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निवेश रणनीति

निवेश रणनीति
पोर्टफोलियो का बड़े पैमाने पर उन शेयरों और सेक्टर्स में निवेश किया जाता है जो टॉप डाउन और बॉटम अप नजरिये के मेल-जोल से चुने गए आर्थिक सुधार से फायदा पा सकते हैं. ऐसे में पोर्टफोलियो में बड़े पैमाने पर घरेलू और वैश्विक और चक्रीय रिकवरी शामिल है. इसलिए बैंक, दूरसंचार, सॉफ्टवेयर और फाइनेंस में पोर्टफोलियो का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा होता है. इसमें जो शेयर पोर्टफोलियो को बेहतर बनाने में मदद किए हैं उनमें एयरटेल, एनटीपीसी, फेडरल बैंक और आईटी जैसे बड़े स्टॉक हैं.

निवेश करने के लिए बेहतर विकल्प कौन सा है: ETF या इंडेक्स फंड्स?

इंडेक्स म्यूचुअल फंड्स और ETF निष्क्रिय निवेश के साधन हैं जो एक अंतर्निहित बेंचमार्क इंडेक्स में निवेश करते हैं। इंडेक्स फंड्स म्यूचुअल फंड्स की तरह काम करते हैं जबकि ETF में शेयरों की निवेश रणनीति तरह कारोबार होता है। इसलिए समान निष्क्रिय निवेश रणनीति के लिए एक के मुकाबले दूसरे को चुनना आपकी निवेश वरीयता पर निर्भर करता है।

ETF इंट्राडे ट्रेड, लिमिट या स्टॉप ऑर्डर्स और शॉर्ट-सेलिंग के लिए उपयुक्त हैं लेकिन अगर आप उन लोगों में से नहीं हैं जो बाज़ार की चाल को भांपना पसंद करते हैं, तो इंडेक्स फंड्स आपके लिए हैं। यद्यपि अक्सर होने वाली ट्रांज़ैक्शन्स कमीशन से जुड़े खर्च को बढ़ा सकती हैं और आपके रिटर्न को घटा सकती हैं, उनमें इंडेक्स फंड्स की तुलना में कम एक्सपेंस रेशो भी होती है। लेकिन इंडेक्स फंड्स आपकी वित्तीय आवश्यकताओं के लिए उपयुक्त विभिन्न विकल्प निवेश रणनीति प्रदान करते हैं, जैसे लंबी-अवधि के लक्ष्यों के लिए ग्रोथ ऑप्शन बनाम नियमित आमदनी के लिए डिविडेंड ऑप्शन। आप इंडेक्स फंड में SIP के माध्यम से थोड़ी-थोड़ी रकम के साथ नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं। ETF के विपरीत, इंडेक्स फंड्स में निवेश करने के लिए आपको डीमैट अकाउंट की ज़रूरत भी नहीं है।

Mutual Fund Investment: बाजार की गिरावट में इस तरह निवेश करना होता है फायदेमंद, लंबे समय बाद मिलता है तगड़ा मुनाफा

By: ABP Live | Updated at : 31 May 2022 07:59 AM (IST)

Mutual Fund Investment Tips: अक्सर जब निवेश की बात आती है तो निवेशक बाजार पूंजीकरण (Market capitalization) आधारित विकल्पों को देखते हैं. हालांकि म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की इस प्रक्रिया में जो चीज छूट जाती है वह है कांबिनेशन डील यानी मिला-जुला सौदा, जो लार्ज और मिडकैप श्रेणी के रूप में खास तौर पर मौजूद है. इसकी विशेषता यह है निवेश रणनीति कि मिडकैप में निवेश लंबे समय में जहां ज्यादा फायदा देता है, वहीं लार्ज कैप में निवेश का उद्देश्य कम और अस्थिर उचित रिटर्न प्रदान करने का होता है.

ऐसे में विशेषज्ञों का मानना है कि यह योजना एक बेहतर विकल्प के रूप में उभरती है. इसमें पोर्टफोलियो (Portfolio) का कम से कम 35-35 प्रतिशत हिस्सा लार्ज और मिडकैप वाली कंपनियों में निवेश करने की अनिवार्यता है. इसलिए यह निवेश का यह एक बेहतर विकल्प है.

