरा सामान लेकर (वस्तु-विनिमय या बार्टर) किया जाता था। बाद में अधिकांश वस्तुओं के बदले धातुएँ, मूल्यवान धातुएँ, सिक्के, हुण्डी (bill) अथवा पत्र-मुद्रा से हुईँ। आजकल अधिकांश क्रय-विक्रय मुद्रा (मनी) द्वारा होता है। मुद्रा के आविष्कार (तथा बाद में क्रेडिट, पत्र-मुद्रा, अभौतिक मुद्रा आदि) से व्यापार में बहुत सरलता और सुविधा आ गयी।

व्यापार के प्रकार

भारत के व्यापार को दो भागों में बांटा गया हैं।

  • आंतरिक व्यापार
  • विदेशी व्यापार।

आंतरिक व्यापार – जब दो या दो से अधिक व्यक्ति फर्म संगठन या संगठन राज्य देश की सीमा के भीतर वस्तुओ का आदान प्रदान करते हैं तो उसे आंतरिक व्यापार कहते हैं। जैसे जूट पश्चिम बंगाल मे कपास महाराष्ट्र और गुजरात में गन्ना संकेद्रित हैं। अत: अन्य राज्यों की अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये दूसरे उत्पादक राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता हैं।

विदेशी व्यापार – जब दो या दो से अधिक राष्ट्रों के मध्य परस्पर वस्तुओं का आदान प्रदान होता हैं। तो उसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। इसके तीन महत्वपूर्ण घटक हैं-

  • आयात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु का अभाव होता हैं और उसकी पूर्ति दूसरें देशों से मांगकर की जाती हैं। उसे आयात व्यापार कहते हैं।
  • निर्यात व्यापार- देश के भीतर जब किसी वस्तु की अधिकता हो जाती हैं तो उस वस्तु को आवश्यकता वाले देश में भेज दिया जाता हैं इसे निर्यात व्यापार कहते हैं।
  • पुन: निर्यात व्यापार- जब विदेशों से आयातित वस्तुओं को पुन: दूसरे देशों को निर्यात कर दिया जाता हैं तो इसे पुन: निर्यात व्यापार कहते हैं।

व्यापार योजना का अर्थ क्या है

व्यापार योजना यह एक प्रबंधन उपकरण है जो एक उद्यम, एक विपणन कार्रवाई या एक व्यावसायिक इकाई के विस्तार की योजना बनाने के लिए एक गाइड के रूप में काम करता है। यह उद्देश्यों को पूरा करने और उन्हें प्राप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों, अनिश्चितताओं को कम करने और योजना की व्यवहार्यता बढ़ाने में मदद करता है।

इस पोस्ट में आपको व्यापार से आप क्या समझते हैं ? स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।Vyapar Se Aap Kya Samajhte Hain स्थानीय व्यापार किसे कहते हैं? विदेशी व्यापार से आप क्या समझते व्यापार कितने प्रकार के होते हैं Vyapar Kise Kehte Hain व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? देसी व्यापार कितने प्रकार का होता है? विदेशी व्यापार कितने प्रकार के होते हैं? राष्ट्रीय व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में क्या अंतर है? व्यापार क्या है परिभाषा से संबंधित काफी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है यह जानकारी फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले के टिकट 67 दिल्ली मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे

नयी दिल्ली, 12 नवंबर (भाषा) दिल्ली के प्रगति मैदान में 14-27 नवंबर तक होने वाले भारत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले के लिए प्रवेश टिकट डीएमआरसी के 67 मेट्रो स्टेशनों पर उपलब्ध होंगे। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

प्रगति मैदान में इस 14 दिवसीय व्यापार मेले में लगभग 2,500 घरेलू और विदेशी प्रदर्शक अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायेंगे। इनमें ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित कई देशों के प्रदर्शक भी शामिल होंगे।

व्यापार मेले का आयोजन करने वाली वाणिज्य मंत्रालय की इकाई इंडिया ट्रेड प्रमोशन ऑर्गनाइजेशन (आईटीपीओ) ने कहा कि इस साल बिहार, झारखंड और महाराष्ट्र 'भागीदार राज्य' हैं जबकि उत्तर प्रदेश और केरल 'फोकस राज्य' हैं।

विदेशी भागीदारी अफगानिस्तान, बांग्लादेश, बहरीन, बेलारूस, ईरान, नेपाल, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त अरब अमीरात और ब्रिटेन सहित 12 देशों से है।

दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने एक बयान में कहा कि वह 14 नवंबर से 'व्यावसायिक दिवस' (14-18 नवंबर) के लिए और 19 नवंबर से 'आम सार्वजनिक दिवस' (19-27 नवंबर) के लिए आईआईटीएफ प्रवेश टिकटों की बिक्री शुरू करेगी।

आईआईटीएफ के प्रवेश टिकट केवल 67 चुनिंदा मेट्रो स्टेशनों पर ही उपलब्ध होंगे। इनमें शहीद स्थल न्यू बस अड्डा, दिलशाद गार्डन, शाहदरा, सीलमपुर, इंद्रलोक, नेताजी सुभाष प्लेस, रोहिणी वेस्ट, रिठाला, नोएडा सिटी सेंटर, मंडी हाउस और बाराखंबा स्टेशन प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि प्रगति मैदान से सटे सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन पर आईआईटीएफ के टिकटों की बिक्री नहीं होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि व्यापार मेले के दौरान आने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त मेट्रो टोकन काउंटर, गार्ड, अधिकारी और कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट मेट्रो स्टेशन और अन्य स्टेशनों पर भी जरूरत के हिसाब से तैनात किए जाएंगे।