शेयर बाजार में नुकसानदायक है 'महंगा खरीदो और सस्ता बेचो' की रणनीति, मुनाफा चाहिए तो हरगिज न करें ये गलतियां

नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। कुछ साल पहले एक्सिस म्यूचुअल फंड की एक स्टडी के हवाले से खबर थी कि निवेशक जिस फंड में निवेश करते हैं, उसके मुकाबले उनका अपना रिटर्न कम रहता है। सरसरी तौर पर देखने पर ये बात निवेश का गणित समझने वाले किसी भी शख्स को बेतुकी लगेगी। मगर करीब से देखेंगे तो समझ जाएंगे कि यहां क्या हो रहा है। इसे समझने का राज गणित में नहीं, बल्कि लोगों के व्यवहार में छुपा है।

Share Market Wealth by Equity (Jagran File Photo)

स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, एएमसी ने पिछले 20 साल में, मार्च 2022 तक मिलने वाले म्यूचुअल फंड रिटर्न जांचा। इस अंतराल में, सक्रिय रूप से मैनेज किए गए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में 19.1 प्रतिशत सालाना रिटर्न मिला था। मगर इन फंड्स के निवेशकों ने केवल 13.8 प्रतिशत ही कमाया था। ये एक बड़ा फर्क है। पिछले 20 साल में, 19.1 प्रतिशत का मतलब है, एक लाख रुपये का निवेश बढ़कर 33 लाख रुपये हो गया। वहीं, 13.8 प्रतिशत का मतलब है ये केवल 13.3 लाख ही हो पाया। ये जिंदगी बदल देने वाला फर्क है। इसी तरह, हाइब्रिड फंड्स ने 12.5 प्रतिशत रिटर्न दिया, मगर निवेशकों ने करीब 7.4 प्रतिशत कमाए। फिर से ये फर्क निवेश रणनीति बहुत बड़ा है। एक लाख निवेश करने पर, असल में ये फर्क 10.5 लाख निवेश रणनीति और 4.2 लाख का हुआ।

उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो

मेरे अनुभव में ये आम बात है। मुझे हमेशा ही लगता रहा है कि फंड को मिलने वाले असल मुनाफे के मुकाबले निवेशक कहीं कम मुनाफा कमाते हैं। पर ऐसा होता क्यों है? दरअसल, हम निवेशक अपने ही सबसे बड़े दुश्मन हैं। एक तरफ, हम निवेश के लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड चुनने पर अमादा रहते हैं। दूसरी तरफ हम फंड्स को गलत समय पर खरीदते और बेचते हैं। और ये काम कुछ इस तरह करते हैं कि मुनाफे के कम होने की गारंटी हो जाए। नतीजा ये होता है कि हम फंड तो अच्छे चुनते हैं, पर बैंक के फिक्स्ड डिपाडिट से बेहतर रिटर्न नहीं कमा पाते। बुनियादी तौर पर, इसे 'उत्साह में खरीदो, घबराहट में बेचो' कहा जा सकता है।

इस जुमले का मतलब साफ है। लोग तभी निवेश करते हैं, जब इक्विटी मार्केट में उत्साह छाया हो। यानी जब दाम पहले ही आसमान छू रहे होते हैं। फिर बेचते तब हैं जब इक्विटी के दाम क्रैश कर रहे होते हैं। कुल मिला कर इसका मतलब हुआ, 'महंगा खरीदो, सस्ता बेचो'। ये उसके ठीक उलट है जो किया जाना चाहिए। बजाए निवेश की 'श्रेष्ठ' रणनीति पता करने के, ऐसा व्यवहार निवेश की 'निकृष्ट' रणनीति की तरफ ले जाता है।

न करें ये गलतियां

नोट करें कि यहां म्यूचुअल फंड्स की बात सिर्फ इसलिए हो रही है, क्योंकि बात शुरू ही हुई थी एक म्यूचुअल फंड कंपनी की स्टडी से। यही बात इक्विटी निवेशकों पर भी लागू होती ही। हालांकि इक्विटी में इस तरह की साफ सुथरी तुलना मुश्किल है। असल में, स्टाक में दो तरह की गलतियां होती हैं, पहली है जल्दी बेच देना और दूसरी है बेचने में बहुत देर कर निवेश रणनीति देना। और हां, स्टाक निवेश एक अलग तरह का निवेश भी है।