इस व्यापार मेले को पहली बार 1979 में आयोजित किया गया था। कोविड-19 महामारी के कारण मेला 2020 में आयोजित नहीं किया गया था। इतिहास में यह दूसरी बार था जब मेले का आयोजन नहीं किया गया था। ऐसा पहली बार 1980 में हुआ था।

RRB Group D Exam 2022 | अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं अर्थशास्त्र पर आधारित MCQ, अवश्य पढें

International Business and Economics Related Important MCQ For RRB Group D Exam : भारतीय रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने ग्रुप डी पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आरम्भ कर दिया है। इस परीक्षा को कई चरणों में पूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्या है? किये जाने का प्रावधान है। ग्रुप डी के प्रथम फेज की परीक्षा 25 अगस्त को समाप्त हो चुकी है एवं दूसरे फेज की परीक्षा 26 अगस्त से प्रारंभ होकर 8 सितंबर तक चलेगी।

ऐसे में इस लेख के जरिए हम अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं अर्थशास्त्र से जुड़े कुछ ऐसे चुनिंदा प्रश्न लेकर आए हैं, जो कि आगामी शिफ्ट में पूछे जा सकते हैं। अतः अभ्यर्थियों को चाहिए कि वह परीक्षा में शामिल होने से पहले इन प्रश्नों को एक बार अवश्य पढ़ लें।

International Business and Economics Related Important MCQ For RRB Group D Exam

International Business and Economics Related Important MCQ For RRB Group D Exam

प्रश्न. भारत की राजकोषीय नीति में निम्नलिखित में से कौन-सा उद्देश्य शामिल नहीं है?

  • पूर्ण रोजगार
  • कीमत स्थिरता
  • सम्पत्ति और आय का न्यायोचित वितरण
  • अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का विनियमन

प्रश्न. मुद्रास्फीति किस कारण से होती है?

  • मुद्रा- पूर्ति में वृद्धि तथा उत्पादन में ह्रास
  • मुद्रा- पूर्ति में वृद्धि
  • उत्पादन में वृद्धि
  • उत्पादन में ह्रास

प्रश्न. निम्न में से किसको सरकार के वर्तमान राजस्व में शामिल नहीं किया जाता ?

  • कर राजस्व
  • करेतर-राजस्व
  • ॠण
  • ऋण का भुगतान

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा कर केन्द्रीय सरकार का कर नहीं है ?

  • कंपनी कर
  • भू-राजस्व
  • सीमा शुल्क
  • आयकर

प्रश्न. उपभोक्ता को मूल्यवर्धित कर (VAT) से कैसे लाभ पहुँचता है ?

  • इससे कर पर कर नहीं लगता और इस प्रकार कीमतों में वृद्धि हाना रुक जाता है।
  • उत्पादन लागत कम हो जाती है
  • बिक्रीकर समाप्त हो जाता है।
  • राज्य द्वारा निर्धारित कुछ सीमाओं के अंतर्गत लघु व्यवसायों पर कर से छूट मिल जाती है

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा समूह केंद्रीय कर से सम्बन्धित है ?

  • उत्पाद शुल्क, बिक्री कर तथा सीमा शुल्क
  • उत्पाद शुल्क, सीमा शुल्क तथा आय कर
  • सीमा शुल्क, मनोरंजन कर तथा आय कर
  • आय कर, सीमा शुल्क तथा गृह कर

प्रश्न. सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वर्तमान वित्तीय घाटे का प्रतिशत क्या है?

प्रश्न. किस कर को 1994-95 में छोटे रूप में लागू करने के बहुत समय बाद सांविधानिक दर्जा दिया गया?

  • सीमा शुल्क
  • कॉर्पोरेशन कर
  • सेवाओं पर कर
  • आय कर

यह भी पढ़ें

  1. पुरस्कार एवं सम्मान पर आधारित MCQ
  2. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित MCQ
  3. कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित प्रश्न

प्रश्न. “व्यवसाय पर कर” की वसूली किसके द्वारा की जा सकती है?

  • केवल राज्य सरकार द्वारा
  • राज्य और संघ दोनों सरकार द्वारा
  • केवल पंचायत द्वारा
  • केवल संघ सरकार द्वारा

प्रश्न. भारत में वर्तमान सरकार द्वारा किए जाने वाले व्यय की सबसे बड़ी एकल मद है

  • रक्षा व्यय
  • ऋण का ब्याज भुगतान
  • सहायकों का भुगतान
  • सामाजिक उपरिलागतों पर निवेश

प्रश्न. मुद्रास्फीति को रोकने के लिए कौन सा सरकार द्वारा किया जाने वाला एक उपाय नहीं है ?

  • उपभोग में बढ़ोत्तरी
  • उत्पादन में वृद्धि
  • घाटा वित्तीयन में कमी
  • कराधान के उपाय

प्रश्न. वांचू समिति ने इससे संबंधित कार्य किया:

  • कृषि कर
  • प्रत्यक्ष कर
  • एकाधिकार और व्यापार प्रथाएँ
  • कृषि मूल्य

प्रश्न. निम्नलिखित में से कौन-सा कर प्रत्यक्ष कर है?

  • विक्रय कर
  • उत्पाद कर
  • धन कर
  • मनोरंजन कर

प्रश्न. सीमा शुल्क किसका साधन है?

  • मौद्रिक नीति
  • विदेश व्यापार नीति
  • औद्योगिक नीति
  • राजकोषीय नीति

प्रश्न. अत्यधिक (महा) मंदी किस काल में आई?

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