लोग स्टाक खरीदते हैं, और जब उन्हें लगता है कि ये उतना बढ़ गया है जितना बढ़ सकता था, तब वो उसे बेच देते हैं और इस तरह से अपना मुनाफा भुना लेते हैं। असल में, उन्हें लगता है कि ऐसा न करने से उनका मुनाफा हाथ से निवेश रणनीति निकल जाएगा, या कम हो जाएगा। और बाद में पछताना पड़ सकता है या नुकसान की शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है जो बुरी बात होगी।

निवेशकों का मनोविज्ञान

मुनाफे को कुछ जल्दी भुना लेने में, निवेशक जीत पक्की करने के लिए प्रेरित होते हैं। और किसी खराब निवेश को बनाए रखने में उनकी प्रेरणा हार से बचने की होती है। काश, कह पाता कि एक बार निवेशक इस मुश्किल को समझ लेते, तो वो इन गलतियों से बचने के लिए कदम उठा सकते हैं। मगर जिन गलतियों की जड़ें निवेशकों के मनोविज्ञान से जुड़ी हों, उसे समझ जाने के बावजूद ठीक कर पाना आसान नहीं होता।

(लेखक वैल्यू रिसर्च आनलाइन डाट काम के सीईओ हैं। ये उनके निजी विचार हैं।)

निवेश की ये अच्छी आदतें अपनाकर, महज 15 साल में बन सकते हैं करोड़पति

निवेश की ये अच्छी आदतें अपनाकर, महज 15 साल में बन सकते हैं करोड़पति

इस तस्वीर का प्रयोग केवल प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (Photos: Freepik)

करोड़पति बनना हर किसी का सपना होता है। लोग इसके लिए कड़ी मेहनत करके कुछ पैसा भी बचाते हैं लेकिन निवेश रणनीति सही ना होने के कारण लोग अपने गोल से चूक जाते हैं या फिर कहे तो करोड़पति बनने का सपना नहीं पूरा कर पाते हैं। आज हम आपको ऐसी निवेश रणनीति बताने जा रहे हैं जिसकी मदद से आप आसानी से अपने करियर गोल को पूरा कर पाएंगे और बड़ी बचत कर सकेंगे।

निवेश की जल्द करे शुरुआत: निवेश में जल्द शुरुआत करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है जितनी जल्दी आप अपने निवेश की शुरुआत करेंगे उतनी जल्दी ही आप अपने गोल्स को आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। जल्दी निवेश करने का महत्व आप इसी बात से समझ सकते हैं कि दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफे ने अपने निवेश की शुरुआत 11 साल की उम्र से ही कर दी थी और वह आज दुनिया के सबसे बड़े निवेशक हैं।

Fund Ka Funda: आज इस निवेश रणनीति से सुधरेगी आपकी वित्तीय सेहत, जानें काम के टिप्स

By: ABP Live | Updated at : 19 Jul 2022 02:41 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

Fund Ka Funda: फंड का फंडा में हम आपको हर बार बताते हैं वित्तीय बाजार से जुड़ी ऐसी बारीकियां जो आपके ट्रेडिंग और निवेश के लिए बेहद काम आ सकती हैं. यहां आपको शेयर बाजार से लेकर निवेश, म्यूचुअल फंड, बचत और कई आर्थिक पहलुओं पर वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार की एक्सपर्ट सलाह मिलेगी जिसे अपनाकर आप अपने वित्तीय प्रबंधन को अधिक कुशलता से संभाल सकेंगे.

यहां पर आपको बताया जाएगा कि आपके पैसे की जिम्मेदारी आपसे बेहतर कोई नहीं जान सकता है. पैसा आपका है और फंड आपका है, लिहाजा फंड भी आपका ही होना चाहिए. पैसा बनाना एक मुश्किल काम है और पैसे से पैसा बनाना आपको जितना जल्दी हो सीख लेना चाहिए.

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